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परिश्रम का महत्व पर निबंध Importance of Hard Work Essay in Hindi

परिश्रम का महत्व पर निबंध Importance of Hard Work Essay in Hindi

इस लेख में हमने परिश्रम का महत्व पर निबंध Importance of Hard Work Essay in Hindi हिन्दी में लिखा है। इसमे हमने जीवन में परिश्रम का मोल, भाग्य से इसका जुड़ाव, उदाहरण, लाभ और हानी के विषय में पूरी जानकारी दी है।

Table of Content

हमेशा से ही कठिन परिश्रम का विशेष महत्व रहा है। कोई भी काम बिना परिश्रम के संभव नहीं होता है। इसके बल पर दुनिया में कुछ भी पाया जा सकता है? इतिहास गवाह है कि लोग अपने परिश्रम के बल पर ही भगवान को भी प्राप्त कर लेते थे।

इस संसार के हर एक व्यक्ति को परिश्रम जरूर करना पड़ता है चाहे वो मनुष्य हो, जीव हो या जंतु, सभी को परिश्रम करना ही पड़ता है। परिश्रम ही है जिसके द्वारा किसान जमीन को सोना बना देता हैl

वो दिन रात मेह नत करके अपनी कृषि की भूमि को ऐसा बना देता है की वो भूमि उसको सोने जैसे भाव देने लगती है। इसलिए कहा जाता है की हमको मेहनत जरूर करनी चाहिए। यही सफलता की कुंजी है।

कठिन परिश्रम का महत्व Importance of Hard Work

आखिर ऐसा क्या है जिसके कारण परिश्रम हमारे जीवन में आवश्यक है? परिश्रम का मानवीय जीवन में अत्यधिक महत्व है, अपने सम्पूर्ण जीवन में कोई भी मनुष्य बिना कार्य करे नही रह सकताl इस संसार में उपस्थित सभी जीव जंतु प्राणी नियमित रूप से अपना जीवन यापन के लिए कार्य करते हैl

परिश्रम ही एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने जीवन की किसी भी परेशानी से छुटकारा पा सकता हैl नियमित रूप से किया गया परिश्रम ही हमें हमारे जीवन के लक्ष्यों तक पहुँचाता है l शायद ही कोई ऐसा कार्य है जो परिश्रम से पूरा न किया जा सकेl

कड़ी मेहनत से ही सफलता, उन्नति और विकास का मार्ग प्रशस्त होता है l सम्पूर्ण प्रकृति भी अपना काम बिना रुके पूरे परिश्रम से कार्य करती है l नदियाँ दिन रात बहती है, कीड़े, पशु, पक्षी अपने दैनिक जीवन में व्यस्त रहते हैं, सूर्य चन्द्रमा अपने समय पर बिना रुके अपन काम करते है।

आज संसार के सभी देश परिश्रम के बल पर ही उन्नति और विकास कर रहे हैl परिश्रमी व्यक्ति को न केवल जीते जी यश की प्राप्ति होती है बल्कि मरने के बाद भी यश मिलता हैl जिस देश के लोग परिश्रमी होते है वही देश उन्नति कर सकता है। जिस देश के नागरिक आलसी और भाग्य पर निर्भर होते हैं वह देश किसी भी शक्तिशाली देश का आसानी से गुलाम बन जाता है।

संसार का कोई भी कार्य बिना परिश्रम के संपन्न नही हो सकता l परिश्रम ही सफलता की कुंजी है जिस तरह सूर्य के प्रकाश से अन्धकार दूर होता है ठीक उसी प्रकार परिश्रम से मनुष्य के जीवन से अज्ञान रूपी अंधकार दूर होकर परिश्रमी व्यक्ति का भविष्य उज्जवल होता हैl

बिना कठिन परिश्रम के उन्नति संभव नही है, क्योंकि भले ही सामने भोजन की थाली लगी हो लेकिन यदि उसे खाने के लिए थोडा कार्य न किया जाये तो भोजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों न हो उसका स्वाद नही लिया जा सकताl

संसार के सभी सफल व्यक्तियो ने परिश्रम से जीवन में हर चुनौतियों का सामना किया और आज उन्हें उनके परिश्रम के कारण ही जाना जाता है l मनुष्य का परिश्रम ही है की आज संसार में ऐसी सुविधाए हो गयी है जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की गयी थी।

मानव के परिश्रम का ही फल है कि आज दुर्गम पहाड़ियों में भी यातायात के अच्छे-अच्छे साधन सुलभ हो गये है । पर्वतों को काटकर सडकों का निर्माण, नदियों और समंदर पर पुल बनाने का कार्य, समंदर की छाती को चीरकर आगे बढ़ना, दुनिया में बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण अंतरिक्ष, चाँद और सूरज तक जाने की योजना बनाना, कुछ देशों का वहां तक पहुंच भी जाना ये सब परिश्रम के ही फल है जो पूरी दुनिया में लोगों द्वारा किये जा रहे है।

परिश्रम और भाग्य Hard Work and Luck

क्या भाग्य ही सब कुछ है? क्या भाग्य के आगे परिश्रम का कोई महत्व नही है? कई लोगो द्वारा भाग्य को ही सब कुछ मान लिया जाता है और उसे ही अत्याधिक महत्व देते हैl

ऐसे लोग भाग्य पर निर्भर होने के कारण जीवन में बड़ा हासिल नही कर पाते और भाग्य के सहारे ही जीवन जीते है और आलस का दामन थाम लेते है जबकि परिश्रम से कोई भी मनुष्य अपने भाग्य को भी बदल सकता है।

इसीलिए यदि जीवन में सफलता हासिल करना चाहते है तो परिश्रम करें सफलता जरुर मिलेगीl इतिहास में ऐसे कई उदहारण मौजूद है जिन्होंने गरीबी में जन्म लिया।

परिश्रम के बल पर न केवल संपन्न हुए बल्कि इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज कराया यह वो लोग थे जो परिश्रम पर भरोसा करते थे न की भाग्य पर l जिन लोगों के पास थोडा धन हुआ करता था वे अपने परिश्रम से धनवान बन गये।

परिश्रम के उदाहरण Examples of Hard Work and Success

  • अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहिम लिकंन ने एक गरीब मजदूर परिवार में जन्म लिया, बचपन में ही वो अनाथ हो गये लेकिन परिश्रम के बल पर एक झोंपड़ी से निकलकर अमेरिका के राष्ट्रपति भवन तक का सफर पूरा किया ।
  • वर्तमान भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी बचपन संघर्ष में रहा लेकिन परिश्रम के बल पर आज देश के प्रधानमंत्री बने और विश्व में अपने भारत देश की अलग पहचान बनवाई l इनके संघर्षों से सिख लेनी चाहिए, और खूब मेहनत करके अपने जीवन को अच्छा बनाना चाहिए।
  • स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले लाल बहादुर शास्त्री , महात्मा गाँधी और सुभाष चन्द्र जैसे महापुरुषों ने अपने परिश्रम के बल पर भारत को स्वतंत्रता दिलवाई थी l
  • डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन   जी भी अपने परिश्रम के दम पर ही राष्ट्रपति बने थे।

इन सभी लोगो ने अपने परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त की l परिश्रम करने से सफलता आज नही तो कल अवश्य मिलती है l लेकिन जब परिश्रम ही नही करेंगे तो सफलता मिलना मुश्किल है l इसलिए भाग्य के भरोसे नहीं बैठना चाहिए काम करते रहो फल तो देने वाला देगा ही आज नहीं तो कल सफलता जरूर मिलेगी।

परिश्रम के लाभ Benefits of Hard Work

परिश्रम से मनुष्य के जीवन में अनेक लाभ होते हैं। मनुष्य द्वारा किये गये परिश्रम से सभी कार्य संपन्न होते है l परिश्रमी व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है साथ ही उनका शरीर हष्ट-पुष्ट रहता है एवं परिश्रम करने से मनुष्य का शरीर रोगों से मुक्त रहता है। परिश्रम से ही जीवन में विजय और धन दोनों ही पाए जा सकते है।

भाग्य के भरोसे रहने वाले लोग जीवन में बस भाग्य तक ही सीमित रह जाते है और जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते। भाग्य के भरोसे रहने के कारण इन लोगो में आलस्य पैदा हो ज्यादा है जो उनको कभी भी आगे नहीं बढ़ने देता है।

ईश्वर ने ये जीवन परिश्रम करने के लिए बनाया है। यही एक ऐसी पूंजी है जो किसी की भी दुनिया बदल सकती है। ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जो परिश्रम से सफल न हो सकें।

परिश्रम करने से किसी भी ब्यक्ति की उन्नति और विकास पूरी तरह से होता है। परिश्रम से ही विकास की रचना होती है। जिन व्यक्तियों के जीवन में आलस भरा होता है वे कभी भी जीवन में उन्नति नहीं कर सकते हैं। परिश्रमी व्यक्ति ही अपने राष्ट्र और देश को ऊँचा उठाने के लिए काम करते रहते है।

आलस्य से हानियाँ Disadvantages of Lazyness

जीवन में आलस्य से जीवन अभिशाप बन जाता है। आलसी व्यक्ति दुसरो पर निर्भर हो जाता है और खुद से प्रयास नही करता l

आलस ही असफलता का कारण होता है, जो व्यक्ति आलसी हो जाता है उसका विकास रुक जाता है और सफलता पाना उसके लिए नमुमकिन हो जाता हैl जबकि परिश्रमी व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ता हैl विद्यार्थी को परिश्रम करना चाहिए जिससे वह परीक्षा में सफल होकर जीवन में भी सफल हो सके।

इस प्रकार परिश्रम का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व है इसके बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है l मजदूर भी परिश्रम से ही संसार के लिए उपयोगी वस्तुओं का निर्माण करता है, कवि और लेखकों ने परिश्रम के बल पर अपनी रचनाओं से देश को मंत्रमुग्ध किया है।

जो लोग परिश्रमी होते हैं वे चरित्रवान, ईमानदार , और स्वावलम्बी होते हैं। अगर हम अपने देश और राष्ट्र की उन्नति चाहते हैं तो हमें भाग्य पर निर्भर होना छोडकर परिश्रमी बनना होगा। यही हमारे जीवन के लिए सबसे अच्छा है। जीवन में ऐसा कोई भी कार्य नही है जिसे परिश्रम के द्वारा न किया जा सकेl

निष्कर्ष Conclusion

इस परिश्रम पर निबंध पर आपने जाना की कड़ी मेहनत और लगन से हमें क्या लाभ है। साथ ही परिश्रम के लाभ, हानी और उदाहरण भी हमने बताए। आशा करते हैं परिश्रम का महत्व पर निबंध Importance of Hard Work Essay in Hindi लेख आपको पसंद आया होगा। अपने विचार कमेन्ट के माध्यम से जरूर भेजें और इस लेख को अपने मित्रों के साथ शेयर करें।

5 thoughts on “परिश्रम का महत्व पर निबंध Importance of Hard Work Essay in Hindi”

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Very nice and interesting….

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परिश्रम का महत्व पर निबंध-Importance Of Hard Work Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

परिश्रम का महत्व-importance of hard work in hindi.

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परिश्रम का महत्व पर निबंध 1 (100 शब्द)

जीवन के उत्थान में परिश्रम का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जीवन में आगे बढ़ने के लिए, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्रम ही आधार है। परिश्रम से कठिन से कठिन कार्य संपन्न किए जा सकते हैं, जो परिश्रम करता है उसका भाग्य भी उसका साथ देता है जो सोता रहता है उसका भाग्य सोता रहता है। श्रम के बल अगम्य पर्वत चोटियों पर अपनी विजय का पताका पहरा दिया।

श्रम हर मनुष्य अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है। अथक परिश्रम ही जीवन का सौंदर्य है। श्रम के द्वारा ही मनुष्य अपने आपको महान बना सकता है। परिश्रम ही मनुष्य के जीवन को महान बनाने वाला है। परिश्रम ही वास्तव में ईश्वर की उपासना है।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 2 (200 शब्द)

परिश्रम अथवा कार्य ही मनुष्य की वास्तविक पूजा-अर्चना है । इस पूजा के बिना मनुष्य का सुखी-समृद्‌ध होना अत्यंत कठिन है । वह व्यक्ति जो परिश्रम से दूर रहता है अर्थात् कर्महीन, आलसी व्यक्ति सदैव दु:खी व दूसरों पर निर्भर रहने वाला होता है।

परिश्रमी व्यक्ति अपने कर्म के द्‌वारा अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं । उन्हें जिस वस्तु की आकांक्षा होती है उसे पाने के लिए रास्ता चुनते हैं । ऐसे व्यक्ति मुश्किलों व संकटों के आने से भयभीत नहीं होते अपितु उस संकट के निदान का हल ढूँढ़ते हैं। अपनी कमियों के लिए वे दूसरों पर लांछन या दोषारोपण नहीं करते ।

दूसरी ओर कर्महीन अथवा आलसी व्यक्ति सदैव भाग्य पर निर्भर होते हैं । अपनी कमियों व दोषों के निदान के लिए प्रयास न कर वह भाग्य का दोष मानते हैं । उसके अनुसार जीवन में उन्हें जो कुछ भी मिल रहा है या फिर जो भी उनकी उपलब्धि से परे है उन सब में ईश्वर की इच्छा है । वह भाग्य के सहारे रहते हुए जीवन पर्यंत कर्म क्षेत्र से भागता रहता है । वह अपनी कल्पनाओं में ही सुख खोजता रहता है परंतु सुख किसी मृगतृष्णा की भाँति सदैव उससे दूर बना रहता है । किसी विद्‌वान ने सच ही कहा है कि परिश्रम सफलता की कुंजी है ।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 3 (300 शब्द)

भूमिका : मनुष्य के जीवन में परिश्रम का बहुत महत्व होता है। इस संसार में कोई भी प्राणी काम किये बिना नहीं रह सकता है। प्रकृति के कण-कण बने हुए नियमों से अपना-अपना काम करता है। चींटी का जीवन भी परिश्रम से ही पूर्ण होता है। मनुष्य परिश्रम करके अपने जीवन की हर समस्या से छुटकारा पा सकता है| सूर्य हर रोज निकलकर विश्व का उपकार करता है।

परिश्रम का महत्व :   देखा जाए तो परीक्षण को कुछ ही शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है क्योंकि किसी व्यक्ति के जीवन में परिश्रम है अर्थात वह परिश्रम करने से नहीं डरता तो उसके लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। वह हर असंभव काम को संभव बना सकता है। इसीलिए कहा जाता है कि दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है। जरूरी है तो हमारा परिश्रम करना।

इतिहास भी इस बात का साक्षी है कि जो इंसान अधिक परिश्रम करता है। वह जिंदगी में सब कुछ पा सकता है उसके लिए कोई भी सीमा बाधित नहीं है।

उपसंहार : जो व्यक्ति परिश्रमी होते हैं वे चरित्रवान, ईमानदार, परिश्रमी, और स्वावलम्बी होते हैं। अगर हम अपने जीवन की, अपने देश और राष्ट्र की उन्नति चाहते हैं तो आपको भाग्य पर निर्भर रहना छोडकर परिश्रमी बनना होगा। जो व्यक्ति परिश्रम करता है उसका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

आज के देश में जो बेरोजगारी इतनी तेजी से फैल रही है उसका एक कारण आलस्य भी है। बेरोजगारी को दूर करने के लिए परिश्रम एक बहुत ही अच्छा साधन है। मनुष्य परिश्रम करने की आदत बचपन या विद्यार्थी जीवन से ही डाल लेनी चाहिए। परिश्रम से ही किसान जमीन से सोना निकालता है। परिश्रम ही किसी भी देश की उन्नति का रहस्य होता है।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 4 (400 शब्द)

भूमिका : परिश्रम का मनुष्य के लिए वही महत्व है जो उसके लिए खाने और सोने का है । बिना परिश्रम का जीवन व्यर्थ होता है क्योंकि प्रकृति द्‌वारा दिए गए संसाधनों का उपयोग वही कर सकता है जो परिश्रम पर विश्वास करता है। परिश्रम अथवा कर्म का महत्व श्रीकृष्ण ने भी अर्जुन को गीता के उपदेश द्‌वारा समझाया था । उनके अनुसार: ”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन: ।”

परिश्रम और भाग्य :  क्या भाग्य ही सब कुछ है? क्या भाग्य के आगे परिश्रम का कोई महत्व नही है? कई लोगो द्वारा भाग्य को ही सब कुछ मान लिया जाता है और उसे ही अत्याधिक महत्व देते हैl ऐसे लोग भाग्य पर निर्भर होने के कारण जीवन में बड़ा हासिल नही कर पाते और भाग्य के सहारे ही जीवन जीते है और आलस का दामन थाम लेते है जबकि परिश्रम से कोई भी मनुष्य अपने भाग्य को भी बदल सकता है।

परिश्रम के लाभ : परिश्रम करने से आत्मिक शान्ति प्राप्त होती है, हृदय पवित्र होता है, सच्चे ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य उन्नति की पराकाष्ठा पर पहुँचता है। हमारा इतिहास उद्यमी लोगों की सफलता के गुणगानों से भरा पड़ा है। अमेरिका तथा जापान जैसे देशो की सफलता का रहस्य उनके द्वारा किया जाने वाला अनवरत परिश्रम ही है।

परिश्रम करने से मनुष्य के अन्तः करण की शुद्धि होती है तथा सांसारिक दुर्बलताएँ तथा वासनाएँ उसे नहीं सताती। परिश्रमी व्यक्ति को यश तथा धन दोनों मिलते हैं। यदि शारीरिक श्रम करने वाला व्यक्ति शारीरिक तौर पर चुस्त-तन्दुरुस्त रहता है तो मानसिक श्रम करने वाला व्यक्ति भी पीछे नहीं रहता। बीमारी ऐसे व्यक्तियों के पास भी नहीं भटकती।

उपसंहार : परिश्रम करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, परिश्रम दो प्रकार के होते हैं एक मानसिक परिश्रम और दूसरा शारीरिक परिश्रम कई कामों में दोनों तरह के परिश्रम ओं का इस्तेमाल किया जाता है परिश्रम करने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और किसी भी प्रकार की बीमारियां नहीं होती है।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 5 (500 शब्द)

भूमिका : सूर्य हर रोज निकलकर विश्व का उपकार करता है। वह कभी भी अपने नियम का उल्लंघन नहीं करता है। वह पर्वतों को काटकर सडक बना सकता है, नदियों पर पुल बना सकता है, जिन रास्तों पर काँटे होते हैं उन्हें वह सुगम बना सकता है। समुद्रों की छाती को चीरकर आगे बढ़ सकता है। नदियाँ भी दिन-रात यात्रा करती रहती हैं। वनस्पतियाँ भी वातावरण के अनुसार परिवर्द्धित होती रहती हैं। कीड़े, पशु, पक्षी अपने दैनिक जीवन में व्यस्त रहते हैं।

ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जो परिश्रम से सफल न हो सकें। जो पुरुष दृढ प्रतिज्ञ होते हैं उनके लिए विश्व का कोई भी कार्य कठिन नहीं होता है। वास्तव में बिना श्रम के मानव जीवन की गाड़ी चल नहीं सकती है। श्रम से ही उन्नति और विकास का मार्ग खुल सकता है। परिश्रम और प्रयास की बहुत महिमा होती है। अगर मनुष्य परिश्रम नहीं करता तो आज संसार में कुछ भी नहीं होता। आज संसार ने जो इतनी उन्नति की है वह सब परिश्रम का ही परिणाम है।

परिश्रम की विजय :  किसी भी तरह से परिश्रम की ही विजय होती है। संस्कृत में एक उक्ति है – सत्यमेव जयते। इसका अर्थ ही होता है परिश्रम की विजय होती है। मनुष्य मानव प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ प्राणी होते है। मनुष्य खुद ही भगवान का स्वरूप माना जाता है।

जब मनुष्य परिश्रम करते हैं तो उनका जीवन उन्नति और विकास की तरफ अग्रसर होता है लेकिन उन्नति और विकास के लिए मनुष्य को उद्यम की जरूरत पडती है। उद्यम से ही मनुष्य अपने कार्य को सिद्ध करता है वह केवल इच्छा से अपने कार्य को सिद्ध नहीं कर सकते है।

महापुरुषों के उदाहरण :  हमारे सामने अनेक ऐसे महापुरुषों के उदाहरण हैं जिन्होंने अपने परिश्रम के बल पर अनेक असंभव से संभव काम किये थे। उन्होंने अपने राष्ट्र और देश का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का नाम रोशन किया था। अब्राहिम लिकंन जी एक गरीब मजदूर परिवार में हुए थे बचपन में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था लेकिन फिर भी वे अपने परिश्रम के बल पर एक झोंपड़ी से निकलकर अमेरिका के राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गये थे।

उपसंहार :  जो व्यक्ति परिश्रमी होते हैं वे चरित्रवान, ईमानदार, परिश्रमी, और स्वावलम्बी होते हैं। अगर हम अपने जीवन की, अपने देश और राष्ट्र की उन्नति चाहते हैं तो आपको भाग्य पर निर्भर रहना छोडकर परिश्रमी बनना होगा। जो व्यक्ति परिश्रम करता है उसका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 6 (700 शब्द)

भूमिका : मनुष्य के जीवन में परिश्रम का बहुत महत्व होता है। हर प्राणी के जीवन में परिश्रम का बहुत महत्व होता है। इस संसार में कोई भी प्राणी काम किये बिना नहीं रह सकता है। प्रकृति का कण-कण बने हुए नियमों से अपना-अपना काम करता है। चींटी का जीवन भी परिश्रम से ही पूर्ण होता है। मनुष्य परिश्रम करके अपने जीवन की हर समस्या से छुटकारा पा सकता है|

सूर्य हर रोज निकलकर विश्व का उपकार करता है।वह कभी भी अपने नियम का उल्लंघन नहीं करता है। वह पर्वतों को काटकर सडक बना सकता है, नदियों पर पुल बना सकता है, जिन रास्तों पर काँटे होते हैं उन्हें वह सुगम बना सकता है। समुद्रों की छाती को चीरकर आगे बढ़ सकता है। नदियाँ भी दिन-रात यात्रा करती रहती हैं। वनस्पतियाँ भी वातावरण के अनुसार परिवर्द्धित होती रहती हैं।

परिश्रम का महत्व :  परिश्रम का मनुष्य जीवन में बहुत महत्व है वैसे तो यह जीवन मनुष्य का भगवान के द्वारा दिया गया एक उपहार है, परंतु इस जीवन को सार्थकता प्रदान करना ही हमारा धर्म है। परिश्रम से मनुष्य कुछ भी कर सकता है परिश्रम ही राजा को रंक और दुर्बल को सबल बनाती है। परिश्रम का हमारे जीवन पर ही नहीं बल्कि हमारे देश पर भी असर होता है।

जिस देश के नागरिक पढ़े लिखे एवं परिश्रमी वह देश बड़ी ही तेजी से विकास एवं उन्नति करता है। वैसे तो सभी व्यक्ति के अपने-अपने विचार होते हैं एवं सभी लोगों का अपना एक सपना होता है लोग अपने जीवन में तरह-तरह की कल्पनाएं करते हैं परंतु केवल कल्पना मात्र करने से हमें सफलता नहीं मिलेगी उसके लिए केवल एक ही उपाय करना होगा वह है – परिश्रम।

आलस्य से हानियाँ :  आलस ही असफलता का कारण होता है, जो व्यक्ति आलसी हो जाता है उसका विकास रुक जाता है और सफलता पाना उसके लिए नमुमकिन हो जाता हैl जबकि परिश्रमी व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ता हैl विद्यार्थी को परिश्रम करना चाहिए जिससे वह परीक्षा में सफल होकर जीवन में भी सफल हो सके।

