Essay on My School in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध 150, 300 और 600 शब्दों में

Essay on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi : हमारी जिंदगी में विद्यालय और शिक्षा काफी महत्व रखती है। बिना विद्यालय और शिक्षा के हम एक अच्छे जीवन की कल्पना नही कर सकते है। इसलिए हमें विद्यालय के महत्व को जानना बहुत ज़रूरी है।

स्कूलों में अक्सर मेरा विद्यालय पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। अगर आपको भी Mera  School Par Nibandh लिखने के लिए कहा गया है, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े। मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 और 8 सभी के लिए उपयोगी हैं। मैने यहां पर My School Essay in Hindi में 150, 300 और 600 शब्दों में लिखा है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

स्कूल विद्या का मंदिर होता है, जहां पर हमें विद्या (शिक्षा) मिलती है। विद्यालय में हम शिक्षा के महत्व को समझते है, और शिक्षा की मदद से हम अपनी जिंदगी को एक सही दिशा देते है।

अगर मैं अपने स्कूल की बात करूँ तो मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, जो राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। मेरा स्कूल शहर से थोड़ी दूर शांत जगह पर है, जहां हम बस की मदद से जाते है। मेरे स्कूल में लगभग 1000 छात्र पढ़ते हैं, और सभी छात्र अनुशासन में रहते है।

मेरे विद्यालय का भवन काफी सुंदर है, जहां पर सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर एक बड़ा खेल का मैदान, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाल और एक कंप्यूटर लैब है। इसके अलावा एक बहुत बड़ा हॉल भी हैं, जहां हम सभी मिलकर सुबह-सुबह प्रार्थना करते है।

मेरे विद्यालय में अनेक तरह के खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। मेरे स्कूल के सभी अध्यापक और अध्यापिकाएँ बहुत अच्छी हैं, जो हमें प्यार से पढ़ाते हैं। मुझे यहां पर बहुत कुछ सिखने को मिल रहा है, और मैं अपने स्कूल को बहुत प्यार करता हूँ।

मेरा विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में (My School Essay in Hindi)

प्रस्तावना.

विद्यालय हमारी जिंदगी का काफी अहम हिस्सा है। जब बड़े हो जाते है, तब भी स्कूली घटनाएं हमारी जिंदगी की सबसे यादगार घटनाओं में से एक होती है। क्योंकि स्कूल के साथ हमारे बच्चपन की यादे जुड़ी होती है। विद्यालय हमें जिंदगी में आगे बढ़ना सिखाता है।

विद्यालय की परीभाषा

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां पर शिक्षा ग्रहण की जाती है। यहां पर बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। यह एक मंदिर है जहां सभी प्रकार के बच्चे एक ही तरह की ड्रेस पहनकर पढ़ाई करते है।

विद्यालय में बिना भेदभाव के अध्यापक बच्चों को शिक्षा देते है। यहां पर बच्चों को शिक्षा, ज्ञान और कौशल प्राप्त होता है, और अंतत बच्चे का व्यक्तित्व निर्माण होता है।

मेरे विद्यालय का भवन

मेरे स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिर ” है, और यह राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थिति है। मेरा विद्यालय भवन तीन मंजिला है, जहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध है। मेरे स्कूल में कक्षा 10वीं तक पढ़ाई करवाई जाती हैं। मेरे स्कूल में एक बड़ा हॉल और एक बड़ा खेलकूद का मैदान भी है।

मेरे विद्यालय में बड़ी-बड़ी कक्षाएं, एक पुस्तकालय, एक विज्ञान की प्रयोगशाला, और कंप्यूटर लैब भी है। मेरे विद्यालय में प्रेवश करते ही सामने प्रधानाचार्य का ऑफिस है। इसके अलावा विद्यालय के चारों तरफ पेड़-पौधे भी हैं।

मेरा विद्यालय की अध्यापक-अध्यापिकाएँ

मेरे स्कूल में कुल आठ अध्यापक और अध्यापिकाएँ हैं, जो काफी अच्छे से पढ़ाती है। मेरी स्कूल के सभी टीचर्स अनुभवी और विद्वान है। मेरे विद्यालय में सभी तरह के विषय पढ़ाए जाते हैं, जैसे- हिंदी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान आदि। और सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक मौजुद है।

मेरी स्कूल एक पीटी टिचर और एक योगा टीचर भी है, जो हमारी शेहत का ख्याल रखते है। हमारी स्कूल में समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिसमें सभी अध्यापक अपना योगदान देते है।

विद्यालय में अनुशासन

मेरे विद्यालय में काफी अनुशासन है, और इसके लिए विद्याल में कुछ कठोर नियम भी बनाए गए हैं। सभी विद्यार्थी नियमों की पालना करते है, और स्कूल में अनुशासन बनाए रखते है। विद्यालय में अनुशासन बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना अनुशासन के पढ़ाई नही की जा सकती है।

उपसंहार

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां मुझे सभी तरह की सुविधाएं मिलती है। मुझे पूरा यकिन है कि मैं यहां पर पढ़कर एक अच्छा इंसान बनूंगा, और अपने पूरे परिवार व स्कूल का नाम रोशन करूंगा। मैं अपने सभी अध्यापकों का धन्यवाद करता हूँ, जो मुझे इतना अच्छे से और प्यार से पढ़ा रहे है।

Essay on My School in Hindi से हम विद्यालय के महत्व को समझ सकते है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 600 शब्दों में (Essay on My School in Hindi)

उपसंहार (विद्यालय का परिचय).

