सड़क दुर्घटना पर निबंध
आज के समय में परिवहन बहुत तेजी से विकसित हुआ है। लेकिन इस विकास के साथ ही खतरा भी बढा है। हर दिन पूरे दुनिया भर में हजारों लोगों की मौत केवल सड़क दुर्घटना से हो जाती है।
वाहन चालकों के लापरवाही और भी कई कारणों से सड़क पर चल रहे लोगों के जान खतरे में पड़ जाते हैं। सडक दुर्घटना की संख्या आए दिन बढ़ते ही चली जा रही हैं।
सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए हमें पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर सड़क दुर्घटना किन-किन कारणों से होता है और किस तरीके से हम इसे रोक सकते हैं।
यहां पर सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में (Sadak Durghatna Par Nibandh) शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।
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सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में (Sadak Durghatna Par Nibandh)
सड़क पर यात्रा करते समय लापरवाही बरतना ही सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण होता है। सड़क पर यात्रा करते समय सही सावधानी बरती जाए तो सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
सड़क पर चलते समय ट्रैफिक नियमों और चिन्हों का प्रयोग करके सड़क दुर्घटना से बचा जा सकता है। साथ ही अन्य की जिन्दगी भी बचाई जा सकती है।
सड़क दुर्घटना का कारण
सड़कों और वाहनों की संख्या बढ़ते ही चली जा रही है। अब तो हर किसी के घर पर अपना निजी वाहन हो चुका है। सबके घर पर स्कूटर, बाइक, कार है। अब लोग सार्वजनिक परिवहन के बजाय अपने निजी वाहन का प्रयोग यात्रा के लिए करते हैं।
इससे प्रदूषण तो होता ही है लेकिन सड़क दुर्घटना की संभावना भी उतनी ही बढ़ जाती है। वाहनों की बढ़ती संख्या सड़क दुर्घटना का एक कारण तो है ही लेकिन इसके साथ ही वाहन चालकों की लापरवाही सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण है।
कुछ सड़क दुर्घटनाएं खराब रोड़ के कारण भी होती है और दुर्भाग्यवस भारत जैसा देश सड़क पर गड्ढों के लिए ही प्रसिद्ध है। यहां पर ज्यादातर घटनाएं तो सड़कों के गड्ढों के कारण होती है। सड़क दुर्घटना के निम्नलिखित कई कारण है:
हेलमेट ना पहनना
सड़क दुर्घटना में ज्यादातर दो पहिए वाहन चालक को ज्यादा खतरा होता है और इसका मुख्य कारण है हेलमेट न पहनना। ज्यादातर दो पहिया वाहन चालक वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनते हैं, जिसके कारण उनके दिमागी चोट और मौत की संभावना बढ़ जाती है।
यहां तक कि दो पहिए वाहन पर केवल दो लोगों की सवारी ही मान्य है। लेकिन उसके बावजूद लोग ट्रिपल राइडिंग करते हैं, जो कि अवैध है और यह सड़क दुर्घटना का कारण बनता है।
ओवरटेक करना
आजकल के युवा जो सड़कों पर वाहन चलाते हैं, उन्हें सबसे आगे निकलने की हौड़ लगी रहती है। वे तेज रफ्तार से आगे वाले वाहन को ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं, जिसके चक्कर में बहुत बार बड़ी दुर्घटना घटित हो जाती है।
नशे में वाहन चलाना
सड़क दुर्घटना का एक सबसे बड़ा कारण होता है शराब पीकर वाहन चलाना। कई लोग शराब पीकर वाहन चलाते हैं, जिसके कारण उनका ध्यान केंद्रित करने और ठीक से काम करने की क्षमता कम हो जाती हैं। इससे वाहन चालक वाहन को नियंत्रित कर नहीं पाता है और इससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
ड्राइविंग के समय मोबाइल का इस्तेमाल करना
आज के समय में युवा बिना मोबाइल के 1 मिनट भी अपने आपको दूर नहीं रखती है फिर चाहे ड्राइविंग करते हुए ही फोन चलाना हो। सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारणो में से एक ड्राइविंग के समय मोबाइल चलाना है।
ड्राइविंग के समय मोबाइल पर ध्यान देने से वाहन चालक विचलित हो जाता है और इससे सड़क दुर्घटना हो जाती है।
ट्रैफिक नियमों का पालन न करना
सड़क दुर्घटना में आधे से ज्यादा दुर्घटना ट्रैफिक नियमों के पालन न करने से होता है। दुख की बात तो यह है कि बहुत से वाहन चालकों को तो ट्रैफिक नियमों की जानकारी भी नहीं होती है।
इसके अलावा अनुभवहीन किशोरावस्था के बालक भी सड़क पर वाहन चलाते हैं, जो दूसरों का तो जान जोखिम में डालते हैं। साथ में खुद का भी जान जोखिम में डाल देते हैं।
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के सड़क पर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटना होने की संभावना हमेशा बनी रहती है। सडक दुर्घटना के अन्य कारणों में असुरक्षित लेन परिवर्तन, वाहनों में भारी मात्रा में सामान ले जाना, नींद में गाड़ी चलाना, वाहन में खराबी, बारिश या कोहरे में वाहन चलाना, तेज रफ्तार से वाहन चलाना जैसे कई कारण है।
सड़क दुर्घटना को रोकने का प्रयास
सडक दुर्घटना को यातायात के नियमों का पालन करके रोका जा सकता है। यातायात के नियमों का पालन करना न केवल वाहन चालकों की जिम्मेदारी और कर्तव्य है बल्कि सड़क पर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए भी यह नियम की जानकारी होना जरूरी है।
क्योंकि सड़क दुर्घटना केवल वाहन चालकों के लापरवाही से ही नहीं बल्कि सड़क पर पैदल चलने वाली यात्रियों के लापरवाही से भी होता है। सड़क पर पैदल चलने वाले यात्रियों को हमेशा क्रॉसिंग पर ही रोड़ पार करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें सड़क के बायीं ओर चलना चाहिए।
- वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल ना करें।
- होश में रहकर वाहन चलाएं।
- वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट जरूर पहनें।
- वाहन निर्धारित गतिशिमा में चलाएं।
- ओवरटेक ना करें।
- ट्रैफिक नियमों का सही से पालन करें।
- वाहन का ब्रेक, टायर, लाइट और अन्य घटकों का नियमित रूप से जांच करते रहे।
सड़क दुर्घटना को रोकना हम सभी की जिम्मेदारी हैं। यह गंभीर विषय है इसलिए हम सभी को एक साथ मिलकर सहयोग देना पड़ेगा।
यातायात के नियमों का पालन करना, जागरूकता बढ़ाना और सड़कों के सुधार से हम सड़क दुर्घटना को रोकने की कोशिश कर सकते हैं और कई अनमोल जिंदगी को बचा सकते हैं।
अगर हम चाहे तो सड़क दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं। रोज ना जाने कितने परिवार खत्म होते हैं, रोज ना जाने कितनों के अपने प्यारे सदस्य खत्म हो जाते हैं। सिर्फ सड़क दुर्घटना की वजह से हमें चाहिए कि हम सरकार के नियमों का पालन करें उनका उल्लंघन ना करें।
अगर हम अपने अनुशासन में रहकर ड्राइविंग करते हैं तो सड़क दुर्घटना की संभावना बहुत कम हो जाएगी और धीरे-धीरे हम इस समस्या से निजात पा सकेंगे।
हमने यहां पर सड़क दुर्घटना निबंध (road accident essay in hindi) शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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सड़क दुर्घटना पर निबंध – Essay on Road Accident in Hindi
सड़क दुर्घटना पर निबंध: आज के समय में सड़क दुर्घटना एक गंभीर समस्या बन गई है। ये दुर्घटनाएँ न केवल जीवन की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती हैं। इसलिए सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूकता बढ़ाना और कार्रवाई करना आवश्यक है।
सड़क दुर्घटना पर निबंध
सभ्यता की प्रगति के साथ-साथ विश्व की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है। साथ ही वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। आजकल ज्यादातर लोगों को पैदल घूमना-फिरना पसंद नहीं है। अलग-अलग गाड़ियों का इस्तेमाल करना उनकी आदत बन गई है। यात्री सरकारी व निजी बसों में सफर कर रहे हैं। अनगिनत मालवाहक ट्रक सड़कों पर नजर आते हैं। कार, मोटरसाइकिल, स्कूटर, मिनीबस, साइकिल और अन्य वाहनों का सड़क पर चलना एक सामान्य घटना है। सड़क के नियमों का पालन न करने वाले वाहन चालकों और सड़क पर चलने वाले लोगों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल सड़क सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
पृथ्वी पर सड़क दुर्घटनाएँ हो रही हैं। भारत में हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हो जाती है। विभिन्न दुर्घटनाओं का विवरण दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होता रहता है। सड़क दुर्घटनाएँ टेलीविजन पर देखी जा सकती हैं। रेडियो पर सड़क दुर्घटना की दुखद खबर प्रसारित की जा रही है। इस बात की जानकारी वाहन चालकों व लोगों को प्रतिदिन होने के बावजूद भी वे विशेष सावधानी नहीं बरत रहे हैं। सड़क दुर्घटनाएँ विभिन्न कारणों से होती हैं। कुछ लोगों को सड़क के नियमों के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं होती। इसलिए वे कभी-कभी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कुछ ड्राइवर बहुत अधिक शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं। वे गाड़ी को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाते। परिणामस्वरूप, वे दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते हैं और खुद को तथा दूसरों को नुकसान पहुंचाते हैं। शहरी क्षेत्रों में यातायात की गति कम करना; लेकिन इस नियम को तोड़ना और तेज गति से यात्रा करना दुर्घटना का कारण बनता है। चौराहों और नदी तटों के मोड़ों पर चलते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
चालकों को सड़क के किनारे विभिन्न संकेतों और निर्देशों के माध्यम से सावधान रहने के लिए सूचित किया जाता है। दुर्घटनाएं कुछ चालकों द्वारा बिना संकेतों और निर्देशों को ध्यान दिए तेज गति से वाहन चलाने के कारण होती हैं। बिना लाइसेंस, अनुभवहीन या नौसिखिए ड्राइवर कभी-कभी दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। रात में गाड़ी चलाते समय अगर आगे और पीछे की लाइटें ठीक से न जलें तो दुर्घटना होने की संभावना रहती है। यदि सड़क की हालत ठीक नहीं की गई तो दुर्घटनाएं हो सकती हैं। कुछ पैदल यात्री सड़क पार करते समय सभी दिशाओं में नहीं देखते हैं। इससे दुर्घटनाएं होती हैं।
निदान की विधि:
सभी चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस होनी चाहिए। मोबाइल कोर्ट की मदद से तेज गति से वाहन चलाने वालों को सजा मिलना अपरिहार्य है। लाइसेंस जारी करने से पहले संबंधित अधिकारियों को ड्राइवरों के प्रदर्शन का परीक्षण करना आवश्यक है। ड्राइवरों को नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जानना जरूरी है। बिना लाइसेंस वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। जो लोग सड़क जाम कर रहे हैं उन पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए। हर साल सड़क रखरखाव के साथ-साथ कुछ सड़कों को चौड़ा करने की आवश्यकता होती है।
सड़क के नियम सभी की सुरक्षा के लिए हैं। इस नियम का पालन करके हर कोई ढेर सारा जीवन बचा सकता है। हमें यातायात नियमों का पालन करना चाहिए, अपने वाहन सुरक्षित रूप से चलाने चाहिए और अपने समुदाय में सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए।
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तो दोस्तों ये था सड़क दुर्घटना पर निबंध। अंत में मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा, सड़क दुर्घटनाएँ हमारे समाज के लिए एक गंभीर चुनौती हैं। हमें इस समस्या के समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए, ताकि हम सड़कों पर सुरक्षित यात्रा का आनंद ले सकें।
सड़क दुर्घटनाएँ हमारी सड़कों पर होने वाली एक सामाजिक समस्या है। यह कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है जिसमें टक्कर, गिरना या एक या अधिक वाहनों को अन्य प्रकार की क्षति शामिल हो। इससे हमारे समाज में नुकसान, चोट और मृत्यु हो सकती है और परिणाम कई परिवारों को प्रभावित कर सकते हैं।
हमें यातायात नियमों का पालन करना चाहिए, अपने वाहन सुरक्षित रूप से चलाने चाहिए और अपने समुदाय में सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए।
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सड़क दुर्घटना पर निबंध – Essay on Road Accident in hindi
Essay on Road Accident in hindi, सड़क दुर्घटना पर निबंध: सड़क दुर्घटनाएं आजकल बहुत आम हो गई हैं। जैसे-जैसे और लोग ऑटोमोबाइल खरीद रहे हैं, सड़क दुर्घटनाओं की घटनाओं में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, लोग भी अब अधिक लापरवाह हो गए हैं। बहुत से लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते हैं। विशेष रूप से बड़े शहरों में, परिवहन के विभिन्न तरीके हैं। इसके अलावा, सड़कें संकरी होती जा रही हैं और शहर अधिक आबादी वाले हो गए हैं।
सड़क दुर्घटना पर निबंध – Road Accident Essay in hindi
इस प्रकार, सड़क दुर्घटनाएँ होना तय है। आप एक अखबार उठाते हैं और आपको रोजाना सड़क दुर्घटनाओं के बारे में कम से कम एक या दो समाचार मिलेंगे। वे सामग्री के साथ-साथ जीवन की हानि भी करते हैं। सड़क पर होने पर लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस परिवहन साधन से हैं। यहां तक कि पैदल चलने वाले भी इन घटनाओं के बढ़ने के कारण सुरक्षित नहीं हैं। हर दिन लोग समाचारों में, रिश्तेदारों से और यहां तक कि अपनी आंखों से भी दुर्घटना को देखते हैं।
सड़क दुर्घटना की घटना
एक बार जब मैं एक सड़क दुर्घटना का गवाह बना, तो त्योहारी खरीदारी से घर वापस लौट रहा था। मैं अपनी बहन के साथ था और शाम के करीब 6 बज रहे थे। सड़क के बीच में, हमने एक भीड़ को देखा जो किसी चीज़ से घिरी हुई थी। हमें इस बात का पूरा यकीन नहीं था कि हमारे दिमाग में जो पहला विचार आया था, वह यह था कि यह शायद दो आदमियों के बीच का झगड़ा था। हालांकि, जब हम मौके पर पहुंचे, तो हमें पता चला कि एक दुर्घटना हुई थी।
उसके बाद, हमें पूरी कहानी पता चली। एक व्यक्ति सड़क पार कर रहा था जब एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। वह शख्स जमीन पर खून से लथपथ पड़ा था और लोग एम्बुलेंस को बुला रहे थे। हमने तुरंत एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन समय खत्म हो रहा था। इसलिए, एक ऑटो चालक ने आदमी को अपने ऑटो में लिया और अस्पताल ले गया।
इसके बाद, पुलिस पहुंची क्योंकि लोगों ने चालक को पकड़ लिया था और उसकी पिटाई कर रहे थे। पुलिस के आने के बाद, उन्होंने चालक को पकड़ लिया और घटना के बारे में पूछा। बाद में, हमें पता चला कि ड्राइवर नशे में था। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और बयान के लिए अस्पताल ले गई। सौभाग्य से, चालक को खतरे से बाहर घोषित किया गया था। डॉक्टरों ने उसके घावों को कपड़े पहना और सूचित किया कि वह अभी भी सदमे में है।
उस घटना ने मुझे एहसास दिलाया कि हमारे जीवन कितने कीमती हैं। इसके अलावा, जैसे कि हम इसे कैसे लेते हैं। हम सभी को सड़क पर, पैदल या ऐसी कार से बहुत सावधान रहना चाहिए जो कोई मायने नहीं रखती। हम उन उपायों को अपना सकते हैं जो सड़क दुर्घटनाओं को रोकेंगे।
सड़क दुर्घटना की रोकथाम
हमें मृत्यु दर को कम करने के लिए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की आवश्यकता है। हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। बच्चों को कम उम्र से ही यातायात नियमों के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। उन्हें जीवन का मूल्य सिखाया जाना चाहिए और वे इसे कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
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इसके अलावा, सरकार को यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले लोगों के लिए और कड़े कानून पारित करने होंगे। लिंग की परवाह किए बिना इन कानूनों को तोड़ने का दोषी पाए जाने पर लोगों को भारी जुर्माना देना चाहिए या सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
इसी तरह, माता-पिता को ड्राइविंग करते समय फोन का उपयोग न करके छोटे लोगों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए। साथ ही, दुर्घटना की संभावना से बचने के लिए उन्हें हमेशा अपना हेलमेट और सीटबेल्ट पहनना चाहिए।
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Essay on road accident in hindi सड़क दुर्घटना पर निबंध.
Read an essay on road accident in Hindi language. In India road accident are increasing as people don’t follow traffic rules. We have described long essay on road accident in Hindi 1000 Words.
