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10+ क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

E ssay on Christmas in Hindi : आज हमने क्रिसमस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है।

क्रिसमस का आयोजन विश्व भर में बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार है।

क्रिसमस शांति और खुशियों का प्रतीक है इसीलिए आज अन्य धर्म के लोग भी इसमें पूरे तन मन से हिस्सा लेते है। विद्यार्थियों को क्रिसमस पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है उनकी सहायता के लिए अलग-अलग छोटे बड़े निबंध लिखे है।

Essay on Christmas in Hindi

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10 Line Essay on Christmas in Hindi

(1) क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।

(2) क्रिसमस का आयोजन ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में किया जाता है।

(3) यह उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

(4) इस दिन का बड़ा दिन भी कहते है।

(5) क्रिसमस का विशेष व्यंजन केक है।

(6) इस दिन लोग चर्च और अपने घरों में क्रिसमस ट्री रंग बिरंगी लाइटो, गुब्बारे, उपहार और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाते है।

(7) सांताक्लॉज बच्चों को चॉकलेट्स और गिफ्ट्स देते है।

(8) यह पूरे विश्व भर में मनाया जाता है और इस दिन अधिकांश देशों में राजकीय अवकाश होता है।

(9) क्रिसमस के दिन चर्च में विशेष पूजा के साथ मोमबत्तियां जलाई जाती है और प्रार्थना की जाती है।

(10) क्रिसमस के दिन सभी लोग एक दूसरे को बधाई और उपहार देकर खुशी-खुशी इस उत्सव को मनाते है।

Short Essay on Christmas in Hindi 500 Words

भूमिका –

क्रिसमस का उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों का मानना है कि इस दिन उनके ईश्वर ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

इसलिए भी उनके जन्मदिवस को अपने सबसे बड़े त्यौहार के रूप में मनाते है। क्रिसमस इंग्लिश की दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें Christ शब्द ‘क्रिस्टियन’ को दर्शाता है और Mass का मतलब “लोगों का समूह” होता है।

यह ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र और हर्षोल्लास का त्यौहार होता है जिस को आम भाषा में बड़ा दिन भी कहा जाता है। वर्तमान में इस उत्सव को सभी देशों द्वारा अपना लिया गया है और सभी धर्म के लोग क्रिसमस को बड़े धूमधाम से मनाते है इसलिए अधिकांश देशों में 25 दिसंबर का राजकीय अवकाश होता है।

क्रिसमस का इतिहास –

क्रिसमस पर आयोजन यीशु के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ने धरती पर रहने वाले लोगों को सही राह दिखाने के लिए ईश्वर के दूत के रूप में अवतार पृथ्वी पर लिया था।

जन्म से ही उनके अंदर कुछ अलौकिक शक्तियां थी इसलिए उन्होंने छोटी उम्र की आयु से ही लोगों को सही कार्य करने के लिए प्रेरित किया और ईश्वर के पास जाने का मार्ग दिखाने लगे। कुछ लोगों को उनकी बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी।

लेकिन ईसा मसीह के विचारों को कभी दबाया नहीं जा सका इसलिए आज भी उनके जन्मदिवस पर क्रिसमस का आयोजन किया जाता है।

जो कि हमें यह दर्शाता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो अच्छाई हमेशा उसे हरा ही देती है। शायद इसीलिए आज पूरे विश्वभर में क्रिसमस मनाया जाता है।

क्रिसमस की तैयारी –

क्रिसमस की तैयारियां ईसाई धर्म के लोगों महीने भर पहले से ही करने लग जाते है। वे अपने घरों की साफ सफाई करके उन्हें पवित्र करते हैं रंग बिरंगी लाइटों द्वारा सजावट करते है। क्रिसमस के दिन गिरजा करो को विशेष तौर पर रंग बिरंगी फुलझड़ीओं, गुब्बारों, लाइटो और फूलों द्वारा लगाया जाता है।

चर्च में विशेष पूजा होती है जिसके बाद सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और उपहार देते है।सभी लोगों द्वारा चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती है,

जो की सकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक होती है। इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते है जैसे डांस अंताक्षरी, ईसा मसीह का नाटक इत्यादि कार्यक्रम होते है।

इस दिन पर विशेष तौर पर ईसा मसीह के जन्म दिवस पर केक काटा जाता है जो कि इस उत्सव का मुख्य व्यंजन होता है इसके बाद सभी लोगों में चॉकलेट बांटी जाती है

इस दिन सभी लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं जिसको विशेष तौर पर रंग बिरंगी लाइटों और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाया जाता है और उस पर छोटे-छोटे गिफ्ट भी लगाए जाते है जो कि बच्चों को दिए जाते है।

इस दिन सांता क्लॉज का भी बहुत महत्व होता है लोगों का मानना है कि लाल कपड़े पहन कर ईश्वर स्वयं बच्चों को उपहार देते है।

निष्कर्ष –

ईसाई समाज के लोगों के लिए यह विशेष दिन होता है जिसका वह पूरे साल भर बेसब्री से इंतजार करते है और पूरे हर्षोल्लास और प्रेम भाव से क्रिसमस को मनाते है।

क्रिसमस का उत्सव शांति का प्रतीक है और यह हमेशा नकारात्मक सोच को हटाकर सकारात्मक सोच पर बल देता है।

Long Essay on Christmas in Hindi 1000 Words

प्रस्तावना –

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता है यह त्यौहार उनके लिए सबसे बड़ा उत्सव होता है। क्रिसमस प्रमुख रूप से यूरोपीय देशों में मनाया जाता है लेकिन धीरे-धीरे इसको अब एशियाई देशों में भी अपना लिया गया है।

क्रिसमस का त्यौहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों के लिए क्रिसमस का दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है उनका मानना है कि इस दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था और उन्हीं के जन्मदिन के उपलक्ष पर इस त्यौहार का आयोजन किया जाता है।

परंपरा और मान्यता –

पुरानी कथाओं और मान्यताओं के अनुसार माता मरियम के पुत्र का जन्म ईसा मसीह के रूप में हुआ था। ईसा मसीह के जन्म से पूर्व माता मरियम कुंवारी थी उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी यूसुफ़ नामक व्यक्ति से हुई थी।

कथाओं के अनुसार एक दिन माता मरियम के पास स्वर्गदूतआए उन्होंने माता मरियम को कहा कि जल्द ही उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति होगी जो कि संसार में रहने वाले लोगों को कष्टों से मुक्ति का रास्ता दिखाएगा।

कुछ ही दिनों में माता मरियम की शादी हो गई उसके पश्चात वह और उनके पति यहूदिया प्रांत के बेथलेहेम नामक (Bethlehem) जगह रहने लगे।

इसी स्थान पर वहां के अस्तबल में ईसा मसीह का जन्म हुआ। ईश्वर ईसा मसीह में जन्म के समय से ही एक आलौकिक शक्ति थी।

ईसा मसीह दीन दुखी लोगों को ईश्वर के करीब रहने का मार्ग बताया उन्होंने सभी को भाईचारे से रहने और एक दूसरे से प्रेम भाव रखने को कहा। उन्होंने खास तौर पर लोगों को क्षमा करने और क्षमा मांगने पर जोर दिया।

कुछ लोगों को उनकी यह बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी लेकिन उनके विचारों को नहीं दबाया जा सका इसी कारण आज भी उनके जन्म उत्सव को ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

क्रिसमस का आयोजन –

क्रिसमस की तैयारियां लोग एक महीने पूर्व से ही करने लग जाते है। क्रिसमस आने से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है उनमें नया रंग करवाते है।

यह उत्सव इतना शानदार होता है कि इसके कारण बाजार में एक अनोखी रौनक देखने को मिलती है चारों तरफ रंग बिरंगी लाइटिंग और लोगों के खुशमिजाज चेहरे देखने को मिलते है।

इस उत्सव पर नौकरी पेशा लोगों को तनख्वाह के साथ बोनस मिलता है जिससे वह और अधिक खुश हो जाते हैं और खूब धूमधाम से क्रिसमस के इस उत्सव में हिस्सा लेते है।

क्रिसमस के 1 दिन पहले सभी लोग अपने घरों में रंग-बिरंगी लाइटे लगाते है पूरा बाजार रोशनी से नहाया हुआ होता है। चर्च को रंग बिरंगी रोशनीयो, रंग बिरंगे फूलों, सीनरी, मोमबत्तीया, रंग बिरंगे गुब्बारे और अन्य सजावटी सामानों से सजा दिया जाता है।

ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर की रात को हुआ था इसलिए क्रिसमस का आयोजन रात्रि से ही प्रारंभ हो जाता है जैसे ही 12 बजते है गिरजा घरों में विशेष प्रार्थनाएं की जाती है इसके पश्चात लोग अपने रिश्तेदारों और परिचित व्यक्तियों को क्रिसमस की बधाइयां देते है।

कई लोग इस उत्सव को समूह में मनाते है और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी इंतजाम करते हैं जिससे इस उत्सव में चार चांद लग जाते है। क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री भी लगाया जाता है जिस पर तरह-तरह की लाइटों मुबारक और उपहार लगाए जाते है।

ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस ट्री लगाने के पीछे एक पुरानी धारणा है जिसके अनुसार क्रिसमस ट्री लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है और नकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह नष्ट हो जाती है।

क्रिसमस ट्री पर लगाए गए उपहार बच्चों में बांट दिए जाते है। बच्चों को खुश करने के लिए लोग सांता क्लॉज का रूप धारण करके सभी को गिफ्ट बांटते है। बच्चों को सांता क्लॉज द्वारा मिलने वाले गिफ्ट के लिए काफी उत्साह होता है क्योंकि वे सोचते है कि यह उपहार चीजें उन्हें ईश्वर द्वारा दिया गया है।

क्रिसमस के दिन केक काटने की पुरानी प्रथा है केक क्रिसमस का मुख्य व्यंजन होता है। यह सभी को पसंद होता है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार की चॉकलेट, फलों का रस, दूध क्रीम आदि मिला होता है जो कि बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

इस तरह क्रिसमस के उत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है।

क्रिसमस का महत्व –

क्रिसमस का अन्य त्योहारों की तरह प्रमुख महत्व है, किस्मत के कारण लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से बाहर निकल कर खुशियां मनाते हैं और अपने आपको ईश्वर के करीब मानते है।

बाहरी देशों में संस्कृति के बदलाव के कारण एक-दूसरे से लोग कम ही मिल पाते है जिसके कारण मानव अपनी मूल प्रवृत्ति होता जा रहा है लेकिन किस्मत जैसे त्योहारों के कारण लोगों में एक अजब उत्साह होता है एक दूसरे से मिलते है।

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक प्रतीक है जिस पर उन्हें गर्व होता है। इस त्योहार का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह में एक दूसरे से प्रेम भाव से रहने का संदेश देता है। जिसके कारण लोग प्रभावित होते है और एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते है।

उपसंहार –

क्रिसमस का उत्सव हमें हर वक्त खुश रहना सिखाता है। यह हमें किसी के गलती करने पर उसे माफ करने की शिक्षा देता है। यह उत्सव हमें हमेशा एक दूसरे के साथ प्यार से रहना सिखाता है चाहे वो गरीब हो या अमीर हो।

इस उत्सव को मनाने से हमारे मन के सभी बेर दूर हो जाते है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह दिन और भी खास होता है क्योंकि एक दिन उनकी ईश्वर ईसा मसीह का जन्मदिन भी होता है।

यह उत्सव हमारे जीवन में नए रंग भी बिखेरता है जिससे आने वाले भविष्य में हम खुश और सुखी रहे इसीलिए आज क्रिसमस के इस उत्सव को सभी देशों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

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क्रिसमस पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Christmas Essay in Hindi)

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Christmas Essay in Hindi – क्रिसमस पर निबंध छात्रों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण विषय है। क्रिसमस दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक त्योहारों में से एक है, जिसमें अरबों लोग इसके सांस्कृतिक समारोहों में भाग लेते हैं। त्योहार दिसंबर के महीने में यीशु मसीह के जन्म की याद दिलाता है; दिलचस्प बात यह है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड और न ही बाइबल में यीशु के जन्म के ठीक दिन का उल्लेख है। क्रिसमस समारोहों के सबसे पुराने रिकॉर्ड 25 दिसंबर, 336 ई. को रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय से देखे जा सकते हैं। आज क्रिसमस पूरी दुनिया में एक ही समय पर मनाया जाता है, चाहे वे ईसाई हों या नहीं। समारोहों में परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, घरों को सजाना और उपहारों का आदान-प्रदान करना शामिल है। कार्यालय और कंपनियां आमतौर पर कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिए समय देती हैं, बच्चे अपने नए उपहारों या खिलौनों के साथ खेलने में दिन बिताते हैं। ज्यादातर लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री, लाइट, डेकोरेशन और टिनसेल से सजाते हैं। क्रिसमस के बारे में और दुनिया भर में इसे क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में और जानने के लिए पढ़ें।

क्रिसमस निबंध 10 पंक्तियाँ (Christmas Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो ईसाईयों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है।
  • 2) यह यीशु मसीह के जन्म के स्मरणोत्सव का उत्सव है।
  • 3) क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को पूरे जोश के साथ आता है।
  • 4) ईसाई धर्म में लोग ईसा मसीह को ईश्वर के पुत्र के रूप में पूजते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
  • 5) यीशु का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब समाज में हर जगह लोभ, घृणा और हिंसा थी।
  • 6) वह जगत का प्रकाश था और लोगों को सभी पापों से बचाने आया था।
  • 7) क्रिसमस एक धार्मिक और पारंपरिक त्योहार के रूप में पूरी दुनिया में एक उत्सव है।
  • 8) क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग चर्च जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
  • 9) लोग, खासकर बच्चे, अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं और एक पार्टी का आयोजन करते हैं।
  • 10) क्रिसमस भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में एक राजपत्रित अवकाश है।

क्रिसमस निबंध 20 लाइनें (Christmas Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक ईसाई त्योहार है लेकिन अन्य समुदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है।
  • 2) यह सभी के लिए खुशी का त्योहार है।
  • 3) हम क्रिसमस पर ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं।
  • 4) हमने अपने घरों और बगीचों को उज्ज्वल रूप से रोशन किया।
  • 5) बच्चे परिवार के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने बाहर जाते हैं।
  • 6) क्रिसमस पर बच्चों को ढेर सारे तोहफे मिलते हैं।
  • 7) प्रत्येक बच्चा अपने घर में सांता क्लॉज के आने का इंतजार करता है।
  • 8) बच्चों को क्रिसमस पर उनकी माताओं द्वारा तैयार किए गए केक बहुत पसंद आते हैं।
  • 9) हमें गरीबों को उपहार भी देना चाहिए।
  • 10) क्रिसमस हमें प्यार करना और खुश रहना सिखाता है।
  • 11) क्रिसमस एक वार्षिक ईसाई त्योहार है।
  • 12) लोग अपने घरों और चर्चों में मोमबत्तियां जलाते हैं जो मसीह का प्रतीक है।
  • 13) क्रिसमस का जन्म विभिन्न मूर्तियों का उपयोग करके या कला और चित्रों के माध्यम से यीशु के जन्म का चित्रण है।
  • 14) क्रिसमस बारह दिनों तक चलता है जिसे ‘ट्वेलवेटाइड’ के नाम से जाना जाता है, जो 25 दिसंबर से 05 जनवरी तक यीशु के जन्म का जश्न मनाता है।
  • 15) क्रिसमस पर व्हाइट हाउस, वाशिंगटन की सजावट लगभग 40 क्रिसमस ट्री और 14000 गहनों से बहुत मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।
  • 16) क्रिसमस समारोह से जुड़े मुख्य रंग लाल, सफेद, हरा, सोना, नीला और बैंगनी हैं।
  • 17) 24 दिसंबर क्रिसमस की पूर्व संध्या है और जब लोग मिडनाइट मास चर्च सर्विस में जाते हैं तो कई रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं।
  • 18) सदाबहार देवदार का पेड़ क्रिसमस ट्री की तरह दिन के समय आभूषणों, टिनसेल, उपहारों से सजाए जाने पर सुंदर दिखता है।
  • 19) कैंडलमास 02 फरवरी को क्रिसमस समारोह के 40 दिनों के अंत का प्रतीक है।
  • 20) लोग कैरोल गाते हैं, व्यंजनों का आनंद लेते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और यीशु को याद करते हैं, जिन्होंने लोगों को उनके पापों और दुखों से बचाया था।

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क्रिसमस के बारे में लघु निबंध (Short Essay About Christmas in Hindi)

“क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार ईसा मसीह – ईश्वर के मसीहा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। हालांकि यह एक ईसाई त्योहार है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग इसे बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस ट्री एक कृत्रिम देवदार का पेड़ है जिसे रोशनी, कृत्रिम सितारों, फूलों, खिलौनों और घंटियों से सजाया जाता है। सजावट पूरी होने पर यह सुंदर दिखता है। क्रिसमस के दौरान चर्चों को रोशनी से सजाया जाता है और त्योहारी सीजन की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए लोग बाहर स्टार लालटेन लटकाते हैं। परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर ईसा मसीह की स्तुति में प्रार्थना करते हैं।

क्रिसमस के बारे में बच्चे विशेष रूप से उत्साहित हैं क्योंकि वे क्रिसमस की पूर्व संध्या और क्रिसमस के दिन के शुरुआती घंटों में सांता क्लॉज से मिलने और अपने घरों में उपहार लाने की उम्मीद करते हैं। उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे रखा जाता है जिसे उपहार बक्से में लपेटा जाता है और क्रिसमस के दिन खोला जाता है।

बच्चे क्रिसमस कैरोल गाते हैं, जैसे “जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल ऑल द वे” और शुभ दिन का जश्न मनाते हुए विभिन्न स्किट करते हैं। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और धर्मों के लोग प्यार करते हैं। यह हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और शांति और सद्भाव में रहने के महत्व की याद दिलाता है। ”

क्रिसमस पर निबंध 100 शब्द (Essay on Christmas 100 words in Hindi)

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है और यह ईसाई समुदाय का सांस्कृतिक त्योहार है। यह मदर मैरी के लिए यीशु के जन्म का प्रतीक है। कहा जाता है कि जीसस का जन्म अस्तबल में हुआ था और वे एक अच्छे चरवाहे थे। यीशु का जीवन कठिनाइयों और बलिदानों में से एक था, और क्रिसमस का उद्देश्य इस तथ्य को स्वीकार करना है। क्रिसमस सभी देशों में एक सार्वजनिक अवकाश है और गैर-ईसाइयों द्वारा भी मनाया जाता है क्योंकि यह एक ऐसा त्योहार है जो सभी संस्कृतियों के लोगों को एकीकृत करता है। क्रिसमस समारोह का केंद्रीय विषय एक दूसरे के प्रति साझा करने, दया और सहानुभूति की भावना रखना है।

क्रिसमस पर निबंध 150 शब्द (Essay on Christmas 150 words in Hindi)