 स्कूल एक ऐसा स्थान है जहां पर हम धीरे-धीरे बड़े होते है, और हमारे व्यक्तित्व का निर्माण होता है। मेरा अधिकतर समय स्कूल में बितता है, जहां मैं अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई भी करता हूँ और मस्ती भी करता हूँ। मेरी स्कूल का नाम “ महावीर विद्या मंदिरा उच्च माध्यमिक विद्यालय ”  है, जहां 12वीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है।

मेरा विद्यालय बहुत अच्छा है, जहां पर सभी अध्यापक अच्छे और अनुभवी है, और सभी सुख-सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर पढ़ाई करने योग्य अनुकूल माहौल है। मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और कौशल पर भी ध्यान दिया जाता है। सच में, मेरा विद्यालय काफी अच्छा है, जिसे मैं बहुत प्यार करता हूँ।

विद्यालय क्या है, इसके प्रकार

विद्यालय का शाब्दिक अर्थ होता है- विद्या और आलय। इसका मतलब है कि एक ऐसा स्थान जहां पर विद्या मिलती हो। प्राचीन समय में पहले गुरुकुल हुआ करते थे, जहां पर गुरू शिष्यों को अनेक तरह की शिक्षाएं देते थे। हालांकि अब गुरुकुल को विद्यालय और स्कूल बोला जाता है। और इसके साथ ही प्राचीन काल की तुलना में शिक्षा का ढंग भी बदल गया है। विद्यालय मंदिर का रूप होता है, जहां व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

हम बचप्पन से बड़े होने तक अलग-अलग विद्यालयों में पढ़े हैं, जैसे- आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय और फिर उच्च माध्यमिक विद्यालय। इसके बाद महाविद्यालय (कॉलेज) में जाकर पढ़ाई करते है।

इसके अलावा भी विद्यालय के अन्य प्रकार होते हैं, जैसे- सरकारी विद्यालय, निजी विद्यालय, आवासीय विद्यालय, धार्मिक विद्यालय, कौशल निर्माण विद्यालय और सैनिक विद्यालय।

मेरे विद्यालय की विशेषताएं

मेरा विद्यालय काफी अच्छा हैं, जहां सभी सुविधाएं दी गयी है। यहां पर कोई भी बच्चा आसानी से पढ़ सकता है। मेरे स्कूल की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  • मेरा विद्यालय शहर से थोड़ा दूर शांत जगह पर है, और चारों तरफ खुला वातावरण है।
  • मेरे स्कूल में सभी विषय के लिए विशेष अनुभवी अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं।
  • मेरा स्कूल तीन मंजिला है, और स्कूल के बाहर एक गार्डन भी है।
  • स्कूल में एक प्रार्थन हॉल, एक पुस्तकालय, एक कंप्यूटर लैब, और एक विज्ञान प्रयोगशाला है।
  • विद्यालय में शीतल जल और शुद्ध पानी की व्यवस्था है।
  • विद्यालय में अनेक खेलकूद और सांस्कृतिक प्रोग्राम होते हैं।
  • मेरे स्कूल में पढ़ने के लिए काफी अच्छा वातावरण है।
  • मेरे विद्यालय में काफी अच्छा अनुशासन है।
  • मेरे स्कूल में कक्षा 12 तक पढ़ाई करवाई जाती हैं।

मेरे विद्यालय में विद्यार्थियों का अनुशासन

मेरे विद्यालय में सबसे ज्यादा अनुशासन पर ध्यान दिया जाता है। क्योंकि जब तक अनुशासन नही होगा, तब तक पढ़ाई संभव नही है। अनुशासन की वजह से ही सभी कक्षाएं समय पर लगती है, और बच्चे भी समय पर स्कूल आते है। व्यक्ति के जीवन में अनुसाशन होना बहुत जरूरी है, और यह अनुसाशन स्कूल की मदद से ही आता है।

हमारी स्कूल में अच्छा अनुसाशन होने की वजह से हम समय पर पढ़ते है और समय पर खेलते भी हैं। जिंदगी में अनुशासन का होना बेहद ज़रूरी है।

मेरे विद्यालय की शिक्षण प्रणाली

एक अच्छे विद्यालय में अच्छी शिक्षण प्रणाली होना बहुत ज़रूरी है, और मेरे विद्यालय में है। मेरे स्कूल में एक दिन में दो पारीयां चलती हैं, जिसमें सुबह के समय प्राथमिक कक्षा से 6वीं कक्षा के विद्यार्थी आते है। और फिर 12 बजे के बाद 7वीं कक्षा से 12 कक्षा के विद्यार्थी आते है।

मेरे स्कूल में रेगुलर क्लासेस चलती है, और बीच में रेस्ट भी मिलती है। पढ़ाई के बाद बच्चों को खेलने का समय भी दिया जाता है। इसके अलावा जो भी बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते है, उन्हे विशेष क्लासेस भी दी जाती है।

सभी कक्षाओं में समय-समय पर टेस्ट भी होते हैं, ताकि बच्चों की स्थिति का पता चल सके।

प्रतियोगिताओं का आयोजन

मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह की प्रतियोगिताएं भी होती है जैसे- चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएँ आदि, ताकि हम पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल भी सीख सके। यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है, जिससे हमें काफी कुछ नया सिखने को मिलता है।

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य

विद्यालय एक विद्या का मंदिर है, जिसके प्रति हर विद्यार्थी के कुछ कर्तव्य होते हैं। हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि हम अपने स्कूल में अनुसाशन को बनाए रखे। और अच्छा रिजल्ट प्राप्त करके स्कूल का नाम रोशन करें। हमे अपने शिक्षकों को सम्मान देना चाहिए, और उन्हे अपनी लाइफ में हमेशा याद रखना चाहिए।

