Case Study in Hindi Explained – केस स्टडी क्या है और कैसे करें
आपने अक्सर अपने स्कूल या कॉलेज में केस स्टडी के बारे में सुना होगा । खासकर कि Business Studies और Law की पढ़ाई पढ़ रहे छात्रों को कैसे स्टडी करने के लिए कहा जाता है । पर case study kya hai ? इसे कैसे करते हैं , इसके फायदे क्या हैं ? इस आर्टिकल में आप इन सभी प्रश्नों के बारे में विस्तार से जानेंगे ।
Case study in Hindi explained के इस पोस्ट में आप न सिर्फ केस स्टडी के बारे में विस्तार से जानेंगे बल्कि इसके उदाहरणों और प्रकार को भी आप विस्तार से समझेंगे । यह जरूरी है कि आप इसके बारे में सही और विस्तृत जानकारी प्राप्त करें ताकि आपको कभी कोई समस्या न हो । तो चलिए विस्तार से इसके बारे में जानते हैं :
Case Study in Hindi
Case Study एक व्यक्ति , समूह या घटना का गहन अध्ययन है । एक केस स्टडी में , किसी भी घटना या व्यक्ति का सूक्ष्म अध्ययन करके उसके व्यवहार के बारे में पता लगाया जाता है । एजुकेशन , बिजनेस , कानून , मेडिकल इत्यादि क्षेत्रों में केस स्टडी की जाती है ।
case study सिर्फ और सिर्फ एक व्यक्ति , घटना या समूह को केंद्र में रखकर किया जाता है और यह उचित भी है । इसकी मदद से आप सभी के लिए एक ही निष्कर्ष नहीं निकाल सकते । उदहारण के तौर पर , एक बिजनेस जो लगातार घाटा झेल रहा है उसकी केस स्टडी की जा सकती है । इसमें सभी तथ्यों को मिलाकर , परखकर यह जानने की कोशिश होती है कि क्यों बिजनेस लगातार loss में जा रही है ।
परंतु , जरूरी नहीं कि जिस वजह से यह पार्टिकुलर कम्पनी घाटा झेल रही हो , अन्य कंपनियों के घाटे में जाने की यही वजह हो । इसलिए कहा जाता है कि किसी एक मामले के अध्ययन से निकले निष्कर्ष को किसी अन्य मामले पर थोपा नहीं जा सकता । इस तरह आप case study meaning in Hindi समझ गए होंगे ।
Case Study examples in Hindi
अब जबकि आपने case study kya hai के बारे में जान लिया है तो चलिए इसके कुछ उदाहरणों को भी देख लेते हैं । इससे आपको केस स्टडी के बारे में जानने में अधिक मदद मिलेगी ।
ऊपर के उदाहरण को देख कर आप समझ सकते हैं कि case study क्या होती है । अब आप ऊपर दिए case पर अच्छे से study करेंगे तो यह केस स्टडी कहलाएगी यानि किसी मामले का अध्ययन । पर केस स्टडी कैसे करें ? अगर हमारे पास ऊपर दिए उदाहरण का केस स्टडी करने को दिया जाए तो यह कैसे करना होगा ? चलिए जानते हैं :
Case Study कैसे करें ?
अब यह जानना जरूरी है कि एक case study आखिर करते कैसे हैं और किन tools का उपयोग किया जाता है । तो एक केस स्टडी करने के लिए आपको ये steps फॉलो करना चाहिए :
1. सबसे पहले केस को अच्छे से समझें
अगर आप किसी भी केस पर स्टडी करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले उसकी बारीकियों और हर एक डिटेल पर ध्यान देना चाहिए । तभी आप आगे बढ़ पाएंगे और सही निर्णय भी ले पाएंगे । Case को अच्छे से समझने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसपर स्टडी करते समय आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती । केस को अच्छे से समझने के लिए आप यह कर सकते हैं :
- Important points को हाईलाइट करें
- जरूरी समस्याओं को अंडरलाइन करें
- जरूरी और बारीकियों का नोट्स तैयार करें
2. अपने विश्लेषण पर ध्यान दें
Case Study करने के लिए जरूरी है कि आप अपने analysis पर ध्यान दें ताकि बढ़िया रिजल्ट मिल सके । इसके लिए आप विषय के 2 से 5 मुख्य बिंदुओं / समस्याओं को उठाएं और बारीकी से उनके बारे में जानकारी इकट्ठा करें । इसके बारे में पता करें कि ये क्यों exist करती है और संस्था पर इनका क्या प्रभाव है ।
आप उन समस्याओं के लिए जिम्मेदार कारकों पर भी नजर डालें और सभी चीजों को ढंग से समझने की कोशिश करें तभी जाकर आप सही मायने में case study कर पाएंगे ।
3. संभव समाधानों के बारे में सोचें
किसी भी केस स्टडी का तीसरा महत्वपूर्ण पड़ाव है कि आप समस्या के संभावित समाधानों के बारे में सोचें ।इसके लिए आप discussions , research और अपने अनुभव की मदद ले सकते हैं । ध्यान रहें कि सभी समाधान संभव हों ताकि उन्हें लागू किया जा सके ।
4. बेहतरीन समाधान का चुनाव करें
केस स्टडी का अंतिम पड़ाव मौजूदा समाधानों में से एक सबसे बेहतरीन समाधान का चुनाव करना है । आप सभी समाधानों को एक साथ तो बिल्कुल भी implement नहीं कर सकते इसलिए जरूरी है कि बेहतरीन को चुनें ।
Case Study format
अगर आप YouTube video की मदद से देखकर सीखना चाहते हैं कि Case Study कैसे बनाएं तो नीचे दिए गए Ujjwal Patni की वीडियो देख सकते हैं ।
इस पोस्ट में आपने विस्तार से case study meaning in Hindi के बारे में जाना । अगर कोई प्वाइंट छूट गया हो तो कॉमेंट में जरूर बताएं और साथ ही पोस्ट से जुड़ी राय या सुझाव भी आप कॉमेंट में दे सकते हैं । पोस्ट पसंद आया हो और हेल्पफुल साबित हुई हो तो शेयर जरूर करें ।
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Ethics Case Studies UPSC in Hindi (नीतिशास्त्र केस स्टडी)
Ethics case studies: 2022.
1. प्रभात एक प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनी स्टर्लिंग इलेक्ट्रिक लिमिटेड में उपाध्यक्ष (विपणन) के रूप में कार्यरत था। लेकिन फिलहाल कंपनी मुश्किल दौर से गुजर रही थी क्योंकि पिछली दो तिमाहियों से बिक्री में लगातार गिरावट का रुख दिखाई पड़ रहा था। उसका डिवीजन, जो अब तक कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य में एक प्रमुख राजस्व अंशदाता था, अब उनके लिए कुछ बड़े सरकारी ऑर्डर प्राप्त करने के लिए भरसक प्रयास कर रहा था। लेकिन उनके सर्वोत्तम प्रयासों को कोई सकारात्मक सफलता नहीं मिली।
उसकी कंपनी पेशेवर थी और उसके स्थानीय मालिकों पर उनके लंदन स्थित मुख्यालय की ओर से कुछ सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित करने का दबाव था। कार्यकारी निदेशक (भारतीय प्रमुख) द्वारा की गई पिछली कार्य-समीक्षा बैठक में उसे उसके खराब प्रदर्शन के लिए फटकार लगाई गई थी। उसने उन्हें आश्वासन दिया कि उसका डिवीजन ग्वालियर के पास एक गुप्त संस्थापन के लिए रक्षा मंत्रालय से एक विशेष अनुबंध पर काम कर रहा है और जल्द ही निविदा जमा की जा रही है।
वह अत्यधिक दबाव में था और बहुत परेशान था। जिस बात ने हालात को और बदतर बना दिया, वह थी, ऊपर से एक चेतावनी कि यदि कंपनी के पक्ष में सौदा नहीं हुआ तो उसका डिवीजन बंद करना पड़ सकता है और उसे अपनी लाभप्रद नौकरी छोड़नी पड़ सकती है।
एक और आयाम था जो उसे गहरी मानसिक यातना और पीड़ा पहुँचा रहा था। यह उसके व्यक्तिगत अनिश्चित वित्तीय स्वास्थ्य से संबंधित था। वह दो स्कूल-कॉलेज जानेवाले बच्चों और अपनी बीमार बूढ़ी माँ वाले परिवार में अकेला कमाने वाला था। शिक्षा व चिकित्सा पर भारी खर्च के कारण उसके मासिक वेतन वाले पैकेट पर भारी दबाव पड़ रहा था। बैंक से लिए गए गृह ऋण के लिए नियमित ई० एम० आइ० अपरिहार्य थी और चूक करने पर उसे गंभीर कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होना होगा।
उपर्युक्त पृष्ठभूमि में वह किसी चमत्कार के घटित होने की उम्मीद कर रहा था। अचानक घटनाक्रम में बदलाव आ गया। उसके सचिव ने बताया कि एक सज्जन, सुभाष वर्मा उनसे मिलना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें कंपनी में प्रबंधक के पद में दिलचस्पी है जिसे कंपनी को भरना है। पुनः उसने उनके संज्ञान में लाया कि उसका आत्मवृत्त रक्षामंत्री के कार्यालय के माध्यम से प्राप्त हुआ है।
उसने उम्मीदवार, सुभाष वर्मा के साक्षात्कार के दौरान उसे तकनीकी रूप से मजबूत, साधन-संपन्न और अनुभवी विक्रेता महसूस किया। ऐसा प्रतीत होता था कि वह निविदा प्रक्रिया से भली-भाँति परिचित है और इस संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई व अंतर्सम्बंधन में निपुण है। प्रभात को लगा कि उसकी उम्मीदवारी अन्य उम्मीदवारों की तुलना में बेहतर है, जिनका साक्षात्कार हाल में, पिछले कुछ दिनों में उसने लिया था ।
सुभाष वर्मा ने यह भी संकेत किया कि उसके पास बोली दस्तावेजों की प्रतियाँ हैं जिन्हें यूनीक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड अगले दिन रक्षा मंत्रालय को उसकी निविदा के लिए प्रस्तुत करेगा। उसने उन दस्तावेजों को सौंपने की पेशकश की बशर्ते उसे कंपनी में उपयुक्त नियमों और शर्तों पर रोजगार दिया जाए। उसने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में स्टर्लिंग इलेक्ट्रिक लिमिटेड अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी को पछाड़ सकती है और बोली प्राप्त कर सकती है तथा रक्षा मंत्रालय का भारी-भरकम ऑर्डर प्राप्त कर सकती है। उसने संकेत दिया कि यह उसकी तथा कंपनी दोनों के लिए जीत ही जीत होगी।
प्रभात बिलकुल स्तब्ध था। यह सदमा और रोमांच की मिली-जुली अनुभूति थी। वह असहज होकर पसीना-पसीना हो गया। यदि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो उसकी सभी समस्याएँ तुरंत गायब हो जाएँगी और उसे बहुप्रतीक्षित निविदा हासिल करने और कंपनी की बिक्री और वित्तीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कृत किया जा सकता है। वह भविष्य की कार्रवाई को लेकर असमंजस में था। वह अपनी खुद की कंपनी के कागजात को चोरी-छिपे हटाने और नौकरी के लिए प्रतिद्वंद्वी कंपनी को पेशकश करने में सुभाष वर्मा की हिम्मत पर आश्चर्यचकित था। एक अनुभवी व्यक्ति होने के नाते, वह इस प्रस्ताव/स्थिति के पक्ष-विपक्ष की जाँच कर रहा था और उसने उसे अगले दिन आने के लिए कहा।
(a) इस मामले से संबंधित नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए । (b) उपर्युक्त मामले में प्रभात के लिए उपलब्ध विकल्पों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए । (c) उपर्युक्त में से कौन-सा विकल्प प्रभात के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होगा और क्यों? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
2 . रमेश राज्य सिविल सेवा में अधिकारी हैं, जिन्हें 20 साल की सेवा के बाद सीमावर्ती राज्य की राजधानी में तैनात होने: अवसर मिला है। रमेश की माँ को हाल ही में कैंसर का पता चला है और उन्हें शहर के प्रमुख कैंसर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके किशोरवयः दो बच्चों को भी शहर के सबसे अच्छे पब्लिक स्कूलों में से एक में प्रवेश मिला है। राज्य के गृह विभाग में निदेशक के रूप में अपनी नियुक्ति में व्यवस्थित हो जाने के बाद, रमेश को खुफ़िया सूत्रों के माध्यम से गोपनीय रिपोर्ट मिली कि अवैध प्रवासी पड़ोसी देश राज्य में घुसपैठ कर रहे हैं। उन्होंने तय किया कि वे व्यक्तिगत उनके आधार रूप में अपने गृह विभाग की टीम के साथ सीमावर्ती चौकियों की आकस्मिक जाँच करेंगे। उनके लिए आश्चर्य था कि उन्होंने सीमा चौकियों पर सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत से घुसपैठ करने वाले दो परिवारों के 12 सदस्यों को रंगे हाथों पकड़ा। आगे की पूछताछ और जाँच में यह पाया गया कि पड़ोसी देश के प्रवासियों की घुसपैठ के बाद, कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड जैसे जाली दस्तावेज बनाकर उन्हें राज्य के एक विशेष क्षेत्र में बसाया जाता है। रमेश ने विस्तृत और व्यापक रिपोर्ट तैयार कर राज्य के अतिरिक्त सचिव को सौंप दी। हालाँकि, एक सप्ताह के बाद अतिरिक्त गृह सचिव ने उन्हें तलब किया और रिपोर्ट वापस लेने का निर्देश दिया। अतिरिक्त गृह सचिव ने रमेश को बताया कि उच्च अधिकारियों ने उनकी सौंपी गई रिपोर्ट की सराहना नहीं की है। उन्होंने पुनः उन्हें सावधान किया कि यदि वह गोपनीय रिपोर्ट वापस नहीं लेते हैं, तो उन्हें न केवल राज्य की राजधानी की प्रतिष्ठित नियुक्ति से बाहर तैनात कर दिया जाएगा, बल्कि उनकी निकट भविष्य में होनेवाली अगली पदोन्नति खतरे में पड़ जाएगी।
(a) सीमावर्ती राज्य के गृह विभाग के निदेशक के रूप में रमेश के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b) रमेश को कौन-सा विकल्प अपनाना चाहिए और क्यों? (c) प्रत्येक विकल्प का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (d) रमेश के सामने कौन-सी नैतिक दुविधाएँ हैं? (e) पड़ोसी देश से अवैध प्रवासियों की घुसपैठ के खतरे से निपटने के लिए आप किन नीतिगत उपायों का सुझाव देंगे? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
3. उच्चतम न्यायालय ने वन आवरण के क्षरण को रोकने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए अरावली पहाड़ियों में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, कुछ भ्रष्ट वन अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से प्रभावित राज्य के सीमावर्ती जिले में पत्थर खनन फिर भी प्रचलित था। हाल ही में प्रभावित जिले में तैनात युवा और सक्रिय एस० पी० ने इस खतरे को रोकने के लिए खुद से वादा किया था। अपनी टीम के साथ अचानक जाँच में, उन्होंने खनन क्षेत्र से बचने की कोशिश कर रहा पत्थर से भरा ट्रक पाया। उसने इस ट्रक को रोकने की कोशिश की लेकिन ट्रक चालक ने पुलिस अधिकारी को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई और वह इसके बाद वहाँ से भागने में सफल रहा। पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ० आइ० आर०) दर्ज की लेकिन करीब तीन महीने तक मामले में कोई सफलता हासिल नहीं हुई। अशोक, जो प्रमुख टी० वी० चैनल के साथ काम कर रहे खोजी पत्रकार थे, ने स्वतः संज्ञान से मामले की जाँच शुरू की। एक महीने में ही अशोक को स्थानीय लोगों, पत्थर खनन माफिया और सरकारी अधिकारियों से बातचीत कर सफलता मिली। उन्होंने अपनी खोजी रिपोर्ट तैयार की और टी० वी० चैनल के सी० एम० डी० के सामने पेश की। उन्होंने अपनी जाँच रिपोर्ट में भ्रष्ट पुलिस और सिविल अधिकारियों तथा राजनेताओं के आशीर्वाद से काम करने वाले पत्थर माफिया की पूरी गठजोड़ का खुलासा किया। माफिया में शामिल राजनेता कोई और नहीं बल्कि स्थानीय विधायक थे जो मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं। जाँच रिपोर्ट देखने के बाद सी० एम० डी० ने अशोक को सलाह दी कि वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का विचार छोड़ दे। उन्होंने सूचित किया कि स्थानीय विधायक न केवल टी० वी० चैनल के मालिक के रिश्तेदार थे बल्कि अनौपचारिक रूप से चैनल के साथ 20 प्रतिशत के हिस्सेदार भी हैं। सी० एम० डी० ने अशोक को आगे बताया कि अगर वह जाँच रिपोर्ट उन्हें सौंप दें, तो उनके बेटे की पुरानी बीमारी के लिए टी० वी० चैनल से उधार लिए गए 10 लाख रुपये के सॉफ्ट लोन के अलावा उनकी आगे की पदोन्नति और वेतन में बढ़ोतरी का ध्यान रखा जाएगा।-
(a) इस स्थिति से निपटने के लिए अशोक के पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं? (b) अशोक द्वारा चिह्नित किए गए प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक मूल्यांकन/परीक्षण कीजिए। (c) अशोक को किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? (d) आपको क्या लगता है कि अशोक के लिए किस विकल्प को अपनाना सबसे उपयुक्त होगा और क्यों? (e) उपर्युक्त परिदृश्य में, आप ऐसे जिलों में तैनात पुलिस अधिकारियों के लिए किस प्रकार के प्रशिक्षण का सुझाव दें जहाँ पत्थर खनन की अवैध गतिविधियाँ प्रचलित हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
4. आपने तीन साल पहले एक प्रतिष्ठित संस्थान से एम० बी० ए० किया है लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न मंदी के कारण कैंपस प्लेसमेंट नहीं मिल सका। मगर, बहुत अनुनय तथा लिखित और साक्षात्कार सहित बहुत सारी प्रतियोगी परीक्षाओं की श्रृंखला के बाद, आप एक अग्रणी जूता कंपनी में नौकरी पाने में सफल रहे। आपके वृद्ध माता-पिता है, जो आश्रित है और आपके साथ रह रहे हैं। आपने भी हाल ही में यह शालीन नौकरी पाकर शादी की है। आपको निरीक्षण अनुभाग में नियुक्त किया गया था, जो अंतिम उत्पाद को मंजूरी देने के लिए जवाबदेह है। पहले एक वर्ष में, आपने अपना काम अच्छी तरह से सीखा और प्रबंधन द्वारा आपके प्रदर्शन की सराहना की गई। कंपनी पिछले पाँच साल से घरेलू बाजार में अच्छा कारोबार कर रही है और इस साल यूरोप और खाड़ी देशों को निर्यात करने का भी फैसला किया गया है। हालाँकि, यूरोप के लिए एक बड़ी खेप को उनके निरीक्षण दल द्वारा कुछ खराब गुणवत्ता के कारण अस्वीकार कर दिया गया और वापस भेज दिया गया था। शीर्ष प्रबंधन ने आदेश दिया कि घरेलू बाजार के लिए पूर्वोक्त खेप की मंजूरी दी जाए। निरीक्षण दल के एक अंग के रूप में आपने स्पष्ट खराब गुणवत्ता को देखा और टीम कमांडर के संज्ञान में लाया। हालाँकि, शीर्ष प्रबंधन ने टीम के सभी सदस्यों को इन कमियों को नज़र अंदाज करने की सलाह दी क्योंकि इतना बड़ा नुकसान प्रबंधन नहीं सह सकता। आपके अलावा टीम के बाकी सदस्यों ने स्पष्ट दोषों को नजर अंदाज करते हुए तुरंत हस्ताक्षर कर दिए. और घरेलू बाजार के लिए खेप को मंजूरी दे दी। आपने फिर से टीम कमांडर के संज्ञान में लाया कि इस तरह की खेप की अगर घरेलू बाजार के लिए भी मंजूरी दे दी जाती है, तो कंपनी की छवि और प्रतिष्ठा को धक्का लगेगा तथा लंबे समय में प्रतिकूल असर होगा। हालाँकि, आपके शीर्ष प्रबंधन द्वारा आगे सलाह दी गई थी कि यदि आप खेप को मंजूरी नहीं देते हैं, तो कंपनी कुछ अहानिकर कारणों का हवाला देते हुए आपकी सेवा को समाप्त करने में संकोच नहीं करेगी।
(a) दी गई शर्तों के तहत, निरीक्षण दल के सदस्य के रूप में आपके लिए कौन-से विकल्प उपलब्ध है? (b) आपके द्वारा सूचीबद्ध प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (c) आप कौन-सा विकल्प अपनाएँगे और क्यों? (d) आप किन नैतिक दुविधाओं का सामना कर रहे हैं? (e) निरीक्षण दल द्वारा उठाई गई टिप्पणियों की अनदेखी के क्या परिणाम हो सकते हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
5. राकेश एक शहर के परिवहन विभाग में संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। उनकी नौकरी प्रोफाइल के एक हिस्से के रूप में उन्हें नगर परिवहन विभाग के नियंत्रण और कामकाज की देखरेख का काम सौंपा गया था। नगर परिवहन विभाग के चालक संघ द्वारा, बस चलाते समय ड्यूटी पर मारे गए एक चालक को मुआवजे के मुद्दे पर हड़ताल का मामला उनके “सामने निर्णय के लिए आया था।
उसने देखा कि मृत चालक बस संख्या 528 चला रहा था, जो शहर की व्यस्त और भीड़-भाड़ वाली सड़कों पर गुजरती थी। हुआ यूँ कि रास्ते में एक चौराहे के पास एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति द्वारा चलाई जा रही कार और बस की टक्कर में एक हादसा हो गया। पता चला कि बस और कार चालक के बीच कहा-सुनी हुई थी। दोनों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई और चालक ने उसे धक्का मार दिया। बहुत से राहगीर इकट्ठे हो गए और उन्होंने हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार वे दोनों बुरी तरह घायल हो गए और बहुत खून बह रहा था तथा उन्हें पास के अस्पताल ले जाया गया। हादसे में चालक ने दम तोड़ दिया और उसे बचाया नहीं जा सका। अधेड़ उम्र के चालक की भी हालत नाजुक थी लेकिन एक दिन के बाद वह संभल गया और उसे छुट्टी दे दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई और प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। पुलिस जाँच में सामने आया कि विवाद की शुरुआत बस चालक ने की थी और उसने शारीरिक हिंसा की थी। उनके बीच मारपीट हुई थी।
नगर परिवहन विभाग प्रबंधन मृत चालक के परिवार को कोई अतिरिक्त मुआवजा नहीं देने पर विचार कर रहा है। नगर परिवहन विभाग प्रबंधन के भेदभाव और गैर-सहानुभूतिपूर्ण रवैये से परिवार बहुत व्यथित, उदास और आंदोलित है। मृत बस चालक की उम्र 52 वर्ष थी, उसके परिवार में पत्नी और स्कूल-कालेज जाने वाली दो बेटियाँ हैं। वह परिवार का इकलौता कमाने वाला था। नगर परिवहन विभाग वर्कर्स यूनियन ने इस मामले को उठाया और जब प्रबंधन से कोई अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उसने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यूनियन की माँग दोहरी थी। पहली, ड्यूटी के दौरान मरने वाले अन्य चालकों को दिया जाने वाला पूरा अतिरिक्त मुआवजा और दूसरी, परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया। जाए। 10 दिनों से हड़ताल जारी है और गतिरोध बना हुआ है।
(a) उपर्युक्त स्थिति से निपटने के लिए राकेश के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध है? (b) राकेश द्वारा चिह्नित किए गए प्रत्येक विकल्प का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (c) वे कौन-सी नैतिक दुविधाएँ हैं, जिनका राकेश को सामना करना पड़ रहा है? (d) उपर्युक्त स्थिति को दूर करने के लिए राकेश क्या कार्यवाही करेंगे? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
6. आपको पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अनुभाग का शीर्ष अधिकारी नियुक्त किया जाता है ताकि अनुपालन सुनिश्चित हो और इसकी अनुवर्ती का पालन हो सके। उस क्षेत्र में बड़ी संख्या में लघु और मध्यम उद्योग थे जिन्हें अनापत्ति दी जा चुकी थी। आपको पता चला कि ये उद्योग अनेक प्रवासी कामगारों को रोजगार मुहैया कराते हैं। अधिकांश औद्योगिक इकाइयों के पास पर्यावरणीय अनापत्ति प्रमाण-पत्र हैं। पर्यावरणीय अनापत्ति उन उद्योगों और परियोजनाओं पर अंकुश लगाने के लिए है जो इस क्षेत्र में पर्यावरण और जीवित प्रजातियों को कथित रूप से बाधित करती हैं। लेकिन व्यवहार में इनमें से अधिकांश इकाइयाँ वायु, जल और मृदा प्रदूषित इकाइयाँ बनी हुई हैं। ऐसे में स्थानीय लोगों को लगातार स्वास् समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
यह पुष्टि की गई कि अधिकांश उद्योग पर्यावरणीय अनुपालन का उल्लंघन कर रहे थे। आपने नया पर्यावरणीय अनापति प्रमाण-पत्र आवेदन करने और सक्षम अधिकारी से प्राप्त करने के लिए सभी औद्योगिक इकाइयों के लिए नोटिस जारी कर दी। हालाँकि, औद्योगिक इकाइयों के एक वर्ग, अन्य न्यस्तस्वार्थी लोगों और स्थानीय राजनेताओं के एक समूह से आपकी कार्यवाही को विरोध प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा। आपके प्रति कामगार भी अत्यंत शत्रुतापूर्ण व्यवहार करने की क्योंकि उन्होंने सोचा कि आपकी कार्यवाही इन औद्योगिक इकाइयों को तालाबंदी की ओर ले जाएगी और इसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी के कारण उनकी आजीविका असुरक्षित और अनिश्चित हो जाएगी। कई उद्योग-मालिकों ने दलील के साथ आपके पास पहुँचकर प्रस्तावित किया कि आपको सख्त कार्यवाही शुरू नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उन्हें अपनी इकाइयाँ बंद करने के लिए मजबूर करेगी और भारी वित्तीय हानि तथा बाजार में उनके उत्पादों की कमी का कारण होगा। जाहिर है कि इससे मजदूरों और उपभोक्ताओं की परेशानी ज्यादा होगी। श्रमिक संघ ने भी आपको इकाइयों को बंद करने के खिलाफ प्रतिनिधित्व भेजा। आपको एक साथ अज्ञात कोणों से धमकियाँ मिलने लगी। हालांकि, आपको अ कुछ सहकर्मियों का समर्थन मिला जिन्होंने आपको सलाह दी कि आप पर्यावरणीय अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र रूप से काम करें। स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों ने भी आपका किया और उन्होंने प्रदूषणकारी इकाइयों को तत्काल बंद करने की माँग पेश की।
(a) प्रदत्त स्थिति में आपके पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b) आपके द्वारा सूचीबद्ध किए गए विकल्पों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (c) पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आप किस प्रकार की क्रियाविधि का सुझाव देंगे? (d) अपने विकल्पों का उपयोग करने में आपको किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ा? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Ethics Case Studies: 2021
1. सुनील एक युवा लीक सेवक है तथा सक्षमता, ईमानदारी, समर्पण तथा मुश्किल और दुर्वह कामों के लिए अथक प्रयास हेतु उसकी प्रतिष्ठा है। उसकी प्रोफ़ाइल को देखते हुए उसके अधिकारियों ने उसे एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील कार्यभार को संभालने के लिए चुना था। uसे अवैध बालू खनन के लिए कुख्यात आदिवासी-बहुल जिले में तैनात किया गया। नदी पट्टी से, अनियंत्रित रूप से बालू उत्खनन करके ट्रकों से ढोकर उसको काला बाजार में बेचा जा रहा था। यह अवैध बालू खनन माफिया स्थानीय कार्यक्रमों और आदिवासी बाहुबलियों के सहयोग से काम कर रहा था जो बदले में चुनिंदा गरीब आदिवासियों को रिश्वत देते रहते थे तथा उनको डरा और धमका कर रखते थे। सुनील ने एक तेज और ऊर्जावान अधिकारी होने के नाते जमीनी हकीकत पहचानकर और माफिया के द्वार कुटिल तथा संदिग्ध तंत्र के माध्यम से अपनाए गए उनके तौर-तरीकों को तुरंत पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उसने पाया की उसके अपने कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की उनसे मिलीभगत है और उन्होंने उनके साथ घनिष्ठ अवांछनीय गठजोड़ विकसित कर लिया है। सुनील ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की और उनके बालू से भरे ट्रकों की आवाजाही के अवैध संचालन पर छापे मारना शुरू कर दिया। माफिया भड़क गया क्योंकि पहले बहुत अधिकारियों ने उनके विरुद्ध इतने बड़े कदम नही उठाए थे। कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने जो कथित तौर पर संचालन को साफ करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और उन्हे अपुरणीय क्षति हो सकती है। माफिया शत्रुतापूर्ण हो गया और जवाबी हमला शुरू किया। आदिवासी बाहुबली और माफिया ने उसको गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना शुरू कर दिया। उसके परिवार (पत्नी और वृद्ध माता ) का पीछा किया जा रहा था वे उनकी वास्तविक निगरानी में थे जिससे की उन सभी को मानसिक यातना, यंत्रणा और तनाव हो रहा था। उस समय मामले ने गंभीर रूप धरण कर लिया जब एक बाहुबली उसके कार्यालय में आया और उसको छापे मारना इत्यादि बंद करने की धमकी दी और कहा कि उसका हाल उसके पूर्व अधिकारियों से अलग नही होगा (दस वर्ष पूर्व माफिया द्वारा एक अधिकारी की हत्या कर डी गई थी)। (a) इस स्थिति को संभालने में सुनील के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की पहचान कीजिए। (b) आपके द्वारा सूचीबद्ध विकल्पों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (c) आपके विचा से उपर्युक्त में से कौन-सा विकल्प सुनील के लिए सबसे उपयुक्त होगा और क्यों? (250 शब्द)
2. आप एक मध्यवर्गीय शहर में डिग्री कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य है। प्रधानाचार्य है। प्रधानाचार्य हाल ही में सेवानिवृत्त हुए है और प्रबंधन उनके प्रतिस्थापन की तलाश कर रहा है। यह भी माना जाता है की प्रबंधन आपको प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत कर सकता है। इस बीच वार्षिक परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय से आए उड़नदस्ते ने दो छात्रों को अनुचित तरीकों का उपयोग करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। कॉलेज का वरिष्ठ व्याख्याता व्यक्तिगत रूप से इन छात्रों को इस कार्य में मदद कर रहा था। एक वरिष्ठ व्याख्याता प्रबंधन का करीबी भी माना जाता था। उनमें से एक छात्र स्थानीय राजनेता का बीटा था, जो कॉलेज को वर्तमान प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से संबंधन कराने में मददगार रहा था । दूसरा छात्र एक स्थानीय व्यवसायी का बीटा था, जिसने कॉलेज चलाने के लिए अधिकतम धन दान दिया था। आपने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में तुरंत प्रबंधन को सूचित किए । प्रबंधन ने आपको किसी भी कीमत पर उड़नदस्ते के साथ इस मुद्दे को हल करने के लिए कहा। उन्होंने आगे कहा की इस घटना से न केवल कॉलेज की छवि खराब होगी बल्कि राजनेता और व्यवसायी भी कॉलेज के कामकाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति है। आपको यह भी संकेत दिया गया था की प्रधानाचार्य के रूप में आपकी आगे की पदोन्नति उड़नदस्ते के साथ मुद्दे को हल कारणे की आपकी क्षमता पर निर्भर करती है। इस दौरान आपकी प्रशासन अधिकारी ने सूचित किया की छात्र संघ के कुछ सदस्य इस घटना में शामिल वरिष्ठ व्याख्याता और छात्रों के खिलाफ कॉलेज के गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। (a) इस मामले से संबंधित नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए। (b) उप-प्रधानाचार्य के रूप में आपके पास उपलब्ध विकल्पों का आलोचनात्मक रूप से परीक्षण कीजिए। आप कौन – सा विकल्प अपनाएंगे और क्यों। (250 शब्द)
3. किसी राज्य-विशेष की राजधानी में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए एक एलिवेटेड कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। आपकी पेशेवर क्षमता और अनुभव के आधार पर आपको इस प्रतिष्ठित परियोजना के परियोजना प्रबंधन के रूप में चुना गया है। अगले दो वर्षों में परियोजना को पूरा करने की समय-सीमा 30 जून 2021 है क्योंकि इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा जुलाई 2021 के दूसरे सप्ताह में चुनाव की घोषणा से पहले होना है। निरीक्षण दल द्वारा औचक निरीक्षण करते समय, संभवतः खराब सामग्री के इस्तेमाल के कारण एलिवेटेड कॉरीडोर के एक पाए में एक छोटी सी दरार देखी गई थी। आपने तुरंत मुख्य अभियंता को सूचित किया और आगे का आरोक दिया । आपके द्वारा यह आकलन किया गया था की एलिवेटेड कॉरीडोर के कम-से-कम चार से छः महीने की देरी कर देगी । किन्तु मुख्य अभियंता ने निरीक्षण दल के अवलोकन को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि यह एक छोटी सी दरार है जो किसी भी तरह से पल की क्षमता और टिकाऊपन को प्रभावित नही करेगी। उसने आपको निरीक्षण दल के अवलोकन की अनदेखी कर उसी गति तथा लय के साथ काम जारी रखने का आदेश दिया । उसने आपको सूचित किया कि मंत्री कोई देरी नही चाहते हैं क्योंकि वे एलिवेटेड कॉरीडोर का उद्घाटन मुख्यमंत्री से चुनाव की घोषणा हिने से पहले करवाना चाहते हैं। यह भी सूचित किया कि ठेकेदार मंत्री का दूर का रिस्तेदार है और वे चाहते है की वह इस परियोजना को पूरा करे। उसने आपको इशारा भी किया कि अतिरिक्त मुख्य अभियंता के रूप में आपकी आगे की पदोन्नति मंत्रालय के विचाराधीन है। तथापि आपने दृढ़ता से महसूस किया कि एलिवेटेड कॉरीडोर के पाए में छोटी-सी दरार पल की क्षमता और जीवनकल पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी और इसलिए एलिवेटेड कॉरीडोर की मरम्मत न करना बहुत खतरनाक होगा। (a) दी गई शर्तों के तहत परियोजना प्रबंधक के रूप में आपके पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b) वे कौन-सी नैतिक दुविधाएं हैं, जिनका परियोजना प्रबंधक सामना कर रहा है? (c) परियोजना प्रबंधक द्वारा सामना की जाने वाली व्यावसायिक चुनौतियाँ क्या हैं और उन चुनौतियों से पर पाने के लिए उसकी प्रतिक्रिया क्या है? (d) निरीक्षण दल द्वारा उठाए गए अवलोकन की अनदेखी के परिणाम क्या हो सकते हैं? (250 शब्द)