क्रिसमस ईसाइयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पूरी दुनिया में घर में खुशी की भावना लाता है। क्रिसमस उस समय का है जब यीशु का जन्म मदर मैरी के एक छोटे से अस्तबल में हुआ था। यह त्योहार ईसा के इस दुनिया में आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह के जन्म की भविष्यवाणी पहले की गई थी। इसलिए यह त्योहार पारंपरिक ईसाइयों को प्रिय है। इसने अपने धर्म या समुदाय के बावजूद सभी लोगों के बीच व्यापक लोकप्रियता पाई है। यह वह समय होता है जब परिवार एक साथ मिलते हैं और एक दूसरे के लिए स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। क्रिसमस ट्री क्रिसमस का एक बड़ा आकर्षण बिंदु है। लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं और इसे घंटियों, गेंदों, चमक और सितारों से सजाते हैं। यह सब मीठे केक पकाने और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के बारे में है।

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्द (Essay on Christmas 200 words in Hindi)

रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति की तारीख यीशु के जन्म का प्रतीक है। यह आमतौर पर पूरे विश्व में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। त्योहार हमें खुश रहने और खुश रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसका एकमात्र उद्देश्य हमें यह सिखाना है कि प्रभु का प्रकाश हमेशा हमारी रक्षा करता है और हमें कभी भी आशा नहीं खोनी चाहिए। यीशु का जन्म उत्पीड़ित जनता के लिए आशा की किरण के रूप में हुआ था। यीशु के जन्म ने बहुत से लोगों के कष्टों का अंत देखा। यह वह समय होता है जब लोग अन्य सभी कामों को छोड़कर एक साथ मिलकर त्योहार को खुशी से मनाते हैं।

क्रिसमस के दौरान क्रिसमस ट्री को सजाना सबसे मजेदार गतिविधि है। यह क्रिसमस ट्री पर सुंदर ट्रिंकेट, घंटियां और आभूषण लगाकर किया जा सकता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, और कई माता-पिता अपने बच्चों को बताते हैं कि काल्पनिक सांता क्लॉज़ हर साल उनके लिए उपहार लाते हैं। बच्चों को एक-दूसरे की ज़रूरत में मदद करके साझा करना और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना सिखाया जाता है। गरीब और जरूरतमंद, जो क्रिसमस नहीं मना सकते, उनकी सहायता की जाती है, इसलिए वे इस तरह के एक अद्भुत त्योहार को याद नहीं करेंगे।

क्रिसमस पर निबंध 250 शब्द (Essay on Christmas 250 words in Hindi)

क्रिसमस 12 दिनों तक चलने वाले त्योहार की समाप्ति की घटना है। बहुत से लोग पिछली घटनाओं को नहीं जानते हैं और केवल मुख्य त्योहार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। क्रिसमस के 12 दिन उपवास और तपस्या के बारे में हैं जो यीशु द्वारा झेली गई पीड़ा को याद करते हैं।

12-दिवसीय श्रृंखला का अंतिम दिन क्रिसमस के रूप में जाना जाता है और हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति के दिन पड़ता है और वर्ष का सबसे काला दिन होता है। यीशु का जन्म आशा की किरण के रूप में आता है और आत्मज्ञान की ओर एक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। क्रिसमस क्रिसमस ट्री को सजाने, परिवारों और दोस्तों के साथ खाने और ढेर सारी मस्ती करने के बारे में है। साझा करने के मूल मूल्य शुरू से ही बच्चों में पैदा होते हैं, और वे नैतिक मूल्यों की गहरी समझ रखना सीखते हैं।

क्रिसमस का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह समय है जब हमें उन लोगों की दुर्दशा के बारे में सोचना चाहिए जो हमसे कम भाग्यशाली हैं। यह वह समय है जब दुनिया भर में दान कार्य आयोजित किए जाते हैं, और उनसे उत्पन्न राजस्व का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की भलाई के लिए किया जाता है। लोग इस समय का उपयोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक स्वादिष्ट डिनर पर फिर से जुड़ने के लिए करते हैं; वे खेल खेलते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। यह लोगों के बीच पारिवारिक संबंधों को बढ़ावा देता है और उन्हें खुश और हर्षित बनाता है।

क्रिसमस पर निबंध 300 शब्द (Essay on Christmas 300 words in Hindi)

क्रिसमस एक विशेष मौसम है जिसे हर साल ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह चारों ओर प्रेम, आनंद और शांति के मौसम को दर्शाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या बहुत खुशी और खुशी के साथ मनाई जाती है।

क्रिसमस हमें मानवता, दान और ज्ञान की याद दिलाता है। यह अनिवार्य रूप से हमें मानव जाति की सेवा करके और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की मदद करके अपने जीवन को बेहतर बनाने का अवसर देता है। यह हमें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने, देने और समय बिताने के मूल्य की भी याद दिलाता है। यह त्योहार जीवन में सकारात्मकता और बुरी आदतों से दूर रहने का है।

इससे पहले क्रिसमस को ईसाइयों के त्योहार के रूप में मनाया जाता था। लेकिन अब, यह त्यौहार विश्व स्तर पर सभी धर्मों और संस्कृतियों द्वारा मनाया जाता है और विविधता में एकता का प्रतीक बन गया है। सर्दियों को अब क्रिसमस के मौसम के रूप में जाना जाता है और लोग हमेशा इस त्योहार का बड़े उत्साह और उत्साह के साथ स्वागत करने के लिए उत्सुक रहते हैं।

क्रिसमस की अपनी अनूठी परंपराएं और उत्सव हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सजाया जा रहा क्रिसमस ट्री सबसे प्रसिद्ध है। यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली आ रही है और आज भी शाम का सबसे रोमांचक हिस्सा माना जाता है। माता-पिता और बच्चे मिलकर पेड़ को रोशनी, उपहार, मोजे, लघुचित्र और बहुत कुछ से सजाते हैं। बच्चे इस पल का आनंद लेते हैं और खूबसूरती से सजाए गए इस पेड़ के चारों ओर खेलते हैं। क्रिसमस के पेड़ के नीचे कई उपहार रखे जाते हैं और क्रिसमस की पूर्व संध्या पर खोले जाने चाहिए।

दूसरी ओर, स्कूल और चर्च क्रिसमस से हफ्तों पहले अपनी तैयारी शुरू कर देते हैं। छात्र क्रिसमस के दिन प्रदर्शन किए जाने वाले क्रिसमस कैरोल, गाने और कृत्यों की तैयारी करते हैं। ये आमतौर पर प्रभु यीशु की कहानियों पर आधारित होते हैं। साथ ही क्रिसमस के मौके पर चर्चों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। उन्हें मोमबत्तियों, बाइबिल की मूर्तियों, सितारों, रोशनी और बहुत कुछ से सजाया गया है। एक बार जब आप चर्च में प्रवेश करते हैं, तो आप महसूस कर सकते हैं कि यीशु की दिव्य उपस्थिति और चारों ओर सकारात्मकता है।

लोग क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अलग-अलग व्यंजन तैयार करते हैं जिसमें कपकेक, मफिन, फ्रूट पंच, क्रीम रोल शामिल हैं और सूची जारी है। बच्चे भी सांता क्लॉज़ से मिलने के लिए उत्साहित महसूस करते हैं- एक बूढ़ा व्यक्ति जो लाल और सफेद पोशाक पहने हुए है और बच्चों को उपहार देता है और चारों ओर खुशियाँ बाँटता है।

इसलिए, क्रिसमस चारों ओर शांति और आनंद लाता है, यह हमें यीशु द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है और हमें देखभाल और साझा करने के महत्व को समझने में मदद करता है। यह त्योहार सभी धर्मों को एकजुट करता है और चारों ओर जोश प्रदर्शित करता है।

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क्रिसमस पर निबंध 500 शब्द (Essay on Christmas 500 words in Hindi)

क्रिसमस दिसंबर में स्थापित एक प्रसिद्ध ईसाई अवकाश है, जिसे दुनिया भर में मनाया जाता है और इसकी सजावट और सांता क्लॉज के लिए प्रसिद्ध है। क्रिसमस का अर्थ है “मसीह का पर्व”। यह यीशु मसीह के जन्म को चिह्नित करने वाला एक वार्षिक उत्सव है; यह 25 दिसंबर को दुनिया भर में बहुत सारे लोगों के बीच एक सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस सभी ईसाई देशों में मनाया जाता है लेकिन प्रत्येक देश में इस तिथि को मनाने के तरीके में मतभेद हैं।

क्रिसमस के पीछे का इतिहास

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है; पहला क्रिसमस 336 ई. में रोम में मनाया गया था। 300 के दशक में हुए प्रसिद्ध एरियन विवाद के दौरान इसने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मध्य युग के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, एपिफेनी ने इसकी देखरेख की।

क्रिसमस को लगभग 800 ईस्वी में फिर से सुर्खियों में लाया गया जब सम्राट शारलेमेन को क्रिसमस के दिन ताज मिला। 17वीं शताब्दी के दौरान, प्यूरिटन्स ने क्रिसमस पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि यह नशे और अन्य अन्य दुर्व्यवहारों से जुड़ा था।

इसे 1660 के आसपास एक उचित अवकाश बना दिया गया था लेकिन फिर भी यह काफी विवादित था। 1900 की शुरुआत के आसपास, एंग्लिकन कम्युनियन चर्च का ऑक्सफोर्ड आंदोलन शुरू हुआ और इससे क्रिसमस का पुनरुद्धार हुआ।

क्रिसमस की तैयारी

क्रिसमस एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें बहुत सारी तैयारियां होती हैं। यह एक सार्वजनिक अवकाश है और इसलिए लोगों को इसे मनाने के लिए क्रिसमस का अवकाश मिलता है।

क्रिसमस की तैयारी ज्यादातर लोगों के लिए जल्दी शुरू हो जाती है ताकि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जश्न शुरू हो जाए। क्रिसमस की तैयारियों में बहुत सारी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। लोग आमतौर पर परिवार और दोस्तों के बच्चों के लिए सजावट, भोजन और उपहार खरीदते हैं। कुछ परिवार सभी के लिए मैचिंग क्रिसमस आउटफिट की खरीदारी करते हैं।

आम तैयारियों में क्रिसमस ट्री, लाइटिंग के साथ जगह की सजावट शामिल है। सजावट शुरू करने से पहले, घर को गहराई से साफ करना चाहिए। क्रिसमस ट्री घरों में क्रिसमस की भावना लाता है।

उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे लपेटे हुए उपहार बक्से में रखा जाता है और क्रिसमस के दिन तक नहीं खोला जाना चाहिए। विशेष आयोजन के लिए चर्च को भी सजाया गया है। क्रिसमस की शुरुआत के लिए चर्चों की पूरी सफाई भी की जाती है। क्रिसमस के दिन गाने और स्किट का प्रदर्शन किया जाएगा।

लोग आमतौर पर क्रिसमस पर बहुत अधिक खर्च करते हैं और इसलिए इन योजनाओं के लिए पैसे बचाना इन सभी के बीच सबसे पहले की तैयारी होनी चाहिए। परिवार भी इस उत्सव की अवधि के दौरान एक साथ रहने के लिए यात्रा करने की योजना बनाते हैं। परंपरागत रूप से टर्की इस दिन दुनिया भर में आम भोजन है। दोस्तों और परिवार को एक खुश छुट्टी की कामना करने और प्यार दिखाने के लिए कार्ड भी लिखे जाते हैं।

क्रिसमस दिवस समारोह

दिन को चिह्नित करने के लिए रेडियो और टेलीविजन पर क्रिसमस कैरोल बजाए जाते हैं। अधिकांश परिवार चर्च जाने से शुरू करते हैं जहां प्रदर्शन और गाने किए जाते हैं। फिर बाद में, वे उपहारों का आदान-प्रदान करने और भोजन और संगीत के साथ जश्न मनाने के लिए अपने परिवारों में शामिल हो जाते हैं। क्रिसमस के दौरान खुशी किसी और की तरह नहीं है।

क्रिसमस पर घर का बना पारंपरिक प्लम केक, कपकेक और मफिन विशेष व्यंजन हैं। बच्चों को ढेर सारे उपहार और नए कपड़े पहनाए जाते हैं। वे ‘सांता क्लॉज़’ से भी मिलते हैं, जो एक लाल और सफेद पोशाक पहने हुए हैं, जो उन्हें गले लगाकर और उपहारों के साथ स्वागत करते हैं।

क्रिसमस हमें मित्रों और परिवार के साथ देने और साझा करने के महत्व की याद दिलाता है। क्रिसमस के माध्यम से, हम जानते हैं कि यीशु का जन्म दुनिया में महान चीजों की शुरुआत है। यह आम तौर पर प्रकृति और हमारे अस्तित्व के कारण के बारे में सोचने का अवसर है। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और आस्थाओं के लोग ईसाई त्योहार होने के बावजूद दुनिया भर में मनाते हैं। यह इस त्योहार का सार है जो लोगों को इतना जोड़ता है।

क्रिसमस पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्रिसमस के 12 दिन कब होते हैं.

क्रिसमस के 12 दिन क्रिसमस के दिन (25 दिसंबर) से शुरू होते हैं और प्रकाशितवाक्य की पारंपरिक तिथि से एक रात पहले 5 जनवरी को समाप्त होते हैं।

“लिटिल क्रिसमस” क्या है?

लिटिल क्रिसमस, जिसे अन्यथा ओल्ड क्रिसमस कहा जाता है, 6 जनवरी के लिए आयरिश ईसाइयों और अमीश ईसाइयों के बीच पारंपरिक नामों में से एक है, जिसे क्राइस्टमास्टाइड के बारह दिनों के अंत के बाद जोड़ा और मनाया जाता है।

क्रिसमस 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

क्रिसमस ईसा मसीह के परिचय को याद करने के लिए मनाया जाता है, क्योंकि ईसाइयों को भगवान के बच्चे के रूप में स्वीकार किया जाता है। क्रिसमस का नाम मास ऑफ क्राइस्ट से आया है। यह याद करने के लिए एक सामूहिक सेवा का आयोजन किया जाता है कि प्रभु यीशु हम मनुष्यों के कारण मरे और फिर जीवित हो गए।

क्रिसमस की शुरुआत सबसे पहले कहाँ हुई थी?

क्रिसमस या क्राइस्ट का त्योहार पहली बार 336 में रोम में शुरू हुआ था, लेकिन यह 9वीं शताब्दी के अंत में एक लोकप्रिय ईसाई त्योहार बन गया।

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  • क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें

Updated On: September 02, 2024 06:37 pm IST

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निष्कर्ष (Conclusion)

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क्रिसमस पर निबंध

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने और क्रिसमस की सभी जानकारियों के बारें में बताने के लिए कई बार विद्यालयों में छात्रों को क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखने का कार्य दिया जाता है। कई बार तो छोटी कक्षा में महत्वपूर्ण अंक के लिए क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है। बहुत से छात्र/छात्राओं को निबंध लिखने में समस्या आती है या फिर हिंदी विषय पर उनकी पकड़ मजबूत नहीं होती है, ऐसे में क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (christmas in hindi) लिखने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए आप यहां से क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखना सीख सकते है। इस लेख के माध्यम से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपको ना सिर्फ क्रिसमस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें (how to write essay on christmas in hindi), इसकी जानकारी मिलेगी बल्कि आपको किसी भी अन्य निबंध को कैसे लिखा जाए, ये भी पता चलेगा। ये भी पढ़ें- हिंदी दिवस पर निबंध

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Christmas in 200 words)

क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi): प्रस्तावना, क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (essay on christmas in hindi).

क्रिसमस पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Christmas in 500 words)

क्रिसमस- क्रिसमस एक प्रमुख पर्व है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। ये त्योहार हर साल ठंड के मौसम में आता है हालाँकि लोग इसे पूरी मस्ती, हर्षोल्लास और खुशी के साथ मनाते है।

ईसामसीह- क्रिसमस प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने ईसाई धर्म की शुरुआत की। ये ईसाइयों के लिये एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसके लिये वो लोग ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस उत्सव की तैयारी एक महीने पहले ही शुरु हो जाती है और क्रिसमस के 12 दिनों के बाद ये पर्व खत्म होता है। इस दिन ईसाई लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है। इस दिन लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते है, अपने दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ खुशियाँ मनाते है और उपहार बाँटते है। अवकाश: क्रिसमस के दिनों में छुट्टियां मनाई जाती हैं और धूम-धाम के साथ त्यौहार को मनाया जाता है। क्रिसमस के छुट्टी में पूरे दिन लोग नाचना, गाना, पार्टी मनाना और घर के बाहर डिनर करके खुशी मनाते है। घरों में सजावट की जाती है, अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है केक काटा जाता है। इस दिन केक का बहुत महत्व होता है। लोग एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है और अपने यहां भोज पर आमंत्रित करते है। प्रसाद: क्रिसमस में प्रसाद की विशेषता होती है, जिसमें केक, बिस्किट, और अन्य मिठाईयां शामिल होती हैं। प्रसाद पाकर बच्चें बहुत खुश होते है और इस दिन बहुत इन्जॉय करते है। यह पर्व बच्चों, बडें, बूढ़ों हर किसी के लिए खास होता है। इस दिन घरों में तरह-तरह के केक और पकवान बनाये जाते है और प्रसाद के तौर पर बाटें जाते है। उत्साह: क्रिसमस के दिनों में लोग उत्साह से भरे होते हैं और खुशी का माहौल बनाते हैं। इस दिन लोग चर्च जाते है और केक काटते है। अपने घरों में लोगों को भोज के लिए आंमत्रित करते है। जन्मदिन की तरह ही इस त्यौहार को भी उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते है। परिवार: क्रिसमस के दिनों में परिवार के सभी सदस्य एकजुट होते हैं और साथ में खाने-पीने का आनंद लेते हैं। इस दिन सभी परिवार के लोग, सगे-सबंधी, दोस्त और सभी लोग गिले-शिकवे मिटा कर एकजुट होकर क्रिसमस का त्योहार मनाते है प्यार से गले मिलते है। इस दिन ईसाई लोग अपने प्रभु ईशु के लिये प्रार्थना करते है, वो सभी भगवान के सामने अपनी गलतीयों और पाप को मिटाने के लिये उसे स्वीकार करते है। गीत: क्रिसमस में गीतों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जैसे कि "जिंगल बेल्स", "सांता क्लॉज आ रहा है", और "ओ कोम ऑल इ फेथफुल"। इस दिन लोग नृत्य करते है, गाते है, और मज़ेदार क्रियाओं के द्वारा खुशी मनाते है। इस दिन ईसाई समुदाय अपने ईश्वर से दुआ करते है, अपने सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, पवित्र गीत गाते है और अपने प्रियजनों से खुशी से मिलते है। उपहार: क्रिसमस में विशेष तौर पर केक काटने व एक-दूसरे को उपहार देने की परंपरा होती है, जिसमें लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं और आपसी प्रेम और आदर्शों का प्रतीक बनाते हैं। इस दिन बच्चे सांता क्लौज का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे। इसके अलावा घर में क्रिसमस ट्री को तोहफों, रंगीन लाइट्स व चमकीले सितारों से सजाया जाता है। दीपावली: क्रिसमस के दिनों में लोग अपने घरों को दीपावली की तरह सजाते हैं और उजाले के लिए कैंडल जलाते हैं। इस पर्व पर दिवाली की तरह ही अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है, घरों-ऑफिस बाजारों को सजाते है। क्रिसमस के दिन घरों से लेकर बाजारों तक में दिवाली की तरह ही रौनक रहती है। खुशियां: क्रिसमस में खुशियों का त्योहार मनाया जाता है और लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को मैरी क्रिसमस बोल कर बधाइयाँ देते हैं तथा एक-दूसरे के घर जाकर उपहार देते है। इस दिन सांता क्लाज़ रात के समय सभी के घरों में जाकर उनको उपहार बाँटता है खासतौर से बच्चों को वो मजाकिया उपहार देता है। बच्चे बड़ी व्याकुलता से सांता और इस दिन का इंतजार करते है।