विद्यालय एक बच्चे के जीवन में काफी अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि विद्यालय से बच्चे को शिक्षा, ज्ञान और कौशल मिलता है,और एक अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण होता है। यहां पर मुझे पढ़ाई के साथ-साथ और भी कई तरह के अनुभव भी मिल रहे है। मैं अपनी स्कूल को बहुत प्यार करता हूं, और मैं हमेशा अपने विद्यालय पर गर्व महसूस करूंगा।

मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में 10 लाइन (Mera  School Par Nibandh)

  • मेरी स्कूल का नाम “महावीर विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय” है जो शहर कुछ दूर स्थित है।
  • मेरा विद्यालय एक शांत जगह पर है, जहां पढ़ाई का माहौल काफी अच्छा है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत सारे कमरे, प्रार्थना स्थ, खेलकूद का मैदान, पुस्तकालय और लैब उपलब्ध हैं।
  • मेरे स्कूल में रोज़ाना सुबह 30 मिनट तक प्रार्थना होती है, और फिर भोजन से पूर्व भी छोटी-सी प्रार्थना होती है।
  • मेरे विद्यालय में प्रत्येक विषय को पढ़ाने के लिए अनुभवी और योग्य शिक्षक मौजुद हैं।
  • स्कूल में बच्चों के प्रति प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकों का काफी अच्छा व्यवहार है।
  • मेरे स्कूल में अनुशासन पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
  • स्कूल के बाहर गार्डन में सभी बच्चे रोज़ाना खेलते है।
  • मेरे विद्यालय में हर साल अनेक तरह के सांस्कृतिक प्रोग्राम और प्रतियोगिताएं होती हैं।
  • मैं अपने स्कूल से काफी प्यार करता हूँ, और मैं अपने स्कूल के लिए गर्व महसूस करता हूं।

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मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

यह मेरी पाठशाला या मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi – Class 3, 4, 5, 7 मे अधिकतर पूछा जाता है।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं और पढ़ते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय या पाठशाला में हम सब जीवन का सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसमे हम कई विषयों में शिक्षा लेते हैं ।

स्कूल में हमारे अध्यापक गण अपना ज्ञान हमें प्रदान कर सफलता पाने का सही रास्ता दिखाते हैं। आज इस लेख में मैंने मेरे विद्यालय पर बच्चों और विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रस्तुत किया है।

मेरे विद्यालय का नाम और रूप Name and Structure of My School

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

विद्यालय की दूरी कम होने के कारण मैं चलकर ही विद्यालय जाता हूं। मेरा विद्यालय पूरे राज्य में सबसे अच्छा और बड़ा है। मेरे विद्यालय के चारों ओर का स्थान बहुत शांतिपूर्ण और प्रदूषण से मुक्त है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। स्कूल में दोनों सिरों पर सीढ़ियां हैं, जो हमें हर एक मंजिल तक ले जाती हैं।

पहली मंजिल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो कि पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है इसमें अनेक विषयों से संबंधित किताबे है। यहां पर वाद्य यंत्र की कक्षायें भी है इसके अलावा एक विज्ञान प्रयोगशाला है।

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

विद्यालय में पीने के पानी एवं शौचालय की भी उत्तम व्यवस्था है। शिक्षक सभी छात्रों के अंको और अन्य छात्रों से संबंधित बातों की पूर्ण जानकारी रखते है। विद्यालय में अलग-अलग कामों के लिये नौकर लगाये गये जो अपने-अपने कामों को नियम पूर्वक करते है।

जिसमें से एक रात्री के समय विद्यालय की देखभाल के लिये वहां रहता भी है। उसके लिए विद्यालय के किनारे पर एक छोटा सा घर बनाया गया है।  

हम सभी बच्चों के खेलने के लिए एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ कई झूले है और एक बड़ा बगीचा है जिसमें कई सारे फूल खिले रहते है, कई आम और अमरुद के बड़े-बड़े पेड़ लगे है। सभी कक्षाएं बहुत हवादार और खुली हुई हैं।

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

हमारी प्रधानाचार्या श्रीमति कल्पना जी बहुत दयालु महिला हैं। हमारे स्कूल में, 90 शिक्षक हैं , जो हमें ज्ञान देते हैं। और हमें प्यार भी करते है। विभिन्न गतिविधियों और कार्यों को साल भर आयोजित किया जाता है। मुझे अपने स्कूल पर बहुत गर्व है।

मैं अपने स्कूल से प्यार करता हूं और सम्मान करता हूं। मेरे विद्यालय की कई अलग अलग शहरों में शाखाएं है। मेरे विद्यालय पीले रंग से रंग किया गया है। यह पीला रंग आँखों को लुभाता है इस कारण मेरा विद्यालय दूर से ही सबसे अनोखा दिखाई पड़ता है।

प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क रूम, स्टाफ रूम और आम स्टडी रूम सबसे नीचे बने हुये हैं। स्कूल कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज कक्ष, और स्केटिंग हॉल भी जमीन तल पर स्थित हैं। स्कूल के प्रधानाचार्या ऑफिस के सामने मेरे स्कूल में दो बड़ी सीमेंट वाली बास्केटबाल कोर्ट हैं जबकि फुटबॉल मैदान इसके दूसरे तरफ है। मेरे स्कूल में एक छोटा हराभरा उद्यान भी है, जो मुख्य कार्यालय के सामने, रंगीन फूलों और सजावटी पौधों से भरा है जो पूरे स्कूल परिसर की सुंदरता बढ़ाता है।