4 . कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) महामारी तेजी से विभिन्न देशों में फैली है। 8 मई 2020 तक भारत में कोरोना के 56342 पॉजिटिव मामले सामने आए थे। भारत को, जिसकि जनसंख्या 1.35 बिलियन से अधिक है, जनसंख्या में कोरोनावायरस के संचरण को नियंत्रित करने में कठिनाई आई थी। इस प्रकोप से निपटने के लिया कई रणनीतियाँ आवश्यक हो गई थी। भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस प्रकोप के बारे में जागरूकता बढ़ाई और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की । भारत सरकार ने वायरस के संचरण को कम करने के लिए पूरे देश में 55 दिनों का लॉकडाउन लागू किया। स्कूल और कॉलेज में शिक्षण-सीखना मूल्यांकन और प्रमाणीकरण के वैकल्पिक तरीके सामने आए। इन दिनों अनलाइन मोड लोकप्रिय हो गया। भारत इस तरह के संकटपूर्ण अचानक हुए हमले के लिए तैयार नही था क्योंकि मानव संसाधन, धन और ऐसी स्थिति में सेकहभाल करने के लिए बुनियादी ढांचे के रूप में अन्य सुविधाओं की कमी थी। इस बीमारी ने एक तरफ तो जाति, पंथ, धर्म की परवाह किए बिना किसी को नही बख्शा और दूसरी तरफ ‘अमीर – गरीब’ दोनों को भी नही छोड़ा । अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन सिलेंडर, एम्बुलेंस, अस्पताल-कर्मचारी और श्यमशान की कमी सबसे महत्वपूर्ण पहलू थे। आप ऐसे समय एक सार्वजनिक अस्पताल में अस्पताल प्रशासक हैं जब कोरोनावायरस ने बड़ी संख्या में लोगों पर हमला किया और अस्पताल में मरीजों का दिन-रात आना-जाना लगा रहता था। (a) पूरी तरह से जानते हुए की यह अत्यधिक संक्रमण रोग है और संसाधन तथा बुनियादी ढांचे सीमित है, अपने नैदानिक और गैर-नैदानिक कर्मचारियों को रोगियों की देख-भाल करने में लगाने के लिए आपके मानदंड और औचित्य क्या हैं? (b) यदि आपका निजी अस्पताल है, तो क्या आपका औचित्य और निर्णय वैसा ही होता जैसा की सार्वजनिक अस्पताल में? (250 शब्द)
5. भारत मे स्थित एक प्रतिष्ठित खाद्य उत्पाद कंपनी ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए एक खाद्य उत्पाद विकसित किया और आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद उसका निर्यात शुरू कर दिया। कंपनी ने इस उपलब्धि की घोषणा की और यह संकेत भी दिया की जल्द ही यह उत्पाद घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लगभग समान गुणवत्ता और स्वास्थ्य लाभ के साथ उपलब्ध कराया जाएगा । तदनुसार, कंपनी ने अपने उत्पाद को घरेलू सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित कराया और उत्पाद को भारतीय बाजार में लॉन्च किया। कंपनी ने समय के साथ बाजार में अपनी जिम्मेदारी को बढ़ाया और घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त लाभ अर्जित किया। हालांकि,निरीक्षण दल द्वारा किए गए यादृक्षिक नमूनों (रैंडम सैंपल) के परीक्षण में पाया गया की सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त अनुमोदन से भिन्न उत्पाद को घरेलू स्तर पर बेचा जा रहा है। आगे की जांच में यह भी पता चला की खाद्य कंपनी न केवल ऐसे उत्पादों को बेच रही थी जो देश को स्वास्थ्य मानकों को पूरा नही कर रहे थे बल्कि अस्वीकृत निर्यात उत्पाद को भी घरेलू बाजार में बेंच रही थी। इस प्रकरण ने खाद्य कंपनी की प्रतिष्ठा और लाभदायकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। (a) घरेलू बाजार के लिए निर्धारित खाद्य मानकों का उलंधन करने और अस्वीकृत निर्यात उत्पादों को घरेलू बाजार में बेचने के लिए खड़ी कंपनी के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी द्वारा आप क्या कार्रवाई की कल्पना करते हैं? (b) संकट को हल करने और अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाने के लिए खाद्य कंपनी के पास क्या क्रियाविधि उपलब्ध है? (c) मामले में निहित नैतिक दुविधा की जांच कीजिए। (250 शब्द)
6 . पवन पिछले दस वर्षों से राज्य सरकार में अधिकारी के पद पर कार्यरत है। नियमित स्थानांतरण के अंतर्गत uसे दूसरे विभाग में तैनात किया गया। उसने अन्य पाँच साथियों के साथ एक नए कार्यालय में कार्यभार ग्रहण किया। कार्यालय का प्रमुख एक वरिष्ठ अधिकारी था जो अपने कार्यालय की कार्य प्रणाली में निपुण था । सामान्य पूछताछ के दौरान पवन को पता चला की वरिष्ठ अधिकारी का खुद का पारिवारिक जीवन अशांत होने के साथ-साथ वह कठोर और संवेदन शील छवि वाला है । शुरू में लगा की सब ठीक चल रहा है। हालांकि कुछ समय बाद ही पवन ने महसूस किया की उसका वरिष्ठ अधिकारी आमतौर पर उसको अपमानित करता था। और कभी-कभी अविवेकी था। बैठकों में पवन जो कुछ भी सुझाव देता था उन्हे सिरे से खारिज कर दिया जाता था और दूसरों की उपस्थिति में वरिष्ठ अधिकारी नाराजगी व्यक्त करता था। यह वरिष्ठ अधिकारी के कामकाज की शैली का तरीका बन गया जिसमें उसको गलत ढंग से दिखाया जाता, उसकी कमजोरियों को उजागर किया जाता और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाता था। यह स्पष्ट हो गया कि यद्यपि ये काम से संबंधित कोई गंभीर समस्या/कमियाँ नही थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी हमेशा किसी न किसी बहाने से uसे डटता और उस पर चिल्लाता। पवन के लगातार उत्पीड़न और सार्वजनिक आलोचना के परिणामस्वरूप उसके आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और समभाव को नुकसान पहुंचा । पवन ने महसूस किया कि वरिष्ठ अधिकारी के साथ उसके संबंध और अधिक विषाक्त होते जा रहे हैं तथा वह निरंतर तनाव ग्रस्त , चिंतित एवं दबाव महसूस करने लगा है। उसका मन नकारात्मकता से भरा हुआ था और उसे मानसिक यातना,पीड़ा और व्यथा को झेलना पड़ रहा था। आखिरकार इसने उसके व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। घर पर भी वह अब उल्लासित, प्रसन्न और संतुष्ट नही रहता था, बल्कि बिना किसी कारण के वह अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपना आपा खो देता था। पारिवारिक वातावरण अब सुखद और अनुकूल नही रह गया था। उसकी पत्नी, जो हमेशा उसका साथ देती थी, वह भी नकारात्मकता और शत्रुतापूर्ण व्यवहार का शिकार हो गई । कार्यालय में उसके अपमान और उत्पीड़न के कारण उसके जीवन से आराम और खुशी लगभग गायब हो गई। इस प्रकार इसने उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया। (a) इस स्थिति से निपटने के लिए पवन के पास कौन-से विकल्प उपलब्ध हैं? (b) कार्यालय और घर में शांति, प्रशांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण लाने के लिए पवन को क्या दृष्टिकोण अपनाना चाहिए? (c) एक बाहरी व्यक्ति के रूप में वरिष्ठ अधिकारी तथा अधीनस्थ डोनी के लिए इस स्थिति से उबरने और कार्यनिष्पादन, मानसिक तथा भावात्मक स्वास्थ्य में सुधार के लिए आपके क्या सुझाव हैं? (d) उपर्युक्त परिदृश्य में, आप सरकारी कार्यालयों में विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए किस प्रकार के प्रशिक्षण का सुझाव देंगे? (250 शब्द)
Ethics Case Studies: 2020
1. राजेश कुमार एक वरिष्ठ लोक सेवक है, जिनकी ईमानदारी और स्पष्टवादिता की प्रतिष्ठा है, आजकल वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के प्रमुख हैं। वर्तमान में उनका विभाग राज्यों को बजटीय सहायता की व्यवस्था करने में व्यस्त है, जिनमे से चार राज्यों में इसी वित्तीय बर्ष में चुनाव होने वाले है। इस वर्ष के वार्षिक बजट ने राष्ट्रीय आवास योजना (एन. एच. एस. ) को 8300 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। यह समाज के कंजीर समूहों के लिए केंद्र प्रायोजित सामाजिक आवास योजना है। जून माह तक 775 करोड़ रुपये एन. एच. एस. हेतु लिए गए हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय काफी समय से एक दक्षिणी राज्य में विशेष आर्थिक जोन (एस. आइ. जेड.) स्थापित करने की पैरवी कर रहा है। केंद्र और राज्य के मध्य दो वर्षों तक चली विस्तृत चर्चा के बाद अग्रत माह में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना की स्वीकृति प्रदान कर दी । आवश्यक भूमि प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई । अट्ठारह माह पूर्व एक उत्तरी राज्य में क्षेत्रीय गैस ग्रिड के लिए एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ने विशाल गैस प्रसंशकरण संयंत्र स्थापित करने की आवश्यकता बताई थी। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (पी. एस. यू. ) के पास आवश्यक भूमि पहले से ही है। राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा व्यूहरचना में यह गैस ग्रिड एक अनिवार्य घटक है। वैश्विक बोली (ग्लोबल बिडिंग ) के तीन चरणों के बाद इस योजना को एक बहुराष्ट्रीय उद्योग (एम. एन. सी. ) मैसर्स एक्स वाई जेड हाइड्रोकार्बन को आवंटित किया गया । दिसंबर में इस बहुराष्ट्रीय उद्योग को भुगतान की पहली किश्त देना निर्धारित है। इन दो विकास योजनाओ को समय से 6000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आबंटित करने के लिए वित्त मंत्रालय को कहा गया। यह निर्णय लिया गया की पूरी राशि एन. एच. एस. आबंटन में से पुनर्विनियोजित करने की संस्तुति की जाए। फ़ाइल को समीक्षा और अग्रिम कार्यवाही के लिए बजट विभाग में प्रेषित कर दिया गया। फ़ाइल का अध्ययन करने पर राजेश कुमार को यह आभास हुआ की पुनर्विनियोजन करने से एन. एच. एस. योजना को क्रियान्वित करने में अत्यधिक विलंब हो सकता है, वरिष्ठ राजनेताओं के द्वारा आयोजित सभाओं में इस योजना की काफी चर्चा हुई थी। दूसरी ओर वित्त की अनुपलब्धता से एस. ई. जेड. में वित्तीय क्षति होगी और अंतरराष्ट्रीय योजना में विलंबित भुगतान से राष्ट्रीय शर्मिंदगी भी । राजेश कुमार ने इस प्रसंग पर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार -विमर्श किया। उन्हे बताया गया की राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील स्थिति पर तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए। राजेश कुमार ने महसूस किया की एन. एच. एस. योजना से राशि के विपथन पर सरकार के लिए संसद में कठिन प्रश्न खड़े हो सकते हैं। इस प्रसंग के संदर्भ में निम्नलिखित का विवेचन कीजिए : (a) कल्याणकारी योजना से विकास योजना में राशि के पुनर्विनियोजन में निहित नीतिपरक मुद्दे। (b) सार्वजनिक राशि के उचित उपयोग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, राजेश कुमार के समक्ष उपलब्ध विकल्पों का विवेचन कीजिए। क्या पदत्याग एक योग्य विकल्प है? (250 शब्द)
2. भारत मिसाइल लिमिटेड (बी. एम. एल. ) के अध्यक्ष टीवी पर एक कार्यक्रम देख रहे थे जिसमें प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के विकास की आवश्यकता पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे। अवचेतन रूप में उन्होंने हामी भरी और मन ही मन मुसकुराते हुए बी. एम. एल. की विगत दो दशकों की यात्रा की मानसिक पुनरसमीक्षा की। प्रथम पीढ़ी (फर्स्ट जनरेशन) की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ए. टी. जी. एम. ) के उत्पादन में प्रशंसनीय रूप से आगे बढ़ कर बी. एम. एल. अब अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित ए. टी. जी. एम. हथियार प्रणालियों के डिजाइन और उनका उत्पादन कर रहा था जो विश्व की किसी भी सेना के लिए ईर्ष्या का कारण होंगे। आह भरते हुए उन्होंने अपनी इस पूर्वधारणा के साथ समझौता किया की संभवतया सरकार सैनिक हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध की यथास्थिति को नही बदलेगी। उन्हे आश्चर्य हुआ की अगले ही दिन महानिदेशक, रक्षा मंत्रालय से बी. एम. एल. द्वारा ए. टी. जी. एम. के उत्पादन में वृद्धि करने की रीतियों पर चर्चा करने के लिए उन्हे फोन आया क्योंकि संभावना है की एक मित्र विदेशी देश को उनका निर्यात किया जा सकता है। महानिदेशक चाहते थे की अध्यक्ष अगले सप्ताह दिल्ली में उनके अधिकारियों से विस्तृत चर्चा करें। दो दिन बाद, एक संवाददाता सम्मेलन में, रक्षामंत्री ने कहा की अगले पाच वर्षों मे वे वर्तमान हथियार निर्यात स्तरों को दो-गुण करने का ध्येय रखते है। यह देशज हथियारों के विकास और निर्माण के वित्तपोषण को प्रोत्साहन देगा। उन्होंने यह भी कहा की सभी देशज हथियार निर्माता राष्ट्रों का अंतर्राष्ट्रीय हथियार व्यापार में बड़ा अच्छा रिकार्ड है। बी. एम. एल. के अध्यक्ष के रूप मे निम्नलिखित बिंदुओं पर आपके क्या विचार हैं : (a) हथियार निर्यातक के रूप में भारत जैसे उत्तरदायी देश के हथियार व्यापार में नीतिप्रक मुद्दे क्या हैं? (b) विदेशी सरकारों के हथियारों के विक्रय संबंधी निर्णय को प्रभावित करने वाले पाच नीतिपरक कारकों को सूचीबद्ध कीजिए। (250 शब्द)
3. रामपुरा, एक सुदूर जनजाति बहुल जिला, अत्यधिक पिछड़ेपन और दयनीय निर्धनता से ग्रसित है। कृषि स्थानीय आबादी की आजीविका का मुख्य साधन है लेकिन बहुत छोटे भूस्वामित्व के कारण यह मुख्यतया निर्वाह खेती तक सीमित है। औद्योगिक या खनन गतिविधियों यहाँ नगण्य हैं। यहाँ तक की लक्षित कल्याणकारी कार्यक्रमों से भी जनजाति आबादी को अपर्याप्त लाभ हुआ है। इस प्रतिनधित परिदृश्य मे, पारिवारिक आय के अनुपूरण हेतु युवाओं को समीप स्थित राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है। अवयस्क लड़कियों की व्यथा यह है कि क्षमिक ठेकेदार उनके माता -पिता को बहल फुसला कर उन्हे एक नजदीक राज्य में बी. टी. कपास फार्मों में काम करने भेज देते हैं। इन अवयस्क लड़कियों की कोमल अंगुलियाँ कपास चुनने के लिए अधिक उपयुक्त होती हैं। इन फार्मों में रहने और काम करने की अपर्याप्त स्थितियों के कारण अवयस्क लड़कियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो गई हैं। मूल निवास और कपास फार्मों के जिलों में स्वयंसेवी संगठन भी निष्प्रभावी लगते हैं और उन्होंने क्षेत्र के बाल श्रम और विकास की दोहरी समस्याओं हेतु कोई ठोस प्रयास नहीं किए हैं। आप को रामपुरा का जिला कलेक्टर नियुक्त किया जाता है। यहाँ निहित नीतिपरक मुद्दों की पहचान कीजिए। अपने जिले के सम्पूर्ण आर्थिक परिदृश्य को सुधारने और अवयस्क लड़कियों की स्थितियों में सुधार और अवयस्क लड़कियों की स्थितियों में सुधार लाने के लिए आप क्या विशिष्ठ कदम उठायेंगे? (250 शब्द)
4. आप एक बड़े नगर के निगम आयुक्त हैं तथा आपकी छबि एक अत्यंत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की है। आपके नगर में रक विशाल बहूद्देशीय मॉल निर्माणाधीन है जिसमें बड़ी संख्या में दैनिक मजदूरी पाने वाले श्रमिक की तात्कालिक मृत्यु हो जाती है जिनमें दो अवयस्क हैं। अनेक श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हे तत्काल चिकित्सा सेवा की आवश्यकता थी। दुर्घटना से मचे हाहाकार ने सरकार को जांच के आदेश देने हेतु बढ़ी किया। आपकी प्रारम्भिक जांच में अनेक विसंगतियों का खुलासा हुआ। निर्माण में ली गई सामग्री निम्न गुणवत्ता की थी। स्वीकृत निर्माण योजना में केवल एक निम्नतल की अनुमति थी लेकिन एक अतिरिक्त निम्नतल का निर्माण कर लिया गया। नगर निगम के इंस्पेक्टर द्वारा समय-समय पर किए गए निरीक्षण के दौरान इसको अनदेखा किया गया। अपनी जांच के दौरान आपने पाया की मास्टर प्लान में उल्लिखित हरित पट्टी एवं एक अभिगम मार्ग के प्रावधान के बाद भी मॉल के निर्माण को अनुमति प्रदान की गई। मॉल के निर्माण स्वीकृति पूर्व निगम आयुक्त के द्वारा डी गई थी जो न केवल आपके वरिष्ठ है और पेशेवर रूप से आपसे अच्छी तरह परिचित हैं, साथ ही आपके अच्छे मित्र भी हैं। प्रथम दृष्ट्या, यह प्रसंग नगर निगम के अधिकारियों और निर्माणकर्ता के बीच व्यापक साठ गाठ प्रतीत होता है। आपके सहकर्मी आप पर जांच को मंद गति से करने का दबाव डाल रहे है । निर्माणकर्ता जो की समृद्ध और प्रभावशाली है, राज्य मंत्रिमंडल के एक शक्तिशाली मंत्री का निकट का रिस्तेदार है। निर्माणकर्ता आपको बड़ी राशि स=देने का वादा करके प्रसंग को रफादफा करने के किए बहला फुसला रहा है। वो यह भी ईसर करता है की यदि प्रसंग उसके हित में शीघ्र निपटाया नहीं जाता है तो कार्यालय में कोई आपके विरुद्ध यौन उत्पीड़न कार्यस्थल अधिनियम (पोश एक्ट) के अंतर्गत मामला दर्ज करने का इंतजार कर रही है। इस प्रसंग में निहित नीतिपरक मुद्दों का विवेचन कीजिए। इस परिस्थिति में आपके पास कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? आप के द्वारा चयनित क्रिया विधि को स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)
5. परमल एक छोटा लेकिन अविकसित जिला है। यहाँ की जमीन पथरीली है जो कृषि योग्य नही हिय, यद्यपि थोड़ी जीविका करिद्धी जमीन के छूटे टुकड़ों पर की जाती है। क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा होती है और सिचाई की एक नहर बहन से बहती है। अमरिया एक माध्यम श्रेणी का शहर है जो की इस जिले का प्रशासनिक केंद्र है। यहाँ एक बड़ा जिला अस्पताल, एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और कुछ निजी कौशल प्रशिक्षण केन्द्र हैं। एक जिला मुख्यालय की सभी सुविधाएं यहाँ उपलब्ध हैं। अमरिया से लगभग 50 कि. मी. दूर एक मुख्य रेलवे लाइन गुजरती है। इसकी कमजोर संयोजकता यहाँ पर किसी भी प्रकार के बड़े उद्योग के अभाव का मुख्य कारण है। नए उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 10 वर्षों के लिए कारावकाश दे रखा है। वर्ष 2010 में, अनिल, एक उद्योगपति ने विभिन्न लाभों को लेने के लिए नूरा गाव में, जो कि अमरिया से 20 कि . मी. दूर है, अमरिया प्लास्टिक वर्क्स (ए. पी. डब्ल्यू.) स्थापित करने का निर्णय लिया। जिस समय इस फैक्ट्री का निर्माण हो रहा था तब अनिल ने आवश्यक मुख्य श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें अमरिया के कौशल प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित करवाया। उसके इस कृत्य से मुख्य श्रमिक ए. पी. डब्ल्यू. के प्रति बहुत वफादार हो गए। नूरा गाव से ही सभी श्रमिकों को लेकर ए. पी. डब्ल्यू. ने 2011 में उत्पादन प्रारंभ किया। अपने घरों के पास ही रोजगार प्राप्त कर के गाव वाले बहुत खुश थे और मुख्य श्रमिकों ने उत्पादन के लक्ष्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा केने के लिए प्रेरित किया। ए. पी. डब्ल्यू. ने बहुत लाभ कमाना प्रारंभ किया जिसका एक बड़ा भाग नूरा गाव में जीवन स्तर को सुधारने के लिए उपयोग में लिया गया। 2016 तक नूरा गाँव एक हरा-भरा गाँव होने का तथा गाँव के मंदिर के पुनर्निर्माण पर गर्व कर सकता था। स्थानीय विधायक से संपर्क साध कर अनिल ने अमरिया जाने के लिए गाँव से बस सेवाओं की निरन्तरता भी बढ़ा दी । सरकार ने नूरा गाँव में ए. पी. डब्ल्यू. द्वारा निर्मित भवनों में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक विद्यालय भी खोल दिए । अपने सी. एस. आर. कोष का उपयोग करते हुए ए. पी. डब्ल्यू. ने महिला स्वयं सहायता समूह स्थापित किए, गाँव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए उपदान प्रदान किया और अपने कर्मचारियों और गरीबों के उपयोग के लिए एक रोगी वाहन प्राप्त किया । 2019 में ए. पी. डब्ल्यू. में एक छोटी सी आग लगी । चूंकि फैक्ट्री में अग्नि शमन सुरक्षा की उपयुक्त व्यवस्था थी इसलिए आग को शीघ्र बुझा दिया गया। जांच में पता चला कि फ़ाउकत्री अपनी अधिकृत क्षमता से अधिक बिजली का उपयोग कर रही थी। इसे शीघ्र ही सुलझा लिया गया । अगले वर्ष, देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पादन की आवश्यकता में चार महीनों के लिए गिरावट आ गई। अनिल ने निर्णय लिया कि सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से भुगतान किया जाएगा। उसने कर्मचारियों को वृक्षारोपण और गाँव के प्राकृतिक वास को सुधारने के लिए काम में लिया। ए. पी. डब्ल्यू. ने उच्चस्तरीय उत्पादन और अभिप्रेरित श्रमिक बल की ख्याति अर्जित की। ए. पी. डब्ल्यू. की कहानी का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए और अंतर्निहित नीतिपरक मुद्दों का उल्लेख कीजिए। क्या आप ए. पी. डब्ल्यू. को पिछड़े हुए क्षेत्रों के विकास के लिए आदर्श मॉडल के रूप में देखते हैं? कारण दीजिए। (250 शब्द)
6. नगरीय अर्थतन्त्र के सहायक श्रमिक बल के रूप में मुक रह कर सेवा प्रदान करते हुए, प्रवासी श्रमिक सदैव हमारे समाज के सामाजिक-आर्थिक हाशिये पर रहे है। महामारी ने उन्हें राष्ट्रीय केन्द्रबिन्दु पर ला दिया है। देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा से, प्रवासी श्रमिकों की एक बड़ी संख्या ने अपने रोजगार के स्थानों से अपने मूल गांवों को लौटने का निर्णय लिया। आवागमन की अनुपलब्धता ने अपनी समस्याएं खड़ी कर दी । इसके अलावा अपने परिवारों की भुखमरी और असुविधा का डर भी उन्हे सता रहा था। इनके चलते प्रवासी श्रमिकों ने अपने गांवों को लौटने के लिए मजदूरी और आवागमन की सुविधाएं मांगी। उनकी मानसिक व्यथा बहु कारणों से और भी बढ़ गई जैसे आजीविका का आकस्मिक नुकसान, भोजन के अभाव की संभावना और समय पर घर नही पहुँच पाने से रवी की फसल की कटाई में मदद नहीं करने की असमर्थता। उनकी आशंकाये ऐसी खबरों से और भी बढ़ गई जिनमें रास्ते में कुछ जिलों में रहने और खाने के अपर्याप्त प्रबंध के बारे में बताया गया था। जब आपको अपने जिले के जिला आपदा मोचन बल की कार्यवाही का संचालन करने की जिम्मेदारी डी गई थी तो इस परिस्थिति से आपने अनेक सबक हासिल किए। आपके मतानुसार सामयिक प्रवासी संकट में क्या नीतिपरक मुद्दे उभर कर आए? एक नीतिपरक सेवा प्रदाता राज्य से आप क्या समझते हैं? समान परिस्थितियों में प्रवासियों की कम करने में सभ्य समाज क्या सहायता प्रदान कर सकता है? (250 शब्द)
Ethics Case Studies: 2019
1- गंभीर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित एक क्षेत्र में आप बचाव कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और भोजन, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो गए हैं। मूसलाधार वर्षा एवं आपूर्ति मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से बचाव कार्य बाधित हो गया है। विलम्बित और सीमित राहत कार्य से स्थानीय लोग बहुत क्रोधित हैं। जब आपका दल प्रभावित क्षेत्र में पहुँचता है, तब लोग दल के कुछ सदस्यों पर हमला बोल देते हैं यहाँ तक कि उनकी पिटाई भी कर देते हैं। आपके दल का एक सदस्य गंभीर रूप से घायल भी हो जाता है। संकट की इस स्थिति में, दल के कुछ सदस्य अपने जीवन को खतरे के डर से आपसे आग्रह करते है कि बचाव कार्य रोक दिया जाए।
2- ईमानदारी और सच्चाई एक सिविल सेवक के प्रामाणक हैं। इन गुणों से युक्त सिविल सेवक किसी भी सुदृढ़ संगठन के मेरूदंड माने जाते हैं। कर्तव्य निर्वहन के दौरान, वे विभिन्न निर्णय लेते हैं। कभी-कभी इनमें से कुछ निर्णय सद्भाविक भूल बन जाते हैं। जब तक ऐसे निर्णय जानबूझ कर नहीं लिए जाते हैं और व्यक्तिगत लाभ प्रदान नहीं करते, तब तक अधिकारी को दोषी नहीं कहा जा सकता है। यद्यपि कभी-कभी ऐसे निर्णयों के दीर्घावधि में अप्रत्याशित प्रतिकूल परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं।
अभी हाल में कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जिन में सिविल सेवकों को सद्भाविक भूलों के लिए आलिप्त किया गया है। उन्हें अकसर अभियोजित और बंदित भी किया गया है। इन प्रकरणों के कारण सिविल सेवकों की नैतिक रचना को अत्यधिक क्षति पहुंची है।
यह प्रवृति लोक सेवकों के कार्य निष्पादन को किसा तरह प्रभावित कर रही है? यह सुनिश्चित करने के लिए कि ईमानदार सिविल सेवक सद्भाविक भूलों के लिए आलिप्त नहीं किए जाए, क्या उपाय किए जा सकते हैं? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।
3- बड़ी संख्या में महिला कर्मचारियों वाली एक परिधान उत्पादक कंपनी के अनेक कारणों से विक्रय में गिरावट आ रही थी। कंपनी ने एक प्रतिष्ठित विपणन अधिकारी को नियुक्त किया, जिसने अल्पावधि में ही विक्रय की मात्र को बढ़ा दिया। लेकिन उस अधिकारी के विरूद्ध कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न में लिप्त होने के कुछ अपुष्ट शिकायतें सामने आई।
कुछ समय पश्चात् एक महिला कर्मचारी ने कंपनी के प्रबंधन की विपणन अधिकारी के विरूद्ध यौन उत्पीड़न की औपचारिक शिकायत दायर की। अपनी शिकायत के प्रति कंपनी की संज्ञान लेने में उदासीनता को देखते हुए, महिला कर्मी ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की।
परिस्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को भांपते हुए, कंपनी ने महिलाकर्मी को वार्ता करने के लिए बुलाया। कंपनी ने महिलाकर्मी को एक मोटी रकम देने के एवज में अपनी शिकायत और प्राथमिकी वापस लेने तथा यह लिख कर देने के लिए कहा कि विपणन अधिकारी प्रकरण में लिप्त नहीं था।
इस प्रकारण में निहित नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिए। महिलाकर्मी के सामने कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
4- आधुनिक लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था में, राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका की संकल्पना होती है। निर्वाचित जन प्रतिनिधि राजनीतिक कार्यपालिका का गठन करते हैं और अधिकारीतंत्र स्थायी कार्यपालिका का गठन करती है। मंत्रीगण नीति निर्माण करते हैं और अधिकारी उन नीतियों को क्रियान्वित करते हैं।
स्वतंत्रता के पश्चात् प्रारंभिक दशकों में, राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका के बीच अंतर्सम्बन्ध, एक दूसरे के क्षेत्र में हस्तक्षेप किए बिना, परस्पर समझना, सम्मान और सहयोग पर आधारित थे। लेकिन बाद के दशकों में स्थिति में परिवर्तन आया है। ऐसे प्रकरण आए हैं जहाँ राजनीतिक कार्यपालिका ने स्थायी कार्यपालिका पर अपनी कार्यसूची का अनुसरण करने का दबाव बनाया है। सत्यनिष्ठ अधिकारियों के प्रति सम्मान और सराहना में गिरावट आई है। इस प्रवृत्ति में उत्तरोतर वृद्धि हुई है कि राजनीतिक कार्यपालिका में नैत्यिक प्रशासनिक प्रसंगों में जैसे कि स्थानान्तरण, प्रस्थापन आदि में अंतर्ग्रस्त होने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। इस परिदृश्य में अधिकारीतंत्र के राजनीतिकरण की ओर एक निश्चित प्रवृति है। सामाजिक जीवन में बढ़ती भौतिकवाद और संग्रहवृति ने राजनीतिक कार्यपालिका और स्थायी कार्यपालिका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
अधिकारीतंत्र के इस राजनीतिकरण के क्या-क्या परिणाम हैं? विवेचना कीजिए।
5- एक सीमांत राज्य के एक जिले में स्वापकों (नशीले पदार्थों) का खतरा अनियंत्रित हो गया है। इसके परिणामस्वरूप काले धन का प्रचलन, पोस्त की खेती में वृद्धि, हथियारों की तस्करी, व्यापक हो गई है तथा शिक्षा व्यवस्था लगभग ठप्प हो गई है। सम्पूर्ण व्यवस्था एक प्रकार से समाप्ति के कगार पर है। इन अपुष्ट खबरों से कि स्थानीय राजनेता और कुछ पुलिस उच्चाधिकारी भी ड्रग माफिया को गुप्त संरक्षण दे रहे हैं, स्थिति और भी बदतर हो गई है।
ऐसे, समय में परिस्थिति को सामान्य करने के लिए, एक महिला पुलिस अधिकारी, जो ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अपने कौशल के लिए जानी जाती है, को पुलिस अधीक्षक के पद पर नियुक्त किया जाता है।
यदि आप वही पुलिस अधिकारी हैं, तो संकट के विभिन्न आयामों को चिन्हित कीजिए। अपनी समझ के अनुसार, संकट का सामना करने के उपाय भी सुझाएं।
6- भारत में हाल के समय में बढ़ती चिंता रही है कि प्रभावी सिविल सेवा नैतिकता, आचरण संहिताओं, पारदर्शिता उपायों, नैतिक एवं शुचिता व्यवस्थाओं को भ्रष्टाचार निरोधी अभिकरणों को विकसित किया जा सके। इस परिप्रेक्ष्य में, तीन विशिष्ट क्षेत्रें पर ध्यान देने की आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है जो सिविल सेवाओं में शुचिता और नैतिकता को आत्मसात् करने हेतु प्रत्यक्ष रूप से प्रासंगिक हैं। ये क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
- सिविल सेवाओं में, नैतिक मानकों और ईमानदारी के विशिष्ट खतरों का पूर्वानुमान करना,
- सिविल सेवकों की नैतिक सक्षमता को सशक्त करना और
- सिविल सेवाओं में नैतिक मूल्यों और ईमानदारी की अभिवृद्धि के लिए, प्रशासनिक प्रक्रियाओं एवं प्रथाओं का विकास करना।
उपरोक्त तीन मुद्दों का हल निकालने के लिए संस्थागत उपाय सुझाइए।
Ethics Case Studies: 2018
1. राकेश जिला स्तर का एक जिम्मेदार अधिकारी है, जिस पर उसके उच्च अधिकारी भरोसा करते हैं। उसकी ईमानदारी को डयन में रखते हुए सरकार ने उसे वरिष्ठ नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल योजना के लाभार्थियों की पहचान करने का दायित्व सौंपा है। लाभार्थी होने के लिए निम्नलिखित कसौटियाँ हैं : (अ) 60 वर्ष की या उससे अधिक आयु हो। (ब) किसी आरक्षित समुदाय से संबंधित हो। (स) परिवार की वार्षिक आय 1 लाख से कम हो. (द) इलाज के बाद लाभार्थी के जीवन की गुणवत्ता में सकारात्मक अंतर होने की परबाल संभावना हो। एक दिन एक वृद्ध दंपति राकेश के कार्यालय में योजना के लाभ के लिए आवेदन-पत्र ले कर आया। वे उसके जिले के एक गाँव में जन्म से रहते आए हैं। वृद्ध व्यक्ति की बड़ी आंत में एक ऐसे विरले विकार का पता लगा जिससे उसमें रुकावट पैदा होती है । परिणामस्वरूप, उसके पेट में बार-बार तीव्र पीड़ा होती है जिससे वह कोई शारीरिक श्रम नही कर सकता है । वृद्ध दंपति की देखरेख करने के लिए कोई संतान नही है । एक विशेषज्ञ शल्य चिकित्सक, जिससे वे मिले है, बिना फीस के उनकी शल्य चिकित्सा करने को तैयार है। फिर भी, उस वृद्ध दंपति को आकस्मिक व्यय, जैसे दवाइयाँ, अस्पताल का खर्च, आदि जो लगभग 1 लाख होगा, स्वयं ही वाहन करना पड़ेगा। दंपति मानक ‘ब’ के अलावा योजना का लाभ प्राप्त करने की सारी कसौटियाँ पूरी करता है। फिर भी, किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता निश्चित तौर पर उनके जीवन की गुणवत्ता में काफी अंतर पैदा करेगी। राकेश को इस परिस्थिति में क्या अनुक्रिया करनी चाहिए? (250 शब्द)