क्रिसमस पूरी दुनिया में युवा और बूढ़े लोगों द्वारा प्यार किया जाने वाला एक विशेष और जादुई अवकाश है। दुनिया भर में क्रिसमस के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है। अन्य देशों में भी बच्चे, बडें और बूढ़े क्रिसमस का जश्न मनाते हैं। इस तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है। ईसा मसीह कहते थे-दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है।

क्रिसमस पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Christmas in 10 lines)

  • क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है।
  • यह पर्व ईसाई धर्म के लोग अपने भगवान यीशु मसीह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाते हैं।
  • यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • क्रिसमस का यह त्यौहार सभी देशों में बड़े ही जश्न के साथ मनाया जाता है।
  • यह एक धार्मिक उत्सव है जिसका आनंद दुनिया के लगभग सभी धर्मों के लोग लेते हैं।
  • क्रिसमस पर कुछ लोग सांता क्लॉज की वेशभूषा में तैयार होते हैं और बच्चों को चाकलेट तथा उपहार बाटते हैं।
  • क्रिसमस के दिन विश्व के लगभग सभी देशों में सरकारी अवकाश रहता है।
  • क्रिसमस पर लोग एक ख़ास गाना गाते हैं जिसे ‘क्रिसमस कैरोल’ (Christmas Carrol) कहा जाता है।
  • ईसाई लोग इस दिन अपने घरों को रोशनी वाले झालर और लाइटों से सजाते हैं।
  • क्रिसमस के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मेला घूमकर क्रिसमस का आनंद उठाते हैं।

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निस्संदेह, यीशु एक यहूदी थे। यीशु का जन्म दुनिया के यहूदी हिस्से गलील में एक यहूदी मां से हुआ था। उनके सभी मित्र, सहयोगी, सहकर्मी, शिष्य, सभी यहूदी थे। वह नियमित रूप से यहूदी सामुदायिक पूजा में पूजा करते थे, जिन्हें हम आराधनालय कहते हैं।

ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला त्यौहार है, क्रिसमस के त्यौहार पर पूरी दुनिया जश्न में डूब जाती है। यूरोपीय देशों में हफ्ते की भर की छुट्टी होती है।

क्रिसमस पारंपरिक रूप से यीशु के जन्म का जश्न मनाने वाला एक ईसाई त्योहार था, लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में, यह एक धर्मनिरपेक्ष पारिवारिक अवकाश भी बन गया, जिसे ईसाई और गैर-ईसाइयों द्वारा समान रूप से मनाया जाता था।

किसी को क्रिसमस की सुखद छुट्टियों की शुभकामनाएँ देना होता है।

हर साल ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि सांता क्लॉस का असली नाम सांता निकोलस है। कहा जाता है सांता निकोलस बच्चों से बहुत प्यार करते थे। यही कारण है कि उनकी याद में हम सभी क्रिसमस मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं।

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क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi

इस आर्टिकल में आप क्रिसमस पर निबंध (Christmas Essay in Hindi) पढ़ सकते हैं। साथ ही इस लेख में हमने क्रिसमस की कहानी, इतिहास और इसके महत्व के विषय में भी लिखा है। यह निबंध हमने 800 शब्दों में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi …

Table of Contents

प्रस्तावना (क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi)

क्रिसमस विश्वभर में मनाया जाने वाला एक महान पर्व है। यह त्यौहार मुख्य रूप से इसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल दुनिया में कई जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है। यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। आईये जानते हैं इस त्यौहार का महत्व क्या है और इसको मनाते क्यों है – इसका इतिहास।

क्रिसमस का महत्व Importance of Christmas in Hindi

यह त्यौहार यीशु मसीह के जन्म अवसर पर मनाया जाता है। इस संसार में यीशु मसीह के जन्म को बड़ी पवित्रता और आस्था के साथ मनाया जाता है। लोकप्रिय रीति-रिवाज़ों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस के पेड़ों को सजाना, चर्च में भाग लेना, एक साथ परिवार के साथ मिलजुल कर भोजन करना तथा सैंटा क्लॉस के आने का इंतजार करना, यह सब इस दिन किया जाता है। 

इस दिन श्रद्धालु ईसा मसीह के पुनर्जन्म के शुभ कामना करते हैं। मसीह का जन्म बेथलहम शहर में स्थित एक गौशाला में हुआ था। उनकी मां का नाम मरियम और पिता का नाम जोसेफ था। लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति को बचाने के लिए परमात्मा, ईसा मसीह के रूप में पृथ्वी पर आए थे।

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क्रिसमस का इतिहास व कहानी History of Christmas in Hindi

जैसे कि हमने आपको बताया कि क्रिसमस का उत्सव भगवान ईसा मसीह के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है।  क्रिसमस के इतिहास को ईसा मसीह के जन्म की कहानी भी माना जाता है।

कई हजारों साल पहले की बात है नासरत शहर में मरियम नाम की एक महिला रहते थे।ईश्वर ने उस महिला को पवित्र माना और उसके गर्भ से जन्म लेने के लिए उसे चुना। इसलिए ईश्वर ने गैबरियल नामक अपने स्वर्ग दूध को उस कुमारी लड़की मरियम को दर्शन देने के लिए भेजा।

एक दिन मरियम को स्वर्ग दूत गैब्रियल ने अपने दर्शन दिए और उसे बताया कि ईश्वर पुत्र के रूप में उसके गर्भ से जन्म लेंगे। यह सुनकर मरियम चिंता में पड़ गई क्योंकि अभी तक उसका विवाह नहीं हुआ था। जब इसके विषय में मरियम ने गैबरियल से पूछा तो गैबरियल ने बताया ईश्वरीय शक्ति से वह गर्भवती बनेगी और उस पुत्र को जन्म देगी।

मरियम के मंगेतर का नाम युसूफ था। जब यूसुफ को पता चला कि उसकी मंगेतर गर्भवती है तो उसने उससे विवाह करने से मना कर दिया। तभी स्वर्ग दूत गैबरियल ने यूसुफ को सारी बात बताई। जब यूसुफ को सही बात का पता चला तो वह मान गया और उसने मरियम से विवाह कर लिया। 

उस समय नासरत नगर, रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। जब मरियम का गर्भावस्था का अंतिम समय चल रहा था तब रोमन राज्य की जनगणना का समय आ गया, तब रोमन राज्य के नियमों के चलते यूसुफ भी अपनी पत्नी को लेकर बेथलेहेम शहर को चला गया। उसी समय मरियम को प्रसव पीड़ा होने लगी और किसी भी जगह में ठहरने के लिए जगह ना मिली। 

वह दोनों एक अस्तबल में चले गए, उसी अस्तबल में मरियम ने शिशु को जन्म दिया। उसके बाद उन्होंने शिशु को कपड़े में लपेट दिया और घास से बने चरनी में लिटा दिया। उसके बाद अचानक ही कई स्वर्गदूत आ गए और परमेश्वर ईसामसीह की जयजयकार करने लगे।

क्रिसमस उत्सव की तैयारी Celebration of Christmas Festival

  • लगभग 1 महीने पहले से ही क्रिश्चियन लोग इस त्यौहार की तैयारी शुरू कर देते हैं। इस खुशी में लोग अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। नए-नए कपड़े खरीदते हैं। इस दिन गिरजा घरों को सजाया जाता है।
  • ठीक रात 12:00 बजे गिरजा घरों में प्रार्थना शुरू हो जाती है। इस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमस टाइम की भी शुरुआत होती है। क्रिसमस के उत्सव पर लोग अपने दोस्त यारों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करते हैं और साथ मिलकर जश्न मनाते हैं।

क्रिसमस दिवस के लिए आंगन में क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है। एक्स-मास ट्री में चॉकलेट, गुब्बारे, डॉल, गिफ्ट आदि लगा कर सजाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को केक बधाई पत्र आदि उपहार देते हैं।

क्रिसमस डे के दिन रात्रि के समय सैंटा क्लॉस बच्चों को गिफ्ट बांटते हैं तथा मोमबत्ती जलाकर यीशु मसीह से प्रार्थना करते हैं। इस तरह से लोग क्रिसमस का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। क्रिसमस के दिन लोगों का मुख्य मिठाई ‘केक’ होता है। भारत में भी इस त्यौहार को सभी धर्म के लोग खुशियों के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस गीत व कविता Christmas Song and Poem in Hindi

  • ठंडी ठंडी हवाओं में कोई मेरी क्रिसमस गाता है। हर बार वह थैला भरकर हो गिफ्ट लेकर आता है। मां हमसे कहती है वह बच्चों से प्यार है करता, हरे भरे क्रिसमस ट्री को वह सुंदर सजा के देता, दिसंबर 25 को आता वो, संता-संता कहलाता वो।
  • क्रिसमस आया क्रिसमस आया बच्चों का है मन ललचाया। सैंटा क्लॉस आएंगे नए खिलौने लाएंगे। सैंटा क्लॉस में दी आवाज एनी आओ, पेनी आओ, जॉनी आओ, जॉन आओ। यीशु की याद का दिन है बच्चों के प्यार का दिन है।
  • जिंगल बेल बज रहे हैं साल खत्म हो रहा है उससे पहले 25 दिसंबर, क्रिसमस आ रहा है, क्रिसमस आ रहा है।

क्रिसमस ट्री कुछ खास बातें Some Important facts about Christmas Tree

सदाबहार क्रिसमस पेड़ सर्दियों के बीच में जीवन का एक प्राचीन प्रतीक था। लेकिन इस पेड़ का इस्तेमाल सबसे पहले कहां किया गया यह बात किसी को पता नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि कई हज़ार वर्ष पहले उत्तरी यूरोप में इसकी शुरुआत हुई थी। कहा जाता है कि शुरुआत में क्रिसमस ट्री का उपयोग क्षत्रियों के झूमर में तथा रोशनी के हुक से उल्टा लटकाया जाता था। 

रोमन लोग सर्दियों में सदाबहार शाखाओं को अपने घरों में सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे उत्तरी यूरोप में सदाबहार पेड़ों को काटा और और क्रिसमस के समयओं के दौरान उसे अपने घरों के अंदर अपने बक्सों में लगाया। दूसरी मान्यता के अनुसार जब यीशु मसीह का जन्म हुआ था तब बहुत तेज सर्दी थी और बर्फ बारी की वजह से दुनिया भर के पेड़ों से पत्तियां गिर गई थी और इन पेड़ों ने नई हरी पत्तियों को जन्म दिया।

क्रिसमस ट्री का प्रतीकात्मक रूप क्या है? What Does the Christmas Tree Symbolize?

मूर्तिपूजक संस्कृति में क्रिसमस के पेड़ का सदाबहार हिस्से को जीवन पुनर्जन्म और सहनशक्ति का प्रतिनिधि करता है, जो कि सर्दियों के मौसम में जीने के लिए अति आवश्यक है। यह माना जाता है कि सर्दी के महीने में बुरी आत्माएं अपनी अपनी मजबूत स्थिति में होती हैं इस दौरान इस पेड़ का उपयोग कर अंधेरे युक्त सबसे ठंडी स्थिति को हल्का करना सकारात्मक स्थिति को और बुरी आत्माओं को दूर करना था।

क्रिसमस ट्री को क्यों सजाया जाता है? Why is the Christmas tree decorated?

क्रिसमस के पेड़ों को सजाने का शुरुआत उस समय से हुई जब लोग सर्दी में उन पेड़ों को सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे जिनके पत्ते नहीं होते थे। उनका मानना था जब पेड़ों से पत्तियां गिर जाते हैं तब पेड़ों की आत्माएं उसे छोड़ देती है।

इसलिए लोगों ने क्रिसमस ट्री को गहनों के साथ सजाने और पवित्र आत्माओं को आकर्षित करने के लिए इस सुंदर दिखाने का फैसला किया। क्रिसमस ट्री इतना पवित्र है कि हर साल इसे अमरीका में काफी पवित्र माना जाता है। नेशनल क्रिसमस ट्री एसोसिएशन के अनुसार हर साल अमरीका प्रतिवर्ष 25-30 मिलियन से ज्यादा मात्रा में क्रिसमस के पेड़ बिक जाते हैं।

क्रिसमस पर 10 वाक्य Few Lines on Christmas in Hindi

  • क्रिसमस विश्वभर में इसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक महान पर्व है।
  • यह त्यौहार मुख्य रूप से इसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल दुनिया में कई जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है।
  • यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। 
  • यह त्यौहार यीशु मसीह के जन्म अवसर पर मनाया जाता है। इस संसार में यीशु मसीह के जन्म को बड़ी पवित्रता और आस्था के साथ मनाया जाता है।
  • लोकप्रिय रीति-रिवाज़ों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस के पेड़ों को सजाना, चर्च में भाग लेना, एक साथ परिवार के साथ मिलजुल कर भोजन करना तथा सैंटा क्लॉस के आने का इंतजार करना, यह सब इस दिन किया जाता है। 
  • इस दिन श्रद्धालु ईसा मसीह के पुनर्जन्म के शुभ कामना करते हैं। 
  • इसामसीह का जन्म बेथलहम शहर में स्थित एक गौशाला में हुआ था। उनकी मां का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ था।
  • लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति को बचाने के लिए परमात्मा, ईसा मसीह के रूप में पृथ्वी पर आए थे।

उपसंहार Conclusion

क्रिसमस का यह त्यौहार क्रिश्चन लोगों का है लेकिन सभी धर्मों के लोग इस त्योहार का आनंद उठाते हैं। क्रिसमस का यह त्यौहार पूरे विश्व में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग प्रभु ईसा मसीह के सामने अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना और प्रार्थना करते हैं। आशा करते हैं आपको क्रिसमस पर यह निबंध (Christmas Essay in Hindi) अच्छा लगा होगा।

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मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi

मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas Essay In Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम मेरा प्रिय क्रिसमस निबंध आपकों बताने जा रहे हैं.

क्रिसमस निबंध को आप कक्षा 1, 2, 3, 4,  5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स को मेरे प्रिय त्योहार का निबंध याद करवा सकते हैं. 500 शब्दों में क्रिसमस पर दिया गया निबंध पढ़ते हैं.

Essay On My Favourite Festival Christmas In Hindi

हमारा भारत देश पर्वों एवं त्योहारों का देश है यहाँ सभी धर्मों के त्योहार एवं उत्सव बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं. क्रिसमस उन सबसे मेरा प्रिय त्यौहार हैं.

जो मानवता, एकता व भाईचारे का संदेश देता हैं. आज में आपके साथ स्टूडेंट्स के लिए क्रिसमस पर छोटा निबंध प्रस्तुत कर रहा हूँ. आर्टिकल शुरू करने से पूर्व आप सभी को  क्रिसमस  की हार्दिक शुभकामनाएं.

जिस तरह होली, दीपावली रक्षाबंधन हिन्दुओं के मुख्य त्योहार है इसी तरह क्रिसमस इसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व हैं. यह त्यौहार हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता हैं.

इसाई धर्म इतिहास में इस दिन को बड़े दिवस की संज्ञा दी गई हैं. इसी दिन धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्म हुआ था. इसलिए यह एक ख़ुशी का पर्व हैं.

दुनियां में सबसे अधिक लोगों द्वारा मनाए जाने वाले क्रिसमस पर्व के अवसर पर सभी लोग अपने घरों को दुल्हन की तरह सजाते हैं.

कई महीने पूर्व से उत्सव को जोर शोर से मनाने की तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं. इस अवसर पर लोग बाजार की ओर रूख करते हैं नयें कपड़ों मिठाइयों तथा उपहारों की खरीद की जाती हैं.

क्रिसमस के अवसर पर समूचा मोहल्ला खुशी के साथ पर्व मना रहा होता हैं. घर रोशनी से जगमगा उठते हैं. लोग एक दूसरे को इस पर्व की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन गॉड ईसा मसीह को समर्पित होती है इस दिन पूजा स्थलों पर विशेष प्रार्थना में लोग शामिल होते हैं.

शहर के नुक्कड़ चौराहों से प्रभु मसीह की झांकिया निकाली जाती हैं. क्रिसमस पर सभी घरों में अच्छे अच्छे पकवान बनाए जाते हैं. इस दिन हर इसाई के घर में एक क्रिसमस का पेड़ लगाया जाता है.

जो विभिन्न फूलों से सजा होता हैं इसे क्रिसमस ट्री कहा जाता हैं. लोग प्रभु के जन्मदिन को केक काटकर एक दूसरे को खिलाकर बड़े धूमधाम के साथ सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन बड़े लोग एक मजाकिया मुखोटा धारण कर बच्चों को हैप्पी क्रिसमस कहकर चाकलेट आदि देते हैं.

इस अवसर पर सांता क्लॉज का विशेष महत्व हैं. सांता क्लॉज पर लोग सवार होकर बच्चों को क्रिसमस पर उपहार देते हैं. सांता क्लॉज सात हिरणों द्वारा बिना पहिये द्वारा खीची जाने वाली एक तरह की गाड़ी हैं. हर बालक को क्रिसमस पर सांता क्लॉज का इन्तजार रहता है.

क्योंकि इसके साथ ही उसे एक शानदार गिफ्ट भी मिलने वाला होता हैं. इसलिए लोग सांता क्लॉज की परम्परा का पालन करते हुए एक अनोखी वेशभूषा में आकर बच्चों को उपहार देते है.

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क्रिसमस दिवस पर निबंध: Christmas Essay in Hindi - छोटी पंक्तियाँ और लंबे निबंध पैराग्राफ

क्रिसमस दिवस पर निबंध: यहां क्रिसमस दिवस पर निबंधों में क्रिसमस के महत्व और आनंद का अन्वेषण करें। परंपराओं, उत्सवों और शाश्वत भावना की खोज करें।.