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव Education and Celebrations in My School

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में साल के सभी महत्वपूर्ण दिन जैसे खेल दिवस , शिक्षक दिवस , मातृ-पितृ दिवस , बाल दिवस , सालगिरह दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस , क्रिसमस दिवस , मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, नव वर्ष , गांधी जयंती, आदि एक भव्य तरीके से मनाये जाते है।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो बच्चे स्कूल से बहुत दूर रहते हैं। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठे होते हैं और सुबह की प्रार्थना करते हैं और फिर सभी अपनी कक्षाओं में जाते हैं।

मेरा स्कूल हर साल लगभग 2000 छात्रों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में विभिन्न विषयों जैसे गणित, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, जीके, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, चित्रकला, खेल और शिल्प इत्यादि के लिए अलग-अलग अध्यापक हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

हमारे प्रधानाचार्या हमारे चरित्र निर्माण, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए 10 मिनट के लिए मीटिंग हॉल में प्रतिदिन प्रत्येक छात्र की कक्षाएं लेते हैं। इस तरह मेरी प्रधानाचार्या एक अच्छी शिक्षक भी है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

विद्यालय जाने का समय सुबह 7:30 से 2:30 गर्मियों में और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। सभी छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिये छुट्टी होने पर स्कूल से निकलने का अलग-अलग रास्ता है ताकि छोटे बच्चों को बाहर निकलने में कोई परेशानी न हो।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 Lines on My School in Hindi

  • मेरा विद्यालय बहुत ही सुन्दर है।
  • मेरा विद्यालय ज्ञान का मंदिर है।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार की शिक्षा और पाठ्यक्रम गतिविधियों की सुविधाएँ है।
  • मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
  • मेरे विद्यालय में बहुत बड़ा खेलने का मैदान है जिसमे बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट भी आसानी से खेल सकते हैं।
  • मेरे विद्यालय में शिक्षा बहुत ही अच्छे प्रिंसिपल और शिक्षक हैं।
  • मेरे स्कूल में सभी प्रकार के खेल-कूद की ट्रेनिंग दी जाती है।
  • स्कूल में कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
  • मेरा विद्यालय बहुत ही साफ़-सुथरा है क्योंकि यहाँ स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सफाई पर बहुत ध्यान दिया जाता है।
  • हर साल मेरे विद्यालय के सभी छात्र और अध्यापक पिकनिक मनाने जाते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

42 thoughts on “मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi”

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

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हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

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बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

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Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

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Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Water Manager

A career as water manager needs to provide clean water, preventing flood damage, and disposing of sewage and other wastes. He or she also repairs and maintains structures that control the flow of water, such as reservoirs, sea defense walls, and pumping stations. In addition to these, the Manager has other responsibilities related to water resource management.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Geotechnical engineer

The role of geotechnical engineer starts with reviewing the projects needed to define the required material properties. The work responsibilities are followed by a site investigation of rock, soil, fault distribution and bedrock properties on and below an area of interest. The investigation is aimed to improve the ground engineering design and determine their engineering properties that include how they will interact with, on or in a proposed construction. 

The role of geotechnical engineer in mining includes designing and determining the type of foundations, earthworks, and or pavement subgrades required for the intended man-made structures to be made. Geotechnical engineering jobs are involved in earthen and concrete dam construction projects, working under a range of normal and extreme loading conditions. 

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Finance Executive

A career as a Finance Executive requires one to be responsible for monitoring an organisation's income, investments and expenses to create and evaluate financial reports. His or her role involves performing audits, invoices, and budget preparations. He or she manages accounting activities, bank reconciliations, and payable and receivable accounts.  

Product Manager

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Investment Banker

An Investment Banking career involves the invention and generation of capital for other organizations, governments, and other entities. Individuals who opt for a career as Investment Bankers are the head of a team dedicated to raising capital by issuing bonds. Investment bankers are termed as the experts who have their fingers on the pulse of the current financial and investing climate. Students can pursue various Investment Banker courses, such as Banking and Insurance , and  Economics to opt for an Investment Banking career path.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

A career as financial advisor is all about assessing one’s financial situation, understanding what one wants to do with his or her money, and helping in creating a plan to reach one’s financial objectives. An Individual who opts for a career as financial advisor helps individuals and corporations reduce spending, pay off their debt, and save and invest for the future. The financial advisor job description includes working closely with both individuals and corporations to help them attain their financial objectives.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

A Team Leader is a professional responsible for guiding, monitoring and leading the entire group. He or she is responsible for motivating team members by providing a pleasant work environment to them and inspiring positive communication. A Team Leader contributes to the achievement of the organisation’s goals. He or she improves the confidence, product knowledge and communication skills of the team members and empowers them.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Individuals in the architecture career are the building designers who plan the whole construction keeping the safety and requirements of the people. Individuals in architect career in India provides professional services for new constructions, alterations, renovations and several other activities. Individuals in architectural careers in India visit site locations to visualize their projects and prepare scaled drawings to submit to a client or employer as a design. Individuals in architecture careers also estimate build costs, materials needed, and the projected time frame to complete a build.