2. अपने मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते आपकी पहुँच महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों तथा आने वाली बड़ी घोषणाओं, जैसे सड़क निर्माण परियोजनाएं, तक जनता के अधिकार-क्षेत्र में जाने से पहले हो जाती है । मंत्रालय एक बड़ी सड़क निर्माण योजन की घोषणा करने वाला है जिसके लिए खाके तैयार हो चुके है। नियोजकों ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि सरकारी भूमि का अधिक-से-अधिक उपयोग किया जाए ताकि निजी भूमि का कम-से-कम अधिग्रहण करना पड़े। निजी भूमि के मालिकों के लिए क्षतिपूर्ति की दरें भी सरकारी नियमों के अनुसार निर्धारित कर ली गई है। निर्वनीकरण कम-से-कम हो इसका भी ध्यान रखा गया है। ऐसी आशा है कि परियोजना की घोषणा होते ही उस क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र की भूमि की कीमतों में भारी उछाल आएगी। इसी बीच, संबंधित मंत्री ने आपसे आग्रह किया की सड़क का पुनःसंरेखन इस प्रकार किया जाए जिससे सड़क मंत्री के 20 एकड़ के फार्म हाउस के पास से निकले। इसके साथ ही मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वह आपकीपत्नी के नाम, प्रस्तावित बड़ी सड़क परियोजना के आसपास एक बड़ा भूखंड प्रचलित दरों पर जो कि नाममात्र की है, करी करने में सहायता करेंगे। मंत्री ने आपको यह भी विश्वास दिलाने का प्रयास किया कि इसमें कोई नुकसान नही है क्योंकि भूमि वैधानिक रूप से खरीदी जा रही है। वह आपसे यह भी वादा करता है कि यदि आपके पास पर्याप्त धनराशि नही है, तो उसकी पूर्ति में भी आपकी सहायता करेगा। लेकिन सड़क के पुनःसंरेखन में बहुत-सी कृषि-योग्य भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा, जिससे सरकार पर काफी वित्तीय भर पड़ेगा, तथा किसान भी विस्थापित होंगे । केवल यह ही नही, इसके चलते बहुत सारे पेड़ों को भी कटवाना पड़ेगा, जिससे पूरे क्षेत्र का हरित आवरण समाप्त हो जाएगा। इस परिस्थिति का सामना होने पर आप क्या करेंगे? विभिन्न प्रकार के हित-द्वंद्वों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए तथा स्पष्ट कीजिए कि एक लोक सेवक होने के नाते आपके क्या दायित्व हैं। (250 शब्द)
3. यह एक राज्य है जिसमे शराबबंदी लागू है। अभी-अभी आपको इस राज्य के एक ऐसे जीके में पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है जो अवैध शराब बनाने के लिए कुख्यात है। अवैध शराब से बहुत मौतें हो जाती है, कुछ रिपोर्ट की जाती है और कुछ नही, जिससे जिला अधिकारियों को बड़ी समस्या होती है। अभी तक इसे कानून और व्यवस्था की समस्या के दृष्टिकोण से देखा जाता रहा है और उसी तरह इसका सामना किया जाता रहा है । छपे, गिरफ्तारियों, पुलिस के मुकदमे, आपराधिक मुकड़में – इन सभी का केवल सीमित प्रभाव रहा है। समस्या हमेशा की तरह अभी भी गंभीर बनी हुई है। आपके निरक्षणों से पता चलता है कि जिले के जिन क्षेत्रों में शराब बनाने का कार्य फल-फूल रहा है, वे आर्थिक, औद्योगिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं। अपर्याप्त सिचाई सुविधाओं का कृषि पर बुरा प्रभाव पडत है। विभिन्न समुदायों में बार-बार होने वाले टकराव अवैध शराब निर्माण को बढ़ावा देते हैं। अतीत में लोगों के हालत में सुधार लाने के लिए न तो सरकार के द्वारा और न ही सामाजिक संगठनों के द्वारा कोई महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं। (250 शब्द)
4. एक बड़ा औद्योगिक परिवार बड़े पैमाने पर औद्योगिक रसायनों के उत्पादन में संलग्न है। यह परिवार एक अतिरिक्त इकाई स्थापित करना चाहता है। पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के कारण अनेक राज्यों ने इसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। किन्तु एक राज्य सरकार ने, सारे विरोध को द्रनीकर करते हुए, औद्योगिक परिवार की प्रार्थना को स्वीकार कर लिए और एक नगर के समीप इकाई स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी । इकाई को 10 वर्ष पूर्व स्थापित कर दिया था और अभी तक बहुत सुचारु रूप से चल रही थी। औद्योगिक बहिःस्रावों से पैदा हुए प्रदूषण से क्षेत्र में भूमि, जल और फसलों पर दुष्प्रभाव पड़ रहा था। इससे मनुष्यों तथा पशुओं में गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी आ रही थी। परिणामस्वरूप, इकाई को बंद करने की मांग को ले कर श्रृंखलाबद्ध आँडिलन होने लगे। अभी-अभी एक आंदोलन में हजारों लोगों ने भाग लिया जिससे पैदा हुई गंभीर कानून और व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए पुलिस को सख्त कदम लेने पड़े। जनाक्रोश के पश्चात राज्य सरकार ने फैक्ट्री को बंद करने का आदेश डे दिया। फैक्ट्री के बंद होने के परिणामस्वरूप न केवल वहाँ काम करने वाले श्रमिक ही बेरोजगार हुए अपितु सहायक इकाइयों के कामगार भी बेरोजगार हो गए। इससे उन उद्योगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा जो उस इकाई द्वारा उत्पादित रसायनों पर निर्भर थे। इस मुद्दे को सम्हालने के उत्तरदायित्व सौपे गए एक वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते, आप इस उत्तरदायित्व का निर्वहन किस प्रकार करेंगे? (250 शब्द)
5. डॉ. ‘एक्स’ शहर के एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं। उन्होंने एक धर्मार्थ न्यास स्थापित कर लिया है जिसके माध्यम से समाज के सभी वर्गों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, वे एक उच्च-विशेषज्ञता अस्पताल स्थापित करना चाहते हैं। संयोग से, राज्य के उस क्षेत्र की वर्षों से उपेक्षा रही है। प्रस्तावित अस्पताल उस क्षेत्र के लिए एक वरदान साबित होगा। आप उस क्षेत्र की कर अन्वेषण इकाई के प्रमुख हैं। डॉक्टर के क्लीनिक के निरीक्षण के दौरान आपके अधिकारियों को कुछ बड़ी अनियमितताएं ज्ञात हुई हैं। उनमें से कुछ बहुत गंभीर हैं जिनके कारण बड़ी मात्रा में करों से प्राप्य धनराशि रुकी रही, जिसका भुगतान डॉक्टर को अब करना चाहिए। डॉक्टर सहयोग के लिए तैयार है। वे तुरंत कर की राशि को अदा करने का वायदा करते हैं। लेकिन उनके कर भुगतान में कुछ और भी खमियाँ हैं जो पुर्न रूप से तकनीकी है। यदि अभिकरण द्वारा इन तकनीकी खमियों का पीछा किया जाता है, तो डॉक्टर का बहुत सारा समय और उसकी ऊर्जा कुछ ऐसे मुद्दों की तरफ मुड़ जाएगी जो न तो बहुत गंभीर है, न ही अत्यावश्यक और न ही कर भुगतान कराने में सहायक हैं। इसके अतिरिक्त, पूरी संभावना है कि इसके कारण अस्पताल के खोले जाने की प्रक्रिया भी बाधित होगी। आपके समक्ष दो विकल्प है : (i) व्यापक दृष्टिकोण रखते हुए, आधिकारिक कर भुगतान अनुपालन सुनिश्चित करें और ऐसी कमियों को नजरंदाज करें जो केवल तकनीकी प्रकृति की हों। (ii) मामले को सख्ती से देखे और सभी पहलुओं पर आगे बढ़ें, चाहे वे गंभीर हों या केवल तकनीकी। कर अभिकरण के प्रमुख होने के नाते, आप कौन-से कार्य दिशा का विकल्प अपनाएंगे और क्यों? (250 शब्द)
6. एडवर्ड स्नोडन, एक कंप्यूटर विशेषज्ञ तथा सी. आइ. ए. के पूर्व व्यवस्था प्रशासक, ने सरकार के निगरानी कार्यक्रमों के अस्तित्व के बारे में गोपनीय सरकारी दस्तावेजों का खुलासा प्रेस को कर दिया। अनेक विधि विशेषज्ञों और अमेरिकी सरकार के अनुसार, उसके इस कार्य से गुप्तचर्या अधिनियम 1917 का उल्लंघन हुआ, जिसके अंतर्गत राज्य गुप्त बातों का सर्वजनिकरण राजद्रोह माना जाता है। इसके बावजूद कि स्नोडन ने कानून तोड़ा था, उसने तर्क दिया कि ऐसा करना उसका एक नैतिक दायित्व था। उसने अपने “जानकारी सार्वजनिक करने को (व्हिसल ब्लोइंग )” यह कह कर उचित ठहराया कि “जनता को यह सूचना देना कि उसके नाम पर क्या किया जाता है और उसके विरुद्ध क्या किया जाता है”, बताना उसका कर्तव्य है। स्नोडन के अनुसार, सरकार द्वारा निजता के उल्लंघन को वैधानिकता की प्रवाह किए बिना उसको उजागर करना चाहिए क्योंकि इसमें सामाजिक क्रिया तथा सार्वजनिक नैतिकता के अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। अनेक व्यक्ति स्नोडन से सहमत थे। केवल कुछ ने यह तर्क दिए की स्नोडन ने कानून तोड़ा है और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है, जिसके लिए uसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। क्या आप इससे सहमत हैं कि स्नोडन का कार्य कानूनी रूप से प्रतिबंधित होते हुए भी नैतिकता की दृष्टि से उचित था? क्यों या क्यों नही? इस विषय में परस्पर स्पर्धी मूल्यों को तोलते हुए अपना तर्क दीजिए। (250 शब्द)
Ethics Case Studies: 2017
1. आप एक ईमानदार और जिम्मेदार सिविल सेवक हैं। अप प्रायः निम्नलिखित को प्रेक्षित करते हैं:
- एक सामान्य धरण है की नैतिक आचरण का पालन करने से स्वयं को भी कठिनाइयों का सामना करना पद सकता है और परिवार के लिए भी समस्याएं पैदा हो सकती है, जबकि अनुचित आचरण जीविका लक्ष्यों टन पहुचने में सहायक हो सकता है।
- जब अनुचित साधनों को अपनाने वाले लोगों की संख्या बड़ी होती है, तो नैतिक साधन अपनाने वाले अल्पसंख्यक लोगों से कोई फरक नहीं पड़ता।
- नैतिक तरीकों का पालन करना बृहत विकसात्मक लक्ष्यों के लिए हानिकारक है।
- चाहे कोई बड़े अनैतिक आचरण में सम्मिलित न हो, लेकिन छोटे-मोटे उपहारों का आदान-प्रदान प्रणाली को अधिक कुशल बनाता है।
उपर्युक्त कथनों की, उनके गुणों और दोषों सहित जांच कीजिए। (250 शब्द)
2. आप आई. ए. एस. अधिकारी बनने के इच्छुक है और आप विभिन्न चरणों को पर करने के बाद व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए चुन लिए गए है। साक्षात्कार के दिन जब आप साक्षात्कार स्थल की ओर जा रहे थे तब आपने एक दुर्घटना देखी जहां एक माँ और बच्चा जो की आपके रिस्तेदार थे, दुर्घटना के कारण बुरी तरह से घायल हुए थे। उन्हे तुरंत सहायता की आवश्यकता थी।
आपने ऐसी परिस्थिति में क्या किया होता ? अपनी कार्यवाही का औचित्य समझाइए। (250 शब्द)
3. आप किसी संगठन के मानव संसाधन विभाग के अध्यक्ष हैं। एक दिन कर्मचारियों में से एक का ड्यूटी करते हुए देहांत हो गया। उसका परिवार मुआवजे की मांग कर रहा था किन्तु कंपनी ने इस कारण से मुआवजा देने से इनकार कर दिया है क्योंकि कंपनी को जांच द्वारा ज्ञात हुआ की कर्मचारी दुर्घटना के समय नशे में था। कंपनी के कर्मचारी मृतक कर्मचारी के परिवार को मुआवजा देने की मांग करते हुए हड़ताल पर चले गए । प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष ने आपसे इस संबंध में सलाह देने को कहा। प्रबंधन मण्डल को आप क्या सलाह देंगे?
अपनी डी गई सलाहों में से प्रत्येक के गुणों और दोषों की चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
4. आप एक स्पेयर पार्ट कंपनी ए के मैनेजर है और आपको एक बड़ी उत्पादक कंपनी बी के मैनेजर से सौदे के लिए बातचीत करनी है। सौदा अत्यधिक प्रतिस्पर्धात्मक है तथा आपकी कंपनी के लिए यह सौदा प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। दिनार पर सौदा किया जा रहा है। डिनर के पश्चात उत्पादक कंपनी बी के मैनेजर ने आपको आपके होटल अपनी गाड़ी से छोड़ने का प्रस्ताव किया। होटल जाते समय कंपनी बी के मैनेजर से एक मोटरसाइकिल को टक्कर लग गई जिससे मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति बुरी तरह से घायल हो गया । विधि-प्रवर्तन अधिकारी इस घटना की जांच करने के लिए आते हैं और आप इस घटना के एकमात्र प्रत्यक्षसाक्षी है। सड़क दुर्घटनाओ के कड़ी कानूनों को जानते हुए आप इस बात से अवगत है की आपके इस घटना के सच्चे बयान से कंपनी बी के मैनेजर पर अभियोग चलाया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप सौदा होना खतरे मे पद सकता है और आपकी कंपनी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आप किस प्रकार कि दुविधाओं का सामना करेंगे? इस परिस्थिति के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? (250 शब्द)
5. एक मकान जिसे तीन मंजिल बनाने की अनुमति मिली थी, uसे अवैध रूप से निर्माणकर्ता द्वारा छः मंजिला बनाया जा हा था और वह ढह गया। इसके कारण कई निर्दोष मजदूर जिनमे महिलायें व बच्चे भी शामिल थे, मारे गए। ये सब मजदूर भिन्न-भिन्न स्थानों से आए हुए थे। सरकार द्वारा तुरंत मृतक परिवारों को नकद-मुआवजा घोषित किया गया और निर्माणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया।
देश में होने वाली इस प्रकार के घटनाओं के कारण बताइए। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अपने सुझाव दीजिए। (250 शब्द)
6. आप एक सरकारी विभाग में सार्वजनिक जन सूचना अधिकारी (पी. आइ. ओ. ) हैं। आप जानते हैं की 2005 का आर. टी. आइ. अधिनियम प्रशासनिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही की परिकल्पना करता है। अधिनियम आमतौर पर कदाचित मनमाना पेशासनिक व्यवहार एवं कार्यों पर रॉक लगाने में कार्यरत है। किन्तु पी. आइ. ओ. के स्वरूप में आपने देखा है की कुछ ऐसे नागरिक है जो अपने लिए याचिका फ़ाइल करने के बजे दूसरे हित धारकों के लिए याचिका फ़ाइल करते हैं और इसके द्वारा अपने स्वार्थ को आगे करते है। साथ -साथ ऐसे आर. टी. आइ. भरने वाले कुछ लोग भी हैं जो नियमित रूप से आर. टी. आइ. याचिकाये भरते रहते है और निर्णयकर्ताओं से पैसा निकलवाने का प्रयास करते है और इस प्रकार की आर. टी. आइ. गतिविधियों ने प्रशासन के कार्यकलापों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और संभवतः विशुद्ध याचिकाओ को जोखिम में डाल दिया है जिनका लक्ष्य न्याय प्राप्त करना है।
वास्तविक और अवास्तविक याचिकाओं को अलग करने के लिए आप क्या उपाय सुझाएंगे? अपने सुझाओं के गुणों और दोषों का वर्णन कीजिए। (250 शब्द)
Ethics Case Studies: 2016
प्रश्न 1. इंजीनियरी की एक नई स्नातक (ग्रेजुएट) को एक प्रतिष्ठावान रासायनिक उद्योग में नौकरी मिली है। वह कार्य को पसन्द करती है। वेतन भी अच्छा है। फिर भी, कुछ महीनों के पश्चात् इत्तफाक से उसने पाया कि उच्च विषाक्त अपशेष को गोपनीय तरीके से नजदीकी नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। यह अनुप्रवाह में रहने वाले ग्रामीणों, जो पानी की आवश्यकता के लिए नदी पर निर्भर हैं, के स्वास्थ्य की समस्याओं का कारण बनता जा रहा है। वह विचलित है और वह अपनी चिन्ता सहकर्मियों को प्रकट करती है, जो लम्बे समय से कम्पनी के साथ रहे हैं। वे उसे चुप रहने की सलाह देते हैं क्योंकि जो भी इस विषय का उल्लेख करता है, उसको नौकरी से निकाल दिया जाता है। वह अपनी नौकरी खोने का खतरा नहीं ले सकती, क्योंकि वह अपने परिवार की एकमात्र जीविका चलाने वाली है तथा उसे अपने बीमार माता-पिता एवं भाई-बहनों का भरण-पोषण करना होता है। प्रथमतः वह सोचती है यदि उसके वरिष्ठ चुप हैं, तो वह ही क्यों अपनी गर्दन बाहर निकाले। परन्तु उसका अन्तःकरण नदी को एवं नदी पर निर्भर रहने वाले लोगों को बचाने कें लिए दिया गया परामर्श उचित नहीं है, यद्यपि वह उसके कारण नहीं बता सकती है। वह सोचती है कि आप एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं तथा वह आपका परामर्श पूछती है।
- चुप रहना उसके लिए नैतिक रुप से सही नहीं है यह दर्शाने के लिए आप क्या तर्क प्रस्तुत कर सकते हैं?
- आप उसे कौन-सा रास्ता अपनाने की सलाह देंगे और क्यों देंगे?
प्रश्न 2. खनन, बांध एवं अन्य बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए आवश्यक भूमि अधिकांशतः आदिवासियों, पहाड़ी निवासियों एवं ग्रामीण समुदायों से अर्जित की जाती है। विस्थापित व्यक्तियों को कानूनी प्रावधानों के अनुरुप मौद्रिक मुआवजा दिया जाता है। फिर भी भुगतान प्रायः धीमी गति से होता है। किसी भी हालत में विस्थापित परिवार लम्बे समय तक जीवनयापन नहीं कर पाते। इन लोगों के पास बाजार की आवश्यकतानुसार किसी दूसरे धंधे में लगने का कौशल भी नहीं होता है। वे आखिरकार कम मजदूरी वाले आवर्जिक (प्रवासी) श्रमिक बन जाते है। इसके अलावा, उसके सामुदायिक जीवन के परम्परागत तरीके अधिकांशतः समाप्त हो जाते हैं। अतः विकास के लाभ उद्योगों, उद्योगपतियों एवं नगरीय समुदायों को चले जाते हैं, जबकि विकास की लागत इन गरीब असहाय लोगों पर डाल दी जाती है। लागतों एवं लाभों का यह अनुचित वितरण अनैतिक है।
यदि आपको ऐसे विस्थापित व्यक्तियों के लिए अच्छे मुआवजे एवं पुनःवास की नीति का मसौदा बनाने का कार्य दिया जाता है, जो आप इस समस्या के सम्बन्ध में क्या दृष्टिकोण रखेंगे एवं आपके द्वारा सुझाई गई नीति के मुख्य तत्व कौन-कौन से होगें?
प्रश्न 3. कल्पना करें कि आप एक सामाजिक सेवा योजना की क्रियान्विती के कार्य प्रभारी हैं, जिससे बूढ़ी एवं निराश्रय महिलाओं की सहायता प्रदान करनी है। एक बूढ़ी एवं अशिक्षित महिला योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आपके पास आती है। यद्यपि, उसके पास पात्रता के मानदंडों को पूरा करने वाले कागजात दिखाने के लिए नहीं हैं। परन्तु उससे मिलने उवं उसे सुनने से आप यह महसूस करते हैं कि उसे सहायता की निश्चित रूप से आवश्यकता है। आपकी जांच में यह भी आया है कि वास्तव में वह दयनीय दशा में निराश्रित जीवन व्यतीत कर रही है। आप इस धर्मसंकट में हैं कि क्या किया जाए। उसे बिना आवश्यक कागजात के योजना में सम्मिलित किया जाना, नियमों का स्पष्ट उल्लंघन होगा। उसे सहायता के लिए मना करना भी निर्दयता एवं अमानवीय होगा।
- क्या आप इस धर्मसंकट के समाधान के लिए कोई तार्किक तरीका सोच सकते है?
- इसके लिए अपने कारण बतलाइए।
प्रश्न 4. आप एक सरकारी कार्यालय में अपने विभाग के निदेशक के सहायक के रूप में कार्यरत एक युवा, उच्चाकांक्षी एवं निष्कपट कर्मचारी है। जैसा कि आपने अभी पद ग्रहण किया है, आपको सीखने एवं प्रगति की आवश्यकता है। भाग्यवश आपका उच्चस्थ बहुत दयालु एवं आको अपने कार्य के लिए प्रशिक्षित काने के लिए तैयार है। वह बहुत बुद्धिमान एवं पूर्ण जानकार व्यक्ति है, जिसे विभिन्न विभागों का ज्ञान है। संक्षेप में, आप अपने बॉस का सम्मान करते हैं तथा उससे बहुत कुछ सीखने के उत्सुक हैं।
जैसा कि आपके साथ बॉस के सम्बन्ध अच्छे हैं, वह आप पर निर्भर करने लगा है। एक दिन खराब स्वास्थ्य के कारण आपको कुछ आवश्यक कार्य पूरा करने के लिए घर पर बुलाया।
आप उसके घर पहुँचे एवं घंटी बजाने से पूर्व आपने जोर-जोर से चिल्लाने का शोर सुना। आपने कुछ समय प्रतीक्षा की। घर में प्रवेश करने पर बॉस ने आपका अभिन्दन किया तथा कार्य के बारे में बतलाया। परन्तु आप एक औरत के रोने की आवाज से निरन्तर व्याकुल रहे। अन्त में आपने अपने बॉस से पूछा परन्तु उसने सन्तोषप्रद जवाब नहीं दिया।
अगले दिन आप कार्यालय में इसके बारे में आगे जानकारी करने को उद्वेलित हुए मालूम हुआ कि उसका घर में अपनी पत्नी के साथ व्यवहार बहुत खराब है। वह अपनी पत्नी की मारपीट भी करता है। उसकी पत्नी ठीक से शिक्षित नहीं है तथा अपने पति की तुलना में एक सरल महिला है। आप देखते हैं कि आपका बॉस कार्यालय में अच्छा व्यक्ति है, परन्तु घर पर वह घरेलू हिंसा में संलिप्त है।
इस स्थिति में, आपके सामने निम्नलिखित विकल्प बचे हैं। प्रत्येक विकल्प का परिणामों के साथ विश्लेषण कीजिए।
- इसके बारे में सोचना छोड़ दीजिए क्योंकि यह उनका व्यक्तिगत मामला है।
- उपयुक्त प्राधिकारी को मामले को प्रेषित कीजिए।
- स्थिति के बारे में आपका स्वयं का नवप्रवर्तनकारी दृष्टिकोण।
प्रश्न 5. ए.बी.सी. लिमिटेड एव बड़ी पारराष्ट्रीय कम्पनी है जो विशाल शेयरधारक के आधार पर विविध व्यापारिक गतिविधियां संचालित करती है। कम्पनी द्वारा निरन्तर विस्तार एवं रोजगार सृजन हो रहा है। कम्पनी ने अपने विस्तार एवं विविधता कार्यक्रम के अन्तर्गत विकासपुरी, जो एक अविकसित क्षेत्र है, में एक नया संयंत्र स्थापित करने का निर्णय किया है। नया संयंत्र ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकी के प्रयोग के अनुरूप प्रारूपित किया गया है जो कम्पनी के उत्पादन लागत को 20% बचाएगी। कम्पनी के निर्णय सरकार की अविकसित क्षेत्रें के विकास के लिए निवेश को आकर्षित करने की नीति के अनुरूप हैं। सरकार ने उन कम्पनियों को पाँच वर्ष के लिए करों में छूट (टेक्स होलीडे) की घोषणा की है जो अविकसित क्षेत्र में निवेश करती हैं। फिर भी, नया संयंत्र विकासपूरी क्षेत्र के शान्तिप्रिय निवासियों के लिए अव्यवस्था पैदा कर देगा। नए संयंत्र के परिणामस्वरुप की लागत बढ़ेगी, क्षेत्र में विदेशी प्रवसन से सामाजिक एवं आर्थिक व्यवसथा प्रभावित होगी। कम्पनी को सम्भावित विरोध का आभास होने पर उसने विकासपुरी क्षेत्र के लोगों एवं जनता को यह बताने की कोशिश की कि कम्पनी की निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व की नीति विकासपुरी क्षेत्र के निवासियों की सम्भावित कठिनाइयों को रोकने में मददगार रहेगी। इसके बावजूद भी विरोध प्रारम्भ होता है तथा कुछ निवासी न्यायपालिका जाने का इस आधार पर निर्णय करते हैं कि इससे पूर्व सरकार के सामने दिए गए तर्कों का कोई परिणाम नहीं निकला था।
- इस मामले में अन्तःनिहित समस्याओं की पहचान कीजिए।
- आप कम्पनी के लक्ष्यों एवं प्रभावित निवससियों की सन्तुष्टि के लिए क्या सुझाव दे सकते हैं?
प्रश्न 6. सरस्वती यू.एस.ए. सूचना प्रौद्योगिकी की एक सफल पेशेवर थी। अपने देश के लिए कुछ करने की राष्ट्र-भावना से प्ररित होकर वह वापस भारत आई। उसने गरीब ग्रामीण समुदाय के लिए एक पाठशाला निर्माण के लिए एक-जैसे विचारों वाले कुछ मित्रें के साथ मिलकर एक गैर-सरकारी संगठन बनाया।
पाठशाला का लक्ष्य नाममात्र की लागत पर उच्च स्तरीय आध्ुनिक शिक्षा प्रदान करना था। उसने जल्दी ही पाया कि उसे कई सरकारी ऐजेन्सियों से अनुमति लेनी होगी। नियम एवं प्रक्रियाएं काफी अस्पष्ट एवं जटिल थीं। अनावश्यक देरियों, अधिकारियों की कठोर प्रवृत्ति एवं घूस की लगातार मांग से वह सबसे ज्यादा हतोत्साहित हुई। उसके एवं उस जैसे दूसरों के अनुभव ने लोगों को सामाजिक सेवा परियोजनाओं को लेने से रोका हुआ है।
स्वैच्छिक सामाजिक कार्य पर सरकारी नियन्त्रण के उपाय आवश्यक हैं। परन्तु इन्हें बाध्यकारी या भ्रष्टरूप में प्रयोग में नहीं लिया जाना चाहिए। आप क्या उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए सूझाऐंगे कि जिससे आवश्यक नियन्त्रण के साथ नेक इरादों वाले ईमानदार गैर-सरकारी संगठन के प्रयासों में बाधा नहीं आए?
प्रश्न 1. एक निजी कंपनी अपनी दक्षता, पारदर्शिता और कर्मचारी कल्याण के लिए विख्यात है। यद्यपि कंपनी का मालिक एक निजी व्यक्ति है, तथापि उसका एक सहकारिता वाला आचरण है जहाँ कर्मचारी स्वामित्व की भावना रखते हैं। कंपनी में लगभग 700 कार्मिक नियुक्त है और उन्होंने स्वेच्छापूर्वक संघ न बनाने का निर्णय लिया है।
अचानक एक दिन सुबह एक राजनैतिक पार्टी के 40 आदमी जबरदस्ती फैक्ट्री में घुस आए और फैक्ट्री में नौकरी मांगने लगे। उन्होंने प्रबंधन और कर्मचारियों को धमकियाँ और गालियाँ भी दीं। कर्मचारियों का मनोबल गिरा। यह स्पष्ट था कि जो लोग जबरदस्ती घुस आए थे, वे कंपनी के वेतन-पत्राक में होना चाहते थे और साथ ही साथ पार्टी के स्वयंसेवक/सदस्य बने रहना चाहते थे।
कंपनी ईमानदारी के उच्च मानकों को बनाए रखती है और सिविल प्रशासन, जिसमें कानून प्रवर्तन अभिकरण भी शामिल हैं, का कोई अनुग्रह नहीं करती। इस प्रकार के प्रसंग सार्वजनिक क्षेत्रक में भी घटते हैं।
- मान लीजिए कि आप कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ;सी.ई.ओ.द्ध है। आप उपद्रवी भीड़ के गेट के अंदर जबरन घुस आने और कंपनी परिसर के भीतर धरना देने की तारीख को प्रचंड स्थिति के निष्प्रभावन के लिए क्या करेंगे?
- इस मामले में चर्चित मुद्दे का दीर्घकालीन समाधान क्या हो सकता है?
- प्रत्येक समाधान/कार्रवाई का, जिसके आप सुझाएंगे, आप पर (सी.ई.ओ. के तौर पर), कर्मचारियों पर और कर्मचारियों के निष्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अपने द्वारा सुझाई गई कार्रवाइयों में से प्रत्येक के परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
प्रश्न 2. आप एक पंचायत के सरपंच हैं। आपके क्षेत्र में सरकार द्वारा चलाया जा रहा एक प्राइमरी स्कूल है। स्कूल में उपस्थित होने वाले बच्चों को दिवस-मध्य भोजन (मिड-डे-मील) दिया जाता है। हेडमास्टर ने अब भोजन तैयार करने के लिए एक नया रसोइया नियुक्त कर दिया हैं परंतु जब यह पता चला कि रसोइया दलित समुदाय का है, उच्च जातियों के बच्चों में से लगभग आधों को उनके माँ-बाप भोजन करने की इजाजत नहीं देते हैं। फलस्वरूप स्कूल के बच्चों की उपस्थिति तेजी से घट गई। इसके परिणामस्वरूप दिवस-मध्य भोजन की योजना को समाप्त करने और उसके बाद अध्यापन स्टाफ को हटाने और बाद में स्कूल को बंद कर देने की संभावना पैदा हो गई।
- इस संदर्भ पर काबू पाने और सही एवं सुखद वातावरण बनाने की कुछ साध्य रणनीतियों पर चर्चा कीजिए।
- ऐसे परिवर्तनों को स्वीकार करने के लिए सकारात्मक सामाजिक वातावरण बनाने हेतु विभिन्न सामाजिक खंडों और अभिकरणों के क्या कर्तव्य होने चाहिए।
प्रश्न 3. एक प्रमुख भेषजिक कंपनी की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला में कार्यरत एक वैज्ञानिक ने खोजा कि कंपनी की सर्वाधिक ब्रिकी होने वाली पशुचिकित्सकीय दवाइयों में से एक दवाई B में वर्तमान में असाध्य लिवर रोग, जो जनजातीय क्षेत्रों में फैला हुआ है, का इलाज करने की संभाव्यता है। परंतु मानवों के लिए उपयुक्त रूपांतर का विकास करने के लिए बहुत अनुसंधान और विकास की जरूरत थी, जिसमें 50 करोड़ रुपए तक का खर्च आ सकता था। इसकी संभावना कम भी कि कंपनी अपनी लागत को वसूल कर पाएगी क्योंकि रोग केवल निर्धनताग्रस्त क्षेत्रों में फैला हुआ था, जिसका बाजार बहुत थोड़ा था।
यदि आप सी.ई.ओ. होते, तो-
- जिन विभिन्न कार्रवाइयों को आप कर सकते थे, उनकी पहचान कीजिए;
- अपनी प्रत्येक कार्रवाई के पक्ष-विपक्ष का मूल्यांकन कीजिए।
प्रश्न 4. एक आपदा-प्रवण राज्य है, जिसमें अक्सर भूस्खलन, दावानल, मेघ विस्फोट, आकस्मिक बाढ़ और भूकंप आदि आते रहते हैं। इनमें से कुछ मौसमी हैं और अक्सर अननुमेय हैं। आपदा का परिणाम अप्रत्याशित होता है। एक मौसम के दौरान, एक मेघ विस्फोट के कारण विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन हुए जिनसे अत्यधिक दुर्घटनाएँ हुईं। सड़कों, पुलों और विद्युत उत्पादी यूनिटों जैसी बुनियादी संरचना को बृहत् क्षति पहुंची। इसके फलस्वरूप 100000 से ज्यादा तीर्थयात्री, पर्यटक और अन्य स्थानीय निवासी विभिन्न मार्गों और स्थानों पर फंस गए। जिम्मेदारी के आपके क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों वरिष्ठ नागरिक, अस्पतालों में मरीज, महिलाएँ और बच्चे, पदयात्री, पयर्टक, शासक पार्टी के प्रादेशिक अध्यक्ष अपने परिवार सहित, पड़ोसी राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव और जेल में कैदी शामिल थे।
राज्य के एक सिविल सेवा अधिकारी के तौर पर आपका आदेश क्या होगा जिसमें आप इन लोगों को बचाएंगे और क्यों? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
प्रश्न 5. आप एक विशेष विभाग में जिला प्रशासन प्रशासन के शीर्षाधिकारी है। आपका वरिष्ठ अधिकारी आपको राज्य मुख्यालय से फोन करता है और आपको कहता है कि रामपुर गांव में एक भूखंड पर स्कूल के लिए एक भवन का निर्माण किया जाना है। दौरे की समयावली बना दी जाती है जिसके दौरान वह मुख्य इंजीरियर और वरिष्ठ वास्तुकार के साथ स्थल का दौरा करेगा। वह चाहता है कि आप उससे संबंधित सभी कागजातों की जांच कर लें और सुनिश्चित कर लें कि दौरे की व्यवस्था उचित रूप से की गई है। आप उस फाइल को जांचते हैं, जो आपके विभाग में कार्यभार संभालने से पूर्व की है। भूखंड को स्थानीय पंचायत से, नाममात्र की लागत पर, उपार्जित किया गया था और कागजात दर्शाते हैं कि जिन तीन प्राधिकारियों को भूखंड की उपयुक्तता का प्रमाणपत्र देना होता है, उनमें से दो के दिए हुए अनुमति प्रमाणपत्र उपलब्ध हैं। वास्तुविद का कोई प्रमाणपत्र फाइल में उपलब्ध नहीं है। आप जैसा कि फाइल पर कहा गया है कि सब कुछ ठीक हालात में है, यह सुनिश्चित करने के लिए रामपुर जाने का निर्णय ले लेते हैं। जब आप रामपुर जाते हैं तब आप देखते हैं कि उल्लेख के अधीन भूखंड ठाकुरगढ़ किले का एक भाग है और कि दीवारें, परकोटे आदि उसके आर-पार बिछे हुए हैं। किला मुख्य गांव से काफी दूर है, इसलिए वहां पर स्कूल, बच्चों के लिए गंभीर असुविधा होगा, परंतु गांव के नजदीक के क्षेत्र के विस्तार का एक बड़े आवासीय परिसर में परिवर्तित होने की संभावना है। किले में वर्तमान भूखंड पर विकास प्रभार अत्यधिक होंगे और विरासत स्थल के प्रश्न की ओर ध्यान दिया गया है। परंतु भूखंड के अधिग्रहण के समय सरपंच आपके पूर्वाधिकारी का एक रिश्तेदार था। समस्थ कार्य-निष्पादन कुछ निहित स्वार्थ के साथ किया गया प्रतीत होता है।
(a) सरोकार रखने वाले पक्षों के संभावित निहित स्वार्थों की सूची बनाइए। (b) आपको उपलब्ध कार्रवाई के कुछ विकल्प नीचे दिए गए हैं। प्रत्येक विकल्प के गुणों-अवगुणों पर चर्चा कीजिएः-
- आप वरिष्ठ अधिकारी के दौरे की प्रतीक्षा कर सकते हैं और उसको निर्णय करने देते हैं।
- आप लिखित रूप में या फोन पर उसकी सलाह ले सकते हैं।
- आप अपने पूर्वाधिकारी/सहकर्मियों से परामर्श कर सकते हैं और उसके बाद क्या करना है, इस बात का फैसला कर सकते हैं।
- आप मालूम कर सकते हैं कि क्या एवज़ में कोई भूखंड प्राप्त किया जा सकता है और फिर एक सर्वसमावेशी लिखित रिपोर्ट भेज सकते हैं।
क्या आप कोई अन्य विकल्प उचित तर्कों के साथ सुझा सकते हैं?