Atul Rawal

क्रिसमस पर 10 पंक्तियाँ

  • क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने का अवसर है, जिन्हें ईसाई ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं।
  • क्रिसमस, अन्य त्योहारों की तरह, प्यार, गर्मजोशी, हँसी और एकजुटता के क्षणों का जश्न मनाने का एक आनंदमय समय है।
  • क्रिसमस को लोग अपने अनोखे अंदाज में मनाते हैं, लेकिन घरों और सड़कों को जगमगाती रोशनी से सजाना एक आम परंपरा है जिसे हर कोई निभाना पसंद करता है।
  • उपहारों का आदान-प्रदान एक और परंपरा है जिसका पालन लोग क्रिसमस पर अपने प्यार और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए करते हैं।
  • यह एक ऐसा अवसर है जो लोगों को एक साथ लाता है, समुदायों और संस्कृतियों के बीच एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है।
  • क्रिसमस स्वादिष्ट दावतों का पर्याय है, जिसमें रोस्ट टर्की, जिंजरब्रेड कुकीज़ और एग्नॉग जैसे उत्सव के व्यंजन शामिल हैं।
  • परिवार जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं और भोजन से भरी मेज पर शानदार पल बिताते हैं जो यादें बनाने के लिए एक कैनवास के रूप में काम करते हैं।
  • क्रिसमस लोगों को दयालुता, दान और स्वयंसेवा के कार्यों में शामिल होकर खुशी और सद्भावना फैलाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • शिक्षक, माता-पिता और बुजुर्ग छात्रों को इस अवसर के महत्व के बारे में बताते हैं और उन्हें कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  • यह धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे, दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक वैश्विक अवसर है।
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क्रिसमस दिवस पर 150 शब्दों में निबंध

क्रिसमस अद्वितीय और महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाला एक खुशी का अवसर है। ईसाई धर्म में पूज्य ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में हर साल 25 दिसंबर 2023 को यह दिन मनाया जाता है। ईसाई यीशु को ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं। क्रिसमस क्रिसमस की कहानी पर चिंतन करने, प्यार फैलाने, बंधनों को मजबूत करने और सद्भावना फैलाने का समय है।

अपनी धार्मिक जड़ों से परे, क्रिसमस एक वैश्विक सांस्कृतिक त्योहार के रूप में विकसित हुआ है। घरों और सड़कों को सजाना, उपहारों का आदान-प्रदान करना, पारिवारिक समारोह आयोजित करना और पारंपरिक भोजन बनाना कुछ ऐसी चीजें हैं जो लोग क्रिसमस पर करते हैं।

300 शब्दों में क्रिसमस उत्सव पर निबंध

क्रिसमस विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का मिश्रण है। क्रिसमस मनाने के कारणों की बात करें तो ईसाइयों की मान्यताओं के अनुसार यह ईसाइयों के भगवान ईसा मसीह का जन्मदिन है। इस प्रकार इस दिन का गहरा धार्मिक महत्व भी है। बाइबिल में बताई गई जन्म कथा, बेथलहम में विनम्र जन्म के बारे में बताती है, जिसमें आशा, प्रेम और मोक्ष के विषयों पर जोर दिया गया है।

अपनी धार्मिक जड़ों के अलावा यह त्यौहार सामाजिक आस्था और प्रेम के निर्माण में भी महत्व रखता है। प्रतिष्ठित क्रिसमस ट्री, अक्सर एक सदाबहार शंकुवृक्ष (Christmas tree), छुट्टियों के मौसम के दौरान सजाया जाने वाला प्राथमिक पेड़ है। यह पेड़ सर्दियों के महीनों के दौरान जीवन और आशा का प्रतीक है। परिवार अपना स्वयं का क्रिसमस ट्री लाते हैं और अपने बच्चों के साथ इसे रोशनी, आभूषणों और टिनसेल से सजाते हैं। रिमझिम रोशनी पेड़ को रोशन करती है, और रंग-बिरंगे आभूषण उत्सव का माहौल जोड़ते हैं।

क्रिसमस चिंतन और कृतज्ञता के अवसर के रूप में कार्य करता है। यह व्यक्तियों को अपने जीवन में आशीर्वाद की सराहना करने और कम भाग्यशाली लोगों पर दया करने के लिए प्रेरित करता है। कैरोल्स, उत्सव समारोहों और प्रेम की अभिव्यक्ति के माध्यम से खुशियाँ फैलाने की परंपरा इस विचार को पुष्ट करती है कि क्रिसमस गर्मजोशी और एकजुटता का मौसम है।

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  • परिवार कैसे क्रिसमस मनाता है? + परिवार क्रिसमस को विशेष भोजन, उपहारों का आदान-प्रदान और उत्सवी गतिविधियों में एक साथ आकर मनाता है। सजावटें, कैरोल गायन, और धार्मिक सेवाओं को महत्वपूर्ण परंपराएं हैं।
  • क्रिसमस का महत्व क्या है? + क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म की स्मृति के रूप में है, जो प्रेम, शांति और अच्छाइयों के विचारों को दर्शाता है। इसके अलावा, यह एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक उत्सव बन गया है जो पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
  • क्रिसमस ट्री को सजाने का कारण क्या है? + क्रिसमस ट्री को सजाना एक उत्सव सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। रौंगतें, आभूषण और टिंसल खुशी के समय का प्रतीक हैं, जबकि एक ट्री टॉपर अक्सर बेतलहम की मार्गदर्शिका को प्रतिष्ठानित करता है।
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स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर निबंध (Christmas Celebration Essay in Hindi)

Christmas Celebration-in-School

हर साल दिसंबर का महीना में हमें दो चीजों का इंतजार रहता है, एक क्रिसमस तो दूसरा नए साल के आगमन की। दिसंबर महीने में जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती है, क्रिसमस के उत्सव की रौनक भी बढ़ने लगती है। होली, दिवाली, ईद की तरह ही ईसाई धर्म के लोग इस त्यौहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है। मुख्य रूप से यह ईसाइयों का त्यौहार है, पर भारत के साथ पुरे विश्व में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर इस त्यौहार को मनाते है। क्रिसमस के साथ ही बीते साल की अच्छी विदाई और नए साल के आगमन का शुभ संकेत देती हैं।

क्रिसमस पर 10 वाक्य || क्रिसमस ट्री पर 10 वाक्य

स्कूल में क्रिसमस उत्सव 2022 पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Christmas Celebration in School 2022 in Hindi, School mein Christmas Utsav par Nibandh Hindi mein)

उम्मीद करती हूँ कि नीचे लिखे गए क्रिसमस सेलेब्रेशन 2021 पर बड़ा निबंध आपको जरूर पसंद आयेंगे और आपके स्कूल प्रोजेक्ट में काम भी आयेंगे।

Long Essay on Christmas Celebration – 1300 Words

परिचय (Introduction)

आप सभी ने यीशु मसीह का नाम अवश्य सुना या पढ़ा होगा, इन्हें भगवान के दूत के रूप में जाना जाता है। हर साल दिसम्बर के अंत में 25 तारीख को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। भारत और अन्य देशों में अन्य धर्मों के लोग इस दिन को ‘बड़ा दिन’ के रूप में मानते है। क्योंकि इस दिन से दिवस के बढ़ने की शुरुआत भी होती है। लोग इसे बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाते है, और बच्चों के लिए यह दिन खाश होता है। ऐसा माना जाता है कि ‘सांता क्लॉज’ के रूप में यीशु मसीह उन्हें आशीर्वाद और उनके लिए उपहार देने स्वयं आते हैं। बच्चे भी इस दिन सांता क्लॉज का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है।

क्रिसमस कैसे मनाते है? (How Christmas is Celebrated)

ईसाइयों के लिए यह सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार होता है। दुनियां भर के लोग इस दिन को बड़े धूम-धाम से मानते है। भारत में ईसाई लोगों की संख्या बहुत कम है, फिर भी यहां के लोग इसे बड़े जोश और उमंग के साथ मनाते है। क्योंकि यहां सभी धर्मों के लोग इसे मिलजुल कर बहुत ही प्यार और आनंद के साथ इस त्योहार को मनाते है।

यह भी पढ़ें –  क्रिसमस पर निबंध

क्रिसमस की तैयारी और त्योहार मनाना (Preparation for Christmas Festival)

इस त्योहार के आते ही लोग महीनों पहले से ही इसकी तैयारी में लग जाते है। घर सजावट के सामान, कपड़े, उपहार, मिठाइयां, और बच्चों के लिए तोहफों की खरीदारी लोग पहले से ही शुरू कर देते है। परिवार और रिश्तेदारों को देने के लिए उपहारों की खरीदारी सबके लिए बहुत रोमांचकारी होता है। हम अपने घर के पास के गिरजाघरों की सफाई और उसकी मरम्मत करवाते है। इस दिन हम एक क्रिसमस ट्री को घर पर अद्भुत और मनमोहक तरीके से सजाते है।

त्योहार में क्रिसमस का पेड़ को नये जीवन और नयी भावना का प्रतीक माना जाता है। इस दिन गीत-संगीत, प्रार्थना, नृत्य, और पार्टियों का आयोजन किये जाते है। रात्रि चर्च में यीशु की प्रार्थना के बाद लोग आपस में एक दूसरे के गले लग शुभकामनाएं और बधाइयाँ देते है। बच्चों के लिए उपहार और हम उम्र के साथ अपने विचारों का आदान प्रदान करते है। रात्रि के समय पार्टियों में खाने की व्यवस्था की जाती है।

त्योहार का इतिहास (Christmas Festival History)

क्रिसमस का यह त्योहार ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा है। माना जाता है कि लगभग 5-6 ईसा पूर्व सदी के सबसे सर्द मौसम में ईसा मसीह का जन्म मरियम के पुत्र के रूप में हुआ। जिन्हें बाद में मदर मैरी के नाम से भी जाना गया।

उस बच्चे को ईशु के नाम से जाना गया और वह बड़ा होकर लोगों में प्यार और सद्भावना को जगाने और चारों तरफ शांति के संदेश के साथ लोगों को बुराइयों से दूर रहने का सन्देश दिया। ईशु को भगवान का अवतार माना जाता है, क्योंकि उन्होंने कुवारी मरियम की गोंद से जन्म लिया था। इनके जन्म के बाद स्वर्ग के दूतों ने मरियम को उनके जन्म के सूचना दी की वे ईश्वर का रूप है।

25 दिसम्बर का दिन ईशु मसीह के जन्म का सही दिन तो नहीं दर्शाता पर इस दिन उनके बलिदान, उपदेश, जीवन ज्ञान, शांति दूत के रूप में उन्हें याद किया जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक परम्पराएं भी है।

क्रिसमस का महत्व (Significance of Christmas)

जैसा की हम सब जानते है यह ईसाईयों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। क्रिसमस त्योहार का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य और महत्त्व है।

क्रिसमस का यह उत्सव सभी के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे का सन्देश देता है। हमें आपस में सद्भाव और सौहार्द के साथ रहना सिखाता है।

क्रिसमस के त्योहार का मुख्य मकसद है बुराई को खत्म करना और अच्छें विचारों को एक दुसरे में फैलाना। हर किसी के प्रति दया-भाव रखना। क्रिसमस के माध्यम से हम अपने अच्छे विचारों दुसरों में बाटना और चारों ओर सुख और शांति फैलाना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।

मेरे स्कूल में क्रिसमस उत्सव (Christmas Celebration in my School)

हर वर्ष क्रिसमस और नए साल के जश्न का आयोजन स्कूलों में मनाया जाता है। मेरे स्कूल में भी क्रिसमस को बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। अध्यापकों से ज्यादा बच्चों में इस त्यौहार का जोश और उत्साह देखने को मिलता है। हमारा स्कूल एक मिशन स्कूल है इसलिए हमारे स्कूल के परिसर में एक चर्च भी है। हम सब बच्चे और सफाई कर्मचारी मिलकर इसकी अच्छे से साफ-सफाई करते हैं, और हमलोग इसे माला, रिबन, झालर, गुब्बारे इत्यादि से सजाते है। सभी मिलकर क्रिसमस के पेड़ को सितारों, गुब्बारों, रोशनी इत्यादि से सजाकर चर्च के पास रखते है और एक मंच को भी अच्छी तरह से सजा कर तैयार करते है।

मंच के सामने अतिथि की कुर्सियों पर हमारे शिक्षक को सम्मान के साथ बैठाया जाता है और पीछे की कुर्सियों पर हमारे स्कूल के वरिष्ठ छात्रों को बिठाया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत के साथ की जाती है और फिर ईशु के प्रार्थना गीत गायी जाती है। इसके बाद ईशु के जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया जाता है। उसके बाद संगीतकारों द्वारा क्रिसमस के कुछ संगीत प्रस्तुत किये जाते है। बाद में हमारे प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों के द्वारा भाषण कराया जाता है। भाषणों में ईशा मसीह के गुणों को बताया जाता है और सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी जाती है। तत्पश्चात हमारे ही शिक्षकों में से सांता क्लॉज बने एक शिक्षक वहां उपहारों के साथ आते है और हम सभी को हमारा उपहार देते है।

इसके बाद छात्रों को शिक्षकों द्वारा केक और खाने के लिए अन्य चीजें वितरित की जाती है। इसके साथ ही हमें क्रिसमस और नए साल की बधाइयाँ दी जाती है और ठंडी की छुट्टियों की घोषणा भी इसी समय कर दी जाती है। सभी छात्र क्रिसमस का खूब आनंद लेते है और बाद में सब एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते है।

गरीब छात्रों के लिए कार्यक्रम (Program for Poor Students on Christmas in My School)

हमारे स्कूल में क्रिसमस के कार्यक्रम वाले दिन स्कूल और स्कूल के परिसर के पास रहने वाले गरीब छात्रों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हमारे प्रधानाध्यापक द्वारा किया जाता है। हर बच्चे को नए पोशाक और मिठाइयां दी जाती हैं। उन छात्रों के मनोरंजन के लिए अलग से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, कुछ प्रस्तुतियां उनके द्वारा भी की जाती है। बाद में चैरिटी संस्थाओं द्वारा उन्हें केक, मिठाइयां, किताबों, इत्यादि का वितरण किया जाता है। उन्हें कक्षा में मुफ्त शिक्षा के लिए आमंत्रित भी किया जाता है। इन सब बातों से उनके चेहरे की खुशी देख मन को संतुष्टि मिलती है, और मन में विचार आता है कि मैं भी बड़ा होकर ऐसे ही बच्चों के हित के लिए कुछ करूँगा।

क्रिसमस संध्या (Christmas Evening Special)

मैं अपने कॉलोनी के अपने दोस्तों के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाता हूँ। सब साथ मिलकर क्रिसमस के पेड़ को अद्भुत तरीके से सजाते है। मेरी माँ द्वारा बनाये गए केक को सभी कॉलोनी के बच्चे और बड़े साथ मिलकर काटते है। सभी बच्चे और बड़े मिलकर नाचगाने के साथ खूब मस्ती करते है।

सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं देते है। बड़े लोग बच्चों को प्यार, आशीर्वाद और उन्हें उपहार देते हैं। सभी बच्चे भी मिलकर बड़ों के लिए कोई डांस या क्रिसमस प्रोग्राम करते है। बाद में सभी चर्च जाकर ईशु के सामने सभी के सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करते है।

निष्कर्ष (Conclusion)

क्रिसमस हमें प्रेम और सद्भाव के साथ रहना सिखाता हैं। यह त्यौहार गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना बताता है। हर धर्म के लोग आपसी प्रेम के साथ इस त्योहार को मनाते है। मुख्यतः यह त्योहार बच्चों को बहुत पसंद आता है। गीत-संगीत, जिंगल्स और अनेक प्रकार के तोहफे बच्चों को बहुत पसंद आते है, और सांता क्लॉस के दिए उपहार उन्हें हमेशा के लिए खुश कर जाते है।

सम्बंधित जानकारी:

  • क्रिसमस पर भाषण
  • क्रिसमस पर कविता (क्रिसमस डे पर कविता)
  • क्रिसमस पर स्लोगन (नारा)

स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on Christmas Celebration in School in Hindi)

उत्तर – 7 जनवरी को

उत्तर – लातविया के रिगा शहर में सन् 1510 में सजाया गया था।

उत्तर – सदाबहार वृक्ष डगलस, बालसम या फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री कहते है।

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Essay On Christmas In Hindi 500 Words | क्रिसमस पर निबंध PDF

Essay on christmas in hindi.

Essay On Christmas In Hindi 500 + Words (Download PDF) क्रिसमस पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए – क्रिसमस कुछ लोगो के लिए केवल अवकाश का दिन है लेकिन इसकी महानता ईसाई धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्रिसमस क्यों मनाते है और इसकी क्या विशेषताए है, तो आइये शुरू करते है – Essay on Christmas in Hindi

संसार परिवर्तनशील है कहां है – सब दिन होत न एक समान। इसी प्रकार कभी मानव अपने दैनिक कार्यों में अत्यधिक व्यस्त रहता है तो कभी विविध पर्वो द्वारा अपना मनोरंजन करता है। इसलिए विश्व के विभिन्न देशों में समय-समय पर विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं।

उनमें से कुछ त्यौहार केवल थकान मिटा कर मनोरंजन की दृष्टि से मनाए जाते हैं तो कई त्यौहार किसी महापुरुष के जीवन की घटनाओं पर आधारित होते हैं संसार में कई पर्व महापुरुषों के जन्म दिवस के रूप में भी मनाए जाते हैं। उनमें से बड़ा दिन ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। पृथ्वी पर प्रभु यीशु के जन्म की खुशियों में यह पर्व सारे संसार में मनाया जाता है।

तात्पर्य व स्वरूप

प्रभु यीशु के जन्म के दिन को क्रिसमस या बड़ा दिन के नाम से मनाया जाता है। यह पर्व विश्व भर में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह पर्व महत्त्व की दृष्टि से सबसे बड़ा है। इसकी महिमा बहुत ऊंची है। इसलिए इसको बड़ा दिन कहते हैं।

प्रभु यीशु के पैदा होने के कारण यह दिन सब के लिए सबसे बड़ा सौभाग्य का दिन है। इस दिन को विश्व भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

ईसा मसीह का जन्म

एक बार राजा की आज्ञा से जनगणना के लिए मरियम और उसके मंगेतर युसूफ वैतलहम नामक शहर में आए। सभी सराय, घर भर चुके थे। इसलिए मरियम को एक गरीब आदमी ने एक अस्तबल में स्थान दिया। उसी स्थान पर उसी रात प्रभु यीशु का जन्म हुआ।

इस प्रकार ईसा मसीह ने किसी राजमहल में जन्म ना लेकर एक ऐसे स्थान को पवित्र किया जो मनुष्य के नहीं जानवरों के रहने का था क्योंकि जगत के स्वामी ने गरीबी में आना अच्छा समझा। उन्हें गरीबों का हित करके उन्हें ऊपर उठाना था।

इसी महामानव के इस संसार में आने की खुशी में 25 दिसंबर बड़ा महत्वपूर्ण दिन समझा जाता है। इसलिए इस दिन को इसाई लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।  लेकिन यह पर्व केवल ईसाइयों का ही नहीं हर जाति व धर्म के लोगों के लिए खुशी का दिन है।

ये भी देखें – Essay on Eid in Hindi

त्यौहार मनाने की परम्परा

ईसा मसीह के बाद उनके शिष्यों ने इस त्यौहार को बड़ी खुशी के साथ मनाना शुरू किया। तब से यह पर्व प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को यीशु के जन्म दिवस के उपलक्ष में मनाने की परंपरा बन गई। 24 दिसंबर की रात्रि को 12:00 बजे से जब 25 दिसंबर का शुभारम्भ होता है, तब सारे गिरजाघर के घंटे बज उठते हैं। सबको प्रसन्नता का शुभ संदेश देते हैं।

घंटों की ध्वनि के साथ सब श्रद्धालु जनों के ह्रदय के तार प्रसन्नता के साथ झंकृत हो जाते हैं। घंटों की यह ध्वनि प्रभु यीशु के जन्म होने का संदेश देती है। उसके तुरंत बाद गिरजा घरों में प्रार्थना सभाएं होती हैं। उसमें सभी श्रद्धालु जन शामिल होते हैं।

इसी प्रार्थना सभा में प्रार्थना करके सभी लोग एक दूसरे को बधाई देते हुए इस वर्ष का शुभारम्भ करते हैं। अर्थात 24 दिसंबर रात्रि 12:00 बजे के बाद से 25 दिसंबर के शुभ आरम्भ होते ही यह पर्व मनाना शुरू हो जाता है क्योंकि ऐसी धारणा है कि ईसा मसीह का जन्म भी ठीक 12:00 बजे रात्रि को हुआ था।

त्यौहार मनाने की विधि

यह दिन शुद्ध व पवित्र दिन है। इसाई लोग 25 दिसंबर को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। अपने घरों को पहले से स्वच्छ करके सजाते हैं। 24 तारीख की रात्रि से ही यीशु के आने की खुशी में घरों को भी प्रकाश से जगमगाते हैं।

सभी स्त्री-पुरुष बाल, वृद्ध इस दिन के लिए अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुकूल नए-नए वस्त्र बनवाते हैं। इस अवसर पर नये सामान लाने की परम्परा भी है। घर में नए-नए स्वादिष्ट पकवान बनते हैं। मिठाईयां बनती हैं। इस दिन एक दूसरे को मिठाई बांटी जाती है। सभी घरों में दिन भर चहल-पहल रहती है।

ये भी देखें – Essay on Holi in Hindi

गिरजाघरो कि शोभा तो देखते ही बनती है। वे चकमक होकर ईसा मसीह का मनो संदेश दे रहे हो। 25 तारीख को लोग गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। उसमें प्रभु का धन्यवाद क्रिसमस गाते हैं। लोग घर-घर जाकर, गाने गाकर इस शुभ संदेश को दूसरे तक पहुंचाते हैं।

प्रेम का पर्व

बड़ा दिन प्रेम व प्यार का दिन है जो सबको ईसा के प्रेम का संदेश देता है। इस दिन लोग घर-घर जाकर एक दूसरे को बधाई देते हैं। अन्य धर्म के लोग भी अपने इसाई भाइयों के घर जाकर उन्हें बड़े दिन की बधाई देते हैं और गले मिलते हैं। ईसा मसीह ने इस दिन पृथ्वी पर आकर सबको प्यार का संदेश दिया। उन्होंने पृथ्वी की दुखी आत्माओं को प्यार की सरस बून्द देकर उन्हें शांति प्रदान की।

इस अवसर पर केवल त्यौहार को मना लेना है ख़ुशी नहीं हैं। इस पर्व को मनाना सार्थक तभी होगा जब लोग ईसा मसीह के दिए हुए संदेशों को अपने व्यवहारिक जीवन में चरितार्थ करें। यीशु मसीह ने लड़ना नहीं सिखाया, जोड़ना सिखाया, प्रेम सिखाया, सबको सहनशीलता का पाठ पढ़ाया। हम सब प्रभु यीशु का श्रद्धा पूर्वक नमन करते हैं।

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Q&A. Essay on Christmas in Hindi

हम क्रिसमस दिवस क्यों मनाते हैं.