Essay on Road Accident in Hindi
Road Accident Essay in Hindi 1000 Words
सड़कों का आवाजाई के लिए प्रयोग बहुत लोकप्रिय है। रेलों के साथ-साथ सड़क मार्गों से यात्रा और सामान की ढुलाई आदि सारे संसार में की जाती है। यही कारण है कि हमारे देश में सड़कों का बड़ी तेजी से निर्माण और विस्तार हो रहा है। देश के विकास और औद्योगिक तरक्की के लिए यह आवश्यक है। प्रत्येक गाँव, कस्बे और शहर का आपस में सड़कों से जुड़ा रहना विकास की पहली कड़ी कही जा सकती है। सड़कों द्वारा आवागमन में बड़ी सुविधा, सहजता और आराम रहता है। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि भारत में सड़कों का रख-रखाव ठीक नहीं है। इनकी दुर्दशा निराशा का एक बड़ा कारण है। वाहनों की संख्या तो दिन दुगनी और रात चौगुनी बढ़ रही है परन्तु उसी अनुपात में सड़कों का विस्तार नहीं हो रहा और न देख-रेख ही हो रही है। परिणामत: सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
हमारे देश में लगभग 50,000 से अधिक व्यक्ति प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु को प्राप्त होते हैं और इससे भी अधिक पंगु या अपाहिज हो जाते हैं। यह मृत्यु दर अमेरिका की मृत्यु दर से 25 गुणा अधिक है। सड़कों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है और उसे हटाने या कम करने के लिए उपाय नहीं किये जा रहे हैं। औसतन हमारे यहां सड़कों की विकास दर 8-10 प्रतिशत है और वाहनों की संख्या 540 लाख से भी अधिक। दिल्ली में वाहनों की संख्या बहुत तीव्र गति से बढ़ रही है। यहां प्रत्येक 5 व्यक्तियों के पीछे एक वाहन है। सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण वाहन चालकों की लापरवाही है। वे सड़क के नियमों का पालन नहीं करते। बिना पूरे और अच्छे प्रशिक्षण के ही लोगों को वाहन चलाने के लिए लाइसैंस दे दिये जाते हैं। उन्हें सड़कों के नियमों का उचित ज्ञान नहीं होता और न वाहन चलाने का व्यावहारिक अनुभव।
लोग सुरक्षा नियमों की परवाह किये बिना मनमाने तौर पर अपने वाहन चलाते हैं। चौराहों पर लगी प्रकाश-बत्तियों की ओर वे ध्यान नहीं देते। अनुचित ढंग से दूसरे वाहनों को ओवरटेक करना, अंधाधुंध सीमा के बाहर जाकर तेज गति से वाहन चलाना और अपने वाहनों को ओवरलोड करना आम बातें हैं। इसके अतिरिक्त हमारी सड़कों पर लगभग 40 प्रकार के वाहन एक साथ चलते हैं जिनमें बहुत धीमी गति वाले वाहन जैसे बैलगाड़ी, ऊंटगाड़ी, साइकिल, रिक्शा और बोझ ढोने वाले पशु आदि भी हैं। बसों में सवारियां जरूरत से अधिक लदी रहती हैं। लोग बसों की छतों पर भी यात्रा करते देखे जा सकते हैं। लटककर यात्रा करना भी सामान्य सी बात है। दो पहिया स्कूटर पर कभी-कभी तो पूरे परिवार को यात्रा करते देखा जा सकता है। परिणाम यह है कि आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं और लोग असमय ही मृत्यु के शिकार बन जाते हैं। यातायात पुलिस और दूसरे अधिकारी भ्रष्ट हैं। पैसे लेकर वाहन-चालक को लाइसेंस दिये जाते हैं। नकली लाइसेंसों की भी भरमार है। यातायात के नियमों के उल्लंघन करने वालों को रिश्वत लेकर छोड़ दिया जाता है।
वाहनों की खराब हालत भी चिंता का विषय है। वे बहुत पुराने और खराब हालत में होते हैं। लगभग 50 प्रतिशत वाहन या तो पुराने हैं या खराब वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन वाहनों से सड़कों को भी बड़ी हानि पहुंचती है तथा दुर्घटनाओं की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती है। रेलवे क्रॉसिंग पर किसी फाटक और आदमी के न होने से भी दुर्घटनाएं घटती हैं। सैंकड़ों व्यक्ति इस तरह की रेल दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष मर रहे हैं।
समाचार-पत्र सड़क दुर्घटनाओं के दु:खद समाचारों से भरे रहते हैं लेकिन अधिकारी-गण इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। सड़क संबंधी कई प्रतिकरणों का होना भी इस अव्यवस्था का एक बड़ा कारण है। सड़क कोई बनाता है, तो उनका रख-रखाव कोई दूसरी संस्था करती है। लाइसैंस एक तीसरी संस्था देती है। इनमें आपस में कोई समन्वय और संतुलन नहीं है। सड़कों पर गड्ढे, बरसात में सड़कों पर पानी भरे रहना, ऊंची-नीची होना, उचित प्रकाश की व्यवस्था न होना, चौराहों पर लाल बत्तियों का न होना आदि कई प्रकार की गंभीर समस्याएं हमारे सामने हैं।
सड़कों के किनारे दुकानों, खानपान के रेस्टोरेंटों, वर्कशाप आदि का होना फुटपाथ खाली न रखना और वाहनों को मनमाने ढंग से यहां-वहां खड़ा कर देना स्थिति को और भी भयावह बना देते हैं। वाहनों की मुरम्मत करने वाली वर्कशाप के लोगों ने तो अनुशासनहीनता की हद ही कर रखी है। पानी के निकास के लिये नालियों, पुलियों आदि का न होना भी सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का एक कारण है।
ड्राईवर या तो अनपढ़ होते हैं या कम पढ़े-लिखे होते हैं। उन्हें यातायात के नियमों का उचित ज्ञान नहीं होता। वे नशे की हालत में वाहन चलाते हैं और अधिक पैसा कमाने के लालच में अपनी शक्ति से अधिक समय और दूरी तक अपने वाहन चलाते हैं। समय पर आराम नहीं करना, अपने स्वास्थ्य का ध्यान न रखना आदि दुर्गुण इन ड्राइवरों में आम पाये जाते हैं। परिणामत: जरा सा ध्यान चूका या नींद की झपकी आई कि दुर्घटना घटी। ट्रक ड्राइवरों में शराब, गांजा, भांग जैसे नशीले पदार्थों का सेवन एक सामान्य बात है। अपनी थकान मिटाने के लिए वे नशों का सहारा लेते हैं और फिर दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि इन समस्याओं पर उचित और पूरा ध्यान दिया जाए और इनके रोकने के लिए प्रभावशाली प्रयत्न किये जायें। सड़क सुरक्षा वाहन-चालन जैसे विषय स्कूल में पढ़ाये जाने चाहिये और उन्हें बचपन में ही यातायात के नियमों से अवगत करवा देना चाहिये। यातायात के नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिये। जो वाहन चालक सड़क-यातायात के नियमों का उल्लंघन करें, उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिये।
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सड़क दुर्घटना का दृश्य पर निबंध
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रूपरेखा : प्रस्तावना - दुर्घटनाओं के मुख्य कारण - सड़क दुर्घटना का वर्णन - ड्राइवर की लापरवाही - ताँगे और बस की टक्कर - उपसंहार।
जनसंख्या की अतिवृद्धि और यातायात के साधनों का अत्यधिक प्रसार सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं । दस वर्ष पूर्व जितनी सड़क दुर्घटनाएँ होती थीं, आज उससे कई गुणा अधिक होती हैं। दुर्घटनाएँ न हों या बहुत ही कम हों, सरकार ने इसके लिए अनेक उपाय किए हैं, किन्तु जसे सरक्षात्मक उपाय बरतती जाती है, वैसे-वैसे दुर्घटनाएँ भी बढ़ती जाती हैं। समाचार-पत्रों में प्रतिदिन दुर्घटना का खबर आते रहते हैं।
सड़क पर चलता हुआ बच्चा कार की चपेट में आया और भगवान ने उस अविकसित कली को अपने दरबार में पेश करने को आज्ञा दे दी। ताँगे में बैठे यात्री बातचीत में मस्त चले जा रहे हैं, अकस्मात दिल्ली-परिवहन तथा प्राइवेट ब्लू लाइन की बस टकराई और बातचीत बदल गई 'हाय! हाय !! में।
ये दुर्घटनाएँ न मनुष्य की उपयोगिता और महत्ता को देखती हैं और न समय और कुसमय को। कोई व्यक्ति किसी आवश्यक कार्य से जा रहा है, कितने उत्साह के साथ किसी स्वागत-समारोह या विवाहोत्सव की तैयारियाँ हो रही हैं, इन बातों से दुर्घटना का कोई वास्ता नहीं। जरा झटका लगने की देर है और मानव की जीवन-लीला समाप्त ! दुर्घटना को तो किसी की बलि चाहिए चाहे वह कोई भी हो। किसी का लिहाज नहीं, मोहब्बत नहीं। हिन्दी की प्रसिद्ध कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान और तत्कालीन अखिल भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष डॉ. रघुवीर की मृत्यु कार-दुर्घटना में ही हुईं थीं।
आइए, आपको एक हृदय-विदारक सड़क-दुर्घटना का वर्णन सुनाएँ। दिल्ली में एक स्थान है तीस हजारी। उसके आगे सीधे चलें तो मोरीगेट का पुल आता है। इस मार्ग के बीच में बाएँ हाथ को एक सड़क मुड़ती है, जो 'टेलीफोन एक्सचेंज' और 'न्यू कोर्ट्स के मध्य से होती हुई निकल्सन पार्क की ओर चली जाती है। तीस हजारी से न्यू कोर्ट्स को मुड़ने वाली सड़क पर बीच में यातायात नियंत्रक 'सिपाही' के खड़े होने का गोल चबूतरा है। इसके आगे मोरीगेट पुल तक 'एक मार्गीय' यातायात व्यवस्था है।
रात्रि के आठ बजे थे। मैं जामा मस्जिद से दिल्ली-परिवहन की रूट नम्बर ग्यारह की बस में बैठा राणा प्रताप बाग की ओर जा रहा था। मेरे लिए बस के हिचकोले माता की गोदी का हिलोरों में बदल जाते हैं और मैं प्राय: बस में सो जाता हूँ। उस दिन भी मुझे निद्रा देवी ने धर दबाया था। चलती हुई बस में यात्रियों के चढ़ने-उतरने या झटके के साथ बस रुकने से निद्रा में विघ्न पड़ता था और मैं एक बार आँख खोलकर देख लेता था कि बस कहाँ तक पहुँच गई है । फतेहपुरी बस-स्टॉप से चलकर बस मोरीगेट पर रुकी । यहाँ भीड़ अधिक थी। सभी यात्री चढ़ जाना चाहते थे। इधर, बस ठसाठस भरी हुई थी। अतः कंडक्टर सबको लेना नहीं चाहता था। उसने दो-चार सवारियाँ लीं और दो बार सीटी बजाकर बस को चलाने का आदेश दे दिया। ड्राइवर ने गाड़ी पहले गेयर में डाली और तेजी से चला दी। ड्राइवर अब तेजी के मूड में आ गया था।
बस के स्थान पर लगभग चालीस आदमी खड़े थे। अंत: धक्कापेल होनी स्वाभाविक थी। परिणामत: मेरी नींद भी रफूचक्कर हो गई। इधर 'न्यू कोर्ट्स' बस स्टॉप पर एक नवदम्पती ने बस को रोकने का इशारा किया, किन्तु ड्राइवर ने बस को नहीं रोका । बस यहाँ से मुडती हुई टेलीफोन एक्सचेंज से सिपाही के चबूतरे के पीछे बनी ईंटों के इमारत और एक फुट ऊँचे चबूतरे के छोर पर एक सेकंड रुकी । तेज बस के अकस्मात रुकने पर थोड़ा झटका लगा। पालक झपकते ही बस पुनः तेज हो गई और चल पड़ी सड़क को दो भागों में बाटने वाली पटरी के दाहिनी ओर मोड़ काटने के लिए। गलत दिशा में बढ़ती हुई बस को देखकर मेरा दिल दहल-सा गया। आत्मा की आवाज हृदय से सुनी जा सकती है। इधर मेरा दिल अज्ञात दुर्घटना की आशंका से धड़का ही था कि एकदम बस के टकराने और लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाज कानों में पड़ी। बस लड़खड़ाती हुई-सी एकदम रुक गई। बस के एकदम रुकने से यात्री एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े।
यात्री किसी तरह शनै:-शनैः (आराम से) बस से बाहर निकले। मैं भी बाहर आया। देखा, बस और ताँगे की टक्कर हुई थी। ताँगे का घोड़ा मर गया था और उसके नीचे पड़ा था उसका चालक। वह भी अपने प्रिय घोड़े के मोह में प्राण त्याग चुका था। ताँगे में बैठी सवारियों में दो व्यक्ति उछल कर दूर जा पड़े थे, किन्तु अगली सीट पर बैठे दो व्यक्ति टूटे ताँगे के नीचे पड़े कराह रहे थे।
इधर, बस में भीड़ अधिक होने के कारण जो लोग पायदान पर लटक रहे थे, उनमें से दो बस के झटके से नीचे गिर पड़े और एक के ऊपर से बस निकल गईं। उसका शरीर खून से लथपथ पड़ा था। यह सब-कुछ पलक झपकते हो गया। ताँगा कैसे और किस ढंग से टकराया, बस वाले ने बाई ओर से न जाकर दाई ओर से बस को क्यों निकाला ? बस के स्थान पर चालीस स्पीड' क्यों लीं? पायदान पर यात्रियों को क्यों खड़ा रहने दिया गया ? आदि तथ्यों को अब झूठी-सच्ची गवाहियों से तोड-मरोड़कर बदला जाएगा। ये सब बातें मेरे दिमाग में घूम गई। पाँच मिनट में पुलिस पहुँच गई। उसने बस, बस ड्राइवर और कण्डक्टर को अपने 'कब्जे' में ले लिया। जनता को घटना स्थल से 20-20 गज की दूरी तक पीछे हटा दिया | फिर ताँगे में बैठे चारों व्यक्तियों और कुछ बस यात्रियों को रोक लिया।
मार्ग-विभेदक निर्जीव पटरी चालक को मूर्खता पर हँस रही थी। प्राय: सड़कों पर लिखी आदर्श पंक्ति' दो क्षण की बचत के लिए जीवन को खतरे में न डालिए' बस-चालक का उपहास कर रही थी। मरने वालों की संख्या तीन थी। मामूली चोटों वाले अब भी कराह रहे थे। मैं दु:खी हृदय से तीस हजारी की ओर चल पड़ा। आँखों में अश्रु-बिंदु अनजाने ही आ गए थे।
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सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay on Road Safety in Hindi
आज के इस पोस्ट आप सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay on Road Safety in Hindi हिन्दी मे पढ़ेंगे। इसमे हमने सड़क सुरक्षा के तथ्य, भारत मे इसकी स्तिथि, इसके लिए बनाए गए कानून और नियम बताए हैं।
Table of Content
भारत में बीते दशक में सड़क हादसे कई गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। सड़क हादसों के दौरान हर बार केवल वाहन वाले व्यक्ति की ही गलती नहीं होती, कई बार पैदल चल रहे लोग भी सड़क हादसों का कारण बनते हैं। सड़क हादसे होते हैं क्योंकि लोग सड़क के नियमों से जागरूक नहीं होते और वे इनका पालन नहीं कर पाते।
सड़क हादसों से जुड़े तथ्य Facts about Road Accidents
सड़क हादसे काफी भयानक और दर्दनाक क्रम बनकर सामने आये हैं । सड़क हादसों से जुड़े कुछ तथ्य निम्नलिखित हैं :-
भारत में सड़क सुरक्षा Road Safety in India
भारत मे सड़को का महत्व अत्यधिक है लेकिन सड़कों और सड़क हादसों के प्रति जागरूकता काफी कम है या कहें केवल नाम भर की है। भारत मे सड़क हादसे, एक गंभीर समस्या है।
एक रिपोर्ट के अनुसार 10 करोड़ से भी अधिक लोग आजादी के बाद, भारत में केवल सड़क हादसों के कारण मारे गए हैं। यह चिंतनीय है और इस पर विचार अवश्य होना चाहिए।
गौरतलब है कि भारत में विश्व भर द्वारा सड़क रखरखाव एवं हादसों के प्रति जागरूकता के लिए खर्च किए कुल रुपयों का केवल 10% ही खर्च किया जाता है। यह बात तब और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है जब यह पता चलता है कि भारत में विश्व भर में मौजूद सड़कों में से, 40% सड़के हैं।
भारत में सड़क सुरक्षा के लिए कानून Road Safety Laws in India
New motor vehicle (amendment) act india, 2019 मोटर यान (संशोधन).
पढ़ें: मोटर वाहन अधिनियम 2019 के नियम, जुर्माना राशि, चालान
सड़क सुरक्षा के लिए आधारभूत नियम Basic Rules for Road Safety in Hindi
निष्कर्ष conclusion.
जिस प्रकार सड़क हादसे दिन ब दिन तेजी से बढ़ रहे हैं । यह मानवजाति के लिए काफी दुखद और शर्मनाक है । सड़क हादसों से बचने के लिए सभी नियमों का पालन व्यक्तिगत स्तर पर ही करना होगा । सड़क हादसों से बचने के लिए सड़क सुरक्षा बहुत जरूरी है ।
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सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay on Road Safety in Hindi
नमस्कार आज हम सड़क सुरक्षा पर निबंध Essay on Road Safety in Hindi पढ़ेगे। इस निबंध में हम जानेगे कि सड़क सुरक्षा क्या है इसका महत्व, आवश्यकता, रोड सेफ्टी वीक, रूल्स आदि के बारे में छोटा बड़ा निबंध स्टूडेंट्स के लिए दिया गया है।
रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया के मुताबिक़ हर वर्ष तेजी से सड़क हादसों की संख्या बढ़ रही हैं. भारत में सड़क दुर्घटना की स्थिति इतनी भयावह है कि प्रति घंटे 18 लोग सड़क हादसे का शिकार होकर अपना जीवन गंवा देते है वही प्रति घंटे औसतन 44 लोग घायल भी हो जाते है.
यहाँ स्कूल स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण जन मुद्दे सड़क सुरक्षा पर दो निबंध विभिन्न शब्द सीमा में दिए गये हैं. आप अपनी जरूरत के हिसाब से इनकी लेंथ को मैनेज कर सकते हैं साथ ही शैक्षणिक उपयोग हेतु इसका प्रयोग भी कर सकते हैं.
भारत में सड़क सुरक्षा की स्थिति पर निबंध
स्वतंत्रता के बाद से सड़क चुनावों और राजनीति का मुख्य मुद्दा रहा है. इसके दो बड़े कारण है सड़क आम आदमी के जीवन से जुड़ा अहम विषय हैं साथ ही संसार की सबसे अधिक सड़कों वाले देशों की सूची में भारत दूसरे स्थान पर है.
भारत में करोड़ो किलोमीटर लम्बा सड़क परिवहन है जिनके निर्माण और रखरखाव में बड़ी मात्रा में व्यय होता है. आज भी आम जन में सड़क दुर्घटनाओं के प्रति चेतना बहुत कम है. हर साल करोड़ों दुर्घटनाएं होती है जिसमें लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं.
एक शोध के अनुसार स्वतंत्रता के बाद से अब तक दस करोड़ से अधिक लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं, इसके बाद भी इस समस्या को गम्भीरता से नहीं लिया जाता हैं.
हर साल बड़ी संख्या में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को सड़क सुरक्षा के कानूनों को कठोर करके और आमजन को इनके प्रति जागरूक करके कम किया जा सकता है.
भारत में सड़क सुरक्षा के कठोर नियमों और व्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले पर्याप्त नहीं हैं. वर्तमान में देश में मोटर वाहन अधिनियम 2019 पारित किया गया. इस नयें कानून के जरिये यातायात नियमों का अतिक्रमण, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन गति पर नियंत्रण में नई तकनीकों को शामिल किया गया हैं.
सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता की कमी के कारण दर्दनाक हादसे आए रोज सुनने में मिलते है. कई बार ये वाहन चालक की गलती से तो कभी पैदल यात्रियों के कारण होते हैं. इन हादसों से बचाव के लिए ही ट्रेफिक नियम बनाए जाते है, जिनका हम सभी को पालन करना चाहिए.