प्रश्न 6. हाल में आपको एक जिले के जिला विकास अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है। उसके बाद जल्दी ही आपने पाया कि आपके जिले के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों को स्कूल भेजने के मुद्दे पर काफी तनाव है।
गाँव के बड़े महसूस करते हैं कि अनेक समस्याएँ पैदा हो गई हैं क्योंकि लड़कियों को पढ़ाया जा रहा है और वे घर के सुरक्षित वातावरण के बाहर कदम रख रही हैं। उनका विचार यह है कि लड़कियों की न्यूनतम शिक्षा के साथ जल्दी से शादी कर दी जानी चाहिए। शिक्षा के बाद लड़कियाँ नौकरी के लिए भी स्पर्द्धा कर रही है, जो परंपरा से लड़कों का अनन्य क्षेत्र रहा है, और पुरूषों में बेरोजगारी में वृद्धि कर रही है।
युवा पीढ़ी महसूस करती है कि वर्तमान युग में, लड़कियों को शिक्षा और रोजगार तथा जीवन-निर्वाह के अन्य साधनों के समान अवसर प्राप्त होने चाहिए। समस्त इलाका वयोवृद्धों और युवाओं के बीच तथा उससे आगे दोनों पीढि़यों में स्त्री-पुरुषों के बीच विभाजित है। आपको पता चलता है कि पंचायत या अन्य स्थानीय निकायों में या व्यस्त चौराहों पर भी, इस मुद्दे पर गरमागरम वाद-विवाद हो रहा है।
एक दिन आपको सूचना मिलती है कि एक अप्रिय घटना हुई है। कुछ लड़कियों के साथ छेड़खानी की गई जब वे स्कूलों के रास्ते में थीं। इस घटना के फलस्वरूप कई सामाजिक समूहों के बीच झगड़े हुए और कानून तथा व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई। गरमागरम वाद-विवाद के बाद बड़े-बूढ़ों ने लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति न देने और जो परिवार उनके हुक्म का पालन नहीं करते हैं, ऐसे कभी परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का संयुक्त निर्णय ले लिया।
- लड़कियों की शिक्षा में व्यवधान डाले बिना, लड़कियों की सुरक्षा को सुरिक्षत करने के लिए आप क्या कदम उठाएँगें?
- पीढि़यों के बीच संबंधों में समरसता सुनिश्चित करने के लिए आप गाँव के वयोवृद्धों की पितृतंत्रत्मक अभिवृत्ति का किस प्रकार प्रबंधन का और ढालने का कार्य करेंगे।
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए प्रकरणों को ध्यानपूर्वक पढि़ए और उसके बाद पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
आजकल समस्त विश्व में आर्थिक विकास पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही साथ, विकास के कारण पैदा होने वाले पर्यावरणीय क्षरण के सम्बन्ध में चिन्ता भी बढ़ रही है। अनेकों बार, हमारे सामने विकासिक कार्यकलापों और पर्यावरणीय गुणता के बीच सीधा विरोध दिखाई पड़ता है। विकासिक प्रक्रम को रोक देना या उसमें काट-छांट कर देना भी साध्य नहीं है, और ना ही पर्यावरण के क्षरण को बढ़ने देना उचित है, क्योंकि यह तो हमारे सबके जीवन के लिए ही खतरा है।
ऐसे कुछ साध्य रणनीतियों पर चर्चा कीजिए, जिनकों इस द्वन्द्व का शमन करने के लिए अपनाया जा सकता हो और जो हमें धारणीय विकास की ओर ले जा सकती हों।
मान लीजिए कि आपके निकट मित्रों में से एक, जो स्वयं सिविल सेवा में जाने के लिए प्रयत्नशील है, वह लोक-सेवा में नैतिक आचरण से संबंधित कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आपके पास आता है। वह निम्नलिखित बिन्दुओं को उठाता हैः
1- आज के समय में, जब अनैतिक वातावरण काफी फैला हुआ है, नैतिक सिद्धांतों से चिपके रहने के व्यक्तिगत प्रयास, व्यक्ति के कैरियर में अनेक समस्याएं पैदा कर सकते हैं। ये परिवार के सदस्यों पर कष्ट पैदा करने और साथ ही साथ स्वयं के जीवन पर जोख़िम का कारण भी बन सकते हैं। हम क्यों न व्यावहारिक बनें और न्यूनतम प्रतिरोध के रास्ते का अनुसरण करें, और जितना अच्छा हम कर सकें, उसे ही करके प्रसन्न रहें?
2- जब इतने अधिक लोग गलत साधनों को अपना रहे है और तंत्र को भारी नुकसान पहुंचा रहे है, तब क्या फर्क पड़ेगा यदि केवल कुछ-एक लोग ही नैतिकता की चेष्टा करे? वे अप्रभावी ही रहेंगे और निश्चित रूप से अन्नतः निराश हो सकते।
3- यदि हम नैतिक सोच-विचार के बारे में अधिक बतंगड़ बनाएंगे, तो क्या इससे देश की आर्थिक उन्नति में रूकावट नहीं आएगी? असलियत में, उच्च प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में, हम विकास की दौड़ में पीछे छूट जाने को सहन नहीं कर सकते।
4- यह तो समझ आता है कि भारी अनैतिक तौर-तरीकों में हमे फंसना नहीं चाहिए, लेकिन छोटे-मोटे उपहारों को स्वीकार करना और छोटी-मोटी तरफदारियां करना सभी के अभिप्रेरण में वृद्धि कर देता है। यह तंत्र को और भी अधिक सुचारू बना देता है। ऐसे तौर-तरीकों को अपनाने में गलत क्या है?
उपरोक्त दृष्टिकोण का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। इस विश्लेषण के आधार पर अपने मित्र को आपकी क्या सलाह रहेगी।
आप अनाप-शनाप न सहने वाले, ईमानदार अधिकारी हैं। आपका तबादला एक सुदूर जिले में एक ऐसे विभाग के प्रमुख के रूप में कर दिया गया है, जो अपनी अदक्षता और संवेदनहीनता के लिए कुख्यात है। आप पाते हैं कि इस घटिया कार्य-स्थिति का मुख्य कारण कर्मचारियों के एक भाग में अनुशासनहीनता है। वे स्वयं तो कार्य करते नहीं है और दूसरों के कार्य में भी गड़बड़ी पैदा करते हैं। सबसे पहले आपने उत्पातियों को सुधर जाने की, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी। जब इस चेतावनी का न के बराबर असर हुआ, तब आपने नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसके बदले के रूप में उन्होंने अपने बीच एक महिला कर्मचारी को आपके विरूद्ध महिला आयोग में यौन-उत्पीड़न की एक शिकायत दायर करने के लिए भड़का दिया। आयोग ने तुरन्त आपका स्पष्टीकरण मांगा।
आपको इससे आगे भी लज्जित करने के लिए मामला मीडिया में भी प्रसारित किया गया। इस स्थिति से निपटने के विकल्पों में से कुछ निम्नलिखित हो सकते हैं:
1- आयोग को अपना स्पष्टीकरण दे दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई पर नरमी बरतिए। 2- आयोग को नजरअंदाज कर दीजिए और अनुशासनिक कार्रवाई को मजबूती के साथ आगे बढाइए। 3- अपने उच्च अधिकारियों को संक्षेप में अवगत करा दीजिए, उनसे निर्देश मांगिए और उनके अनुसार कार्य कीजिए।कोई अन्य संभव विकल्प सुझाइए।
सभी का मूल्यांकन कीजिए और अपने कारण बताते हुए सबसे अच्छा विकल्प स्पष्ट कीजिए।
मान लीजिए कि आप ऐसी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो एक सरकारी विभाग के द्वारा प्रयुक्त विशेषीकृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाती है। आपने विभाग को उपस्कर की पूर्ति के लिए अपनी बोली पेश कर दी गई है। आपके ऑफर की गुणता और लागत दोनों आपके प्रतिस्पर्धियों से बेहतर हैं। इस पर भी संबंधित अधिकारी टेंडर पास करने के लिए मोटी रिश्वत की मांग कर रहा है। ऑर्डर की प्राप्ति आपके और आपकी कंपनी, दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। ऑर्डर न मिलने का अर्थ होगा उत्पादन रेखा का बन्द कर देना। यह आपके स्वयं के कैरियर को भी प्रभावित कर सकता है। फिर भी, मूल्य-सचेत व्यक्ति के रूप में आप रिश्वत देना नहीं चाहते हैं।
रिश्वत देने और ऑर्डर प्राप्त कर लेने, तथा रिश्वत देने से इनकार करने और ऑर्डर को हाथ से निकल जाने-दोनों के लिए वैध तर्क दिए जा सकते हैं। ये तर्क क्या हो सकते हैं? क्या इस धर्मसंकट से बाहर से बाहर निकलने का कोई बेहतर रास्ता हो सकता है? यदि हां, तो इस तीसरे रास्ते की अच्छाइयों की ओर इंगित करते हुए उसकी रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए।
रामेश्वर ने गौरवशाली सिविल सेवा परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया और वह ऐसे सुअवसर से अभिभूत था जो सिविल सेवा के माध्यम से देश की सेवा करने के लिए उसको मिलने वाला था। परन्तु, सेवा का कार्यग्रहण करने के शीघ्र बाद उसने महसूस किया कि वस्तुस्थिति उतनी सुन्दर नहीं है जितनी उसने कल्पना की थी।
उसने अपने विभाग में व्याप्त अनेक अनाचार पाए। उदाहरण के रूप में, विभिन्न योजनाओं और अनुदानों के अधीन निधियां दुर्विनियोजित की जा रही थी। सरकारी सुविधाओं का अक्सर अधिकारियों और स्टाफ द्वारा व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। कुछ समय के बाद उसने यह भी देखा कि स्टाफ को भर्ती करने की प्रक्रिया भी दोषपूर्ण थी। भावी उम्मीदवारों को एक परीक्षा लिखनी होती थी जिसमें काफी नकलबाजी चलती थी। कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा में बाह्य सहायता भी प्रदान की जाती थी। रामेश्वर ऐसी घटनाओं को अपने वरिष्ठों की नजर में लाया। परन्तु, इस पर उसको अपनी आँखे, कान और मुख बंद रखने और इन सभी चीजो को नजरअंदाज करने की सलाह दी गई। यह बताया गया कि सब उच्चतर अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था। इससे रामेश्वर का भ्रम टूटा और वह व्याकुल रहने लगा। वह सलाह के लिए आपके पास आता है।
ऐसे विभिन्न विकल्प सुझाइए, जो आपके विचार में, ऐसी परिस्थिति में रामेश्वर के लिए उपलब्ध हैं। इन विकल्पों का मूल्यांकन करने और सर्वाधिक उचित रास्ता अपनाने में आप उसकी किस प्रकार सहायता करेंगे?
हमारे देश में, ग्रामीण लोगों का कस्बों और शहरों की ओर प्रवसन तेजी के साथ बढ़ रहा है। यह ग्रामीण और नगरीय दोनों क्षेत्रों में विकट समस्याएं पैदा कर रहा है। वास्तव में, स्थिति यथार्थ में अप्रबन्धनीय होती जा रही है। क्या आप इस समस्या का विस्तार से विश्लेषण कर सकते हैं और इस समस्या के लिए जिम्मेदार न केवल सामाजिक-आर्थिक, वरन् भावनात्मक और अभिवृत्तिक कारकों को बता सकते है? साथ ही, स्पष्ट रूप से उजागर कीजिए कि क्यों-
1- शिक्षित ग्रामीण युवा शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित होने की कोशिश कर रहे हैं_ 2- भूमिहीन निर्धन लोग नगरीय मलिन बस्तियों में प्रवसन कर रहे हैं 3- यहां तक कि कुछ किसान अपनी जमीन बेच रहे हैं और शहरी क्षेत्रे में छोटी-मोटी नौकरियां लेकर बसने की कोशिश कर रहे हैं।
आप कौन-सा साध्य कदम सुझा सकते हैं, जो हमारे देश की इस गंभीर समस्या का नियंत्रण करने में प्रभावी होंगे?
प्रश्न 1. एक जन सूचना अधिकार (PIO) को सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के अंतर्गत एक आवेदन मिलता है। सूचना एकत्र करने के बाद उसे पता चलता है कि वह सूचना स्वयं उसी के द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों से सम्बन्धित है, जो पूर्णरूप से सही नहीं थे। इन निर्णयों में अन्य कर्मचारी भी सहभागी थे। सूचना प्रकट होने पर स्वयं उसके तथा उसके अन्य मित्रें के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही हो सकती है, जिसमें दंड भी संभावित है। सूचना प्रकट न करने या आंशिक या छद्यावरित सूचना उपलब्ध कराने पर कम दंड या दंड-मुक्ति भी मिल सकती है।
PIO अन्यथा एक ईमानदार व कर्त्तव्यनिष्ठ व्यक्ति है पर यह विशिष्ट निर्णय, जिसके सम्बन्ध में RTI आवेदन दिया गया है, गलत निकला। वह अधिकारी आपके पास सलाह के लिए आया है।
नीचे सुझावों के कुछ विकल्प दिए गए हैं। प्रत्येक विकल्प का गुण-दोष के आधार पर मूल्यांकन कीजिए।
1- PIO इस मामले को अपने ज्येष्ठ अधिकारी को उसकी सलाह के लिए संदर्भित करे और कड़ाई से उसी के अनुसार कार्यवाही करे चाहे वह स्वयं उस सलाह से पूर्णतया सहमत न हो। 2- PIO छुट्टी पर चला जाए और मामले को अपने उत्तराधिकारी (कार्यालय में) पर छोड़ दे या सूचना आवेदन को किसी अन्य PIO को स्थानान्तरण का निवेदन करे। 3- PIO सच्चाई के साथ सूचना प्रकट करने व अपनी जीविका पर उसके प्रभाव पर मनन करके इस भाँति उत्तर दे जिससे वह या उसकी जीविका पर जोख़िम न आए पर साथ ही सूचना की अन्तर्वस्तु पर कुछ समझौता किया जा सकता है। 4- PIO उन सहयोगियों, जो इस निर्णय को लेने में सहभागी थे, से परामर्श करे और उनकी सलाह के अनुरूप कार्यवाही करे।
अनिवार्य रूप से केवल उपरोक्त विकल्पों तक सीमित न रखते हुए आप अपनी सलाह दीजिए और उसके उचित कारण भी बताइए। (250 शब्द 20 अंक)
प्रश्न 2. आप नगरपालिका परिषद के निर्माण विभाग में अधिशासी अभियंता पद पर तैनात है और वर्तमान में एक ऊपरगामी पुल (थ्सलवअमत) के निर्माण कार्य के प्रभारी है। आपके अधीन दो कनिष्ठ अभियंता है, जो प्रतिदिन निर्माण-स्थल के निरीक्षण के उत्तरदायी है तथा आपको विवरण देते है और आप विभाग के अध्यक्ष मुख्य अभियंता को रिपोर्ट देते है। निर्माण-कार्य पूर्ण होने को है और कनिष्ठ अभियंता नियमित रूप से यह सूचित करते रहे है कि निर्माण-कार्य परिकल्पना के विनिर्देशों के अनुरूप हो रहा है। लेकिन आपने अपने आकस्मिक निरीक्षण में कुछ गंभीर विसामान्यताएँ व कमियाँ पाई, जो आपके विवेकानुसार पुल की सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। इस स्तर पर इन कमियों को दूर करने में काफी निर्माण-कार्य को गिराना और दोबारा बनाना होगा जिससे ठेकेदार को निश्चित हानि होगी और कार्य-समाप्ति में विलम्ब भी होगा। क्षेत्र में भारी टैªफिक जैम के कारण परिषद पर निर्माण शीघ्र पूरा करने के लिए जनता का बड़ा दबाव है। जब आप स्थिति मुख्य अभियंता के संज्ञान में लाए, तो उन्होने अपने विवेकानुसार इसको बड़ा गम्भीर दोष न मानकर इसे उपेक्षित करने की सलाह दी। उन्होंने परियोजना को समय से पूरा करने हेतु कार्य को आगे बढ़ाने के लिए कही परन्तु आप आश्वस्त है कि यह गम्भीर प्रकरण है जिससे जनता की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है और इसको बिना ठीक कराए नहीं छोड़ा जा सकता।
ऐसी स्थिति में आपके करने के लिए कुछ विकल्प निम्नलिखित है। इनमें से प्रत्येक विकल्प का गुण-दोष के आधार पर मूल्यांकन कर अन्ततः सुझाव दीजिए कि आप क्या कार्यवाही करना चाहेगें और क्यों। (250 शब्द 20 अंक)
1- मुख्य अभियंता की सलाह मानकर आगे बढ़ जाएँ। 2- सभी तथ्यों व विश्लेषण को दिखाते हुए स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट बनाकर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए मुख्य अभियंता से लिखित आदेश का निवेदन करें। 3- कनिष्ठ अभियंताओं से स्पष्टीकरण माँगे और ठेकेदार को निश्चित अवधि में दोष-निवारण के लिए आदेश दे। 4- इस विषय को बलपूर्वक उठाएँ ताकि यह मुख्य अभियंता के वरिष्ठजनों तक पहुँच सके। 5- मुख्य अभियंता के अनम्य विचार को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना से अपने स्थानान्तरण के लिए आवेदन करें या बीमारी की छुट्टी पर चले जाएँ।
प्रश्न 3. तमिलनाडु में शिवकासी पटाख़ा और दियासलाई निर्माताओं के समूहों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की स्थानीय अर्थव्यवस्था अधिकांशत पटाख़ा पर निर्भर है। इसी से इस क्षेत्र का आर्थिक विकास हुआ है और रहन-सहन का स्तर भी सुधरा है।
जहाँ तक पटाख़ा उद्योग जैसे ऽतरनाक उद्योगों के लिए बाल श्रमिक नियमों का प्रश्न है, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने श्रम हेतु न्यूनतम आयु-सीमा 18 वर्ष निर्धारित की है। जबकि भारत में यह आयु-सीमा 14 वर्ष है।
पटाखों के औद्योगिक क्षेत्र की इकाईयों को पंजीकृत तथा अपंजीकृत दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। घरों पर-आधारित कार्यशालाएँ एक विशिष्ट इकाई है। यद्यपि पंजीकृत/अपंजीकृत इकाईयों में बाल श्रमिक रोजगार के विषय में कानून स्पष्ट है, घरों पर आधारित कार्य उसके अंतर्गत नहीं आते। ऐसी इकाईयों में माना जाता है। कि बालक अपने माता-पिता व सम्बन्धियों की देख-रेख में कार्य कर रहे हैं। बाल श्रमिक मानकों से बचने के लिए अनेक इकाईयाँ अपने को घरों पर आधारित कार्य बताती है और बाहरी बालकों को रोजगार देती है। यह कहने की आवश्यकता नहीं कि बालकों की भर्ती से इन इकाईयों की लागत बचती है जिससे उनके मालिकों को अधिक लाभ मिलता है।
आपने शिवकासी में एक इकाई का दौरा किया, जिसमें 14 वर्ष से कम आयु के लगभग 10-15 बालक काम करते है। उसका मालिक आपको इकाई परिसर में घुमाता है। मालिक आपको बताता हैं कि घर-आधारित इकाई में वे बालक उसके सम्बन्धी है। आप देखते हैं कि जब मालिक यह बता रहा है, तो कई बालक ऽीस निपोरते है। गहन पूछताछ में आप जान जाते हैं कि मालिक और बालक परस्पर कोई सम्बन्ध संतोषजनक रूप में सिद्ध नहीं कर पाए।
- इस प्रकरण में अंतर्ग्रस्त नैतिक विषय स्पष्ट कीजिए और उनकी व्याख्या कीजिए।
- इस दौर के बाद आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? (300 शब्द 20 अंक)
प्रश्न 4. आप देश के एक प्रमुख तकनीकी संस्थान के अध्यक्ष हैं। संस्थान, प्रोफेसरों के पद के चयन हेतु आपकी अध्यक्षता में साक्षात्कार पैनल का आयोजन शीघ्र ही करने वाले है। साक्षात्कार से कुछ दिन पहले आपके पास एक ज्येष्ठ शासकीय अधिकारी के निजी सचिव का फोन आता है जिसमें आपसे उक्त पद के लिए उस अधिकारी के एक निकट संबंधी के पक्ष में चयन करने की अपेक्षा की जाती है। निजी सचिव यह भी बताते हैं कि आपके संस्थान के आधुनिकीकरण के लिए बहुत समय से लम्बित महत्वपूर्ण वित्तीय अनुदान के प्रस्तावों का उन्हें ज्ञान है जिनकी अधिकारी द्वारा स्वीकृति की जानी है। वे आपको उन प्रस्तावों को अनुमोदन कराने का आश्वासन देते हैं।
- आपके पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध हैं?
- प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन कीजिए और बताइए कि आप कौन-सा विकल्प चुनेंगे और क्यों। (250 शब्द 20 अंक)
प्रश्न 13. वित्त मंत्रलय में एक वरीय अधिकारी होने के नाते, सरकार द्वारा घोषित किए जाने वाले कुछ नीतिगत निर्णयों की गोपनीय एवं महत्त्वपूर्ण सूचना की आपको जानकारी मिलती है। इन निर्णयों के भवन एवं निर्माण उद्योग पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं। यदि भवन निर्माताओं को पहले ही जानकारी मिल जाती है, तो वे उससे बड़े लाभ उठा सकते है। निर्माताओं में से एक ऐसा है जिसने सरकार के लिए अच्छी गुणवत्ता का काफी काम किया है। और वह आपके आसन्न वरिष्ठ अधिकारी का घनिष्ठ है जिन्होंने आपको उक्त सूचना का उस निर्माता को अनावृत्त करने के लिए संकेत भी दिया है।
- आपके पास क्या-क्या विकल्प उपलब्ध है।
- प्रत्येक विकल्प का मुल्यांकन करके बताईये कि आप कौन सा विकल्प चुनेंगे। उसके कारण भी बताइये। (250 शब्द 20 अंक)
प्रश्न 5. आप उभरती हुई एक ऐसी सूचना तकनीकी कम्पनी के कार्यकारी निदेशक हैं जो बाजार में नाम कमा रही है। कम्पनी के नायक कर्ता, क्रय-विक्रय दल के प्रमुख श्री A हैं। एक वर्ग की अल्पावधि में उन्होंने कम्पनी के राजस्व को दुगुनी करने में योगदान दिया है और कम्पनी के शेयर को उच्च मूल्य वर्ग में स्थापित किया है, जिसके कारण आप उन्हें पदोन्नत करने पर विचार कर रहे हैं। परन्तु आपको कई स्रोतों से महिला सहयोगियों के प्रति उनके रवैये की, विशेषकर महिलाओं पर असंयत टिप्पणियाँ करने की आदत की सूचना मिल रही है। इसके अतिरिक्त वह दल के अन्य सदस्यों, जिनमें महिलाएँ भी सम्मिलित है, को नियमित रूप से अभद्र SMS भी भेजते हैं।
एक दिन देर शाम भी A के दल की एक सदस्य श्रीमती X आपके पास आती है जो बहुत परेशान दिखती है, और श्री A के सतत दुराचरण की शिकायत करती है, जो उनके प्रति अवांछनीय प्रस्ताव रखते रहते हैं और अपने कक्ष में उन्हें अनुपयुक्त रूप से स्पर्श करने की चेष्टा तक की है।
वह महिला अपना त्यागपत्र देकर कार्यालय से चली जाती है।
- इनमें से प्रत्येक विकल्प का मूल्यांकन कीजिए एवं जिस विकल्प को आप चुनते हैं, उसे चुनने के कारण दीजिए। (250 शब्द 20 अंक)
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केस स्टडी विधि के उद्देश्य, विशेषताएं और इस विधि की उपयोगितायेँ
- विद्यार्थी स्वतंत्र होकर, स्वयं ही सृजनात्मक ढंग से समस्या पर विचार कर सकेंगें।
- वे समस्या समाधान ( Problem based learning )तक पहुंचने में सक्रिय हो सकेंगें।
- वे अपने पूर्व ज्ञान का प्रयोग करते हुए प्रमाणों को संग्रह कर सकेंगें।
- घटनाक्रम में नवीन तथ्यों को जान सकेंगे।
- स्वयं अपने अनुभव से सीखते हुए ज्ञान प्राप्त कर सकेंगें।
- व्यक्तिगत, सामाजिक संबंधों को उत्तम ढंग से स्थापित कर सकेंगे।
- छात्रों में अभिप्रेरण एवं अभिव्यक्ति की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।
- छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन हो सकेगा।
व्यक्तिगत अध्ययन छात्रों को एक सार्थक ज्ञान प्रदान करता है जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के समाधान या अध्ययन के लिए किया जाता है। यह एक जटिल अधिगम का स्वरूप होता है। इसमें सृजनात्मक चिन्तन निहित होता है और चिन्तन स्तर पर शिक्षण की व्यवस्था होती है।
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Case of study child ka farmet kaise taiyar krein
Prateek Shivalik
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What Is Case Study Method In Hindi? PDF
What is case study method in hindi.
What Is Case Study Method In Hindi? PDF Download, व्यक्तिगत अध्ययन , मामले का अध्ययन, केस स्टडी आदि के बारे में जानेंगे। इन नोट्स के माध्यम से आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और आप अपनी आगामी परीक्षा को पास कर सकते है | Notes के अंत में PDF Download का बटन है | तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से |
- सामाजिक अनुसंधान पद्धतियों के विशाल परिदृश्य में, केस स्टडी पद्धति मानव व्यवहार और अनुभवों की जटिल जटिलताओं को समझने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में सामने आती है।
- व्यक्तिगत जीवन या उनके वास्तविक जीवन के संदर्भ में विशिष्ट घटनाओं में गहराई से उतरकर, यह विधि अद्वितीय अंतर्दृष्टि प्रदान करती है जो अक्सर मात्रात्मक विश्लेषण से बच जाती है। यह लेख केस स्टडी पद्धति के सार की पड़ताल करता है, इसकी ताकत, अनुप्रयोगों और सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में इसके प्रभाव पर प्रकाश डालता है।
केस स्टडीज को समझना: परिभाषा और उदाहरण
(understanding case studies: definition and examples).
शब्द “CASE” बहुआयामी है और इसका उपयोग कानून, चिकित्सा और मनोविज्ञान सहित हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं में होता है। प्रत्येक संदर्भ में, यह शब्द किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी एकत्र करने से जुड़ा है ताकि उनके सामने आने वाले मुद्दों या समस्याओं को हल करने में उनकी सहायता की जा सके। यह सिद्धांत मनोविज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में भी लागू होता है, जहां मनोवैज्ञानिक या शैक्षिक चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्तियों की विस्तार से जांच की जाती है। उनके अतीत, वर्तमान और संभावित भविष्य को शामिल करते हुए इस व्यापक विश्लेषण को केस स्टडी कहा जाता है।
- व्यक्तिगत अध्ययन , जिसे आमतौर पर केस स्टडी कहा जाता है, सामाजिक अनुसंधान में डेटा संग्रह की एक मौलिक विधि है, जिसका व्यापक रूप से विभिन्न सामाजिक विज्ञानों में उपयोग किया जाता है।
- इसमें एक विशिष्ट सामाजिक इकाई का गहन विश्लेषण शामिल है, जिसमें व्यक्तियों, परिवारों, समूहों, संस्थानों, समुदायों, नस्लों, राष्ट्रों, सांस्कृतिक क्षेत्रों या ऐतिहासिक युगों को शामिल किया जा सकता है।
- इस पद्धति की तुलना अक्सर ‘सामाजिक माइक्रोस्कोप’ से की जाती है क्योंकि यह शोधकर्ताओं को उल्लेखनीय गहराई के साथ सामाजिक घटनाओं का पता लगाने में सक्षम बनाता है, जिससे जटिल विवरण सामने आते हैं जो अन्य शोध विधियों के माध्यम से अस्पष्ट रह सकते हैं।
- आम ग़लतफ़हमी के विपरीत कि, यह केवल व्यक्तिगत गतिविधियों और जीवन इतिहास पर केंद्रित है, केस अध्ययन पद्धति अपना दायरा विभिन्न सामाजिक इकाइयों तक बढ़ाती है। शोधकर्ता इस दृष्टिकोण का उपयोग चुनी हुई इकाई के सभी पहलुओं की सावधानीपूर्वक जांच करने के लिए करते हैं, जिससे यह एक व्यापक और विस्तृत अध्ययन बन जाता है।
- केस अध्ययनों के माध्यम से, सामाजिक वैज्ञानिक छिपी हुई बारीकियों को उजागर करते हैं, जो मानव व्यवहार, सामाजिक संरचनाओं और सांस्कृतिक गतिशीलता की जटिलताओं में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
केस स्टडी के मुख्य तत्व
(key elements of a case study).
1. केस स्टडी की परिभाषा (Definition of a Case Study):
- एक केस स्टडी में किसी व्यक्ति की शैक्षिक या मनोवैज्ञानिक समस्या का गहन अन्वेषण शामिल होता है, जिसमें उनका इतिहास, वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं शामिल होती हैं।
- उदाहरण: सीखने में कठिनाइयों का सामना कर रहे एक छात्र की जांच करना ताकि उसके कारणों, वर्तमान सीखने के माहौल और अकादमिक रूप से सफल होने में मदद करने के लिए संभावित हस्तक्षेपों को समझा जा सके।
2. कानूनी और चिकित्सीय मामलों में समानताएँ (Similarities to Legal and Medical Cases):
- उसी तरह, जैसे एक वकील एक कानूनी मामले का अध्ययन करता है और एक डॉक्टर एक मरीज के मामले का मूल्यांकन करता है, मनोवैज्ञानिक और शिक्षक मनोवैज्ञानिक या शैक्षिक चुनौतियों का सामना करने वाले व्यक्ति के मामले की जांच करते हैं।
- उदाहरण: एक मनोवैज्ञानिक व्यवहार संबंधी मुद्दों वाले बच्चे के मामले में पारिवारिक पृष्ठभूमि, स्कूल के माहौल और बच्चे की भावनात्मक स्थिति जैसे कारकों पर विचार करता है।
3. डेटा संग्रह और विश्लेषण (Data Collection and Analysis):
- केस अध्ययन में विभिन्न प्रकार के डेटा एकत्र करना शामिल है, जिसमें साक्षात्कार, अवलोकन, मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और अकादमिक रिकॉर्ड शामिल हो सकते हैं।
- उदाहरण: शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के साथ साक्षात्कार के माध्यम से जानकारी एकत्र करना, साथ ही कक्षा में छात्र के शैक्षणिक प्रदर्शन और व्यवहार का विश्लेषण करना।
4. विस्तृत समझ (Comprehensive Understanding):
- केस अध्ययन का उद्देश्य व्यक्ति की अद्वितीय परिस्थितियों और अनुभवों को ध्यान में रखते हुए उसकी समस्या की समग्र समझ प्रदान करना है।
- उदाहरण: एक किशोर के स्कूल से इनकार करने के मामले का अध्ययन करना, न केवल शैक्षणिक दबाव बल्कि सामाजिक संपर्क, मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक गतिशीलता पर भी विचार करना।
5. समस्या-समाधान दृष्टिकोण (Problem-Solving Approach):
- सकारात्मक परिणामों को बढ़ावा देने के लिए व्यक्ति की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप प्रभावी समाधानों और हस्तक्षेपों की पहचान करने के लिए केस अध्ययनों का उपयोग किया जाता है।
- उदाहरण: एक व्यापक केस अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर ध्यान घाटे की सक्रियता विकार (ADHD: Attention Deficit Hyperactivity Disorder) वाले छात्र के लिए एक व्यक्तिगत शिक्षा योजना विकसित करना।
निष्कर्ष: शिक्षा और मनोविज्ञान में केस अध्ययन व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और उनका समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समग्र दृष्टिकोण अपनाकर और किसी व्यक्ति के इतिहास, वर्तमान स्थिति और संभावित भविष्य में गहराई से जाकर, मनोवैज्ञानिक और शिक्षक लक्षित हस्तक्षेप विकसित कर सकते हैं, जो अंततः व्यक्ति की वृद्धि, विकास और कल्याण को सुविधाजनक बना सकता है।
केस स्टडी क्या है?
(what is a case study).