उत्तर – क्रिसमस दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाता है और यह एक पवित्र और धार्मिक त्यौहार है। ईसाई क्रिसमस दिवस को यीशु के जन्म की वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं।

क्रिसमस सबसे पहले कहाँ मनाया गया?

उत्तर – सबसे पहला रिकॉर्ड किया गया क्रिसमस उत्सव 25 दिसंबर, 336 ईस्वी को रोम में मनाया गया था।

क्रिसमस सबसे अच्छी छुट्टी क्यों है?

उत्तर – क्रिसमस एक छुट्टी का दिन है। दुनिया में इससे बेहतर और कोई भावना नहीं है जब परिवार और दोस्त एक साथ आते हैं और एक दूसरे को अपने प्यार का जश्न मनाने के लिए उपहार देते हैं। इसलिए क्रिसमस सबसे अच्छी छुट्टी है।

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क्रिसमस पर निबंध – Christmas Essay in Hindi

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क्रिसमस ईसाइयों का सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार है तथा भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है। इस दिन प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म दिवस मनाया जाता है। ईसा मसीह ‘ईश्वर के पुत्र’ कहलाते हैं, जो इस धरती पर मानव जाति की बुराई से रक्षा के लिए आए थे। वे मानव जाति के लिए सबसे बड़े मार्गदर्शक, उपदेशक व उपचारक थे। उन्होंने संसार को शांति, प्रेम व धैर्य का संदेश दिया।

ईसा के जन्म का यह उत्सव 336 ई- से मनाया जा रहा है। ‘क्रिसमस’ या ‘एक्स-मस’ शब्द ‘क्राइस्ट मास’ से लिया गया गया है।

ईसा मसीह धरती पर आए

ईसा मसीह का जन्म इज़रायल के बैथलहम में मदर मैरी के घर हुआ ।

इज़रायल में नाज़रेथ नामक छोटा-सा गांव था । वहां जोसफ नामक बढ़ई रहता था । उसका मैरी नामक युवती से विवाह होने वाला था ।

एक दिन देवदूत मैरी के पास आया और कहा, “ईश्वर ने अपने पुत्र को धरती पर भेजने का निर्णय ले लिया है उन्होंने तुम्हें अपने पुत्र की माता के रूप में चुना है ।”

देवदूत ने मैरी से यह भी कहा कि वह बालक का नाम ‘जीसस’ रखे । मैरी यह सुनकर प्रसन्न व रोमांचित हो उठी । वह अपने-आपको धन्य मान रही थी ।

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जोसफ विवाह से पूर्व ही मैरी के गर्भवती होने का समाचार सुनकर चौक गया । यहां तक कि उसने विवाह तोड़ने का भी फैसला ले लिया ।

देवदूत गैबरियाल ने उसके सपने में आकर कहा, “हे जोसफ! कृपया मैरी को छोड़ने का विचार मन में मत लाओ । वह पवित्र है, तभी ईश्वर ने उसे अपने पुत्र की माता बनने के लिए चुना है । मैरी को पत्नी के रूप में स्वीकार लो ।”

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जोसफ ने देवदूत के आदेश को मानकर मैरी से विवाह कर लिया । कुछ माह बाद वहां के राजा ने आदेश दिया कि सभी लोगों को नई कर पद्धति के लिए अपना पंजीकरण कराना होगा । इसके लिए उन्हें अपने जन्मस्थान जाने का निर्देश दिया गया ।

जोसफ व मैरी नाज़रेथ से बैथलहम रवाना हुए । मैरी खच्चर पर थी और जोसफ पैदल चल रहा था । उन्होंने बैथलहम पहुंचने के लिए कई मील लंबी यात्रा की । जब वे वहां पहुंचे तो रात घिर आई । मैरी भी काफी थकी हुई थी । शिशु के जन्म का समय भी समीप ही था ।

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मैरी व जोसफ ने सराय में रहने के लिए स्थान खोजा, पर कोई जगह खाली न थी । जोसफ ने सराय वाले को मैरी की हालत के बारे में बताया । सराय के मालिक ने उन्हें तरस खाकर पहाड़ियों के पास खाली गुफाओं का रास्ता दिखा दिया । एक गुफा में अस्तबल भी था । जोसफ ने उसे ही साफ किया और रहने का प्रबंध कर लिया ।

अगली रात मैरी ने एक पुत्र को जन्म दिया । शिशु के चेहरे पर दिव्य आभा थी । देवदूत के कहे अनुसार, उसका नाम ‘जीसस’ रखा गया ।

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जैसे ही जीसस का जन्म हुआ, बैथलहम के आकाश में एक सितारा तीव्रता से चमकने लगा । एक देवदूत गड़रियों के झुंड के सामने प्रकट हुआ । उसने ईश्वर के पुत्र जीसस के जन्म की घोषणा की । माना जाता है कि तीन बुद्धिमान व्यक्तियों को दिव्य संदेश मिला था कि ईश्वर-पुत्र धरती पर आ चुका है । वे उस सितारे का पीछा करते-करते बैथलहम आ पहुंचे ताकि जीसस के दर्शन कर सकें ।

जल्द ही जीसस के जन्म का समाचार चारों ओर फैल गया । बड़े होकर ईश्वर के पुत्र ईसा ने शांति व प्रेम का संदेश दिया । उन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया ।

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क्रिसमस का समारोह

क्रिसमस की तैयारियां कई सप्ताह पहले ही आरंभ हो जाती हैं । यह त्योहार 24 दिसंबर की शाम से नव वर्ष तक मनाया जाता है ।

घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई आदि करवाई जाती है । यह प्रेम व एकता का त्योहार है । लोग अपने पड़ोसियों, मित्रें व संबंधियों से मिलते हैं और परस्पर उपहारों का आदान-प्रदान होता है ।

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सुबह के समय लोग चर्च जाते हैं व ईसा का स्तुतिगान करते हैं । शाम को केक व कुकीज़ के अलावा कई तरह के स्वादिष्ट पकवान परोसे जाते हैं । लोग ‘मैरी क्रिसमस’ कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं । वे सारी रात नाचते-गाते और मस्ती करते हैं ।

क्रिसमस से एक माह पहले ही घरों, दुकानों, कार्यालयों, स्कूलों व शॉपिंग मॉलों में रंग-बिरंगे गुब्बारों, रिबनों व रोशनी से सजावट की जाती है । बाजार में इस त्योहार के लिए क्रिसमस के उपहार, कपड़े, केक, कुकीज़ व कई तरह के दूसरे सामान आ जाते हैं । हर जगह से खुशियों के गीत कैरोल की धुन सुनाई देते हैं ।

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इस त्योहार पर मित्रें, पड़ोसियों व रिश्तेदारों को ग्रीटिंग कार्ड देने की भी परंपरा है । इन कार्डों में जीसस, मदर मैरी व जोसफ आदि के चित्र खूबसूरती से दर्शाए जाते हैं ।

बच्चे स्कूल में अध्यापकों व मित्रें को देने के लिए स्वयं ग्रीटिंग कार्ड बनाते हैं ।

क्रिसमस से अगले दिन ‘बाक्सिंग डे’ होता है । इस दिन गिरजाघर अपने दान बॉक्स खोलते हैं ताकि त्योहार पर मिले उपहार व दान राशि को निकाल सकें । ये पैसा व उपहार गरीबों में बांट दिए जाते हैं । यह दिन दान देने के लिए होता है ।

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क्रिसमस ट्री

क्रिसमस ट्री एक पाइन या फर का पेड़ होता है, जिसे रोशनी, उपहारों, पैकेट, रिबन, घंटियों और रूई से बनी नकली बर्फ से सजाया जाता है ।

एक प्रसंग के अनुसार, एक अंग्रेज संत बोनीफेस जर्मनी की यात्र कर रहे थे । उन्होंने कुछ लोगों को देखा, जो छोटे बच्चे की बलि चढ़ा रहे थे । उन्होंने पेड़ को जोर से ठोकर मारी व बलि को रोक दिया । उस पेड़ के गिरते ही वहां फर का नन्हा-सा पौधा सामने आ गया । उन्होंने उसे ‘ट्री ऑफ क्राइस्ट’ का नाम दे दिया, तभी से क्रिसमस पर पाइन या फर ट्री सजावट की परंपरा चली आ रही है ।

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बच्चों का प्यारा-सांता क्लाज़

क्रिसमस का नाम आते ही सबसे पहले सांता क्लाज़ का नाम ध्यान में आता है । यह चरित्र बच्चों को बेहद लुभाता है । सांता क्लाज़ को एक प्यारे-से मोटे बूढ़े आदमी के रूप में दिखाया जाता है । जो लाल रंग के कपड़े, लंबी टोपी पहनता है । उसके चेहरे पर सफेद लंबी दाढ़ी होती है । उसकी पीठ पर झोले में बच्चों के लिए तोहफे होते हैं । वह अपनी स्लेज पर उत्तरी ध्रुव से आता है, जिसे रेंडियर खींचते हैं । उसके हाथ में एक घंटा होता है । बच्चों का मानना है कि सांता क्लाज़ क्रिसमस से एक दिन पहले उपहार देने आता है ।

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सांता क्लाज़ या फादर क्रिसमस का यह प्यारा-सा रूप संत निकोलस पर आधारित है । वे मायरा (वर्तमान तुर्की) में ईसाई नेता थे । वे निर्धनों से बहुत स्नेह रखते थे तथा दयालु स्वभाव के थे । एक दिन वे एक गरीब लड़की की मदद करना चाहते थे । उन्होंने चुपके से धन की थैली, चिमनी के रास्ते उसके घर में फेंक दी । वह थैली चिमनी के नीचे पटाव में जा गिरी ।

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तभी से माना जाता है कि सांता क्लाज़ चिमनी के रास्ते घर में आते हैं व लंबी जुराबों में उपहार छिपा जाते हैं । बाद में संत निकोलस, फादर क्रिसमस के रूप में लोकप्रिय हो गए, जो बच्चों में उपहार बांटते थे । यहां तक कि आज भी इस परंपरा का पालन होता है व लोग मोटे सांता क्लाज़ का रूप लेकर बच्चों व बूढ़ों में उपहार बांटते हैं ।

पूरी दुनिया के बच्चे सांता क्लाज़ का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं । वे अपनी प्रार्थनाओं के दौरान अपनी इच्छाएं व मांगें प्रकट करते हैं व उम्मीद करते हैं कि सांता क्लाज़ उन्हें पूरा करेगा । सांता क्लाज़ का प्रिय गीत हैः

‘जिंगल बैल्स…जिंगल बैल्स, जिंगल ऑल द वे,

सैंटा क्लाज़ इज कमिंग अराउंड राइडिंग ऑन हिज़ स्लेज ।’

(घंटा बजाओ – घंटा बजाओ, सारे रास्ते में,

सेंटा क्लाज़ आता है लंबी गाड़ी में ।)

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क्रिसमस-तब और अब

क्रिसमस सही मायनों में ईसा मसीह का दिन है । यह उनके द्वारा दिए गए प्रेम, दया व शांति के संदेश को याद करने का दिन है । हमें सच्चे मन व श्रद्धा से उनकी प्रार्थना करनी चाहिए व उनके उपदेशों को जीवन में अपनाना चाहिए ।

सभी देशों में अब शांतिपूर्ण प्रार्थनाओं के बजाय महंगी खरीददारी, तोहफों, दावतों व मौज-मस्ती पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा है ।

मौज-मस्ती करना समारोह का अंग है, पर हमें इस दिन ईश्वर को स्मरण करना नहीं भूलना चाहिए । दावतों व तोहफों पर अधिक धन व्यय करने के बजाय हमें गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए ।

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पवित्र बाइबिल में ईसा मसीह की जीवनी व कथाएं दी गई हैं । हमें उनके जीवन से शिक्षा लेते हुए सदा दूसरों के प्रति दयालु रहना चाहिए । ईसा मसीह ने पूरे जगत को एक ही संदेश दिया था – शांति व प्रेम का प्रसार करना ।

मैरी क्रिसमस!

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Christmas Essay in Hindi: जानिए क्रिसमस पर परीक्षाओं में पूछे जाने वाले निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 4, 2023

Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस मुख्य रूप से एक ईसाई त्योहार है, जो यीशु मसीह के जन्म के जश्न के रूप में मनाया जाता है। बाइबिल में वर्णित क्रिसमस की कहानी, ईसाइयों के लिए क्रिसमस समारोह का एक केंद्रीय हिस्सा है। सदियों से, क्रिसमस विभिन्न संस्कृतियों में गहराई से रच-बस गया है। कई देशों ने, यहां तक कि अल्पसंख्यक ईसाई आबादी वाले देशों ने भी क्रिसमस परंपराओं को अपनाया है, जैसे उपहार देना, पेड़ों को सजाना और उत्सव के भोजन। इस बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कई बार विद्यार्थियों को क्रिसमस पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। Christmas Essay in Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

क्रिसमस पर निबंध सैंपल 1, क्रिसमस पर निबंध सैंपल 2, क्रिसमस के पीछे का इतिहास, क्रिसमस की तैयारी, क्रिसमस के दिन का उत्सव, क्रिसमस पर 10 लाइन्स.

क्रिसमस प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला एक विशेष दिन है। यह ईसाइयों के लिए एक सांस्कृतिक त्योहार है, जो मदर मैरी से यीशु के जन्म का प्रतीक है। यीशु का जन्म एक अस्तबल में हुआ था और बाद में वह एक अच्छे चरवाहे के रूप में जाने गए। क्रिसमस पर कई देशों में सार्वजनिक अवकाश होता है और केवल ईसाई ही नहीं बल्कि विभिन्न संस्कृतियों के लोग भी इस उत्सव में शामिल होते हैं। क्रिसमस के पीछे मुख्य विचार यीशु के जीवन की चुनौतियों और बलिदानों को याद करना है। यह लोगों के बीच आपसी तालमेल, दयालुता और समझ, एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने का समय है।

Christmas Essay In Hindi पर सैंपल 2 नीचे दिया गया है-

रोमन कैलेंडर का शीतकालीन संक्रांति, 25 दिसंबर के आसपास होता है, जब हम दुनिया भर में यीशु के जन्म का जश्न मनाते हैं। यह त्यौहार खुशी से मनाया जाता है, जो हमें याद दिलाता है कि प्रभु का आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है। यीशु का जन्म उन लोगों के लिए आशा लाने के लिए हुआ था जो पीड़ित थे। उनके जन्म से कई लोगों की मुश्किलें खत्म हो गईं।  क्रिसमस के दौरान, हर कोई अन्य गतिविधियों को छोड़कर जश्न मनाने के लिए एक साथ आता है।

क्रिसमस के दौरान क्रिसमस ट्री को सजाना सबसे रोमांचक हिस्सा है।  लोग इसे सुंदर आभूषणों, घंटियों और आभूषणों से सजाते हैं। उपहारों का आदान-प्रदान एक आम परंपरा है और बच्चों को अक्सर बताया जाता है कि सांता क्लॉज़ उनके लिए उपहार लाते हैं। क्रिसमस बच्चों को जरूरतमंद लोगों की मदद करके साझा करना और दयालु होना सिखाता है। लोग कम सामर्थ्य वाले लोगों की भी सहायता करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि हर कोई इस अद्भुत त्योहार का आनंद ले सके।

क्रिसमस पर निबंध सैंपल 3

Christmas Essay In Hindi सैंपल 3 नीचे दिया गया है:

क्रिसमस एक प्रसिद्ध ईसाई त्यौहार है जो दिसंबर में होता है और विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह सजावट और सांता क्लॉज़ के लिए जाना जाता है। “क्रिसमस” शब्द का अर्थ है “ईसा मसीह का पर्व।” लोग हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने के लिए इसे मनाते हैं।  यह दुनिया भर की कई संस्कृतियों के लिए एक बड़ी बात है। जबकि क्रिसमस सभी ईसाई देशों में मनाया जाता है, प्रत्येक देश का इस विशेष दिन को मनाने का अपना तरीका होता है।

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है तथा इसने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। रोम में पहला उत्सव 336 ई. के आसपास हुआ था। यह 300 के दशक में एरियन विवाद के दौरान महत्वपूर्ण हो गया। हालाँकि, प्रारंभिक मध्य युग में, एपिफेनी ने क्रिसमस पर रोक लगा दी थी।

लगभग 800 ई. में, क्रिसमस का महत्व फिर से बढ़ गया जब क्रिसमस के दिन सम्राट शारलेमेन को ताज पहनाया गया। 17वीं शताब्दी में, प्यूरिटन लोगों ने दुर्व्यवहार से जुड़े होने के कारण क्रिसमस पर प्रतिबंध लगा दिया।