सड़क सुरक्षा निबंध 500 वर्ड्स
आज के समय में सड़क दुर्घटना आम बात हैं जिसका मुख्य कारण सड़क सुरक्षा की ओर ध्यान न देना हैं.
रोड सेफ्टी निबंध में हम जानेगे कि किस तरह वाहन चालक की लापरवाही नशे में गाड़ी चलाने ट्रेफिक के नियमों की अवहेलना करने से रोजाना सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.
सड़क सुरक्षा के नियमों की अनुपालना व जन जागृति में मीडिया की क्या भूमिका हैं.
सड़क सुरक्षा में मिडिया की भूमिका
हम आए दिन अख़बार में पढ़ते हैं कि सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मृत्यु हो गई हैं. या गंभीर रूप से घायल हो गया हैं. प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान चलाकर इन घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता हैं. यातायात के नियमों की जानकारी लोगों को विभिन्न माध्यमों से दी जाती हैं.
सड़क सुरक्षा अभियान में मीडिया की भूमिका खास हो जाती हैं. मीडिया लोगों को संदेशों विज्ञापनों के माध्यम से यातायात के नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित करे. उसे सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकता अनुसार सकारात्मक सूचनाएं प्रसारित करनी चाहिए.
सामाजिक विज्ञापन से घर और सड़कों पर जीवन की सुरक्षा संबंधी संदेश देना चाहिए. मीडिया को स्पष्ट और निष्पक्ष विचार रखने चाहिए ताकि लोगों के विचारों में सकारात्मक प्रभाव पड़े. कुछ विज्ञापन गैर जिम्मेदाराना तरीके से उच्च क्षमता के वाहनों का प्रदर्शन स्टंट के द्रश्य सहित बिना वैधानिक चेतावनी के प्रसारित कर दिए जाते हैं.
बिना वैधानिक चेतावनी के ऐसे विज्ञापन नही होने चाहिए, क्योंकि बच्चें व युवा इन दृश्यों का अनुसरण कर चोटग्रस्त हो सकते है. वाहन चालन के समय निम्निलिखित सावधानियां रखे.
सड़क सुरक्षा के सामान्य नियम व सावधानियां (road safety rules in hindi)
- वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो.
- दुपहिया वाहन चालक और सवार हेलमेट का प्रयोग करे, चौपहिया वाहन के चालक व सवार सीट बेल्ट का प्रयोग करे.
- वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करे.
- तेज ड्राइविंग से बचे और वाहन निर्धारित गति सीमा में चलावें.
- नशा करके वाहन न चलावें.
- यातायात के नियमों का पालन करे.
- अपनी लेन में ही चले और यातायात संकेतकों का पालन करे.
- आम सड़क पर चलते समय स्टंटबाजी नही करनी चाहिए.
भारत में यातायात के मुख्य संकेत ( Traffic signals Meaning )
सड़क सुरक्षा जितनी वाहन चालक के लिए आवश्यक हैं, ठीक उतना ही जरुरी आम आदमी के लिए हैं. यातायात के नियमों व संकेतों की साधारण जानकारी व अर्थ हमें पता होना चाहिए.
भारत में सडकों के मुख्य संकेत के रूप में हर चौराहे पर तीन रंग की लाइट लगी रहती हैं. जो नीचे दिए गये चित्र के अनुसार होती हैं. इनकी तीनों लाइट का क्या अभिप्राय हैं.
- लाल बत्ती : यह संकेत आपकों रुकने का इशारा कर रहा हैं. अन्य पथ को खोलने के कारण आपके रास्ते को कुछ समय के लिए रोका गया हैं. इसलिए लाल बत्ती जलने पर आप जिस स्थति में हो रुक जाए.
- पीली बत्ती -यह लाइट लाल लाईट के बंद होने के तुरंत बाद जलती हैं. इसका अर्थ हैं तैयार हो जाइए अब आपकों चलने का संकेत मिलने वाला हैं. हम कई बार देखते हैं. लोग पीली बत्ती के जलते ही अपने वाहन को स्टार्ट कर जल्दी से भागने को आतुर रहते हैं. ऐसा अपना वाहन चालू कर आराम से आगे बढ़ना चाहिए.
- हरी बत्ती – इसका अर्थ हैं यू कैन गो नाउ, अब आप आगे बढ़ सकते हैं. आपका रास्ता साफ़ हैं
सड़क सुरक्षा निबंध 2 (600 words)
हम सभी सड़क का उपयोग करते हैं। हम उन पर चलते हैं या उन पर अपने वाहन चलाते हैं। हम उनके पार जाते हैं या उनके साथ फुटपाथों पर चलते हैं। भारत के शहरों में, सड़कों के किनारे फुटपाथ हैं।
उन पर चलने वालों को पैदल यात्री कहा जाता है। यदि हम चल रहे हैं तो फुटपाथों का उपयोग करना सुरक्षित है। बड़े शहरों की सड़कें बहुत व्यस्त हैं। वे बसों, ट्रकों, कारों, तिपहिया वाहनों, मोटरसाइकिल, स्कूटर, साइकिल, आदि जैसे सभी प्रकार के वाहनों के साथ भीड़ रहती हैं।
धीमी गति से चलती बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी, आदि भी देखे जा सकते हैं। ऐसी सड़कों पर चलना या वाहन चलाना हमेशा जोखिम भरा होता है। लोग जल्दबाजी में सड़क के नियमों की अनदेखी करते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं।
हर दिन इस तरह के हादसों में बहुत सारे लोग मारे जाते हैं या घायल हो जाते हैं। सड़क के नियमों का पालन करने के लिए दुर्घटनाओं से बचने का सबसे अच्छा तरीका, सड़क सुरक्षा नियमों पालन करना चाहिए।
सड़क सुरक्षा सप्ताह
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष रोड सेफ्टी वीक मनाया जाता है। देश भर में लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह सप्ताह मनाया जाता हैं।
अन्य देशों के मुकाबले भारत में परिवहन के साधनों और पैदल यात्रियों की संख्या अधिक है ऐसे में समाज में सुरक्षा के उपायों की जानकारी होना जरुरी है।
सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान ट्रेफिक पुलिस, सामाजिक संगठनों और स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा जन जागरूकता के लिए पोस्टर नारे स्लोगन आदि का प्रयोग किया जाता हैं। ताकि जन जन तक सड़क पर चलते समय लोगों को सावधानी बरतने के लिए प्रेरित किया जा सके।
सड़क सुरक्षा के नियम
क्या आप सड़क के नियमों को जानते हैं? क्या आप हमेशा उनकी बात मानते हैं? यहाँ सड़क के कुछ नियम हैं। हमें उनका अनुसरण करना चाहिए।
- चलते या वाहन चलाते समय हमेशा बाईं ओर रखें।
- सिग्नल देने से पहले बाएँ या दाएँ मुड़ें नहीं।
- जब तक सड़क साफ नहीं हो जाती है, तब तक सड़क को देखने से पहले एक बार फिर से दाईं ओर देखें। अगर सड़क साफ है तो इसे जल्दी से पार कर लें लेकिन सावधानी से।
- सड़क पार करते समय सीधे चलते हैं। इसे एक कोण पर पार न करें।
- पार करते समय भागो मत।
- ज़ेबरा क्रॉसिंग यदि कोई है, तो सड़क के पार जाने के लिए हमेशा इसका उपयोग करें। इस पर चलना अधिक सुरक्षित है।
- हमेशा ट्रैफिक लाइट की पालना करे लाल बत्ती का मतलब है रुकना। पीली रोशनी का मतलब है रुकना या हिलना। हरी बत्ती का मतलब है आगे बढ़ना। जब ट्रैफिक लाइट हरी हो जाती है, तभी आगे बढ़ना सुरक्षित होता है। यदि आप ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी करते हैं, तो आपको दंडित किया जा सकता है।
- ड्राइविंग करते समय या ट्रैफिक लाइट पर इंतजार करने से अनावश्यक रूप से हॉर्न नहीं बजाएं। यह दूसरों को परेशान करता है और ध्वनि प्रदूषण का कारण भी बनता है।
- यदि आप एक मोटर वाहन चला रहे हैं, तो इसे उचित गति से चलाएं बेकाबू गति खतरनाक है और दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।
- यदि आप मोटर साइकिल या स्कूटर चला रहे हैं या सवारी कर रहे हैं तो हमेशा हेलमेट पहनें।
- किसी भी वाहन को उसके बाईं ओर से आगे न निकालें। चालक को संकेत दें और सड़क स्पष्ट होने पर दाईं ओर से आगे निकल जाएं।
- चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी के संकेतों का पालन करें।
- बारिश होने पर वाहन चलाने में अधिक सावधानी बरतें। सड़कें गीली और फिसलन भरी हो जाती हैं। तेज मोटर वाहनों को रोकने में अधिक समय लगता है। लोग अक्सर लापरवाह हो जाते हैं ऐसे अवसरों पर दुर्घटनाओं की संभावना बहुत अधिक होती है।
क्यों आवश्यक है सड़क सुरक्षा
हम सभी को सड़क सुरक्षा की गहरी समझ होनी चाहिए। यह वह गुण है जिसे हमें शिक्षित, सुसंस्कृत और सभ्य कहा जाना चाहिए।
हर दिन हम सुनते है हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते है। जांच में कई बार पाया जाता है यदि यातायात के नियमों का सही ढंग से पालन किया होता तो उन दुर्घटनाओं को टाला जा सकता था।
अगर समाज का प्रत्येक सदस्य जागरूक होकर यातायात के नियमों के प्रति सजग रहे तो कई बड़ी दुर्घटनाओ को होने से पूर्व ही रोका जा सकता है। इससे बड़ी जनहानि और माल हानि से रक्षा की जा सकती है।
आज से हम सभी निश्चय करे जब भी सड़क पर निकलेगे सुरक्षा के सभी नियमों की पालना करेगे। ऐसा करके न केवल हम अपने जीवन को बचा सकते है बल्कि और किसी का जीवन भी बचाया जा सकता है।
आमतौर पर जागरूकता के अभाव के चलते लोग लापरवाह बनते है तथा यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाते है। यदि समाज इन सावधानियों को गम्भीरता से ले तो दूरगामी सुखद परिणाम देखने को मिल सकते है।
सड़क यातायात और सड़क सुरक्षा पर कविता चाहिए
बहुत ही ज्यादा अच्छा निबंध है
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- Essays in Hindi /
Essay on Road Safety : छात्रों के लिए सड़क सुरक्षा पर निबंध
- Updated on
- अगस्त 17, 2024
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लोगों गति सीमा का पालन करना, यातायात संकेतों का पालन करना और सड़क संकेतों का पालन करना चाहिए। सड़क सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। सड़क सुरक्षा को समझना छात्रों को पैदल चलने, साइकिल चलाने या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते समय खुद को सुरक्षित रखने में मदद करता है। सड़कों को सुरक्षित तरीके से पार करने और ट्रैफ़िक के दौरान कैसे व्यवहार करना है, यह जानने से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। सड़क सुरक्षा के महत्व को समझाने के लिए छात्रों को Essay on Road Safety in Hindi लिखने दिया जाता है। इस बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
This Blog Includes:
सड़क सुरक्षा पर 100 शब्दों में निबंध , सड़क सुरक्षा पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , सड़क सुरक्षा में सुधार के कुछ उपाय, क्या है सड़क सुरक्षा की वर्तमान स्थिति , सड़क सुरक्षा के कुछ सामान्य नियम, उपसंहार .
सड़क सुरक्षा सड़क का उपयोग करने वाले सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। सड़क सुरक्षा के नियम ड्राइवर, पैदल यात्री और साइकिल चालक जैसे सभी लोगों पर लागू होते हैं। अच्छे सड़क सुरक्षा उपाय सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित को करने की सुरक्षित सड़क संरचना को डिजाइन करना चाहिए जिससे कम से कम दुर्घटनाएं हो। जैसे कि अच्छी तरह से रोशनी वाली और अच्छी तरह से बनाए रखी गई सड़कें। उन सड़कों में स्पष्ट चिह्न और संकेत हों, साथ ही सुरक्षा अवरोध भी बनाए गए हों। सड़क सुरक्षा में शिक्षा भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति शिक्षित करके ड्राइवरों, पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को यातायात कानूनों का पालन करने और अपने आस-पास के वातावरण के प्रति जागरूक रहना सिखाया जा सकता है।
Essay on Road Safety in Hindi पर 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:
सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। सड़क सुरक्षा सड़क का उपयोग करने वाले सभी लोगों को प्रभावित करता है। सड़क सुरक्षा सीधे लोगों की भलाई और सुरक्षा को प्रभावित करता है। सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सरकारों और संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद दुर्घटनाएँ अभी भी बड़ी संख्या में होती हैं।
लोगों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना ड्राइविंग सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण होता है। कई ड्राइवर खतरनाक व्यवहार करते हैं, जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज गति से गाड़ी चलाना और ट्रैफ़िक नियमों की अनदेखी करना। ये हरकतें न केवल ड्राइवर को खतरे में डालती हैं बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए भी गंभीर जोखिम पैदा करती हैं। एक और महत्वपूर्ण समस्या अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा और सड़क डिज़ाइन भी है। कई विकासशील देशों में, सड़कों का रखरखाव ठीक से नहीं किया जाता है और उचित रोशनी, सड़क चिह्नों और ट्रैफ़िक सिग्नल जैसी आवश्यक सुरक्षा सुविधाओं का अभाव होता है। इससे दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है और सुरक्षित नेविगेशन चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
इन मुद्दों से निपटने के लिए, सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों की ओर से सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए लापरवाह ड्राइविंग के लिए सख्त कानून और दंड लागू करना, सड़क के बुनियादी ढांचे और डिज़ाइन में सुधार करना और सड़क उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित ड्राइविंग के बारे में शिक्षित करना शामिल है। उन्नत चालक सहायता प्रणालियां जैसी टेक्नोलोजी, चालकों को संभावित खतरों के प्रति सचेत करके तथा सुरक्षित ड्राइविंग निर्णय लेने में सहायता कर सकती है। यह बहुमूल्य जानकारी प्रदान करके सड़क सुरक्षा में काफी सुधार कर किया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा पर 500 शब्दों में निबंध
Essay on Road Safety in Hindi पर 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:
आज की व्यस्त दुनिया में सड़क दुर्घटनाएँ बहुत आम हैं। समय के साथ कार टेक्नोलॉजी में प्रगति ने मृत्यु दर को कम करने में मदद की है, फिर भी सड़कों पर कई खतरे मौजूद हैं। सभी की सुरक्षा के लिए सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण है। प्रति वर्ष हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां देते हैं। कई बार ये दुर्घटनाएं ऐसे करणों की वजह से होती हैं जिन्हें सड़क सुरक्षा का पालन करके रोका जा सकता है।
सड़क सुरक्षा में सुधार के कुछ उपायों का प्रयोग कर सकते हैं:
- यातायात कानूनों को लागू करना: सड़क सुरक्षा में सुधार करने के प्रमुख तरीकों में से एक है यातायात कानूनों को सख्ती से लागू करना। ये नियम शराब पीकर गाड़ी चलाने और तेज़ गति से गाड़ी चलाने जैसे खतरनाक व्यवहारों पर प्रतिबंध लगाते हैं और सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग करना भी अनिवार्य करते हैं।
- सुरक्षित सड़क अवसंरचना का डिज़ाइन बनाना: एक और महत्वपूर्ण उपाय सुरक्षित सड़क अवसंरचना का निर्माण करना है। इसमें अच्छी रोशनी, स्पष्ट सड़क चिह्नों और ट्रैफ़िक सिग्नल वाली सड़कें बनाना शामिल है। राउंडअबाउट और स्पीड बम्प जैसी सुविधाएँ जोड़ने से ट्रैफ़िक को धीमा करने में भी मदद मिल सकती है।
- सड़क उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना: सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा और जागरूकता अभियान आवश्यक हैं। ये पहल लोगों को लापरवाह ड्राइविंग के जोखिमों और ट्रैफ़िक कानूनों का पालन करने के महत्व के बारे में सिखाती हैं।
सड़क सुरक्षा की वर्तमान स्थिति निम्न प्रकार से है:
- लापरवाह और गैर-जिम्मेदाराना ड्राइविंग: सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण लापरवाह और गैर-जिम्मेदाराना ड्राइविंग है। कई ड्राइवर तेज़ गति से गाड़ी चलाना, शराब के नशे में गाड़ी चलाना और ट्रैफ़िक नियमों की अनदेखी करना जैसे खतरनाक व्यवहार करते हैं।
- उचित बुनियादी ढांचे और सड़क डिज़ाइन की कमी: एक और बड़ा मुद्दा अपर्याप्त सड़क बुनियादी ढांचे और डिज़ाइन है। कई विकासशील देशों में, सड़कों का रखरखाव खराब है और अच्छी रोशनी, स्पष्ट सड़क चिह्न और ट्रैफिक सिग्नल जैसी आवश्यक सुरक्षा सुविधाओं का अभाव है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा की कमी: दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में भी आम हैं जहाँ सड़क के बुनियादी ढाँचे की कमी है। सड़क के संकेतों, ट्रैफ़िक लाइटों और गति सीमाओं की अनुपस्थिति ड्राइवरों के लिए सुरक्षित रूप से नेविगेट करना मुश्किल बनाती है, जिससे दुर्घटना का जोखिम बढ़ जाता है।
- सड़क सुरक्षा में सुधार की चुनौतियाँ: अपर्याप्त धन, राजनीतिक समर्थन की कमी और बदलाव के प्रति प्रतिरोध जैसे मुद्दों के कारण सड़क सुरक्षा को बढ़ाना चुनौतीपूर्ण है।
सड़कों का उपयोग करते समय कई बुनियादी नियम होते हैं जिनका पालन सभी को करना चाहिए। चाहे वे ड्राइवर हों या पैदल यात्री सभी को नियमों में रहकर ही कार्य करना चाहिए। सबसे पहले ट्रैफ़िक सिग्नल को समझना और उनका सख्ती से पालन करना ज़रूरी है। यह नियम ड्राइवरों और पैदल यात्रियों दोनों पर लागू होता है, क्योंकि सिग्नल पर पूरा ध्यान देने से दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलती है। पैदल चलने वालों को चलते समय सुरक्षित रहने के लिए हमेशा फुटपाथ और पैदल यात्री क्रॉसिंग का उपयोग करना चाहिए। सभी स्थानीय ट्रैफ़िक कानूनों और नियमों के बारे में जानकारी होना और उनका पालन करना भी ज़रूरी है। इसके अलावा वाहन चलाने से पहले आपके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस का होना अनिवार्य है। सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता ज़रूरी है। सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने से दुर्घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में काफ़ी कमी आ सकती है। जन जागरूकता अभियान, सेमिनार और शैक्षिक कार्यक्रम लोगों का मार्गदर्शन कर सकते हैं। वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन न करने के परिणामों को भी लोगों के सामने उजागर कर सकते हैं।
सड़क सुरक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसके लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को हमारी सड़कों को सुरक्षित बनाने और घातक दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी उपाय करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच यातायात कानूनों का पालन करने, सुरक्षित ड्राइविंग आदतों का अभ्यास करने और लापरवाह और गैर-जिम्मेदार ड्राइविंग के जोखिमों को समझने के बारे में शिक्षित करना और जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है।
मानव जीवन: सड़क सुरक्षा का प्राथमिक और सबसे महत्वपूर्ण महत्व मानव जीवन का संरक्षण है। सड़क सुरक्षा उपायों का पालन करने से सड़कों पर दुर्घटनाओं, चोटों और मौतों का जोखिम कम हो जाता है। सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने से दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है जिससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
सड़क सुरक्षा का संबंध सड़क यातायात दुर्घटनाओं और मृत्यु के जोखिम को कम करने के लिए उठाए गए उपायों से है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह हर साल मई में मनाया जाता है।
चाहे आप गाड़ी चला रहे हों या सड़क पर चल रहे हों, हर व्यक्ति सुरक्षित सड़क की स्थिति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 2024 का थीम ” सड़क सुरक्षा नायक बनें ” रखा गया है।
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सड़क सुरक्षा पर निबंध हिन्दी मे 10 lines (Essay On Road Safety in Hindi) 100, 200, 300, 500, शब्दों में
Essay On Road Safety in Hindi – सड़क सुरक्षा का तात्पर्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों और प्रथाओं से है। इसमें गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जैसे सुरक्षित सड़क बुनियादी ढांचे को डिजाइन करना, यातायात कानूनों को लागू करना, सड़क उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना और सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देना। Essay On Road Safety सड़क सुरक्षा का उद्देश्य सड़क पर होने वाली घटनाओं और चोटों की संख्या को कम करना और सड़क पर गाड़ी चलाने या चलने के अनुभव को यथासंभव सुरक्षित बनाना है।
सड़क सुरक्षा पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Road Safety Essay 10 Lines in Hindi)
- 1) सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जिसके बारे में सभी को जागरूक होना चाहिए।
- 2) सड़क सुरक्षा सड़कों पर सभी की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करती है।
- 3) सड़क सुरक्षा अवैध और खतरनाक ड्राइविंग व्यवहार के जोखिम को कम करती है।
- 4) सड़क सुरक्षा में कई नियम और कानून शामिल हैं।
- 5) गति सीमा का पालन करना जरूरी है.