इस प्रकार परिश्रम का हमारे जीवन में एक विशेष महत्व है इसके बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है l मजदूर भी परिश्रम से ही संसार के लिए उपयोगी वस्तुओं का निर्माण करता है, कवि और लेखकों ने परिश्रम के बल पर अपनी रचनाओं से देश को मंत्रमुग्ध किया है।

परिश्रम की आवश्यकता : जीवन में सफलता की कुंजी परिश्रम ही है, इसलिए हर क्षण हमें परिश्रम की आवश्यकता होती है। खाना भी मुँह में स्वयं नहीं चला जाता, चबाना पड़ता है। लेकिन जो व्यक्ति कोई भी कार्य करना ही नहीं चाहता, ऐसा आलसी, अनुद्योगी तथा अकर्मण्य व्यक्ति कहीं भी सफलता नहीं पा सकता। उसी मानव का जीवन सार्थक माना जा सकता है, जिसने अपने तथा अपने राष्ट्र के उत्थान हेतु परिश्रम किया हो। अनेक संघर्षों तथा उद्यमों के पश्चात् ही सफलता मनुष्य के कदम चूमती है।

परिश्रम का वास्तविक स्वरूप : किसी को अपने जीवन में कब परिश्रम करना चाहिए? इसका सही समय क्या होना चाहिए? इत्यादि उलझनों में हम घेरे रहते हैं। परिश्रम का वास्तविक स्वरूप यह है कि हमें बिना फल के कर्म करते रहना चाहिए।

भगवान कृष्ण ने भी गीता में यही कहा था कि कर्म करते रहो फल की इच्छा ना करो। अगर आपको कुछ भी चाहिए तो आप उसके लिए परिश्रम करते रहिए। कभी ना कभी वह आपको जरूर हासिल होगा।

उपसंहार : अत: उन्नति विकास एवं समृद्धि के लिए यह आवश्यक है कि सभी मनुष्य परिश्रमी बनें । परिश्रम वह कुंजी है जो साधारण से साधारण मनुब्ध को भी विशिष्ट बना देती है । परिश्रमी लोग सदैव प्रशसा व सम्मान पाते हैं । वास्तविक रूप में उन्नति व विकास के मार्ग पर वही व्यक्ति अग्रसर रहते हैं जो परिश्रम से नहीं भागते ।

भाग्य का सहारा वही लोग लेते हैं जो कर्महीन हैं । अत: हम सभी को परिश्रम के महत्व को स्वीकारना एवं समझना चाहिए तथा परिश्रम का मार्ग अपनाते हुए स्वयं का ही नहीं अपितु अपने देश और समाज के नाम को ऊँचाई पर ले जाना चाहिए ।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 7 (1000+ शब्द)

वह कभी भी अपने नियम का उल्लंघन नहीं करता है। वह पर्वतों को काटकर सडक बना सकता है, नदियों पर पुल बना सकता है, जिन रास्तों पर काँटे होते हैं उन्हें वह सुगम बना सकता है। समुद्रों की छाती को चीरकर आगे बढ़ सकता है। नदियाँ भी दिन-रात यात्रा करती रहती हैं। वनस्पतियाँ भी वातावरण के अनुसार परिवर्द्धित होती रहती हैं। कीड़े, पशु, पक्षी अपने दैनिक जीवन में व्यस्त रहते हैं।

परिश्रम और भाग्य :  कुछ लोग परिश्रम की जगह भाग्य को अधिक महत्व देते हैं। ऐसे लोग केवल भाग्य पर ही निर्भर होते हैं। वे भाग्य के सहारे जीवन जीते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि भाग्य जीवन में आलस्य को जन्म देता है और आलस्य जीवन मनुष्य के लिए एक अभिशाप की तरह होता है। वे लोग यह समझते हैं कि जो हमारे भाग्य में होगा वह हमें अवश्य मिलेगा। वे परिश्रम करना व्यर्थ समझते हैं।

भाग्य का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है लेकिन आलसी बनकर बैठे हुए असफलता के लिए भगवान को कोसना ठीक बात नहीं है। आलसी व्यक्ति हमेशा दूसरों के भरोसे पर जीवन यापन करता है। वह अपने हर काम को भाग्य पर छोड़ देता है। हमारे इसी भाव की वजह से भारत देश ने कई वर्षों तक गुलामी की थी। परिश्रम से कोई भी मनुष्य अपने भाग्य को भी बदल सकता है।

जो व्यक्ति आलसी होते हैं वे केवल भगवान के लिखे हुए पर आश्रित होते हैं। हम सभी के मन में हीनता की भावना पैदा हो गई है लेकिन जैसे-जैसे हमने परिश्रम के महत्व को समझा तो हमने पराधीनता की बेड़ियों को तोडकर स्वतंत्रता की ज्योति जलाई थी। कायर व्यक्ति हमेशा कहते रहते हैं कि हमें भगवान देगा। अगर परिश्रम करने के बाद भी हमें सफलता नहीं मिलती है तो हमे इस पर विचार करना चाहिए कि हमारे परिश्रम में क्या कमी थी।

परिश्रम का महत्व : परिश्रम का बहुत अधिक महत्व होता है। जब मनुष्य के जीवन में परिश्रम खत्म हो जाता है तो उसके जीवन की गाड़ी रुक जाती है। अगर हम परिश्रम न करें तो हमारा खुद का खाना-पीना, उठना-बैठना भी संभव भी नहीं हो पायेगा। अगर मनुष्य परिश्रम न करे तो उन्नति और विकास की कभी कल्पना ही नहीं की जा सकती थी। आज के समय में जितने भी देश उन्नति और विकास के स्तर पर इतने ऊपर पहुंच गये हैं वे भी परिश्रम के बल पर ही ऊँचे स्तर पर पहुँचे हैं।

परिश्रम से अभिप्राय होता है वो परिश्रम जिससे विकास और रचना हो। इसी परिश्रम के बल पर बहुत से देशों ने अपने देश को उन्नति और विकास के शिखर पर पहुँचा दिया है। जो परिश्रम व्यर्थ में किया जाता है उसका कोई अर्थ नहीं होता है। जिन व्यक्तियों के जीवन में आलस भरा होता है वे कभी भी जीवन में उन्नति नहीं कर सकते हैं। आज मनुष्य ने परिश्रम से अपने जीवन को उन्नति और विकास के शिखर पर पहुँचा लिया है। परिश्रम के बिना किसी भी प्राणी का जीवन व्यर्थ होता है।

परिश्रम की विजय :  किसी भी तरह से परिश्रम की ही विजय होती है। संस्कृत में एक उक्ति है – सत्यमेव जयते। इसका अर्थ ही होता है परिश्रम की विजय होती है। मनुष्य मानव प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ प्राणी होते है। मनुष्य खुद ही भगवान का स्वरूप माना जाता है। जब मनुष्य परिश्रम करते हैं तो उनका जीवन उन्नति और विकास की तरफ अग्रसर होता है लेकिन उन्नति और विकास के लिए मनुष्य को उद्यम की जरूरत पडती है। उद्यम से ही मनुष्य अपने कार्य को सिद्ध करता है वह केवल इच्छा से अपने कार्य को सिद्ध नहीं कर सकते है।

जिस तरह से बिल्ली के मुंह में चूहे खुद ही आकर नहीं बैठते है उसी तरह से मनुष्य के पास बिना परिश्रम के उन्नति और विकास खुद ही नहीं हो जाते हैं। परिश्रम के बिना कभी भी मनुष्य का काम सफल नहीं हो सकता है। जब मनुष्य किसी काम को करने के लिए परिश्रम करता है तभी मनुष्य को सफलता मिलती है। मनुष्य कर्म करके अपना भाग्य खुद बनाता है। जो व्यक्ति कर्मशील और परिश्रमी होता है केवल वही अपने जीवन में आने वाली बाधाओं और कठिनाईयों पर परिश्रम से विजय प्राप्त कर सकता है।

परिश्रम के लाभ :   परिश्रम से मनुष्य के जीवन में अनेक लाभ होते हैं। जब मनुष्य जीवन में परिश्रम करता है तो उसका जीवन गंगा के जल की तरह पवित्र हो जाता है। जो मनुष्य परिश्रम करता है उसके मन से वासनाएं और अन्य प्रकार की दूषित भावनाएँ खत्म हो जाती हैं। जो व्यक्ति परिश्रम करते हैं उनके पास किसी भी तरह की बेकार की बातों के लिए समय नहीं होता है। जिस व्यक्ति में परिश्रम करने की आदत होती है उनका शरीर हष्ट-पुष्ट रहता है। परिश्रम करने से मनुष्य का शरीर रोगों से मुक्त रहता है।

परिश्रम करने से जीवन में विजय और धन दोनों ही मिलते हैं। अक्सर ऐसे लोगों को देखा गया है जो भाग्य पर निर्भर नहीं रहते हैं और थोड़े से धन से काम करना शुरू करते हैं और कहाँ-से-कहाँ पर पहुंच जाते है। जिन लोगों के पास थोडा धन हुआ करता था वे अपने परिश्रम से धनवान बन जाते हैं। जो व्यक्ति परिश्रमी होते हैं उन्हें जीवित रहते हुए भी यश मिलता है और मरने के बाद भी। परिश्रमी व्यक्ति ही अपने राष्ट्र और देश को ऊँचा उठा सकता है। जिस देश के लोग परिश्रमी होते है वही देश उन्नति कर सकता है। जिस देश के नागरिक आलसी और भाग्य पर निर्भर होते हैं वह देश किसी भी शक्तिशाली देश का आसानी से गुलाम बन जाता है।

बहुत से ऐसे महापुरुष थे जो परिश्रम के महत्व को अच्छी तरह से समझते हैं। लाल बहादुर शास्त्री, महात्मा गाँधी और सुभाष चन्द्र जैसे महापुरुषों ने अपने परिश्रम के बल पर भारत को स्वतंत्र कराया था। डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्ण जी अपने परिश्रम के बल पर ही राष्ट्रपति बने थे। ये सभी अपने परिश्रम से ही महान व्यक्ति बने थे।

आलस्य से हानियाँ :  आलस्य से हमारा जीवन एक अभिशाप बन जाता है। आलसी व्यक्ति ही परावलम्बी होता है। आलसी व्यक्ति कभी-भी पराधीनता से मुक्त नहीं हो पाता है। हमारा देश बहुत सालों तक पराधीन रह चुका है। इसका मूल कारण हमारे देश के व्यक्तियों में आलस और हीन भावना का होना था। जैसे-जैसे लोग परिश्रम के महत्व को समझने लगे वैसे-वैसे उन्होंने अपने अंदर से हीन भावना को खत्म कर दिया और आत्मविश्वास को पैदा किया। ऐसा करने से भारत देश एक दिन पराधीन से मुक्त होकर स्वतंत्र हो गया और लोग एक-दूसरे के प्रति प्रेम भाव रखने लगे।

परिश्रम से ही कोई व्यक्ति छोटे से बड़ा बन सकता है। अगर विद्यार्थी परिश्रम ही नहीं करेगा तो वह परीक्षा में कभी-भी सफल नहीं हो सकता है। मजदूर भी परिश्रम से ही संसार के लिए उपयोगी वस्तुओं का निर्माण करता है वह संसार के लिए सडकों, भवनों, मशीनों और डैमों का निर्माण करता है। बहुत से कवि और लेखकों ने परिश्रम के बल पर ही अपनी रचनाओं से देश को वशीभूत किया है। अगर आज देश के लोग आलस करते है तो आज हमे जो विशेष उपलब्धियां प्राप्त हैं वे कभी प्राप्त नहीं होते।

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परिश्रम के महत्व पर निबंध

परिश्रम के महत्व पर निबंध

परिश्रम के महत्व पर निबंध, परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने और एक सफल व्यक्ति बनने के लिए जीवन में परिश्रम सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य घटक है। काम पूजा है और यह हमारे जीवन का एक हिस्सा है, इसलिए इस दुनिया में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कम उम्र से लेकर शेष जीवन तक काम करना पड़ता है और इसलिए हर कोई ऐसा भी करता है, लेकिन सिर्फ काम करने के बीच एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण अंतर है किसी चीज़ या किसी चीज़ पर परिश्रम करना जैसे कुछ भी हो सकता है खेल, पढ़ाई, नौकरी, व्यवसाय या कुछ अन्य सामान, आदि। बस दृढ़ निश्चय और जुनून के साथ कुछ करने में लगे रहने से आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएंगे, आपको परिश्रम करनी होगी पूर्ण समर्पण के साथ तभी आप सफलता का स्वाद महसूस कर सकते हैं। ज्यादातर छात्र उत्तीर्ण होते हैं लेकिन उनमें से सभी योग्यता में स्कोर नहीं कर रहे हैं, जो अपनी पढ़ाई के प्रति वफादार है और पूरी मेहनत और समर्पण के साथ प्रदर्शन कर रहा है, वह निश्चित रूप से एक विद्वान होगा। इस प्रकार, यदि आप सबसे अच्छा होना चाहते हैं, तो आपको समर्पित, केंद्रित, भावुक और कड़ी मेहनत करने वाला होना चाहिए और यह किसी भी क्षेत्र या व्यवसायों में सफलता प्राप्त करने का एकमात्र मास्टर फॉर्मूला है।

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परिश्रम के प्रति गलतफहमी – परिश्रम के महत्व पर निबंध

किसी को भी टिप्पणी करना या जज करना बहुत आसान है कि वह किसी को सफल होने पर देखने में भाग्यशाली और भाग्यशाली है लेकिन किसी को भी इसके पीछे की गई मेहनत का एहसास नहीं है या वे वास्तव में महसूस नहीं करना चाहते हैं, उनके पास हमेशा एक बहाना होता है। कड़ी मेहनत से बड़ा कुछ भी नहीं है, अक्सर बड़ी संख्या में लोगों को विभिन्न प्रतिभाओं का आशीर्वाद मिलता है, लेकिन वे सभी जीवन में सफल नहीं होते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी प्रतिभा को संवारने के लिए कड़ी मेहनत नहीं की और जिन्होंने अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की है यह जीवन भर कैरियर के रूप में निश्चित रूप से जीवन में चमत्कार करेगा। और यद्यपि किसी भी प्रकार की प्रतिभा का आशीर्वाद किसी भी समस्या में नहीं है, बस आपके पास दृढ़ इच्छा शक्ति, साहस, दृढ़ संकल्प, समर्पण, जुनून, और कड़ी मेहनत और अपने आशाजनक लक्ष्य के लिए कुछ धैर्य होना चाहिए और आप निश्चित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे क्योंकि कड़ी मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती है यह हमेशा आपको वापस भुगतान करता है, थोड़ी देर बाद हो सकता है लेकिन यह इसलिए होगा क्योंकि भगवान भी केवल उन लोगों की मदद करता है, जो खुद की मदद करने के लिए तैयार हैं, और यदि आप कड़ी मेहनत नहीं करेंगे तो कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता है भगवान भी नहीं । हर सफलता के पीछे अभ्यास, प्रयास और असफलता, सीखने, त्याग, समर्पण, दृढ़ संकल्प, जुनून, अपने इच्छित लक्ष्य को प्राप्त करने का पागलपन, और कड़ी मेहनत के बाद काम आते हैं।

परिश्रम का परिणाम – परिश्रम के महत्व पर निबंध

अगर हम सचमुच अपने मन और आंखों को अपने आस-पास खोलते हैं और अपने चारों ओर देखते हैं तो हमें पता चलेगा कि हम कड़ी मेहनत के कई उदाहरणों से घिरे हुए हैं क्योंकि अतीत से लेकर वर्तमान समय तक के विकास को आम तौर पर देखते हैं और इतिहास के बारे में सोचते हैं। आविष्कार केवल कुछ ही सुविधाओं के बारे में करते हैं जो उनकी सुविधा के लिए उपलब्ध हैं जैसे ट्रेंडिंग में से एक आपका मोबाइल फोन है जिसे हर महीने अपग्रेड किया जा रहा है, एक नया और उन्नत स्मार्टफोन है। लेकिन किसी को भी उस स्मार्टफोन के प्रोडक्शन, प्लानिंग, एक्जीक्यूशन, ट्रायल्स और फेल्योर पर की गई मेहनत का अंदाजा नहीं है। इसी तरह, एक हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट, मोटर कार, मोटर बाइक, कंप्यूटर, लैपटॉप, एलसीडी, मिसाइल के रूप में बहुत सारे उदाहरण हैं, और भी बहुत कुछ है, इन वस्तुओं के निर्माण पर बहुत अधिक मेहनत है।

यदि हम 500 सफल हस्तियों की गवाही या जीवनी से गुजरते हैं, तो हम उनके द्वारा उस स्तर पर किए जाने वाले कठिन परिश्रम की मात्रा और संघर्ष को समझ सकते हैं। अगर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के भगवान के रूप में जाना जाता है, तो यह केवल उनके त्याग, अभ्यास, निरंतरता, निष्ठा, जुनून, समर्पण के कारण है। वह प्रतिभाशाली थे और उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर बहुत मेहनत की है ताकि वह पूरी दुनिया में क्रिकेट के बादशाह के रूप में जाने जाएं।

इसके सैकड़ों उदाहरण हैं – अल्बर्ट आइंस्टीन, आइजैक न्यूटन, स्टीव जॉब्स, एलोन मस्क, अमिताभ बच्चन, बराक ओबामा, पीएम नरेंद्र मोदी जी, ये सभी प्रेरक और परिश्रमी व्यक्तित्व हैं, इसीलिए वे एक सितारे की तरह चमक रहे हैं। इतिहास हमें कई उदाहरणों के साथ बताता है कि यह कड़ी मेहनत है जो सफलता लाती है, यदि आप असफल हैं या आप इस पर निर्भर हैं तो आप अपनी किस्मत को दोष नहीं दे सकते। आप देख सकते हैं कि विज्ञान ने आज चमत्कार किया है, चिकित्सा, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी में विकास और इंटरनेट की वर्तमान अवधि भी इसके पीछे वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। अगर कोई संघर्षशील और कठोर कार्यकर्ता नहीं होता तो हम आज अपने जीवन का आनंद नहीं ले रहे होते। वर्तमान समय में जीवन इतना आसान नहीं रहा होगा।

एक मेहनती व्यक्ति का व्यक्तित्व

एक परिश्रमी मानव कभी भी बहाने नहीं देता है या अपने कार्यों को अनिश्चित कारण देने में देरी करता है, वह हमेशा हर चीज के लिए तैयार रहता है। वह हमेशा सक्रिय रहेगा, उनके पास एक दयालु दिल है, दूसरों की मदद करने में विश्वास है, वे आलसी और सुस्त नहीं हैं, उनके पास हमेशा कुछ करने के लिए होता है या वे समस्याओं को हल करने और चीजों को आसान बनाने के लिए कुछ अनोखा और फायदेमंद पाते हैं। मेहनती लोग बहुत अनुशासित, समर्पित और देखभाल करने वाले होते हैं। प्रत्येक छात्र को शुरू से ही कड़ी मेहनत करने की एक चिंगारी और सीख होनी चाहिए ताकि वे अपने जीवन में पुरस्कार, सम्मान और सम्मान अर्जित कर सकें।

Hard Work Essay in English

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परिश्रम ही सफलता की कुंजी है निबंध। Essay on Importance of Hard Work

परिश्रम सफलता की कुंजी है निबंध। Essay on Importance of Hard Work : परिश्रम उस प्रयत्न को कहा जाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। परिश्रम ही मानव की उन्नति का एकमात्र साधन है। परिश्रम के द्वारा हम वे सभी वस्तुएं प्राप्त कर सकते हैं जिनकी हमें आवश्यकता है। इसके द्वारा कठिन से कठिन कार्य को भी संभव बनाया जा सकता है। एक प्राचीन कहावत है की जो मनुष्य अपने पुरुषार्थ पर यकीन रखकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मन, वचन और कर्म से कठिन परिश्रम करता है, सफलता उसके कदम चूमती है। परिश्रम के द्वारा मनुष्य के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं।

परिश्रम सफलता की कुंजी है निबंध। Essay on Importance of Hard Work

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जीवन में परिश्रम का महत्व पर निबंध

जीवन में परिश्रम का महत्व importance of hard work essay in hindi.

प्रस्तावना : परिश्रम का जीवन में अत्यंत महत्व है। इसे जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता बतलाते हुए भर्तृहरि ने तो इसे जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता बतलाते हुए कहां है-

“उद्यमे नहि सिध्यंति कार्याणि ना मनोरथि :। न हीं सुप्तस्य सिहंसय, प्रविशन्ति मुखे मर्गा।।

अर्थात कोई भी कार्य केवल मनोरथ से ही पूरे नहीं हो जाते हैं। अपितु उनको पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत भी बहुत आवश्यक होती है सिंह के मुंह में पशु स्वम् प्रवेश नहीं कर लेते हैं इसके लिए तो सिंह को विशेष प्रयास करना ही पड़ता है।

श्रम का महत्व: श्रम का महत्व निश्चय ही असीमित है। परिश्रमी व्यक्ति संभव से संभव से असंभव से संभव कर सकते हैं। सर्वथा समर्थ होता हैं। इतिहास के आदिकाल से परिश्रम के महत्व को सभी स्वीकारते रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि श्रम से ना केवल लाभ प्राप्त होता है बल्कि सुयश भी। इससे सुख वैभव ओर आनंद प्राप्त होता ही है, साथ ही परिश्रमी व्यक्ति समाज और राष्ट्र की प्रगति का बहुत बड़ा आधार बन जाता है। उससे समाज राष्ट्र को अपेक्षित दिशा निर्देश और सहयोग प्रेरणा प्राप्त होती है। इस प्रकार हम आए दिन यह देखते हैं कि श्रम- साधक अपनी कठिन तप साधना के द्वारा मनवांछित यश और वैभव को प्राप्त करके अपने आसपास के समाज को प्रेरित करता है। जिस तरह एक निर्धन छात्र अपने घोर परिश्रम से न केवल परीक्षा में अव्वल अंकों को हासिल करता है, अपितु उच्चपद पर पहुँच करके अपने परिवार-समाज के मस्तक को भी ऊँचा करके सबका आदर्श बनता है।

सच्चा परिश्रमी व्यक्ति यदि असफल हो जाए तो उसे पश्चाताप नहीं होता उसके मन में इतना संतोष अवश्य रहता है कि उसमें जितनी अधिक शक्ति थी उसने उतना प्रयत्न किया उसका फल देना या ना देना तो ईश्वर के ऊपर था। मनुष्य का कर्तव्य तो केवल कार्य करना है परिश्रमी व्यक्ति के विपरीत आलसी व्यक्ति होता है। वह अपनी असफलता का दोष ईश्वर को देता है लेकिन वह नहीं समझ पाता है कि भाग्य भी परिश्रमी व्यक्ति का साथ देता है। ऐसा इसलिए कि भाग्य बिना परिश्रम के साथ नहीं देता इसलिए भाग्य तो पुरुषार्थ परिश्रम के अनुसार बनता है इस संदर्भ में कविवर श्रीरामधारी सिंह दिनकर ने स्पष्ट रूप में लिखा है।

” प्रकृति नहीं डरकर झुकती है, कभी भाग्य के बल से, सदा हारती वह मनुष्य के उधम से ,श्रम जल् से”।।

परिश्रम के विविध उदाहरण : इतिहास में ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं जो इस बात के गवाह है कि परिश्रम से ही सफल होते है बाबार, शेर शाह नेपोलियन, सिकंदर आदि सभी आरंभ में सामान्य व्यक्ति ही थे। लेकिन अपने परिश्रम से उन्होंने बड़े -बड़े साम्राज्य खड़े कर दिए थे। इस प्रकार इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया। कोलंबस ने अपने कठोर और घोर परिश्रम की बदौलत ही अमेरिका की खोज की थी। शिवाजी की सफलता का रहस्य उनकी घोर परिश्रम शीलता ही थी। इसके विपरित उनका पुत्र संभाजी आलस के कारण ही असफल रहा। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सफलता का सेहरा परिश्रम शीलता ही थी। संपूर्ण आजादी की संदर्भ के फल स्वरुप हम भारतीयों ने सेकड़ो वर्षो की गुलामी की बेड़ी को खंड- खंड कर डाला।