वर्ष 1660 के आसपास क्रिसमस एक आधिकारिक अवकाश बन गया, फिर भी कई लोगों के लिए इसका आदर करना कठिन था। फिर बाद में 1900 के दशक की शुरुआत में, एंग्लिकन कम्युनियन चर्च के भीतर ऑक्सफोर्ड आंदोलन ने क्रिसमस के पुनरुद्धार में योगदान दिया।

क्रिसमस एक उत्सव का समय है जिसमें बहुत सारी तैयारियाँ शामिल होती हैं।  यह सार्वजनिक अवकाश है, इसलिए लोगों को जश्न मनाने के लिए छुट्टी मिल जाती है।

लोग क्रिसमस की तैयारी जल्दी से शुरू कर देते हैं, इसलिए उत्सव क्रिसमस की एक दिन पहले शाम पर शुरू हो जाता है, इसे क्रिसमस इव कहा जाता है।  तैयार होने में सजावट, भोजन और उपहार खरीदना शामिल है, खासकर बच्चों और दोस्तों के लिए।  कुछ परिवारों को सभी के लिए मैचिंग पोशाकें भी मिलती हैं।

सामान्य तैयारियों में घर को क्रिसमस ट्री और रोशनी से सजाना शामिल है। सजावट करने से पहले घर की अच्छे से सफाई की जाती है। क्रिसमस ट्री इस त्यौहार की सजावट का एक विशेष हिस्सा है।

उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे लपेटे हुए बक्सों में रखा जाता है। वे उपहार क्रिसमस के दिन तक उसी के नीचे रहते हैं। बड़े आयोजन के लिए चर्चों को भी सजाया जाता है और उनकी सफ़ाई भी की जाती है। क्रिसमस के दिन के लिए गाने और प्रदर्शन की योजना बनाई गई है।

लोग अक्सर क्रिसमस पर बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं, इसलिए बचत करना तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।  इस दौरान परिवार साथ रहने के लिए यात्रा की योजना भी बनाते हैं। लोग अपने दोस्तों और परिवार को छुट्टियों की शुभकामनाएं देने और प्यार दिखाने के लिए भी कार्ड लिखते हैं।

क्रिसमस के दौरान, आप अक्सर रेडियो और टीवी पर क्रिसमस कैरोल सुनते हैं। कई परिवार चर्च जाकर प्रेयर करते हैं और गीतों का आनंद लेना शुरू करते हैं।  उसके बाद वे एक दूसरे के लिए लाए उपहारों का आदान-प्रदान करने और स्वादिष्ट भोजन और संगीत के साथ उत्सव को मनाने के लिए अपने परिवारों के साथ इकट्ठा होते हैं।  क्रिसमस के दौरान का आनंद सचमुच अनोखा होता है।

क्रिसमस के दिन पारंपरिक प्लम केक, कपकेक और मफिन जैसे विशेष घरेलू व्यंजनों का आनंद लिया जाता है।  बच्चों को ढेर सारे उपहार और नए कपड़े मिलते हैं।  उन्हें ‘सांता क्लॉज़’ जैसे लाल और सफेद रंग की पोशाक पहने किसी व्यक्ति से भी मिलने का मौका मिलता है, जो गले लगाकर और उपहार देकर उनका स्वागत करता है।

क्रिसमस हमें देने और अपने दोस्तों और परिवार के साथ खुशी भरा समय बिताने के मौका देता है।  यह हमें याद दिलाता है कि यीशु के जन्म से दुनिया में कुछ अद्भुत चीज़ की शुरुआत हुई।  इस दिन लोग अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करते हैं और यह ईश्वर के दिए उपहारों सराहना करने का समय है।  भले ही क्रिसमस मूल रूप से एक ईसाई त्योहार है, फिर भी दुनिया भर में सभी धर्मों के लोग इसे मनाते हैं।  क्रिसमस की भावना ही सभी को एक साथ लाती है।

Christmas Essay In Hindi जानने के बाद अब क्रिसमस पर 10 लाइन्स जान लेते हैं, जो नीचे दी गई हैं-

  • क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म के सम्मान में 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता है।
  • यह खुशी, प्यार और परिवार और दोस्तों के साथ आनंद लेने का समय है।
  • क्रिसमस पर पेड़ों को रोशनी और गहनों से सजाने की परंपरा सदियों पुरानी है।
  • सांता क्लॉज़ क्रिसमस से जुड़ा एक प्रिय व्यक्ति है, जो दुनिया भर के बच्चों के लिए उपहार लाता है।
  • छुट्टियों की खुशियाँ फैलाने के लिए क्रिसमस पर प्रेयर और उत्सव गीत गाए जाते हैं।
  • इस मौसम में कई लोग प्यार और उदारता के प्रतीक के रूप में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
  • क्रिसमस की दावत में अक्सर पारंपरिक व्यंजन जैसे रोस्ट टर्की, हैम और उत्सव की मिठाइयाँ शामिल होती हैं।
  • क्रिसमस की पूर्व संध्या पर परिवार अक्सर आधी रात की चर्च सेवाओं में शामिल होते हैं, जिन्हें मिडनाइट मास के रूप में जाना जाता है।
  • कई संस्कृतियों में, छुट्टियों के मौसम को रंगीन सजावट और चमचमाती रोशनी से चिह्नित किया जाता है।
  • क्रिसमस की भावना दया, करुणा और देने की खुशी के बारे में है।
   
   

क्रिसमस 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हालाँकि यीशु के जन्म की सही तारीख ज्ञात नहीं है, 25 दिसंबर को प्रारंभिक ईसाइयों द्वारा सैटर्नलिया के रोमन त्योहार के साथ मेल खाने के लिए चुना गया था।

क्रिसमस ट्री सर्दियों के मौसम में जीवन और प्रकाश का प्रतीक है। इसकी उत्पत्ति जर्मनिक बुतपरस्त परंपराओं में हुई है और बाद में ईसा मसीह के माध्यम से जीवन के प्रतिनिधित्व के रूप में ईसाइयों द्वारा इसे अपनाया गया था।

क्रिसमस पर उपहारों के आदान-प्रदान की परंपरा बाइबिल की उस कहानी से प्रेरित है जिसमें तीन बुद्धिमान व्यक्ति शिशु यीशु के लिए उपहार लाते हैं। यह छुट्टियों के मौसम में लोगों के लिए प्यार और उदारता व्यक्त करने का एक तरीका बन गया है

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क्रिसमस डे पर निबंध 2021 Essay on Christmas in Hindi

इस लेख में क्रिसमस डे पर निबंध 2021 (Essay on Christmas in hindi) हिन्दी में दिया गया है। जो बेहद ही सरल तथाआकर्षक रूप से लिखा गया है। 

Table of Content

क्रिसमस त्योहार के विषय में जानकारी Information about Christmas Festival in Hindi

क्रिसमस को अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे- भारत और पड़ोसी देशों में इसे बड़ा दिन, क्रिसमस तथा नाताल के नामों से जाना जाता है। क्रिसमस भारत के साथ समस्त देशों में एक सार्वजनिक त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है? Why Christmas is Celebrated in Hindi?

क्रिसमस डे की तैयारियां कई दिनों पहले से ही बड़ी ही धूमधाम से शुरू हो जाती हैं और लोग अपनी घरों तथा दुकानों को सजाते है तथा क्रिसमस की सामग्री बेचते है।

2018 Christmas Festival Essay in Hindi क्रिसमस त्यौहार पर निबंध, महत्त्व व इतिहास

क्रिसमस डे का महत्व Importance of Christmas Day in Hindi

भारत के जिन क्षेत्रों में ईसाइयों की बहुलता है, वहाँ की रौनक देखने योग्य होती है, जैसे – छत्तीसगढ़, गोवा उत्तराखंड, नागालैंड आदि जगहों पर दिसंबर शुरू होते ही चर्च, गिरजाघर और दुकानें सजने सवरने लगती हैं और प्रभु यीशु की चित्रकारी, सांता क्लॉज और उनकी टोपियां आदि सामग्रियों की खूब बिक्री होने लगती है।

क्रिसमस डे का उत्सव कैसे मनाया जाता है? How Christmas is Celebrated?

सभी गिरजाघरों में यीशु मसीह की बहुत ही सुंदर-सुंदर झांकियां सजाई जाती हैं जिन्हें देखने के लिए विदेशों से भी सैलानियों का मेला सा लग जाता है। 24 दिसंबर की रात आराधनालयों में मोमबत्तियाँ सजाई जाती है और यीशु की प्रार्थनाएँ की जाती है। 

टॉप 10 क्रिसमस डे कैरोल Top 10 Christmas Carol in Hindi

1. जिंगल बेल्स – जिंगल जिंगल बेल्स जिंगल ऑल द वे ओह व्हाट फन इट्स टू राइड…

 5.  डैक द हेल्स फा ला ला ला ला ला फा ला ला ला ला ला ओह नो नो…..

 9. हार्क द हेरेल्ड एंजेल सिंग ग्लोरी टू द न्यू बोर्न किंग…

क्रिसमस डे पर 10 लाइनें 10 Lines on Christmas in Hindi

10+ क्रिसमस डे के विषय में कुछ ज़बरदस्त तथ्य few interesting points facts about christmas festivals, निष्कर्ष conclusion, हैप्पी क्रिसमस डे पर सुंदर चित्र शेयर करें.

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क्रिसमस पर निबंध |Christmas in Hindi

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क्रिसमस पर निबंध |Christmas in Hindi!

क्रिसमस ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है । ईसाई समुदाय के लिए इस त्योहार का वही महत्व है जो हिंदुओं के लिए दशहरा तथा दीपावली का है । यह त्योहार विश्वभर में फैले ईसा मसीह के करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लाता है तथा उनके बताए हुए मार्गों व उच्च आदर्शों पर चलने हेतु प्रेरित करता है ।

क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष अंग्रेजी महीने के अनुसार दिसंबर की 25 तारीख को मनाया जाता है क्योंकि प्रभु ईसा मसीह का जन्म इसी शुभ तिथि में हुआ था । ईसा मसीह ऊँच-नीच के भेदभाव को नहीं मानते थे । अत: क्रिसमस का पावन पर्व भी किसी एक का नहीं अपितु उन सभी का है जो उनके समर्थक हैं तथा उन पर आस्था रखते हैं ।

इस त्योहार के कई दिनों पूर्व ही लोगों में उत्साह और उल्लास की झलक देखने को मिल जाती है । इस पावन दिन के अवसर पर सभी अपने घरों को नाना प्रकार के पुष्पों झालरों व तस्वीरों से सजाते हैं । बाजार व दुकानों में चहल-पहल देखते ही बनती है ।

इस त्योहार पर ‘क्रिसमस-ट्री’ सजाने का विशेष महत्व है । यूरोपीय देशों में तो इसकी सजावट व भव्यता देखते ही बनती है । भारत में भी इसके महत्व को अब विस्तृत रूप से देखा जा सकता है । परिवार के सभी सदस्य इस दिन ‘क्रिसमस-ट्री’ के चारों और एकत्रित होते हैं । सभी मिलकर प्रभु ईसा मसीह का स्तुतिगान तथा प्रार्थना करते हैं।

इस अवसर पर ईसाई अपने घरों को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाते हैं और विभिन्न प्रकार के पकवान बनाकर पड़ोसियों को भेंट करते हैं तथा खुद भी खाते हैं । बच्चों के लिए शांताक्लाज कोई न कोई उपहार अवश्य लाता है क्योंकि ईसा मसीह स्वयं बच्चों से बहुत स्नेह रखते थे ।

अब तो भारत में क्रिसमस के त्योहार का आनंद सभी समुदायों के लोग उठाने लगे हैं जिससे सामाजिक सद्‌भाव की अभिवृद्‌धि होती है । सभी समुदायों के लोग एक-दूसरे को क्रिसमस की शुभकामनाएँ देते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

ईसा मसीह को परमेश्वर का दूत माना जाता है । वे संसार के दीन-दुखियों का दु:ख दूर करने तथा ईश्वर के वास्तविक स्वरूप को दूसरों के समक्ष प्रकट करने हेतु अवतरित हुए थे । प्रारंभ में उन्हें अनेक कठिनाइयाँ आईं परंतु बाद में धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी । उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से संसार में व्याप्त अंधविश्वास, अज्ञानता, दुख आदि को दूर करने का प्रयास किया ।

लोग उन्हें ‘मुक्ति प्रदान करने वाले’ के रूप में जानने लगे । उनकी बढ़ती हुई ख्याति व समर्थन ने तत्कालीन यहूदी शासकों को चिंतित करना प्रारंभ किया । अपनी अज्ञानता के कारण उन्हें लगा कि ईसा मसीह लोगों को गलत उपदेश देकर भड़का रहे हैं ।

फलस्वरूप वे ईसा मसीह के विरोश् गई हो गए । अंतत: उन्हें धर्म की मर्यादा का उल्लंघन तथा जनता को गुमराह करने का आरोप लगाकर कठोर यातना देते हुए शूली पर लटका दिया गया । ईसाइयों का विश्वास है कि प्रभु ईसा मसीह अपने कथनानुसार तीसरे दिन पुन: जीवित हो गए थे । इसमें मानवता के कल्याण की भावना निहित थी।

प्रभु ईसा मसीह ने सादा जीवन व्यतीत करते हुए भी जो उच्च आदर्श इस संसार के सम्मुख रखे हैं वे आज भी अनुकरणीय हैं तथा चिरकाल तक अनुकरणीय रहेंगे । ईसा मसीह ने अपना सर्वस्व परमेश्वर के लिए समर्पित कर दिया था । संसार में व्याप्त दुख, विषमताओं तथा अज्ञानता को दूर करने के लिए वे सदैव प्रयासरत रहे ।

यह त्योहार सभी हृदयों को पवित्रता के भाव से ओत-प्रोत करता है और हमें प्रेरित करता है कि अनेक कठिनाइयों का सामना करने पर भी हमें सन्मार्ग का त्याग नहीं करना चाहिए तथा दूसरों को भी पवित्रता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए यथासंभव सहयोग करना चाहिए ।

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क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

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क्रिसमस, जिसे हिंदी में ‘नाताल’ के रूप में भी जाना जाता है, ईसाई धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और यह सिर्फ ईसाईयों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व भर में मनाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पर्व बन चुका है।

Table of Contents

क्रिसमस का इतिहास

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी शुरुआत का संबंध यीशु मसीह के जन्मदिन से है। इतिहासकारों और धार्मिक परंपराओं के अनुसार, ईसाई धर्म के संस्थापक यीशु मसीह का जन्म करीब 2000 वर्ष पहले बेथलहम नगर में हुआ था। यीशु, ईसाई समुदाय के अनुसार, परमेश्वर के पुत्र और मानवता के उद्धारकर्ता माने जाते हैं।

प्रारंभिक ईसाईयों ने यीशु के जन्मदिन को विभिन्न तिथियों पर मनाया, लेकिन चौथी सदी के अंत तक, 25 दिसंबर को क्रिसमस के रूप में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई। इसका कारण यह है कि इस तिथि को रोमन साम्राज्य में पहले से ही बहुत सारे त्योहार मनाए जाते थे, जैसे कि सैटर्नालिया और मिथ्रा का जन्मदिन। ईसाई धर्म के विस्तार के साथ, क्रिसमस भी यूरोप, एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में फैल गया और विभिन्न संस्कृतियों ने इसे अपने-अपने तरीके से मनाना शुरू किया।

क्रिसमस की तैयारी

क्रिसमस का पर्व केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि इसकी तैयारी कई सप्ताह पहले से शुरू हो जाती है। इस दौरान लोग अपने घरों को सजाते हैं, विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और अनेक प्रकार के उत्सव मनाते हैं।

क्रिसमस सजावट का प्रमुख अंग है क्रिसमस ट्री । यह एक पेड़ होता है जिसे रंग-बिरंगे बल्बों, तारों, और अन्य सजावटी सामग्री से सजाया जाता है। इसके अलावा, घरों में खूबसूरत रोशनी, जेबा (माला), और विशेष डेकोरेशन आइटम्स लगाए जाते हैं।

विशेष व्यंजन

क्रिसमस के अवसर पर कई प्रकार के विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं। इनमें टर्की, केक, कुकीज, और विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ शामिल होती हैं। अनेक परिवार इस दिन विशेष भोजन का आयोजन करते हैं और इसे अपने प्रियजनों के साथ साझा करते हैं।

रिलीजियस गतिविधियाँ

क्रिसमस की शुरुआत धार्मिक सेवा (मास) से होती है, जहां चर्च में विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं। इन प्रार्थनाओं में प्रभु यीशु के जन्म का बखान और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलू शामिल होते हैं। ईसाई समुदाय के लोग चर्च में जाकर अपने भगवान की महिमा करते हैं और धन्यवाद ज्ञापन करते हैं।

क्रिसमस और सांता क्लॉस

क्रिसमस का एक और महत्वपूर्ण पहलू है सांता क्लॉस , जिसे बच्चों में विशेष रूप से लोकप्रियता हासिल है। सांता क्लॉस की कहानी उत्तरी ध्रुव से है, जहां वह बच्चों के लिए उपहार बनाने में व्यस्त रहते हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर, सांता क्लॉस अपने रेनडियर के साथ यात्रा करते हैं और घर-घर जाकर बच्चों को उपहार बांटते हैं।

सांता क्लॉस की परंपरा का आरंभ यूरोप में हुआ और बाद में यह अमेरिका और अन्य देशों में भी प्रचलित हो गया। यह परंपरा संत निकोलस से जुड़ी हुई है, जो बच्चों को उपहार देने के लिए प्रसिद्ध थे। सांता क्लॉस बच्चों के लिए खुशियों की प्रतीक है और क्रिसमस के उत्साह को और बढ़ा देता है।

विश्व भर में क्रिसमस

क्रिसमस का पर्व केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक उत्सव भी है जो दुनियाभर में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। आइए, देखते हैं कि विभिन्न देशों में क्रिसमस को कैसे मनाया जाता है:

अमेरिका में क्रिसमस बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ इस दिन परिवार और मित्रों के साथ समय बिताने की परंपरा है। सांता क्लॉस का बच्चों को उपहार देना और क्रिसमस ट्री सजाना भी यहां बहुत प्रचलित है।

यूरोप के विभिन्न देशों में क्रिसमस को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जर्मनी में क्रिसमस बाजार बहुत प्रसिद्ध हैं, जहां से लोग क्रिसमस सजावट और उपहार खरीदते हैं। इंग्लैंड में क्रिसमस के दिन केक और पुडिंग बनाने की परंपरा है।

ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस गर्मियों में आता है, इसलिए यहां की परंपराएँ थोड़ी अलग होती हैं। लोग समुद्र तट पर जाते हैं, पिकनिक मनाते हैं और बारबेक्यू करते हैं।

भारत में भी क्रिसमस मनाने का एक विशेष अंदाज है। यहाँ बड़े शहरों में चर्च सजाए जाते हैं और विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं। गोवा, केरल और मुंबई जैसे स्थानों में क्रिसमस बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

क्रिसमस के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

क्रिसमस का समाज और संस्कृति पर गहरा प्रभाव है। इस पर्व ने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अपनी एक विशेष पहचान बनाई है।

समाजिक एकजुटता

क्रिसमस का पर्व धार्मिक भिन्नता के बावजूद लोगों को एकजुट करने का काम करता है। इस दिन लोग अपने परिवार, मित्र और समाज के अन्य सदस्यों के साथ समय बिताते हैं, जो सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देता है।