केस स्टडी एक शोध पद्धति है जो किसी विशिष्ट व्यक्ति का उसके प्राकृतिक वातावरण में अध्ययन करने पर केंद्रित होती है। यह दृष्टिकोण शोधकर्ताओं को व्यक्ति के व्यवहार और व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं में व्यापक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने की अनुमति देता है। व्यक्ति की संपूर्णता में जांच करके, केस अध्ययन वास्तविक जीवन के संदर्भ में मानव व्यवहार की गहरी समझ प्रदान करते हैं।
1. व्यवहार अध्ययन की विधि (Method of Behavior Study):
- केस स्टडीज़ मानव व्यवहार का अध्ययन करने के लिए नियोजित अनुसंधान विधियां हैं। शोधकर्ता अपने वातावरण में व्यक्ति के कार्यों, प्रतिक्रियाओं और अंतःक्रियाओं का बारीकी से निरीक्षण और विश्लेषण करते हैं।
- उदाहरण: एक मनोवैज्ञानिक एक किशोर में सामाजिक चिंता विकार को समझने के लिए एक केस स्टडी कर रहा है, और विभिन्न सामाजिक स्थितियों में उनके व्यवहार का अवलोकन कर रहा है।
2. किसी विशेष व्यक्ति पर ध्यान दें (Focus on a Particular Person):
- केस अध्ययन किसी समूह या जनसंख्या के बजाय किसी विशिष्ट व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह केंद्रित दृष्टिकोण शोधकर्ताओं को किसी व्यक्ति के व्यवहार की जटिलताओं को गहराई से समझने की अनुमति देता है।
- उदाहरण : ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार वाले बच्चे के मामले का अध्ययन करके उनकी अनूठी चुनौतियों, संचार पैटर्न और सामाजिक संपर्कों का पता लगाना।
3. प्राकृतिक पर्यावरण के भीतर अध्ययन (Study within the Natural Environment):
- केस अध्ययन व्यक्ति के प्राकृतिक वातावरण में आयोजित किए जाते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि एकत्र किए गए अवलोकन और डेटा उनके विशिष्ट व्यवहार के प्रतिनिधि हैं।
- उदाहरण: कक्षा सेटिंग में एक शिक्षक का अवलोकन करके उनकी शिक्षण विधियों, छात्रों की बातचीत और कक्षा प्रबंधन तकनीकों को समझना।
4. व्यवहार और व्यक्तित्व की व्यापक समझ (Comprehensive Understanding of Behavior and Personality):
- केस अध्ययन का उद्देश्य व्यक्ति के व्यवहार और व्यक्तित्व के सभी पहलुओं के बारे में जानकारी इकट्ठा करना है। इसमें उनके विचार, भावनाएँ, कार्य और विभिन्न उत्तेजनाओं के प्रति प्रतिक्रियाएँ शामिल हैं।
- उदाहरण: पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTHD) वाले एक वयस्क के मामले का विश्लेषण करके उनके ट्रिगर्स, मुकाबला करने के तंत्र और समग्र मनोवैज्ञानिक कल्याण का पता लगाना।
5. व्यवहार विज्ञान में अनुप्रयोग (Applications in Behavioral Sciences):
- अद्वितीय या दुर्लभ घटनाओं का पता लगाने के लिए मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, शिक्षा और संबंधित क्षेत्रों में केस स्टडीज का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, जो सिद्धांत विकास और व्यावहारिक अनुप्रयोगों के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
- उदाहरण: एक प्रतिभाशाली बच्चे की सीखने की ज़रूरतों को समझने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए उचित शैक्षिक रणनीतियाँ विकसित करने के लिए उन पर एक केस अध्ययन आयोजित करना।
निष्कर्ष: केस अध्ययन उनके प्राकृतिक वातावरण में विशिष्ट व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करके मानव व्यवहार और व्यक्तित्व को समझने में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है। यह विधि शोधकर्ताओं को व्यवहार की जटिलताओं का पता लगाने की अनुमति देती है, व्यवहार विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में अकादमिक अनुसंधान और व्यावहारिक हस्तक्षेप दोनों के लिए मूल्यवान ज्ञान प्रदान करती है।
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शिक्षा में केस स्टडी क्या है?
(what is case study in education).
शिक्षा में केस स्टडी एक विशिष्ट शैक्षिक स्थिति, परिदृश्य या समस्या की विस्तृत और गहन जांच है। इसमें किसी शैक्षिक सेटिंग, जैसे स्कूल, कक्षा या शैक्षिक कार्यक्रम के भीतर वास्तविक जीवन की घटनाओं का व्यापक अनुसंधान और विश्लेषण शामिल है। शिक्षा में केस अध्ययन शिक्षण, सीखने और शैक्षिक प्रशासन में शामिल जटिलताओं की सूक्ष्म समझ प्रदान करते हैं।
शिक्षा में केस स्टडीज की मुख्य विशेषताएं
(key characteristics of case studies in education).
1. वास्तविक जीवन शैक्षिक संदर्भ (Real-Life Educational Context):
- शिक्षा में केस अध्ययन शैक्षिक वातावरण के भीतर वास्तविक जीवन की स्थितियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये परिस्थितियाँ कक्षा की चुनौतियों से लेकर स्कूल-व्यापी नीतियों और हस्तक्षेपों तक हो सकती हैं।
- उदाहरण: एक विशिष्ट ग्रेड-स्तरीय कक्षा में एक नई शिक्षण पद्धति के कार्यान्वयन का विश्लेषण करना।
2. गहन जांच (In-Depth Investigation):
- केस अध्ययन में चुने गए शैक्षणिक मामले की गहन जांच शामिल होती है। शोधकर्ता गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए साक्षात्कार, अवलोकन, सर्वेक्षण और दस्तावेज़ विश्लेषण जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से डेटा एकत्र करते हैं।
- उदाहरण: शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के साथ साक्षात्कार आयोजित करना, कक्षा की गतिविधियों का अवलोकन करना और छात्र प्रदर्शन डेटा का विश्लेषण करना।
3. बहुआयामी परिप्रेक्ष्य (Multifaceted Perspective):
- केस अध्ययन कई दृष्टिकोणों पर विचार करता है, जिनमें शिक्षक, छात्र, प्रशासक और कभी-कभी माता-पिता या समुदाय के सदस्य शामिल होते हैं। यह समग्र दृष्टिकोण शैक्षिक मुद्दे का एक सर्वांगीण दृष्टिकोण प्रदान करता है।
- उदाहरण: समावेशी शिक्षा के लिए स्कूल के दृष्टिकोण का अध्ययन करते समय शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के दृष्टिकोण की जांच करना।
4. समस्या-समाधान पर ध्यान (Problem-Solving Focus):
- शिक्षा में केस अध्ययन अक्सर समस्याओं, चुनौतियों या सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए आयोजित किए जाते हैं। शोधकर्ता इन मुद्दों के समाधान के लिए संभावित समाधान और रणनीतियों का पता लगाते हैं।
- उदाहरण: कम छात्र सहभागिता स्तर की जांच करना और कक्षा में भागीदारी और सीखने में रुचि बढ़ाने के लिए रणनीतियों का प्रस्ताव करना।
5. समृद्ध गुणात्मक डेटा (Rich Qualitative Data):
- शैक्षिक मामले का विस्तृत विवरण प्रदान करने के लिए शोधकर्ता आख्यानों, उद्धरणों और टिप्पणियों सहित समृद्ध गुणात्मक डेटा इकट्ठा करते हैं। गुणात्मक निष्कर्षों का समर्थन करने के लिए मात्रात्मक डेटा को भी शामिल किया जा सकता है।
- उदाहरण: व्यापक केस स्टडी रिपोर्ट बनाने के लिए कक्षा अवलोकन नोट्स के साथ छात्र और शिक्षक प्रशंसापत्र का उपयोग करना।
6. शैक्षिक प्रथाओं को सूचित करना (Informing Educational Practices):
- केस स्टडीज के निष्कर्ष शैक्षिक प्रथाओं, नीतिगत निर्णयों और निर्देशात्मक तरीकों की जानकारी देते हैं। शिक्षक, प्रशासक और नीति निर्माता साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने के लिए इन अंतर्दृष्टि का उपयोग कर सकते हैं।
- उदाहरण: शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास कार्यशालाओं का मार्गदर्शन करने के लिए प्रभावी शिक्षण विधियों पर एक केस अध्ययन के परिणामों का उपयोग करना।
निष्कर्ष: शिक्षा में केस अध्ययन शैक्षिक प्रणाली के भीतर चुनौतियों और अवसरों की गहन समझ प्रदान करते हैं। विशिष्ट मामलों में गहराई से जाकर, शिक्षक और शोधकर्ता मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं, शिक्षण और सीखने की प्रथाओं में निरंतर सुधार और नवाचार को बढ़ावा दे सकते हैं। ये अध्ययन जटिल शैक्षिक समस्याओं के साक्ष्य-आधारित समाधान प्रदान करके शिक्षा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
केस स्टडी में व्यक्ति के बारे में क्या जानकारी एकत्र की जानी चाहिए?
(what information should be collected about the person in the case study).
किसी मामले का अध्ययन करते समय, जांच के अधीन व्यक्ति के बारे में विशिष्ट जानकारी एकत्र करना गहन और व्यावहारिक विश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है। यह जानकारी व्यक्ति की पृष्ठभूमि, क्षमताओं, व्यवहार और व्यक्तिगत लक्षणों का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। इस संदर्भ में, एक व्यापक केस अध्ययन बनाने के लिए कई श्रेणियों के डेटा को एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने की आवश्यकता है।
यहां उदाहरणों के साथ प्रत्येक श्रेणी का स्पष्टीकरण दिया गया है:
1. Identifying Data (परिचयात्मक विवरण): इस श्रेणी में व्यक्ति के बारे में बुनियादी जानकारी शामिल है, जैसे उनका नाम, उम्र, लिंग, पता, संपर्क विवरण और कोई अन्य प्रासंगिक व्यक्तिगत पहचान विवरण। ये विवरण यह समझने के लिए आधार प्रदान करते हैं कि व्यक्ति कौन है।
- नाम: जॉन स्मिथ
- लिंग: पुरुष
- पता: 123 मेन स्ट्रीट, एनीटाउन, यूएसए
- फ़ोन नंबर: (555) 123-4567
2. Birth Information (जन्म सम्बन्धी जानकारी): इस श्रेणी में व्यक्ति के जन्म से संबंधित विवरण शामिल हैं, जिसमें उनकी जन्मतिथि, जन्म स्थान और उनके जन्म के आसपास की कोई भी महत्वपूर्ण घटना या परिस्थितियाँ शामिल हैं।
- जन्मतिथि: 10 जून 1998
- जन्म स्थान: सिटी जनरल हॉस्पिटल, एनीटाउन, यूएसए
3. Health Record (स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी): इस अनुभाग में व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी एकत्र करना शामिल है। इसमें चिकित्सा इतिहास, वर्तमान स्वास्थ्य स्थितियां, दवाएं, एलर्जी और कोई भी प्रासंगिक स्वास्थ्य मूल्यांकन या निदान शामिल हो सकता है।
- चिकित्सा इतिहास : बचपन से अस्थमा
- वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति: अवसाद और चिंता का प्रबंधन
- एलर्जी: कोई नहीं
4. Family Data (परिवार सम्बन्धी जानकारी): यह श्रेणी व्यक्ति की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर केंद्रित है, जिसमें माता-पिता, भाई-बहन और परिवार के अन्य करीबी सदस्यों के बारे में विवरण शामिल हैं। पारिवारिक गतिशीलता और रिश्तों पर जानकारी महत्वपूर्ण हो सकती है।
- माता-पिता: जेन स्मिथ (मां) और मार्क स्मिथ (पिता)
- भाई-बहन: सारा (बड़ी बहन) और डेविड (छोटा भाई)
5. Socio- Economic Status (सामाजिक-आर्थिक स्थिति): यहां, आप व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति, उनके व्यवसाय, आय, शैक्षिक पृष्ठभूमि और किसी भी प्रासंगिक सामाजिक-आर्थिक कारकों सहित डेटा एकत्र करते हैं।
- व्यवसाय: पूर्णकालिक छात्र और अंशकालिक कैशियर
- आय: $20,000 प्रति वर्ष
- शैक्षिक पृष्ठभूमि: हाई स्कूल स्नातक
6. Level of Intelligence (बुद्धि का स्तर ): यह अनुभाग व्यक्ति की बौद्धिक क्षमताओं और संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली का आकलन करता है। इसमें आईक्यू स्कोर, मानकीकृत परीक्षण परिणाम या बुद्धि के अन्य आकलन शामिल हो सकते हैं।
- आईक्यू स्कोर: 120 (औसत से ऊपर)
7. Educational Records (शिक्षात्मक जानकारी): व्यक्ति के शैक्षणिक इतिहास से संबंधित जानकारी इकट्ठा करें, जिसमें स्कूल में पढ़ाई, ग्रेड, शैक्षणिक उपलब्धियां और किसी भी प्रासंगिक शैक्षणिक मूल्यांकन शामिल हैं।
- हाई स्कूल: एनीटाउन हाई स्कूल
- पुरस्कार: वेलेडिक्टोरियन
8. Co- Curricular Activities (पाठ्य सहगामी क्रियाएँ): इस श्रेणी में क्लब, खेल, शौक या स्वयंसेवी कार्य जैसे पाठ्येतर या सह-पाठयक्रम गतिविधियों में व्यक्ति की भागीदारी के बारे में विवरण शामिल हैं।
- पाठ्येतर गतिविधियाँ: शतरंज क्लब, स्थानीय पशु आश्रय में स्वयंसेवक
9. Adjustment (समायोजन): इस बारे में जानकारी एकत्र करें कि व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों या वातावरणों में कैसे अनुकूलन और समायोजन करता है। इसमें उनके मुकाबला करने के तंत्र, तनाव कारक और परिवर्तन को संभालने के तरीके शामिल हो सकते हैं।
- समायोजन: परिवर्तन और नए वातावरण के साथ संघर्ष करता है, दिनचर्या को प्राथमिकता देता है
10. Behaviour in the classroom (कक्षा- कक्ष में व्यवहार): यह अनुभाग शैक्षणिक सेटिंग में व्यक्ति के व्यवहार और प्रदर्शन की जांच करता है, जिसमें उनकी भागीदारी, शिक्षकों और साथियों के साथ बातचीत और सीखने की शैली शामिल है।
- कक्षा व्यवहार: सक्रिय रूप से भाग लेता है, साथियों के साथ सहयोग करता है
11. Behaviour in the playground (खेल के मैदान में व्यवहार): गैर-शैक्षणिक सेटिंग्स में व्यक्ति के व्यवहार और बातचीत का पता लगाएं, जैसे कि अवकाश या खाली समय के दौरान। इससे उनके सामाजिक कौशल और रिश्तों के बारे में जानकारी मिल सकती है।
- खेल का मैदान व्यवहार : टीम खेल खेलना पसंद करता है, और उसके करीबी दोस्तों का एक छोटा समूह है
12. Personality Traits (व्यक्तित्व के गुण): व्यक्ति के व्यक्तित्व लक्षणों के बारे में जानकारी एकत्र करें, जिसमें उनका स्वभाव, ताकत, कमजोरियां और किसी भी व्यक्तित्व का आकलन शामिल है।
- व्यक्तित्व लक्षण: बहिर्मुखी, सहानुभूतिपूर्ण, विस्तार-उन्मुख
13. Educational and Vocational Plan (शैक्षिक तथा व्यावसायिक योजना): यह श्रेणी व्यक्ति के भविष्य के शैक्षिक और व्यावसायिक लक्ष्यों, आकांक्षाओं और कैरियर विकास या आगे की शिक्षा की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करती है।
- शैक्षिक योजना (Educational Plan): मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल करें
- व्यावसायिक योजना (Vocational Plan): परामर्शदाता या चिकित्सक के रूप में कार्य करें
- उदाहरण: पर्यावरण विज्ञान में डिग्री हासिल करने और एक पर्यावरण संरक्षण संगठन के लिए काम करने की इच्छा रखता है।
14. Analysis (विश्लेषण):
- यह वह जगह है जहां आप सभी एकत्रित जानकारी का गहन विश्लेषण करते हैं, निष्कर्ष निकालते हैं और व्यक्ति के जीवन, व्यवहार और विशेषताओं में पैटर्न या रुझान की पहचान करते हैं।
- उदाहरण: विश्लेषण इंगित करता है कि व्यक्ति के मजबूत नेतृत्व कौशल और पर्यावरण संरक्षण के जुनून को परामर्श कार्यक्रमों और पारिस्थितिकी और स्थिरता से संबंधित पाठ्येतर गतिविधियों के माध्यम से पोषित किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, जानकारी के इस व्यापक सेट को इकट्ठा करने से मामले के अध्ययन में व्यक्ति की पूरी समझ मिलती है, यदि आवश्यक हो तो सूचित निर्णय लेने और हस्तक्षेप की सुविधा मिलती है।
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केस स्टडी के चरण
(steps of case study).
एक केस स्टडी में किसी विशेष समस्या या परिदृश्य को समझने, विश्लेषण करने और हल करने की एक व्यवस्थित प्रक्रिया शामिल होती है। ये चरण किसी केस अध्ययन को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए एक संरचित ढांचे के रूप में काम करते हैं। प्रत्येक चरण मामले की जटिलताओं को सुलझाने और सूचित निष्कर्ष पर पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
1. मामले को समझना (Understanding the Case):
- परिभाषा: मामले की पृष्ठभूमि, संदर्भ और मुख्य विवरण को अच्छी तरह से समझें। इसमें शामिल बारीकियों की गहरी समझ हासिल करने के लिए स्थिति में खुद को डुबो देना शामिल है।
- उदाहरण: छात्रों के प्रदर्शन में गिरावट की प्रवृत्ति से जुड़े मामले के अध्ययन के लिए, स्कूल की जनसांख्यिकी, शिक्षण विधियों और पाठ्यक्रम में हाल के बदलावों को समझना महत्वपूर्ण है।
2. समस्या का चयन (Selecting the Problem):
- परिभाषा: मामले के भीतर उस विशिष्ट समस्या या मुद्दे को पहचानें और परिभाषित करें जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है। इस कदम में गहन विश्लेषण के लिए मामले के एक विशेष पहलू पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
- उदाहरण: समस्या की पहचान पिछले दो वर्षों में हाई स्कूल में छात्रों के गणित दक्षता अंकों में गिरावट के रूप में की जा सकती है।
3. समस्या के कारणों का पता लगाना (Finding Out the Causes of the Problem):
- परिभाषा: पहचानी गई समस्या के मूल कारणों की जांच और विश्लेषण करें। इस चरण में समस्या में योगदान देने वाले विभिन्न कारकों की जांच करना शामिल है।
- उदाहरण: कारणों में अप्रभावी शिक्षण विधियां, संसाधनों की कमी, अपर्याप्त शिक्षक प्रशिक्षण, या छात्रों की सीखने की क्षमताओं को प्रभावित करने वाले सामाजिक-आर्थिक कारक शामिल हो सकते हैं।
4. संभावित समाधानों के बारे में सोचना (Thinking of Possible Solutions):
- परिभाषा: पहचाने गए कारणों के समाधान के लिए संभावित समाधानों या हस्तक्षेपों पर विचार-मंथन करें। रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करें और विभिन्न दृष्टिकोणों पर विचार करें।
- उदाहरण: संभावित समाधानों में इंटरैक्टिव शिक्षण तकनीकों को लागू करना, पाठ्यपुस्तकें और शैक्षिक सॉफ्टवेयर जैसे अतिरिक्त संसाधन प्रदान करना, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन करना या सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम शुरू करना शामिल हो सकता है।
5. सर्वोत्तम समाधान का चयन (Selecting the Best Solution):
- परिभाषा: मामले के संदर्भ के साथ व्यवहार्यता, प्रभावशीलता और संरेखण के आधार पर प्रस्तावित समाधानों का मूल्यांकन करें। वह समाधान चुनें जिससे समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान होने की सबसे अधिक संभावना हो।
- उदाहरण: प्रस्तावित समाधानों का मूल्यांकन करने के बाद, नियमित शिक्षक प्रशिक्षण सत्रों के साथ इंटरैक्टिव शिक्षण तकनीकों को लागू करना छात्रों को संलग्न करने और शिक्षक प्रभावशीलता को बढ़ाने की क्षमता के कारण सर्वोत्तम समाधान के रूप में चुना गया है।
6. मूल्यांकन करना (To Evaluate):
- परिभाषा: चयनित समाधान को लागू करें और उसके प्रभाव की बारीकी से निगरानी करें। परिणामों का मूल्यांकन करें और मूल्यांकन करें कि क्या कार्यान्वित समाधान ने समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान किया है।
- उदाहरण: इंटरैक्टिव शिक्षण विधियों और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं को लागू करने के बाद, नियमित रूप से मानकीकृत परीक्षणों और कक्षा अवलोकनों के माध्यम से छात्रों की प्रगति का आकलन करें। यदि गणित दक्षता स्कोर में महत्वपूर्ण सुधार होता है, तो समाधान को सफल माना जा सकता है।
निष्कर्ष: इन चरणों का व्यवस्थित रूप से पालन करने से केस अध्ययन के लिए एक व्यापक और रणनीतिक दृष्टिकोण सुनिश्चित होता है। मामले को समझकर, एक केंद्रित समस्या का चयन करके, उसके कारणों की पहचान करके, समाधानों पर विचार-मंथन करके, सर्वश्रेष्ठ का चयन करके और परिणामों का मूल्यांकन करके, शोधकर्ता और चिकित्सक वास्तविक दुनिया की समस्याओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए सूचित रणनीति विकसित कर सकते हैं। यह संरचित प्रक्रिया निर्णय लेने को बढ़ाती है, आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करती है और अध्ययन और अभ्यास के विभिन्न क्षेत्रों में साक्ष्य-आधारित समाधानों को बढ़ावा देती है।
केस स्टडी का उद्देश्य
(purpose of the case study).
व्यवहार विश्लेषण और परामर्श के संदर्भ में एक केस अध्ययन का उद्देश्य विशिष्ट व्यक्तियों या स्थितियों की विस्तृत जांच प्रदान करना है, जिसका उद्देश्य व्यवहार संबंधी समस्याओं का सटीक निदान करना और प्रभावी मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करना है। प्रत्येक मामले की अनूठी परिस्थितियों में गहराई से जाकर, पेशेवर लक्षित हस्तक्षेप विकसित कर सकते हैं, व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं और इसमें शामिल व्यक्तियों की समग्र भलाई को बढ़ा सकते हैं।
1. व्यवहार संबंधी समस्याओं का निदान और उपचार (Diagnosing and Treating Behavioral Problems):
- उद्देश्य: व्यवहार संबंधी मामले के अध्ययन का एक प्राथमिक उद्देश्य व्यक्तियों में अंतर्निहित व्यवहार संबंधी समस्याओं का निदान करना है। विस्तृत विश्लेषण के माध्यम से, पेशेवर समस्याग्रस्त व्यवहार के पैटर्न, ट्रिगर और संभावित कारणों की पहचान कर सकते हैं।
- उदाहरण: एक ऐसे बच्चे के मामले के अध्ययन पर विचार करें जो स्कूल में आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करता है। बच्चे की बातचीत, पारिवारिक गतिशीलता और स्कूल के माहौल का विश्लेषण करके, एक मनोवैज्ञानिक अंतर्निहित कारणों का निदान कर सकता है, जैसे कि बदमाशी के अनुभव या अनसुलझे भावनात्मक मुद्दे, और एक अनुरूप हस्तक्षेप योजना विकसित कर सकता है।
2. बेहतर मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करना (Providing Better Guidance and Counseling):
- उद्देश्य: केस अध्ययन व्यक्तिगत मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान करने के लिए एक आधार के रूप में कार्य करता है। किसी व्यक्ति के सामने आने वाली अनोखी चुनौतियों को समझकर, परामर्शदाता व्यक्ति की आवश्यकताओं के अनुरूप विशिष्ट सलाह, मुकाबला करने की रणनीतियाँ और समर्थन तंत्र प्रदान कर सकते हैं।
- उदाहरण: एक केस स्टडी की कल्पना करें जिसमें एक किशोर शैक्षणिक तनाव और आत्मसम्मान के मुद्दों से जूझ रहा हो। निष्कर्षों के आधार पर, एक परामर्शदाता किशोरों की चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए तनाव प्रबंधन तकनीकों, आत्मविश्वास निर्माण अभ्यास और शैक्षणिक सहायता सहित लक्षित मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है।
निष्कर्ष: व्यवहार विश्लेषण और परामर्श में केस अध्ययन का उद्देश्य अंतर्निहित मुद्दों का निदान करना और अनुकूलित मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करना है। व्यक्तिगत मामलों पर ध्यान केंद्रित करके, पेशेवर व्यवहार संबंधी समस्याओं की सूक्ष्म समझ हासिल कर सकते हैं, जिससे वे सटीक हस्तक्षेप लागू करने में सक्षम हो सकते हैं जो शामिल व्यक्तियों के जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। ये अध्ययन प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप साक्ष्य-आधारित समाधान पेश करके मानसिक और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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केस स्टडीज की विशेषताएं
(characteristics of case studies).
केस स्टडीज़ एक शोध पद्धति है जो उनकी गहराई और किसी विशेष व्यक्ति, इकाई या संस्थान के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने की विशेषता है। जांच के तहत विषय की व्यापक समझ हासिल करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ शिक्षा, व्यवसाय, कानून और चिकित्सा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इनका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। निम्नलिखित विशेषताएँ केस अध्ययन की प्रकृति को परिभाषित करने में मदद करती हैं:
1. किसी व्यक्ति या संस्था का गहन अध्ययन (In-Depth Study of a Person or Institution):
- विशेषताएँ: केस अध्ययन में किसी विशिष्ट व्यक्ति, संगठन या संस्था की विस्तृत और गहन जाँच शामिल होती है। यह व्यापक दृष्टिकोण शोधकर्ताओं को विषय के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने की अनुमति देता है।
- उदाहरण: चिकित्सा के क्षेत्र में, एक केस स्टडी में एक दुर्लभ चिकित्सा स्थिति को समझने के लिए रोगी के चिकित्सा इतिहास, लक्षण, उपचार और परिणामों की गहन जांच शामिल हो सकती है।
2. अध्ययन के माध्यम से सूचना संग्रहण (Information Collection through Study):
- विशेषताएँ: विषय का गहनता से अध्ययन करके डेटा एकत्र किया जाता है। शोधकर्ता प्रासंगिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए साक्षात्कार, अवलोकन, सर्वेक्षण और दस्तावेज़ विश्लेषण जैसे विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
- उदाहरण: व्यावसायिक संदर्भ में, एक केस अध्ययन में प्रमुख हितधारकों का साक्षात्कार लेना, वित्तीय रिकॉर्ड का विश्लेषण करना और कंपनी की सफलता या विफलता में योगदान देने वाले कारकों का आकलन करने के लिए व्यावसायिक संचालन का अवलोकन करना शामिल हो सकता है।
3. अनेक क्षेत्रों में प्रयोज्यता (Applicability Across Multiple Fields):
- विशेषताएँ: केस अध्ययन बहुमुखी हैं और शिक्षा, व्यवसाय, कानून, चिकित्सा और अन्य सहित विभिन्न विषयों में आयोजित किए जा सकते हैं। यह विधि विभिन्न शोध प्रश्नों और उद्देश्यों के अनुकूल है।
- उदाहरण: शिक्षा के क्षेत्र में, एक केस स्टडी का उपयोग एक नई शिक्षण पद्धति की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए किया जा सकता है, जबकि कानून में, इसे एक हाई-प्रोफाइल अदालती मामले में उपयोग की जाने वाली कानूनी रणनीतियों का विश्लेषण करने के लिए नियोजित किया जा सकता है।
4. व्यक्ति या इकाई पर ध्यान दें (Focus on the Individual or Entity):
- विशेषताएँ: केस अध्ययन एक केंद्रीय विषय के इर्द-गिर्द घूमते हैं, चाहे वह कोई व्यक्ति, संस्था या विशिष्ट मुद्दा हो। संपूर्ण शोध प्रक्रिया के दौरान यह विषय अध्ययन के केंद्र में रहता है।
- उदाहरण: शैक्षिक अनुसंधान के संदर्भ में, यदि कोई छात्र एक ही कक्षा में लगातार असफल होता है, तो व्यक्तिगत छात्र केस स्टडी का केंद्र बिंदु बन जाता है।
5. विस्तृत जांच और डेटा विश्लेषण (Detailed Investigation and Data Analysis):
- विशेषताएँ: केस अध्ययन में सावधानीपूर्वक जांच और डेटा संग्रह शामिल होता है। शोधकर्ता विषय वस्तु में गहराई से उतरते हैं, डेटा का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करते हैं, और अंतर्निहित कारणों और कारकों को उजागर करने का प्रयास करते हैं।
- उदाहरण: संघर्षरत छात्र के मामले में, शोधकर्ता छात्र, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ साक्षात्कार आयोजित कर सकते हैं, पिछले शैक्षणिक रिकॉर्ड का विश्लेषण कर सकते हैं और आवर्ती विफलताओं के कारणों का पता लगाने के लिए कक्षा की बातचीत का निरीक्षण कर सकते हैं।
निष्कर्ष: केस अध्ययन की विशेषताएं, जिसमें उनकी गहन प्रकृति, सूचना एकत्र करने का दृष्टिकोण, अंतर-विषयक प्रयोज्यता, विषय-केंद्रित पद्धति और कठोर जांच शामिल है, उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में एक मूल्यवान अनुसंधान उपकरण बनाती है। केस अध्ययन जटिल वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं और विशिष्ट मुद्दों की गहरी समझ प्रदान करते हैं, अंततः साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और समस्या-समाधान में योगदान करते हैं।
बाल व्यवहार के अध्ययन में केस स्टडी के लाभ
(advantages of case study in studying child behavior).
केस अध्ययन एक मूल्यवान शोध पद्धति है, खासकर जब बच्चों जैसे जटिल व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है। यह दृष्टिकोण बच्चे के प्राकृतिक वातावरण के भीतर उसके व्यवहार की गहराई से खोज करने की अनुमति देता है, जिससे उनके कार्यों, प्रतिक्रियाओं और बातचीत की व्यापक समझ बनती है।
1. बाल व्यवहार का विस्तृत अध्ययन (Detailed Study of Child Behavior):
- लाभ: केस अध्ययन शोधकर्ताओं को उनके विशिष्ट वातावरण में बच्चे के व्यवहार के हर पहलू का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है, और उन बारीकियों को पकड़ता है जो व्यापक अनुसंधान विधियों में छूट सकती हैं।
- उदाहरण: स्कूल और घर पर साथियों, शिक्षकों और परिवार के सदस्यों के साथ एक बच्चे की बातचीत का अवलोकन और दस्तावेजीकरण करना, उनके सामाजिक व्यवहार का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करना।
2. बाल व्यवहार और उसके कारणों को समझना (Understanding Child Behavior and Its Reasons):
- लाभ: केस अध्ययन से शोधकर्ताओं को बच्चे के व्यवहार के पीछे के कारणों का पता लगाने में मदद मिलती है। यह गहरी समझ ट्रिगर्स, प्रेरणाओं और अंतर्निहित कारणों की पहचान करने में मदद करती है, जिससे अधिक सूचित हस्तक्षेप होता है।
- उदाहरण: ऐसे मामले का पता लगाना जहां एक बच्चा आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करता है; विस्तृत विश्लेषण से पता चल सकता है कि यह व्यवहार पिछले आघात या अनसुलझे भावनात्मक मुद्दों से उत्पन्न होता है।
3. समस्याग्रस्त और कुसमायोजित बच्चों का अध्ययन (Studying Problematic and Maladjusted Children):
- लाभ: समस्याग्रस्त या कुसमायोजित बच्चों से निपटने के दौरान केस अध्ययन विशेष रूप से उपयोगी होते हैं। व्यक्तिगत मामलों पर ध्यान केंद्रित करके, पेशेवर बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करते हुए, अनुरूप सहायता और समर्थन प्रदान कर सकते हैं।
- उदाहरण: स्कूल से इनकार करने वाले व्यवहार वाले बच्चे का अध्ययन करना; एक केस अध्ययन के माध्यम से, शिक्षक और मनोवैज्ञानिक सामाजिक चिंता या बदमाशी जैसे मूल कारणों की पहचान कर सकते हैं, और बच्चे को स्कूल के माहौल में समायोजित करने में मदद करने के लिए रणनीतियों को लागू कर सकते हैं।
4. सावधानीपूर्वक तैयारी के कारण विश्वसनीयता (Reliability Due to Careful Preparation):
- लाभ: केस अध्ययन में सावधानीपूर्वक तैयारी शामिल होती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि डेटा संग्रह और विश्लेषण सटीक और विश्वसनीय हैं। यह सावधानीपूर्वक दृष्टिकोण अध्ययन के परिणामों की विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
- उदाहरण: शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चे के साथ साक्षात्कार आयोजित करने के साथ-साथ कक्षा के व्यवहार का अवलोकन करना और शैक्षणिक रिकॉर्ड का विश्लेषण करना, एक व्यापक और विश्वसनीय केस अध्ययन परिणाम सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष: बच्चे के व्यवहार का अध्ययन करने में केस स्टडी के फायदे महत्वपूर्ण हैं, जो बच्चे के कार्यों और प्रेरणाओं की गहरी समझ प्रदान करते हैं। व्यक्तिगत मामलों पर ध्यान केंद्रित करके, शोधकर्ता और चिकित्सक लक्षित सहायता प्रदान कर सकते हैं, जिससे व्यवहार संबंधी चुनौतियों का सामना करने वाले बच्चों के लिए अधिक प्रभावी हस्तक्षेप और बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। मामले के अध्ययन में शामिल सावधानीपूर्वक तैयारी और विस्तृत विश्लेषण उनकी विश्वसनीयता में योगदान देता है और उन्हें बाल व्यवहार को समझने और संबोधित करने में अमूल्य उपकरण बनाता है।
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Table: Perspectives on Individual Study: Definition by Prominent Social Scientists
(व्यक्तिगत अध्ययन पर परिप्रेक्ष्य: प्रमुख सामाजिक वैज्ञानिकों द्वारा परिभाषा).