तप तथा परिश्रम के कारण नछुष इंद्रासन का अधिकारी बना था। घोर परिश्रम अथवा तप के प्रभाव से रावण लंका का अधिपति, कालिदास विश्वकवि, मैडम क्यूरी तथा एडिशन महान वैज्ञानिक हुए और अब्राहम लिंकन अमेरिका का राष्ट्रपति बना विश्व के महान लेखकों , कवियों, वैज्ञानिको, आदि की सफलता का रहस्य भी उनकी घोर परिश्रम शीलता ही है। विशव के सात महान आशचर्य मनुष्य के अटूट परिश्रम के ही परिणाम है। अमेरिका, जापान, रूस, जर्मनी, आदि देशों की उन्नति की नींव अटूट परिश्रम ही है। मनुष्य की चंद्रमा सहित अन्य ग्रहों की यात्रा के मूल में उनके निरंतर परिश्रम ही है। इस तरह कठिन और बारंबार परिश्रम का ही यह फल है। इस तरह कठिन और बारंबार परिश्रम का ही यह फल है।

उपसंहार: जहां प्रगति है वहां परिश्रम है। दूसरे शब्दों में परिश्रम विकास का जनक है। परिश्रम से जी चुराने वाला कभी सुख को प्राप्त नहीं कर सकता है। वह तो भाग्य के सहारे रहते हुए और कुछ करना जानता ही नहीं है। वास्तव में श्रम ही सुखमय जीवन का आधार है। यही सर्जन की कुंजी है। जीवन की सच्चाई केवल परिश्रम है।

#सम्बंधित: Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध। 

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Hard Work Success Essay In Hindi | परिश्रम ही सफलता पर निबंध

Hard Work Success Essay In Hindi परिश्रम ही सफलता पर निबंध

  • परिश्रम का महत्व
  • भाग्य और परिश्रम
  • परिश्रम से ही सफलता

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

परिश्रम ही सफलता पर निबन्ध | Essay on Hard Work Success In Hindi

वेद के एक मंत्र में कहा गया है-‘कृतं में दक्षिणे हस्ते, जयो में सव्य अहिते’-मेरे दाएँ हाथ में कर्मठता हो तो बाएँ हाथ में विजय होगी। इस मंत्र ने एक सच्चाई को प्रस्तुत किया है। जो व्यक्ति परिश्रम और साहस से कार्य करते हैं, उन्हें सदा सफलता प्राप्त होती व्याकरण संधान है। श्रम के महत्व को सभी ने स्वीकार किया है। यह वह शक्ति है जिस पर विश्वास और भरोसा किया जा सकता है। एक प्राचीन कहावत के अनुसार यह पृथ्वी परिश्रमी और पुरुषार्थी व्यक्तियों द्वारा ही भोगी जा सकती है-‘वीरभोग्या वसुंधरा’ परिश्रमी व्यक्ति ही इस संसार के ऐश्वर्य को भोग सकते हैं। किसी महान कार्य को पूरा करने के लिए परिश्रम ही एक मात्र साधन है।

जो मनुष्य परिश्रम न करके आलस्यपूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं, सफलता उनसे दूर रहती है। पछतावा करने के सिवाय उन्हें कुछ हाथ नहीं लगता ‘अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।’ ऐसे मनुष्य भाग्य को बड़ा मानते हैं। भाग्य को विधाता मानकर वे परिश्रम से बचते हैं। उनके अनुसार ‘मनुष्य भाग्य के हाथों का खिलौना’ होता है। भाग्यवादी प्रायः सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र और भगवान श्री राम के जीवन का उदाहरण देते हैं। उनका कहना है कि भाग्य बड़ा बलवान होता है, उसी के कारण राजा हरिश्चंद्र को राज-त्याग कर श्मशान में दासता करनी पड़ी तथा भगवान राम को चौदह वर्ष तक वन में रहकर कष्ट भोगने पड़े।

जीवन का यथार्थ कुछ और ही कहानी कहता है। भाग्य पर भरोसा न करके परिश्रम की पतवार के सहारे ही जीवन नौका में बैठकर संसार-सागर के उस पार पहुंचा जा सकता है। जो लोग आलसी और निष्क्रय होते हैं वही ‘भाग्यं फलति सर्वत्र’ का नारा लगाते हैं। वे मनुष्य को नितांत शक्तिहीन और असमर्थ मानते हैं। ऐसे व्यक्ति हीन भावना से ग्रस्त होते हैं, उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है तथा वे स्वयं को असहाय समझते हैं। वे हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। परिश्रम को तिलांजलि देकर वे निराशापूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। इसके विपरीत भाग्य या संयोग को कल्पना की वस्तु मानने वाले परिश्रमशील व्यक्ति दूसरों को दोष नहीं देते। वे कठोर श्रम और दृढ़ संकल्प शक्ति को ही सफलता की कुंजी मानते हैं। नेपोलियन की मान्यता थी, “भाग्य उन्हीं का साथ देता है जो सबसे अधिक कुशल, सबसे अधिक साहसी और दृढ़ निश्चयी होते हैं।” ऐसे वीर पुरुषों के सामने ऊँचे पर्वत भी सिर झुका देते हैं। नियति को तुच्छ मानने वाले ऐसे महापुरुष जीवन की विषम परिस्थितियों तथा बड़ी-से-बड़ी बाधाओं की चुनौती को स्वीकार करते हैं। महाराजा रणजीतसिंह की तरह उनके चरणों में भी नदी की भयंकर ऊँची लहरें नतमस्तक हो जाती हैं। कवि अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ ने ऐसे ही पुरुषों के लिए कहा है-

देखकर बाधा विविध बहु विज घबराते नहीं, रह भरोसे भाग्य के दुख भाग पछताते नहीं।

उद्यम से ही सब कार्य सिद्ध होते हैं, केवल मन में विचार करने से कार्य-सिद्धि नहीं होती। भगवान भी उन्हीं की मदद करता है जो अपनी मदद आप करते हैं। इसलिए मनुष्य को परिश्रम के महत्व को पहचानना चाहिए। कभी-कभी ऐसा भी देखा जाता है कि परिश्रम करने के बाद भी कार्य सिद्ध नहीं होता, ऐसी स्थिति में निराशा का दामन थामने से काम नहीं चलता। यत्न करने पर भी यदि कार्य में सफलता नहीं मिलती तो उसके लिए परिश्रमी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। महाराज भर्तृहरि ने उचित ही कहा है-

उद्योगिन पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मी, दैवेन देयमिति कापुरुषा वदंति। दैव निहत्य कुरु पौरुषमात्मशक्त्या, यत्ने कृते यदि न सिध्यति कोऽत्र दोषः।

सिद्धि या सफलता का मूल मंत्र निःसंदेह उद्यम या उद्योग है। असफल होने पर परिश्रमी व्यक्ति को यह देखना चाहिए कि उसकी कार्य-विधि में कहाँ त्रुटि रह गई। उस दोष का निवारण कर उसे तत्परतापूर्वक पुनः कार्य में जुट जाना चाहिए। निश्चय ही सफलता उसके चरण चूमेगी।

  • निबंध ( Hindi Essay)

hard work essay in hindi

Essay On Importance Of Hard Work in Hindi | परिश्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में

Essay On Importance Of Hard Work in Hindi

Essay On Importance Of Hard Work in Hindi: परिश्रम का महत्व हमारे जीवन मे कितना अधिक है यह हम सब भलीभांति जानते हैं, खासकर विद्यार्थी। परिश्रम के बिना छोटी सी सफलता भी हासिल नही कर सकते।

परिश्रम का महत्व पर निबंध में हम आज जानेंगे कि परिश्रम क्या है, परिश्रम के प्रकार, कैसे परिश्रम भाग्य बदल सकता है, परिश्रम के लाभ, परिश्रम का दुश्मन आदि।

Essay On Importance of HardWork in Hindi यानी परिश्रम का महत्व पर निबंध सभी कक्षाओं के लिए है। इसे कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12 के विद्यार्थी उपयोग कर सकते हैं।

Table of Contents

Essay On Importance Of Hard Work in Hindi | परिश्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में (300 Words)

किसी व्यक्ति की सफलता में परिश्रम का उतना ही योगदान है जितना जीवित रहने के लिए भोजन का। परिश्रम को सफलता की कुंजी कहा है। आज तक दुनियाँ में कोई भी अकस्मात सफल नही हुआ है।

इतिहास उठाकर देखें तो पता चलता है कि सफलता पाने के लिए सही दिशा में किया जाने वाला परिश्रम कितना जरूरी है।

परिश्रम की परिभाषा

परिश्रम को यदि आसान शब्दों में परिभाषित (Essay On Importance Of Hard Work in Hindi) किया जाए तो यह कहा जा सकता है कि किसी काम को करने में हमारे द्वारा किया जाने वाला श्रम ही परिश्रम कहलाता है।

वैसे तो हर व्यक्ति कुछ न कुछ परिश्रम जरूर करता है लेकिन फर्क इस बात से पड़ता है कि कौन कम परिश्रम करता है और कौन अधिक।

परिश्रम की मात्रा यह तय करती है कि हम कितना जल्दी सफल हो पायेंगे। हम जितना अधिक परिश्रम करेंगे, सफलता मिलने में उतना ही कम वक्त लगेगा।

परिश्रम के प्रकार |Types of Hard Work.

परिश्रम मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। वह परिश्रम जिसमें हम अपनी शारीरिक अंगों का उपयोग करते हैं शारीरिक परिश्रम कहलाता है। शारीरिक परिश्रम आमतौर पर मजदूर वर्ग के लोग सबसे अधिक करते हैं।

वही जिसमें हम अपनी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमताओं का उपयोग करते हैं और मानसिक परिश्रम कहलाता है। मानसिक परिश्रम, शारीरिक परिश्रम की तुलना में ज्यादा कीमती होता है।

किसी भी नई चीज के निर्माण में शारीरिक और मानसिक परिश्रम (Essay On Importance Of Hard Work in Hindi) दोनों करना पड़ता है। पहले मानसिक परिश्रम किया जाता है उसके बाद उसे वास्तविक रूप देने के लिए शारीरिक परिश्रम किया जाता है।

परिश्रम के बिना जीवन पशु के समान है। एक पशु भी अपने भोजन के लिए ही बस परिश्रम करता है। यदि हम भी सिर्फ इतने के लिए ही परिश्रम करेंगे तो फिर हममें और जानवर में क्या अंतर रह जाएगा।

इसलिए यह जरूरी है कि अपने जीवन मे कुछ ऊँचे लक्ष्य बनाएं और फिर उन्हें हासिल करने के लिए पूरे दिल से परिश्रम करें।

Essay On Importance Of Hard Work in Hindi | परिश्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में (500 Words)

परिश्रम के बिना जीवन का कोई सार नही है। जीवन का दूसरा नाम ही परिश्रम है। जो व्यक्ति परिश्रम और पुरुषार्थ करता है वह कभी भी खुद को असहाय महसूस नही करता, भले ही परिस्थिति (Essay On Importance Of Hard Work in Hindi) कितनी भी विकट क्यों न हो।

इस संसार में जितने भी जीवधारी हैं वह परिश्रम के बिना जीवित नहीं रह सकते। परिश्रम ही जीवन का मूल आधार है।

जंगल में रहने वाले जीव भूखे मर जाएंगे यदि अपने भोजन, पानी के लिए परिश्रम नहीं करेंगे। चीटियाँ अपने भोजन एवं जीवनयापन के लिए दिन रात परिश्रम करती हुई दिखाई देती हैं।

यदि बात मनुष्यों की की जाए तो यहां जरूर हमें आलस्य नाम का एक शब्द दिखाई देता है। कुछ मनुष्य आलसी प्रवृत्ति के होते हैं लेकिन फिर भी अपने स्तर पर कुछ ना कुछ श्रम जरूर करते हैं।

परिश्रम है जरूरी

जीवन में सफलता हासिल करने का रास्ता परिश्रम से ही गुजरता है। लेकिन सिर्फ सफल होने के लिए ही परिश्रम नही करना पड़ता बल्कि एक साधारण जीवन जीने के लिए भी हमें श्रम करना पड़ता है।

हम सफल हो या असफल दोनों ही परिस्थिति में हमें परिश्रम जरूर करना पड़ता है, लेकिन यदि सफल होना है तो हमें ज्यादा परिश्रम करना पड़ेगा।

परिश्रम के बल पर ही आज हम ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के सीने को चीरते हुए उनसे रास्ता निकाल देते हैं। नदियों का रुख मोड़ कर सूखे स्थानों में भी पानी पहुंचा सकते हैं।

बंजर भूमि को उपजाऊ बना सकते हैं, हजारों किलोमीटर के सफर को बस कुछ ही घंटों में पूरा कर सकते हैं। यदि इंसान परिश्रमी नहीं होता तो हम कई सुविधाओं से वंचित रहते।

परिश्रम भाग्य बदल सकता है।

भाग्य और मेहनत को लेकर हमेशा ही यह बहस होती रहती है कि दोनों में कौन अधिक बलवान है। हर किसी के अपने अपने मत है। कोई भाग्य को बलवान मानता है तो किसी के लिए परिश्रम ही सब कुछ है।

गहराई से समझने पर यह प्रतीत होता है कि दोनों का अपना-अपना महत्व है। भाग्य जहाँ संचित पूंजी की तरह है वही परिश्रम रोज की मेहनत से आने वाली पूंजी की तरह।

यदि कोई लंबे वक्त से गरीबी झेल रहा है लेकिन वह प्रतिदिन कमाई के लिए श्रम करता है तो एक दिन जरूर आएगा जब वह गरीबी दूर कर लेगा।

ठीक इसी तरह यदि किसी का भाग्य खराब है, पर यदि वह सही दिशा में मेहनत कर रहा है तो कभी न कभी उसे की गई मेहनत का सकारात्मक फल जरूर मिलेगा, क्योंकि कर्म कभी मिटता नही है, उसका परिणाम सदैव मिलता है, फिर चाहे वह अच्छा कर्म हो या बुरा।

आलस्य है परिश्रम का दुश्मन

परिश्रम का सबसे बड़ा शत्रु आलस्य है। जिस व्यक्ति के मन मस्तिष्क में आलस्य है, वह परिश्रम करने से बचता रहता है।

उसकी सोच यह रहती है कि बिना श्रम किये ही उसे सभी सुख सुविधाओं की सामग्री मिल जाए। पर ऐसी सोच व्यक्ति के विकास को रोक देती है और वह पतन की तरफ अग्रसर हो जाता है।

आलसी व्यक्ति कभी भी परिश्रमी नही हो सकता। आलसी व्यक्ति जीवन मे सिर्फ उतना ही हासिल कर पाता है जो उसे आसानी से मिल जाता है। उसमें संघर्ष करने की शक्ति नही होती।

इसलिए परिश्रमी व्यक्ति को आलस्य से दूर रहना चाहिये। दिन भर खूब मेहनत करनी चाहिए ताकि रात को सुकून की नींद आ सकें।

आजकल युवाओं में आलस बहुत अधिक देखने को मिलती है। सुख सुविधाओं की सभी चीज़े उन्हें आसानी से मिल जाती है इसलिए इनके अंदर मेहनत करने की भावना कम होती जा रही है जो कि चिंता का विषय है।

युवाओं को यह सोचना चाहिए कि इस जीवन का सार्थक उपयोग करें। आँखों मे कुछ सपना पालें फिर उसे हासिल करने के लिए मेहनत करें।

Essay On Importance Of Hard Work in Hindi | परिश्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में (1000 Words)

जीवन मे सफलता और खुशहाली हासिल करने का एक मात्र तरीका परिश्रम करना है। भर्तहरि ने परिश्रम के संबंध में एक श्लोक कहा है कि

उद्यमे नहि सिध्यंति कार्याणि ना मनोरथि :। न हीं सुप्तस्य सिहंसय, प्रविशन्ति मुखे मर्गा।

अर्थात – सिर्फ मन मे कामना कर लेने भर से कोई कार्य सम्पन्न नही हो जाता है, उसके लिए हमें कठिन परिश्रम करना पड़ता है, ठीक उसी तरह जैसे सोए हुए सिंह के मुख पर मृग खुद नही आ जाता।

धार्मिक ग्रंथों में परिश्रम को जीवन परिवर्तन करने वाला सबसे बड़ा कारक माना गया है। भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कर्म योग की व्याख्या की है, जिंसमे उन्होंने कर्म के फल और उसके महत्व को बहुत विस्तार से बताया है।

परिश्रम का महत्व | Importance of Hardwork

परिश्रम का महत्व का वर्णन बस कुछ शब्दों में करना असंभव है क्योंकि इसके महत्व की कोई सीमा ही नही है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन मे परिश्रम है अर्थात वह परिश्रम करने से नही डरता तो उसके लिए कोई भी काम असंभव नही है।

वह हर असंभव लगने वाले काम को संभव बना सकता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि इस दुनियाँ में कोई भी काम असंभव नही है, यदि जरूरत है तो बस सही दिशा में किए जाने वाले परिश्रम की।

क्योंकि परिश्रम के बिना तो हम खाना भी नही खा सकते, उसके लिए भी हमें चबाना पड़ता है, तो बाकी सभी कार्य तो बहुत दूर है।

इतिहास और वर्तमान इस बात का साक्षी है कि परिश्रमी व्यक्ति सब कुछ पा सकता है, उसके लिये कोई सीमा नही है। परिश्रमी व्यक्ति के लिए संभावनाएं उतनी ही असीमित है जितना आकाश हमारे लिए है।

परिश्रम से न सिर्फ धन, संपदा की प्राप्ति होती है, बल्कि साथ मे यश, कीर्ति, सुख और आनंद की प्राप्ति भी होती है।

परिश्रमी व्यक्ति अपने परिश्रम से न सिर्फ अपना भला करता है बल्कि अपने साथ-साथ समाज और देश का भी भला करता है।

एक परिश्रमी व्यक्ति यदि किसी अच्छे पद कर आसीन है तो वह देश और समाज के लिए कई बड़े बदलाव कर सकता है।

परिश्रम का वास्तविक स्वरूप

हम सब इस उलझन में रहते हैं कि आखिर परिश्रम का वास्तविक स्वरूप क्या है? किसी को अपने जीवन मे कब तक परिश्रम करना चाहिए, और क्या परिश्रम के बिना भी जीवन चल सकता है?

इन सभी प्रश्नों का उत्तर श्री कृष्ण ने भगवत गीता में दिया है कि

”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन: ।”

अर्थात- इंसान का अधिकार सिर्फ कर्म करने में है, फल की कामना करने से कोई लाभ नही होगा क्योंकि फल कैसा मिलेगा यह इंसानों के हाथ मे नही है।

इस श्लोक का अर्थ जानने के बाद यह प्रश्न उठता है कि क्या परिश्रम करना फिर व्यर्थ है? पर ऐसा नही है। हम अपने जीवन मे हर पल कोई न कोई कर्म जरूर कर रहे होते हैं, फिर हम चाहे लेटे ही क्यों न हो।

इसलिए श्री कृष्ण ने कहा है कि हमें बिना परिणाम की चिंता किये बस परिश्रम और कर्म करते रहना चाहिए। यदि मन मुताबिक परिणाम नही भी मिलते हैं तो भी परिश्रम करने से मुंह नही फेरना चाहिए।

परिश्रम के लाभ | Advantages of Hard work.

हम सब जानते हैं कि सफलता पाने का कोई आसान रास्ता नही है। सफलता सिर्फ और सिर्फ परिश्रम के बल पर ही पाई जा सकती है।

सफलता पाने का यह नियम ऐसे युवाओं के लिए एक संदेश है जो सफलता पाना तो चाहते हैं लेकिन मेहनत करने से घबराते हैं।

आज के लोगो का रहन-सहन बहुत आरामदायक हो गया है जिससे लोग आलसी स्वभाव के बन गए हैं। लेकिन युवाओं को यह समझना होगा कि परिश्रम के बिना सफलता नही मिलती है।

परिश्रम से होने वाले कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित है:-

नई चीजें सीखते हैं।

जैसा कि हम सब जानते है कि आज का जमाना प्रतिस्पर्धा का दौर है। ऐसा कोई क्षेत्र नही है जहाँ प्रतिस्पर्धा नही हो।

ऐसे में कोई भी व्यक्ति किसी जगह पर तभी तक स्थायी रह सकता है जब तक वह उस जगह के लायक होगा। इसके लिए जरूरी है कि वह खुद को हमेशा और बेहतर बनाने की कोशिश करता रहे।

लेकिन जब तक हम परिश्रम नही करेंगे तब तक हम खुद में कोई सुधार नही कर सकते। खुद में नए बदलाव लाने की लिए और वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी है कि हम परिश्रम करने के लिए तैयार रहें।

स्थायी सफलता मिलती है.

किस्मत के बल पर कोई क्षणिक सफलता पा सकता है लेकिन स्थायी सफलता सिर्फ परिश्रम के बल पर ही मिलती है। परिश्रमी व्यक्ति कभी भी अपनी असफलता का दोषी किस्मत को नही मानता।

वह खुद में उन कमियों पर गौर करता है जिनकी वजह से असफलता मिली है। उसके बाद इन पर काम करता है और सफलता मिलने तक कोशिश करता रहता है।

परिश्रम का बीज कभी व्यर्थ नही जाता है। आज की गई परिश्रम का फल कभी न कभी जरूर मिलता है। इसलिए परिश्रम करने के बाद जो सफलता मिलती है वह स्थायी रहती है।

यदि परिश्रम करने के बाद भी कोई असफल हो रहा है तो निराश नही होना चाहिए, क्योंकि हमारे द्वारा की गई मेहनत का परिणाम कभी न कभी जरूर मिलेगा।

नए अवसर बनते हैं.

परिश्रमी व्यक्ति कभी भी अवसर आने का इंतजार नही करता है बल्कि वह खुद अपने लिए अवसर बनाता है। अच्छे अवसर की तलाश में बैठे रहना यह आलसी प्रवत्ति के लोगो का काम है।

जो व्यक्ति मेहनती है और अपने मेहनत के बल पर कुछ हासिल करना जानता है वह अपनी सफलता का रास्ता खुद तैयार करता है। ऐसा नही है कि उसकी राह में कोई मुश्किल नही आती या वह परेशान नही होता।

लेकिन अपने परिश्रमी स्वभाव के कारण सभी मुश्किलों से वह पार पा जाता है और सफलता प्राप्त करता है।

सकारात्मकता बनी रहती है.

परिश्रमी व्यक्ति के जीवन मे भले ही कितनी बड़ी मुश्किलें आ जाएं वह विचलित नही होता। वह थोड़ी देर के लिए परेशान हो सकता है लेकिन उस परिस्थिति में भी सकारात्मकता बनी रहती है।

खुशहाल जीवन जीने के लिए सकारात्मक नजरिया रखना बहुत जरूरी है क्योंकि हर दिन किसी न किसी चुनौती से जूझते हैं। ऐसे में यदि हमारा दृष्टिकोण नकारात्मक है, तो कभी खुश नही रह पाएंगे।

अच्छे चरित्र का निर्माण होता है.

मेहनत करने से व्यक्ति के अंदर अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। मेहनती व्यक्ति मेहनत के महत्त्व को समझता है, इसलिए वह कभी किसी के साथ धोखा नही करता।

सफलता पाने के लिए कोई गलत तरीका नही अपनाता और सिर्फ उतनी ही चीजों पर अपना अधिकार जताता है, जितना उसने अपनी मेहनत से हासिल किया है।

परिश्रमी स्वभाव के व्यक्ति कभी भी परिस्थिति के सामने झुकते नही है, खुद को कमजोर और असहाय महसूस नही करते। ये सभी गुण व्यक्ति को चरित्रवान बनाते हैं।

परिश्रम से सफलता प्राप्ति के कुछ उदाहरण.