आर्थिक प्रभाव

क्रिसमस का आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण प्रभाव है। इस पर्व के दौरान बहुत सारी खरीदारी होती है, जिसमें उपहार, सजावट सामग्री, और खाद्य पदार्थ शामिल हैं। यह बाजार और व्यापार के लिए एक बूस्टर की तरह काम करता है।

संस्कृति का प्रसार

क्रिसमस के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और परंपराएँ समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं। इससे एक विश्वव्यापी सांस्कृतिक समृद्धि होती है।

क्रिसमस के आधुनिक पहलू

आज का क्रिसमस पारंपरिक मान्यताओं से हटकर एक आधुनिक उत्सव का रूप ले चुका है। इस दिन न केवल धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, बल्कि विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

मीडिया और मनोरंजन

क्रिसमस के समय मीडिया और मनोरंजन उद्योग भी काफी सक्रिय हो जाता है। फिल्मों, गानों, और कार्यक्रमों के माध्यम से क्रिसमस की खुशी को और बढ़ाया जाता है।

सामाजिक मीडिया

सोशल मीडिया के प्रसार के साथ, क्रिसमस का उत्साह अब ऑनलाइन भी देखा जा सकता है। लोग इस अवसर पर विशेष पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें शेयर करते हैं, जो क्रिसमस के आनंद को और बढ़ा देती हैं।

क्रिसमस के अद्वितीय परंपराएँ

क्रिसमस के अवसर पर कई ऐसी अद्वितीय परंपराएँ भी हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं। आइए, जानते हैं कुछ ऐसी ही परंपराओं के बारे में:

एडवेंट कैलेंडर

एडवेंट कैलेंडर एक विशेष प्रकार का कैलेंडर होता है जिसका उपयोग दिसंबर के महीने में क्रिसमस की गिनती करने के लिए किया जाता है। यह कैलेंडर खासकर बच्चों के बीच बहुत लोकप्रिय है और इसमें छोटे-छोटे उपहार या चॉकलेट्स छिपे होते हैं।

क्रिसमस पटाखे

क्रिसमस पटाखों का प्रचलन इंग्लैंड में हुआ और अब यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह पटाखे छोटे कैप्सूल होते हैं जो टूटते समय एक जोर का धमाका करते हैं और इनमें से छोटे-छोटे उपहार निकलते हैं।

मिस्टलेटो एक प्रकार की छोटी पौधे की डाल होती है, जिसे क्रिसमस के दौरान घर में टांगा जाता है। परंपरा के अनुसार, इसे देखकर जो दो लोग इसके नीचे खड़े होते हैं, उन्हें एक-दूसरे को किस करना होता है।

क्रिसमस न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह समाज, संस्कृति, और आर्थिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्व हमें प्रेम, सौहार्द और एकजुटता का संदेश देता है। चाहे आप किसी भी धर्म या संस्कृति के हों, क्रिसमस का उत्सव हर किसी के लिए ख़ुशियाँ और उमंग लेकर आता है।

आशा है कि यह विस्तृत निबंध आपको क्रिसमस के महत्व और उसकी विविधताओं के बारे में जानने में मदद करेगा।

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क्रिसमस पर निबंध | Essay on Christmas in Hindi 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

by Meenu Saini | Nov 1, 2023 | General | 0 comments

Essay on Christmas in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Christmas (क्रिसमस )

क्रिसमस  पर निबंध –  इस लेख में हम क्रिसमस का क्या अर्थ है, क्रिसमस का हमारे जीवन में क्या महत्व है, क्रिसमस का त्योहार हमें क्या संदेश देता है के बारे में जानेंगे | क्रिसमस दुनियाभर में मनाया जाने वाला पर्व है, जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से यीशु मसीह के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है।। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में क्रिसमस पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में क्रिसमस पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250, 350, और 1500 शब्दों में अनुच्छेद / निबंध दिए गए हैं।

  • क्रिसमस पर 10 लाइन
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

   

क्रिसमस पर 10 लाइन 10 lines on Christmas in Hindi

  • हम 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। 
  • क्रिसमस के इस स्वर्गीय दिन पर ईसा मसीह का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन को एक त्योहार के रूप में मनाते हैं।
  • क्रिसमस मुख्य रूप से ईसाइयों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है  लेकिन ये पूरी दुनिया में दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है
  • क्रिसमस के त्यौहार को बड़ा दिन कहकर भी पुकारा जाता है।
  • क्रिसमस के दिन लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है और एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है।
  • इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड देने की परंपरा भी है।
  • हम क्रिसमस ट्री को सजाते हैं और उसके ऊपर एक स्टार भी लगाते हैं।
  • हर साल इस दिन बच्चे सांता क्लॉज़ के आने का इंतज़ार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे।
  • हम दरवाजे पर मोज़ा लगाते हैं और अपने पसंदीदा उपहारों की कामना करते हैं।
  • क्रिसमस सभी के लिए एक मज़ेदार, दिव्य और पवित्र त्योहार है।

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Short Essay on Christmas in Hindi  क्रिसमस  पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में .

क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। स्कूलों में, यह दिन मौज-मस्ती, सीखने और हँसी-मज़ाक से भरा होता है।

इस दिन स्कूलों में बड़े उत्साह के साथ बच्चे गाना गाते हैं। क्रिसमस ट्री को सितारों, घंटियों और उपहारों से सजाया जाता है। कक्षाओं को रंगीन रोशनी और कागज के बर्फ के टुकड़ों से सजाया गया है।

छात्र कैरल गायन में भाग लेते हैं और ईसा मसीह के जीवन पर नाटक करते हैं। वे जन्म के दृश्य के विभिन्न पात्रों की तरह कपड़े पहनते हैं, जिससे कहानी जीवंत हो जाती है। एक सांता कार्यक्रम के उत्साह बढ़ाने आता है। छात्र प्यार और खुशी फैलाते हुए उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। स्कूल में क्रिसमस मौज-मस्ती, सीखने और देने की भावना का मिश्रण है, जो इसे एक यादगार कार्यक्रम बनाता है।

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क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

हर साल 25 दिसंबर को विश्व ईसाई समुदाय द्वारा ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में क्रिसमस मनाया जाता है।  यह ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है और सबसे अधिक प्रतीक्षित भी।

इस त्योहार की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल दिसंबर के महीने में दुनिया भर में अरबों रुपये के उपहार और अन्य सामान बेचे जाते हैं, ज्यादातर पश्चिमी देशों में। क्रिसमस तीन दिनों का त्योहार होता है। क्रिसमस बस ईसाइयों का त्योहार नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सारे धर्मों के लोगों का त्योहार है। 

क्रिसमस यीशु को याद करने और उनकी पूजा के लिए कुछ समय निकालने का समय है। यह जीसस क्राइस्ट की शिक्षाओं और उन्होंने मानवता को क्या सिखाने की कोशिश की, इस पर आत्मनिरीक्षण करने का समय है। इसलिए, क्रिसमस गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एकजुटता और करुणा की भावना के साथ मनाया जाता है। लोग जरूरतमंदों को पैसे और खाना देते हैं, हर संभव तरीके से उनकी मदद करते हैं।    Top    

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को ईसाई समुदाय द्वारा हैलोवीन के बाद मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है।  यह ईश्वर के पुत्र ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। क्रिसमस को कई देशों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में और कुछ में वैकल्पिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

अमेरिका में क्रिसमस को स्कूलों, कॉलेजों और यहां तक कि कार्यालयों में लंबी छुट्टी के रूप में मनाया जाता है।  क्रिसमस की तैयारियां चीड़ के पेड़ की खरीद से शुरू होती हैं जिसे क्रिसमस ट्री के नाम से जाना जाता है। परिवार अपनी आवश्यकताओं और घर के अनुरूप क्रिसमस ट्री की खरीदारी में घंटों बिताते हैं।

इस क्रिसमस ट्री को रोशनी, लैंप और अन्य छोटी वस्तुओं से सजाया जाता है। बच्चों और परिवार के लिए उपहार भी आश्चर्य के रूप में इसकी शाखाओं पर लटकाए जाते हैं।

क्रिसमस का एक और सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण अलाव और आधी रात के करतब हैं। त्यौहार के दिन, परिवार खुले में एक बड़े अलाव की व्यवस्था करता है, जहाँ वे परिवार और दोस्तों के साथ जश्न मनाते हैं।  वे आग के चारों ओर दावत करते हैं, नृत्य करते हैं और क्रिसमस कैरोल गाते हैं।

क्रिसमस का सबसे महत्वपूर्ण पहलू देना और साझा करना है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को उपहार और भोजन वितरित करने के लिए समय और पैसा लगाते हैं। यह त्यौहार किसी को भी पीछे न छोड़ते हुए एक साथ मनाने का प्रयास करने का आह्वान करता है।   Top    

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्योहार है। यह मुख्य रूप से ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों का त्योहार है, लेकिन यह सभी के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। भारत में इस त्योहार के प्रति बहुत आकर्षण है क्योंकि यह अपने साथ ढेर सारी खुशियाँ, मौज-मस्ती और आनंद लेकर आता है। 

बच्चे क्रिसमस का बहुत आनंद लेते हैं क्योंकि उन्हें अपने बड़ों से उपहार, मिठाइयाँ आदि मिलती हैं। भारत के कई राज्य जैसे दक्षिण में केरल, तमिलनाडु, पश्चिम में गोवा, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, असम और भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश में इस त्योहार का विशेष आकर्षण है।

इन राज्यों में ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या काफ़ी अधिक है;  इस प्रकार क्रिसमस के मौसम के दौरान ये स्थान अत्यंत सुंदर हो जाते हैं। क्रिसमस पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी लोकप्रिय है क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल के दौरान कोलकाता राजधानी थी और अंग्रेज कोलकाता में काफी उत्साह के साथ मनाते थे।

क्रिसमस समारोह

क्रिसमस यीशु मसीह के जन्मदिन के सम्मान में मानवता और सद्भाव के स्वामी के रूप ने मनाया जाता है। इस प्रकार, क्रिसमस के मौसम के दौरान हर कोई अपनी दुश्मनी भूल जाता है और अपने प्यारे भगवान का जन्मदिन बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाने के लिए एक साथ आता है। मिठाइयाँ बाँटकर उन्होंने यह संदेश दिया कि हमारे कर्म समान रूप से फलदायी होने चाहिए और किसी भी प्रकार के द्वेष या द्वेष की भावना से रहित होने चाहिए। 

क्रिसमस ट्री और सांता क्लॉज़ इस त्योहार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। एक विशाल देवदार या देवदार के पेड़ को चमक, चॉकलेट, उपहार, मिठाइयों आदि से सजाया जाता है। शहर विभिन्न प्रकार की रोशनी से रोशन हो जाते हैं। क्रिसमस त्यौहार का जुनून और आकर्षण साल दर साल बढ़ता जा रहा है और यह अब भारत के राष्ट्रीय त्यौहारों में से एक बन गया है।   Top  

Long Essay on Christmas in Hindi क्रिसमस पर निबंध (1500 शब्दों में)

त्योहार मनाने का तरीका, बुतपरस्त संस्कृति का जुड़ाव.

  • संता क्लॉज कौन है?

क्रिसमस का इतिहास

क्रिसमस ईसाइयों का सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय त्योहार है, जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है।  क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाता है, जिसमें वे देश भी शामिल हैं जहां आबादी ज्यादातर गैर-ईसाई है। इनमें से कुछ क्षेत्रों में, विदेशी सांस्कृतिक प्रभाव ने स्थानीय लोगों को भी छुट्टियाँ मनाने के लिए प्रेरित किया है। जापान एक अच्छा उदाहरण है जहां क्रिसमस लोकप्रिय है, भले ही वहां केवल कुछ ही कैथोलिक हैं। यह त्योहार विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच आम हो गया है और हर कोई इस त्योहार के क्षणों का आनंद लेना पसंद करता है। 

बच्चों को क्रिसमस का त्यौहार बहुत पसंद होता है क्योंकि उस दिन उन्हें अपने सांता से ढेर सारे उपहार मिलते हैं।  क्रिसमस पर बच्चों को सांता क्लॉज और उपहारों का इंतजार रहता है। भारत में भी क्रिसमस ईसाइयों और गैर-ईसाइयों द्वारा समान उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।   Top    

ईसाइयों का मानना है कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था और ईसा मसीह के जन्म की याद में वे इसे मनाते हैं। लोगों की मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ईश्वर के पुत्र थे और ईसा मसीह द्वारा दी गई सीख को लोग आज भी याद करते हैं।

जिस तरह हिंदू अपने घरों की सफाई करके और अपने देवताओं की पूजा करके दिवाली मनाते हैं, उसी तरह ईसाई क्रिसमस से पहले चर्च और अपनी दुकानों की सफाई करते हैं और क्रिसमस के दिन स्तुति के माध्यम से यीशु को याद करते हैं। क्रिसमस मनाने वाले लोगों द्वारा चर्च और क्रिसमस ट्री को रंगीन रोशनी, गेंदों, रिबन, गुब्बारों, मोमबत्तियों और फूलों से खूबसूरती से सजाया जाता है।

चर्च जाना और मोमबत्तियाँ जलाकर यीशु मसीह की पूजा करना क्रिसमस के आवश्यक भागों में से एक है।  न केवल ईसाई बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी दोस्तों और परिवार के साथ चर्च जाते हैं, मोमबत्तियाँ जलाते हैं और चर्च की सजावट देखने का आनंद लेते हैं।  लोग एक-दूसरे को उपहार देकर इस दिन को मनाते हैं और इस दिन क्रिसमस कैरोल भी गाते हैं। सबसे प्रसिद्ध कैरोल्स में से एक जो हमने सुना और गाया है वह है “जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल ऑल द वे”।

क्रिसमस की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इस त्योहार पर लोग गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कपड़े और उपहार खरीदते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं और एक-दूसरे को “मेरी क्रिसमस” कहकर शुभकामनाएं देते हैं। इसके अलावा, वे अपनी सभा के दौरान उपहार और भोजन भी साझा करते हैं।

बच्चों के लिए, क्रिसमस उपहारों और सांता क्लॉज़ के बारे में है।  बच्चों का मानना है कि सांता उनका दोस्त है जो उनके लिए उपहार लाता है। उनका मानना है कि सांता रात में आएंगे और उनके लिए उपहार छोड़ जाएंगे। बच्चे इस दिन और सांता के तोहफों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।   Top    

पहले के समय में, लोग शीतकालीन त्योहार मनाते थे, और यह कई यूरोपीय बुतपरस्त संस्कृतियों में लोकप्रिय था।  उदाहरण के लिए, कहा जाता है कि उत्तरी यूरोप में सेल्ट्स ने इन शीतकालीन समारोहों में मिस्टलेटो और आइवी का उपयोग शुरू किया था, जिसे हम आधुनिक क्रिसमस के साथ बड़े पैमाने पर जोड़ते हैं।

यूल नाम का त्योहार नॉर्स और एंग्लो सैक्सन द्वारा सर्दियों में मनाया जाता था और यूल शब्द आज भी क्रिसमस से जुड़ गया है।  कहा जाता है कि आधुनिक क्रिसमस उत्सव के कई तत्व इन बुतपरस्त यूल उत्सवों से उत्पन्न हुए हैं।  यूल सूअर और बकरियां आम खाद्य पदार्थ थे और कुछ क्षेत्र आज भी क्रिसमस पर इन खाद्य पदार्थों को खाते हैं।  प्राचीन यूल लॉग, जो भोजन नहीं है, एक पेड़ का वास्तविक लकड़ी का लॉग था जिसे स्थानीय लोगों ने त्योहार के प्रतीक के रूप में चुना और जला दिया।

क्रिसमस पेड़ों को घर लाने और उन्हें सजाने की संस्कृति मध्ययुगीन लिवोनिया और जर्मनी से भी आती है।  कैथोलिक चर्च ने लंबे समय तक इस प्रथा का विरोध किया, जिसे सबसे पहले लूथरन प्रोटेस्टेंट चर्च ने अपनाया और रोमन कैथोलिक धर्म से अलग कर दिया। यह वर्ष 1982 था जब वेटिकन में पहली बार क्रिसमस ट्री खड़ा किया गया था।   Top    

संता क्लॉज कौन है? 

शायद क्रिसमस के पेड़ के साथ सभी का सबसे बड़ा रिवाज, यह आंकड़ा लगभग हर किसी को क्रिसमस के साथ जोड़ता है, सांता क्लॉस है। सांता क्लॉस की कहानी ने सैकड़ों साल पहले निकोलस नामक एक भिक्षु के साथ शुरू किया था। ऐसा माना जाता है कि वह वर्ष 280 में अब तुर्की में रहते थे; एक आदमी ने अपनी पवित्रता और दयालुता की प्रशंसा की, उन्होंने अपनी सभी विरासत में धन दिया और जरूरत में मदद करने के आसपास यात्रा की। 

पुनर्जागरण द्वारा, सेंट निकोलस यूरोप के सबसे लोकप्रिय संतों में से एक था और शायद क्रिसमस के उत्सव के साथ उनके सहयोग में योगदान दिया गया। दिसंबर में भी अपनी मृत्यु की सालगिरह पर अपने दावत दिवस का जश्न मनाने के लिए एक रिवाज था। 

18 वीं शताब्दी के अंत में, सेंट निकोलस अमेरिकी संस्कृति में लोकप्रिय हो गए। यह न्यू यॉर्क में एक समाचार पत्र में सेंट निकोलस की मौत की सालगिरह का सम्मान करने के लिए रिपोर्ट किया गया था, कुछ डच परिवार दिसंबर 1873 में इकट्ठे हुए थे। 

डच सेंट निकोलस को उनके उपनाम “सिंटर क्लास” और नाम सांता क्लॉस द्वारा बुलाता था यहां से विकसित हुआ। फिर वह दिसंबर में आम उत्सव के कारण न्यूयॉर्क के संरक्षक संत बन गए। तथ्य यह है कि वह एक संत की जरूरत वाले लोगों को उपहार देने और बच्चों के संरक्षक संत भी से जुड़ा हुआ था। अंत में सेंट निकोलस क्रिसमस के उत्सव से जुड़ा हुआ था। 

एक फिलाडेल्फिया की दुकान में सांता क्लॉस का एक मॉडल स्थापित किया गया था, और यह हजारों बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र था क्योंकि वे केवल यह देखने के लिए आए थे। इसके तुरंत बाद, कई अन्य लोगों ने सांता के आंकड़े के उदाहरण का पालन किया, फिर फिल्मों और गानों में अपना रास्ता बना दिया और क्रिसमस से जुड़े सांस्कृतिक आइकन बन गए। 

लाल वस्त्रों में उनका चित्रण तत्काल नहीं था; वह आमतौर पर सफेद, हरे, या नीले रंग में चित्रित किया गया था। लाल केवल बाद में कोका-कोला के उपयोग के साथ एक विज्ञापन अभियान में ब्रांड के लाल रंग के साथ ड्रेसिंग के साथ आया। यही कारण है कि हम उत्तरी ध्रुव को क्यों जोड़ते हैं क्योंकि उनका घर ज्यादातर थॉमस नास्ट के कारण होता है, एक अमेरिकी कार्टूनिस्ट जिसने हार्पर की साप्ताहिक पत्रिका के लिए कई क्रिसमस चित्र बनाए। 