Landscape Architect

Having a landscape architecture career, you are involved in site analysis, site inventory, land planning, planting design, grading, stormwater management, suitable design, and construction specification. Frederick Law Olmsted, the designer of Central Park in New York introduced the title “landscape architect”. The Australian Institute of Landscape Architects (AILA) proclaims that "Landscape Architects research, plan, design and advise on the stewardship, conservation and sustainability of development of the environment and spaces, both within and beyond the built environment". Therefore, individuals who opt for a career as a landscape architect are those who are educated and experienced in landscape architecture. Students need to pursue various landscape architecture degrees, such as  M.Des , M.Plan to become landscape architects. If you have more questions regarding a career as a landscape architect or how to become a landscape architect then you can read the article to get your doubts cleared. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Veterinary Doctor

A veterinary doctor is a medical professional with a degree in veterinary science. The veterinary science qualification is the minimum requirement to become a veterinary doctor. There are numerous veterinary science courses offered by various institutes. He or she is employed at zoos to ensure they are provided with good health facilities and medical care to improve their life expectancy.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Speech Therapist

Gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

Healthcare Social Worker

Healthcare social workers help patients to access services and information about health-related issues. He or she assists people with everything from locating medical treatment to assisting with the cost of care to recover from an illness or injury. A career as Healthcare Social Worker requires working with groups of people, individuals, and families in various healthcare settings such as hospitals, mental health clinics, child welfare, schools, human service agencies, nursing homes, private practices, and other healthcare settings.  

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Talent Agent

The career as a Talent Agent is filled with responsibilities. A Talent Agent is someone who is involved in the pre-production process of the film. It is a very busy job for a Talent Agent but as and when an individual gains experience and progresses in the career he or she can have people assisting him or her in work. Depending on one’s responsibilities, number of clients and experience he or she may also have to lead a team and work with juniors under him or her in a talent agency. In order to know more about the job of a talent agent continue reading the article.

If you want to know more about talent agent meaning, how to become a Talent Agent, or Talent Agent job description then continue reading this article.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Fashion Blogger

Fashion bloggers use multiple social media platforms to recommend or share ideas related to fashion. A fashion blogger is a person who writes about fashion, publishes pictures of outfits, jewellery, accessories. Fashion blogger works as a model, journalist, and a stylist in the fashion industry. In current fashion times, these bloggers have crossed into becoming a star in fashion magazines, commercials, or campaigns. 

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Fashion Journalist

Fashion journalism involves performing research and writing about the most recent fashion trends. Journalists obtain this knowledge by collaborating with stylists, conducting interviews with fashion designers, and attending fashion shows, photoshoots, and conferences. A fashion Journalist  job is to write copy for trade and advertisement journals, fashion magazines, newspapers, and online fashion forums about style and fashion.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Production Manager

Quality controller.

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Metrologist

You might be googling Metrologist meaning. Well, we have an easily understandable Metrologist definition for you. A metrologist is a professional who stays involved in measurement practices in varying industries including electrical and electronics. A Metrologist is responsible for developing processes and systems for measuring objects and repairing electrical instruments. He or she also involved in writing specifications of experimental electronic units. 

Production Worker

A production worker is a vital part of any manufacturing operation, as he or she plays a leading role in improving the efficiency of the production process. Career as a Production Worker  requires ensuring that the equipment and machinery used in the production of goods are designed to meet the needs of the customers.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

ITSM Manager

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विद्यालय पर निबंध - School Essay in Hindi - Vidyalay ka Nibandh - Vidyalaya in Hindi

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रुपरेखा : प्रस्तावना - विद्यालय की परिभाषा - विद्यालय की भूमिका - विद्यालय की परिकल्पना - विद्यालय के प्रकार - विद्यालय की विशेषता - उपसंहार।

विद्यालय अर्थात विद्यालय जहाँ विद्या का आलय हो, मतलब वो स्थान जहां विद्या प्राप्त होता है। हमारे देश में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ का दर्जा दिया गया है। विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध लिखने को कहा जाता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम और ज्यादा समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से ही हम हमारे भविष्य में पढ़ने वाले क्षेत्र को तय करते है, इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

विद्यालय अर्थात विद्यालय जहाँ विद्या का भंडार है। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है। विद्यालय से ही अध्ययन शुरू कर के बच्चें अपने भविष्य को तय करते है।

जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बचपन। यही वो समय होता है जब हम विद्यालय जाते है, नए दोस्त बनाते हैं, अपने भविष्य में उनत्ति पाने के लिए पढाई करते है। विद्यालय जीवन ही ऐसा है जहाँ हम दोस्तों के साथ हंसते है, जीवन का असली आनंद उनके साथ अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में विद्यालय एक अहम भूमिका निभाती है। कभी-कभी ऐसा पल आता है सभी के जीवन में जब हमे मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक लगते है जो हमें हर कदम पर हमे सही-गलत समझाते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय जीवन की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा-महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी। विद्यालय एक ऐसा पड़ाव है जिससे हर व्यक्ति को गुजरना पड़ता है और गुजरना भी चाहिए क्योंकि यह पड़ाव हमें हमारे भविष्य को सवारने में मदत करता है।

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे -

  • यह एक विद्यालय की तरह होता है जहाँ छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • इस व्यवस्था में पहली से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है।
  • कई विद्यालयों में छठी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक की पढाई होती है।
  • इस व्यवस्था में पहली से दसवीं तक की शिक्षा दी जाती है।
  • कई विद्यालयों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढाई होती है।

सरकार ने कुछ नियम तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालयों की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (National Curriculum Framework 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में बढ़ावा देने हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं जो कि बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका है। विद्यालयों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए।