धरती पर कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया है जिन्होंने परिश्रम के बल पर न सिर्फ अपने सपने साकार किये बल्कि साथ मे देश और समाज मे एक अहम योगदान दिया। ऐसे ही कुछ उदाहरण इस प्रकार है:-

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का संघर्ष

डॉ. कलाम को मिसाइल मैन कहा जाता है। इन्होंने ही देश मे मिसाइल प्रोग्राम की शुरुआत की थी। लेकिन इनका बचपन अभावों में बीता है।

एक स्थिति ऐसी भी आई थी जब कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए 1000 रु भी नही थे। इतनी गरीबी और विषम परिस्थितियों के बीच भी डॉ. कलाम परिश्रम करते रहे और न सिर्फ एक महान वैज्ञानिक बने बल्कि साथ में देश के राष्ट्रपति का पद भी प्राप्त हुआ।

अब्राहम लिंकन का संघर्ष

अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16 वे राष्ट्रपति थे। अमेरिका में दास प्रथा का बहुत चलन था। इन्होंने ही अपने कार्यकाल में इस प्रथा को खत्म किया। अमेरिकी इतिहास में इन्हें एक महान राष्ट्रपति की उपाधि दी जाती है।

लेकिन इनका बचपन बहुत गरीबी में बीता है। अंगीठी की रोशनी में बैठकर पढ़ाई करते थे। किताबें खरीदने के लिए पैसे नही होते थे तो दूसरों से किताबें लेकर पढ़ते थे।

खेतो में मजदूरी, सुअर काटने का काम, लकड़हारे का काम जैसे कई छोटे काम भी किए ताकि उनका जीवनयापन होता रहे।

लेकिन उनमें सफल होने की बहुत भूख थी। वो चुनाव लड़ते लेकिन हार जाते। इसके बाद भी चुनाव लड़ना जारी रखा।

लिंकन ने अपने जीवनकाल मे 50 से भी अधिक चुनाव में हार दर्ज की लेकिन वो इन हार से कभी निराश नही हुए और एक दिन अमेरिका के राष्ट्रपति बने।

थॉमस एल्वा एडिसन का संघर्ष.

थॉमस एडिसन को स्कूल से इस वजह से निकाल दिया गया था क्योंकि वो मंद बुद्धि थे। लेकिन इसी मंद बुद्धि बालक ने सबसे ज्यादा आविष्कार किये। इन्होंने ने ही बल्ब बनाया है। बल्ब बनाते वक्त इन्होंने 1000 से भी ज्यादा प्रयोग किये थे तब जाकर बल्ब बन पाया था। इसी से जुड़ी एक कहानी है। जब एडिसन से पूछा गया कि इतनी असफलता (Essay On Importance Of Hard Work in Hindi) से वो निराश नहीं हुए? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि वो बिलकुल भी निराश नहीं हुए क्योंकि उन्हें यह पता चल गया कि उन 1000 तरीकों से बल्ब नहीं बन सकता।

यदि एडिसन भी असफलता से हार मान जाते और परिश्रम करना छोड़ देते तो शायद कई वर्षों बाद हमें बल्ब मिल पाता।

ये कुछ उदाहरण है जिनसे हमें यह सीख मिलती है कि परिश्रम का फल जीवन मे कभी न कभी जरूर मिलता है। वर्तमान भले ही खराब हो लेकिन परिश्रम करने से हमारा कल अच्छा हो सकता है इसलिए जीवन में हमेशा परिश्रम करते रहना चाहिए।

आलस्य को दूर भगाएं.

परिश्रम का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य ही है। जीवन मे परिश्रम का आभाव का मतलब है हमारे अंदर आलस्य पनप रहा है।

आलसी स्वभाव के कारण व्यक्ति सफल नहीं हो पाता। सफलता के लिए जरूरी है कि हम परिश्रम करते रहे। परिश्रमी व्यक्ति चरित्रवान, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर होता है।

जबकि आलसी व्यक्ति का चरित्र साफ-सुथरा नहीं होता। वह न तो अपने काम के लिए ईमानदार होता है और न ही अपने परिवार और समाज के लिए।

एक अच्छा इंसान बनने के लिए आलस्य को खुद से दूर रखना चाहिए, क्योंकि जीवन का सार परिश्रम में ही छुपा है।

यदि हम परिश्रम करने से कतराते हैं तो सफलता हमसे दूर जाती जाएगी। सफलता और हमारे बीच की दूरी उतनी ही कम होती जाएगी जितनी ज्यादा हम मेहनत करेंगे।

भाग्य और कर्म के बीच कुछ लोग उलझे रहते हैं उन्हें भी यह समझना चाहिए कि भाग्य में जो कुछ भी है वह मिलेगा, साथ मे परिश्रम भी करते रहे जिससे कि किसी भी काम में रुकावट न हो।

परिश्रम का महत्व पर कहानी | Story On Hard Work in Hindi.

एक गाँव था, वहाँ रामू नाम का एक किसान रहता था। किसान के पास खेती लायक जमीन तो खूब थी लेकिन वह मेहनत करने से बहुत डरता था। वह वक़्त पर खेतों की जुताई नही करता था, जब कभी जोतता तो पूरा खेत आलास के कारण नही जोतता।

रामू के इस आलसी स्वभाव के कारण उसके घर वाले बहुत परेशान रहने लगे। खेती ही कमाई का एक मात्र जरिया थी लेकिन अब वह भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगी थी।

हालात से परेशान होकर घर वाले एक सिद्ध बाबा के पास गए। बाबा के पास जाकर उन्होंने सारी व्यथा बताई, इस पर बाबा ने रामू को अपने पास लाने के लिए कहा।

जब रामू आया तो बाबा ने उससे पूछा कि तू बहुत परेशान दिख रहा है? इस पर रामू ने कहा कि हाँ बाबा, मैं बहुत परेशान हूँ क्योंकि हमारी खेती चौपट होती जा रही है।

मेहनत करने के बाद भी फसल नही उगती। कोई उपाय बताएं। इस पर बाबा ने कहा कि अब तू चिंता मत कर क्योंकि तेरे खेत के हीरा गड़ा हुआ है।

लेकिन यह किस जगह पर है वह पता लगाने के लिए तुझे खेत की खुदाई करनी पड़ेगी। वह हीरा इतना कीमती है कि तेरी सारी गरीबी दूर हो जाएगी।

इसके बाद तो रामू को जैसे एक नई उम्मीद मिल गई। घर जाते ही उसके खुदाई करने के औजार लिए और खेत की तरफ चल पड़ा।

कुछ ही दिनों में उसने पूरे खेतों की खुदाई कर डाली पर उसे कुछ नही मिला। इससे निराश होकर वह बाबा के पास वापस गया और कहा कि हीरा नही मिला।

इस पर बाबा ने कुछ बीज दिए और कहा कि हीरा जरूर मिलेगा लेकिन अभी कुछ वक्त और लग जाएगा। इसके लिए अपने खेत मे ये बीज डाल दे।

रामू ने ऐसा ही किया। बीज डाल दिए। बारिश हुई, और बीज अंकुरित हो गए और कुछ ही महीनों में वह एक लहलहाती फसल बन गई।

जहाँ भी नजर जाती वहाँ फसल ही दिखाई देती। फसल पक जाने के बाद रामू बाबा के पास गया और बोला कि अब क्या करना है?

इस पर बाबा के कहा कि इस फसल को काटने के बाद आना। रामू ने ऐसा ही किया। उसने फसल को काटा और फिर बाजार में बेच आया।

जब उसने फसल बेची तो उसकी अच्छी कीमत रामू को मिली, जिससे किसान बहुत खुश हुआ और अब उसकी खुशी और बढ़ रही थी क्योंकि हीरा मिलने वाला था।

वह बाबा के पास गया और बोला बाबा अब बताइए हीरा कहाँ मिलेगा? इस पर बाबा ने पूछा कि फसल बेचने से कितना पैसा मिला?

इस पर किसान से बताया कि उसे 1.5 लाख का फायदा हुआ है। तब बाबा ने कहा कि तूम तो बोल रहे थे कि फसल नही उगती फिर इतनी कीमत कैसे मिली?

इस पर रामू ने कहा कि इस बार की फसल बहुत अच्छी उगी थी। पूरे खेत मे फसल थी। यह सुनते ही बाबा ने कहा कि रामू यही हीरा है जो देना चाहता था।

परिश्रम रूपी हीरा जिसके पास है उसके पास किसी चीज़ की कमी नही हो सकती। रामू को सारी बात समझते देर न लगी और उसने बाबा का बहुत धन्यवाद किया और हमेशा परिश्रम करने का संकल्प किया।

परिश्रम क्या है?

किसी कार्य को करने में जो शारीरिक और मानसिक श्रम होता है, वही परिश्रम कहलाता है। मानसिक परिश्रम शारीरिक परिश्रम की तुलना में ज्यादा कीमती माना जाता है।

परिश्रम कितने प्रकार के होते हैं?

परिश्रम सिर्फ दो प्रकार के होते हैं:- 1.) शारीरिक परिश्रम 2.) मानसिक परिश्रम

परिश्रम के लाभ क्या है?

परिश्रमी व्यक्ति का जीवन सूर्य की भांति तेज से चमकने लगता है। व्यक्ति कभी भी बुराइयों की चपेट में नही आता और एक इज्जतदार जीवन जीता है।

परिश्रम के उदाहरण क्या है?

प्रकृति के हर घटक परिश्रम करते रहते हैं। चीटियाँ अपने से कई गुना वजन उठाकर चलती है। पेड़ों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया चलती रहती है। जंगली जानवर भोजन के लिए कई कई मील चलते हैं। ये सब परिश्रम के उदाहरण है।

जीवन मे परिश्रम का क्या महत्व है?

हम जन्म लेने के साथ ही परिश्रम करना शुरू कर देते हैं। पहले उठना सीखते हैं, चलना सीखते हैं, फिर बोलना सीखते हैं। पढ़ाई करते हैं और फिर अपने पैरों पर खड़े होते हैं। यानी जीवन के हर मोड़ पर परिश्रम (Essay On Importance Of Hard Work in Hindi) करना जरूरी है क्योंकि उसके बिना तो हमारा विकास ही रुक जाएगा।

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जीवन में मेहनत करना क्यों जरुरी है | Importance Of Hard Work In Hindi

एक सपना तब तक जादू से हकीकत नहीं बन सकता, जब तक इसमें पसीना, दृढ संकल्प और कड़ी मेहनत ना लगी हो। — Anonymous

दोस्तों यह ब्लॉग ( Importance Of Hard Work In Hindi ) आपके शैक्षिक उद्देश्य को तो पूरा करेगा ही इसके अलावा यह ब्लॉग आपको जीवन में और ज्यादा मेहनत करने के लिए भी प्रेरित करेगा। इसलिए आपसे मेरी एक प्रार्थना है की इस ब्लॉग को आप सिर्फ शैक्षिक उद्देश्य के लिए ही न पढ़ें, बल्कि इससे कुछ सीख भी लें। इसकी सीख आपको पूरी उम्र काम आने वाली है।

Table of Contents

परिश्रम करना क्यों जरुरी है ? ( Importance Of Hard Work In Hindi )

कर्म ही जीवन है और बिना कर्म जीवन पशु के समान है। कर्म यानी काम। दैनिक जीवन में होने वाली गतिविधियों और जीवन यापन के लिए कर्म करना अत्यंत आवश्यक है। कर्म के अभाव में जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। हर कर्म का आधार है परिश्रम यानी मेहनत। हर छोटे काम को करने के लिए कुछ ना कुछ मेहनत तो करनी ही पड़ती है। यहां तक कि आपको अपने आगे रखे भोजन को खाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है। 

प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनियों ने परिश्रम के महत्व पर जोर दिया है और हमारे प्राचीन ग्रंथों में परिश्रम के महत्व पर विस्तार से लिखा गया है। केवल हमारे प्राचीन ग्रंथों में ही नहीं, बल्कि विश्व साहित्य की किसी भी किताब को उठाकर देखेंगे तो हमें परिश्रम के महत्व की झलक मिल ही जाएगी।

दुनिया की किसी व्यक्ति को अगर सफलता प्राप्त करनी है तो उसके लिए परिश्रम करना अनिवार्य है। परिश्रम वह एकमात्र हथियार है जो हर चीज के पार जाता है। किसी महान व्यक्ति ने कहा भी है कि ‘ परिश्रम ही सफलता की कुंजी है ‘ जो लोग मेहनत करते हैं वे एक न एक दिन सफल हो ही जाते हैं। सफलता प्राप्ति के लिए आपको खुद को मेहनत की आग में तपाना पड़ता है। परिश्रम की आग में तप कर व्यक्ति सोने की तरह चमकदार हो जाता है।

मेहनती व्यक्ति हमेशा अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहता है। अपने लक्ष्य प्राप्ति के रास्ते पर चलते हुए परिश्रमी व्यक्ति मार्ग में आने वाली सभी मुसीबतों का सामना धैर्य से करता है और सभी बाधाओं को पार करके अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है। हमारे प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि ‘ उद्यमेन ही सिध्यंति कार्याणि ना मनोरथे ‘ अर्थात किसी भी कार्य की सिद्धि इच्छा करने से नहीं बल्कि परिश्रम करने से होती है।

परिश्रम के कितने प्रकार हैं ? ( Types Of Hard Work For Students )

श्रम यानी परिश्रम दो तरह का होता है शारीरिक श्रम और मानसिक श्रम। शारीरिक श्रम से अभिप्राय उस श्रम से है जिसमें हम अपने शरीर से कोई काम करते हैं जैसे वजन उठाना, भागना, दौड़ना आदि। जबकि मानसिक श्रम का अभिप्राय उस श्रम से है जिसमें हम अपने दिमाग से कोई काम करते हैं जैसे कैलकुलेशन करना, निर्णय लेना, पढ़ना आदि। दोनों ही श्रम का अपना-अपना महत्व है। एक तरफ जहां फैक्ट्रियों और कारखानों में काम करने वाले मजदूरों को शारीरिक श्रम करना पड़ता है। वहीं डॉक्टरों, शिक्षकों, वकीलों व वैज्ञानिकों को मानसिक श्रम करना पड़ता है।

शारीरिक श्रम का क्या महत्व है ? ( Importance Of Physical Hard Work  )

हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए परिश्रम करना बहुत आवश्यक है। बिना शारीरिक परिश्रम किए हमारा शरीर आलसी और कमजोर हो जाता है, बिना परिश्रम के हमारा शरीर अकर्मण्य हो जाता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है। जिसकी वजह से हमें बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। 

जबकि शारीरिक श्रम करने से हमारा शरीर मजबूत बनता है। हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता जितनी मजबूत होगी बीमारियों से लड़ने की हमारी क्षमता उतनी ही मजबूत होगी और बीमारियां होने का खतरा उतना ही कम होगा। शारीरिक परिश्रम करने के बाद हमारा शरीर थक जाता है जिसकी वजह से हमें भूख लगती है और नींद भी अच्छी आती है। नींद के दौरान हमारा शरीर नई कोशिकाओं का निर्माण करता है, जिससे हमारा शरीर तेजी से विकास करता है।

मानसिक श्रम का क्या महत्व है ? | Importance of mental hard work

मानसिक श्रम का भी उतना ही महत्व है जितना कि शारीरिक श्रम का। लोग परिश्रम का अर्थ केवल शारीरिक श्रम को ही समझते हैं, जबकि यह सच नहीं है। शरीर जितना शारीरिक श्रम से थकता है उतना ही मानसिक श्रम से भी थक जाता है। एक तरफ जहां शारीरिक श्रम करने से आपका शरीर मजबूत होता है वहीं दूसरी तरफ मानसिक श्रम करने से आपका दिमाग मजबूत होता है। जब हमारा दिमाग मजबूत होता है तो हम ऐसे निर्णय जिनमें ज्यादा दिमाग लगाने की आवश्यकता है जल्दी और सही से ले पाते हैं, हमें चीजें जल्दी याद हो जाती है, कठिन से कठिन गणना भी हम चुटकियों में कर लेते हैं।

आज दुनिया में हम जो कुछ भी देख रहे हैं वह किसी न किसी व्यक्ति की मेहनत का ही नतीजा है। अगर थॉमस अल्वा एडिसन ने मेहनत ना की होती तो आज बल्ब का आविष्कार ना हुआ होता। अगर राइट बंधुओं ने मेहनत ना की होती तो हवाई जहाज का आविष्कार नहीं होता और ऐसे ही लाखों अन्य आविष्कार है जो मेहनत के परिणाम स्वरुप ही संभव हो पाए हैं। 

यह इंजीनियरों की मेहनत का ही परिणाम है कि उन्होंने समुंदर के बीच में भी पुल बना दिए हैं, लंबी-लंबी सड़के बनाई हैं और बड़े-बड़े समुद्री पोत बनाए हैं। यह डॉक्टरों की मेहनत का ही परिणाम है कि आज हर बीमारी का इलाज संभव है। आज यह संभव है कि एक व्यक्ति के दिल को दूसरे व्यक्ति के शरीर में लगाया जा सकता है। यहां तक कि मेडिकल क्षेत्र में इतनी तरक्की हो चुकी है कि आज डॉक्टर शारीरिक संरचना के साथ-साथ हमारी दिमागी संरचना को भी समझने में सक्षम हो गए हैं। 

यह हमारे शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की मेहनत का ही परिणाम है कि हमारी दूसरे ग्रहों तक भी पहुंच संभव हो पाई है, हम तारों की गणना कर सकते हैं, मौसम का अनुमान लगा सकते हैं और एक जगह बैठे ही पूरी दुनिया की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह सब इंसान की कठोर मेहनत का ही परिणाम है।

आज इंसान सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और औद्योगिक रूप से इतनी तरक्की कर पाया है तो यह सब कुछ उसकी कठोर मेहनत के परिणाम स्वरुप ही संभव हो पाया है। अक्सर जीवन में वही लोग सफल होते हैं जो लगातार मेहनत करते रहते हैं।

विद्यार्थी जीवन में परिश्रम का क्या महत्व है ? ( Importance Of Hard Work In Student Life )

वैसे तो जीवन के प्रत्येक स्तर पर परिश्रम की आवश्यकता होती है। लेकिन विद्यार्थी जीवन में परिश्रम का महत्व और भी बढ़ जाता है। विद्यार्थी जीवन, जीवन का वह दौर होता है जब एक बच्चा उत्साह और उमंग से भरा होता है। जीवन के इस दौर में व्यक्ति का दिमाग नई नई चीजों को सीखने के लिए ज्यादा तत्पर रहता है। अगर एक विद्यार्थी के रूप में व्यक्ति इस समय परिश्रम नहीं करता और अपना यह अनमोल समय मौज मस्ती है और आलस्य में निकाल देता है तो वह जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता। 

जबकि दूसरी तरफ यदि वह विद्यार्थी जीवन में मेहनत और परिश्रम से अपने लक्ष्य की तरफ अग्रसर रहता है तो वह एक ना एक दिन सफलता को हासिल कर लेता है। कड़ी मेहनत सफलता की कुंजी है और जीवन के प्रत्येक स्तर पर परिश्रम की आवश्यकता होती है। जब विद्यार्थी जीवन में ही परिश्रम करने की आदत बन जाती है तो यह आदत पूरी उम्र उसका साथ देती है और वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जाता है।

क्या परिश्रम जीवन का आधार है ? ( Hard Work Is The Basis Of Life )

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एक व्यक्ति को सुखी और समृद्ध जीवन जीने के लिए परिश्रम करने की आवश्यकता होती है। बिना परिश्रम किए सफलता को हासिल करना लगभग नामुमकिन है। वर्तमान में हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा इतनी तेजी से बढ़ रही है कि आप बिना परिश्रम किए कहीं भी टिक नहीं पाओगे। परिश्रम ही सुखी जीवन का आधार है। बिना परिश्रम के एक दिन निकालना भी मुश्किल हो जाता है। आपको खाना खाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है। अगर हम दैनिक जीवन के इन छोटे छोटे कार्यों को देखेंगें तो हम पाएंगे कि हर छोटे से छोटे कार्य के पीछे भी मेहनत छिपी होती है।

Hard Work Pays Off Meaning In Hindi

“ Hard Work Pays Off Meaning In Hindi ” का अर्थ है की “कठिन परिश्रम का फल मिलता है”।

इस कहावत का अर्थ है कि यदि आप कड़ी मेहनत और बहुत प्रयास करते हैं, तो अंततः आपको इसका फल मिलेगा। यह एक अनुस्मारक है कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, और सफलता दृढ़ता और समर्पण के माध्यम से प्राप्त की जाती है। कहावत “ Hard Work Pays Off ” एक सार्वभौमिक सत्य है जो जीवन के सभी पहलुओं पर लागू होता है। यह एक अनुस्मारक है कि यदि हम काम करने के इच्छुक हैं, तो हम वह सब कुछ हासिल कर सकते हैं जिसके लिए हम ठान लें।

परिश्रम करने के क्या फायदे हैं ? ( Benefits of Working Hard )

  • कड़े परिश्रम के दम पर दुनिया की किसी भी चीज को हासिल किया जा सकता है। चाहे वह धन दौलत हो, पैसा हो, शोहरत हो या फिर खुशी।
  • परिश्रम करने से शरीर चुस्त रहता है, दिमाग तरोताजा हो जाता है। जबकि दूसरी तरफ जो लोग मेहनत नहीं करते और पूरा दिन आलस्य में ही निकाल देते हैं तो बहुत सी बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं।
  • शारीरिक परिश्रम से हमारा शरीर मजबूत होता है। जबकि मानसिक परिश्रम करने से हमारा दिमाग मजबूत होता है। इसलिए शारीरिक स्फूर्ति और मजबूती के लिए परिश्रम करने की सलाह दी जाती है।
  • परिश्रमी व्यक्ति जीवन में कभी असंतुष्ट नहीं होता क्योंकि जो उसे चाहिए होता है वह उसे अपनी मेहनत से हासिल कर लेता है।
  • परिश्रमी व्यक्ति के पास सुख सुविधा की सभी चीजें मौजूद रहती है इसलिए वह हमेशा खुश रहता है।

परिश्रम ना करने के क्या नुकसान हैं ? ( Disadvantages Of Not Working Hard )

  • आलसी व्यक्ति या जो परिश्रम करने से बचते हैं वह जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते। वे जीवन में छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहते हैं।
  • शारीरिक परिश्रम ना करने वाले या आलसी व्यक्ति हमेशा बीमारियों से घिरे रहते हैं। शारीरिक परिश्रम ना करने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से उनका शरीर बीमारियों का घर बन जाता है।
  • आलसी व्यक्ति हमेशा परिश्रम करने वाले व्यक्तियों से पिछड़ जाते हैं। जिसकी वजह से वे परिश्रम करने वालों से चिड़ते हैं और हमेशा उनको ताने मारते रहते हैं।
  • आलसी व्यक्ति हमेशा भाग्य के भरोसे रहता है और हमेशा यही सोचता रहता है कि अगर यह मेरे भाग्य में होगा तो मुझे मिल ही जाएगा। इसी गलत अवधारणा के कारण वह हमेशा साधारण और गरीबी में जीवन यापन करता रहता है।
  • आलसी व्यक्ति हमेशा आज का काम कल पर टाल देता है। जिसके कारण लोग उस पर भरोसा नहीं करते। लोगों की उसके प्रति यह अवधारणा बन जाती है कि यह व्यक्ति कभी अपना काम समय पर नहीं करता।