Definition | Author | Explanation |
---|---|---|
“A detailed study of a social unit – whether that unit is an individual, a group, a social institution, a district or a community, a detailed study is called individual study.” | P.V. Young | पी.वी. यंग व्यक्तिगत अध्ययन को किसी भी सामाजिक इकाई की विस्तृत परीक्षा के रूप में परिभाषित करता है, चाहे वह व्यक्ति, समूह, संस्था या समुदाय हो। यह परिभाषा अध्ययन की व्यापक प्रकृति पर प्रकाश डालती है, विभिन्न सामाजिक इकाइयों को समझने में शामिल विश्लेषण की गहराई पर जोर देती है। |
“The personal study method is a form of qualitative analysis under which a very careful and complete observation of a person, situation or organization is made.” | B. Seng and B. Seng | बी. सेंग और बी. सेंग व्यक्तिगत अध्ययन को एक गुणात्मक विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के रूप में वर्णित करते हैं, जो व्यक्तियों, स्थितियों या संगठनों के सावधानीपूर्वक और गहन अवलोकन पर ध्यान केंद्रित करता है। यह परिभाषा सामाजिक घटनाओं को समझने में इसके गुणात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए, अवलोकन प्रक्रिया की सावधानीपूर्वक और व्यापक प्रकृति पर जोर देती है। |
“Individual study is a method by which every individual factor, whether it is an organization or a total event in the life of an individual or group, is analyzed in the context of some other unit of that group.” | Howard Odom and Katherine Zocher | हॉवर्ड ओडोम और कैथरीन ज़ोचर व्यक्तिगत अध्ययन को एक विश्लेषणात्मक पद्धति के रूप में परिभाषित करते हैं जहां किसी संगठन के भीतर या किसी व्यक्ति या समूह के जीवन के व्यक्तिगत कारकों की उस समूह के भीतर अन्य इकाइयों से संबंधित जांच की जाती है। यह परिभाषा व्यापक सामाजिक संदर्भ में व्यक्तिगत तत्वों के प्रासंगिक विश्लेषण को रेखांकित करती है, जो समग्र परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है। |
“Personal study method can be defined as a small, complete and in-depth study, under which the researcher uses all his abilities and methods to systematically collect sufficient information about a person so that it can ‘To know how a man and a woman function as a unit of society.’” | Sin Pao Yeung | सिन पाओ युंग व्यक्तिगत अध्ययन को एक केंद्रित, विस्तृत और व्यापक शोध दृष्टिकोण के रूप में चित्रित करते हैं। इसमें किसी व्यक्ति के बारे में व्यवस्थित रूप से पर्याप्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए विभिन्न शोध कौशल का उपयोग करना शामिल है, जिससे समाज के भीतर उनकी भूमिका को समझने में मदद मिलती है। यह परिभाषा अध्ययन की गहन प्रकृति पर प्रकाश डालती है, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों की सामाजिक कार्यप्रणाली को समझना है। |
स्पष्टीकरण:
- तालिका विभिन्न सामाजिक वैज्ञानिकों द्वारा प्रदान की गई व्यक्तिगत अध्ययन की विविध परिभाषाएँ प्रस्तुत करती है। प्रत्येक परिभाषा सामाजिक अनुसंधान में व्यक्तिगत अध्ययन की गहराई, दायरे और उद्देश्य पर एक अद्वितीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है।
- पी.वी. यंग व्यक्तिगत अध्ययन की व्यापक प्रकृति पर जोर देते हैं, विभिन्न सामाजिक इकाइयों पर इसकी प्रयोज्यता को रेखांकित करते हैं।
- बी. सेंग और बी. सेंग गुणात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं, इस पद्धति के अभिन्न अंग सावधानीपूर्वक अवलोकन पर प्रकाश डालते हैं।
- हॉवर्ड ओडोम और कैथरीन ज़ोचर प्रासंगिक विश्लेषण पर जोर देते हैं, एक व्यापक सामाजिक ढांचे के भीतर व्यक्तिगत तत्वों की जांच पर जोर देते हैं।
- सिन पाओ युंग व्यक्तिगत अध्ययन की गहन, व्यवस्थित प्रकृति पर जोर देते हैं, जिसका लक्ष्य समाज के भीतर व्यक्तियों की भूमिकाओं को समझना है।
- ये विविध परिभाषाएँ सामूहिक रूप से सामाजिक अनुसंधान में व्यक्तिगत अध्ययन पद्धति की समग्र समझ में योगदान करती हैं।
Table: Pros and Cons of the Case Study Method
(केस स्टडी पद्धति के फायदे और नुकसान).
यहां केस स्टडी पद्धति के गुण और दोषों का सारांश देने वाली एक तालिका है:
Merits of Case Study Method | Demerits of Case Study Method |
---|---|
किसी सामाजिक इकाई की विस्तृत जांच की अनुमति देता है। | सिद्धांत विकास के लिए अपर्याप्त एवं अवैज्ञानिक माना जाता है। |
चयनित इकाई के अतीत, वर्तमान और भविष्य को समझने में सक्षम बनाता है। | शोधकर्ता की व्यक्तिपरकता के कारण निष्कर्ष पक्षपातपूर्ण हो सकते हैं। |
भविष्य के अनुसंधान के लिए व्यवस्थित परिकल्पनाओं के निर्माण की सुविधा प्रदान करता है। | प्राप्त तथ्यों की विश्वसनीयता को हमेशा सत्यापित नहीं किया जा सकता है। |
प्रश्नावली या साक्षात्कार जैसे अनुसंधान उपकरणों को बढ़ाने के अवसर प्रदान करता है। | अन्य तरीकों की तुलना में अधिक समय और संसाधनों की आवश्यकता होती है। |
विभिन्न इकाइयों के लिए सर्वोत्तम नमूनाकरण विधियों को निर्धारित करने में सहायता करता है। | निष्कर्ष कम संख्या में मामलों पर आधारित होते हैं, जो सामान्यीकरण को सीमित करते हैं। |
विरोधाभासी या अप्रासंगिक प्रतीत होने वाली इकाइयों से महत्वपूर्ण तथ्य प्रकट करता है। | इकाइयों को अक्सर व्यवस्थित तरीकों के बजाय जानबूझकर चुना जाता है। |
विषय में शोधकर्ता की रुचि और ज्ञान को बढ़ाता है, विश्लेषण को बढ़ाता है। | संभावित रूप से त्रुटिपूर्ण सरकारी और गैर-सरकारी जानकारी पर निर्भर करता है। |
दृष्टिकोण और सामाजिक मूल्यों जैसे गुणात्मक पहलुओं का अध्ययन करने के लिए आदर्श। |
विशिष्ट मामलों में विस्तृत अंतर्दृष्टि प्रदान करने में केस अध्ययन पद्धति की अपनी ताकत है, लेकिन इसमें सीमाएं भी हैं, विशेष रूप से सामान्यीकरण, पूर्वाग्रह और बाहरी डेटा पर निर्भरता के संदर्भ में। शोधकर्ता अक्सर इसकी सीमाओं को संतुलित करने के लिए अन्य शोध विधियों के साथ इसका उपयोग करते हैं।
- सामाजिक शोध में केस स्टडी पद्धति विद्वानों के बीच व्यापक बहस का विषय रही है। कुछ आलोचकों का तर्क है कि व्यक्तिगत डेटा, विशेष रूप से जीवन इतिहास, का मात्रात्मक विश्लेषण नहीं किया जा सकता है, जिससे सांख्यिकीय प्रक्रियाओं के बिना यह विधि अव्यावहारिक और अवैज्ञानिक लगती है। हालाँकि, विधि के समर्थकों का तर्क है कि यदि किसी विशिष्ट समूह के प्रतिनिधियों के रूप में चुने गए व्यक्ति ठोस जीवन अनुभव प्रदान कर सकते हैं, तो उनका डेटा उसी समूह के अन्य लोगों पर लागू किया जा सकता है। सांख्यिकीय परीक्षणों की अनुपस्थिति में, केस स्टडी पद्धति को गहन गुणात्मक विश्लेषण के लिए एक मूल्यवान उपकरण बनाने के लिए शोधकर्ताओं को अपने अच्छी तरह से प्रशिक्षित अनुभव, अंतर्दृष्टि और निर्णय पर भरोसा करना चाहिए। अपनी चुनौतियों के बावजूद, यह विधि सामाजिक अनुसंधान में जटिल मानवीय अनुभवों और व्यवहारों को समझने के लिए एक मूल्यवान दृष्टिकोण बनी हुई है।
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शांति की जीत: ग्रामीण भारत में लचीलेपन और शिक्षा का एक केस स्टडी
(shanti’s triumph: a case study of resilience and education in rural india).
ग्रामीण भारत की हरी-भरी हरियाली के बीच बसे एक सुदूर गाँव में, शैक्षिक परिवर्तन की एक उल्लेखनीय कहानी मौजूद है। सुंदरपुर नाम के इस गांव को गरीबी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सीमित पहुंच और लैंगिक असमानता सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हालाँकि, युवा लड़कियों को सशक्त बनाने, सामाजिक मानदंडों को तोड़ने और सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अभिनव शैक्षिक पहल के कारण समुदाय बदलाव के कगार पर था।
केस स्टडी उद्देश्य:
- सुंदरपुर में शैक्षिक सशक्तिकरण कार्यक्रम के परिवर्तनकारी प्रभाव का पता लगाने के लिए, एक वंचित पृष्ठभूमि की युवा लड़की शांति के जीवन और शैक्षणिक सफलता और सशक्तिकरण की दिशा में उसकी यात्रा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- केस स्टडी सुंदरपुर की एक दृढ़निश्चयी और उज्ज्वल युवा लड़की शांति के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसने अपने समुदाय को बांधने वाली निरक्षरता की जंजीरों से मुक्त होने का सपना देखा था। स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और उत्साही शिक्षकों द्वारा समर्थित एक शैक्षिक सशक्तिकरण कार्यक्रम के कार्यान्वयन के साथ, सुंदरपुर की युवा लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, परामर्श और व्यावसायिक प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए गए।
अनुसंधान प्रश्न:
- शैक्षिक सशक्तिकरण कार्यक्रम ने शांति के शैक्षणिक प्रदर्शन, आत्मविश्वास और आकांक्षाओं को कैसे प्रभावित किया?
- शांति की शैक्षिक यात्रा में मार्गदर्शन और सामुदायिक समर्थन ने क्या भूमिका निभाई?
- कार्यक्रम ने गांव के भीतर सामाजिक मानदंडों और लैंगिक असमानताओं को कैसे संबोधित किया?
- शांति को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और सहायता कार्यक्रमों ने इन बाधाओं पर काबू पाने में उसकी कैसे सहायता की?
- गहन साक्षात्कार: शांति, उसके माता-पिता, शिक्षकों और कार्यक्रम समन्वयकों के साथ उसके अनुभवों और कार्यक्रम के प्रभाव के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए साक्षात्कार आयोजित करें।
- फ़ील्ड अवलोकन: कार्यक्रम के कार्यान्वयन और उसके प्रभावों को समझने के लिए कक्षाओं, परामर्श सत्रों और सामुदायिक बातचीत का निरीक्षण करने के लिए सुंदरपुर का दौरा करें।
- दस्तावेज़ विश्लेषण: शांति की प्रगति और परिवर्तन को मापने के लिए उसके अकादमिक रिकॉर्ड, उपस्थिति रिपोर्ट और प्रशंसापत्र की समीक्षा करें।
- फोकस समूह चर्चाएँ: गाँव पर कार्यक्रम के व्यापक प्रभाव का आकलन करने के लिए अन्य लड़कियों और समुदाय के सदस्यों के साथ चर्चाएँ आयोजित करें।
- एक उत्साही युवा लड़की शांति को सुंदरपुर में ग्रामीण जीवन की कठोर वास्तविकताओं का सामना करना पड़ा। शैक्षिक सशक्तिकरण कार्यक्रम की शुरुआत के साथ, उन्हें चुनौतियों के बीच आशा की एक किरण दिखी। समर्पित शिक्षकों और गुरुओं के समर्थन से, शांति अकादमिक रूप से आगे बढ़ी। इंटरैक्टिव शिक्षण विधियों और पाठ्येतर गतिविधियों के माध्यम से, उन्होंने विज्ञान के प्रति अपने जुनून को खोजा और डॉक्टर बनने का सपना देखा, एक ऐसा पेशा जो कभी उनके गांव में लड़कियों के लिए अप्राप्य माना जाता था।
- अपने परिवार द्वारा गले लगाए जाने और अपने गुरुओं द्वारा प्रोत्साहित किए जाने पर, शांति सामाजिक दबावों के बावजूद डटी रही। केस स्टडी पद्धति ने शोधकर्ताओं को उसकी यात्रा की परतों को खोलने की अनुमति दी, जिससे न केवल उसकी शैक्षणिक उपलब्धियों बल्कि उसके बढ़ते आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प पर भी प्रकाश पड़ा।
निष्कर्ष: शांति की कहानी शिक्षा और सामुदायिक समर्थन की परिवर्तनकारी शक्ति का एक प्रमाण है। केस स्टडी पद्धति के माध्यम से, शोधकर्ताओं ने प्रतिकूलता से सशक्तिकरण तक का मार्ग उजागर किया, यह दिखाते हुए कि कैसे समर्पित प्रयास और अनुरूप शैक्षिक पहल लैंगिक बाधाओं को तोड़ सकते हैं, समुदायों का उत्थान कर सकते हैं और ग्रामीण भारत के दिल में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर सकते हैं।
- केस स्टडी पद्धति सामाजिक अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रकाशस्तंभ के रूप में खड़ी है, जो मानवीय अनुभवों की गहराई और विविधता को उजागर करती है। सिद्धांत और वास्तविक जीवन के अनुप्रयोग के बीच अंतर को पाटने की इसकी क्षमता इसे गहन अंतर्दृष्टि चाहने वाले शोधकर्ताओं के लिए एक अनिवार्य उपकरण बनाती है। जैसे-जैसे हम मानव व्यवहार की जटिलताओं से निपटते हैं, केस स्टडी पद्धति एक मार्गदर्शक बनी रहती है, जो एक समय में एक कहानी के साथ हमारी सामाजिक दुनिया की जटिल टेपेस्ट्री को उजागर करती है।
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मुख्य परीक्षा 2019 की तैयारी को ध्यान में रखते हुए एक नया कार्यक्रम 'Be Mains Ready' शुरू किया गया है, मेन्स प्रैक्टिस प्रश्नों को इसी कार्यक्रम के तहत प्रस्तुत किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिये 'Be Mains Ready Program' पर क्लिक कीजिये।
कुल प्रश्नों की संख्या : 146
नई दिल्ली में आगामी वैश्विक सतत् विकास शिखर सम्मेलन के आयोजन के समन्वयक के रूप में आप एक जटिल चुनौती का सामना कर रहे हैं। यह शिखर सम्मेलन विश्व भर के देशों से बड़ी संख्या में आने वाले राजनेताओं एवं प्रतिनिधियों की मेजबानी करने का कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, गरीबी उन्मूलन एवं तकनीकी नवाचार से संबंधित प्रमुख मुद्दों को हल करना है। हालाँकि आयोजन से ठीक दो सप्ताह पहले, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के प्रस्तावित उप-वर्गीकरण को लेकर पूरे शहर में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस क्रम में हज़ारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और अपनी चिंताओं पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित करने के अवसर के रूप में इस शिखर सम्मेलन को बाधित करने की चेतावनी दी। आपकी टीम को खुफिया रिपोर्ट मिली है जिसमें सुझाव दिया गया है कि कुछ विरोधी समूह इस शिखर सम्मेलन के स्थल पर घुसपैठ करने या प्रतिनिधियों के आवास को निशाना बनाने का प्रयास कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त इसमें निहित स्वार्थ वाले समूहों की संभावित भागीदारी के बारे में चिंताएँ हैं जो संबंधित बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचा सकते हैं। प्रभारी व्यक्ति के रूप में आप पर इस शिखर सम्मेलन की अखंडता एवं शुचिता को बनाए रखते हुए सभी उपस्थित लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व है। इस शिखर सम्मेलन की सफलता, भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा एवं वैश्विक सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु महत्वपूर्ण है।
1. इस स्थिति में कौन-कौन से प्रमुख हितधारक शामिल हैं? 2. इस शिखर सम्मेलन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ इसके सुचारू क्रियान्वयन हेतु तात्कालिक रूप से आप कौन से कदम उठाएंगे? 3. यदि यह विरोध प्रदर्शन बढ़ता है तो आपके पास कौन से आकस्मिक विकल्प उपलब्ध हैं?
हाल ही में सरकारी कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार तथा हत्या की दुखद घटना ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस घटना और उसके बाद अस्पताल में हुई बर्बरता के विरोध में 24 घंटे के लिये गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बंद रखने की घोषणा की है। इस घटना ने चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवा कर्मियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न कर दी हैं।
जिस क्षेत्र में यह घटना घटी, वहाँ के नवनियुक्त ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में आपके सामने जन आक्रोश, कानून और व्यवस्था, तथा आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान से संबंधित परिस्थितियाँ है।.
1. घटना के जवाब में गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को वापस लेने के आईएमए के फैसले से उत्पन्न नैतिक दुविधाओं की पहचान कीजिये।
2. एक संतुलित दृष्टिकोण का प्रस्ताव प्रस्तुत कीजिये, जो स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की चिंताओं को संबोधित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे विरोध प्रदर्शनों के दौरान रोगी की देखभाल से समझौता न हो।
3. संकट प्रबंधन, जवाबदेही सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में जनता के विश्वास को बहाल करने में नेतृत्व का मूल्यांकन कीजिये।
आप एक ग्रामीण ज़िला, जहाँ महिला निरक्षरता और बाल विवाह की दर बहुत अधिक है, के ज़िला कलेक्टर हैं। 18 वर्ष की आयु तक अपनी बेटियों को स्कूल में पढ़ाने वाले परिवारों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये एक नई सरकारी योजना शुरू की गई है। हालाँकि सांस्कृतिक परंपराओं के कारण इसे लागू करना मुश्किल है।
हाल ही में आपको रिपोर्ट मिली है कि कुछ परिवार प्रोत्साहन का झूठा दावा कर रहे हैं, जबकि अभी भी अपनी बेटियों का बाल विवाह कर रहे हैं। आपको स्थिति का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना चाहिये, प्रतिस्पर्द्धी हितों को संतुलित करना चाहिये और इस मुद्दे को हल करने के लिये पर्याप्त कदम उठाने चाहिये।
1. इस स्थिति में कौन-से हितधारक शामिल हैं? 2. योजना के प्रभावी कार्यान्वयन और अन्य तात्कालिक सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिये आप क्या कार्रवाई करेंगे? 3. योजना के प्रभाव को बनाए रखने और महिला शिक्षा एवं बाल विवाह के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने के लिये किस प्रकार की दीर्घकालिक रणनीतियाँ लागू की जा सकती हैं?
तेज़ी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहे शहर में पुलिस अधीक्षक (SP) के रूप में आपको बुनियादी ढाँचे से जुड़ी चुनौतियों से निपटना होगा। शहर की जल निकासी व्यवस्था भीषण मानसून के कारण चरमरा गई है, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया है। राहत प्रयासों का समन्वय करते समय, आपको एक पॉश इलाके में एक ऊँची इमारत के बेसमेंट में एक जिम के बारे में एक आपातकालीन संकट कॉल प्राप्त होती है।
भारी बारिश और अपर्याप्त जल प्रबंधन के कारण जिम के दरवाज़े से पानी घुस गया तथा बेसमेंट में पानी भर गया है। रिपोर्ट के अनुसार कई लोग अंदर फँसे हुए हैं। इमारत के निवासियों में दहशत तथा बाहर बढ़ती भीड़ के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। बचाव अभियान चलाने, संपत्ति को अधिक नुकसान से बचाने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। SP के रूप में आपको बचाव प्रयासों का कुशलतापूर्वक समन्वय, स्थिति का आकलन करना तथा जलभराव के प्रभाव को कम करने के उपायों को लागू करना चाहिये।
1. इस स्थिति में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं? 2. बचाव कार्यों को प्रबंधित करने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आपकी तत्काल कार्रवाई क्या होगी? 3. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये कौन-से दीर्घकालिक उपाय लागू किये जा सकते हैं?
आपके नेतृत्व में एक राज्य फुटबॉल टीम राष्ट्रीय कप फाइनल के लिये तैयार हो रही है। आप देखते हैं कि आपकी टीम का शीर्ष स्ट्राइकर, जो टीम की रणनीति और मनोबल के लिये महत्त्वपूर्ण है, चैंपियनशिप गेम से दो दिन पहले प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग करते हुए पाया जाता है। इस दवा का पता वर्तमान परीक्षण विधियों द्वारा नहीं लगाया जा सकता है। जब इस बात का पता आपको चलता है, तो वह आपसे बहुत माफी मांगता है तथा विनती करता है कि आप उसकी शिकायत न करें क्योंकि ऐसा करने से उसका कॅरियर बर्बाद हो जाएगा और शायद टीम को अपने सभी टूर्नामेंट जीतने से हाथ धोना पड़ सकता है।
जब आप इस रहस्योद्घाटन से जूझते हैं, तो आपको अपने निर्णय की गंभीरता का एहसास होता है। उसके खेलने से खेल की अखंडता और आपकी व्यक्तिगत नैतिकता प्रभावित होती है, उसके विरुद्ध रिपोर्ट करना आपके देश को उसके पहले राष्ट्रीय कप खिताब से वंचित कर सकता है। प्रशंसकों की उम्मीदें इस मैच पर टिकी हुई हैं और जीतने का आर्थिक प्रभाव आपके राज्य के लिये महत्त्वपूर्ण होगा। आपके द्वारा लिये गए निर्णय का प्रभाव खिलाड़ी और टीम पर पड़ेगा, आपको यह जल्द ही तय करना चाहिये कि उसे खेलना है, कहानी गढ़ते हुए उसे नही खिलाना है या नियमों के उल्लंघन की रिपोर्ट पुलिस को करनी है।
1. इस स्थिति में नैतिक दुविधाएँ क्या हैं? 2. मुख्य कोच के रूप में आपकी त्वरित कार्रवाई क्या होगी और क्यों? 3. भविष्य में इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिये खेलों में प्रदर्शन-बढ़ाने वाली दवाओं के उपयोग की निगरानी और रोकथाम की वर्तमान प्रणाली को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है?
आप मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन के कैप्टन हैं। यात्रा के छह महीने बाद, एक महत्त्वपूर्ण जीवन रक्षक प्रणाली खराब हो जाती है। सावधानीपूर्वक जाँच करने के बाद इंजीनियर पाता है कि प्रणाली की मरम्मत की जा सकती है, लेकिन इसके लिये एक विशेष भाग की आवश्यकता है जिसका निर्माण केवल एक दुर्लभ सामग्री के उपयोग के माध्यम से 3D प्रिंट द्वारा किया जा सकता है। इस सामग्री की पर्याप्त मात्रा या तो उस भाग को प्रिंट करने के लिये या आपके चालक दल के किसी सदस्य, जो एक पुरानी बीमारी से पीड़ित, के लिये दवा के उत्पादन के रूप में आवश्यक है।
यदि आप जीवन रक्षक प्रणाली की मरम्मत करने का विकल्प चुनते हैं, तो सभी चालक दल के सदस्य यात्रा के दौरान जीवित रहेंगे, लेकिन चालक दल के एक सदस्य को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप दवा का उत्पादन जारी रखते हैं, तो चालक दल का वह सदस्य स्वस्थ रहेगा, लेकिन जीवन रक्षक प्रणाली के कार्य न करने से मिशन विफल हो सकता है तथा सभी लोगों की जान जाने का जोखिम काफी हद तक बढ़ सकता है।
प्रश्न में चालक दल का सदस्य आपका सबसे अनुभवी इंजीनियर है, जो मंगल ग्रह पर मिशन की सफलता के लिये महत्त्वपूर्ण है। पृथ्वी से तत्काल सहायता नहीं ली जा सकती क्योंकि वह बहुत दूर है और आपको 24 घंटे के भीतर निर्णय लेना होगा। आपके निर्णय का मिशन, आपके चालक दल के जीवन तथा संभावित रूप से अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
1. इस मामले में नैतिक दुविधाएँ क्या हैं? 2. इस गंभीर स्थिति में एक नेतृत्वकर्त्ता को गैर दुर्भावनापूर्ण और परोपकार के नैतिक सिद्धांतों को कैसे संतुलित करना चाहिये? 3. आकस्मिक योजना और संसाधन आवंटन में सुधार के लिये इस परिदृश्य से क्या सबक लिया जा सकता है?
आप एक छोटे शहर के एक प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल के नवनियुक्त प्रिंसिपल हैं। इस स्कूल के उन्नयन की सख्त ज़रूरत है - यहाँ की विज्ञान प्रयोगशालाएँ पुरानी हो चुकी हैं, कंप्यूटर रूम में केवल कुछ ही मशीनें कार्य की स्थिति में हैं और लाइब्रेरी की क्षमता भी सीमित है।
आपने 15 अगस्त के समारोह हेतु एक स्थानीय राजनेता को स्कूल में आमंत्रित किया और इस दौरान उन्होंने स्कूल के उन्नयन हेतु निधि देने की घोषणा की। हालाँकि बाद में एक निजी बैठक में उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि स्कूल के उन्नयन एवं संबंधित उपकरणों की खरीद का ठेका उनके एक रिश्तेदार के स्वामित्व वाली कंपनी को दिया जाए। हालाँकि इस कंपनी को निम्न गुणवत्ता की सामग्री की आपूर्ति हेतु जाना जाता है।
प्रस्तावित निधि से होने वाले सुधारों से संभावित रूप से छात्रों के लिये शैक्षिक अवसरों की वृद्धि होगी। कुछ शिक्षक तथा अभिभावक ऐसी परिस्थितियों में इस प्रकार की निधि को स्वीकार करने का विरोध करते हैं जबकि अन्य तर्क देते हैं कि छात्रों की ज़रूरतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। इस संदर्भ में आपका निर्णय स्कूल के भविष्य एवं इसकी प्रतिष्ठा के साथ सैकड़ों छात्रों की शिक्षा को प्रभावित करेगा।
1. इस मामले में शामिल प्रमुख हितधारक कौन हैं? 2. इस स्थिति में निहित नैतिक दुविधाएँ कौन सी हैं? 3. इस निधि के संबंध में आप क्या निर्णय लेंगे। इसके पीछे अपना तर्क बताइए?
आप एक ऐसे शहर के पुलिस अधीक्षक हैं, जहाँ एक प्रमुख धार्मिक उत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में सीमित आधारभूत अवसंरचना वाले पवित्र स्थल पर दस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। सावधानीपूर्वक योजना बनाने के बावजूद, मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार के पास तीर्थयात्रियों की अचानक वृद्धि के कारण भगदड़ मच गई। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि बहुत अधिक जनहानि तथा कुछ लोग घायल हुए हैं।
मंदिर परिसर के आस-पास की संकरी गलियाँ भीड़भाड़ से भरी हुई हैं, जिससे आपातकालीन वाहनों का क्षेत्र तक पहुँचना मुश्किल हो जाता है। सोशल मीडिया पर झूठी अफवाहें तेज़ी से फैल रही हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भगदड़ की वजह आतंकवादी हमला था, जिससे लोगों में दहशत और सांप्रदायिक तनाव की संभावना बढ़ गई। अगले कुछ घंटों में आपकी कार्रवाई आगे की दुर्घटनाओं तथा स्थिति को और अधिक बढ़ने से रोकने में निर्णायक होगी।
1. इस मामले में शामिल प्रमुख हितधारकों की पहचान कीजिये। 2. आगे की दुर्घटनाओं को रोकने और भगदड़ के बाद की स्थिति को संभालने के लिये तत्काल क्या उपाय किये जाने चाहिये? 3. भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और बड़ी सार्वजनिक सभाओं में सुरक्षा बढ़ाने के लिये लागू की जाने वाली दीर्घकालिक रणनीतियों पर चर्चा कीजिये।
आप एक सूखाग्रस्त क्षेत्र के ज़िला कलेक्टर हैं। सरकार ने हज़ारों किसानों को लाभ पहुँचाने हेतु एक बड़ी सिंचाई परियोजना के लिये धन आवंटित किया है। हालाँकि प्रारंभिक सर्वेक्षण के दौरान, यह पता चला है कि इस परियोजना के लिये 500 लोगों के एक छोटे से आदिवासी समुदाय को उनकी पैतृक भूमि से विस्थापित करना होगा। समुदाय के पास औपचारिक भूमि स्वामित्त्व के दस्तावेज़ नहीं हैं, लेकिन वे पीढ़ियों से वहाँ रह रहे हैं। वे भूमि से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से जुड़े हुए है, जिसका हवाला देते हुए वहाँ से वह जाने को तैयार नहीं हैं।
जैसे ही आपको पता चलता है कि कुछ प्रभावशाली स्थानीय राजनेता और व्यवसायी सिंचाई परियोजना से काफी लाभ उठाने की चेष्टा रखते हैं। वे आप पर प्रक्रिया में तेज़ी लाने तथा आदिवासी समुदाय के साथ बातचीत को कम करने का दबाव बना रहे हैं। इस बीच, पर्यावरण कार्यकर्त्ताओं के एक समूह ने स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर परियोजना के संभावित नकारात्मक प्रभाव के बारे में चिंता जताई है, विशेष रूप से मछली की एक दुर्लभ प्रजाति पर जो केवल उस नदी में पाई जाती है जिसका सिंचाई के लिये उपयोग किया जाएगा। आपको स्थिति को संवेदनशीलता के साथ संभालना होगा और प्रतिस्पर्द्धी हितों को संतुलित करना होगा।
A. इस मामले में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं? B. इस स्थिति में ज़िला कलेक्टर के तौर पर आपको किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ता है? C. विकास संबंधी लक्ष्यों और आदिवासी समुदाय के अधिकारों के बीच संतुलन सुनिश्चित करते हुए इस स्थिति को संबोधित करने के लिये आप क्या कदम उठाएंगे, इसकी रूपरेखा बताइये। D. आप इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता कैसे सुनिश्चित करेंगे?
आप एक तटीय ज़िले के ज़िला कलेक्टर हैं। आपके ज़िले में 48 घंटों के भीतर एक भयंकर चक्रवात आने की आशंका है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें 150 किमी./घंटा की वायु की गति, भारी वर्षा और संभावित चक्रवाती लहरों की चेतावनी दी गई है। आपके ज़िले की आबादी लगभग 5 लाख है, जिसमें से 2 लाख लोग निचले तटीय क्षेत्रों में निवास करते हैं, जहाँ बाढ़ का खतरा अधिक है। ज़िले में सीमित निकासी केंद्र हैं, जबकि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को कम समय में स्थानांतरित करना और रसद प्रदान करना महत्त्वपूर्ण चुनौती है। ज़िला अस्पताल निचले इलाके में स्थित हैं जहाँ 200 मरीज़ों की व्यवस्था है, जिनमें से 50 मरीज़ पहले से ही ICU में हैं। उन्हें स्थानांतरित करना जोखिम भरा होगा।
इसके अतिरिक्त एक बड़ा मछुआरा समुदाय है, जो अपनी नावों और घरों को छोड़ने के लिये अनिच्छुक है, क्योंकि उन्हें अपनी अनुपस्थिति में लूटपाट का भय है। उनमें से कई लोग मौसम के पूर्वानुमान की गंभीरता पर भी संदेह करते हैं, यदि विगत अनुभवों के आधार पर देखा जाए तो चक्रवात की चेतावनियाँ बड़ी घटनाओं में तब्दील नहीं हुई हैं।
- इस मामले में कौन-कौन से मुख्य हितधारक शामिल हैं?
- आप लोगों की सुरक्षा और निकासी सुनिश्चित करने के लिये तत्काल कौन-से कदम उठाएँगे, मूलतः उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों के लिये?
- आप अपने तटीय ज़िले में आपदा की तैयारी और लचीलेपन को बेहतर बनाने के लिये कौन-से दीर्घकालिक उपाय लागू कर सकते हैं?
रियासी के पुलिस अधीक्षक के रूप में आपको तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादी हमले के बारे में एक दुखद सूचना मिली है। इस हमले में नौ नागरिकों की जान चली गई, जिससे संपूर्ण क्षेत्र में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है, जिसके कारण हालिया वर्षों में कायम सापेक्षिक शांति भंग हो गई है।
इस समय क्षेत्र में होने वाले हमलों के कारण लोगों में अशांति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यह क्षेत्र आगामी विधानसभा चुनावों के लिये तैयार है। अब आप स्वयं को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर पाते हैं, जहाँ आपको तत्काल राहत उपायों और आतंकवादी गतिविधियों के इस पुनरुत्थान को संबोधित करने के लिये एक व्यापक रणनीति तैयार करने का कार्य सौंपा गया है, साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखना तथा नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी आपका कर्त्तव्य है।
हालाँकि राजनीतिक तनाव भी बहुत अधिक है और आपकी प्रतिक्रिया में कोई भी चूक संपूर्ण केंद्रशासित प्रदेश के लिये दूरगामी परिणाम उत्पन्न कर सकती है।
- पुलिस अधीक्षक के तौर पर आपकी तात्कालिक कार्रवाई क्या होगी?
- आतंकवादी गतिविधियों के पुनः उभरने से निपटने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिये आपकी दीर्घकालिक रणनीति क्या होगी?
चंद्रपुर में स्थानीय प्रशासन को दुविधा का सामना करना पड़ा क्योंकि शिवाजी स्टेडियम, जो कि स्थानीय खेलों के लिये एक लोकप्रिय स्थान है लेकिन खराब होता जा रहा है, ढहने के कगार पर था। साथ ही शहरी अर्थव्यवस्था कोयला खदानों के बंद होने से पीड़ित थी, जिससे बेरोज़गारी बढ़ रही थी और पलायन की समस्या आ रही थी। संयोगवश दो प्रस्ताव ज़िला कलेक्टर की मेज पर आ गए। जिसमें से एक प्रस्ताव में एक कंपनी ने स्टेडियम की ज़मीन पर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण करने की पेशकश की, जिसमें हज़ारों लोगों को रोज़गार देने का वादा किया गया, जबकि दूसरी ओर भारतीय खेल प्राधिकरण ने स्थानीय खेल संस्कृति को संरक्षित करने तथा संभावित रूप से राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के लिये स्टेडियम को एक बहु-खेल प्रशिक्षण अकादमी में परिवर्तित करने का प्रस्ताव रखा।
दोनों प्रस्तावों में स्टेडियम की संपूर्ण ज़मीन की आवश्यकता थी, जिससे टाउन हॉल मीटिंग में तनावपूर्ण चर्चा छिड़ गई। पूर्व एथलीट, बेरोज़गार खनिक और युवा खेल उत्साही आर्थिक स्थिरता तथा अपनी खेल विरासत को संरक्षित करने के बीच उलझे हुए थे। ज़िला कलेक्टर के तौर पर आपको इस स्थिति से निपटना होगा।
शिवाजी स्टेडियम के भविष्य के लिये निर्णय लेने की प्रक्रिया में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
चंद्रपुर पर दोनों निर्णयों (टेक पार्क और खेल परिसर) के संभावित सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर चर्चा कीजिये।
चंद्रपुर के लिये सतत् दीर्घकालिक विकास और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिये ज़िला कलेक्टर कौन-सी रणनीति अपना सकते हैं?