- 6) सड़क नियम कहते हैं कि यातायात संकेतों और संकेतों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
- 7) चार पहिया वाहन चलाते समय हमें सीट बेल्ट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
- 8) बाइक या मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
- 9) सड़क सुरक्षा सड़क यातायात से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को भी कम करती है।
- 10) अपनी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी को सड़क नियमों और विनियमों का पालन करना चाहिए।
सड़क सुरक्षा पर 100 शब्द निबंध (100 Words Essay on Road Safety in Hindi)
सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो सड़क का उपयोग करने वाले सभी लोगों को प्रभावित करता है, चाहे वे ड्राइवर हों, पैदल यात्री हों या साइकिल चालक हों। प्रभावी सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करके सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं और चोटों की घटनाओं को कम किया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने में सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक सुरक्षित सड़क बुनियादी ढांचे का डिजाइन है। इसमें स्पष्ट चिह्नों और संकेतों के साथ अच्छी रोशनी वाली, अच्छी तरह से बनाए रखी गई सड़कों का निर्माण, साथ ही सुरक्षा बाधाओं और अन्य सुरक्षात्मक उपायों की स्थापना शामिल है।
शिक्षा भी सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसमें ड्राइवरों, पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को यातायात कानूनों का पालन करने और अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहने के महत्व के बारे में शिक्षित करना शामिल है।
सड़क सुरक्षा पर 200 शब्द निबंध (200 Words Essay on Road Safety in Hindi)
सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हम सभी को प्रभावित करता है, क्योंकि इसका हमारे समुदायों की भलाई और सुरक्षा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों और अन्य संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, हमारी सड़कों पर दुर्घटनाएँ और चोटें जारी हैं।
सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना ड्राइविंग है। कई ड्राइवर खतरनाक व्यवहार में लिप्त होते हैं जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज़ गति से गाड़ी चलाना और यातायात कानूनों का पालन न करना। ये व्यवहार न केवल ड्राइवर के लिए जोखिम भरा है बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के जीवन के लिए भी खतरनाक हो सकता है।
एक अन्य प्रमुख मुद्दा उचित बुनियादी ढांचे और सड़क डिजाइन की आवश्यकता है। विकासशील देशों में कई सड़कों का रखरखाव ख़राब है और उनमें पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, सड़क चिह्न और ट्रैफ़िक सिग्नल जैसी आवश्यक सुरक्षा सुविधाओं का अभाव है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है और ड्राइवरों के लिए सुरक्षित रूप से यात्रा करना मुश्किल हो जाता है।
इन मुद्दों के समाधान के लिए, सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों द्वारा ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। इसमें लापरवाह ड्राइविंग के लिए सख्त कानून और दंड लागू करना, बेहतर सड़क बुनियादी ढांचे और डिजाइन को लागू करना और सड़क उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित ड्राइविंग व्यवहार के महत्व पर शिक्षित करना शामिल है। उन्नत ड्राइवर-सहायता प्रणाली (एडीएएस) जैसी तकनीक भी सड़क सुरक्षा में सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। ये सिस्टम ड्राइवरों को संभावित खतरों के बारे में चेतावनी देकर और उन्हें बेहतर ड्राइविंग निर्णय लेने के लिए अतिरिक्त जानकारी प्रदान करके दुर्घटनाओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।
सड़क सुरक्षा पर 300 शब्द निबंध (300 Words Essay on Road Safety in Hindi)
सड़क सुरक्षा का तात्पर्य सड़क उपयोगकर्ताओं को घायल होने या मारे जाने से बचाने के लिए अपनाए गए तरीकों से है। विशिष्ट सड़क उपयोगकर्ता मोटर चालक, वाहनों के यात्री, साइकिल चालक और बसों जैसे सार्वजनिक परिवहन वाहनों के यात्री हैं।
बड़े पैमाने पर उत्पादित वाहनों के आविष्कार के बाद सड़क सुरक्षा एक प्राथमिकता बन गई। हर साल, लोग तब मारे जाते हैं जब वे या अन्य लोग विभिन्न सड़क सुरक्षा उपायों का पालन करने में विफल रहते हैं। ऐसे अनगिनत कारक हैं जो यातायात दुर्घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार हैं। सबसे व्यापक रूप से जिम्मेदार हैं
- लापरवाही से गाड़ी चलाना
- सड़क के गलत दिशा में गाड़ी चलाना
- मोबाइल फ़ोन का उपयोग
- नशे में वाहन चलाना
- महत्वपूर्ण सड़क चिन्हों की अनदेखी करना
- वाहन का ख़राब रखरखाव
कभी-कभी अन्य पर्यावरणीय कारक भी होते हैं जो यातायात दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं। कुछ सड़कों के डिज़ाइन के लिए सावधानीपूर्वक नेविगेशन की आवश्यकता होती है, अन्यथा, सड़क उपयोगकर्ता अपने वाहन को दुर्घटनाग्रस्त कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप गंभीर चोट या मृत्यु हो सकती है। यहां तक कि स्टॉपलाइट जैसे यातायात उपकरण में भी खराबी और दुर्घटनाएं होने की संभावना होती है। खराब बुनियादी ढांचे की योजना भी यातायात दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है – उदाहरण के लिए, फुटपाथ के किनारे पेड़ों वाली सड़क। एक कार को पेड़ से टकराने से इतनी ऊर्जा पैदा होती है; और यह सारी ऊर्जा कार के चालक और यात्री में स्थानांतरित हो जाती है, जिससे चोट लगती है या मृत्यु भी हो जाती है।
कुछ पर्यावरणीय कारकों को भी संभावित जोखिम का कारण माना जाता है। बारिश और कोहरा यातायात को प्रभावित करने वाले प्रमुख विघटनकारी कारक हैं। कोहरे के कारण दृश्यता संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं जिससे दुर्घटनाएँ होने की संभावना रहती है। यहां तक कि स्मॉग, जो मानवजनित गतिविधियों के परिणामस्वरूप होता है, के भी जोखिम कारक कोहरे के समान ही होते हैं। बारिश और तेज़ गति के संयोजन से वाहन नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं, जिससे गंभीर चोट या मृत्यु हो सकती है।
सड़क सुरक्षा को बाधित करने वाला एक अन्य कारक मोबाइल फोन का उपयोग है। ड्राइविंग के दौरान, ड्राइवर को जिस आखिरी चीज़ का सामना करना पड़ता है, वह है ध्यान भटकाना। यहां तक कि एक सेकंड का भी ध्यान भटकने से जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए, वाहन चलाते समय कभी भी मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए, यदि फोन का उपयोग करना अपरिहार्य हो, तो सड़क के किनारे गाड़ी चला लें। इससे टेक्स्टिंग और ड्राइविंग से जुड़ा कोई भी जोखिम समाप्त हो जाता है।
सड़क सुरक्षा निष्कर्ष
निष्कर्षतः , सड़क नियमों का पालन, अत्यधिक गति से बचना और सामान्य जागरूकता में सुधार से यातायात दुर्घटना के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है। नियमित रूप से वाहन के स्वास्थ्य की जाँच और भागों के रखरखाव से भी कोई संभावित जोखिम समाप्त हो जाता है। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें।
सड़क सुरक्षा पर 500 शब्द निबंध (500 Words Essay on Road Safety in Hindi)
आज की इस भागदौड़ भरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाएं बहुत तेजी से हो रही हैं। हालाँकि, ऑटोमोबाइल उद्योग में तकनीकी प्रगति ने सौभाग्य से मृत्यु दर को कम कर दिया है। बहरहाल, सड़क पर कई संभावित खतरे मौजूद हैं। इस प्रकार, सभी की सुरक्षा के लिए सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा पर इस निबंध में हम इसके महत्व और इसके बुनियादी नियमों के बारे में जानेंगे।
सड़क सुरक्षा पर निबंध का महत्व
मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों सहित सभी की भलाई की रक्षा के लिए सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा पर यह निबंध हमें यह जानने में मदद करेगा कि यह महत्वपूर्ण क्यों है। बहुत सारे पर्यावरणीय कारक हमारी सड़क सुरक्षा निर्धारित करते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि बारिश हो रही है या घना कोहरा या धुंध है, तो चालक की दृश्यता में बाधा आएगी। इसके परिणामस्वरूप राजमार्ग पर ढेर लग सकते हैं। इसी तरह, बारिश जैसे अन्य कारक भी हैं जो हाइड्रोप्लानिंग की ओर ले जाते हैं।
इस घटना में, तेज़ गति से चलने वाले वाहन अनियंत्रित रूप से फिसलने लगते हैं क्योंकि वाहन के टायर सड़क पर मौजूद पानी की एक पतली फिल्म के माध्यम से जमीन से टकराते हैं।
हालाँकि, सड़क सुरक्षा नियम हमें इन सभी खतरनाक स्थितियों से आसानी से बचने में मदद कर सकते हैं। जब लोग सड़क सुरक्षा नियमों का कठोरता से पालन करेंगे और अपने वाहनों का रखरखाव अच्छे से करेंगे, तो हर कोई सुरक्षित रह सकता है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि निर्धारित गति सीमा के अंदर ही गाड़ी चलाना भी जरूरी है। साथ ही, वाहन चलाते समय अपने मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर कोई सुरक्षित और स्वस्थ रहे, सड़क सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सड़क सुरक्षा के बुनियादी नियम
ऐसे कई सामान्य और बुनियादी नियम हैं जिनका पालन किसी व्यक्ति को वाहन चलाते समय या सामान्य रूप से सार्वजनिक सड़कों का उपयोग करते समय करना चाहिए। पहला नियम है संकेतों को जानना और उन पर कठोरता से ध्यान देना।
यह ड्राइवर और पैदल यात्री दोनों पर लागू होता है। इसके अलावा, जो लोग पैदल चल रहे हैं उनके लिए फुटपाथ और पैदल यात्री क्रॉसिंग का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। राज्य के सभी नियमों और कानूनों की जानकारी होना और उनका पालन करना भी आवश्यक है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने वाहन के साथ सड़क पर निकलने से पहले आपके पास स्वीकृत ड्राइविंग लाइसेंस होना भी अनिवार्य है। हर किसी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सड़क सुरक्षा संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है।
आम जनता को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने से दैनिक आधार पर होने वाली दुर्घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं की दर को कम करने में मदद मिल सकती है। सेमिनार और लोगों को शिक्षित करना उनका मार्गदर्शन करने और उन्हें परिणामों से अवगत कराने में सहायक हो सकता है।
सड़क सुरक्षा पर निबंध का निष्कर्ष
संक्षेप में कहें तो प्रत्येक व्यक्ति को सड़क नियमों का पालन करना चाहिए। अत्यधिक गति से वाहन न चलाएं और सामान्य जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करें ताकि यातायात दुर्घटनाओं के जोखिम को कम किया जा सके। किसी भी संभावित जोखिम को खत्म करने के लिए नियमित रूप से वाहन के स्वास्थ्य और उसके रखरखाव भागों की जांच करनी चाहिए।
सड़क सुरक्षा निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: सड़क सुरक्षा क्या है.
उत्तर 1: सड़क सुरक्षा से तात्पर्य उन तरीकों से है जो हम सड़क उपयोगकर्ताओं को यातायात दुर्घटनाओं में घायल होने या मारे जाने से बचाने के लिए अपनाते हैं। वे सभी की भलाई बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।
प्रश्न 2: कोई यातायात दुर्घटनाओं से कैसे बच सकता है और सड़क सुरक्षा कैसे बढ़ा सकता है?