हार्ड वर्क पर हिंदी कहानी ( Hard Work Is The Key To Success Story )

एक बार की बात है, एक छोटे से शहर में जैक नाम का एक युवा लड़का रहता था। वह अपने दृढ़ संकल्प और अटूट विश्वास के लिए जाना जाता था। उसका विश्वास था कि कड़ी मेहनत ही सफलता की कुंजी है। जेक का परिवार अमीर नहीं था, लेकिन उन्होंने छोटी उम्र से ही उसमें दृढ़ता और परिश्रम के संस्कार डाले।

जैसे-जैसे जेक बड़ा होता गया, उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अपनी परिवार की ग़रीब हालातों को देखते हुए बचपन से ही जैक का सपना था की वह जीवन में कुछ बड़ा करेगा। हालाँकि उनका स्कूल का काम अक्सर कठिन होता था और उन्हें अपने सहपाठियों के साथ तालमेल बिठाने मे भी कठिनाई होती थी। लेकिन जैक ने ख़ुद को निराश होने से इनकार कर दिया और उसने दिन रात मेहनत करना शुरू कर दिया। जैक ने दिन के कई कई घंटे पढ़ाई में बिताए, उसने शिक्षकों से मदद मांगी और जीवन में कुछ बड़ा करने के अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा।

जब वह हाई स्कूल पहुंचा, तो जेक का समर्पण रंग लाया। वह अपनी कक्षा में शीर्ष छात्रों में से एक बन गया। उनके शिक्षक और सहकर्मी उनके परिवर्तन से आश्चर्यचकित थे, और वे अक्सर उनसे उनकी सफलता के रहस्य के बारे में पूछते थे। जेक का उत्तर हमेशा एक ही होता था: “ कड़ी मेहनत और कभी हार न मानना ।”

जैसे-जैसे ग्रेजुएशन नजदीक आया, जेक ने एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की सोची। हालाँकि, वित्तीय बोझ असहनीय लग रहा था। निडर होकर, उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया, अंशकालिक नौकरियां कीं और यहां तक कि गुजारा करने के लिए एक छोटा ट्यूशन व्यवसाय भी शुरू किया। उसे अपने छोटे छोटे ख़र्चों के लिए भी बहुत मेहनत करनी पड़ती थी, लेकिन वह कभी भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकता था।

आख़िरकार, वह दिन आ गया जब जेक को अपने सपनों के विश्वविद्यालय से एक स्वीकृति पत्र मिला। यह विजय का क्षण था, उनके अटूट विश्वास का प्रमाण कि कड़ी मेहनत किसी भी बाधा को पार कर सकती है।

विश्वविद्यालय जीवन कठिन था, लेकिन जेक सफल हुआ। उन्होंने न केवल अपनी पढ़ाई में, बल्कि विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों में भी अथक परिश्रम करना जारी रखा। उन्होंने अपने समुदाय में स्वेच्छा से काम किया, अन्य छात्रों को सलाह दी और यहां तक कि नेतृत्व की भूमिका भी निभाई। उनके प्रयासों पर ध्यान दिया गया और वह जल्द ही परिसर में एक सम्मानित व्यक्ति बन गए।

स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद जेक को एक प्रतिष्ठित कंपनी में एक अच्छे पद पर नौकरी की पेशकश की गई। सीमित साधनों वाले एक छोटे शहर से एक सफल पेशेवर तक की उनकी यात्रा कड़ी मेहनत की शक्ति में उनके विश्वास का प्रमाण थी।

अपने पूरे करियर में, जेक को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने उसी दृढ़ संकल्प के साथ उनका सामना किया जो उन्होंने अपने पूरे जीवन में दिखाया था। वह कभी भी अतिरिक्त प्रयास करने से नहीं कतराते थे और हमेशा सीखने और बढ़ने का प्रयास करते थे।

जैसे-जैसे साल बीतते गए, जेक कई युवा व्यक्तियों का गुरु बन गया। उन्होंने कड़ी मेहनत, दृढ़ता और अपने सपनों को कभी न छोड़ने के महत्व पर जोर देते हुए अपनी कहानी साझा की।

और इसलिए, कड़ी मेहनत की शक्ति में विश्वास करने वाले लड़के जेक की किंवदंती जीवित रही। उनकी कहानी अनगिनत अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बनी, उन्हें याद दिलाया कि समर्पण के साथ कुछ भी संभव है। जेक के लिए, सफलता केवल किसी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के बारे में नहीं थी, बल्कि यात्रा और रास्ते में सीखे गए सबक के बारे में थी।

परिश्रम के महत्व पर हिंदी दोहे ( Hindi Quote On The Importance Of Hard Work )

श्रम ही ते सब होत है, जो मन सखी धीर। श्रम से खोदत कूप ज्यों। थल में प्रगटे नीर। अभिप्राय -: कबीर के इस दोहे के अनुसार परिश्रम करने से सब कुछ संभव हो जाता है। संत कबीर कहते हैं कि यदि मन में धीर यानी धीरज रख कर जमीन में कुआं खोदा जाए तो वहां पानी अवश्य निकलेगा।
जिन खोजा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ। मैं बापुराव वुडन डरा रहा किनारे बैठ। अभिप्राय -: कबीर के इस दोहे के अनुसार जो व्यक्ति जीवन में परिश्रम करता है वह इस जीवन रूपी समुंदर से सफलता के मोती हासिल कर लेता है। लेकिन जो मेहनत करने से डरता है और जीवन रूपी समुंदर में उतरने से मना कर देता है वह इसे किनारे बैठा हमेशा पछताता रहता है।
उधम कभी न छोड़िए, पर आशा के मोद।  गागरी कैसे फोरिए, उन्हों देखी प्रयोद। अभिप्राय -: संत कविवर वृंद के इस दोहे के अनुसार व्यक्ति को भाग्य के भरोसे न बैठकर हमेशा मेहनत करते रहना चाहिए। अगर आकाश में घने बादलों को देखकर हम इस अनुमान में की बहुत सारा पानी बरसने वाला है, अपने घर में रखे पानी के घड़े को तोड़ देते हैं तो यह हमारी मूर्खता है। इस बात की आशा न करें कि भविष्य में अच्छा समय आएगा और इस अच्छे समय की अभिलाषा में हम अपने वर्तमान समय को भी व्यर्थ जाने दे।
करत करत अभ्यास के,  जड़मति होत सुजान। रसरी आवत जात है,  सिल पर पड़े निशान। अभिप्राय -: कविवर वृंद के इस दोहे के अनुसार लगातार परिश्रम करते रहने से एक मूर्ख व्यक्ति भी विद्वान बन जाता है। इसलिए मेहनत करने से ना घबराए। क्योंकि कुए में पड़ी रस्सी भी जब बार-बार आती जाती है तो पत्थर पर भी निशान बना देती है।
श्रम से ही सब कुछ होत है,  बिना श्रम मिले कुछ नाही।  सीधे उंगली घी जमो,  कबसू निकले नाही। अभिप्राय -: संत कबीर के इस दोहे के अनुसार इस संसार में परिश्रम के दम पर ही सब कुछ हासिल किया जा सकता है। बिना परिश्रम के कुछ भी हासिल करना लगभग असंभव है। जिस तरह जमे हुए घी को सीधी उंगली से नहीं निकाला जा सकता। उसी तरह परिश्रम के बिना भी जीवन में कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।

Conclusion: Importance Of Hard Work In Hindi 

इस निबंध को पढ़कर शायद आप परिश्रम के महत्व को समझ गए होंगे। परिश्रम ही सच्चा धन है। परिश्रम के बल पर जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। कड़ी मेहनत सफलता की कुंजी है। बिना मेहनत के आप सफलता हासिल करने के बारे में सोच भी नहीं सकते। परिश्रम जीवन का आधार है। बिना परिश्रम के जीवन की कल्पना करना लगभग असंभव है।

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कर्मजीत सिंह SuccessMatters4me के संस्थापक हैं। कर्मजीत पिछले 10 वर्षों से स्व-विकास ( Self Development ), व्यक्तिगत वित्त ( Personal Finance ) और निवेश ( Investment ) का अध्ययन कर रहे हैं और SuccessMatters4me चला रहे हैं। कर्मजीत का मिशन सरल है, दूसरों को अपने सपनों को जीने के लिए प्रेरित करना और वह व्यक्ति बनना जिसे देखकर दूसरे कह सके की “तुम्हारी वजह से, मैंने कभी हार नहीं मानी।”

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परिश्रम का महत्व पर निबंध |Essay on the Importance of Hard Work in Hindi

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परिश्रम का महत्व पर निबंध |Essay on Importance of Hard Work in Hindi!

परिश्रम का मनुष्य के लिए वही महत्व है जो उसके लिए खाने और सोने का है । बिना परिश्रम का जीवन व्यर्थ होता है क्योंकि प्रकृति द्‌वारा दिए गए संसाधनों का उपयोग वही कर सकता है जो परिश्रम पर विश्वास करता है ।

परिश्रम अथवा कर्म का महत्व श्रीकृष्ण ने भी अर्जुन को गीता के उपदेश द्‌वारा समझाया था । उनके अनुसार:

”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन: ।”

ADVERTISEMENTS:

परिश्रम अथवा कार्य ही मनुष्य की वास्तविक पूजा-अर्चना है । इस पूजा के बिना मनुष्य का सुखी-समृद्‌ध होना अत्यंत कठिन है । वह व्यक्ति जो परिश्रम से दूर रहता है अर्थात् कर्महीन, आलसी व्यक्ति सदैव दु:खी व दूसरों पर निर्भर रहने वाला होता है।

परिश्रमी व्यक्ति अपने कर्म के द्‌वारा अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं । उन्हें जिस वस्तु की आकांक्षा होती है उसे पाने के लिए रास्ता चुनते हैं । ऐसे व्यक्ति मुश्किलों व संकटों के आने से भयभीत नहीं होते अपितु उस संकट के निदान का हल ढूँढ़ते हैं। अपनी कमियों के लिए वे दूसरों पर लांछन या दोषारोपण नहीं करते ।

दूसरी ओर कर्महीन अथवा आलसी व्यक्ति सदैव भाग्य पर निर्भर होते हैं । अपनी कमियों व दोषों के निदान के लिए प्रयास न कर वह भाग्य का दोष मानते हैं । उसके अनुसार जीवन में उन्हें जो कुछ भी मिल रहा है या फिर जो भी उनकी उपलब्धि से परे है उन सब में ईश्वर की इच्छा है । वह भाग्य के सहारे रहते हुए जीवन पर्यंत कर्म क्षेत्र से भागता रहता है । वह अपनी कल्पनाओं में ही सुख खोजता रहता है परंतु सुख किसी मृगतृष्णा की भाँति सदैव उससे दूर बना रहता है ।

किसी विद्‌वान ने सच ही कहा है कि परिश्रम सफलता की कुंजी है । आज यदि हम देश-विदेश के महान अथवा सुविख्यात पुरुषों अथवा स्त्रियों की जीवन-शैली का आकलन करें तो हम यही पाएँगे कि जीवन में इस ऊँचाई या प्रसिद्‌धि के पीछे उनके द्‌वारा किए गए सतत अभ्यास व परिश्रम का महत्वपूर्ण योगदान है ।

अमेरिका, चीन, जापान आदि विकसित देश यदि उन्नत देशों में हैं तो इसलिए कि वहाँ के नागरिकों ने अथक परिश्रम किया है। द्‌वितीय विश्वयुद्‌ध में भारी नुकसान के बाद भी आज यदि जापान न विश्व जगत में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है तो उसका प्रमुख करग यही है कि वहाँ के लोगों में दृढ़ इच्छाशक्ति व अथक परिश्रम की भावना कूट-कूटकर भरी हुइ है ।

परिश्रमी व्यक्ति ही किसी समाज में अपना विशिष्ट स्थान बना पाते हैं । अपने परिश्रम के माध्यम से ही कोई व्यक्ति भीड़ से उठकर एक महान कलाकार, शिल्पी, इंजीनियर, डॉक्टर अथवा एक महान वैज्ञानिक बनता है ।

परिश्रम पर पूर्ण आस्था रखने वाले व्यक्ति ही प्रतिस्पर्धाओं में विजयश्री प्राप्त करते हैं । किसी देश में नागरिकों की कर्म साधना और कठिन परिश्रम ही उस देश व राष्ट्र को विश्व के मानचित्र पर प्रतिष्ठित करता है ।

“विश्वास करो,

यह सबसे बड़ा देवत्व है कि –

तुम पुरुषार्थ करते मनुष्य हो

और मैं स्वरूप पाती मृत्तिका ।”

अत: उन्नति विकास एवं समृद्धि के लिए यह आवश्यक है कि सभी मनुष्य परिश्रमी बनें । परिश्रम वह कुंजी है जो साधारण से साधारण मनुब्ध को भी विशिष्ट बना देती है । परिश्रमी लोग सदैव प्रशसा व सम्मान पाते हैं । वास्तविक रूप में उन्नति व विकास के मार्ग पर वही व्यक्ति अग्रसर रहते हैं जो परिश्रम से नहीं भागते ।

भाग्य का सहारा वही लोग लेते हैं जो कर्महीन हैं । अत: हम सभी को परिश्रम के महत्व को स्वीकारना एवं समझना चाहिए तथा परिश्रम का मार्ग अपनाते हुए स्वयं का ही नहीं अपितु अपने देश और समाज के नाम को ऊँचाई पर ले जाना चाहिए ।

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परिश्रम का महत्व पर निबंध | Hard Work Essay in Hindi

परिश्रम का महत्व पर निबंध – परिश्रम हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। अपने करियर, अपनी नौकरी, व्यवसाय आदि में सफल होने के लिए बहुत अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है। बैठना और आराम करना असंभव है, और यदि आप परिश्रम करते हैं, तो आप दिन के अंत में सफल होंगे। सरल शब्दों में, खाली बैठने वाले व्यक्ति को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

मेहनत की कीमत को समझना जरूरी है। आप को समझना चाहिए कि समय कितना महत्वपूर्ण है और एक बार जब यह पार हो जाता है तो सब कुछ आपके हाथ से निकल जाता है। परिश्रम पर निबंध लिखने से पहले अपने संदर्भ के लिए नीचे दिए गए नमूने देखें।

परिश्रम का महत्व पर निबंध | Hard Work Essay in Hindi

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परिश्रम का महत्व पर निबंध 100 शब्‍दों में

जीवन के उत्थान में परिश्रम का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जीवन में आगे बढ़ने के लिए, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए श्रम ही आधार है। परिश्रम से कठिन से कठिन कार्य संपन्न किए जा सकते हैं, जो परिश्रम करता है उसका भाग्य भी उसका साथ देता है जो सोता रहता है उसका भाग सोता रहता है। श्रम के वल अगम्य पर्वत चोटियों पर अपनी विजय का पताका पहरा दिया ।

श्रम हर मनुष्य को अपनी मंजिल पर पहुंचा देता है। अथक परिश्रम ही जीवन का सौंदर्य है। श्रम के द्वारा ही मनुष्य अपने आपको महान बना सकता है। परिश्रम ही मनुष्य के जीवन को महान बनाने वाला है। परिश्रम ही वास्तव में ईश्वर की उपासना है।

परिश्रम अथवा कार्य ही मनुष्य की वास्तविक पूजा – अर्चना है। इस पूजा के बिना मनुष्य का सुखी – समृद्ध होना अत्यंत कठिन है। वह व्यक्ति जो परिश्रम से दूर रहता है अर्थात कर्महीन, आलसी व्यक्ति सदैव दु:खी हुआ दूसरों पर निर्भर रहने वाला होता है।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 250 शब्दों में

हमारे जीवन में परिश्रम का उतना ही महत्वपूर्ण होता है, जितना जीवित रहने के लिए भोजन। परिश्रम को सफलता की कुंजी कहा जाता है। आज तक इतिहास में किसी भी व्यक्ति को देखा जाए तो वह अपने आप अचानक से सफल नहीं होता। सफल होने के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता होती है।

परिश्रम दो मुख्य प्रकार के होते हैं एक परिश्रम वह होता है, जो हम आमतौर पर शरीर के द्वारा करते हैं, जिसे हम शारीरिक परिश्रम करते हैं। अधिकतर यह परिश्रम मजदूर वर्ग के लोगों में देखा जा सकता है।

दूसरा परिश्रम वह होता है, जिसमें हम अपनी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमताओं का उपयोग करते हैं। वह मानसिक परिश्रम कहलाता है। किसी भी नई चीज के शुरुआत करने के लिए शारीरिक और मानसिक परिश्रम दोनों ही बहुत जरूरी है।

देखा जाए तो परिश्रम के बिना मनुष्य का जीवन पशु के समान है। एक पशु भी अपने भोजन के लिए भी परिश्रम करता है। यदि हम भी सिर्फ इतने के लिए ही परिश्रम करेंगे तो सिर्फ में और जानवर में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।

परिश्रम का महत्व पर निबंध 500 शब्दों में (Parishram ka Mahatva Per Nibandh 500 Words)

अगर हम जीवन में सफलता और खुशी चाहते हैं तो इसका हमारे पास एकमात्र तरीका है परिश्रम करना। परिश्रम से संबंधित भर्तृहरि जी ने एक श्लोक कहा है।

उद्यमें नहि सिध्‍यंति, कार्याणि ना मनोरथि । न हीं सुप्‍तस्‍य सिंहस्‍य, प्रविशांति मुखे मृगा।।

क्या है परिश्रम? (What is Parishram)

शारीरिक व मानसिक रूप से किया गया काम परिश्रम कहलाता है। ऐ काम हम अपनी इच्छा के अनुसार चुनते हैं जिसे लेकर हम अपने उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। पहले श्रम का मतलब सिर्फ शारीरिक श्रम होता था जो मजदूर या लेबर वर्ग करता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, श्रम डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, राजनैतिज्ञ, अभिनेता – अभिनेत्री, टीचर, सरकारी व प्राइवेट, दफ्तरों में काम करने वाला हर व्यक्ति श्रम करता है।

परिश्रम का महत्व

देखा जाए तो परीक्षण को कुछ ही शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है क्योंकि किसी व्यक्ति के जीवन में परिश्रम है अर्थात वह परिश्रम करने से नहीं डरता तो उसके लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। वह हर असंभव काम को संभव बना सकता है इसीलिए कहा जाता है कि दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है जरूरी है तो हमारा परिश्रम करना।

इतिहास भी इस बात का साक्षी है कि जो इंसान अधिक परिश्रम करता है। वह जिंदगी में सब कुछ पा सकता है उसके लिए कोई भी सीमा बाधित नहीं है।

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परिश्रम और भाग्य

कुछ लोग परिश्रम की जगह भाग्य को अधिक महत्व देते हैं। ऐसे लोग केवल भाग्य पर ही निर्भर होते हैं। बे भाग्य के सहारे जीवन जीते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि भाग्य जीवन में आलस्य को जन्म देता है और आलस्य जीवन मनुष्य के लिए एक अभिशाप की तरह होता है। वे लोग यह समझते हैं कि जो हमारे भाग्य में होगा वह हमें अवश्य मिलेगा। वे परिश्रम करना व्यर्थ समझते हैं।

भाग्य का हमारे जीवन में बहुत महत्व होता है लेकिन आलसी बनकर बैठे हुए असफलता के लिए भगवान को कोसना ठीक बात नहीं है। आलसी व्यक्ति हमेशा दूसरों के भरोसे पर जीवन यापन करता है। वह अपने हर काम को भाग्य पर छोड़ देता है। हमारे इसी भाव की वजह से भारत देश ने कई वर्षों तक गुलामी की थी। परिश्रम से कोई भी मनुष्य अपने भाग्य को भी बदल सकता है।

जो व्यक्ति आलसी होते हैं वे केवल भगवान के लिखे हुए पर आश्रित होते हैं। हम सभी के मन में हीनता की भावना पैदा हो गई है लेकिन जैसे जैसे हमने परिश्रम के महत्व को समझा तो हमने पराधीनता के बेड़ियों को तोड़कर स्वतंत्रता की ज्योति जलाई थी। कायर व्यक्ति हमेशा कहते रहते हैं कि हमें भगवान देगा। अगर परिश्रम करने के बाद भी हमें सफलता नहीं मिलती है तो हमें इस पर विचार करना चाहिए कि हमारे परिसर में क्या कमी थी।

परिश्रम के फायदे / लाभ

  • आपको जीवन की सारी सुख सुविधा मिलेगी लक्ष्मी की प्राप्ति होगी आज के समय में धन जिसके पास है वह दुनिया की हर सुख सुविधा खरीद सकता है।
  • परिश्रम से मानसिक व शारीरिक चुस्ती मिलती है। आज के समय में परिश्रम नहीं करने पर बहुत सी बीमारियां शरीर में घर कर लेती हैं। इसलिए फिर तंदुरुस्ती स्फूर्ति के लिए शारीरिक श्रम करने को बोला जाता है। जिस वजह से लोग फिर जिम में भी समय बिताने लगते हैं। मानसिक विकास के लिए उसका परिश्रम करते रहना बहुत जरूरी है इसी के द्वारा लोगों ने नए नए अनुसंधान दुनिया में किए हैं।
  • परिश्रम से हमारे जीवन में व्यस्ता रहती है। जिससे किसी भी तरह की नकारात्मक बातें हमारे जीवन में नहीं आ पाती व इससे मन अंदर से शांति महसूस करता है।
  • परिश्रमी व्यक्ति हमेशा सफलता की ओर अग्रसर रहता है और समय-समय पर उसे सफलता का स्वाद चखने को मिलता है।

परिश्रमी व्यक्ति के गुण

एक मेहनती व्यक्ति होने का मतलब है कि आप अपने काम के लिए प्रतिबद्ध और कभी भी कुछ भी अपने रास्ते में नहीं आने देते हैं।

चाहे वह किसी प्रोजेक्ट पर काम करना हो होमवर्क खत्म करना हो या परिवार के कामों में समय से आगे निकलना हो हर कोई ऐसा व्यक्ति चाहता है जो अच्छा काम कर सके और आसानी से घर नमन।

आप सोच सकते हैं कि यह करना एक आसान काम है लेकिन ऊर्जा और प्रेरणा के सामान स्तर को बनाए रखना हमेशा आसान नहीं होता है।

जो व्यक्ति परिश्रमी होते हैं वे चरित्रवान, इमानदार, परिश्रमी और स्वावलंबी होते हैं। अगर हम अपने जीवन की, अपने देश और राष्ट्र की उन्नति चाहते हैं तो आपको भाग्य पर निर्भर रहना छोड़कर परिश्रमी बनना होगा। जो व्यक्ति परिश्रम करता है उसका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

आज के देश में जो बेरोजगारी इतनी तेजी से फैल रही है उसका एक कारण आलस्य भी है। बेरोजगारी को दूर करने के लिए परिश्रम एक बहुत ही अच्छा साधन है। मनुष्य परिश्रम करने की आदत बचपन या विद्यार्थी जीवन से ही डाल लेनी चाहिए। परिश्रम से ही किसान जमीन से सोना निकालता है।परिश्रम ही किसी भी देश की उन्नति का रहस्य होता है।

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आज के आर्टिकल में हमने परिश्रम का महत्व पर निबंध (Hard Work Essay in Hindi) के बारे में बात की है मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा।

Suneel

नमस्‍कार दोस्‍तों! Hindigrammar.in.net ब्‍लॉग पर आपका हार्दिक स्‍वागत हैं। मैं Suneel Kevat इस ब्‍लॉग का Writer और Founder हूँ. और इस वेबसाइट के माध्‍यम से Hindi Grammar, Essay, Kavi Parichay, Lekhak Parichay, 10 Lines Nibandh and Hindi Biography के बारे में जानकारी शेयर करता हूँ।

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जीवन में कार्य का महत्व पर निबंध Essay On Importance Of Work In Life In Hindi

जीवन में कार्य का महत्व पर निबंध Essay On Importance Of Work In Life In Hindi : हम जो कुछ प्राप्त करते है अथवा पाने की कामना करते हैं उनका आधार कार्य ही होता हैं.