आप किसी राज्य (जो प्रकाशन माफियाओं के गहन प्रभाव के लिये जाना जाता है) के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के नवनियुक्त सचिव हैं। सचिव के रूप में आपके समक्ष दो बड़ी चुनौतियाँ हैं। सबसे पहले माफियाओं द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत करके सरकार की मुफ्त पुस्तक वितरण योजना का फायदा उठाया जाना, जिससे वित्तीय नुकसान होने के साथ किताबों की गुणवत्ता से समझौता होता है। दूसरा ये निज़ी स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों की खरीद में हेराफेरी करते हैं, जिससे स्कूलों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के आलोक में महँगी पाठ्यपुस्तकें खरीदने का दबाव बनाए जाने से छात्रों एवं परिवारों पर आर्थिक बोझ पड़ता है।
आपके पूर्ववर्ती एक ईमानदार अधिकारी ने इन मुद्दों से निपटने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें प्रकाशन माफियाओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इस आलोक में इन माफियाओं से लड़ने के लिये दृढ़ संकल्पित होकर, आपको इस मुद्दे को हल करने के साथ पाठ्यपुस्तक खरीद एवं वितरण प्रक्रिया में निष्पक्ष तथा पारदर्शी प्रणाली सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
- इस मामले में कौन-कौन से हितधारक शामिल हैं?
- आप प्रकाशन माफियाओं द्वारा सरकार की मुफ्त पुस्तक वितरण योजना में किये जाने वाले घोटाले को किस प्रकार रोकेंगे?
- सभी छात्रों के लिये निष्पक्ष, पारदर्शी तथा उच्च गुणवत्ता वाली पाठ्यपुस्तक वितरण प्रणाली सुनिश्चित करने हेतु आप कौन-सी दीर्घकालिक रणनीति अपनाएंगे?
आप भारत के एक पहाड़ी क्षेत्र के ज़िला मजिस्ट्रेट हैं। केंद्र सरकार ने एक हाई-स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित की है जो आपके ज़िले से होकर गुजरेगी। इस परियोजना में रोज़गार सृजन और बेहतर कनेक्टिविटी समेत महत्त्वपूर्ण आर्थिक लाभ का वादा किया गया है।
हालाँकि इस परियोजना को पर्यावरण समूहों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनका तर्क है कि इससे निर्वनीकरण की समस्या होगी, वन्यजीव गलियारे बाधित होंगे साथ ही प्रदूषण भी बढ़ेगा। कुछ पर्यावरण समूह भी परियोजना से पारिस्थितिकी खतरों के आलोक में इसका विरोध कर रहे हैं।
स्थानीय किसान भी इस परियोजना के लिये अपनी ज़मीन के अधिग्रहण को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में आप पर कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने तथा विभिन्न हितधारकों की चिंताओं को दूर करने का उत्तरदायित्व है।
प्रश्न:
- इस मामले में कौन-से हितधारक शामिल हैं?
- इस संदर्भ में ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में आपके समक्ष कौन-से विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं? प्रत्येक विकल्प के लाभ एवं हानियों का उल्लेख कीजिये।
- आप कौन-सा विकल्प चुनेंगे और क्यों? प्रासंगिक नैतिक सिद्धांतों का उपयोग करके अपने निर्णय को उचित ठहराइए।
पिछले दो निर्वाचन चरणों में आपके ज़िले में चिंताजनक रूप से कम मतदान की सूचना आपको, ज़िला निर्वाचन अधिकारी को दी गई है। यह जानकारी, विशेष रूप से आपके नियंत्रण वाले कई समुदायों में, कम मतदान प्रतिशत की परेशान करने वाली प्रवृत्ति को दर्शाती है। मतदाता पंजीकरण और जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिये पूर्व ज़िला निर्वाचन अधिकारी (DEOs) द्वारा किये गए मजबूत प्रयासों के बावजूद, संख्याएँ एक निराशाजनक तस्वीर प्रस्तुत करती हैं, जो इस लोकतांत्रिक कमी के पीछे के अंतर्निहित कारणों के बारे में आलोचनात्मक प्रश्न उत्पन्न करती है।
स्थिति आपके तत्काल ध्यान देने और इन प्रभावित गाँवों के निवासियों के बीच नागरिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करने के लिये एक व्यापक कार्य योजना की मांग करती है।
- इस मुद्दे में कौन से हितधारक शामिल हैं?
- इन विशिष्ट गाँवों में मतदाता भागीदारी में गिरावट के संभावित कारण क्या हो सकते हैं?
- आगामी चुनावों में अधिक मतदान सुनिश्चित करने के लिये मतदाता जागरूकता और शिक्षा में सुधार के लिये आप कौन सी रणनीतियाँ लागू करेंगे?
आप एक ऐसे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) हैं जो बूथ कैप्चरिंग, चुनाव में धमकी और हिंसा सहित चुनावी कदाचार की परंपरा से ग्रस्त है। यहाँ पर लोकसभा के लिये हो रहे आम चुनावों में बूथ कैप्चरिंग की व्यापक घटनाएँ सामने आई हैं, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गहरा असर पड़ रहा है।
मतदान के तीसरे दिन, स्थिति अभूतपूर्व होने से राज्य भर के कई निर्वाचन क्षेत्रों से मतदाताओं एवं चुनाव अधिकारियों को डराने-धमकाने की रिपोर्टें सामने आईं। इसके अतिरिक्त, प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक गुटों के बीच झड़पों सहित हिंसा की घटनाओं ने तनाव को और बढ़ा दिया।
कदाचार की व्यापक घटनाओं से चुनाव प्रणाली में लोगों के विश्वास में कमी आने के साथ मतदाताओं में चुनाव प्रणाली के संदर्भ में मोहभंग हो गया।
CEO के रूप में आपको इस संकट से निपटने तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुचिता सुनिश्चित करने के लिये त्वरित एवं निर्णायक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
- इस मामले में शामिल हितधारक कौन हैं?
- इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, चल रही बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं से निपटने तथा प्रभावित निर्वाचन क्षेत्रों में सुचारु व्यवस्था बहाल करने के लिये अपनी तात्कालिक रणनीति की रूपरेखा तैयार कीजिये।
- एक बार तात्कालिक संकट का समाधान हो जाने के बाद, आप राज्य में चुनावी ढाँचे में सुधार हेतु कौन से दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधारों की सिफारिश करेंगे?
आप हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर और गरीब ज़िले, दंतेवाड़ा के ज़िला कलेक्टर के रूप में तैनात हुए एक युवा आईएएस अधिकारी हैं। दंतेवाड़ा हिंसक नक्सली विद्रोह का केंद्र रहने के साथ माओवादी विद्रोहियों एवं सुरक्षा बलों के बीच एक लंबे संघर्ष का क्षेत्र रहा है जिसके कारण पिछले कुछ दशकों में यहाँ हजारों लोगों की जान गई है।
आदिवासी किसानों तथा उत्पीड़ितों के अधिकारों के लिये लड़ने का दावा करने वाले नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के जंगलों एवं गाँवों के बड़े हिस्से में शासन की एक समानांतर प्रणाली स्थापित की है। ये अपनी अदालतें चलाते हैं, नागरिकों पर कर लगाते हैं तथा बारूदी सुरंग हमलों के माध्यम से सरकारी बुनियादी ढाँचे तथा सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाते हैं।
अर्द्धसैनिक बलों की काफी अधिक उपस्थिति के बावजूद, ज़िला प्रशासन का दायरा मुश्किल से ही ज़िला मुख्यालय से आगे विस्तारित हो पाता है। दंतेवाड़ा के लिये आवंटित अधिकांश विकास निधि का भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा दुरुपयोग किया जाता है या अनिश्चित सुरक्षा स्थिति के कारण यह अप्रयुक्त रह जाती है।
दंतेवाड़ा की स्थिति अत्यधिक अस्थिर होने के कारण हिंसा की नियमित घटनाओं से बेहतर शासन एवं विकास के प्रयास बाधित हो रहे हैं। सबसे वरिष्ठ लोक प्राधिकारी के रूप में, आप पर लंबे समय से चले आ रहे इस संघर्ष को हल करने के क्रम में एक प्रभावी रणनीति खोजने का दायित्व बना हुआ है।
उपर्युक्त परिदृश्य में:
- इस मुद्दे में शामिल प्रमुख नैतिक दुविधाएँ क्या हैं?
- इस संघर्ष प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन को बेहतर बनाने के साथ विकास को बढ़ावा देने के क्रम में ज़िला कलेक्टर के रूप में आपकी प्राथमिकताएँ और कार्य योजनाएँ क्या होंगी?
- इस मामले पर विचार करते हुए आप विकास, सुरक्षा तथा शिकायत निवारण जैसे व्यापक दृष्टिकोण के माध्यम से उग्रवाद के इस लंबे संघर्ष को हल करने के लिये कौन से नीतिगत उपायों की सिफारिश करेंगे?
एक गंभीर प्राकृतिक आपदा के बाद, एक समुदाय स्वयं को एक विकट स्थिति में पाता है, जिसमें हज़ारों लोग बेघर हो जाते हैं और उनके पास बुनियादी आवश्यकताओं की कमी हो जाती है। भारी वर्षा और बुनियादी ढाँचे की क्षति ने बचाव प्रयासों को गंभीर रूप से बाधित किया है, जिससे प्रभावित लोगों में हताशा और बढ़ गई है। जैसे ही बचाव दल घटनास्थल पर पहुँचता है, उन्हें शत्रुता और हिंसा का सामना करना पड़ता है, जिसमें टीम के कुछ सदस्यों पर हमला किया जाता है और एक सदस्य को गंभीर चोटें आती हैं। इस उथल-पुथल के बीच, टीम के भीतर से उनकी सुरक्षा के भय से ऑपरेशन को बंद करने का अनुरोध किया जाता है।
A. उपर्युक्त मामले में शामिल नैतिक दुविधाओं की जाँच कीजिये। B. एक लोक सेवक के उन गुणों की जाँच कीजिये, जिनकी स्थिति को प्रबंधित करने के लिये आवश्यकता होगी। C. मान लीजिये आप उस क्षेत्र में बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, तो आपकी प्रतिक्रिया क्या होगी?
आप एक ऐसे ग्रामीण बाहुल्य ज़िले के ज़िला मजिस्ट्रेट (डीएम) हैं जिसे अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा पारंपरिक प्रथाओं के लिये जाना जाता है। इस ज़िले में विभिन्न जातीय समुदाय एवं जनजातियाँ रहती हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने अलग-अलग रीति-रिवाज़ और मान्यताएँ हैं। ज़िला प्रशासन आधुनिकीकरण एवं विकास की आवश्यकता के साथ इन परंपराओं के संरक्षण को संतुलित करने हेतु प्रतिबद्ध है।
हाल ही में सरकार के नेतृत्व वाली एक विकास परियोजना तथा आदिवासी समुदाय की पारंपरिक प्रथाओं के बीच संघर्ष पैदा हो गया। इस परियोजना में जनजातियों के वन क्षेत्र (जिसे वे अपनी सांस्कृतिक प्रथाओं के लिये पवित्र और आवश्यक मानते हैं) से होते हुए एक सड़क का निर्माण करना शामिल है। संबंधित समुदाय इस परियोजना का विरोध कररने के साथ पक्ष रखता है कि इससे न केवल उनकी जीवनशैली बाधित होगी बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान होगा।
डीएम के रूप में, आप विकास परियोजना (जो क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी तथा आर्थिक विकास हेतु समर्पित है) के क्रियान्वयन तथा आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत एवं अधिकारों की रक्षा करने की नैतिक जिम्मेदारी के संदर्भ में दुविधा वाली स्थिति में हैं। स्थानीय प्रशासन के समक्ष इसमें गति लाने के लिये उच्च अधिकारियों का दबाव बना हुआ है।
इस परिदृश्य में डीएम के रूप में अपने समक्ष आने वाली नैतिक दुविधाओं पर चर्चा करते हुए लोक प्रशासन में लोक सेवा मूल्यों तथा नैतिकता को बनाए रखते हुए इस संघर्ष को हल करने के क्रम में अपने द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा बताइये।
आप भारत के एक ज़िले में ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात हैं, जहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जाति समूह के लोग रहते हैं। विधिक प्रावधानों एवं सकारात्मक नीतियों के बावजूद, इस ज़िले में जातिगत भेदभाव के मामले प्रचलित हैं। हाल ही में उच्च मानी जाने वाली जाति की प्रमुखता वाले गाँव के एक सरकारी स्कूल के दलित छात्रों के एक समूह ने अपने उच्च जाति के सहपाठियों तथा शिक्षकों द्वारा किये जाने वाले भेदभाव एवं उत्पीड़न की शिकायत करते हुए आपसे संपर्क किया है।
इन छात्रों का आरोप है कि उन्हें अक्सर अलग बैठाने तथा सामान्य जल स्रोत का उपयोग करने की अनुमति न देने के साथ साथियों एवं शिक्षकों द्वारा उनके प्रति मौखिक रूप से दुर्व्यवहार किया जाता है। वे यह भी दावा करते हैं कि परीक्षा में उन्हें उच्च जाति के समकक्षों की तुलना में कम ग्रेड दिये जाते हैं।
जाँच करने पर आपको पता चलता है कि उपर्युक्त आरोप सही हैं तथा इस स्कूल में दलित छात्रों के प्रति पूर्वाग्रह बना हुआ है। उच्च जाति के सदस्यों के प्रभुत्व वाला यह स्कूल प्रबंधन "परंपरा" एवं "सामाजिक मानदंडों" का हवाला देते हुए इस मुद्दे को हल करने के प्रति भी अनिच्छुक है।
ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में आप इस स्कूल के जातिगत भेदभाव का समाधान करने के क्रम में इस स्थिति से नैतिक तथा प्रभावी ढंग से किस प्रकार निपटेंगे? दलित छात्रों हेतु न्याय सुनिश्चित करने तथा स्कूल में अधिक समावेशी एवं न्यायसंगत माहौल सुनिश्चित करने के क्रम में आप क्या कदम उठाएंगे?
आप एक सेवा क्षेत्र में कार्यरत मध्यम आकार की कंपनी के मानव संसाधन प्रबंधक हैं। यह कंपनी विविध कार्यबल (जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक एवं लैंगिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल हैं) को रोज़गार देती है। हाल ही में एक कर्मचारी, सुश्री A (जो तीन वर्ष से कंपनी में है) ने अपने तत्काल पर्यवेक्षक (श्री B) के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की है।
सुश्री A का आरोप है कि मिस्टर B उनके प्रति अवांछित दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जिसमें उनकी शक्ल-सूरत के संबंध में अनुचित टिप्पणियाँ तथा अवांछित शारीरिक संपर्क शामिल हैं। उनका कहना है कि ये घटनाएँ कई महीनों से चल रही हैं और इससे उनके लिये कार्य वातावरण प्रतिकूल हो गया है।
शिकायत प्राप्त होने पर आपने प्रारंभिक जांच की और आपको गवाहों के बयान तथा ईमेल के रूप में कुछ साक्ष्य भी प्राप्त हुए। हालाँकि श्री B इन आरोपों को नकारते हुए दावा करते हैं कि सुश्री A के साथ उनका व्यवहार मित्रवत और पेशेवर था।
मानव संसाधन प्रबंधक के रूप में आपको इस संवेदनशील मुद्दे को निष्पक्ष तरीके से निपटाने का कार्य सौंपा गया है। आपके कार्य से न केवल संबंधित व्यक्ति प्रभावित होंगे बल्कि कंपनी की समग्र कार्य संस्कृति तथा प्रतिष्ठा पर भी प्रभाव पड़ेगा।
उपर्युक्त परिदृश्य में मानव संसाधन प्रबंधक के रूप में अपने समक्ष आने वाली नैतिक दुविधाओं पर चर्चा कीजिये। यौन उत्पीड़न की शिकायत का समाधान करने तथा पारदर्शिता, निष्पक्षता एवं कानूनी और नैतिक मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने हेतु आपके द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा तैयार कीजिये।
मोहन एक युवा लोक सेवक है तथा सक्षमता, ईमानदारी, समर्पण तथा मुश्किल और दुर्वह कामों के लिये अथक प्रयास हेतु उसकी प्रतिष्ठा है। उसकी प्रोफाइल को देखते हुए उसके अधिकारियों ने उसे एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील कार्यभार को संभालने के लिये चुना था।
उसे अवैध बालू खनन के लिये कुख्यात आदिवासी-बहुल ज़िले में तैनात किया गया। नदी पट्टी से, अनियंत्रित रूप से बालू उत्खनन करके ट्रकों से ढोकर उसको काला बाजार में बेचा जा रहा था। यह अवैध बालू खनन माफिया स्थानीय कार्यकर्ताओं और आदिवासी बाहुबलियो के सहयोग से काम कर रहा था जो बदले में चुनिंदा गरीब आदिवासियों को रिश्वत देते रहते थे तथा उनको डरा और धमका कर रखते थे।
मोहन ने एक तेज और ऊर्जावान अधिकारी होने के नाते जमीनी हकीकत पहचानकर और माफिया के द्वारा कुटिल तथा संदिग्ध तंत्र के माध्यम से अपनाए गए उनके तौर-तरीको को तुरंत पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उसने पाया कि उसके अपने कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की उनसे मिलीभगत है और उन्होंने उनके साथ घनिष्ठ अवांछनीय गठजोड़ विकसित कर लिया है। मोहन ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की और उनके बालू से भरे ट्रकों की आवाजाही के अवैध संचालन पर छापे मारना शुरू कर दिया। माफिया भड़क गया क्योंकि पहले बहुत अधिकारियों ने उनके विरुद्ध इतने बड़े कदम नहीं उठाये थे। कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने जो कथित तौर पर माफिया के करीब थे, उनको सूचित किया कि अधिकारी उस ज़िले में माफिया के अवैध बालू खनन संचालन को साफ करने के लिये दृढ़ संकल्पित है और उन्हें अपूरणीय क्षति हो सकती है।
माफिया शत्रुतापूर्ण हो गया और जवाबी हमला शुरू किया। आदिवासी बाहुबली और माफिया ने उसको गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना शुरू कर दिया। उसके परिवार (पत्नी और वृद्ध माता) का पीछा किया जा रहा था, वे उनकी वास्तविक निगरानी में थे जिससे कि उन सभी को मानसिक यातना, यंत्रणा और तनाव हो रहा था। उस समय मामले ने गंभीर रूप धारण कर लिया जब एक बाहुबली उसके कार्यालय में आया और उसको छापे मारना इत्यादि बंद करने की धमकी दी और कहा कि उसका हाल उसके पूर्व अधिकारियों से अलग नहीं होगा (दस वर्ष पूर्व माफिया द्वारा एक अधिकारी की हत्या कर दी गई थी)।
(a) इस स्थिति को संभालने में मोहन के लिये उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की पहचान कीजिये। (b) आपके द्वारा सूचीबद्ध विकल्पों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (c) आपके विचार से उपर्युक्त में से कौन-सा विकल्प मोहन के लिये सबसे उपयुक्त होगा और क्यों?
आप एक ऐसे क्षेत्र में ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत हैं जहाँ वनों की कटाई एक गंभीर मुद्दा बन गया है। यहाँ का स्थानीय समुदाय अपनी आजीविका के लिये वन संसाधनों पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जिनमें ईंधन एवं घर निर्माण के लिये लकड़ी सहित आजीविका के लिये अन्य वन उत्पादों का संग्रह करना, जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। हालाँकि यहाँ पर बड़े पैमाने पर होने वाली वनों की कटाई से पारिस्थितिकी असंतुलन होने के साथ विभिन्न समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वनों की कटाई में वृद्धि विभिन्न कारकों से प्रेरित है, जिसमें अवैध कटाई, कृषि और बुनियादी ढाँचे के विकास हेतु भूमि का अतिक्रमण करना शामिल है। इसके परिणामस्वरूप जैव विविधता के नुकसान एवं मृदा के क्षरण के साथ जल चक्र बाधित हुआ, जिससे कृषि एवं स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में आपको इन समस्याओं का समाधान करने एवं पर्यावरण संरक्षण के साथ समुदायों की ज़रूरतों को संतुलित करने वाले स्थायी समाधान खोजने का कार्य सौंपा गया है।
इस परिदृश्य में वनों की कटाई से संबंधित मुद्दों का विश्लेषण करते हुए स्थानीय समुदायों तथा पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान करने हेतु व्यापक कार्ययोजना बताइये।
विधानसभा का एक सदस्य (MLA), जो विभिन्न मुद्दों पर अपने सैद्धांतिक रुख के साथ अपनी राजनीतिक पार्टी के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिये जाना जाता है, ने दूसरी पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है। वह वैचारिक मतभेदों एवं अपने मतदाताओं को बेहतर सेवा देने की आवश्यकता का हवाला देकर अपने फैसले को सही ठहराता है। हालाँकि उसके इस निर्णय के अवसरवादी होने तथा पार्टी के सदस्यों के साथ विश्वासघात करने के रूप में आलोचना की जाती है। मुख्यमंत्री (जो सत्तारूढ़ दल से हैं) का आरोप है कि पद एवं वित्तीय प्रोत्साहन के बदले में अनैतिक तरीकों से यह दल-बदल किया गया है।
एक महत्त्वाकांक्षी सिविल सेवक के रूप में, राजनीतिक दल-बदल के नैतिक निहितार्थों का विश्लेषण कीजिये। अपनी वैचारिक मान्यताओं, पार्टी के प्रति वफादारी एवं ज़िम्मेदारियों को संतुलित करने के क्रम में सांसदों के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिये। लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ शासन में सत्यनिष्ठा बनाए रखते हुए राजनीतिक दल-बदल के मुद्दे के समाधान हेतु उपाय बताइये। (300 शब्द)
आदिवासी जनसँख्या वाला एक सुदूर ज़िला, लखीमपुर अत्यधिक पिछड़ेपन और घोर गरीबी के रूप में चिह्नित है। कृषि स्थानीय आबादी का मुख्य आधार है, हालाँकि अत्यधिक छोटी जोत के कारण यह मुख्य रूप से निर्वाह योग्य है। वहाँ नगण्य औद्योगिक या खनन गतिविधि है। यहाँ तक कि लक्षित कल्याण कार्यक्रमों से भी आदिवासी जनसँख्या को अपर्याप्त लाभ हुआ है। इस प्रतिबंधात्मक परिदृश्य में, युवाओं ने परिवार की आय बढ़ाने के लिये दूसरे राज्यों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। नाबालिग लड़कियों की दुर्दशा यह है कि उनके माता-पिता को श्रमिक ठेकेदारों द्वारा उन्हें पास के राज्य के बीटी कपास खेतों में काम करने के लिये भेजने के लिये राजी किया जाता है। क्योंकि छोटी लड़कियों की कोमल उंगलियाँ कपास तोड़ने के लिये उपयुक्त होती हैं। इन फॉर्मों में अपर्याप्त रहने और काम करने की स्थिति के कारण नाबालिग लड़कियों के लिये गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि अधिवास वाले ज़िलों और कपास के खेतों में गैर सरकारी संगठनों ने समझौता कर लिया है तथा उन्होंने बाल श्रम एवं क्षेत्र के विकास के दोहरे मुद्दों का प्रभावी ढंग से समर्थन नहीं किया है।
आपको लखीमपुर का ज़िलाधिकारी नियुक्त किया जाता है। इसमें शामिल नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिये। आप अपने ज़िले की नाबालिग लड़कियों की स्थिति में सुधार लाने और ज़िले के समग्र आर्थिक परिदृश्य में सुधार हेतु कौन-से विशिष्ट कदम उठाएँगे?
एक प्रमुख शहर के नगर निगम आयुक्त (जो आपकी ईमानदारी और कानून के प्रति दृढ़ पालन के लिये प्रसिद्ध है) के रूप में एक निर्माण स्थल पर एक दुखद घटना होने के बाद आपके समक्ष जटिल स्थिति उत्पन्न होती है। इस घटना में एक बहुउद्देश्यीय परियोजना (जिसमें कई दिहाड़ी मजदूर कार्यरत थे) में कार्य के दौरान छत ढहने से दो नाबालिगों सहित चार श्रमिकों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस विनाशकारी घटना से लोगों के बीच आक्रोश फैल गया तथा इस आलोक में सरकार को जाँच शुरू करने के लिये मजबूर होना पड़ा।
प्रारंभिक जाँच में अनियमितताओं का चिंताजनक मामला सामने आने के साथ यह पता चला कि निर्माण कार्य में निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया गया था। नगरपालिका भवन निरीक्षकों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किये जाने के बावजूद, इन विसंगतियों का पता नहीं चल पाया। इसके अलावा इस निर्माण कार्य में शहर के जोनल मास्टर प्लान में उल्लिखित ग्रीन बेल्ट एवं स्लिप रोड क्षेत्रों का अतिक्रमण होना भी शामिल है।
इस मामले की जटिलता के बावजूद आपके पूर्ववर्ती, एक वरिष्ठ सहकर्मी एवं एक परिचित द्वारा इस परियोजना के निर्माण की मंजूरी देने के मामले में नगर निगम के अधिकारियों एवं बिल्डरों के बीच संभावित मिलीभगत के संदर्भ में प्रश्न उठता है। इस आलोक में नगर निगम के आंतरिक स्तर से भी जाँच को नियंत्रित रखने का दबाव पड़ने के साथ आपके सहकर्मियों ने भी इस संदर्भ में आपसे सावधानी रखने को कहा है। इसके अतिरिक्त बिल्डर (जिसके पास काफी संपत्ति एवं प्रभाव है) एक प्रभावशील राज्य कैबिनेट मंत्री का करीबी रिश्तेदार है। इस मामले में इन्होंने वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश करने के साथ धमकी के रूप में यौन उत्पीड़न निवारण (POSH) अधिनियम के तहत संभावित कानूनी परिणाम का सामना करने का हवाला देते हुए जांच को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया है।
(a) इस मामले में शामिल नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिये। (b) इस स्थिति में आपके समक्ष कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? (c) अपनी चुनी हुई कार्रवाई की व्याख्या कीजिये।
क्षेत्र में पर्यावरण अनुपालन की देखरेख करने वाले अधिकारी के रूप में, आपको पर्यावरण मंज़ूरी प्रमाण पत्र धारण करने वाले कई छोटे और मध्यम उद्योगों से उत्पन्न एक जटिल चुनौती का सामना करना पड़ा है। इन उद्योगों के पास पर्यावरण मंज़ूरी प्रमाण पत्र तो है लेकिन यह जल, वायु और मृदा को प्रदूषित करने में अपना योगदान दे रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय आबादी पर प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव पड़ रहा है।
पर्यावरण से संबंधित उल्लंघनों का पता चलने पर, आपने सभी औद्योगिक इकाइयों को नए सिरे से पर्यावरण मंज़ूरी हेतु आवेदन करने के लिये नोटिस जारी करके निर्णायक कार्रवाई की। हालाँकि, आपके प्रयासों को कुछ औद्योगिक हितधारकों, निहित स्वार्थी समूहों और स्थानीय राजनेताओं के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। इसके अतिरिक्त, श्रमिकों के बीच संभावित नौकरी छूटने और आर्थिक असुरक्षा को लेकर आशंका भी विद्यमान है।
संभावित वित्तीय घाटे और उत्पाद की कमी को उजागर करने वाले उद्योग मालिकों की दलीलों और श्रमिक संघों द्वारा बंद से बचने की अपील के बावजूद, आप पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहे। हालाँकि, इस रुख ने आपको अज्ञात स्रोतों से खतरों के प्रति उजागर कर दिया।
प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए आपको उन सहकर्मियों का समर्थन मिला जो पर्यावरण नियमों के कड़ाई से पालन पर ज़ोर दे रहे थे और आसपास के गैर सरकारी संगठनों ने मांग की थी कि प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को तुरंत बंद कर दिया जाए।
(A) इस मामले में कौन-से नैतिक मुद्दे शामिल हैं? (B) उपरोक्त केस स्टडी के आधार पर, आपके लिये क्या विकल्प उपलब्ध हैं? (C) पर्यावरणीय अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये आप किस प्रकार की व्यवस्था का सुझाव देंगे?
आप एक व्यस्त शहर में यातायात पुलिस निरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। एक दिन एक केंद्रीय मंत्री का काफिला शहर से होकर गुजरने के कारण नियमित यातायात व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस काफिले के कारण ट्रैफिक जाम होने के साथ सड़कों पर अव्यवस्था हो गई। इस आलोक में गंभीर रूप से बीमार हृदय रोगी को ले जा रही एक एम्बुलेंस इस जाम में फँस गई।
मरीज की हालत तेजी से बिगड़ने के साथ अस्पताल पहुँचने में किसी भी प्रकार की देरी, इसके जीवन के लिये खतरा साबित हो सकती है। इस स्थिति में ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर के रूप में आप स्वयं दुविधा (VIP काफिले की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने तथा आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए एम्बुलेंस को रास्ता देने के बीच) में फँसे हुए हैं।
इन परिस्थितियों में इंस्पेक्टर (यातायात पुलिस) के रूप में आपके पास क्या विकल्प उपलब्ध हैं? इंस्पेक्टर (यातायात पुलिस) के रूप में आप VIP काफिले के आवागमन को सुगम बनाने तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवाओं को प्राथमिकता देने के बीच प्रबंधन किस प्रकार करेंगे?
ABC फार्मा के प्रबंध निदेशक के रूप में (नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं एवं अभूतपूर्व समाधानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिये प्रसिद्ध) आपके समक्ष एक ऐसा प्रमुख वित्तीय संकट आता है जिससे ABC कंपनी के अस्तित्व को खतरा है। ईमानदारी एवं नवाचार के प्रति अपनी लंबे समय से चली आ रही प्रतिष्ठा के बावजूद, ABC फार्मा पतन होने की कगार पर है।
इस गंभीर परिस्थिति के बीच एक अप्रत्याशित अवसर सामने आता है। XYZ कंपनी ने एक आकर्षक व्यवसाय प्रस्ताव के साथ ABC से संपर्क किया है। XYZ कंपनी का अवैध गतिविधियों में शामिल होने का इतिहास रहा है, जैसे कि मादक दवाओं का गैर-कानूनी उत्पादन एवं कालाबाज़ारी में संलग्न होना।
XYZ के प्रस्ताव की स्वीकृति से ABC फार्मा में वित्तीय स्थिरता आने तथा बाज़ार में व्यापक विकास के अवसरों का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना है। इस प्रस्ताव को अस्वीकार करने से ABC फार्मा का पतन हो सकता है।
प्रबंध निदेशक के रूप में आप अपनी कंपनी को बचाने तथा नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के संबंध में दुविधा की स्थिति में हैं।
इस आलोक में प्रबंध निदेशक के रूप में आपको किन नैतिक दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है?
इस स्थिति के समाधान हेतु ABC कंपनी के प्रबंध निदेशक के रूप में आपके समक्ष कौन से विकल्प उपलब्ध हैं।
ज़िला मजिस्ट्रेट के रूप में आपको अपने ज़िले में एक बड़ी विकास परियोजना के लिये दो प्रतिस्पर्द्धी प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाते हैं: एक आधुनिक औद्योगिक पार्क से संबंधित है जिसमें महत्त्वपूर्ण आर्थिक विकास के साथ रोज़गार का वादा किया जाता है और एक वन्यजीव अभयारण्य से संबंधित है जिसका उद्देश्य लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा करने के साथ पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखना है। दोनों परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण के साथ स्थानीय समुदायों का विस्थापन होना संभावित है। हालाँकि औद्योगिक पार्क से संभावित पर्यावरण प्रदूषण के बारे में चिंता उत्पन्न होती है।
a) इन दो असंगत प्रतीत होने वाली परियोजनाओं के बीच चयन संबंधी नैतिक दुविधाओं पर चर्चा कीजिये। b) सार्वजनिक हित, स्थिरता, न्याय एवं पारदर्शिता के सिद्धांतों पर विचार करते हुए इस संदर्भ में नैतिक रूप से सही निर्णय लेने हेतु एक रूपरेखा तैयार कीजिये।
- 2019 के सुप्रीम कोर्ट के 40 सिविल...