1863 में, इस क्षेत्र में रेनडियर की उपस्थिति ने सांता क्लॉस के आंकड़े के साथ भी सहयोग किया। अमेरिका के सांस्कृतिक प्रभुत्व के कारण, क्रिसमस के साथ सांता को सहयोगी की यह परंपरा दुनिया भर में क्रिसमस समारोह में विस्तारित हुई। 

अन्य देशों में क्रिसमस और उपहार देने से जुड़े अन्य आंकड़े भी हैं। जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में, एक परी जैसी आकृति, क्राइस्टकिंड या क्रिस क्र्रेसिंग, बच्चों को उपहार देने के लिए माना जाता है। 

स्कैंडिनेविया में, ऐसा माना जाता था कि यूल थॉम्पसन नामक एक एल्फ था जो एक स्लीघ में आया था जिसे बकरियों ने खींच लिया था, और उसने बच्चे को उपहार दिया। 

फिनलैंड में, योलो बुकी मूल रूप से फिनिश लोकगीत में कुछ हद तक बुराई आकृति थी, जिसका नाम यूल बकरी के रूप में वर्णित था, जो स्वादिष्ट रूप से चित्रित करता था। उन्होंने अंततः इसे एक और नियमित सांता में बदल दिया है। 

इटली में, ला बेफाना नामक एक चुड़ैल के बारे में एक बहुत प्रसिद्ध कहानी है जो एक ब्रूमस्टिक पर आता है और चिमनी से बच्चों के लिए उपहार छोड़ देता है।    Top    

क्रिसमस के उत्सव के संबंध में पूरे यूरोप में एक मिश्रित (नकारात्मक और सकारात्मक) परंपरा है। 

जब तक यह उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के साथ-साथ अफ्रीका और एशिया तक पहुंच गया, तो पुराने महाद्वीप में इसका उत्सव पूरी तरह से स्थापित किया गया था। फिर भी, पूरे मध्य युग में, कुछ अपवाद थे। मध्य युग के दौरान, लोग एपिफेनी नामक एक त्यौहार मनाते थे, जिसे मैगी की यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता था। यह 6 जनवरी को मनाया गया था। 

इसे कई देशों में तीन राजा दिवस भी कहा जाता था क्योंकि यह वह दिन था जब तीन राजा यीशु से मिलने गए और उन्हें कई उपहारों के साथ भी उपहार दिया। उदाहरण के लिए, स्पेनिश अभी भी इस दिन के लिए बहुत महत्व देता है, लेकिन जल्द ही क्रिसमस ने दिसंबर में सभी परंपराओं पर हावी होना शुरू कर दिया। 

क्रिसमस के 12 दिनों में एक शनिवार अनुष्ठान की नकल में मनाया जा रहा था। एक परंपरा के बाद राजा एडमुंड और राजा विलियम के अनुसार सम्राट चार्लीमेन को क्रिसमस के दिन ही ताज पहनाया गया था।

समय बीतने के साथ, क्रिसमस एक महत्वपूर्ण अवकाश में बदल गया। 1337 में इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय द्वारा एक दावत का आयोजन किया गया था और उस दावत में 300 भेड़ें और 28 बैलों को दावत में आए लोगों ने खा लिया था।  दिलचस्प बात यह है कि उन दिनों लोग केवल उन्हीं लोगों को उपहार देते थे जो उनके साथ कानूनी संबंध रखते थे। राजाओं द्वारा धार्मिक अवकाश मनाने के महान उत्सव ने शायद आम लोगों को एक अभ्यास के रूप में अधिक से अधिक ऐसा करने के लिए प्रभावित किया।  उपहारों का आदान-प्रदान अभी भी केवल 6 जनवरी को ही किया जाता था।  

25 दिसंबर की दावत के बाद, यूरोप में 16-17वीं सदी के सुधार के दौरान, कई प्रोटेस्टेंटों ने 24 या 25 तारीख को उपहारों के आदान-प्रदान की परंपरा को बदल दिया और उन्हें वितरित करने के लिए अन्य बनावटी आंकड़े बनाए। क्रिसमस पर प्रतिबंध लगाने की कुछ अवधियों का पालन चर्च में अधिक शुद्धतावादी प्रवृत्तियों के साथ किया गया, लेकिन ये बहुत संक्षिप्त थे, और जल्द ही, विशिष्ट या पिछली परंपराओं की ओर वापसी हुई।

यूके में, क्रिसमस दिवस 1834 में बैंक अवकाश बन गया, और साथ ही, इस समय, उन्होंने जर्मन में जन्मी रानी चार्लोट के हाथों में क्रिसमस ट्री का उपयोग करने की प्रथा शुरू की और जल्द ही यह दुनिया भर में एक परंपरा बन गई।

यह क्रिसमस का एक संक्षिप्त इतिहास है, यह क्या है, इसका उत्सव पहली बार उभरा, यह शुरुआत में क्या था, यह विशिष्ट तारीख (यानी, 25 दिसंबर) को चुना गया था, जिसमें से कई आधुनिक क्रिसमस सीमा शुल्क आते हैं, मूर्तिपूजक त्यौहारों के साथ उनके सहयोग, शीतकालीन त्यौहार प्राचीन और मध्ययुगीन यूरोप, यह पूरे समय विकसित हुआ, और सांता क्लॉस का इतिहास। हमें क्रिसमस के बारे में सभी आवश्यक जानकारी जाननी चाहिए। 

इस आलेख में लगभग सभी क्रिसमस से संबंधित पहलुओं को शामिल किया गया है और संक्षेप में आपको क्रिसमस और इसकी कहानी को समझने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, इसमें इसी तरह के समारोहों को शामिल किया गया है जो अभी भी गैर-धार्मिक और अन्य धर्मों के उन लोगों में होते हैं, जो क्रिसमस या पास के मनाए जाने के लिए कम या ज्यादा समान होते हैं

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क्रिसमस त्यौहार पर निबंध (Christmas Day Festival Essay In Hindi)

क्रिसमस त्यौहार पर निबंध (Christmas Day Festival Essay In Hindi)

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क्रिसमस डे पर निबंध (Christmas Day Essay In Hindi)

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Christmas Essay in Hindi | क्रिसमस

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Krasnodar Krai, Russia

The capital city of Krasnodar krai: Krasnodar .

Krasnodar Krai - Overview

Krasnodar Krai is a federal subject of Russia located in the south-west of the country, part of the Southern Federal District. Krasnodar is the capital city of the region.

The population of Krasnodar Krai is about 5,687,400 (2022), the area - 75,485 sq. km.

Krasnodar krai flag

Krasnodar krai coat of arms.

Krasnodar krai coat of arms

Krasnodar krai map, Russia

Krasnodar krai latest news and posts from our blog:.

13 September, 2021 / Park "Krasnodar" - one of the best parks in Russia .

4 April, 2019 / Cities of Russia at Night - the Views from Space .

14 April, 2018 / Parus (Sail) Rock - a natural monument near Gelendzhik .

21 December, 2016 / Flying over diverse Russia .

29 October, 2016 / Krasnodar - the view from above .

More posts..

News, notes and thoughts:

8 July, 2012   / Unexpected flooding that occurred on July 6-7 in Krasnodar krai killed at least 150 people mostly in small town of Krymsk. The water level in Krymsk region rose to 7 meters, entire villages were washed away. The situation is exacerbated by the fact that the flood occurred at night, when most people were asleep in their homes.

History of Krasnodar Krai

The territory of today’s Krasnodar Krai was inhabited as early as the Paleolithic, about 2 million years ago. It was inhabited by various tribes and peoples since ancient times. There were several Greek colonies on the Black Sea coast, which later became part of the Kingdom of the Bosporus. In 631, the Great Bulgaria state was founded in Kuban. In the 8th-10th centuries, the territory was part of Khazaria.

In 965, the Kievan Prince Svyatoslav defeated the Khazar Khanate and this region came under the power of Kievan Rus, Tmutarakan principality was formed. At the end of the 11th century, in connection with the strengthening of the Polovtsy and claims of Byzantium, Tmutarakan principality came under the authority of the Byzantine emperors (until 1204).

In 1243-1438, this land was part of the Golden Horde. After its collapse, Kuban was divided between the Crimean Khanate, Circassia, and the Ottoman Empire, which dominated in the region. Russia began to challenge the protectorate over the territory during the Russian-Turkish wars.

More historical facts…

In 1783, by decree of Catherine II, the right-bank Kuban and Taman Peninsula became part of the Russian Empire after the liquidation of the Crimean Khanate. In 1792-1793, Zaporozhye (Black Sea) Cossacks resettled here to protect new borders of the country along the Kuban River. During the military campaign to establish control over the North Caucasus (Caucasian War of 1763-1864), in the 1830s, the Ottoman Empire for forced out of the region and Russia gained access to the Black Sea coast.

Prior to the revolutionary events of 1917, most of the territory of present Krasnodar krai was occupied by the Kuban region, founded in 1860. In 1900, the population of the region was about 2 million people. In 1913, it ranked 2nd by gross harvest of grain, 1st place for the production of bread in the Russian Empire.

Kuban was one of the centers of resistance after the Bolshevik revolution of 1917. In 1918-1920, there was a non-Bolshevik Kuban People’s Republic. In 1924, North-Caucasian Krai was founded with the center in Rostov-on-Don. In 1934, it was divided into Azov-Black Sea Krai (Rostov-on-Don) and North Caucasus Krai (Stavropol).

On September 13, 1937, the Azov-Black Sea region was divided into Rostov Oblast and Krasnodar Krai that included Adygei Autonomous Oblast. During the Second World War, the region was captured by the Germans. After the battle for the Caucasus, it was liberated. There are about 1,500 monuments and memorials commemorating heroes of the war on the territory of Krasnodar Krai.

In 1991, the Adygei Autonomous Oblast withdrew from Krasnodar Krai and became the Republic of Adygea.

Beautiful nature of Krasnodar Krai

Sunflower field in Krasnodar Krai

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Krasnodar Krai landscape

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Author: Vladislav Shutyy

On the coast in the Krasnodar region

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Krasnodar Krai - Features

Krasnodar Krai is located in the south-western part of the North Caucasus. The territory is washed by the Azov and Black Seas. The length of the region from north to south - 327 km, from west to east - 360 km. The Republic of Adygea, another federal subject of Russia, is located entirely within the Krasnodar region.

The Kuban River divides Krasnodar Krai into two parts: the northern - lowland (2/3 of the territory), located on the Kuban-Azov plain, and the southern - foothills and mountains (1/3 of the territory), located in the western highlands of the Greater Caucasus. The highest point is Mount Tsakhvoa (3,345 m).

The population is concentrated in the basin of the Kuban (also known as the Cossack land). The main cities and towns of Krasnodar Krai are Krasnodar (974,000), Sochi (433,500), Novorossyisk (277,000), Armavir (186,000), Anapa (95,900), Eisk (83,200), Kropotkin (76,300), Gelendzhik (75,100), Slavyansk-na-Kubani (67,200), Tuapse (60,400).

Krasnodar Krai is the warmest region of Russia. The climate is mostly temperate continental, on the Black Sea coast from Anapa to Tuapse - semi-arid Mediterranean climate, south of Tuapse - humid subtropical. Winters are mild and summers are hot. The average temperature in January in the plains is minus 3-5 degrees Celsius, on the Black Sea coast - 0-6 degrees Celsius, in July - plus 22-24 degrees Celsius.

Krasnodar Krai - Economy and Tourism

There are reserves of oil, natural gas, iodine-bromine water, marble, limestone, sandstone, gravel, silica sand, iron ore, rock salt, mercury, gypsum, gold. Krasnodar krai is Russia’s oldest oil producing region (since 1865).

The local economy is based on the industrial, construction, fuel and energy, agriculture, transport, resort and recreational, tourist sectors.

The seaports of the Krasnodar region provide direct access, through the Azov and the Black Seas, to international trade routes and handle more than 35% of foreign trade and transit cargoes of all Russian seaports. The air gateway of the region is Krasnodar International Airport (Pashkovsky Airport) - one of the largest airports in Russia.

Tourism is an important sector of the economy of Krasnodar krai. It is actively developing on the coast of the Black and Azov Seas, as well as in mountain and steppe districts of the region. The main centers of tourism are the resorts of federal significance (Sochi, Gelendzhik and Anapa) and the resorts of regional significance (Yeisk, Goryachiy Klyuch and Tuapse district).

Due to a combination of favorable climatic conditions, availability of mineral waters and curative mud, Krasnodar krai is the most popular resort and tourist region of Russia and in fact the only one in Russia seaside spa and recreational center.

Krasnodar krai of Russia photos

Krasnodar krai scenery.

Cretaceous rocks in Krasnodar Krai

Cretaceous rocks in Krasnodar Krai

Steep cliffs on the coast in the Krasnodar region

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Author: Aleksey Kleymenov

Country road in Krasnodar Krai

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Pictures of Krasnodar Krai

Memorial Field of Cossack glory in Kushchevskaya village in Krasnodar Krai

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Jet fighter monument in the Krasnodar region

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Village in Krasnodar Krai

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  • Type: City with 447,000 residents
  • Description: city in Krasnodar Krai, Russia
  • Categories: resort town , seaside resort , big city , city or town , human settlement and locality
  • Location: Krasnodar Krai and Adygea , Southern Russia , Russia , Eastern Europe , Europe
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Unsettled Identity Negotiations: The Armenian Diaspora in Krasnodar Krai

Profile image of Ulrike Ziemer

This chapter, based on ethnographic fieldwork, explores cosmopolitanism through the prism of unifying and dividing processes and their impact on the identity of young Armenians living within the Armenian community in southern Russia's Krasnodar krai. The empirical research presented shows the ways in which cosmopolitan practices allow young Armenians to draw selectively on a variety of discursive cultural meanings, enabling them to combine sameness and difference into their everyday lives. Sameness is understood in terms of belonging to the Armenian diaspora – a discourse of unity that is encouraged by Armenian voluntary organizations and the Armenian Apostolic Church. Conversely, difference is the result of diverse narratives of migration, different places of origin and different dialects of Armenian language which all serve to form a hierarchy of power within the Armenian diaspora in Krasnodar krai.

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In this paper, we explore the role of the early 20 th century Armenian genocide and the unresolved Karabakh conflict of the 1990s in identity among the new generation of Armenian diaspora-those who grew up after the establishment of the independent Armenian state in 1991. We draw on original interviews with diasporic youth in France, the United Kingdom and Russia-diasporas which were largely built in the aftermath of the genocide and the Karabakh war. Diaspora youth relate to these events through transmitted collective memories, but also reconnect with the distant homeland's past and present in new ways as they engage with new possibilities of transnational digital communication and mobility. Their experiences of identity shed light on how the new generation of diasporic Armenians defines itself in relation to the past; how this past is (re)made present in their interpretations of the Karabakh conflict and in everyday behaviors; and how diasporic youth experience the dilemmas of 'moving on' from traumatic narratives that for a long time have been seen as foundational to their identity.

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My dissertation explores the conditions and actions that led to the transformation of a post-genocide Armenian dispersion into a transnational diaspora. Over time, banishment and mistreatment had forced large numbers of Armenians to abandon their ancestral homes in the Ottoman Empire. The most decisive manifestation of such displacement was the deportations and wholesale massacres during WWI, retrospectively defined as genocide, which resulted in large concentrations of survivors in the Middle East, Europe and the Americas. Using histories of Armenian communities and institutions, the Armenian language periodical press, and the information acquired through in-depth interviews with notable diaspora Armenians in Lebanon, France and the United States, I analyze the formative impact that changing international and host-country specific socio-political conditions have had on the ways in which Armenian elites and institutions defined and redefined their attitudes towards Soviet Armenia; how competing discourses on conceptions of the Armenian homeland, diasporic identities and incompatible ideologies and orientations towards Soviet Armenia clashed and led at once to the emergence of different forms of Armenian identity and to a transnational schism in the Armenian diaspora. I suggests that while genocide recognition after the fiftieth anniversary of the Armenian genocide in 1965 introduced a shared ground between the formerly hostile Armenian camps, by the mid-1980s, the prevailing institutional divisions produced homeland-centered and diaspora-centered paradigms of diasporic belongings. Throughout, my research considers the ways in which institutions and leaders aspired to forge and project transnationally coherent, aspirational Armenian identities, to which they worked to rally their constituencies, and juxtaposes these efforts to the actual subjectivity and fluidity of Armenian diasporic identities and self-images of subsequent generations, shaped under different host-country contexts. My study draws on theoretical and methodological principles developed in diaspora studies, transnationalism and globalization. It contributes to social constructivist perspective in diaspora studies by stressing the role of elites and institutions in the formation of the post-genocide Armenian diaspora and diasporic identities, and equally emphasizing the influences of changing international and host-country conditions and the policies of a state, projecting itself as the homeland.

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Preserving Armenian identity in Lebanon and in those countries where traditional Armenian diaspora institutions exist has been much easier than in Russia. Given the fact that Russia is hosting the largest number of ethnic Armenians? it is utterly important to understand the root-causes and implications for high degree of assimilation of Armenians in Russia? Naturally many factors weigh in the above-mentioned divergent outcomes of Armenians identity preservation in various countries. A big portion of these factors is predetermined by the realities of particular host country (political system, history and geography and etc), and are beyond the influence of Armenian communities of both Lebanon and Russia. However, the research conducted in these two countries showed, there are also factors that influence identity preservation that are within the scope of influence of Armenians. This research sets to claim that the existence of effective and interconnected web of institutions is one of the key reasons behind the success of Lebanese Armenians in keeping their identity strong and thriving. On the contrary, the lack of such sustainable institutions and the experience of sporadic mobilizations have been the characteristic features of the Russian Armenian communities. Based on the lessons learned from the experience of Lebanese Armenians institutions the research has developed a set of policy recommendations that can hopefully enhance the capacity of Russian Armenian institutions and increase the effectiveness of identity preservation efforts in Russia. Some of those recommendations, naturally, are targeting those institutions that exist in various Armenian communities of Russia. Consolidation of Armenian institutions and synchronization of their activities, as well as experience sharing within and beyond Russian Armenians, will positively affect identity preservation efforts among Armenian communities in Russia. However, taking into account the importance of the matter as well as the existing structures and opportunities, (re)organization and institutionalization of Russian Armenians should attract greater attention of the other actors as well; pan-Armenian institutions such as Armenian Apostolic Church and pan-diasporic organizations should do more to assist the efforts of Armenians residing in Russia. Most importantly the Armenian state should have more proactive role in mediating the existing grievances, mistrust and lack of institutional resources in Russian Armenian communities, especially taking into account the fact that there are a number of state institutions mandated with that task, Ministry of Diaspora being the main one.

In this article, we explore the role of the early 20th-century Armenian genocide and the unresolved Karabakh conflict of the 1990s in identity shaping among the new generation of Armenian diaspora—those who grew up after the establishment of the independent Armenian state in 1991. We draw on original interviews with diasporic youth in France, the United Kingdom, and Russia—diasporas that were largely built in the aftermath of the genocide and the Karabakh war. Diaspora youth relate to these events through transmitted collective memories, but also reconnect with the distant homeland’s past and present in new ways as they engage with new possibilities of transnational digital communication and mobility. Their experiences of identity shed light on how the new generation of diasporic Armenians defines itself in relation to the past; how this past is (re)made present in their interpretations of the Karabakh conflict and in everyday behaviors; and how diasporic youth experience the dilemm...

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