जीवन का दूसरा नाम ही कर्मशीलता हैं निष्कर्मन्यता को जीवन का सर्वाधिक न्यून स्तर माना गया हैं. आज के निबंध में हम पढेगे कि जीवन में कर्म अर्थात कार्य का महत्व क्या हैं.

Essay On Importance Of Work In Life In Hindi

जीवन में कार्य का महत्व पर निबंध Essay On Importance Of Work In Life In Hindi

जीवन में कर्म अर्थात कार्य करने का अर्थ है सच्ची लग्न निष्ठा मेहनत तथा ईमानदारी से अपने दायित्वों को पूर्ण करना, कार्य का बड़ा महत्व हैं, इसके बिना जीवन का कोई सार नहीं हैं.

भगवान श्रीकृष्ण गीता के कर्मयोग में कार्य का महत्व बताते हुए कहते हैं मनुष्य को निरंतर कर्मशील बने रहना चाहिए, उसे फल की चिंता करने की बजाय अपने कार्य पर ध्यान देना चाहिए.

मनुष्य एक पल भी बिना कार्य के नहीं रह सकता, बाहरी तौर पर भले ही वह कोई कर्म न करे, मगर उसका मन लगातार चिंतन करता रहता हैं. मनुष्य कार्य के बिना शरीर का निर्वाह नहीं कर सकता हैं. जो इन्सान संसार से बंधन से मुक्त हो चूका है उसे भी निरंतर कार्य करके कर्मयोगी बनना चाहिए.

चिकित्सालय के डॉक्टर और नर्स का कार्य रोगियों को व्याधि मुक्त कर नया जीवन प्रदान करता हैं. एक छात्र निरंतर कार्य एवं अभ्यास के बल पर उच्च योग्यता का अर्जन करते हैं.

विज्ञान तथा तकनीकी के क्षेत्र के लोग निरंतर नये नये अनुसंधानों में लगे रहकर मानव कल्याण के लिए नयें साधनों को इजाद करते हैं. ईश्वर की इस प्रकृति की गतिशीलता का सिद्धांत कार्य पर टिका हैं. मानव ने लगातार कर्मशील बनकर चन्द्रमा तक अपनी पहुँच को बनाया हैं.

कार्य न करने वाले प्राणी को पशु के समान समझा जाता हैं. हर अवसर पर काम से जी चुराने वाले तथा आलसी किस्म के प्राणी बिन सिंग पूंछ के जानवर के समक्ष ही हैं. अकर्मण्य व्यक्ति को पृथ्वी पर बोझ माना गया हैं. भले ही वह कितना भी आकर्षक और अच्छे संदेश प्रसारित करने वाला हो.

परिवार, समाज तथा राष्ट्र की उन्नति में उसका कोई योगदान नहीं होता हैं. अक्सर देखा गया हैं, अपने कर्तव्यों से जी चुराने वाले, बहाने बनाने वाले लोग आगे जाकर अपराधी प्रवृत्ति के बन जाते हैं, जो किसी भी समाज के दुश्मन तुल्य होते हैं.

बहुत से लोग कार्य एवं परिश्रम करने वालों को हीन भावना से देखते हैं. कोई भी कार्य छोटा बड़ा हीन या उत्तम नहीं होता हैं कार्य करना मानव होने की निशानी हैं.

प्रकृति की रचना इस तरह की हैं कि आज बाबू समझता है उस पर ऊपरी अधिकारी का बोझ है अधिकारी कलक्टर को बोझ मानता हैं कलक्टर सरकार को, सरकार विपक्ष को आदि आदि ये केवल मानसिक विकार तथा सोच का ओछापन हैं.

जीवन में हमें कभी काम करने से जी नहीं चुराना चाहिए बल्कि कम समय में अधिक से अधिक कार्य करने का यत्न करना चाहिए, क्योंकि परिश्रम अथवा कार्य ही सफलता के मूल तंत्र हैं.

निरंतर अपने कार्य में लगने वाले के पास सफलता तो उलटे पाँव भागी आती हैं. व्यक्ति यदि अपने कार्यों को शुद्ध अंतकरण से करना शुरू कर दे तो उनकी विफलताएं भी कामयाबी बनकर आती हैं.

हमनें ऐसे हजारों लोगों के उदाहरण पढ़े व सुने है जो सामान्य से विशेष केवल अपने कर्मों के दम पर ही बने हैं. गांधी, लिंकन, लेनिन, न्यूटन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस तरह के उदाहरण हैं जो हमें निरंतर कर्म में लगे रहने की प्रेरणा देते हैं.

कर्म ही धर्म है निबंध Work is Worship Essay in Hindi – कार्य ही पूजा है

मनुष्य जब जब अपने कर्म को सम्मान देता है तथा पूरी श्रद्धा के साथ उसे सम्पन्न करने में लग जाता हैं तो निश्चय ही उसे सफलता मिलती हैं. हमारे धर्म ग्रंथों में इसी बात को कहा गया हैं कि कर्म ही पूजा हैं,

अर्थात जिस तरह श्रद्धा भक्ति व तन्मयता के साथ पूजा होती हैं वही निष्ठा कार्य के प्रति रखी जानी चाहिए. प्रत्येक मानव हाथ, पैर मस्तिष्क लेकर पृथ्वी पर उतरा हैं,

हमें ईश्वर ने इसलिए ये ज्ञानेन्द्रिय व कर्मेंद्रिय दी क्योंकि वह हमसे कार्य करवाना चाहता हैं. इस लोक की सरंचना इस तरह से की हैं कि हमें अपनी जरुरतो को पूर्ण करने के लिए कर्म करने की आवश्यकता पडती ही हैं.

हम किस तरह के कर्म करे अथवा हमें कहाँ तक सफलता मिलेगी. यह उस काम के प्रति हमारी ईमानदारी और समर्पण भाव पर निर्भर करता हैं.

कार्य के बिना हमारी थाली में सजा खाना हमारे मुहं तक नहीं आ सकता, जीवन कर्म के बिन अकर्मण्य बन जाता हैं, इसे उपयोगी बनाने में कर्म की बड़ी भूमिका हैं.

जीवन में निरंतर कार्य करते रहना ही मानव का प्रथम कर्तव्य माना गया हैं, आलस्य, निद्रा, सुस्ती को कर्म का शत्रु व जीवन का अभिशाप माना गया हैं. ये मानव के व्यक्तित्व विकास के बाधक हैं.

अपने जीवन में सफलता की बुलंदियां स्पर्श करने वाले व्यक्तियों ने कार्य के महत्व को समझा है तथा कार्य के लिए स्वयं को पूर्ण रूप से समर्पित करने पर ही उन्होंने वह मुकाम अर्जित किया हैं. भाग्य, किस्मत अथवा ईश्वर भी उनके के साथ चलते हैं जो कर्म करने में संकोच नहीं करता हैं.

सरल शब्दों में समझे तो कार्य अथवा कर्म को हम अपने जीवन में प्रयास के रूप में अमल में लाते हैं. यदि आप भी निरंतर प्रयासरत है अपने लक्ष्य की ओर तो आप सफलता रुपी प्याले में निरंतर अमृत रस जमा कर रहे हैं

जो एक दिन आपके लिए फल के रूप में छलकेगा. हम अपने जीवन में जो कुछ प्रगति या विकास के कारनामे देखते अथवा सुनते हैं उनके पीछे कार्य और सिर्फ कार्य जुड़ा होता हैं.

कर्म कैसे पूजा है इसे उदाहरण के जरिये समझे तो जापान का उदाहरण सही प्रतीत होता हैं. दूसरे विश्व युद्ध में जब इसने अपने दो सर्वाधिक विकसित महानगरों को परमाणु की विभीषिका से ख़ाक होते देखा, यूँ समझ ले जापान की रीढ़ की हड्डी 1945 में तोड़ दी गई.

आज वो छोटा सा देश जहाँ हर दिन ज्वालामुखी के ज्वार निकलते हैं अपने इतिहास के काले अध्याय को भुलाकर किस तरह केवल कर्म के दम पर आज वह विश्व का सर्वाधिक शक्तिशाली राष्ट्रों में गिना जाता हैं.

जापानियों ने अपनी तबाही को भाग्य का लिखा मानने की बजाय, फिर से उठ खड़े हुए और कर्म के महत्व को अपने जीवन के सिद्ध कर दिखाया कि कुछ ही असम्भव नहीं होता हैं यदि मानव कुछ करने की ठान ले तो एक दिन वह सब कुछ पा सकता हैं.

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hard work essay in hindi

कड़ी मेहनत का महत्व | Importance Of Hardwork in Hindi

Importance Of Hardwork In Hindi

जिंदगी का सबसे बड़ा Secret – कड़ी मेहनत

Importance Of Hardwork In Hindi

जिंदगी का सबसे बड़ा Secret यही है की कोई बड़ा Secret न हो, अगर आप काम करने के लिए तैयार है तो आप भी उसे हासिल कर सकते है.  – OPRAH WINFREY

मेरे लिए कठिन परिश्रम वह है जो आपको चुनौती देता है. लेकिन आखिर चुनौती जरुरी क्यू है ? क्यू न जीवन में उसे ही किया जाये, जो सरल और आसान है.

ज्यादातर लोग वही करते है जो आसान है और कठिन परिश्रम से दूर रहते है – और यही वजह है की आपको ठीक इसका उलट करना चाहिए ! जिंदगी के निचले अवसरों पर लोगो के झुण्ड के झुण्ड टूट पड़ते है क्यू की वे आसन होते है. और As A Result (अपेक्षाकृत) ज्यादा कठिन चुनोतियो पर मुकाबला काफी कम होता है और अवसर कही ज्यादा.

अफ्रीका में सोने (Gold) की एक खदान है जो दो मिल गहरी है इसे बनाने में दस लाख डोलर का खर्चा आया, लेकिन यह अब तक की सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली सोने की खदानों में से एक है. इन खान खोदने वालो ने एक बहोत मुश्किल चुनौती को, कठिन परिश्रम से ही काबू मे किया, और आखिर उन्हें उनकी महेनत का फल मिला.

मुझे याद है की जब मै 1999 में कंप्यूटर गेम ‘DWEEP’ को Develop कर रहा था तो मैने चार महीने फुल टाइम, एक ऐसा Design – Document बनाने में लगा दिए जो की केवल पाच पेज लम्बा था. यह एक Logic पर आधारित Puzzle का खेल था और मुझे सही Design को हासिल करना बहोत चुनौतीपूर्ण लगा. एक बार Design पूरा होने के बाद बाकी सारे काम जेसे की – प्रोग्रामिंग, ड्राइंग, म्यूजिक, साउंड इफ़ेक्ट, इंस्टालर लिखने और गेम बाज़ार में लेन में, केवल दो महीने का समय और लगा.

मेने इतना समय पूरी तरह समजकर, Design पर काम करने में लगाया क्यू की मै यकीन करता था की इस तरह से मै मुकाबले में बढ़त हासिल कर सकता हु, जिसकी मुझे जरुरत थी. मै अच्छी तरह जानता था की गेम के Technical Attributes के आधार पर दुसरो से मुकाबला नहीं कर सकता था. मेने स्पर्धा का अध्ययन किया और मुझे बहोत से ऐसे गेम्स मिले जिन्हें की मै “निचे लटका हुआ फल ” समझता था. बाज़ार में ऐसे गेम्स की बाढ़ आई थी जो की पुराने गेम्स की कॉपी थे. वो ऐसे गेम्स थे जिसे बनाना बहोत आसान था. और फिर मेरे शुरवाती गेम्स भी Design के मामले में कमजोर ही थे. ज्यादातर निशाना लगाने वाले, Acrade गेम्स.

Original गेम को उसके अनूठे खेल खेलने के ढंग के साथ Design करना एक कठिन, बहोत कठिन काम था. लेकिन इसका नतीजा लाजवाब रहा. ‘DWEEP’ ने 2000 में शेअर-वेयर इंडस्ट्री का अवार्ड जीता, और इसके ही एक Improved Version (DWEEP GOLD) ने, अगले साल भी यही अवार्ड जीता. उस गेम की सफलता के वजह से, Newyork Times के एक रिपोर्टर ने मेरा इंटरव्यू लिया और मेरा इंटरव्यू एक बढ़िया फोटो के साथ 13 जून 2001 के Edition (Business Section) में छपा. पहली बार १ जून 1999 में जारी होने के बाद, DWEEP अब अपने बिक्री के सातवे साल की शुरवात कर रहा है. यह आज की Technology से मुकाबला नही कर सकता. Technique से मुकाबला तब भी नहीं कर सकता था, जब यह पहली बार Launch हुआ था. लेकिन Design के मामले में यह आज भी, दुसरे Top Competitor को टक्कर देता है. मेने पाया की ऐसे बहोत से खिलाडी है जो एक बेहतर Design पर पुरानी टेक्निक्स के साथ गेम को खेलना पसंद करते है. इस गेम की लम्बी सफलता से मेने सिखा कठिन परिश्रम का फल मीठा होता है.

‘DWEEP’ इतने लम्बे समय तक कभी भी नहीं टिक पाता अगर मेने Design करते समय आसन रास्ता चुना होता. मेने सोने (Gold) के लिए दो मिल गहरी खुदाई की, यही वजह है की किसी दुसरे शख्स के लिए, गेम को बाज़ार में इसकी जगह से हिलाना बहोत मुश्किल था. ऐसा करने के लिए उन्हें मुझसे ज्यादा गहरी खुदाई करनी पड़ती और बहोत की कम लोग ऐसा करने के इच्छुक होंगे, क्यू की एक Creative गेम Design करना एक बहोत मुश्किल काम है. यह तो हर कोई कहता है की उसके पास एक अच्छे गेम की कल्पना है. लेकिन वास्तव में उस कल्पना को इस्तेमाल करके ऐसा कुछ बनाना जोकि काम करे, मजेदार हो और जिसमे नयापन हो, ये कड़ी महेनत का काम है. जब मै उन दुसरे गेम्स को देखता हु जिन्हें 5 साल से भी ज्यादा समय से सफलता मिल रही है, मुझे उन गेम्स में बार-बार कठिन परिश्रम करने की Willingness दिखाई देती है जोकि बाकि गेम्स में नहीं मिलती. फिर भी आज बाज़ार अच्छे गेम्स की कॉपी से भरा पड़ा है, जितना तब था, जब मेने शुरवात की थी.

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एक मुश्किल काम Commonly एक अच्छे Result से ही जुडा होता है. जहा सभी लोग आसान काम के लिए देख रहे हो और वहा आपको मुश्किल काम मिले तो अपने आप को lucky समझना चाहिए. लेकिन क्या आप आपकी सफलता को लम्बे समय तक बनाये रख सकते है ? या ये सिर्फ आपका भ्रम है ? एक बार अगर आपने मुश्किलों से लड़ना शुरू कर दिया तो आप पाओगे के आपमें उनसे लड़ने की ताकत आ गयी है.

जब आप खुद को मुश्किल काम करने के लिए तयार कर लेते है, तो आप नतीजो के उस क्षेत्र में दाखिल हो जाते है, जहा बाकि सब का Entry करना मना है. जो मुश्किल है उसे करने के लिए तयार रहना ऐसा है जेसे की आपको अपने ही एक खास खजाने की चाबी मिल गयी हो.

कठिन परिश्रम के बारे में एक अच्छी बात यह है की यह Universal है. इस से कोई फर्क नही पड़ता की आप किस इंडस्ट्री में है. कठिन परिश्रम को आप लम्बे समय के Positive Result हासिल करने के लिए प्रयोग कर सकते है.

मै इसी सिद्धांत का उपयोग, इस व्यक्ति विकास (Personal Development) के व्यवसाय को खड़ा करने में कर रहा हु . मै बहोत सी ऐसी चीजे करता हु जो की मुश्किल है. मै उन विषयो को समझाने का प्रयास करता हु जिसे दुसरे लोग हात भी नहीं लगाते और उन विषयो से कतराता हु जो की “निचे लटके हुए फल” की श्रेणी में आते है. मै विषयो की गहराई से छान बिन कर के, सोने (Gold) की खोज करने का प्रयास करता हु. मै काफी Reading और Research करता हु. मै लम्बे चौड़े लेख लिखता हु और अपने सबसे अच्छे विचारो को Freely सभी के लिए Available करा देता हु. इसलिए मै हमेशा अपने बहेतर को Constant रखने की कोशिश करता हु. मेने इस Business को पिछले साल अक्टूबर में शुरू किया था और इस पर पुरे वक़्त काम कर रहा हु और वह भी बिना किसी Salary के.

इसी तरह मै ‘Toastmaster’ में अपने बातचीत करने के हुनर को बेहतर बनाने के लिए कड़ी महेनत कर रहा हु (मेरी पहली सालगिरह २ जून को थी). मै दो अलग अलग Clubs का Membar भी हु और हर महीने 6-7 Meetings में भाग लेता हु. मुझे Club का Membar बन ने के एक महीने बाद “Club Officer” बना दिया गया और मुझे अभी “Second Officer” के पद के लिए चुना गया है. मेने कई सारे भाषण दिए है जोकि सारे फ्री थे. जबसे मै Member बना हु मेने सभी LECTURES और कम्पटीशन्स में भाग लिया. अगर इतना वक़्त मेने अपने गेम के Business में लगाया होता तो इस वक़्त मेरे पास काफी धन दौलत होती. फिर यह कठिन परिश्रम का काम है और मुझे पेशेवर Professional Speaker बन ने के लिए अभी और कम से कम एक साल की Training लेनी चाहिए. लेकिन जो भी हो मै इसकी कीमत देने को तयार हु. मै आसान रास्ता चुनकर ऐसे हलके स्थान पर नहीं पहोचना चाहता जहा से मै बार-बार निचे फिसलता रहू. मै स्टेज पर पहोचकर खुद को अपनी मदत केसे करे (Self Help) विषय पर मन को भाने वाली ऐसी बाते नहीं बोलना चाहता, जिस से मुझे तालिया और Fees का Cheque मिले. अगर इसे सिखने में सालो लगते है, तो लगते रहे.

इसी सिद्धांत का आगे मै अपनी किताब लिखने में इस्तेमाल कर रहा हु. यह काफी कड़ी महेनत का काम है. लेकिन मै चाहता हु की यह एक ऐसी किस्म की किताब हो जिनका आज किताबो की दुनिया में Psychology Section में बोलबाला हो. परन्तु इसमें से ज्यादातर किताबे सालभर में ही दुकानों से गायब हो जाएगी और काफी कम लोग ही उन्हें याद रख पाएंगे.

कड़ी मेहनत हमेशा काम आती है. और जब आपसे कोई कहे की यह सही नहीं है तो सावधान हो जाइये अगली आवाज़ किसी Salesman की होगी जो आपको Fast & Easy काम करने वाली कोई चीज़ बेचने का प्रयास कर रहा होगा. कठिन परिश्रम करने की जितनी ज्यादा क्षमता आपमें होगी, उतनी ही बडी सफलता आपकी पकड़ में आएगी.

जितना गहरा आप खोदोगे उतना ही बड़ा खजाना आपके हात आएगा. Healthy रहना कड़ी मेहनत का काम है. एक सफल रिश्ते को ढूंडना और उसे निभाना भी कड़ी मेहनत का काम है. खुद को संभालना भी कड़ी मेहनत का काम है. Aim Decide करना उसे पाने की Planning करना, सही रास्ता चुनना, कड़ी मेहनत का काम है. यहाँ तक की खुश रहना भी कड़ी मेहनत का काम है. (सच्ची ख़ुशी जोकि आत्म-सम्मान से आती है न की वह बनावटी ख़ुशी जो समस्याओ को नकारने और Escapism से आती है)

कठिन परिश्रम और Acceptance साथ-साथ चालता है. एक बात जो आपको एक्सेप्ट करनी होगी की आपकी जिंदगी में कुछ ऐसे क्षेत्र है जोकि बिना कठिन परिश्रम के किसी और चीज़ से नहीं हांरने वाले. हो सकता है की एक अच्छे रिश्ते को पाने में आपकी किस्मत साथ न दे रही हो. शायद यह केवल तभी संभव हो पाए जब आप यह Accept कर ले की इसके लिए आपको वही करना होगा जिस से आप अब तक बचते आ रहे है. शायद अब यह Accept करने का समय आ गया है की आपके Aim का रास्ता Desciplined Diet और एक्सरसाइज (दोनों ही कठिन परिश्रम का काम है ) से होकर गुजरता है. और हो सकता है आप अपनी Income को बढ़ाना चाहते है. शायद आपको अब यह मान लेना चाहिए की ऐसा कर पाने का केवल एक ही तरीका है – कठिन परिश्रम जब आप कठिन परिश्रम को टालने और उस से डरने की बजाये खुद को उसके हवाले कर कर देंगे तो आपकी जिंदगी एक बिलकुल ही नए स्तर पर पहोच जाएगी. आप इसे अपना दोस्त बनाये न की अपना दुश्मन. यह एक शक्तिशाली औजार है जो आपका हमेशा साथ देगा….

एक और प्रेरणादायी कहानी:-  Moral Stories – जैसा बोओंगे वैसा पाओंगे

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7 thoughts on “कड़ी मेहनत का महत्व | Importance Of Hardwork in Hindi”

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Very beautiful story, thats true that there is no other option to work hard. If you want success then make hard work as your friend. Thank you very much!!

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  • Sahitya (साहित्य) /

Hard Work Quotes in Hindi : पढ़िए वो प्रेरक विचार जो संघर्ष के समय में आपको प्रेरित करेंगे!

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  • Updated on  
  • नवम्बर 29, 2023

Hard Work Quotes in Hindi

विद्यार्थी जीवन में आप कई बार ऐसे समय से होकर गुजरते हैं, जहाँ आपको साहस के साथ आगे बढ़ना होता है। हिंदी हार्डवर्क कोट्स (Hard Work Quotes in Hindi) आपको कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित करने का काम करेंगे। संघर्ष के दौरान यदि आपका मन विचलित होता है, तो ऐसे में कुछ प्रेरक विचार आपको प्रेरित करते हैं। प्रेरक विचारों के फलस्वरूप ही आप कठिन परिश्रम के मार्ग पर चलने में सक्षम बन पाते हैं, प्रेरक विचारों से हर असंभव कार्य को संभव कार्य में बदला जा सकता है। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सरल माध्यम ही कठिन परिश्रम है, इस मार्ग पर चलने के लिए आपको प्रेरक विचारों की आवश्यकता होती है। इस पोस्ट के माध्यम से आपको प्रेरक विचारों को पढ़ने का अवसर मिलेगा, जिसके लिए आपको ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

This Blog Includes:

हार्डवर्क कोट्स हिंदी (hard work quotes in hindi),  कुछ और हिंदी हार्ड वर्क कोट्स (hindi hard work quotes in hindi), हार्ड वर्क कोट्स सकारात्मक विचार के लिए, बेस्ट हार्ड वर्क शायरी हिंदी में.

  •  Hard Work Quotes in Hindi

यदि कड़ी मेहनत आपका हथियार है, तो सफलता आपकी ग़ुलाम हो जाएगी ।

मुश्किल का मतलब असंभव नहीं है ,इसका मतलब केवल यह है कि आपको इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी ।

मेहनत सीढ़ियों की तरह होती है और भाग्य लिफ्ट की तरह लिफ्ट तो किसी भी समय बंद हो सकती है पर सीढ़िया हमेशा ऊंचाई की ओर ही ले जाती हैं!