उत्तर 2: सड़क नियमों का कड़ाई से पालन करके यातायात दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। इसके अलावा, उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके वाहनों का हमेशा अच्छी तरह से रखरखाव किया जाए। इसके अलावा, राज्य की गति सीमा के भीतर गाड़ी चलाना भी महत्वपूर्ण है। वाहन चलाते समय या शराब के नशे में फोन का प्रयोग न करें।
सड़क सुरक्षा पर निबंध – Essay on Road Safety in Hindi
Essay on Road Safety in Hindi
आज जिस तरह से सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है, बेहद चिंतनीय है। इसके लिए सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने और उन्हें यातायात के नियमों का पाठ पढ़ाने की बेहद आवश्यकता है।
वहीं सड़क सुरक्षा के बारे में बच्चों को बताकर उनके जीवन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कई बार निबंध लेखन प्रतियोगिता अथवा स्कूलों में आयोजित परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में सड़क सुरक्षा पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं-
आज हर कोई इतनी जल्दी में रहता है कि, अपने मंजिल तक जल्दी पहुंचने की होड़ में ओवरटेक करता है। या फिर स्पीड से वाहन चलाकर यातायात नियमों का पालन नहीं करता है, जिससे कई बार व्यक्ति को इन सभी कारणों की वजह से अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।
या फिर अपंग या अपाहिज बनकर इसका खामियाजा जिंदगी भर के लिए भुगतना पड़ता है। वहीं पिछले कुछ सालों में स्पीड और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी की वजह से होने वाली सड़क हादसों में काफी वृद्धि भी हुई है, जो कि काफी चिंताजनक है।
वहीं इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए, हम सभी को एकजुट होकर सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है और इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है।
“यातायात नियमों का पालन करें, दुर्घटना से बचें रहें।।”
सड़क हादसों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े –
- सड़क सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं होने की वजह से सड़क हादसों का ग्राफ आसमान छू रहा है, वहीं सड़क हादसों से जुड़े कुछ आंकड़े इस प्रकार हैं –
- दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में हर रोज करीब 3000 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।
- भारत में हर साल करीब डेढ़ लाख लोग सड़क हादसों की भेंट चढ़ जाते हैं और उनकी अपनी जान गवां बैठते हैं।
- सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या में करीब 50 फीसदी लोग पैदल यात्री या फिर दो पहिया पर चलने वाले होते हैं।
- सड़क दुर्घटनाओं में भारत में रोजाना करीब 16 मासूम बच्चे अपनी जान गंवा बैठते हैं।
- सड़क हादसों में हुए एक शोध के मुताबिक अगर इस हालत पर काबू नहीं पाया गया तो साल 2020 तक करीब 20 लाख लोग हर साल सड़क हादसों की भेंट चढ़ेंगे।
सड़क सुरक्षा के जुड़ी कुछ मुख्य समस्याएं –
सड़क सुरक्षा का मुद्दा आज एक गंभीर मुद्दा बन चुका है, वहीं आज कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता, जब भीषण सड़क हादसे से मौत और पीड़ित व्यक्ति की खबर न्यूज चैनलों अथवा अखबार में नहीं दिखाई दें।
इसलिए इस सड़क सुरक्षा पर गौर करने की जरूरत है, हालांकि सड़क सुरक्षा एक चुनौतीपूर्ण रुप धारण कर चुकी हैं, जिसकी कुछ मुख्य समस्याएं इस प्रकार हैं –
- सड़कों की हालत बेहद खराब होना अथवा सड़कों में गड्ढ़े आदि होना।
- ट्रैफिक व्यवस्था का सही नहीं होना।
- सीवर लाइनों का उचित प्रबंध न होना।
- आवारा पशुओं का खुलेआम सड़कों पर घूमना।
- पैदल यात्रियों के लिए क्रॉस ब्रिज अथवा फुटपाथ का निर्माण नहीं होना।
- ओवरलोडेड वाहनों का शहर की मुख्य सड़कों से होकर गुजरना।
- यातायात के नियमों का सख्ती से पालन नहीं करना।
हम सभी को मिलकर सड़क सुरक्षा के प्रति सजग होना चाहिए, और अपने बच्चों को भी यातायात के नियमों के बारे में जानकारी देनी चाहिए। तभी लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
सड़क सुरक्षा पर निबंध – Sadak Suraksha par Nibandh
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होने का मतलब है कि आप अपनी जीवन की सुरक्षा के प्रति सजग हैं और अपनी जान की परवाह करते हैं, वहीं जो लोग सड़क सुरक्षा को महत्व नहीं देते, ऐसे लोग अपनी जान से हाथ गवां बैठते हैं, कई बार उनकी लापरवाही की वजह से अन्य लोगों को भी इसका गंभीर नुकसान भुगतना पड़ता है।
सड़क सुरक्षा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें – Importance of Road Safety in India
- समय पर घऱ से निकले और कार ड्राइविंग के समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल जरूर करें, दो पहिया वाहन चालक हेलमेट पहनना बिल्कुल भी न भूलें।
- ओवरटेक नहीं करें और न हीं स्पीड से वाहन चलाएं।
- ड्राइविंग के समय फोन पर बात न करें।
- शराब के नशे में ड्राइविंग नहीं करें।
- वन वे में कभी भी रिवर्स में अथवा गलत दिशा में गाड़ी चलाने से बचें।
- ट्रैफिक नियमों को जहन में रखकर वाहन चलाएं।
भारत सरकार का मोटर वाहन बिल –
साल 2016 में भारत सरकार द्धारा सड़क सुरक्षा के तहत एक मोटर वाहन बिल पारित किया गया था। जिसके तहत ट्रैफिक के नियमों को पहले की तुलना में सख्ती से लागू किया गया और सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।
इसके साथ ही ट्रैफिक विभाग को आधुनिक तकनीको से लैस उपकरण देने की बात कही गई, हालांकि इस बिल को पारित करने के बाद भी सड़क हादसों में कोई खास कमी नहीं आई है।
सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना –
सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इसके लिए हम सभी को अपने-अपने घरों में अपने बच्चों को अथवा अपने दोस्तों को सड़क सुरक्षा के नियमों से अवगत करवाना चाहिए।
इसके साथ ही स्कूल, कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा नियमों से अवगत करवाना चाहिए और समय-समय पर सड़क सुरक्षा से जुड़े विषय पर सेमिनार और कैंप आदि का आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सड़क सुरक्षा के महत्व को समझ सकें और दुर्घटना से बच सकें और अपने जीवन की रक्षा कर सकें।
वहीं इस टेक्नोलॉजी के युग में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से लोग यातायात के नियमों को सोशल मीडिया साइट्स पर भी शेयर कर जागरुकता फैला सकते हैं, अथवा सड़क सुरक्षा से जुड़े कुछ कोट्स अथवा स्लोगन के माध्यम से भी लोगों को प्रेरित कर सकते हैं।
सड़क सुरक्षा के प्रति हम सभी को जागरूक होना चाहिए और यातायात के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए ताकि लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाई जा सके।
सड़क सुरक्षा पर निबंध – Sadak Suraksha Essay in Hindi
सड़क सुरक्षा को गंभीरता से लेना चाहिए और वाहन चलाते वक्त लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, नहीं तो इसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है। क्योंकि-
“जो सुरक्षा से मित्रता तोड़ेगा, वह जल्द ही दुनिया छोड़ेगा।”
ध्यान रखने योग्य जरूरी सड़क सुरक्षा नियम:
- सड़क पर हमेशा लेफ्ट की साइड ही चलें अथवा अपना वाहन भी लेफ्ट साइड पर ही रखें।
- स्पीड से वाहन नहीं चलाएं।
- दौड़ते हुए कभी रोड क्रॉस नहीं करें।
- मुड़ते वक्त इंडिकेटर का इस्तेमाल करें।
- टैफिक सिंगल अथवा स्ट्रीट लाइट्स का पालन करें। ग्रीन लाइट होने पर ही चौराहे को क्रॉस करें। यलो लाइट हो जाने पर रुक जाएं और रेड लाइट होने पर खड़े रहें और ग्रीन लाइट के जलने का इंतजार करें।
- गाड़ी का इस्तेमाल करते वक्त हमेशा आइने का इस्तेमाल करें, ताकि अपने पीछे से आने वाले वाहनों से सचेत रह सकें।
- शराब पीकर गाड़ी कभी नहीं चलाएं।
- पैदल चलने वाले यात्री फुटपाथ पर चलें, अगर फुटपाथ नहीं हो तो हमेशा लेफ्ट की तरफ ही चलें।
- 18 साल से कम उम्र के बच्चे वाहन नहीं चलाएं।
- वाहन चलाते वक्त हमेशा ड्राइविंग लाइसेंस अपने पास रखें।
- गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल फोन से बात न करें, अथवा म्यूजिक नहीं सुने।
आखिर क्यों होते हैं सड़क हादसे, इसके मुख्य कारण – Causes of Road Accident
- सड़कों की दयनीय दशा, सड़कों में गड्ढ़े होना।
- यातायात नियमों की अनदेखी करना।
- बिना हेलमेट अथवा बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना।
- स्पीड से वाहन चलाना।
- शराब पीकर वाहन चलाना।
- ट्रैफिक सिग्नलों का ज्ञान नहीं होना।
- इंडिकेटर नहीं देना।
- जल्दी पहुंचने के लिए ओवरटेक करना।
- पैदल यात्रियों द्धारा अचानक से रोड क्रॉस करना।
- सड़क सुरक्षा नियमों की सही जानकारी नहीं होना।
भारत में यातायात नियमों की अनदेखी पर लगने वाला जुर्माना और सजा –
- भारत में स्पीड से गाड़ी चलाते वक्त ट्रैफिक पुलिस द्दारा पहली बार पकड़े जाने पर 100 रुपए का जुर्माना अथवा दूसरे बार पकड़े जाने पर 300 रुपए का जुर्माने लगने प्रावधान है।
- ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर 100 से 300 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान।
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर, वाहन चालक को 3 महीने की सजा अथवा 500 रुपए का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।
जब हम सभी लोग मिलकर सख्ती से यातायात नियमों को पालन करने का संकल्प लेंगे, तभी लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
- Essay in Hindi
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1 thought on “सड़क सुरक्षा पर निबंध – Essay on Road Safety in Hindi”
Nice I ilke it
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सड़क सुरक्षा पर निबंध | Essay on Road-Safety in Hindi
by Meenu Saini | Nov 24, 2023 | Hindi | 0 comments
Hindi Essay and Paragraph Writing – Road Safety (सड़क सुरक्षा) for classes 1 to 12
सड़क सुरक्षा पर निबंध – इस लेख में हम सड़क सुरक्षा से आप क्या समझते हैं, सड़क सुरक्षा का क्या महत्व है, सड़क सुरक्षा के नियम क्या है के बारे में जानेंगे। सड़क सुरक्षा मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे समाज में हर रोज हजारों लोग यातायात दुर्घटनाओं में शिकार होते हैं, जिनसे कई लोग जान देते हैं । सड़क सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करके सड़कों पर होने वाली दुर्घटना को रोका या कम किया जा सकते हैं। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में सड़क सुरक्षा पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में सड़क सुरक्षा पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।
- सड़क सुरक्षा पर 10 लाइन 10 lines
- सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
- सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
- सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
- सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में
सड़क सुरक्षा पर 10 लाइन 10 lines on Road Safety in Hindi
- सड़क पर वाहन चलाते समय प्रत्येक चालक को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।
- चालक को कभी भी शराब पीकर वाहन नहीं चलाना चाहिए।
- गाड़ी चलाते समय कभी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- सभी वाहन चालक को सीट बेल्ट और टू-व्हीलर को हेलमेट अवश्य पहनना चाहिए।
- सड़क पर लगाए गए साइन बोर्ड और यातायात संकेतों का पालन करना चाहिए।
- वाहन को मोड़ते या चलाते समय चालक को हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए।
- सभी चालकों को गति सीमा का पालन करना चाहिए और अन्य वाहनों को ओवरटेक करने से बचना चाहिए।
- पैदल चलने वाले यात्रियों को हमेशा ब्रिज या ज़ेबरा क्रॉसिंग का प्रयोग करना चाहिए।
- जल्दबाजी के कारण कभी भी यातायात नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
- जब सभी यातायात नियमों का पालन किया जाता है तो वाहन दुर्घटनाओं की संभावना काफी कम हो जाती है।
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Short Essay on Road Safety in Hindi सड़क सुरक्षा पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में
सड़क सुरक्षा पर निबंध – मनुष्य को अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों, जैसे कार्यालय, स्कूल, कॉलेज या अस्पताल जाने के लिए परिवहन के साधनों की आवश्यकता होती है। इसलिए सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि आये दिन सड़क दुर्घटनाओं के कारण कोई-ना-कोई व्यक्ति मृत्यु या गंभीर चोटों का शिकार हो जाता है।
सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
सड़क सुरक्षा एक बहुत महत्वपूर्ण विषय है जिसे प्रत्येक चालक और पैदल यात्री को प्राथमिकता देनी चाहिए। गाड़ी चलाते समय चालक को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और यातायात संकेतों का पालन करना चाहिए, साथ ही वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने से बचना चाहिए। यदि चालक चार पहियों वाली गाड़ी चला रहा है तो सीट बेल्ट पहनना चाहिए, अगर दो पहियों वाली गाड़ी चला रहा है तो हेलमेट पहनना चाहिए। ये सुरक्षा उपाय संभावित दुर्घटनाओं से चालक को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, पैदल चलने वालों को संभावित दुर्घटनाओं से खुद को बचाने के लिए उन्हें फुटपाथ का उपयोग करना चाहिए।
सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
सड़क दुर्घटनाएं दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए, सभी वाहन चालक और पैदल यात्रियों को सड़क सुरक्षा पर विशेष जोर देना चाहिए। संभावित दुर्घटनाओं से बचने के लिए चालक जब भी अपने दैनिक गतिविधियों, जैसे काम, स्कूल, कॉलेज और अस्पताल आदि विभिन्न स्थानों पर जाने के लिए वाहन से निकले तो यातायात संकेतों का जरूर पालन करें, सीट बेल्ट अवश्य पहने, अधिक भीड़-भाड़ वाली सड़को पर ज़्यादा स्पीड से गाड़ी न चलाए और जल्दीबाजी के चक्कर में दूसरे गाड़ी को ओवरटेक करने से बचे, साथ ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से बचे। इसके अलावा, पैदल यात्रियों व साइकिल चालकों को संभावित दुर्घटनाओं से खुद को बचाने के लिए यातायात संकेतों के साथ-साथ निर्दिष्ट क्रॉसिंग, फुटपाथ और पैदल मार्ग का उपयोग करें। साइकिल चालकों को हेलमेट अवश्य पहनने और अन्य ड्राइवरों की तरह ही यातायात नियमों का पालन करें। सभी जरूरी नियमों का पालन करने से दुर्घटनाओं और चोटों की संभावना को काफी हद कम किया जा सकता है।
सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
सड़क सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय है जो पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और ड्राइवरों सहित सड़कों पर सभी को प्रभावित करती है। दुर्घटनाओं और गंभीर चोटों से बचने के लिए व्यक्तियों में जागरूकता होना और नियमों और सुरक्षा उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है। सड़क सुरक्षा के मूलभूत घटक में यातायात नियमों का पालन करना शामिल है, जिसमें यातायात संकेतों, गति सीमा और साइन बोर्ड का पालन करना होता है। इन नियमों का पालन न केवल चालक की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि निर्बाध और व्यवस्थित यातायात प्रवाह को भी सुविधाजनक बनाता है। सड़क सुरक्षा के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण कारक में व्यक्ति को वाहन चलाते समय सड़क पर ध्यान केंद्रित रखना, फोन जैसी विकर्षणों से बचना और यातायात की स्थिति में अचानक बदलाव के समय अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना शामिल है। यातायात नियमों का पालन करने और सावधान रहने के साथ-साथ, अच्छी ड्राइविंग करना भी महत्वपूर्ण है। इससे संभावित खतरों को रोका जा सकता है। इसके अतिरिक्त, हर समय सीट बेल्ट पहनना आवश्यक है, क्योंकि वे टकराव के दौरान चोटों या मृत्यु के जोखिम को काफी कम कर देते हैं। सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल ड्राइवरों का कर्तव्य नहीं है बल्कि पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। उन्हें निर्दिष्ट क्रॉसिंगों और फुटपाथों का उपयोग के साथ यातायात नियमों का पालन करना चाहिए।
सड़क सुरक्षा पर निबंध / अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में
आज की दुनिया में सड़क और परिवहन प्रत्येक के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में सड़क उपयोगकर्ता है। वर्तमान परिवहन प्रणाली ने दूरियाँ कम कर दी है, लेकिन साथ ही मानव जीवन के लिए खतरे भी बढ़ा दिए हैं। हर साल, सड़क दुर्घटनाओं में लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं और करोड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। भारत में ही हर साल लगभग अस्सी हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं जो पूरी दुनिया में होने वाली कुल मृत्यु का तेरह प्रतिशत है। अधिकांश दुर्घटनाओं में चालक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ज्यादातर मामलों में दुर्घटनाएं या तो लापरवाही के कारण होती हैं या सड़क उपयोगकर्ता की सड़क सुरक्षा जागरूकता की कमी के कारण होती हैं। इसलिए, सड़क सुरक्षा शिक्षा जीवित रहने के किसी भी अन्य बुनियादी कौशल की तरह ही आवश्यक है। वाहन चलाते समय हादसों से बचने के लिए चालक को ड्राइविंग पर फोकस रखना चाहिए, सफर लंबा है तो समय-समय पर आराम करना चाहिए, गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, बारिश के दौरान स्पीड कम रखना चाहिए और गाड़ियों के बीच सही दूरी बनाकर चलना चाहिए, अगर कार चला रहे हैं तो सीट बेल्ट जरूर पहनें, अगर टू-व्हीलर पर हैं तो हेलमेट पहनकर रखें, शांत दिमाग से गाड़ी चलाएं और ट्रैफिक सिग्नल का पालन करें। नशा करके या दुखी अवस्था में गाड़ी बिल्कुल न चलाएं, क्योंकि इससे हादसा हो सकता है। इसके अलावा, पैदल चलने वाले यात्रियों को विशेष सावधानियां बरतना चाहिए। जैसे- रेड सिग्नल होने पर ही सड़क पार करें, सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करें, सड़क की बजाय फुटपाथ पर चलें, हमेशा सावधानी से सड़क पार करें, छोटे बच्चे साथ में हैं तो उनका हाथ पकड़कर सड़क पार करें। अत: सड़क सुरक्षा से जुड़ी सभी नियमों का पालन करने से दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें और गंभीर चोटों की संभावना को काफी हद कम किया जा सकता है। Top
Sadak Suraksha Par Nibandh Hindi Essay
सड़क सुरक्षा (road-safety) par nibandh hindi mein.
“सड़क सुरक्षा” आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है। “सड़क सुरक्षा” एक ऐसा मुद्दा है जिसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि यह हर साल लाखों जिंदगियों को मुश्किल में डालता है। एक राष्ट्र के विकास में, यह मुद्दा सभी प्रकार के सड़क उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करता है, जिनमें मोटर चालक, पैदल यात्री, मोटरसाइकिल चालक आदि शामिल हैं, साथ ही अवैध सड़क किनारे विक्रेता और सड़क पर अतिक्रमण करने वाले लोग भी शामिल हैं।
सड़क सुरक्षा पर निबंध में आज हम सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रमुख तथ्य, सड़क सुरक्षा के प्रमुख तरीके, भारत में सड़क सुरक्षा के नियम और सड़क सुरक्षा संबंधी समस्याओं पर चर्चा करेगे।
सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रमुख तथ्य
सड़क सुरक्षा के प्रमुख तरीके, भारत में सड़क सुरक्षा के नियम, भारत मे सड़क सुरक्षा संबंधी समस्याएं.