  • विद्यालयों में शांत वातावरण होना चाहिए।
  • विद्यालयों में ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालयों का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • विद्यालयों में नियमित प्रतिदिन गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • विद्यालयों में छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • विद्यालयों में स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय विभाग होना चाहिए।
  • विद्यालयों में अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर ध्यान देना चाहिए ।
  • विद्यालयों में विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • विद्यालयों में अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए। जिससे विद्यार्थी का पढाई में मन लग सके।
  • विद्यालयों में शीतल पेय जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए । उसके आस-पास का जगह साफ़ सुधरा रहना चाहिए जिससे बीमारी न फ़ैल सके।
  • विद्यालयों में समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए । शौचालय प्रतिदिन साफ़ करना चाहिए।
  • विद्यालयों में शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए । जिससे विद्यार्थी अन्य कार्य में भी तेज़ हो सके।
  • विद्यालयों में छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए। जिससे उनका मानसिक विकास बढ़ते रहे।
  • विद्यालयों की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • विद्यालयों में सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए । जिससे उन्हें पढाई में आसानी होगी और डिजिटल शिक्षा का ज्ञान प्राप्त होगा।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे की की रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में तरक्की का मुकाम हासिल कराता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय जीवन में ही बिताते है। यह कहना गलत नहीं होगा की बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को याद करते हैं। इसीलिए हर बालक को उचित शिक्षा मिलनी चाहिए जिससे वह भविष्य में देश को उनत्ति की ओर ले जाने में अपना योगदान दे सके जिसकी शुरुवात विद्यालय से ही होती है।

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  • Hindi Grammar /

Mera School Essay in Hindi: कुछ ऐसे लिखें परीक्षा में मेरे स्कूल पर निबंध

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  • Updated on  
  • दिसम्बर 20, 2023

Mera School Essay In Hindi

विद्यार्थियों को अपने स्कूली जीवन में मेरा स्कूल विषय पर निबंध दिया जाता है। क्योंकि अपने स्वयं के स्कूल के बारे में लिखने से छात्रों को अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने का मौका मिलता है। इससे वे स्कूल के माहौल के साथ अपने व्यक्तिगत जुड़ाव पर विचार करने के लिए भी प्रोत्साहित होते हैं। इसके साथ ही मेरा स्कूल विषय पर निबंध लेखन से विद्यार्थियों में संचार कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। Mera School Essay in Hindi के बारे मैं जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

मेरा स्कूल पर निबंध 100 शब्दों में, मेरा स्कूल पर निबंध 200 शब्दों में, मेरा स्कूल में पहली पसंद, मेरे स्कूल में मिलने वाली शिक्षा का स्तर, मेरे स्कूल पर 10 लाइन्स.

स्कूल हमें जिम्मेदार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छे शिक्षकों के द्वारा अक्सर अच्छे छात्र तैयार किए जाते हैं। मेरे भी उत्कृष्ट शिक्षक हैं और वे एकेडमिक्स के साथ खेल और अन्य गतिविधियों में भी हमारी सहायता करते हैं।  

ये शिक्षक हमारे स्कूल की नींव की तरह हैं, जो हमें मूल्यवान सबक देते हैं जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं। स्कूल में हम न केवल गणित और विज्ञान जैसे विषयों के बारे में सीखते हैं बल्कि अपने दोस्तों के साथ सहयोग करने के बारे में भी सीखते हैं। 

हमारे स्कूल में विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग कक्षाएँ हैं, और पढ़ाई और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों को समान महत्व दिया जाता है। यह हमें न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में विकसित होने में मदद करता है।

यह भी पढ़ें : परीक्षा में ऐसे लिखें मेरा देश पर निबंध

Mera School Essay in Hindi 200 शब्दों में नीचे दिया गया है:

मेरा स्कूल एक जादुई जगह है जहाँ पढ़ना एक रोमांच जैसा लगता है। हर दिन, मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों से मुस्कुराहट के साथ स्कूल में मिलता हूं। मेरे स्कूल की इमारत बहुत ऊँची है, सभी कक्षाएं रंगीन हैं, जहां पढ़ने में और भी अधिक आनंद आता है।

सुबह में, हम असेंबली एरिया में इकट्ठा होते हैं, जहां झंडा गर्व से फहराता है और हम उत्साह के साथ राष्ट्रगान गाते हैं।  कक्षाएँ खज़ाने की पेटी की तरह होती हैं, प्रत्येक में ज्ञान का एक नया टुकड़ा होता है जो खोजे जाने की प्रतीक्षा कर रहा होता है। शिक्षक जादूगरों की तरह हैं, जो संख्याओं, शब्दों और विज्ञान की दुनिया में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।

ब्रेक के दौरान मेरे स्कूल का मैदान मौज-मस्ती और खेल की जगह बन जाता है। मित्र कहानियाँ साझा करते हैं और वातावरण हँसी से भर जाता है। कैफेटेरिया एक जादुई रसोईघर है जहां स्वादिष्ट सुगंध हवा में फैलती है और हम प्यार से भरे दोपहर के भोजन का आनंद लेते हैं।

मेरा स्कूल सिर्फ सीखने की जगह नहीं है; यह एक परिवार है। हम त्यौहार मनाते हैं, खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और साथ मिलकर नाटक प्रस्तुत करते हैं।  दीवारें हमारी कलाकृति से सजी हैं और बुलेटिन बोर्ड हमारी उपलब्धियों की कहानी बताते हैं।

जैसे ही दिन के अंत में छुट्टी के समय घंटी बजती है, मैं ज्ञान से भरा बैग और यादों से भरा दिल लेकर निकल पड़ता हूँ।  मेरा स्कूल सिर्फ एक इमारत से कहीं अधिक है;  यह एक ऐसी जगह है जहां सपने उड़ान भरते हैं और दोस्ती बनती है।

मेरा स्कूल पर निबंध 500 शब्दों में

Mera School Essay in Hindi 500 शब्दों में नीचे दिया गया है:

शिक्षा हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो हमें दूसरों से अलग करती है और स्कूल इस आवश्यक यात्रा का शुरुआती बिंदु हैं। वे पहली जगह हैं जहां हम सीखना शुरू करते हैं, अपनी शिक्षा की नींव रखते हैं।  अपने स्कूल के बारे में इस निबंध में, मैं बताऊंगा कि मुझे यह क्यों पसंद है और इसने मुझे क्या महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं।

हम सभी ने स्कूल जाने की खुशी का अनुभव किया है, वहां बिताए हर पल को संजोकर रखा है क्योंकि वे हमारे जीवन की आधारशिला हैं। स्कूल वह जगह हैं जहां हमें शिक्षा की पहली चिंगारी मिलती है, हम न केवल शैक्षणिक विषयों को सीखते हैं बल्कि जीवन के बुनियादी सिद्धांतों को भी सीखते हैं, कैसे बढ़ें और फलें-फूलें। वे हमारे अंदर ऐसे मूल्य और सिद्धांत स्थापित करते हैं जो बच्चे के विकास का मूल आधार बनते हैं।

मेरा स्कूल मेरे लिए दूसरे घर की तरह है, जहाँ मैं अपना काफी समय बिताता हूँ। यह व्यक्तिगत विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है और मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है। मैं खुद को शहर के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक का हिस्सा होने के लिए भाग्यशाली मानता हूं, जिसमें कई चीज़ें हैं जो मेरे शैक्षिक अनुभव को बढ़ाती हैं। 

किंडरगार्टन से शुरू करके प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय और फिर बारहवीं कक्षा तक की हमारी यात्रा तक, स्कूल एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम न केवल पढ़ते हैं बल्कि बढ़ते हैं, खुद को स्थापित करते हैं, मेलजोल बढ़ाते हैं, दूसरों से दोस्ती करते हैं, मदद की पेशकश करते हैं और प्यार का अनुभव करते हैं। यह एक निरंतर साथी की तरह है जो हमारे शुरुआती वर्षों से लेकर जीवन के अंत तक हमारे साथ रहता है। स्कूल में हम सभी खुशी से पढ़ते हैं, सभी दोस्त एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, खुशी के पल बांटते हैं और साथ मिलकर नए कार्यों और उत्सावों के लिए तैयार रहते हैं।

मेरा स्कूल आधुनिक शिक्षा को क्लासिक वास्तुकला के साथ खूबसूरती से जोड़ता है। पुरानी इमारतें न केवल देखने में आश्चर्यजनक हैं; वे नए उपकरणों से सजी हैं। मैं अपने स्कूल को शिक्षा के एक स्तंभ के रूप में देखता हूं, जो मुझे ज्ञान और नैतिक मूल्य दोनों प्रदान करती हैं।

किसी स्कूल की पहचान बनाने में शिक्षण स्टाफ का बहुत महत्व होता है। वे किसी भी शैक्षिक समुदाय की रीढ़ होते हैं, छात्रों को सीखने और समझने के लिए मार्गदर्शन करते हैं, अच्छी आदतें और मूल्य पैदा करते हैं।

मेरा स्कूल हमारे शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ छात्रों के समग्र विकास को प्राथमिकता देता है। यह एक्स्ट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान करता है, यहां प्रत्येक छात्र पर ध्यान दिया जाता है, साथ ही यह आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है।

जो चीज़ मेरे स्कूल को असाधारण बनाती है, वह इसकी मान्यता है कि हर एक जगह खास है। मेरे स्कूल में एक पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, खेल का मैदान और बास्केटबॉल कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों के पास उनकी ज़रूरत की हर चीज़ हो।

मेरे लिए, मेरा स्कूल एक शैक्षणिक संस्थान से बढ़कर है; यह मेरा दूसरा परिवार है। अद्भुत मित्रों, उत्कृष्ट शिक्षकों और स्कूल की यादों से भरपूर परिवार। मुझे अपने स्कूल से प्यार है क्योंकि यहीं मैं एक अच्छा नागरिक बनना और अपने लक्ष्यों को हासिल करना सीखता हूं।  यह एक ऐसी जगह है जहां दोस्ती बिना किसी निर्णय के बनाई जाती है और करीबी दोस्तों के साथ समय बिताना आरामदायक लगता है, चाहे स्थिति कोई भी हो।

यह भी पढ़ें : जानिए परीक्षाओं पूछे जाने वाले वन महोत्सव पर निबंध

मेरे स्कूल ने ऐसे पाठ पढ़ाए हैं जो इतने मूल्यवान हैं कि मैं उन्हें एक वाक्य में प्रस्तुत नहीं कर सकता। यहां की सीख अपूरणीय हैं, और मैं उनके लिए अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं। उदाहरण के लिए दोस्तों के साथ चीज़ें बांटना और अन्य लोगों के प्रति प्रेम भावना। यहीं पर मैंने जानवरों की सहायता करना सीखा और बाद में इसी प्रेम के चलते मैने एक पालतू जानवर भी गोद लिया। 

स्कूल न केवल शैक्षणिक ज्ञान के बारे सिखाते हैं; 

मेरा स्कूल हमें एक ज़िम्मेदार व्यक्ति बनने के लिए भी प्रेरित करता है। मैने यहां बहुत सारे कौशल सीखे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों चर्चा या घरेलू कार्यों का प्रबंधन करना, मुश्किल की परिस्थिति में धैर्य से काम करना ये सभी वास्तविक दुनिया में आवश्यक हैं। 