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30 Dec 2019 10:15 AM GMT
1. हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 30 के अनुसार वसीयत के जरिये संयुक्त परिवार में अविभाजित हिस्से का नियंत्रण स्थानांतरित किया जा सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने सम्पत्ति के बंटवारे से संबंधित अपील खारिज करते हुए व्यवस्था दी कि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 30 के तहत संयुक्त हिन्दू परिवार की अविभाजित संपत्ति का हस्तांतरण वसीयत के जरिये किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की एक खंडपीठ ने कहा, "मिताक्षरा सहदायिकी संपत्ति के मामले में हिन्दू उत्तराधिकार कानून की धारा 30 व्यक्ति को वसीयत के जरिये सम्पत्ति के हस्तांतरण की अनुमति प्रदान करती है।"
(मुकदमा : राधाम्मा एवं अन्य बनाम मुद्दुकृष्णा एवं अन्य, सिविल अपील नंबर 7092/10, फैसले की तारीख : 23 जनवरी 2019)
2. लीज सम्पत्ति को किरायेदार से बेचने के समझौता मात्र से मालिक और किरायेदार का संबंध खत्म नहीं हो जायेगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किरायेदार के हाथ सम्पत्ति बेचने का मकान मालिक द्वारा समझौता कर लेने मात्र से मकान मालिक-किरायेदार का दोनों पक्षों का संबंध समाप्त नहीं होगा, जब तक कि इसे लेकर समझौते में कोई करार न हो।
(मुकदमा : डॉ. एच के शर्मा बनाम श्री रामलाल, सिविल अपील सं. 1237-1238/2019, फैसले की तारीख- 28.01.2019)
3. ट्रायल के दौरान प्रतिवादी के पेश न होने की स्थिति में वादी की गवाही पर दिया गया आदेश एकतरफा आदेश कहलाता है
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष की मौजूदगी के बिना वादी के साक्ष्य के आधार पर पारित आदेश एकतरफा आदेश होता है, जिसे नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के नियम 13, आदेश-नौ के तहत निरस्त किया जा सकता है।
न्यायमूर्ति ए एम सप्रे और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने एक हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया, जिसके तहत हाईकोर्ट ने सीपीसी के नियम 13, आदेश नौ के तहत प्रारम्भिक आदेश निरस्त कर दिया था।
(मुकदमा : जी रत्ना राय (लॉयर्स के माध्यम से) बनाम श्री मुत्तुकुमारस्वामी परमानेंट फंड लिमिटेड, सिविल अपील नं.- 2582-2583/2019, फैसले की तारीख: 01.02.2019)
4. दूसरी अपील : यदि निचली अदालत का फैसला स्पष्टतया विपरीत हो तब भी हाईकोर्ट के लिए कानून के व्यापक प्रश्न निर्धारित करना अनिवार्य है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि निचली अदालत का फैसला स्पष्टतया विपरीत हो तब भी दूसरी अपील पर विचार करते हुए हाईकोर्ट के लिए कानून के व्यापक प्रश्न निर्धारित करना अनिवार्य होता है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को केवल इस आधार पर निरस्त कर दिया कि हाईकोर्ट ने कानून के व्यापक प्रश्न तय किये बिना दूसरी अपील का निर्धारण किया।
(मुकदमा – श्रीदेवी एवं अन्य बनाम सरोजम एवं अन्य, सिविल अपील नं. 1301/2019, फैसले की तारीख – 30.01.2019)
5. स्थानीय आयुक्त की रिपोर्ट में अनियमितता मुकदमा खारिज करने का आधार नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्थानीय जांच के लिए नियुक्त स्थानीय आयुक्त की रिपोर्ट में कुछ अनियमितताओं के कारण ही किसी दीवानी मुकदमे को खारिज नहीं किया जा सकता।
रामलाल बनाम शालीग्राम मामले में वादी की ओर से दायर अपील की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि क्या प्रथम अपीलीय अदालत के आदेश को इस आधार पर निरस्त करना न्यायोचित होगा कि स्थानीय आयुक्त ने निर्धारित निर्देशों के मद्देनजर हदबंदी नहीं की थी।
न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने महसूस किया कि स्थानीय आयुक्त ने इस सीमांकन के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों पर अमल छोड़ दिया था, इतना ही नहीं उसने सवालों के घेरे में आयी भूमि के तीन संदर्भ बिंदु निर्धारित नहीं किये थे। लेकिन कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा मुकदमा खारिज करने को नकार दिया था तथा कहा था कि जहां कोर्ट स्थानीय आयुक्त के कामकाज से संतुष्ट नहीं है, तो उसे आगे की जांच का ओदश दिया जाना चाहिए, जो उसे अच्छा लगे।
(मुकदमा :- रामलाल एवं अन्य बनाम शालीग्राम एवं अन्य, सिविल अपील नं. 8285/2009, फैसले की तारीख 04.01.2019)
6. राजस्व रिकॉर्ड इंट्री को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि इसे धोखे से या अचानक से डाली गयी है
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि राजस्व दस्तावेजों में इंट्री को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि इसे धोखे या अचानक से डाला गया गया था।
(मुकदमा :- धरम सिंह बनाम प्रेम सिंह, सिविल अपील नं. 516/2019, फैसले की तारीख 05.02.2019)
7. विभिन्न अदालतों के अधिकार क्षेत्र में स्थित संपत्तियों से संबंधित मुकदमा इनमें से किसी एक अदालत में ही चलेगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विभिन्न अदालतों के अधिकार क्षेत्र में स्थित अचल सम्पत्ति या सम्पत्तियों से संबंधित मुकदमा किसी भी अदालत में शुरू किया जा सकता है, जिसके स्थानीय अधिकार क्षेत्र में संपत्ति का एक हिस्सा या एक या उससे अधिक संपत्ति स्थित हो।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण एवं न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि सीपीसी की धारा 17 में 'संपत्ति के हिस्से' शब्द की व्याख्या केवल दो अदालतों के अधिकार क्षेत्र में स्थित एक संपत्ति के हिस्से के सीमित और प्रतिबंधात्मक अर्थ में नहीं समझा जा सकता है।
(मुकदमा : शिवनारायण (मृत) (कानूनी प्रतिनिधियों के माध्यम से) बनाम मानिकलाल (म़ृत) कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये), सिविल अपील संख्या 1052/2019, फैसले की तारीख : 06.02.2019)
8. विशेष राहत अधिनियम की धारा 38: वादी को मुकदमा दायर करने की तारीख से वास्तविक कब्जा साबित करना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विशेष राहत कानून की धारा 38 के तहत दायर मुकदमे में उसी व्यक्ति के पक्ष में स्थायी आदेश दिया जाता है, जिसके पास मुकदमा दायर करने की तारीख को कब्जा हो।
(मुकदमा : बालकृष्ण दत्तात्रेय गलांदे बनाम बालकृष्ण रामभरोसे गुप्ता एवं अन्यख् सिविल अपील नं. 1509/2019, फैसले की तारीख 06.02.2019)
9. कोर्ट द्वारा उचित राहत के लिए प्रयास करने की अनुमति 'कंस्ट्रक्टिव रेस जुडिकाटा' के सिद्धांत के अमल पर रोक नहीं लगाती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोर्ट द्वारा किसी पक्ष को उचित राहत हासिल करने के लिए दी गयी अनुमति उस पक्ष द्वारा ऐसी राहत हासिल करने के दौरान 'कंस्ट्रक्टिव रेस जुडिकाटा' के सिद्धांत पर अमल से नहीं रोकती।
(मुकदमा : असगर बनाम मोहन वर्मा, सिविल अपील सं. 1500/2019, फैसला की तिथि: 05.02.2019)
10. सीपीसी की धारा 115 : वादकालीन आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका सुनवाई योग्य नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि वादकालीन आदेशों के खिलाफ नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसीद्ध) की धारा 115 के तहत पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं है।
न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने वादकालीन आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका स्वीकार किये जाने के फैसले के विरुद्ध अपील पर कहा, "हम यह मानने को विवश हैं कि इस मामले में हर कानूनी उपाय आजमा लिये गये हैं।"
(मुकदमा : टेक सिंह बनाम शशि वर्मा एवं अन्य, सिविल अपील नं. 1416/2019, फैसले की तारीख : 04.02.2019)
11. टीपी अधिनियम की धारा 43 :- स्वत्वाधिकार के त्रुटिपूर्ण प्रतिनिधित्व का हस्तांतरण भी सही, यदि हस्तांतरणकर्ता बाद में भी स्वत्वाधिकार हासिल करता है
सुप्रीम कोर्ट ने सम्पत्ति हस्तांतरण अधिनियम की धारा 43 के तहत 'फीडिंग द ग्रांट बाई एस्टॉपल' सिद्धांत का इस्तेमाल करके उस पक्ष को राहत प्रदान की, जिसे एक वेंडर ने त्रुटिपूर्ण प्रतिनिधित्व के जरिये गुमराह करके प्रॉपर्टी खरीदवायी थी।
(मुकदमा : तनुराम बोरा बनाम प्रमोद चंद्र दास (मृत) (कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये) तथा अन्य, सिविल अपील संख्या 1575/2019, फैसले की तारीख :- 08.02.2019)
12. ट्रायल शुरू होने के बाद क्या मुकदमे में संशोधन की अनुमति है? सुप्रीम कोर्ट ने की व्याख्या
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक हालिया फैसले में व्याख्या की कि ट्रायल शुरू होने के बाद कब और किसी आधार पर याचिका में संशोधन की अनुमति दी जा सकती है?
न्यायमूर्ति एन वी रमन और न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनगौदर ने अपने फैसले में कहा कि इस प्रकार की याचिका की सुनवाई करते वक्त कोर्ट को यह विचार करना होता है कि क्या यह वास्तविक विवाद है या दुर्भावना से ग्रसित, क्या यह दूसरे पक्ष के लिए पूर्वग्रह से ग्रसित तो नहीं है, जिसकी क्षतिपूर्ति रुपये-पैसों में नहीं की जा सकती।
(मुकदमा :- एम रेवन्ना बनाम अंजनाम्मा, सिविल अपील 1669/2019, फैसले की तारीख 14.02.2019)
13. लिमिटेशन्स एक्ट की धारा 60 के तहत निर्धारित समय के अंदर विलेख को निरस्त करने संबंधी याचिका दायर करके ही अभिभावक द्वारा नाबालिग की संपत्ति को बिक्री से बचाया जा सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि लिमिटेशन्स एक्ट की धारा 60 के तहत निर्धारित समय के अंदर विलेख को निरस्त करने संबंधी याचिका दायर करके ही अभिभावक द्वारा नाबालिग की संपत्ति को बिक्री से बचाया जा सकता है। यह अवधि नाबालिग के बालिग होने के बाद तीन साल तक है।
यदि बालिग होने से पहले ही नाबालिग की मृत्यु हो जाती है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचार के लिए आये संबंधित मामले में हुआ, नाबालिग के कानूनी प्रतिनिधि को उस तारीख के तीन साल के भीतर मुकदमा दायर करना चाहिए, जिस तारीख को वह बालिग होता।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ विलेख की घोषणा एवं अचल सम्पत्ति के कब्जे से संबंधित मुकदमे में वादियों की अपील पर विचार कर रही थी। विशेष रूप से, वादियों ने बिक्री विलेख को निरस्त करने की प्रार्थना नहीं की थी, जो मामले के लिए घातक साबित हुआ।
(मुकदमा: मुरुगन एवं अन्य बनाम केशव गौंदर (मृत) (कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये), सिविल अपील नं. 1782/2019, फैसले की तारीख : 25.02.2019)
14. प्रतिवादियों के वादी के रूप में स्थानांतरण की अनुमति कब दी जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट का जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसी के आदेश 23 के नियम 1(ए) दायरे का विश्लेषण किया, जिसके तहत कोर्ट के पास प्रतिवादियों को वादी के रूप में स्थानांतरण की अनुमति का अधिकार है।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि यदि वादी आदेश 23 के नियम एक के तहत अपना दावा वापस लेना या छोड़ना चाह रहा है और प्रतिवादी मुकदमे में रुचि रखते हुए खुद के वादी के तौर पर बदलाव की मांग करता है, और यदि इस महत्वपूर्ण सवाल का फैसला किया जाना है, तो प्रतिवादियों को वादी के रूप में स्थानांतरित किया जा सकता है।
(मुकदमा : आर धनसुन्दरी उर्फ आर राजेश्वरी बनाम ए एन उमाकांत एवं अन्य, सिविल अपील संख्या 7292/2009, फैसले की तारीख : 06.03.2019)
15. निर्धारित अवधि के बाद दायर वाद को निरस्त किया जा सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नागरिक प्रक्रिया संहिता के नियम 11(डी) के आदेश 7 के तहत मुकदमा खारिज किया जा सकता है, यदि यह पता चलता है कि वाद निर्धारित अवधि के बाद दायर की गयी हो।
कोर्ट ने कहा, "वाद के प्रकथनों पर विचार करते हुए यदि यह पाया जाता है कि संबंधित मुकदमा निर्धारित समय सीमा के बाद दायर की गयी तो उसे सीपीसी के नियम 11(डी) के आदेश 7 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए खारिज किया जा सकता है।"
(मुकदमा : राघवेंद्र शरण सिंह बनाम राम प्रसन्ना सिंह (मृत) कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये, सिविल अपील संख्या 2960/2019, फैसले की तारीख 13.03.2019)
16. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 22 के तहत उत्तराधिकारियों का अधिमान्य अधिकार कृषि भूमि पर भी लागू होता है
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 22 के तहत किसी हिंदू के उत्तराधिकारी को दिया गया अधिमान्य अधिकार लागू है, भले ही जिस सम्पत्ति पर सवाल खड़े किये गये हैं वह कृषि भूमि क्यों न हो?
धारा 22 में प्रावधान है कि जब किसी निर्वसीयती की अचल सम्पत्ति का हिस्सा दो उत्तराधिकारियों में हस्तांतरित होता है और इनमें से कोई एक उत्तराधिकारी सम्पत्ति या कारोबार में मौजूद अपना हिस्सा हस्तांतरित करने का प्रस्ताव रखता है तो दूसरे उत्तराधिकारी को हस्तांतरित किये जाने के वाले प्रस्तावित हिस्से पर अधिमान्य अधिकार होगा।
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एम आर शाम की पीठ ने यह महसूस किया कि जहां तक हिमाचल प्रदेश का संबंध है तो वहां कृषि भूमि में अपने हिस्से से अधिक पर अधिकार जताने से संबंधित मामला हिन्दू उत्तराधिकार कानून की धारा 22 के दायरे में आता है। पीठ ने यह भी कहा कि अधिनियम की धारा 4(2) खत्म करने के साथ ही, इस कानून की धारा 22 की प्रासंगिकता का कोई अपवाद नहीं है। धारा चार(दो) निरस्त हो चुकी है, जिसके तहत संबंधित कानून के प्रावधान कृषि जोत में काश्तकारी अधिकारों के हस्तांतरण के मामलों में लागू नहीं होते थे।
(मुकदमा : बाबू राम बनाम संतोष सिंह (मृत) कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये, सिविल अपील संख्या 2553/2019, फैसले की तारीख 15.03.2019)
17. सुप्रीम कोर्ट ने सीपीसी के नियम दो, आदेश-दो के तहत दावे को छोड़ने की कसौटी की व्याख्या की है
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियम-दो आदेश-दो के तहत आने वाले मामलों की सही परख है कि क्या नये मुकदमे में किया गया दावा वास्तव में पूर्व के मुकदमे की नींव से इतर कारणों पर आधारित है।
(मुकदमा : प्रमोद कुमार एवं अन्य बनाम झलक सिंह एवं अन्य, सिविल अपील संख्या 1055/2019)
18. मिताक्षरा कानून :- किसी पुरुष को प्राप्त वंशानुगत सम्पत्ति उसके नीचे तीन पीढ़ियों तक सहदायिकी सम्पत्ति होगी
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि मिताक्षरा कानून के तहत यह नियम कि जब कभी एक पुरुष अपने तीन पीढ़ी पहले में से किसी की भी सम्पत्ति हासिल करता है तो उसकी आगे की तीन पीढी उस सम्पत्ति में संयुक्त रूप से बराबर का हिस्सा पायेगी, उत्तराधिकार के वैसे मामलों में लागू होगा जो हिन्दू उत्तराधिकार कानून 1956 से पहले के हों।
इस नियम का इस्तेमाल करते हुए न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ ने अर्शनूर सिंह की उस अपील को मंजूर कर लिया जिसमें उन्होंने अपने पिता धरम सिंह द्वारा 1999 में निष्पादित बिक्री विलेख को खारिज करने की मांग की थी। संबंधित बिक्री विलय के तहत धरम सिंह ने प्रतिवादी हरपाल कौर को संयुक्त परिवार की सम्पत्ति से वंचित कर दिया था, जिससे उन्होंने दूसरी शादी की थी।
(मुकदमा: अर्शनूर सिंह बनाम हरपाल कौर एवं अन्य, सिविल अपील संख्या 5124/2019, फैसले की तारीख 02.07.2019)
19. हिन्दू उत्तराधिकार – पिता से उत्तराधिकार के तौर पर मिली सम्पत्ति उन पुत्रों के हाथों में संयुक्त परिवार की सम्पत्ति होगी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पिता से उत्तराधिकार के तौर पर मिली सम्पत्ति उन पुत्रों के हाथों में संयुक्त परिवार की सम्पत्ति होती है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने यह निर्णय सुनाया था।
(मुकदमा : डोडामुनियप्पा /कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये/ बनाम मुणिस्वामी एवं अन्य, सिविल अपील नं. 7141/2008, फैसले की तारीख 01.07.2019)
20. पुत्र को वसीयत के जरिये या उपहार के तौर पर दी गयी पिता की स्वयं अर्जित सम्पत्ति तब तक स्वयं अर्जित सम्पत्ति होगी, जब तक कि विलेख में इस बारे में कोई उलट उल्लेख न किया गया हो
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि उत्तराधिकार के मिताक्षरा कानून के तहत, पुत्र को वसीयत के जरिये या उपहार के तौर पर दी गयी पिता की स्वयं अर्जित सम्पत्ति तब तक स्वयं अर्जित सम्पत्ति की श्रेणी में होगी, जब तक कि विलेख दस्तावेज में इसके उलट कोई उल्लेख न किया गया हो।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील का निपटारा करते हुए यह व्यवस्था दी थी।
(मुकदमा : गोविंदभाई छोटाभाई पटेल एवं अन्य बनाम पटेल रमनभाई माथुरभाई, सिविल अपील नं. 7528/2019, फैसले की तारीख 25.09.2019)
21. अपील के बाद वादी के शेष राशि जमा कराने मात्र से समझौते पर अमल (स्पेसिफिक परफॉर्मेंस) संबंधी आदेश निरस्त नहीं हो सकता
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक फैसले में त्रुटि पायी है, जिसमें कहा गया था कि स्पेसिफिक परफॉर्मेंस संबंधी आदेश अमल योग्य नहीं होगा, क्योंकि वादी ने ट्रायल कोर्ट की ओर से निर्धारित अवधि से परे अपील दायर करने के बाद शेष राशि जमा करायी थी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को अपीलीय अदालत के आदेश के साथ जोड़ दिया गया था। इसलिए वादी की ओर से बिक्री राशि जमा कराने में वादी की ओर से विलम्ब नहीं हुआ था।
(मुकदमा : सुरिन्दर पाल सोनी बनाम सोहन लाल (मृत) /कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये/, सिविल अपील नं. 5360/2019, फैसले की तारीख- 23.07.2019)
22. सीपीसी नियम 11(डी) आदेश-सात : वाद या तो पूरी तरह निरस्त होगा या बिल्कुल नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वाद या तो पूरी तरह निरस्त होगा या बिल्कुल नहीं। कोर्ट ने कहा कि इस बात की अनुमति नहीं दी जा सकती है कि याचिका आधी-अधूरी निरस्त हो। ऐसा नहीं हो सकता कि वाद का एक निश्चित हिस्सा कुछ प्रतिवादियों के लिए निष्प्रभावी कर दिया जाये और वहीं हिस्सा किसी अन्य के खिलाफ जारी रहे।
पीठ ने कहा कि यदि कोई मुकदमा निश्चित प्रतिवादि(यों) और/अथवा सम्पदाओं के खिलाफ जारी रहता है तो सीपीसी के नियम 11(डी) आदेश-सात बिल्कुल नहीं लागू होगा और मुकदमे की सुनवाई सम्पूर्ण रूप से होगी।"
(मुकदमा : माधव प्रसाद अग्रवाल बनाम एक्सिस बैंक, एसएलपी (सिविल) नं. 31579/2019, फैसले की तारीख : 01.07.2019)
23. आदेश की प्रमाणित प्रति के बिना भी दायर निष्पादन याचिका सुनवाई योग्य
न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्र और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने एक अपील का निपटारा करते हुए कहा है कि निष्पादन याचिका दायर करते वक्त आदेश की प्रति देना आवश्यक नहीं है, जब तक कोर्ट आदेश की प्रमाणित प्रति दाखिल करने का आदेश नहीं देता।
(मुकदमा : सर सोभा सिंह एवं सन्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम शशि मोहन कपूर (मृत) /कानूनी प्रतिनिधियों के माध्यम से/, सिविल अपील नं. 5534/2019, फैसले की तिथि : 15.07.2019)
24. अपील खारिज होने के बावजूद क्रॉस ऑब्जेक्शन का निपटारा मेरिट के आधार पर किया जाना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि अपील खारिज होने के बावजूद क्रॉस ऑब्जेक्शन को उसके मेरिट के आधार पर कारण बताते हुए निपटाया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, "क्रॉस ऑब्जेक्शन को बिना विमर्श किये और बगैर कारण बताये खारिज करने का समर्थन नहीं किया जा सकता।"
(मुकदमा : श्री बदरु (अब मृत) /कानूनी प्रतिनिधि हरिराम के जरिये/ बनाम एनटीपीसी, सिविल अपील नं: 5557-5559/2019, फैसले की तारीख 16.07.2019)
25. वादी को उस पक्षकार को शामिल करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, जिसके खिलाफ वह लड़ना नहीं चाहता
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि किसी मुकदमे में वादी का प्रभुत्व होता है और उसे उन पक्षकारों को मुकदमे में जोड़ने के लिए बाध्य नहीं किया जाता, जिनके खिलाफ वह नहीं लड़ना चाहता, जब तक कि कानून के शासन के तहत ऐसा करना अनिवार्य न हो।
(मुकदमा – गुरमीत सिंह भाटिया बनाम किरण कांत रोबिन्सन एवं अन्य, सिविल अपील नं. 5522/2019, फैसले की तारीख:- 17.07.2019)
26. प्रतिनिधि-संबंधी मुकदमे में समझौता आदेश अमान्य हो जायेगा, यदि कोर्ट की अनुमति नहीं ली जाती है और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी नहीं किया जाता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिप्रेजेंटेटिव सूट में कोर्ट की अनुमति के बिना और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किये बगैर लिया गया समझौता आदेश आन्य हो जायेगा।
(मुकदमा : आलियाथम्मुडा बीथाथेबियाप्पुरा पुकोया बनाम पट्टाकल चेरियाकोया, सिविल अपील नं. 9586/2019, फैसले की तारीख : 01.08.2019)
27. निरस्त मुकदमे में विपरीत निष्कर्षों को लेकर बचाव पक्ष द्वारा प्रतिवाद करने के लिए क्रॉस ऑब्जेक्शन दाखिल करना जरूरी नहीं है
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि निपटारा किये जा चुके अपीलों में कुछ प्रतिकूल निष्कर्षों को लेकर प्रतिवाद करने के लिए बचाव पक्ष द्वारा क्रॉस ऑब्जेक्शन दाखिल करना जरूरी नहीं है।
(मुकदमा : आंध्र प्रदेश सरकार एवं अन्य बनाम बी. रंगा रेड्डी (मृत) /कानूनी प्रतिनिधियों के माध्यम से/, सिविल अपील सं. 17486/2017)
28. महज 'समवर्ती निष्कर्षों' के आधार पर ही दूसरी अपील खारिज नहीं की जा सकती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई हाईकोर्ट केवल इस आधार पर दूसरी अपील खारिज नहीं कर सकता कि दो अदालतों ने समवर्ती निष्कर्ष दिये हैं (चाहे मुकदमा खारिज करने का हो या आदेश देने का) और इस तरह के निष्कर्ष अकाट्य होते हैं।
मुकदमा : राजस्थान सरकार बनाम शिव दयाल, सिविल अपील संख्या 7363/2000, फैसले की तारीख : 14.08.2019)
29. सीपीसी का नियम-11 आदेश-7 :- वाद को खारिज किया जा सकता है जब यह मुकदमा करने के अधिकार को स्पष्ट नहीं करता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीपीसी के नियम-11, आदेश-7 के तहत कोई वाद खारिज किया जा सकता है, जब यह प्रकट तौर पर किसी को तंग करने के लिए हो, जिसमें मेरिट न हो और जो इस दृष्टि से निराधार हो कि उसमें मुकदमा का अधिकार स्पष्ट न हों।
न्यायमूर्ति मोहन एम. शांतनगौदर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि महज यह मान लेना या इसकी संभावना होना कि अधिकार का उल्लंघन हो सकता है, पर्याप्त नहीं होगा कि वादी कार्रवाई का कारण बताता है।
(मुकदमा:- कर्नल श्रवण कुमार जयपुरियार उर्फ सरवन कुमार जयपुरियार बनाम कृष्ण नंदन सिंह एवं अन्य, सिविल अपील संख्या 6760/2019, फैसले की तारीख – 07.09.2019)
30. सीपीसी नियम-9, आदेश-9 : वादी के खिलाफ फैसला उसके उत्तराधिकारी को पूर्व के आधार पर नया मुकदमा दायर करने की इजाजत नहीं देता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वादियों के खिलाफ आदेश के उपरांत स्वत्वाधिकार के मामले में उनके उत्तराधिकारियों को समान कारण को आधार बनाकर नये मुकदमे दायर नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने एक हाईकोर्ट के आदेश को इसी आधार पर निरस्त कर दिया कि वादी के वेंडरों द्वारा दायर की गयी पूर्व की याचिका में भी वही राहत मांगी गयी थी। उक्त मुकदमा सीपीसी के नियम आठ आदेश-नौ के प्रावधानों के तहत खारिज कर दिया गया था, क्योंकि प्रतिवादियों का वकील सुनवाई के दौरान मौजूद था, जबकि वादी के वकील गायब थे।
(मुकदमा : मायांडी बनाम पंडाराशामी एवं अन्य, सिविल अपील संख्या 6424/2019, फैसले की तारीख 09.09.2019)
31. निष्पादन अदालत, निष्पादन के अधीन आदेश या डिक्री से परे नहीं जा सकती
सुप्रीम कोर्ट ने पहले से तय एक आदेश को दोहराया है कि आदेश का अमल कराने वाली अदालत निष्पादन के दौरान आदेश या डिक्री से परे नहीं जा सकती।
(मुकदमा:- एस. भास्करन बनाम सेबस्तियां (मृत) कानूनी प्रतिनिधियों के जरिये, सिविल अपील संख्या 7800/2014, फैसले की तारीख 13.09.2019)
32. सीपीसी की धारा 9(ए) (महाराष्ट्र) :- लिमिटेशन का प्रश्न एक प्रारम्भिक मुद्दे के रूप में तय नहीं किया जा सकता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र में लागू नागरिक प्रक्रिया संहिता की धारा-9(ए) के तहत लिमिटेशन का प्रश्न एक प्रारम्भिक मुद्दे के रूप में तय नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एम आर शाह एवं न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने कहा कि धारा- 9(ए) तथा नियम-दो, आदेश-14 के प्रावधानों के तहत प्रारम्भिक मुद्दों का निर्धारण किया जा सकता है, बशर्ते यह पूरी तरह से कानून का प्रश्न हो, कानून का मिश्रित प्रश्न न हो तथा साक्ष्य दर्ज करने से संबंधित निष्कर्ष भी।
(मुकदमा : नुस्ली नेविले वाडिया बनाम आइवररी प्रॉपर्टीज एवं अन्य, सिविल अपील नं. 31982/2013, फैसले की तारीख 06.10.2019)
33. 'वापस' की गयी याचिका जिस नये कोर्ट में दायर होती है, क्या वहां सुनवाई नये सिरे से की जानी चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने मामला वृहद पीठ के सुपुर्द किया
जब नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) नियम 10(ए) ऑर्डर-7 के परिप्रेक्ष्य में कोई याचिका लौटायी जाती है तो उसकी सुनवाई नये कोर्ट में नये सिरे से होगी या उस जगह से आगे जहां से याचिका लौटायी गयी थी? सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला वृहद पीठ के सुपुर्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने मेसर्स एक्सेल कैरियर्स बनाम फ्रैंकफिन एविएशन सर्विसेजप प्राइवेट लिमिटेड मामले में इस मामले को वृहद पीठ को उस वक्त सुपुर्द किया जब उसे तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड बनाम मॉडर्न कंस्ट्रक्शन तथा जोगिन्दर तुली बनाम एस एल भाटिया मामले के फैसलों में स्पष्ट अंतर देखने को मिला।
मुकदमा: मेसर्स एक्सेल कैरियर्स एवं अन्य बनाम फ्रैंकफिन एविएशन सर्विसेज, एसएलपी (सिविल) नं. 16893/2018, फैसले की तारीख:- 08.10.2019)
34. मुकदमा खारिज करने संबंधी याचिका पर विचार करते वक्त वाद के प्राकथनों की समग्रता को ध्यान में रखा जाना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कहा है कि मुकदमा खारिज करने संबंधी याचिका पर विचार करते वक्त वाद के प्राकथनों की समग्रता को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
(मुकदमा : शौकत हुसैन मोहम्मद पटेल बनाम खातूनबेन मोहम्मदभाई पोलारा, सिविल अपील संख्या 8197/2019, फैसले की तारीख:-29.10.2019)
35. विशेष राहत - डिपोजिट के लिए अतिरिक्त समय लेना वादी को करार की प्रतिबद्धता साबित करने के दायित्व से मुक्त नहीं करता
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि करार की शेष राशि के भुगतान के लिए केवल अतिरिक्त समय लेना ही वादी को बिक्री समझौते के अनुपालन के प्रति उसकी प्रतिबद्धता साबित करने के दायित्व से मुक्त नहीं करेगा।
न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा है कि अतिरिक्त मोहलत दिये जाने से वादी खुद से यह नहीं मान सकता कि इससे उसकी करार को लेकर प्रतिबद्धता साबित होती है।
मुकदमा : 'रवि सेतिया बनाम मदन लाल एवं अन्य' सिविल अपील सं. 2837/2011, फैसले की तारीख – 04.10.2019)
36. जब किसी आदेश या डिक्री में कोई बदलाव या उलटफेर न हो तो सीपीसी की धारा 144 (क्षतिपूर्ति) लागू नहीं होती
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब किसी आदेश या डिक्री में कोई बदलाव या उलटफेर नहीं है तो सीपीसी की धारा 144 के प्रावधान लागू नहीं होंगे।
बेंच ने कहा, "क्षतिपूर्ति का सिद्धांत है कि डिक्री से उलट होने की स्थिति में डिक्री से लाभान्वित होने वाले पक्ष पर यह कानूनी दायित्व होगा कि वह विपरीत पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई करे।"
मुकदमा : बंसीधर शर्मा (मृत) बनाम राजस्थान सरकार, सिविल अपील संख्या 8400/2019, फैसले की तारीख – 05.11.2019)
37. सीपीसी नियम 6(ए), ऑर्डर-8 : लिखित बयान दाखिल करने के बाद काउंटर-क्लेम दाखिल करने के लिए कोई इम्बार्गो नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि एक कोर्ट अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकता है तथा लिखित बयान के बाद ट्रायल के लिए मामला तय होने के स्टेज तक काउंटर क्लेम दाखिल करने की अनुमति दे सकता है।
न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने व्यवस्था दी है कि सीपीसी का नियम-6(ए) ऑर्डर-8 लिखित बयान दाखिल करने के बाद काउंटर-क्लेम दाखिल करने के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं करता।
(मुकदमा: अशोक कुमार कालरा बनाम विंग कमांडर सुरेन्द्र अग्निहोत्री एवं अन्य, एसएलपी(सी) 23599/2018, फैसले की तारीख 19.11.2019)
38. कानून के ठोस प्रश्न तय करने में त्रुटि मात्र से दूसरी अपील का फैसला निरस्त नहीं किया जायेगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कानून के ठोस प्रश्न तय करने में त्रुटि मात्र से दूसरी अपील का फैसला निरस्त नहीं किया जायेगा, यदि यह पाया जाता है कि कानून का पर्याप्त प्रश्न मौजूद था और हाईकोर्ट ने इन प्रश्नों का हल पहले ही दे दिया है।
(मुकदमा : इल्लोह वालाप्पिल अम्बुन्ही (मृत) /कानूनी प्रतिनिधियों के माध्यम से/ बनाम कुन्हाम्बु करनावन, सिविल अपील सं. 1429/20011, फैसले की तारीख 14.10.2019)
39. गोवा के निवासियों के उत्तराधिकार और विरासत का मामला पुर्तगाली ना�
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Methodology
- What Is a Case Study? | Definition, Examples & Methods
What Is a Case Study? | Definition, Examples & Methods
Published on May 8, 2019 by Shona McCombes . Revised on November 20, 2023.
A case study is a detailed study of a specific subject, such as a person, group, place, event, organization, or phenomenon. Case studies are commonly used in social, educational, clinical, and business research.
A case study research design usually involves qualitative methods , but quantitative methods are sometimes also used. Case studies are good for describing , comparing, evaluating and understanding different aspects of a research problem .
Table of contents
When to do a case study, step 1: select a case, step 2: build a theoretical framework, step 3: collect your data, step 4: describe and analyze the case, other interesting articles.
A case study is an appropriate research design when you want to gain concrete, contextual, in-depth knowledge about a specific real-world subject. It allows you to explore the key characteristics, meanings, and implications of the case.
Case studies are often a good choice in a thesis or dissertation . They keep your project focused and manageable when you don’t have the time or resources to do large-scale research.
You might use just one complex case study where you explore a single subject in depth, or conduct multiple case studies to compare and illuminate different aspects of your research problem.
Research question | Case study |
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How do experiences of work in the gig economy differ by gender, race and age? | Case studies of Deliveroo and Uber drivers in London |
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Once you have developed your problem statement and research questions , you should be ready to choose the specific case that you want to focus on. A good case study should have the potential to:
- Provide new or unexpected insights into the subject
- Challenge or complicate existing assumptions and theories
- Propose practical courses of action to resolve a problem
- Open up new directions for future research
TipIf your research is more practical in nature and aims to simultaneously investigate an issue as you solve it, consider conducting action research instead.
Unlike quantitative or experimental research , a strong case study does not require a random or representative sample. In fact, case studies often deliberately focus on unusual, neglected, or outlying cases which may shed new light on the research problem.
Example of an outlying case studyIn the 1960s the town of Roseto, Pennsylvania was discovered to have extremely low rates of heart disease compared to the US average. It became an important case study for understanding previously neglected causes of heart disease.
However, you can also choose a more common or representative case to exemplify a particular category, experience or phenomenon.
Example of a representative case studyIn the 1920s, two sociologists used Muncie, Indiana as a case study of a typical American city that supposedly exemplified the changing culture of the US at the time.
While case studies focus more on concrete details than general theories, they should usually have some connection with theory in the field. This way the case study is not just an isolated description, but is integrated into existing knowledge about the topic. It might aim to:
- Exemplify a theory by showing how it explains the case under investigation
- Expand on a theory by uncovering new concepts and ideas that need to be incorporated
- Challenge a theory by exploring an outlier case that doesn’t fit with established assumptions
To ensure that your analysis of the case has a solid academic grounding, you should conduct a literature review of sources related to the topic and develop a theoretical framework . This means identifying key concepts and theories to guide your analysis and interpretation.
There are many different research methods you can use to collect data on your subject. Case studies tend to focus on qualitative data using methods such as interviews , observations , and analysis of primary and secondary sources (e.g., newspaper articles, photographs, official records). Sometimes a case study will also collect quantitative data.
Example of a mixed methods case studyFor a case study of a wind farm development in a rural area, you could collect quantitative data on employment rates and business revenue, collect qualitative data on local people’s perceptions and experiences, and analyze local and national media coverage of the development.
The aim is to gain as thorough an understanding as possible of the case and its context.
In writing up the case study, you need to bring together all the relevant aspects to give as complete a picture as possible of the subject.
How you report your findings depends on the type of research you are doing. Some case studies are structured like a standard scientific paper or thesis , with separate sections or chapters for the methods , results and discussion .
Others are written in a more narrative style, aiming to explore the case from various angles and analyze its meanings and implications (for example, by using textual analysis or discourse analysis ).
In all cases, though, make sure to give contextual details about the case, connect it back to the literature and theory, and discuss how it fits into wider patterns or debates.
If you want to know more about statistics , methodology , or research bias , make sure to check out some of our other articles with explanations and examples.
- Normal distribution
- Degrees of freedom
- Null hypothesis
- Discourse analysis
- Control groups
- Mixed methods research
- Non-probability sampling
- Quantitative research
- Ecological validity
Research bias
- Rosenthal effect
- Implicit bias
- Cognitive bias
- Selection bias
- Negativity bias
- Status quo bias
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McCombes, S. (2023, November 20). What Is a Case Study? | Definition, Examples & Methods. Scribbr. Retrieved August 26, 2024, from https://www.scribbr.com/methodology/case-study/
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Shona McCombes
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A case study is an in-depth study of one person, group, or event. In a case study, nearly every aspect of the subject's life and history is analyzed to seek patterns and causes of behavior. Case studies can be used in many different fields, including psychology, medicine, education, anthropology, political science, and social work.
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