भारत रंगों, हलचलों और विरोधाभासों का देश है और हम इसकी सड़कों की तुलना में इन तीनों को कहीं और अधिक स्पष्ट रूप से नहीं देख पाते हैं। एक ओर, आपके पास मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों का जीवंत, अक्सर आक्रामक यातायात है। दूसरी ओर, छोटे शहरों और गांवों की लंबी और संकरी सड़कें हैं। भारत के तमाम अनुभवों के बावजूद, एक बात निश्चित है: सड़क सुरक्षा हम सभी के लिए एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, 2022 में भारत में सड़क यातायात से संबंधित 1,55,622 मौतें हुईं।
अगर हम वैश्विक स्तर पर बात करें तो पाएंगे कि हर साल सड़क यातायात दुर्घटना के परिणामस्वरूप लगभग 1.3 मिलियन लोगों की जान चली जाती है। 20 से 50 मिलियन के बीच अधिक लोग गैर-घातक चोटों से पीड़ित होते हैं, जिनमें से कई लोग चोट के परिणामस्वरूप विकलांगता का शिकार हो जाते हैं।
सड़क यातायात की चोटें व्यक्तियों, उनके परिवारों और पूरे राष्ट्र को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं में अधिकांश देशों को उनके सकल घरेलू उत्पाद का 3% खर्च करना पड़ता है।
- सड़क सुरक्षा से संबंधित चौंकाने वाले तथ्य निम्नलिखित हैं;
- विश्व सड़क सांख्यिकी, 2018 में रिपोर्ट किए गए 199 देशों में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या में भारत पहले स्थान पर है, इसके बाद चीन और अमेरिका हैं। सड़क सुरक्षा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक रिपोर्ट 2018 के अनुसार, दुनिया में दुर्घटना से संबंधित मौतों में से लगभग 11% मौतें भारत में होती हैं।
- भारतीय सड़क नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा है।
- सड़कें 87.4 प्रतिशत यात्री और 65 प्रतिशत माल ढुलाई करती हैं।
- सड़क परिवहन क्षेत्र में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की हिस्सेदारी लगभग 4.5 प्रतिशत है।
- भारत में हर मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है, जबकि हर तीन मिनट में एक घातक दुर्घटना होती है।
- सड़क दुर्घटना डेटा 2021 (एनसीआरबी) के विश्लेषण से पता चलता है कि भारतीय सड़कों पर हर दिन लगभग 1,104 दुर्घटनाएं और 426 मौतें होती हैं, जो हमारे देश में हर घंटे औसतन 46 दुर्घटनाएं और 18 लोगों की जान लेती हैं।
- वर्ष 2018 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए सभी व्यक्तियों में से लगभग 69.6 प्रतिशत लोग 18-45 वर्ष आयु वर्ग के थे।
- 5-29 वर्ष की आयु के बच्चों और युवा वयस्कों के मृत्यु का नंबर एक कारण सड़क दुर्घटना ही है।
- भारत में 2021 में सड़क दुर्घटना में 1,55,622 लोगों की मौत हो गई और 3,71,884 लोग घायल/विकलांग हो गए।
- भारत में सड़क दुर्घटना के कारण वार्षिक संपत्ति का नुकसान 55,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
- सड़क यातायात दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप भारत को सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3% नुकसान होता है।
- 84 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के लिए ड्राइवरों की गलती सबसे महत्वपूर्ण कारक है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने परिवेश के प्रति सचेत रहें और सतर्क रहें।
सुनिश्चित करें कि आप जाने के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग जानते हैं, और रात में अकेले यात्रा करने से बचें। यदि आपके पास कार है, तो सुनिश्चित करें कि आप यातायात नियमों का पालन करें और अपनी सीट बेल्ट का उपयोग करें। यदि आप बाइक चला रहे हैं, तो हेलमेट पहनें और सड़क पार करने से पहले दोनों तरफ देख लें। यदि आप चल रहे हैं या दौड़ रहे हैं, तो अपने परिवेश के प्रति सचेत रहें और शांत रहें।
सड़कों पर सुरक्षित रहने के लिए आप निम्न तरकीबें अपना सकते हैं: – सभी यातायात कानूनों और संकेतों का पालन करें – सीटबेल्ट लगाएं – संयम से गाड़ी चलाएं – उचित लेन स्थिति का उपयोग करें – कभी भी ध्यान भटकाकर गाड़ी न चलाएं
दूसरे वाहनों से आवश्यक दूरी बनाए
वाहन चलाते समय अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इससे किसी भी दुर्घटना से बचने में मदद मिलेगी और आप तथा अन्य वाहन चालक भी सुरक्षित रहेंगे।
रक्षात्मक ढंग से गाड़ी चलाएँ
रक्षात्मक रूप से गाड़ी चलाने का अर्थ है; “कानून का पालन करना और अपने परिवेश के प्रति सचेत रहना।” इसका मतलब है अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखना, मुड़ते समय संकेत देना और गीली या बर्फीली परिस्थितियों में सावधानी से ब्रेक लगाना। रक्षात्मक ढंग से गाड़ी चलाने से दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
निम्नलिखित युक्तियाँ आपको रक्षात्मक रूप से गाड़ी चलाने में मदद करेंगी:
1. अपरिचित या खतरनाक इलाकों में सावधानी से गाड़ी चलाएं। यदि आप क्षेत्र के बारे में निश्चित नहीं हैं, तो वहां गाड़ी चलाने से पहले तब तक प्रतीक्षा करें जब तक आप अच्छी तरह से यात्रा करने वाले मार्ग पर न पहुंच जाएं।
2 . तेज़ गति से न चलें या अन्य ड्राइवरों के बहुत पीछे न चलें। बाईं ओर से गुजरने की अनुमति आमतौर पर केवल तभी दी जाती है जब आगे की लेन स्पष्ट हो, और दाईं ओर से गुजरने की अनुमति कभी नहीं दी जाती है। अपनी ही लेन में रहें और किसी भी समय रुकने के लिए तैयार रहें।
3. अपने संकेतों का सही उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि आप लेन बदलते समय या मुड़ते समय संकेत देने के लिए दोनों हाथों का उपयोग करें और अपनी आँखें आगे की सड़क पर केंद्रित रखें।
4. मौसम की स्थिति पर ध्यान दें क्योंकि विभिन्न प्रकार की मौसम स्थितियां जैसे बर्फ़, बारिश और कोहरा सभी ड्राइविंग को कठिन बना सकते हैं। इन परिस्थितियों में वाहन चलाते समय गति धीमी करें और अतिरिक्त सावधानी बरतें।
5. पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों से सावधान रहें। उनके पास जाते समय हमेशा उन्हें भरपूर जगह दें और रुकने के लिए तैयार रहें।
आश्चर्यजनक यातायात स्थितियों पर नजर रखें
बहुत से लोग सोचते हैं कि वे बस सड़क पर गाड़ी चला सकते हैं और कार से टकराने की चिंता नहीं कर सकते। हालाँकि यह कुछ मामलों में सच हो सकता है, लेकिन कई आश्चर्यजनक ट्रैफ़िक स्थितियाँ हो सकती हैं।
सबसे आम आश्चर्यों में से एक तब होता है जब कोई अचानक आपकी लेन में आ जाता है। जब ऐसा होता है, तो उन संकेतों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है कि कोई व्यक्ति अचानक कोई कदम उठाने वाला है और सतर्क रहना चाहिए। यदि आप कोई अन्य अप्रत्याशित ट्रैफ़िक स्थिति देखते हैं तो आपको तुरंत प्रतिक्रिया करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
सड़क के नियमों का पालन करें
दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है, और सड़क के नियमों को जानना महत्वपूर्ण है। सड़कों पर सुरक्षित रहने में आपकी सहायता के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
– सभी यातायात चिह्नों और सिग्नलों का पालन करें। – मध्यम गति से वाहन चलाएं। – पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों, बसों, ट्रकों और अन्य वाहनों के लिए सतर्क रहें। – मोड़ में गाड़ी घुमाते समय सावधानी बरतें। – अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं पर नज़र रखें। – सीटबेल्ट लगाएं।
सेल फ़ोन का उपयोग करते समय सावधान रहें
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, गाड़ी चलाते समय सेल फोन पर बात करने से दुर्घटना में शामिल होने का जोखिम 40% तक बढ़ जाता है। वास्तव में, गाड़ी चलाते समय सेल फोन का उपयोग करना इतना खतरनाक है कि लोगों को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (एनएचटीएसए) ने “टेक्स्ट स्टॉप” नामक एक अभियान बनाया है।
गाड़ी चलाते समय सेल फोन का उपयोग करना इतना खतरनाक है क्योंकि आप सड़क पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आप गाड़ी चलाने के काम से भी विचलित हो जाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
टेक्स्ट मैसेजिंग और अन्य प्रकार के मोबाइल फोन के उपयोग से भी प्रतिक्रिया समय धीमा हो जाता है और निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
प्रत्येक राज्य सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कुछ सड़क कानून बनाए हैं। उन्होंने जानवरों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी कानून बनाए हैं।
प्रमुख सड़क सुरक्षा उपाय निम्नलिखित हैं।
सड़क सुरक्षा के सामान्य नियम
भारत में सड़क सुरक्षा के सामान्य नियम निम्नलिखित हैं;
1. पशु सुरक्षा
मवेशियों, बिल्लियों और कुत्तों को स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति है। इसलिए, गाड़ी चलाते समय उन्हें चोट पहुँचाने या उन्हें कुचलने से बचें।
2. जेब्रा क्रॉसिंग पर ही रोड क्रॉस करें
जो लोग सड़क पार करने के लिए ज़ेबरा क्रॉसिंग का उपयोग नहीं करते, उनके लिए सड़क सुरक्षा का महत्व ख़त्म हो जाता है। काली और सफ़ेद धारियाँ किसी कारण से होती हैं, और अपनी सुरक्षा के लिए, सड़क पार करने के लिए इसका उपयोग करें।
3. शराब पीकर गाड़ी चलाना
सड़क सुरक्षा के महत्वपूर्ण नियमों में शराब का सेवन करने और उसके बाद गाड़ी चलाने से बचना भी शामिल है। शराब का सेवन संज्ञानात्मक कार्यप्रणाली को ख़राब करता है और इसलिए व्यक्ति को वाहन पर पूर्ण नियंत्रण रखने से रोकता है।
4. थकावट या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
सड़क सुरक्षा नियमों की मांग है कि यदि आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं तो आप गाड़ी न चलाएं। इसके अलावा अगर आप थके हुए हैं तो भी गाड़ी न चलाने की सलाह दी जाती है।
5. ट्रैफिक लाइट का पालन करें
सभी यातायात संकेतों का पालन करें। जब चलने के लिए सिग्नल हरा दिखे तो चलें। साथ ही वाहन चलाते समय ट्रैफिक लाइट का पालन करें।
6. बाईं ओर रहना
सड़क पर सुरक्षा नियमों में से एक महत्वपूर्ण नियम है चलते या गाड़ी चलाते समय बायीं ओर चलना ताकि आप दायीं ओर से आने वाले वाहनों से न टकराएं।
7. चौराहों पर गति को धीमी करना
मुख्य सड़क, चौराहों और कोनों में प्रवेश करते समय धीमी गति से चलें।
8. मुड़ने के संकेत और हाथ के इशारे
जब आप मुड़ रहे हों, गति धीमी कर रहे हों या किसी अन्य वाहन को गुजरने दे रहे हों तो आवश्यक संकेतों का उपयोग करें। शांत क्षेत्र में हार्न का प्रयोग न करें।
9. मोबाइल फ़ोन का उपयोग
सड़क पर चलते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल जान पर भारी पड़ सकता है। इसलिए, सड़क सुरक्षा की दृष्टि से, सड़क पर चलते समय अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने से बचें। 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी संशोधित मोटर वाहन नियम, केवल नेविगेशनल उद्देश्यों के लिए ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन के उपयोग को प्रतिबंधित करते हैं।
10. एकतरफ़ा सड़कों पर वाहन चलाना
भारत में अनेक एकतरफ़ा सड़कें हैं। कार चलाते समय आपको सही दिशा में गाड़ी चलाने का ध्यान रखना होगा, क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, आपको ऐसी सड़क पर अपने वाहन को उल्टी दिशा में पार्क करने से बचना चाहिए।
भारत में सड़क सुरक्षा संबंधी निम्न समस्याएं हैं;
लापरवाह ड्राइविंग
कई कानूनों और विनियमों के बावजूद, भारतीय सड़कों पर लापरवाही से गाड़ी चलाना एक बड़ी समस्या बनी हुई है। जो ड्राइवर तेज गति से गाड़ी चलाते हैं, नशे में गाड़ी चलाते हैं और गलत दिशा में गाड़ी चलाने जैसे अन्य खतरनाक व्यवहार करते हैं, वे खुद को और दूसरों को जोखिम में डालते हैं।
सड़क सुरक्षा मानकों का ख़राब कार्यान्वयन
कभी-कभी, सही सड़क चिन्हों को चिह्नित या लागू नहीं किया जाता है। इन्हें जिम्मेदार प्राधिकारी द्वारा यथाशीघ्र ठीक किया जाना चाहिए।
ख़राब वाहन डिज़ाइन
भारतीय कार निर्माता अपने वाहनों को कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ डिज़ाइन नहीं करते हैं। पश्चिम के विपरीत, जहां कारों का निर्माण कई स्वचालित सुरक्षा सुविधाओं के साथ किया जाता है, भारतीय वाहन अभी भी पीछे हैं।
उदासीन सरकारें
सरकारें अपनी सड़कों की योजना ठीक से नहीं बनाती हैं। इसके अलावा सड़कों की हालत को लेकर भी सरकारें उदासीन हैं।
आपातकालीन सेवाओं का अभाव
सड़क सुरक्षा नियम होते हुए भी आपातकालीन सेवाओं का पूर्ण अभाव है। जब त्वरित प्रतिक्रिया टीम उपलब्ध नहीं होती है, तो पीड़ित मौके पर ही दम तोड़ देते हैं। इसलिए, यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि आपातकालीन सेवाएं हों।
नागरिकों में जिम्मेदारी का अभाव
इसके अलावा, नागरिकों में जिम्मेदारी का पूर्ण अभाव है। अधिकांश समय वे ही गलतियाँ करते हैं।
ख़राब सड़कें
भारत में ख़राब सड़कें हमेशा सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं।
जैसा कि हमने सीखा है, यातायात नियम केवल उबाऊ नियमों का एक समूह नहीं हैं, बल्कि सड़क पर एक सहज और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने का एक तरीका है। यातायात संकेतों और संकेतों का पालन करने से लेकर गति सीमा का पालन करने और वाहन चलाते समय ध्यान भटकने से बचने तक, हम दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने और अपनी सड़कों को सभी के लिए सुरक्षित बनाने के लिए सरल कदम उठा सकते हैं।
निष्कर्षतः, सड़क सुरक्षा भारत को प्रभावित करने वाले सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है, और सड़क पर सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक कदम उठाना हमारे लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
याद रखें, सड़कें तब सुरक्षित हो जाती हैं जब हम सभी उन्हें सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी समझते हैं और साझा करते हैं।
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सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
यहाँ हमने छात्रों के लिए सड़क सुरक्षा पर बहुत ही आसान भाषा में जानकारी युक्त निबंध दिए हैं जो अलग अलग शब्द सीमा में लिखा गया है। जैसे – छोटे बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा पर 100 – 200 शब्दों में निबंध और बड़े बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा पर 250 – 350 शब्दों में निबंध। आप अपने आवश्यकता और क्लास के अनुसार कोई भी निबंध चुन सकते हैं।
रोड सेफ्टी पर निबंध (100 – 200 शब्द) – Road Safety par nibandh
यातायात के सभी नियमों का पालन करते हुए सड़क पर सुरक्षित रूप से वाहनों को चलाना ही सड़क सुरक्षा है। चार पहिया वाहन चलाते समय ड्राइवर को सीट बेल्ट जरूर पहनना चाहिए और स्पीड लिमिट को ध्यान में रखते हुए ही ड्राइव करना चाहिए। बाइक या स्कूटी वाहन चालकों को हेलमेट जरूर पहनना चाहिए और स्पीड लिमिट का भी ध्यान रखना चाहिए। पैदल चलने वाले और साइकिल इस्तेमाल करने वाले लोगों को सड़क किनारे बनी फुटपाथ पर ही चलना चाहिए। जब रेड लाइट हो जाये और सभी वाहन रुक जाये तभी पैदल यात्री को जेब्रा क्रासिंग से रोड क्रॉस करना चाहिए।
रोड पर वाटर बॉटल्स और कचरा भी नहीं फेकना चाहिए क्योकि इससे भी रोड एक्सीडेंट होते हैं। पैदल चालकों को रोड पर हमेशा अपने बायीं ओर से ही चलना चाहिए। रोड पर वाहन चालकों को ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि भीड़ वाली जगह पर गाड़ी हमेशा धीमी गति से चलाना चाहिए। कभी भी अल्कोहल पीकर ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए और ड्राइविंग करते समय मोबाइल पर बात नहीं करनी चाहिए। ट्रैफिक सिग्नल का पालन जरूर करना चाहिए और उसका मतलब भी जानना चाहिए जैसे रेड लाइट वाहनों के रुकने का संकेत होता है, येलो लाइट संकेत देता है कि आप तैयार रहें और ग्रीन लाइट चलने का संकेत देता है।
सड़क सुरक्षा पर निबंध (300 – 400 शब्द) – Sadak suraksha par Nibandh
सड़क सुरक्षा आज के समय में उतना ही जरुरी हो गया है जितना खुद को किसी बीमारी से बचाने के लिए स्वस्थ रहना। रोड सेफ्टी हर देश के हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है। सड़क सुरक्षा का अर्थ है सड़क पर चलते हुए नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करना ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके और जीवन को सुरक्षित बनाया जा सके। लेकिन इस बढ़ती आबादी, बढ़ते यातायात, बढ़ती गाड़ियों की संख्या, बढ़ती लापरवाही, बढ़ता मानसिक टेंशन और सड़क पर गाड़ियों की तेज गति के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे आये दिन भारी संख्या में हर रोज लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
सड़क दुर्घटना के मुख्य कारण
सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में तेज गति से चलती गाड़ियां, शराब पीकर गाड़ी चलाना, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग, बिना नियम का पालन किये जल्दीबाजी में ओवरटेक करना और यातायात नियमों का उल्लंघन प्रमुख हैं। इन कारणों से न केवल वाहन चालकों की बल्कि पैदल यात्रियों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करके इन दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
वाहन चालकों के लिए सड़क सुरक्षा के नियम
सड़क सुरक्षा के अंतर्गत अनेक उपाय हैं जिन्हें अपनाकर हम सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं। सबसे पहले, वाहन चालकों को हमेशा सीट बेल्ट पहननी चाहिए और मोटरसाइकिल चालकों को हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा, गाड़ी चलाते समय या चलाने से पहले शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए और मोबाइल फोन का उपयोग भी बिल्कुल नहीं करना चाहिए। तेज गति से वाहन चलाना भी खतरनाक साबित हो सकता है, इसलिए गति सीमा का पालन करना भी आवश्यक है।
पैदल यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षा के नियम
पैदल यात्रियों को भी कुछ नियम का पालन जरूर करना चाहिए जैसे कि, सड़क पार करते समय हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग का उपयोग करें और ट्रैफिक सिग्नल का भी पालन करें। रात में सड़क पर चलते समय चमकीले कपड़े पहनें ताकि वाहन चालक आपको आसानी से देख सकें। माता पिता को अपने बच्चों को भी सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करना चाहिए और उन्हें सुरक्षित तरीके से सड़क पार करने की जानकारी देनी चाहिए।
सड़क सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम
सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं जैसे यातायात पुलिस की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों का उपयोग, सड़कों पर साइन बोर्ड्स और गाड़ियों के लिए गति नियंत्रण बोर्ड इत्यादि। इसके साथ ही, समय समय पर स्कूलों और कॉलेजों में भी छात्रों के लिए सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
सड़क सुरक्षा मुहीम एक सामूहिक जिम्मेदारी है जो कि केवल सरकार और पुलिस का काम नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करे। हमें समझना होगा कि हमारी छोटी सी लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इसलिए, सड़क पर यात्रा करते समय हमेशा सतर्क रहें और सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करें। इस प्रकार, हम न केवल अपने जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि दूसरों के जीवन को भी बचा सकते हैं।
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सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में | essay on road accident hindi.
सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में Essay On Road Accident Hindi सड़क दुर्घटना कारण एवं उपाय निबंध sadak Suraksha per nibandh आँखों देखी दुर्घटना हाल
सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में
साइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गयी .
अस्पताल में इलाज
यातायात उलंघन में कठोर दंड अपरिहार्य.