सफलता (Success) का कोई शॉर्टकट नहीं है इसके लिए कड़ी मेहनत (Hard Work) करें।

धीरज रखना वो कड़ी मेहनत है जो आप तब करते हैं जब आप अपने किये हुए कठिन परिश्रम से थक जाते हैं।

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मैं बहाने में विश्वास नहीं करता । मैं कड़ी मेहनत में विश्वास करता हूँ !

कड़ी मेहनत किए बिना कुछ हासिल नहीं किया जा सकता जब तक मेहनत में बुद्धि का प्रयोग नहीं किया जाएगा तब तक उस मेहनत की कोई कीमत नहीं होगी।

मौके अक्सर कड़ी मेहनत के पीछे छुपे हुए होते हैं इसीलिए बहुत सारे लोग इन्हें पहचान नहीं पाते।

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श्रेष्ठ कार्यकर्ता वह है, जिसका कार्य तो दिखे पर करता न दिखे !!

प्रतिभा के बिना मेहनत शर्म की बात है, लेकिन कड़ी मेहनत के बिना प्रतिभा एक त्रासदी है।

Check Out: Education Quotes हिंदी में

एक सपना किसी चमत्कार से सच नहीं बनता है; यह पसीना, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत लेता है। -कॉलिन पॉवेल
ज्यादातर लोग अवसर गँवा देते हैं क्योंकि ये चौग़ा पहने हुए होता है और काम जैसा दिखता है | Thomas A. Edison
मैं  बहानो में विश्वास नहीं  करता मैं  जीवन  की  समस्याओं  को  सुलझाने  के  लिए  कठिन परिश्रम  को  प्रमुख  कारक  मानता हूँ । -जेम्स कैश पेनी
मेरा  विचार  है  कि  मुझे  जो भी सफलता मिली  है उसके पीछे जो मेरी सबसे बड़ी विशेषता  रही  है  वो  है  कठिन  परिश्रम .सचमुच , कठिन  परिश्रम का  कोई विकल्प नहीं  है।- मरिया बर्टीरोमोअगर कड़ी मेहनत इतनी अद्भुत चीज होती तो निश्चित रूप से अमीर उसे अपने पास ही रखते।  जोसेफ  किर्कलैंड
ये  सच  है  कि  कड़ी  मेहनत  ने  कभी  किसी  की  जान नहीं ली  , पर  मुझे  लगता  है  कि  खतरा  क्यों  उठाया  जाए ।

Hard Work Quotes in Hindi

सफलता हमेशा महानता का नाम नहीं है, यह स्थिरता के बारे में है। लगातार कड़ी मेहनत सफलता की ओर ले जाती है. और तब महानता आती है। -ड्वेन जान्सन
सफलता के लिए मार्ग संचालन करना आसान नहीं है, लेकिन कड़ी मेहनत, ड्राइव और जुनून के साथ, अमेरिकी के सपने को प्राप्त करना संभव है। -टॉमी हिलफिगर
एक बार वचनबद्ध होने के बाद, आपको वहाँ पहुँचने के लिए अनुशासन और कड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है। -हेली गेब्रसेल्सी

Hard work Quotes in Hindi

Check Out : Motivational Story in Hindi

किसी  को  कोई  भी  मिलने  योग्य   चीज  बिना  कड़ी  मेहनत के नहीं  मिलती।

कड़ी मेहनत के बिना जीवन हम मनुष्यों को कुछ भी नहीं देता।

आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।

साख बनाने में बीस साल लगते हैं और उसे गंवाने में बस पांच मिनट, अगर आप इस बारे में सोचेंगे तो आप चीजें अलग तरह से करेंगे।

कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है, ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है, अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।

Hardwork Quotes in Hindi

कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।यहां से चले हैं नई मंजिल के लिए, यह तो एक पन्ना था अभी तो पुरी किताब बाकी है ।

जो व्यक्ति छोटे-छोटे कर्मो को भी ईमानदारी से करता है, वही बड़े कर्मो को भी ईमानदारी से कर सकता है।

अपनी जुबां से दूसरो को गलत ठहराने की कोशिश से बेहतर है अपनी कोशिशों से खुद को सही साबित किया जाए।

अगर  कड़ी  मेहनत  इतनी  अद्भुत   चीज  होती  तो  निश्चित  रूप  से  अमीर  उसे  अपने  पास  ही  रखते ।

वास्तविकता आसान  है। वो  तो  धोखा है जो कठिन काम  है।

प्रतिभा  खाने  के  नामक  से  भी  सस्ती  है . जो  चीज  एक  प्रतिभावान  व्यक्ति  को  सफल  व्यक्ति  से  अलग  करती  है  वो  है  कठिन  परिश्रम |

मेहनत कीजिये लेकिन बिना योजना के नहीं। एक-एक कदम उठाइए। जब एक कदम उठा चुके हों तब तैयारी करें।

hard work quotes in hindi

 Check Out : UPSC Motivational Quotes in Hindi

  • कर्म भूमि पर फ़ल के लिए श्रम सबको करना पड़ता हैं,रब सिर्फ़ लकीरें देता हैं रंग हमको भरना पड़ता हैं।
  • चलता रहूँगा पथ पर,चलने में माहिर बन जाऊँगा,या तो मंजिल मिल जायेगी या अच्छा मुसाफ़िर बन जाऊँगा।
  • टूटने लगे होसले तो ये याद रखना,बिना मेहनत के तख्तों-ताज नही मिलते,ढूंढ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी,क्योकि जुगनू कभी रौशनी के मोहताज नही होते।
  • पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को,उसके मुक्कद्दर के सफ़ेद पन्ने कभी कोरे नही होते।
  • अपने हौसलों के बल पर हम,अपनी प्रतिभा दिखा देंगे,भले कोई मंच ना दे हमको,हु मंच अपना बना लेंगे।
  • दुनिया के सारे शौक पाले नही जाते,कांच के खिलौने हवा में उछाले नही जाते,परिश्रम करने से जीत हो जाती है आसान,क्योंकि हर काम तक़दीर के भरोसे टाले नही जाते।
  • बूझी शमां भी जल सकती है,तूफ़ान से कश्ती भी निकल सकती है,होके मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
  • अपने हौसलों के बल पर हम,अपनी प्रतिभा दिखा देंगे,भले कोई मंच ना दे हमको,हम मंच अपना बना लेंगे।
  • बहुत मेहनत लगती है साम्राज्य बनाने में, पर जब बनता है तो राजा भीआप ही होते हो।
  • एक सपना जादू से हकीकत नहीं बन सकता; इसमें पसीना, दृढ संकल्प और कड़ी मेहनत लगती है।
  • सपने आराम से सोकर देखे जाते है पर इन्हे पूरा करने के लिए कई रातें बिना सोए मेहनत करनी पड़ती है।
  • दुनिया की सभी समस्याएं आसानी से सुलझाई जा सकती हैं अगर बस इंसान सोचने को तैयार होता. दिक्कत यह है कि अक्सर इंसान सोचना ना पड़े इसके लिए हर तरह की कोशिश करता है, क्योंकि सोचना इतना कठिन काम है।
  • शब्दकोष ही एक ऐसी जगह है जहाँ ‘सक्सेस ’ ‘वर्क ’ से पहले आता है. कठिन परिश्रम वो कीमत है जो हमें सफलता के लिए चुकानी पड़ती है. मुझे लगता है कि यदि आप कीमत चुकाने को तैयार हों तो आप कुछ भी पा सकते हैं।
  • शहंशाह या राजा बनने के लिए कभी-कभी हमें गुलामों की तरह मेहनत करनी पड़ती है।
  • परिश्रम टैलेंटेड आदमी को तो पछाड़ सकता है लेकिन ये जरूरी नही की टैलेंट वाला बन्दा हार्ड worker को पछाड़ पाए।
  • एक परसेंट किस्मत एक परसेंट टैलेंट और 98% आपका हार ना मानना किसी भी काम में सफलता का फार्मूला है
  • खुद पर शक करने से कुछ नहीं होगा यार कठोर परिश्रम करें यह आपको 1 दिन खुशी देगा
  •  सीढ़ियाँ केवल उन लोगों के लिए बनाई जाती हैं जो छत पर जाना चाहते हैं, जिनकी मंजिल आसमान है, उन्हें अपना रास्ता खुद बनाना होगा !!
  •  (Sweat) की स्याही (Ink) से जो लिखते हैं। अपने इरादे को उनकी किस्मत (fate) के पन्ने कभी खाली नहीं होते !!
  • समय आपका है, यदि आप सोना बना दो या सोने में गुजार दो। दुनिया (world) आपकी मिसाल (Precedent) से बदलेगी, आपकी राय से नहीं !!
  •  प्रत्येक व्यक्ति को कार्य स्थल पर फल के लिए श्रम करना पड़ता है, भगवान केवल रेखाएँ देते हैं, हमें रंग भरना पड़ता है !!
  • चिंता न करें अगर आपकी प्रगति धीमी है या आप बार-बार गलती करते हैं। क्योंकि आप उन लोगों से कई गुना आगे हैं जो कोशिश भी नहीं करते हैं !!
  • रिंदो (Birds) को मंजिल जरूर मिलेगी यकीनन, ये फैले (Spread) हुए उनके पर बोलते हैं, वो लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं !पूर्ति वास्तव में खुशी का अर्थ है जो कड़ी मेहनत से आती है !
  •  मैं कड़ी मेहनत और लंबे समय में विश्वास करता हूं, एक इंसान ओवरवर्क से नहीं टूटता, बल्कि चिंता और असंयम से टूटता है!
  • जीवन जीना आसान नहीं है, कड़ी मेहनत के बिना कोई महान नहीं है, जब तक हथौड़े के पत्थर पर चोट न लगे, भगवान भी महान नहीं होता है !!
  • हर दो मिनट की प्रसिद्धि के पीछे आठ घंटे (hours) की कड़ी (hard work) मेहनत है !! 

Check Out : 100 Motivational Quotes in Hindi

  Hard Work Quotes in Hindi

न रात की खबर लगी न जाने कब सवेरा हुआ,  न जाने कब मुसीबतों से यारी हुई न जाने कब मेहनती मिज़ाज मेरा हुआ।

सपने देखना कभी न छोड़े जिस  दिन आप सपने देखना छोड़ देंगे  उस दिन समझ ले की आप हर गए। 

सपने देखने वालो के लिए रात छोटी  पद जाती है लेकिन सपने पुरे करने  वालों के लिए दिन और रत दोनों छोटे पड़ जाते हैं।

सफलता कभी भी शॉर्टकट से नहीं मिलती,  इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है

कड़ी मेहनत का रंग ही ऐसा आता है, इतिहास रचना मेहनतियों के लिए बड़ी बात नहीं।

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पहचान के ज़रिये मिला काम बहुत कम समय के लिए ही टिक पाता है,  लेकिन काम से मिली पहचान ज़िन्दगी भर क़ायम रहती है !!

देख लेना ज़िन्दगी में मेहनत से मिले फल का स्वाद क़िस्मत से मिले फल के स्वाद से ज़्यादा मीठा  लगेगा !!

मैं काम , कड़ी मेहनत और लम्बे समय तक काम करने में यकीन करता हूँ इंसान अधिक काम  करने से नहीं टूटता , बल्कि चिंता और असंयम से टूटता है!!

आशा है कि Hard Work Quotes in Hindi के माध्यम से आपको कठिन समय के दौरान प्रेरक विचारों को पढ़ने का अवसर मिला होगा, जो कि आपको सदा प्रेरित करेगी। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Parishram ka Mahatva

परिश्रम का महत्त्व पर निबंध (जहाँ चाह, वहाँ राह) मन के हारे हार है, मन के जीते जीत!

कोई भी मनुष्य हारता तभी है, जब उसका मन हार जाता है, जब उसका आत्मविश्वास डगमगा जाता है। हार या पराजय का मनोविज्ञान यही है। निराशा और भय, हार जाने का डर, मार्ग के विघ्न और बाधाओं का खौफ ही मनुष्य को पराजित करता है। ‘ परिश्रम का महत्व पर निबंध ‘ के माध्यम से आज हम मन की शक्ति और Importance of Hard Work in Hindi के बारे में बात करेंगे।

श्रम संसार में सफलता प्राप्त करने का महत्त्वपूर्ण साधन है। परिश्रम करके हम जीवन की ऊँची-से-ऊँची आकांक्षा पूरी करने का प्रयास करते हैं। संसार कर्म क्षेत्र है, अतः कर्म करना ही हम सबका धर्म है । किसी भी कार्य में हमें सफलता तब मिलती है, जब हम परिश्रम करते हैं।

Table of Contents

परिश्रम का महत्व पर निबंध

श्रम ही जीवन को गति प्रदान करता है। यदि हम श्रम की उपेक्षा करते हैं, तो हमारे जीवन की गति रुक जाती है। अकर्मण्यता की स्थिरता हमें ऐसी मजबूती से घेर लेती है कि उसके घेरे से बाहर निकलना कठिन हो जाता है। परिश्रमी व्यक्ति सभी प्रकार की कठिनाइयों से जूझ कर स्वतंत्र वातावरण में साँस ले सकता है।

परिश्रमी व्यक्ति ही जीवन में लक्ष्मी का कृपा पात्र बनता है। वह भाग्य का सहारा छोड़ कर यथाशक्ति पुरुषार्थ करता है। प्रयत्न करने पर भी परिश्रमी व्यक्ति को यदि सफलता नहीं मिलती है तो वह निराश नहीं होता। वह यह जानने के लिए सचेष्ट रहता है कि कार्य में सफलता क्यों नहीं मिली, क्योंकि वह जानता है कि बिना परिश्रम के केवल इच्छा मात्र से सफलता नहीं मिलती।

मोती ढूँढने वाला गोताखोर सागर की गहराइयों और लहरों से डर जाय, तो वह कभी मोती नहीं पा सकता। मोती – चाहत की मंजिल, उद्देश्य का साफल्य – तो गहरे अतल में छिपा होता है – उसे खोजने, ढूँढने में प्राणों को संकट में डालना ही पड़ता है। साहस और आत्मविश्वास – यही दो चीजें है – जो मनुष्य को अपनी मंजिल पर पहुंचाते हैं। आत्मविश्वास के साथ परिश्रम ही जीवन को सफल बनाती है।

जहाँ चाह, वहाँ राह

असफलता की कोख से ही सफलता का जन्म होता है। मनुष्य प्रयास करता है, असफल होता है। जो व्यक्ति, असफलता को अपनी नियति नहीं मानते, वे हार कर पुनः दोगुने-चौगुने आत्मविश्वास एवं उत्साह से कर्म में प्रवृत्त होते हैं और अन्त में अपना लक्ष्य पाकर ही दम लेते हैं।

इस कहावत में बहुत दम है – “Where there is will, there is a way” अर्थात् जहाँ चाह, वहाँ राह। जहाँ दृढ़ इच्छा-शक्ति होती है सच्चा संकल्प होता है, घना आत्मविश्वास होता है, वहाँ सफलता की राह खुद-ब-खुद बन जाती है।

मनुष्य को जीवन में कभी निराश नहीं होना चाहिए। यह पंक्ति से आपने सुनी ही होगी – ‘ नर हो, न निराश करो मन को। ‘ इस संसार में मनुष्य को आघात लगता ही रहता है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि वह हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाय। जीवन में निराशावादी दृष्टिकोण का परित्याग और आशावादी दृष्टिकोण का स्वीकार ही मनुष्य को यही आत्मविश्वास उसे सफलता और यश के उच्च शिखर पर आसीन करता है।

Importance of Hard Work in Hindi

संसार में हमें प्रत्येक पथ पर संघर्ष करके अपना मार्ग स्वयं बनाना पड़ता है। यदि हम परिश्रम करते हैं, तब जीवन के संघर्ष में हमें विजय मिल पाती है। हम जितने भी शक्तिशाली और साधन-संपन्न हों पर यदि श्रम करने से जी चुराते हैं, तो हमारी शक्ति और साधन सम्पन्नता अकेले हमें लक्ष्य की ओर नहीं ले जा सकती।

श्रम का असली रूप तो सारी प्रकृति में देखने को मिलता है । पशु-पक्षी, जीव-जंतु सभी निरंतर श्रम में लगे रहते हैं। रंगीन तितलियाँ धूप में उड़ती फिरती हैं और सुगंधित सुमनों के सौरभ का पान करके सुखी होती हैं। मधुमक्खियों को फूलों के कोष से मधु निकाल कर संचित करने में कम श्रम नहीं करना पड़ता।

यदि चींटी की भाँति हम भी अपने जीवन में श्रम के महत्त्व को समझें तो कर्म में हमारी आस्था दृढ़ होती है। कर्म से तो मनुष्य को कभी छुटकारा मिलने वाला नहीं। फिर जब कर्म करना ही है, तो फिर श्रम से उस पर पूर्ण अधिकार क्यों न किया जाए। एक महापुरुष का कहना है कि मोची होना बुरा नहीं, मोची होकर खराब जूता सीना बुरा है।

इसे भी पढ़ें: ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है!

जीवन में श्रम का महत्व पर निबंध

हमारे समाज में बहुत से लोग भाग्यवादी होते हैं। ऐसे व्यक्ति समाज की प्रगति में बाधक होते हैं। आज तक किसी भाग्यवादी ने संसार में कोई महान कार्य नहीं किया। बड़ी-बड़ी खोजें, बड़े-बड़े आविष्कार और बड़े-बड़े निर्माण श्रम के द्वारा ही संपन्न हो सके हैं।

हमारे साधन और हमारी प्रतिभा हमें केवल उत्प्रेरित करते हैं और हमारा पथ प्रदर्शन करते हैं, पर लक्ष्य तक हम श्रम से ही पहुँचते हैं। श्रम करके ही प्रतिभासंपन्न कलाकारों ने अपने छेनी हथोड़े के द्वारा अजंता-एलोरा की बनाई भव्य गुफाओं को मूर्तिमान किया।

सामान्य व्यक्तियों ने अपने श्रम से बड़े-बड़े साम्राज्य खड़े कर दिए हैं। बाबर, शेरशाह, नेपोलियन सभी आरंभ में सामान्य व्यक्ति थे पर अपने श्रम से उन्होंने इतिहास में अपने नाम को अमर बना दिया । अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए, परिश्रम से नौकाओं का संचालन करके कोलंबस ने अमरीका को खोज निकाला।

श्रम-साधना करने वालों को यश भी प्राप्त होता है और वैभव भी। एक गरीब परिवार का बालक श्रम से अध्ययन करता है। उच्चशिक्षा प्राप्त करके वह किसी उच्च पद पर आसीन होता है और अपने परिवार की स्थिति ही बदल देता है। हमारे अनेक साहित्यकार ऐसे हैं, जिन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा नहीं मिली । श्रम से उन्होंने अध्ययन किया। अपनी शक्तियों को विकसित किया और सफलता से उच्च कोटि के साहित्य का सृजन किया । अनेक व्यापारी थोड़ी-सी संपत्ति से अपना व्यापार आरंभ करते हैं और दो-चार वर्षों में वे धनवान बन जाते हैं।

जब हम अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए श्रम करते हैं तो हमारे मन को अलौकिक आनंद मिलता है। अंतःकरण का सारा कलुष घुल जाता है और पूर्ण संतोष का अनुभव होता है।

हम उस किसान के जीवन को देखें जो दिन भर परिश्रम से अपना खेत जोतता है और सायंकाल अपनी झोपड़ी में आकर आनंद मग्न कोई ग्राम-गीत अलापता है उस समय उसके स्वरों में उस स्वर्गीय संगीत की सृष्टि होती है। जब कोई विद्यार्थी दिनभर परिश्रम से अध्ययन करता है तब वह सायंकाल खेलने में आनंद का अनुभव करता है।

परिश्रम करने के फ़ायदे 

  • शारीरिक श्रम से मनुष्य को संतोष तो मिलता ही है उसका शरीर भी स्वस्थ रहता है।
  • श्रम से उसकी मांसपेशियाँ सुदृढ़ हो जाती हैं ।
  • जो लोग श्रम नहीं करते आलसी बने पड़े रहते हैं, उनका तो भोजन भी नहीं पचता और उनके शरीर को अनेकों व्याधियाँ घेरे रहती हैं।
  • शारीरिक श्रम हर एक व्यक्ति के लिए आवश्यक है।
  • शारीरिक श्रम करने वाले लोग दीर्घजीवी होते हैं।
  • श्रम के साथ-साथ ही मानसिक श्रम करने वाले का ही बौद्धिक विकास होता है। वह गंभीर-से-गंभीर तथ्य सहज ही ग्रहण कर लेता है।
  • विषम परिस्थितियाँ उत्पन्न हो जाने पर भी घबराता नहीं बल्कि साहस से उनका सामना कर लेता है। वह हर एक समस्या का आसानी से समाधान खोज लेता है।
  • मानसिक श्रम के महत्व को समझ कर हमारे ऋषि-मुनि चिंतन में लीन रहते थे और चिन्तन के लिए लोगों को उत्साहित करते थे। हमारा उपनिषद् साहित्य हमारे मानसिक श्रम का ही परिणाम है।

इसे भी पढ़ें: जीवन में समय का महत्त्व

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Essay on Hard Work

500 words essay on  hard work.

Hard work is an essential thing we all need in life. It is impossible to achieve greatness without working hard. In other words, an idle person cannot gain anything if they wish to sit and wait for something else. On the other hand, one who keeps working hard constantly will definitely gain success in life and this is exactly what essay on hard work will elaborate upon.

essay on hard work

Importance of Hard Work

Hard work is important and history has proved it time and again. The great Edison used to work for many hours a day and he dozed off on his laboratory table only with his books as his pillow.

Similarly, the prime minister of India, late Pt. Nehru used to work for 17 hours a day and seven days a week. He did not enjoy any holidays. Our great leader, Mahatma Gandhi worked round the clock to win freedom for our country.

Thus, we see that hard work paid off for all these people. One must be constantly vigil to work hard as it can help you achieve your dreams. As we say, man is born to work. Just like steel, he shines in use and rusts in rest.

When we work hard in life, we can achieve anything and overcome any obstacle. Moreover, we can also lead a better life knowing that we have put in our all and given our best to whatever work we are doing.

Key to Success

Hard work is definitely the key to success. What we earn by sweating our brow gives us greater happiness than something we get by a stroke of luck. As humans, we wish to achieve many things in life.

These things need hard work to be able to come true. Poverty is not the curse but idealness is. When we waste our time, time will also waste us. Hard work can help anyone achieve success. Great people were born in cottages but died in palaces.

Thus, it shows how through great work one can get the key to success. When you start working hard, you will notice changes in your life. You will become more disciplined and focused on your work.

Moreover, you will start seeing results within a short time. It is nothing but proof that when you work hard, things like determination, focus, concentration, come automatically to you. As a result, nothing will stop you from achieving success .

Success is not just someone being famous and rich in life. When you work hard and lead a comfortable life filled with love that is also a success. Hard work must not limit to work but also your personal life. When you put in hard work in work and relationships, life will prosper.

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Conclusion of the Essay on Hard Work

If we get the determination and focus, we can all work hard for a better future. It is important to concentrate as it ensures our work is finishing on time and in a better manner. Therefore, by working hard, we can increase our concentration power and open doors to new opportunities.

FAQ of Essay on Hard Work

Question 1: What is the importance of hard work?

Answer 1: Hard work teaches us discipline , dedication and determination. It is certainly important because it is only through hard work that we can achieve the goals of our life. Thus, we all must work hard.

Question 2: Does hard work lead to success?

Answer 2: Yes, hard work, together with the time will definitely lead to success. It is what can help you achieve a better life. Moreover, the harder you work, the more confident you will become in life.