इन सड़क दुर्घटनाओं में कितने ही लोग अपंग हो जाते हैं और कितनों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ता है परन्तु यह सब सोचने से कोई लाभ नहीं है क्योंकि जब तक हम अपने बच्चों को वाहन देने से पूर्व यातायात के नियमों से अवगत नहीं कराएँगे। देश का प्रत्येक नागरिक जागरूक नहीं होगा। जब तक यातायात नियमों के उलंघन पर उचित दंड नहीं दिया जाएगा तब तक इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचना असंभव है।
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सड़क सुरक्षा पर निबंध- Road Safety Essay in Hindi
In this article, we are providing information about Road Safety in Hindi- Road Safety Essay in Hindi Language. सड़क सुरक्षा पर निबंध / सड़क यातायात सुरक्षा
सड़क सुरक्षा पर निबंध- Road Safety Essay in Hindi
हर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कहीं न कहीं आने जाने के लिए सड़क का उपयोग अवश्य करता है। आज के व्यस्त जीवन में सब एक दुसरे से जल्दी अपनी मंजिल पर पहुँचना चाहते है जिससे कि रोज बहुत सी दुर्घटनाएँ घटित होती हैं। सड़क यातायात सुरक्षा एक ऐसी विधि है जिसमें नियम बनाकर दुर्घटना को रोका जा सकता है और लोगों को चोट लगने से बचाया जा सकता है। कहा जाता है कि दुर्घटना से देर भली है। लोगों के तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने, नशे में गाड़ी चलाने की वजह से ज्यादातर दुर्घटना होती हैं।
सड़क यातायात सुरक्षा की आवश्यकता- हर रोज बहुत सी दुर्घटना घटित होती है जिससे कि बहुत से लोग अपनी जान खो देते हैं। मरने वाले लोगों में ज्यादातर युवा होते है जिससे कि देश अपनी युवा शक्ति को खोता जा रहा है। लोगों के वाहनों को नियंत्रण में रखने और सड़क हादसों को रोकने के लिए सड़क यातायात सुरक्षा नियम बनाए गए हैं।
सड़क यातायात सुरक्षा के नियम- सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क यातायात के कुछ नियम बनाए हैं। वाहनों की गति को निर्धारित किया गया है। हर जगह पर चिन्ह बने हुए है जिससे कि आगे के रास्ते के बारे में पता चल सके और दुर्घटना को रोका जा सके। हर व्यक्ति को वाहन के लिए रक्षात्मक कोर्स करना चाहिए। वाहन चालक का ड्रिंकिंग टैस्ट भी किया जाता है जिससे कि पता लगाया जा सके की कहीं वो नशा करके तो वाहन नहीं चला रहें है। सुरक्षा के नियमों को तोड़ने वावों का चलान किया जाता है और यदि एक ही व्यक्ति बार बार नियमों को तोड़े तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए।
जिंदगी एक बार ही मिलती है और यह बहुमुल्य है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह खुद को भी सुरक्षित करें और दुसरों को भी सुरक्षित रखे। सड़क पर किसी एर व्यक्ति की लापरवाही के कारण दुसरा भी अपनी जिंदगी खो बैठता है। हम सबकों यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए। दो पहिया वाहनों को चलाने वालों को हेल्मेट अवश्य पहनना चाहिए। यातायात के नियम हमारी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं और हम सबको भोझ न समझकर बल्कि जिम्मेदारी समझना चाहिए। हर नागरिक को चाहिए कि वह अपने साथ साथ दुसरों को भी यातायात के नियमों का पालन करना सिखाए। स्कूलों में भी सुरक्षा के इन नियमों के विषय में बताया जाना चाहिए और अलग अलग स्तर पर परीक्षा भी होती है।
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सड़क सुरक्षा पर भाषण- Speech on Road Safety in Hindi
Road Safety Slogans in Hindi- यातायात सुरक्षा पर नारे
यातायात के नियम पर निबंध- Essay on Traffic Rules in Hindi
ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Road Safety Essay in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।
7 thoughts on “सड़क सुरक्षा पर निबंध- Road Safety Essay in Hindi”
Helped a lot
Nice essay thanks
Nice essay think’s lot
Nice essay thank’s a lot
Nice help ful Thanks
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यातायात के नियम पर निबंध
By विकास सिंह
विषय-सूचि
यातायात के नियम पर निबंध, essay on traffic rules in hindi (200 शब्द)
भारतीय सड़कें विभिन्न प्रकार के वाहनों – कारों, बसों, ट्रकों, कृषि वाहनों (ट्रैक्टर आदि), साइकिल, रिक्शा (तीन पहिया यात्री गाड़ी), मोटरसाइकिल और पैदल चलने वालों के साथ भीड़भाड़ से भरी हुई हैं। यहां तक कि विक्रेताओं और सड़क के किनारे वाले स्टालों को भी आसानी से सड़क पर अतिक्रमण करते देखा जा सकता है।
वाहनों और विभिन्न यात्रियों की इतनी विशाल विविधता के साथ, सभी के लिए सुरक्षित पारगमन सुनिश्चित करने के लिए सड़क का उपयोग करते समय विशिष्ट नियमों को डिजाइन करना अनिवार्य हो जाता है। इस प्रकार, ट्रैफ़िक नियम तस्वीर में आते हैं। वे नियमों और विनियमों का एक समूह हैं, जिनका सड़कों पर उपयोग करते समय पालन किया जाना है।
सड़कों पर यातायात को विनियमित करने के नियम मोटर वाहन अधिनियम 1988 में डाले गए हैं। यह अधिनियम 1 जुलाई 1989 से लागू हुआ और पूरे भारत में समान रूप से लागू है।
भारत में कुछ सबसे महत्वपूर्ण यातायात नियम हैं – सभी निजी और वाणिज्यिक वाहनों का अनिवार्य पंजीकरण और बीमा; केवल 18 वर्ष की आयु पर या उससे ऊपर के वयस्कों को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना; शराबी ड्राइविंग पर जुर्माना और कारावास; पैदल यात्रियों और अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए गति सीमा और ज़ेबरा क्रॉसिंग; अनिवार्य हेलमेट और सीट बेल्ट; सभी प्रकार के वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र; किसी चौराहे के पास जाते समय, सड़क पर पहले से चल रहे वाहन आदि को रास्ता देना आदि।
यातायात के नियम पर निबंध, essay on traffic rules in hindi (300 शब्द)
प्रस्तावना :.
सभी प्रकार के सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए ट्रैफ़िक नियमों और विनियमों को ट्रैफ़िक को विनियमित करने के लिए तैयार किया गया है। वे विभिन्न सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और उनके आसान आवागमन के लिए बहुत आवश्यक हैं।
भारतीय सड़कें असुरक्षित क्यों हैं ?
भारतीय सड़कों पर वाहनों और दैनिक यात्रियों की भीड़ होती है। हमारे राजमार्ग और शहर की सड़कें यातायात की तुलना में बहुत अधिक हैं जो वे वास्तव में डिजाइन किए गए थे। लेकिन, यह केवल हिमशैल का टिप है; मुख्य समस्या एक ही सड़क पर वाहनों की विविधता में है और निश्चित रूप से वे सभी समय पर पहुंचना चाहते हैं।
हमारे पास धीमी गति से चलने वाला ट्रैफ़िक है जैसे – रिक्शा, कार, बस, ट्रक, साइकिल, मोटरसाइकिल, पैदल यात्री और अक्सर जानवर; सभी एक ही सड़क का उपयोग कर। इसके अलावा, मोटर साइकिल, साइकिल सवार और पैदल यात्री सबसे कमजोर हैं, क्योंकि उन्हें भीड़ और व्यस्त सड़क पर स्पॉट करना मुश्किल है।
सड़क के किनारों और भोजनालयों का उल्लेख नहीं करने के लिए, उन लोगों ने सड़क और फुटपाथों पर अतिक्रमण किया है, केवल पैदल चलने वालों के लिए चीजें कमजोर कर रही हैं। इस परिदृश्य में, टकराव केवल अगली वास्तविकता है, यदि यातायात नियमों का तुरंत पालन नहीं किया जाता है।
कैसे ट्रैफिक नियम सुरक्षा में सुधार करते हैं :
यातायात नियमों और विनियमों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। कुछ नियम विशिष्ट प्रकार के उपयोगकर्ताओं के लिए तैयार किए गए हैं, जबकि कुछ सामान्य हैं। “बायीं ओर” रखने का नियम विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों के साथ-साथ पीछे से आने वाले वाहनों और उसी दिशा में यात्रा करने के लिए पास देने के लिए है। पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक ज़ेबरा क्रॉसिंग के पास आते समय नियम को धीमा करना अनिवार्य है।
निष्कर्ष :
बाइक या साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनना राइडर की सुरक्षा के लिए है। इसी तरह, कई नियम हैं जैसे ड्राइविंग करते समय सीट बेल्ट पहनना, सीमित गति के भीतर गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी न चलाना, पैदल यात्रियों को रास्ता देना (जैसे वे सबसे कमजोर होते हैं), ट्रैफिक सिग्नल और संकेतों का पालन करना; सभी सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और उनकी आसान पारगमन सुनिश्चित करते हैं।
यातायात सिग्नल पर निबंध, essay on traffic signal in hindi (400 शब्द)
यातायात सिग्नल :.
ट्रैफिक सिग्नल यातायात नियमों और विनियमों का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। प्रत्येक शहर के कम्यूटर को ट्रैफिक सिग्नलों का सामना करना पड़ता है, जबकि सड़क पर और सुरक्षित और विनियमित पारगमन सुनिश्चित करने के लिए उनका पालन करना चाहिए। यातायात संकेतों का मुख्य उद्देश्य यातायात का नियमन है। ट्रैफिक सिग्नल को आमतौर पर ट्रैफिक लाइट, ट्रैफिक लैंप और सिग्नल लाइट भी कहा जाता है।
ट्रैफिक सिग्नल कहां और क्यों लगाए जाते हैं :
ट्रैफिक सिग्नल सड़क चौराहों और पैदल क्रॉसिंग पर लगाए जाते हैं। अंतर्कलह महत्वपूर्ण जंक्शन बिंदु हैं जहां, एक अनियंत्रित यातायात प्रवाह दुर्घटनाओं और लंबे समय तक यातायात की भीड़ का कारण बन सकता है। ट्रैफिक लाइटें चौराहे से गुजरने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक रास्ते का अधिकार प्रदान करती हैं, जिससे आवागमन आसान हो जाता है। वैकल्पिक रूप से वाहनों के साथ अपने आंदोलन को विनियमित करने के लिए पैदल यात्री क्रॉसिंग पर ट्रैफ़िक सिग्नल स्थापित किए जाते हैं। रेल रोड क्रॉसिंग पर और अस्पतालों, स्कूलों या अन्य महत्वपूर्ण जंक्शनों को जोड़ने वाली सड़कों पर भी ट्रैफ़िक सिग्नल लगाए जाते हैं।
ट्रैफिक सिग्नल का इतिहास :
दुनिया का पहला ट्रैफिक सिग्नल 1868 में लंदन में स्थापित किया गया था, यह मैन्युअल रूप से संचालित गैस लिट सिग्नल था। हालाँकि, यह एक महीने भी नहीं चला और विस्फोट हो गया। भारत में पहला ट्रैफिक लाइट 1953 में चेन्नई के पास एग्मोर जंक्शन पर स्थापित किया गया था – दक्षिणी भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजधानी। दक्षिणी कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु के बगल में, 1963 में निगम सर्कल में अपना पहला ट्रैफिक सिग्नल लगाया।
भारत में ट्रैफिक सिग्नल / नियम :
ट्रैफिक सिग्नल या ट्रैफिक लाइट विभिन्न चौराहों पर लगाए गए सिग्नल डिवाइस हैं। वे रंगीन रोशनी के ऊर्ध्वाधर प्रदर्शन के साथ एक निश्चित रंग प्रतिनिधित्व प्रणाली का उपयोग करते हैं। भारतीय यातायात संकेतों में तीन प्राथमिक रंग हैं – लाल, नारंगी (एम्बर) और हरा। लाल को रोकने का निर्देश; नारंगी तैयार होने के लिए और हरे रंग जाने की अनुमति देता है। पैदल यात्रियों के लिए ट्रैफ़िक लाइट भी लगाई जाती है, जिसमें अक्सर समान रंग कोड (रेड-स्टॉप, एम्बर-वेट और ग्रीन-गो) होते हैं।
ट्रैफिक सिग्नल का पालन करते समय, कुछ और चीजें हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए। लाल बत्ती पर रुकते समय, पैदल चलने वालों के लिए ज़ेबरा क्रॉसिंग से पहले अच्छी तरह से रोकना सुनिश्चित करना चाहिए; लाल सिग्नल को केवल तभी छोड़ें, जब इस कदम को प्रतिबंधित करने वाला कोई संकेत न हो; भले ही सिग्नल हरा हो गया हो, तुरंत गति न करें, बल्कि यह सुनिश्चित करें कि दूसरी तरफ से ट्रैफ़िक रुक गया है और यह भी कि कोई वाहन नहीं है।
एक चमकता लाल संकेत बंद करने के लिए एक सख्त संकेत है, जबकि एक चमकता नारंगी (एम्बर) प्रकाश सावधानी से आगे बढ़ने का निर्देश देता है।
मैनुअल सिग्नल :
यातायात के नियमन के लिए हाथ के इशारों का उपयोग करते हुए विभिन्न मैनुअल सिग्नल हैं। इन संकेतों का उपयोग ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के साथ-साथ वाहन सवारों द्वारा भी किया जाता है। इनमें स्टॉप सिग्नल, स्लो डाउन सिग्नल, राइट टर्न सिग्नल, लेफ्ट टर्न सिग्नल आदि शामिल हैं।
यातायात के नियम निबंध, essay on traffic rules and their importance in hindi (500 शब्द)
भारत में यातायात नियमों का पालन करने की अनिच्छा जगह-जगह बदलती रहती है, वैसे ही जैसे इसकी संस्कृतियों और भाषाओं में। भारत के कुछ हिस्सों में लोग यातायात नियमों का पालन करते हैं जबकि कुछ अन्य हिस्सों में वे आदतन अपराधी होते हैं।
हैरानी की बात है कि जो लोग नियमों की अवहेलना करते हैं, वे उनके बारे में अच्छी तरह से जानते हैं फिर भी, वे अपनी अनिच्छा प्रदर्शित करते हैं और नियमित रूप से नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, अपनी जान के साथ-साथ दूसरों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं।
वर्तमान भारतीय परिदृश्य :
सड़क यातायात नियमों का पालन करने की हमारी अनिच्छा का आकलन हाल के 2018 के आंकड़ों से किया जा सकता है, जिसमें कहा गया है कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं का दावा हर दिन 400 लोगों का होता है। घातक होने के पीछे प्रमुख कारण हैं – ओवर स्पीडिंग, जंपिंग सिग्नल, ओवरलोडेड कमर्शियल व्हीकल, भीड़भाड़ वाले यात्री वाहन, सेफ्टी गियर्स न पहनना आदि।
सबसे ज्यादा खतरा दो पहिया सवार और पैदल चलने वालों को होता है, जिन्हें भीड़-भाड़ और व्यस्त सड़कों पर चलना मुश्किल होता है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में दोपहिया वाहन चालक कुल सड़क दुर्घटना का 40% प्रतिवर्ष होते हैं।
कम जागरूकता के कारण :
यातायात नियमों का पालन करने के लिए लोगों की अनिच्छा को विभिन्न कारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। भारतीय प्रणाली में कोई संगठित सड़क सुरक्षा शिक्षा नहीं है। बच्चों को उनके माता-पिता द्वारा या आत्म अवलोकन द्वारा सामान्य यातायात नियमों के बारे में पता चलता है। सैकड़ों ट्रैफ़िक संकेत हैं जिनके बारे में बच्चों को कभी नहीं बताया गया है।
सामान्य रूप से “जाने दो” रवैया भी भारतीय संदर्भ में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोग गैर-जिम्मेदार ड्राइवरों का पालन करते हैं। यदि कोई एकल चालक लाल सिग्नल छपता है, तो वह कई अन्य लोगों द्वारा पीछा किया जाएगा। जैसे कि, वे रोशनी के हरे होने का इंतजार नहीं कर रहे थे, बल्कि किसी ने इसे कूदने के लिए।
कम जागरूकता के पीछे एक और कारण उदार निगरानी है। यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले लोग शायद ही कभी सामना करते हैं, इस प्रकार उन्हें अधिक अनिच्छुक बना दिया जाता है। जब कई बार नहीं रोका जाता है, तो वे आदतन अपराधी बन जाते हैं, अपनी सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा से समझौता करते हैं।
जागरूकता बढ़ाने के तरीके :
सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए कई पहल की जा सकती हैं। स्कूलों में सड़क सुरक्षा और नियमों के बारे में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक संगठित संरचना प्रदान की जानी चाहिए। स्कूलों और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में एक विषय के रूप में सड़क सुरक्षा और नियम शुरू किए जा सकते हैं।
जागरूकता बढ़ाने में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग भी महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है। प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मशहूर हस्तियों द्वारा भेजे गए किसी भी संदेश का लोगों के रवैये पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। सड़क सुरक्षा और नियमों पर नए ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के लिए एक अनिवार्य प्रशिक्षण सत्र भी जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।
सरकारों द्वारा संबंधित विभागों के साथ समन्वय में नियमित अभियान चलाया जाना चाहिए, जिसमें लोगों को यातायात नियमों और विनियमन के बारे में सिखाया जाना चाहिए, साथ ही उचित सुरक्षा गियर का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। एक सख्त निगरानी और नशे में ड्राइविंग, तेज गति आदि जैसे अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति, जनता को एक मजबूत संदेश देगी और उन्हें नियमों का उल्लंघन करने से रोक देगी।
यातायात के निबंध, essay on follow traffic rules in hindi (600 शब्द)
सड़कों पर रहने वालों के लिए सड़क यातायात नियम अनिवार्य हैं, जिनमें कार चालक, बाइक सवार, बस चालक, ट्रक चालक, पैदल यात्री और यात्री शामिल हैं। वे यातायात के प्रवाह को विनियमित करने और हर उपयोगकर्ता के लिए दैनिक आवागमन सुरक्षित बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
हमारे दैनिक जीवन में विभिन्न यातायात नियम और उनके महत्व :
ट्रैफ़िक नियम जो हम रोज़ाना एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते समय अपनाते हैं, हमें सुरक्षित रूप से हमारे गंतव्य तक पहुँचने में मदद करते हैं। ट्रैफ़िक का उपयोग करते समय कुछ सामान्य ट्रैफ़िक नियमों का पालन करना चाहिए, जिनका वर्णन नीचे दिया गया है-
1) वैध ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ड्राइविंग
यदि आप एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस के साथ ड्राइविंग कर रहे हैं, तो आप शायद ड्राइव करने के लिए अनुमत आयु सीमा तक पहुंच गए हैं। इसके अलावा, आपको लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों और विनियमों के बारे में प्रदान किए गए आवश्यक प्रशिक्षण से गुजरना होगा; आप पहियों के पीछे एक जिम्मेदार ड्राइवर बना रहे हैं।
२) लेफ्ट रखना
यह एक और महत्वपूर्ण नियम है जिसका पालन दैनिक रूप से किया जाता है। सड़क पर तेज़ गति से आने वाले वाहनों के लिए रास्ता बनाने या प्रवेश करते समय, आपको सड़क पर छोड़ दिया जाना चाहिए। तेज गति से पीछे से आने वाले किसी इमरजेंसी या अन्य वाहन के लिए रास्ता बनाने के लिए भी आपको बाएं रहना चाहिए। इस तरह आप यह सुनिश्चित करते हैं कि दोनों सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुँचें।
3) गलत पक्ष से एक सड़क का दृष्टिकोण कभी नहीं
गलत साइड से अचानक सड़क का अनुमोदन करने के घातक परिणाम हो सकते हैं। एक गलत और अचानक दृष्टिकोण अन्य ड्राइवरों / सवारों को आश्चर्यचकित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप भ्रम और टकराव होता है। यह मुख्य सड़क पर किसी भी संपर्क करने वाले वाहन की तलाश करने की सलाह देता है और यदि वे बहुत दूर लगते हैं, तो हमेशा बाएं रखते हुए, सड़क पर धीरे-धीरे संपर्क करें।
4) हमेशा सेफ्टी गियर्स पहने
एक वाहन चालक को वाहन के लिए आवश्यक सभी सुरक्षा उपकरण पहनने चाहिए। सीट बेल्ट या हेलमेट पहनने से जीवन और मृत्यु के बीच अंतर हो सकता है। सामान्य धारणा है कि शहर आने के दौरान सुरक्षा गियर की आवश्यकता नहीं है। या तो शहर की सड़कों या राजमार्गों पर, सुरक्षा बेल्ट और हेलमेट ने जीवन को बचाने में अपनी सूक्ष्मता साबित की है।
5) ट्रैफिक सिग्नल
एक जंक्शन या सड़कों का चौराहा सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है जो एक रोजमर्रा के कम्यूटर को एक दिन में कई बार गुजरना पड़ता है। यह तय करना मुश्किल है कि सामने से आने वाले वाहन किस रास्ते से मुड़ेंगे या बाएं या दाएं से किसी भी आने वाले वाहन को देखेंगे। एक जंक्शन पर अंधाधुंध जारी रखने के घातक परिणाम हो सकते हैं। हमेशा यातायात नियमों या पुलिसकर्मी के संकेतों का पालन करें, जो सभी के लिए सुरक्षित पारगमन सुनिश्चित करते हुए, आंदोलन को वैकल्पिक करता है।
6) पैदल चलने वालों का इंतजार
पैदल चलने वालों में सड़कों के सबसे कमजोर उपयोगकर्ता हैं। वे अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे ड्राइवरों पर निर्भर हैं। एक लापरवाह चालक एक बेकाबू पैदल यात्री को टक्कर मार सकता है, सड़क पार कर सकता है या बस के आने का इंतजार कर सकता है। रोज़ाना आने वाले लोगों को हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग या अन्य स्थानों पर पैदल चलने वालों के लिए रास्ता बनाना चाहिए, और सभी के लिए सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करना चाहिए।
7) ड्रिंक एंड ड्राइव न करें
एक शराबी चालक न केवल अपनी जान जोखिम में डालता है, बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के जीवन को भी खतरे में डालता है। निर्णय लेने और परिणामों को दूर करने के लिए एक पीने की क्षमता बाधित करता है। वाहन चालक लापरवाही बरतते हैं और अपनी खुद की सुरक्षा के साथ-साथ दूसरों से भी अधिक गति से समझौता करते हैं। या तो दैनिक आने-जाने के लिए या कभी-कभी, नशे में ड्राइविंग को सख्ती से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
ट्रैफिक नियम हर दिन कार्यालय और घर तक हमारे सुरक्षित आवागमन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां तक कि अगर कोई नियमों की धज्जियां उड़ाता है और सुरक्षित रूप से पहुंचता है तो केवल अन्य अच्छे यात्रियों की वजह से जो यातायात नियमों का पालन करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
यही है, यदि सभी वाहन सिग्नल को कूदते हैं, तो कोई भी सुरक्षित रूप से या कम से कम समय पर गंतव्य पर नहीं जा सकता है। इसलिए सभी के लिए यह अनिवार्य है कि सड़क पर रहते हुए यातायात नियमों और विनियमों का पालन करें।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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Sir please New traffic rules k against essay bataiye, abi ardent hai, I need to part in debate whose topic is “New traffic rules are good or bad for ourselves” Please sir help.. …..
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10 Lines on Road Accident in Hindi – 10 Lines Essay
10 lines on road accident in hindi language :.
Hello Student, Here in this post We have discussed about Road Accident in Hindi. Students who want to know a detailed knowledge about Road Accident, then Here we posted a detailed view about 10 Lines Essay Road Accident in Hindi. This essay is very simple.
Road Accident
3) सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण है यातायात के नियमों का उल्लंघन करना।
5) अगर बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग किया तो दुर्घटना में हानि कम होगी।
9) वाहन की गति ज्यादा तीव्र नहीं करनी चाहिए।
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रोड एक्सीडेंट में हो गई थी शख्स की मौत, अब इंश्योरेंस कंपनी को देने पड़े ₹45000000, अमेरिका में करते थे काम
Road Accident Compensation: देशभर में हर साल हजारों की संख्या में लोगों की सड़क हादसे में मौत होती है. केंद्र के साथ ह ...अधिक पढ़ें
- Last Updated : September 28, 2024, 19:35 IST
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ठाणे. रोड एक्सीडेंट के मामले में भारत का नंबर दुनियाभर में शीर्ष देशों में आता है. साल में हजारों लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है. सरकार और NHAI की ओर से सुरक्षित ड्राइविंग को लेकर लगातार जागरुकता अभियान चलाया जाता है, इसके बावजूद रोड एक्सीडेंट की हालत देश में काफी खराब है. ऐसे ही एक सड़क हादसे में अमेरिका की IT फर्म में काम करने वाले एक शख्स की मौत हो गई थी. पीड़ित परिवार ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 30 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी. आखिरकार पीड़ित पक्ष और बीमा कंपनी के बीच ₹4.50 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि पर सहमति बनी है.
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत ने साल 2022 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों को 4.50 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश देकर बीमा से संबंधित दावे का निपटारा कर दिया. पंकज रमेश शेडगे अमेरिका के कैलिफोर्निया के इरविन में स्थित एक आईटी कंपनी के सीनियर इंम्प्लाई थे और उनका वार्षिक वेतन 110000 अमेरिकी डॉलर (9209040 रुपये) था.
कौन है वो 19 साल का बैटर? जो सड़क दुर्घटना में हुआ घायल, युवराज को कर चुका है आउट, सचिन के 2 रिकॉर्ड को किया था ध्वस्त
दो साल पहले हुआ था हादसा शेगडे 9 दिसंबर 2022 को पनवेल-मुंब्रा रोड पर अपने स्कूटर से जा रहे थे, तभी एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी थी. इस हादसे में उनकी मौत हो गई थी. परिवार ने बीमा कंपनी से 30 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था. पीड़ित पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील जीए विनोद ने इससे परिवार को हुई भावनात्मक और वित्तीय नुकसान पर जोर दिया. बीमा कंपनी ने 4.50 करोड़ रुपये में दावा निपटाया. बता दें कि नेशनल हाईवे के साथ ही स्टेट हाईवे और अन्य सड़कों पर हादसे की खबरें अक्सर ही सामने आते रहते हैं. मौत के साथ लोग स्थाई विकलांगता के भी शिकार होते हैं.
लोक अदालत में निपटाए गए कई मामले राष्ट्रीय लोक अदालत में इसके अलावा 1.33 करोड़ रुपये, 75 लाख रुपये, 65.40 लाख रुपये, 62 लाख रुपये तथा 56.80 लाख रुपये सहित विभिन्न राशियों के दावों का निपटारा किया गया. निपटान चेक दावेदारों को एक औपचारिक समारोह के दौरान प्रदान किए गए. लोक अदालत में सुशील मोहन सावंत की मृत्यु के लिए 1.33 करोड़ रुपये के दावे का निपटारा भी किया गया. पिछले साल मार्च में एक कंप्यूटर कंपनी में मैनेजर 46 वर्षीय सावंत के काम पर जाने के दौरान एक बस ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई. उनके परिवार के सदस्यों ने बीमा कंपनी से दो करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी.
Tags: Insurance Company , Maharashtra News , National News , Road Accidents
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Essay on a road accident i witnessed in hindi
this essay is fully correct
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Musheer Khan: सरफऱाज खान के भाई मुशीर खान के साथ हादसा, सड़क दुर्घटना में घायल, इतने दिन रहेंगे क्रिकेट से दूर
Musheer khan ruled out of irani cup after road accident, मुशीर खान सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं. फ्रैक्चर के कारण ईरानी कप टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं..
Musheer Khan: भारत के युवा बल्लेबाज मुशीर खान सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं. फ्रैक्चर के कारण वो ईरानी कप टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुशीर अपने पिता के साथ कानपुर से लखनऊ जा रहे थे, तभी उनके साथ यह हादसा हो गया. दरअसल, मुशीर मुंबई टीम के साथ लखनऊ नहीं जा रहे थे, बल्कि अपने पिता नौशाद खान के साथ अपने गृहनगर आजमगढ़ से लखनऊ जा रहे थे. यह दुर्घटना लखनऊ जाते समय हुई, जहां उन्हें ईरानी कप मैच से पहले टीम से जुड़ना था.
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा है कि , "मुशीर ईरानी कप के लिए मुंबई टीम के साथ लखनऊ नहीं गए थे. दुर्घटना के समय वह शायद अपने पैतृक स्थान आजमगढ़ से अपने पिता के साथ लखनऊ जा रहे थे, उसी दौरान यह घटना हुई है."
मुशीर की चोट की गंभीरता के बारे में अभी और जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन यह पुष्टि हो गई है कि वह पूरे ईरानी कप से बाहर रहेंगे.उनकी अनुपस्थिति मुंबई की टीम के लिए एक बड़ा झटका है.
गर्दन में लगी चोट
रोड एक्सिडेंट में मुशीर के गर्दन में चोट लगी है. चोट की वजह से लगभग तीन महीने तक क्रिकेट के दूर रह सकते हैं मुशीर खान. ऐसे में अब यह देखना होगा कि ऑस्ट्रेलियाई दौर पर जा सकेंगे या नहीं.
घरेलू क्रिकेट में शानदार है मुशीर का परफॉर्मेंस
मुशीर खान पिछले सीजन से घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बल्लेबाज ने दलीप ट्रॉफी में अपने डेब्यू मैच के दौरान भारत ए के खिलाफ शानदार 181 रन की पारी खेलकर तहलका मचा दिया था. अपने लगातार परफॉर्मेंस ने मुशीर ने चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है.
वह इस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया में सीनियर भारतीय टीम के साथ इंडिया ए के साथ दौरे पर जाने वाले हैं. महज 19 साल की उम्र में, मुशीर ने अपनी काबिलियत साबित कर दी है. अहम मैचों में बड़े रन बनाने और दबाव में पारी को संभालने की क्षमता उन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य बना रहा हैं. मुशीर के बारे में यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वो जल्द भी भारतीय सीनियर टीम की ओर से खेलते दिखेंगे.
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DEATHS DUE TO ROAD ACCIDENTS IN INDIA
Based on the data received from Police Department of States/ UTs, total number of fatalities due to road accidents in the country from calendar year 2018 to 2022 is given in the table below : -
|
|
2018 | 1,57,593 |
2019 | 1,58,984 |
2020 | 1,38,383 |
2021 | 1,53,972 |
2022 | 1,68,491 |
Ministry does not compile information/data regarding the nature of death. However, the number of fatalities due to road accidents in India classified according to traffic rule violations for the calendar year 2022 is given in the table below : -
|
|
|
1 |
| 1,19,904 |
2 |
| 4,201 |
3 |
| 9,094 |
4 |
| 1,462 |
5 |
| 3,395 |
6 |
| 30,435 |
|
|
|
The Government of India aims to reduce road fatalities & injuries by 50% by the year 2030, as per its commitment under the Stockholm Declaration. To this end, the Ministry of Road Transport and Highways has adopted a multi-pronged approach of 4E’s, namely, Education, Engineering (both of roads and vehicles), Enforcement and Emergency Care. Accordingly, various initiatives have been taken by the Ministry as detailed at Annexure . Further, the notifications related to road and vehicle safety are notified from time to time after due consultation with all the concerned stakeholders.
Details of various initiatives taken by the Ministry to address the issue of Road Safety: -
(1) Education:
- Ministry administers Road Safety Advocacy Scheme to provide financial assistance to various agencies for raising awareness about road safety and for administering road safety programs.
- Observance of National Road Safety Month/Week every year for spreading awareness and strengthening road safety.
- Ministry administers a scheme for setting up of Institutes of Driving Training & Research (IDTRs), Regional Driving Training Centres (RDTCs) and Driving Training Centres (DTCs) at state/district level across the Country.
(2) Engineering :
- Road engineering :
- Road Safety Audit (RSA) of all National Highways (NHs) has been made mandatory through third party auditors/ experts at all stages i.e. design, construction, operation and maintenance etc.
- High priority is accorded to identification and rectification of black spots /accident spots on NHs.
- Road Safety Officer (RSO) has been designated at each Regional Office of road owning agencies under the Ministry to look after RSA and other road safety related works. RSO of each RO will submit road worthiness certificate of National Highway under their jurisdiction biannually.
- Ministry administers the electronic Detailed Accident Report (e-DAR) Project to establish a central repository for reporting, management and analysis of road accidents data across the Country.
- Ministry has issued guidelines for the provision of signages on Expressways and National Highways to offer improved visibility and intuitive guidance to the drivers.
- Provisions have been made in the Motor Vehicles Act, 1988 for failure to comply with standards for the road design, construction and maintenance, as prescribed by the Central Government from time to time.
2.2 Vehicle engineering:
Ministry has taken various initiatives to make vehicles safer, including the following:-
- Mandatory provision of an airbag for the passenger seated on the front seat of a vehicle, next to the driver.
- Prescribed norms related to safety measures for children below four years of age, riding or being carried on a motor cycle. It also specifies use of a safety harness, crash helmet and restricts speed to 40kmph.
- Mandatory provisions for fitment of following listed safety technologies: -
For M1 category vehicles:
- Seat Belt Reminder (SBR) for driver and co-driver.
- Manual Override for central locking system
- Over speed warning system.
For all M and N category vehicles:
- Mandated Anti-Lock Braking System (ABS) for certain classes of L [Motor vehicle with less than four wheels and includes a Quadricycle], M [Motor vehicles with at least four wheels used for carrying passengers] and N [Motor vehicles with at least four wheels used for carrying goods which may also carry persons in addition to goods, subject to conditions stipulated in BIS standards] categories.
- Mandated speed limiting function/speed limiting device in all transport vehicles, except for two wheelers, three wheelers, quadricycles, fire tenders, ambulances and police vehicles.
- Published the rules for recognition, regulation and control of Automated Testing Stations, which define the procedure for fitness testing of vehicles through automated equipment and the procedure for grant of fitness certificate by ATSs. The rules have been further amended on 31.10.2022 and 14.03.2024.
- Formulated the Vehicle Scrapping Policy based on incentives/dis-incentives and for creating an ecosystem to phase out old, unfit and polluting vehicles.
- A Scheme to set up one model Inspection & Certification Centre in each State/UT with Central assistance for testing the fitness of vehicles through an automated system.
- Published rules regarding the Bharat New Car Assessment Program (BNCAP) to introduce the concept of safety rating of passenger cars and empower consumers to take informed decisions.
- Published rules regarding prescribed level playing field in the area of manufacturing of buses by Original Equipment Manufacturers (OEMs) and Bus Body Builders.
- Mandated vehicles, manufactured on or after 1st October, 2025, shall be fitted with an air-conditioning system for the cabin of vehicles of N2 (goods vehicle with gross vehicle weight exceeding 3.5 tonnes but not exceeding 12.0 tonnes) and N3 (goods vehicle with gross vehicle weight exceeding 12.0 tonnes) category.
(3) Enforcement:
- The Motor Vehicles (Amendment) Act, 2019 as stands implemented provides for strict penalties for ensuring compliance and enhancing deterrence for violation of traffic rules and strict enforcement through use of technology.
- Ministry has issued rules for Electronic Monitoring and Enforcement of Road Safety. The rules specify the detailed provisions for placement of electronic enforcement devices on high risk & high density corridors on National Highways, State Highways and critical junctions in cities with more than one million population.
- Ministry on 10 th June, 2024 has issued an advisory to all the States and Union territories on technological interventions for ensuring compliance with Motor Vehicle Act, 1988.
(4) Emergency care:
- Ministry has for the protection of Good Samaritan, who in good faith, voluntarily and without expectation of any reward or compensation renders emergency medical or non-medical care or assistance at the scene of an accident to the victim or transports such victim to the hospital.
- Ministry has enhanced compensation of victims of Hit and Run motor accidents (from Rs. 12,500 to Rs. 50,000 for grievous hurt and from Rs. 25,000 to Rs. 2,00,000 for death).
- The National Highways Authority of India has made provisions for ambulances with paramedical staff/Emergency Medical Technician/Nurse at toll plazas on the completed corridor of National Highways.
- Ministry along with National Health Authority (NHA), has implemented a pilot program for providing cashless treatment to victims of road accidents in Chandigarh and Assam.
This information was given by the Union Minister for Road Transport and Highways, Shri Nitin Gadkari in a written reply in the Rajya Sabha today.
MJPS/GS
Ministry of Road Transport & Highways
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रोड एक्सीडेंट में हो गई थी शख्स की मौत, अब इंश्योरेंस कंपनी को देने पड़े ₹45000000, अमेरिका में करते थे काम - man died in road accident insurance company agree to pay rupees 45000000 deceased worked in united states of america
Essay on a road accident i witnessed in hindi Get the answers you need, now! rockshrm1920 rockshrm1920 09.01.2018 Hindi Secondary School answered ... this essay is fully correct. Advertisement Advertisement New questions in Hindi. dioluge between two friends on terrarism in urdu
Musheer Khan Ruled Out of Irani Cup After Road Accident, मुशीर खान सड़क दुर्घटना में घायल हो गए हैं. फ्रैक्चर के कारण ईरानी कप टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं.
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Musheer Khan Accident: भारत के स्टार क्रिकेटर सरफराज खान के भाई मुशीर खान की जान सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बच गई है. मुंबई के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट में रन बरसाने वाले ...
Ministry administers the electronic Detailed Accident Report (e-DAR) Project to establish a central repository for reporting, management and analysis of road accidents data across the Country. Ministry has issued guidelines for the provision of signages on Expressways and National Highways to offer improved visibility and intuitive guidance to ...