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

दुनिया के कई देशों में मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसे लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे भी कहा जाता है। श्रम दिवस एक विशेष दिन है जो मजदूरों और श्रम वर्ग को समर्पित है। यह मजदूरों की कड़ी मेहनत को सम्मानित करने का दिन है। ज्यादातर देशों में इसे 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्रम दिवस का इतिहास और उत्पत्ति अलग-अलग देशों में अलग-अलग है। विद्यार्थियों को कक्षा में मजदूर दिवस पर निबंध लिखने, मजदूर दिवस पर भाषण देने के लिए कहा जाता है। इस निबंध की मदद से विद्यार्थी अपनी तैयारी कर सकते हैं।

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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hard work essay in hindi

  • Wed., Jun. 19 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

The feature debut for the writing-directing team of Joel and Ethan Coen is a drenched-in-sweat, swarming-with-shadows thriller set deep in the heart of Texas. When a sleazy bar owner (Hedaya) recruits a private detective (Walsh) to catch his young wife (McDormand) with her lover (John Getz), the stage is set for a series of violent double-crosses. Working with cinematographer Barry Sonnefeld, the Coens and the colorful cast go beyond film noir with their stylish storytelling. “The characteristic Coen awareness, a sly recognition of letting the audience share their power over our access to the story world, is everywhere in evidence” (David Bordwell). The screening of a 35mm print, courtesy Wisconsin Center for Film & Theater Research, dwill be followed by David Bordwell’s video essay discussing point-of-view in Blood Simple (2021, 15 min.)

  • Thu., Jun. 20 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

When Fanny (de Laâge) unexpectedly reunites with an old acquaintance (Schneider), he unveils a long-held crush, initiating a clandestine series of meetings over drinks and lunches. Meanwhile, Fanny navigates the delicate art of concealing these encounters from her possessive, affluent husband (Poupaud). For his 50th theatrical feature, writer-director Woody Allen has returned to themes of crime and punishment that he previously explored in Crimes and Misdemeanors and Match Point. A compelling tale of fate and murder with a sardonic sense of humor, Coup de Chance “​​looks and plays like many of [Allen’s] recent movies, only better; it sounds like them, too, except that it’s in French” (Manohla Dargis, The New York Times ).

  • Fri., Jun. 21 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

As a pair of hapless plumbers mistaken for high society elites, Abbott and Costello unleash a flood of sight gags, physical comedy, and classic vaudeville-era bits on the manner born, with great help from Marion Hutton (sister of Betty!) and the inimitable Arthur Treacher. Consistently hilarious, and featuring a handful of memorable songs, In Society stands out as one of the very best of the 28 features A&C made for Universal Pictures. Preceded by A Tale of Two Kitties (1942, 7 min.) Looney Tunes’s loving tribute to A&C and Tweety Bird’s origin story! (BR)

  • Wed., Jun. 26 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

Ozu's first movie made after World War II is set in a Tokyo neighborhood where a stoic middle-aged widow begrudgingly shelters an abandoned child, their initially chilly relationship thawing over time. With humor, poignancy, and a stark lack of sentimentality, the film delicately unveils the unlikely bond that forms between them amidst the rubble of war. “If Ozu had only made this seventy-two minute film, he would have to be considered one of the world’s great directors” (David Bordwell). 35mm print courtesy Wisconsin Center for Film & Theater Research.

  • Thu., Jun. 27 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

All aboard for this ultraviolent extravaganza, set almost entirely on a passenger train across India. Commando Amrit is riding the Rajdhani Express to rescue his girlfriend from an arranged marriage, when knife-wielding bandits climb on board. Armed with a fire extinguisher and anything else he can get his hands on, Amrit takes them on, teeing off a nonstop barrage of close-combat mayhem. “Sublimely savage. It’s adrenaline-fueled combat for the ages—a special brand of action showstopper that will leave you begging for more.” ( /Film ). (MK)

  • Fri., Jun. 28 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

Danish writer/director von Trier's scathing, riveting drama is set in a secluded Rocky Mountain village during the 1930s. The story follows Grace (Kidman), a woman running from her past whose presence disrupts the tightly woven fabric of the community, slowly revealing the small-town’s duplicity and bigotry. This sprawling saga, told from an outsider’s perspective with a bare minimum of sets and production design, provides viewers with an audacious challenge to American society.  Kidman leads a stellar ensemble that also includes Paul Bettany, Lauren Bacall, Ben Gazzara, Philip Baker Hall, Patricia Clarkson, and James Caan.

  • Wed., Jul. 3 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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A disgruntled explosives expert (Hopper) holds Los Angeles for ransom by arming a city bus with a bomb that will detonate if the vehicle slows down below 50 mph. Attempting to foil the dastardly plot is a dedicated bomb-squad cop (Reeves) and a brave and clever bus passenger (Bullock) who must navigate the oversized vehicle through very busy crosstown traffic. One of the best-remembered summer blockbusters of the 90s, Speed marked the directorial debut of Die Hard cinematographer de Bont and “exemplifies the fairly well-crafted action picture” (David Bordwell). 35mm print courtesy Wisconsin Center for Film & Theater Research.

  • Thu., Jul. 4 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

After a chance encounter at a karaoke bar in contemporary Helsinki, Ansa (Pöysti) and Holappa (Vatanen) encounter a series of obstacles, including misplaced contact information, alcoholism, and an endearing stray dog. Amidst the trials of lost connections and unexpected companions, the duo navigates a poignant and heartwarming path towards happiness in this charming tale. Filled with deadpan comic touches and homages to other filmmakers like David Lean, Leo McCarey, Yasujiro Ozu, and Jim Jarmusch, Fallen Leaves is also one of the most touching and pleasurable movies of this century. Don’t miss your chance to experience it in a cinema with an audience.

  • Fri., Jul. 5 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

This suspenseful character study, an influence on The Hurt Locker , tells of a neurotic and alcoholic munitions expert (David Farrar) during World War II. The climax of the story, a long tense scene of bomb disposal, is a virtuoso suspense sequence that is one of the most memorable in the filmography of Powell & Pressburger ( The Red Shoes , Black Narcissus ). The Small Back Room , which will be screened in a new 4K restoration, also offers a uniquely atmospheric evocation of the British wartime home front.

  • Wed., Jul. 10 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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Winner of the top prize at the 1985 Venice Film Festival, Vagabond begins with the discovery of the lifeless, frozen body of the young hitch-hiker Mona (Bonnaire). Through flashbacks recounted by individuals who crossed paths with her (portrayed predominantly by amateur actors), Varda constructs a fragmented depiction of this mysterious woman, crafting a mosaic-like portrayal that the director playfully referred to as “Rashomona.” Bonnaire’s multi-faceted turn won her several awards, including France’s Cesar, and the Los Film Critics Association prize for Best Actress. The presentation of a 35mm print, courtesy Wisconsin Center for Film & Theater Research, will be followed by David Bordwell’s video essay discussing plotting in Vagabond (2019, 15 min.)

  • Thu., Jul. 11 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

When a typhoon makes landfall, a group of junior high students are stranded inside their school, while their classmate (Mystery Train’s Yuki Kudo) runs away to Tokyo. Winner of the Grand Prix at the first Tokyo Film Festival and voted the 10th best Japanese film of all time in a poll by Kinema Junpo (Japan’s leading film magazine), Typhoon Club is another waiting-to-be-discovered classic by Shinji Somai, director of 2024 Wisconsin Film Festival favorite Moving . (MK)

  • Fri., Jul. 12 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

hard work essay in hindi

In director Sarafian’s existential car chase classic, Newman stars as Kowalski, a society dropout recruited to bring a Dodge Challenger R/T from Denver to San Francisco. Hoping to make it in record time, Kowalksi drives at such high speeds that police in three states quickly become obsessed with capturing him. Along the way, the driver is helped to avoid the cops by a network of hippies and outsiders, most notably radio DJ Super Soul (memorably played by a pre- Blazing Saddles Cleavon Little). The camera and driving stunt work in Vanishing Point will take your breath away and the desert scenery is gorgeous. “What I like best about the film…is its depiction of a coast-to-coast network of weirdos, dropouts, and misfits ready to help wayfaring strangers – this was one of the finer aspects of sixties-seventies counterculture” (Danny Peary, Guide for the Film Fanatic ).

  • Wed., Jul. 17 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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Tough and crude cop McPherson (Andrews) investigates the murder of beautiful advertising executive Laura Hunt (Tierney) and falls in love with her portrait. The chief suspects are Waldo Lydecker (Webb), Laura’s cynical friend and companion; Shelby Carpenter (Vincent Price), her good-for-nothing fiancé; and Ann Treadwell (Judith Anderson), her rich, unscrupulous Aunt, who loves Shelby. Filled with shocking twists and revelations, Preminger’s classic gracefully mixes elegance with decadence. 35mm print courtesy of Wisconsin Center for Film & Theater Research.

  • Thu., Jul. 18 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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Junhee, a disillusioned novelist, meets a film director during a visit to an old friend, reigniting her passion for storytelling. As she bonds with Kilsoo, a renowned actress grappling with her own artistic identity, Junhee decides to embark on a unique cinematic journey, envisioning a film that defies conventions and reflects her own creative vision. For his 27th feature film, the prolific and immensely gifted Hong Sang-soo holds a mirror up to his own artistic process and asks what exactly it is we’re looking for from a work of art. “One of the director’s sweetest films, registering ultimately as a touchingly sincere tribute to his life in filmmaking, and to love discovered through art-making” (Matt Turner, Little White Lies ).

  • Fri., Jul. 19 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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Fonda and Oates play a couple of pals who take their wives on a roadtrip in a decked-out Winnebago. When the fellas witness what looks like a human sacrifice at their campsite, they find themselves fleeing from a widespread cult of Southern Satan worshippers. Loaded with thrilling chases and steeped in a redneck milieu, this 70s drive-in staple, a mash-up of Deliverance and Rosemary’s Baby , is as fun as it sounds!

  • Wed., Jul. 24 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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In this HK buddy cop drama in the tradition of Lethal Weapon , Chow Yun-Fat stars as a clownish, womanizing Sergeant more interested in flashy shirts than fighting crime, until he's paired with a serious rookie (Conan Lee) to bust a cocaine ring. As they attempt to uncover the criminal masterminds, the pair are led to a final showdown involving shotguns-on-strings and flying chainsaws, one of the most jaw-dropping sequences in the celebrated history of Hong Kong action movies. “Such flagrantly loopy combat is quite exciting, even exhilarating….Artificially shaped grace can be tremendously arousing. Don’t forget how people get carried away watching dancing, acrobatics, or basketball” (David Bordwell). 35mm print courtesy Academy Film Archive.

  • Thu., Jul. 25 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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In a genuine movie star performance, Mikkelsen embodies Ludvig Kahlen, a determined figure born of humble origins, who rises within Denmark's military ranks in the 18th century. Following the wishes of the King to cultivate the unforgiving heath of Jutland, Kahlen confronts not only the harsh terrain but also the numerous cruelties of an enormously wealthy local landowner (Bennebjerg), who knows that any progress on the heath will cost him his power. “A full-blooded epic of one man’s achievements against all odds played perfectly by Mads Mikkelsen” (Leonard Maltin), The Promised Land is grand entertainment that demands to be seen on the big screen.

  • Fri., Jul. 26 | 7:00 PM 4070 Vilas Hall

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After the U.S. is turned into a wasteland following a nuclear war, five survivors (Peppard, Vincent, Sanda, plus Paul Winfield and Jackie Earle Haley) travel cross country in a souped-up, high tech Winnebago, searching for civilization. Along the way, they battle freak tornadoes, giant desert scorpions, mutated killer cockroaches in Salt Lake City, and gun-toting Midwest rednecks. A campy cult favorite, 20th Century Fox expected Damnation Alley to be their top blockbuster in 1977, not quite recognizing the potential of their other sci-fi fantasy release that year, Star Wars . A restored 4K DCP will be screened.

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Older adults are having sex, and they’re getting STIs, too

Aging adults who have sex with a new partner should be screened for chlamydia, syphilis and other infections.

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“Any falls in the past 90 days? Are you sleeping okay, getting enough exercise, eating well? What medications are you taking?” My primary care doctor asked the questions you’d expect at the annual physical of someone who had just turned 60.

There was one topic she didn’t mention, though. Even though she knew I’d recently been divorced, the doctor didn’t ask if I’d become sexually active, nor did she talk to me about screenings for chlamydia, syphilis, gonorrhea or HIV. I’m a little embarrassed to admit that I didn’t ask her about sex, either.

In my younger years, checkups typically included at least a mention of safer sex. Granted, the topic wasn’t as pressing during my married years, but now that I was single, why wasn’t sexual health on the checklist? Because I’m… “old”? Because older people don’t have sex?

“Unfortunately, a lot of providers perceive that older adults don’t have sex, that they don’t want to have sex, or they cannot have sex, and that’s simply not true,” says Matthew Lee Smith, an associate professor in the health behavior department at Texas A&M’s School of Public Health.

Well, in fact, older people are having sex. Not only that, they like having sex. According to a new study from the National Poll on Healthy Aging, 4 in 10 adults ages 65 to 80 report being sexually active. More than half say sex is important to their quality of life. That’s the good news.

Here’s the bad: Sexually transmitted infections (STIs) are surging among older adults, according to the Centers for Disease Control and Prevention. Cases of gonorrhea among those 55-plus have grown about 600 percent since 2010. Chlamydia cases have quadrupled, while syphilis cases are now nearly 700 percent higher than in 2010.

What’s going on?

“Rising divorce rates, forgoing condoms as there is no risk of pregnancy, the availability of drugs for sexual dysfunction, the large number of older adults living together in retirement communities, and the increased use of dating apps are likely to have contributed to the growing incidence of STIs in the over 50s,” said Justyna Kowalska, a professor of medicine at the Medical University of Warsaw and author of a 2024 study on how to manage STIs among older adults, in a news release about the study.

Mary Susan Fulghum, a retired OB/GYN in North Carolina, is on a mission to educate older people, primarily women, about rising rates of STIs, and often speaks to church groups, book clubs, community groups — such as nursing homes and retirement villages.

“I have felt a need to explain and identify risk factors,” she told me, “and let people know it’s okay to talk about it to the doctors.” On occasion, the women she talks to seem shocked — at one event an older woman told her, “I can’t believe you are actually talking to a group about this.” But more often the older women exhibit a mix of curiosity, gratitude and some denial.

Experts offered five reasons that help explain why STI rates are rising among older people:

Older adults tend to underestimate their risk. “These individuals have limited knowledge about STIs — transmission, symptomology and ways to prevent them,” Smith said. He notes that educational resources are not readily available in senior centers, residential communities or doctors’ offices. And who wants to be the one to ask for them? Fulghum agrees, which is why she goes to those in need of resources. “These people have been smart their entire lives. ... They want to know what to do and they will do it,” she said, noting that older adults may need encouragement and support about how to make smarter choices.

Providers have their own issues about discussing sex. Texas A&M’s Smith acknowledges that most health-care providers don’t talk to their patients about sexual needs, behaviors and desires — a significant proportion of providers believe that their older patients aren’t generally having sex, so “they’re not testing older adults for sexually transmitted infections.”

Fulghum suggests that if doctors feel uncomfortable having these sorts of discussions, “it’s their responsibility to make sure they have the resources in their office to make things as comfortable as possible” for patients. One suggestion she has for male providers: turn to a female associate — another doctor or nurse practitioner — who may be better able to communicate with female patients.

Chris Skidmore, deputy director of Whitman County public health department in Washington state, said time-crunched providers often focus on “larger health concerns of folks at that age, like heart disease, diabetes, arthritis and cancer” rather than sex education.

Older adults tend to shy away from condoms . Those over 55 may associate using condoms with avoiding pregnancy, not preventing STIs.

“This generation rarely considers using protection because they came of age when sex education in school did not exist, HIV was virtually unheard of, and their main concern … was to avoid pregnancy,” wrote Janie Steckenrider, associate professor of political science at Loyola Marymount University, in a study published in Lancet Healthy Longevity.

Fulghum recommends anyone starting a new sexual relationship be tested for STIs. “From there you can move the conversation towards condoms,” she said, adding rhetorically, “What 70-year-old woman is going to go into a drugstore and ask to buy condoms?” (Note: They’re generally in the family planning aisle; it’s also easy and more private to buy them online.) Fulghum said it’s important that both partners take responsibility for buying and using condoms, regardless of gender.

Older adults aren’t comfortable talking with new partners about their sexual histories. Those dating again after being widowed or divorced can find themselves in uncomfortable terrain, Smith said, but conversations about sex are important — to assess risk — even if challenging. Some relevant questions to ask a new partner include: Have you had unprotected sex? When were you last tested for STIs? Timing is everything: Have that talk before you have sex. Anyone hooking up via an app — which older folks are doing — has even more reason to use protection.

New medications are helping older people remain sexually active. There are drugs for erectile dysfunction as well as injectable medications that can help a man achieve an erection (typically after prostate removal). According to the Michigan study, nearly 1 in 5 men had taken medications or supplements to boost sexual function. For postmenopausal women there are FDA-approved treatments for vaginal dryness, painful sex or low libido.

So what can be done to stop or slow rising STI rates among older people? Experts have two main suggestions:

Sexual health screening questions should be part of every older adult’s routine checkup . And STI testing should be offered when warranted .

Patients who are sexually active, or planning to be, need to be proactive with their doctors. It can be a challenge to talk with a health-care provider about sex, especially with a physician who may be much younger (more common as we age) or of a different gender or sexual orientation. If you’re not comfortable, seek out a new provider who might be a better match — or ask for someone in the practice who might be a better match.

Finally, as Fulghum said, “Our problem is that [younger] people don’t like to think about older people having sex. … Old people aren’t supposed to do things like that any more.” Except they are, she said, adding that she reminds her older audiences that sex is supposed to be a “fun kind of thing” — and safe. Even when you’re older.

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सृष्टि के विकास का मूलमन्त्र परिश्रम है। श्रम के बल पर सृष्टि के समस्त कार्य संचालित होते हैं। पृथ्वी, नक्षत्र, ग्रह, सूर्य और चन्द्र सभी अपने कर्म में निरत हैं। संसार के सभी प्राणी कर्म के अधीन हैं। पक्षी प्रातःकाल दाना जुटाने के लिए अपने घोंसले से निकल पड़ते हैं।चींटी अपना भोजन एकत्र करने के लिए सतत चलती रहती है। सभी पशु, सभी मानव प्रातः से सायं तक अपने कर्म में अनवरत निरत दृष्टिगत होते हैं। मानव ने आदिम युग से आज तक का सभ्य जीवन परिश्रम से ही प्राप्त किया। उसने पशुओं का शिकार किया, खेती करना सीखा, पराका निर्माण किया, माम और नगर बसाये। गगनचुम्बी भवनों, विशाल बाँधों, कारखानों, यन्वी, माटर, रेलों का निर्माण किया। चारों ओर मानव का श्रम एव जयते' का उच्च उद्घोष सुनाई पड़ता छ। यह सब मनुष्य की साधना एवं अनवरत श्रम का परिणाम है। 

श्रम  के प्रकार

श्रम का महत्व.

जीवन में परिश्रम का महत्वपूर्ण स्थान है। जीवन में सुख और समृद्धि श्रम पर आधारित है। अथक परिश्रम से असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं। श्रम जीवन की सफलता की कुंजी है। ईश्वर ने मनुष्य के लिए अनन्त पदार्थ बनाये है, परन्तु अकर्मण्य व्यक्ति उन्हें प्राप्त नहीं कर पाते हैं। उन्हें पाने के लिए कर्म तो करना ही होगा 

"सकल पदारथ यहीं जग माहीं, कर्महीन नर पावत नाहीं।" 

श्रम से मनुष्य मनुष्यत्व ही नहीं, देवत्व भी प्राप्त कर लेता है। श्रम वह सोपान है, जिस पर चढ़कर मनुष्य संसार-स्वर्ग के सभी सुखों को प्राप्त कर सकता है। मानवता का विकास और वैज्ञानिक उन्नति परिश्रम के ही मधुर फल हैं। गीता के "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन्" में श्रम की महत्ता ही प्रतिपादित की गयी है। कवि नलिन के शब्दों में 

"जीवन एक सुमन मानो तो सौरभ उसका श्रम है। 

ईश्वर की वरदान शक्ति भी इसके आगे कम है।। 

जिस प्रकार सौरभ के बिना सुमन व्यर्थ है, उसी प्रकार श्रम के बिना जीवन व्यर्थ है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में श्रम का महत्व दृष्टिगोचर होता है। अध्यापक परिश्रमी छात्र से प्रसन्न रहता है। मालिक मेहनती सेवक से सन्तष्ट रहता है। बढे परिश्रम से सेवा करने वाले बच्चों से प्रसन्न रहते हैं। प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले परिश्रमी छात्र को छात्रवृत्ति प्राप्त होती हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में परिश्रम द्वारा उत्तीर्ण होने वालों को सरकारी उच्च पद प्राप्त होते हैं। परिवार के परिश्रमी सदस्य के हाथ में घरं की बागडोर रहती है। इस प्रकार परिश्रम की अनिवार्यता जीवन के सभी क्षेत्रों में देखी जा सकती है। 

भाग्य और पुरुषार्थ 

भाग्य और पुरुपार्थ जीवन-पथ के दो पहिये हैं। अकेले. भाग्यचक्र से ही जीवन रथ आगे नहीं बढ़ सकता है। जो लोग श्रम को त्यागकर भाग्य या आलस्य का आश्रय लेते हैं, वे अपने जीवन में असफल रहते हैं। ईश्वर पर केवल आलसी व्यक्ति ही आश्रित रहते है."देव-देय आलसी पुकारा।" कायरों और अकर्मण्यों की ईश्वर भी सहायता नहीं करता है 

"God helps those, who help themselves" 

आलसी और अकर्मण्य पृथ्वी पर भार-स्वरूप हैं। आलस्य मनुष्य का प्रबल शह है। भाग्यवादी बनकर हाथ पर हाथ रखकर बैठना मौत की निशानी है। मनुष्य अपने भाग्य का स्वयं निर्माता है। परिश्रम के बल पर ही वह अपने बिगड़े भाग्य को बदल सकता है। 

सफलता का रहस्य श्रम

महापुरुष बनने का प्रथम सोपान परिश्रमशीलता है। संसार में जितने महापुरुष हुए सभी कष्ट-सहिष्णुता और अम के कारण श्रद्धा, गौरव और यश के पात्र बने। वाल्मीकि, कालिदास, तुलसीदास आदि जन्म से महाकवि नहीं थे। उन्हें ठोकरें लगी, ज्ञान-नेत्र खुले और अनवरत परिश्रम से महाकवि बने। जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमन्त्री बनने का रहस्य उनकी -परिश्रमशीलता ही है। गाँधीजी का सम्मान उनके परिश्रम एवं कष्ट-सहिष्णुता के कारण ही है। इसे सबने अपने जीवन का प्रत्येक क्षण अमरत रहकर बिताया। उसी का परिणाम है कि वे सफलता के उच्च शिखर तक पहुँच सके। महान् राजनेताओं, वैज्ञानिकों, कवियों, साहित्यकारों और ऋषि-मुनियों की सफलता का रहस्य एकमात्र परिश्रम ही है। जितने भी लक्ष्मी के वरद पुत्र हैं, यदि वे निठल्ले पड़े रहते तो उनकी सम्पत्ति बढ़ने के बजाय घट जाती। अनुद्यमी मनुष्य लक्ष्मी का कृपापात्र नहीं हो. सकता है। 

परिश्रमी व्यक्ति राष्ट्र की बहुमूल्य पूँजी है। श्रम वह महान् गुण हैं, जिससे व्यक्ति का विकास और राष्ट्र की उन्नति होती है। संसार में महान् बनने और अमर होने के लिए परिश्रमशीलता अनिवार्य है। श्रम से अपार आनन्द मिलता है। श्रम के सामने प्रकृति भी नत हो जाती है 

"प्रकृति नहीं डर कर झकती है, कभी भाग्य के बल से । 

सदा हारती वह मनुष्य के उद्यम से, श्रम-जल से।" 

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