कार्यों में नए विचारों को अपनाना और ज़रूरत पड़ने पर उनका प्रयोग करना, जिससे मुझे ग्रेड से परे अपनी कार्य क्षमता के बारे में सिखाया गया।

विद्यार्थियों के प्रति समर्पित शिक्षकों की बदौलत स्कूल के माहौल में कलात्मक कौशल विकसित हुआ। इससे मुझे अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पुरस्कार अर्जित करने का मौका मिला। सबसे अधिक महत्वपूर्ण में अपने स्कूल में असफलता का सामना और अपनी महत्वाकांक्षाओं को कभी न छोड़ने के बारे में सीखा। 

स्काउट्स और गाइड्स से लेकर खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों तक पाठ्येतर गतिविधियों ने मेरे स्कूल के अनुभव को समृद्ध किया। शिष्टाचार, चरित्र विकास और नैतिक शिक्षा पर हमारे प्रिंसिपल के दैनिक व्याख्यान ने मेरे मूल्यों को आकार दिया।  मैं आज जो भी हूं उसका श्रेय अपने स्कूल को देता हूं, इसे सर्वश्रेष्ठ संस्थान मानता हूं।

स्कूल का एक और महत्वपूर्ण सबक टीम वर्क है। यह अक्सर पहली जगह होती है जहां बच्चे अपने से भिन्न लोगों के साथ सहयोग करना सीखते हैं। यह समझना कि टीम की सफलता प्रत्येक व्यक्ति के योगदान पर निर्भर करती है, छात्रों में स्थापित एक बुनियादी सिद्धांत है, जो उन्हें टीम में मिलकर और व्यक्तिगत उपलब्धियों दोनों के लिए तैयार करता है।

संक्षेप में कहूं तो, एक प्रतिष्ठित स्कूल का हिस्सा बनना मेरे लिए एक जबरदस्त व्यक्तिगत विकास यात्रा रही है। मेरे चरित्र को ढालने और अमूल्य शिक्षाएँ प्रदान करने के लिए मैं अपने विद्यालय का बहुत आभारी हूँ। जो मित्रताएं बनीं और असाधारण शिक्षकों का मार्गदर्शन वे खजाने हैं जिन्हें मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। मेरा लक्ष्य अपने स्कूल द्वारा स्थापित मूल्यों को बनाए रखना, जीवन में सफल होने का प्रयास करना और उस संस्थान को सम्मान दिलाना है जिसने आज मैं जो कुछ भी हूं उसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Mera School Essay in Hindi पर 10 लाइन्स नीचे दी गई है:

  • मेरा स्कूल हमारे क्षेत्र में प्रसिद्ध है, स्थानीय लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता और उच्च प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है।
  • स्कूल की इमारत विशाल है, हरियाली से सुसज्जित है, एक विशाल और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन वातावरण बनाती है।
  • एक विस्तृत खेल का मैदान विभिन्न बाहरी गतिविधियों और खेलों में शामिल होने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करता है।
  • शारीरिक शिक्षा सत्र साप्ताहिक रूप से आयोजित किए जाते हैं, जो हमारी समग्र फिटनेस और कल्याण में योगदान करते हैं।
  • स्कूल में अच्छे शिक्षक हैं जो एक सहायक और देखभाल करने वाला सीखने का माहौल बनाते हैं।
  • मैं स्कूल में कई दोस्तों के साथ आनंददायक पल साझा करता हूं, जहां हम एक साथ खेलते और पढ़ते हैं, जिससे सौहार्द की मजबूत भावना को बढ़ावा मिलता है।
  • स्कूल की व्यापक लाइब्रेरी पुस्तकों का विविध संग्रह प्रदान करती है, जो सीखने के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करती है।
  • अच्छी तरह से सुसज्जित विज्ञान और सामाजिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ हमारी व्यावहारिक समझ और प्रयोग को बढ़ाती हैं।
  • स्कूल सांस्कृतिक विविधता और एकता को बढ़ावा देते हुए कई राष्ट्रीय और धार्मिक त्योहारों को उत्साहपूर्वक मनाता है।
  • स्कूल में हर दिन एक खुशी है क्योंकि मैं नई चीजें सीखने और अपने ज्ञान का विस्तार करने के अवसर का उत्सुकता से स्वागत करता हूं।

स्कूल जीवन के ऐसे पाठ प्रदान करता है जो शिक्षा से परे है इसलिए प्रत्येक बच्चे के लिए स्कूल जाना महत्वपूर्ण है स्कूल हम सभी को शिक्षा के साथ ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो सामाजिक कौशल, पाठ्येतर गतिविधियाँ और मूल्यवान जीवन सबक भी प्रदान करता है।

स्कूल बुनियादी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है, जिसमें बुनियादी शिक्षा और कला और सार्वजनिक बोलने जैसी प्रतिभाओं का विकास शामिल है। सबसे बढ़कर, यह छात्रों में अनुशासन पैदा करता है, भविष्य की सफलता के लिए उनके चरित्र को आकार देता है।

मेरा स्कूल अपनी उत्कृष्ट प्रतिष्ठा, विशाल और सुंदर परिसर, समर्पित शिक्षकों और समग्र विकास में योगदान देने वाली पाठ्येतर गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए जाना जाता है।

मेरे स्कूल में हर सप्ताह एक बार शारीरिक शिक्षा कक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें समग्र फिटनेस और कल्याण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया जाता है।

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Mera School Essay in Hindi पर निबंध के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य   निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay In Hindi)

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay In Hindi), मेरी पाठशाला पर निबंध

आज के इस लेख में हम मेरा स्कूल विषय  पर निबंध (Essay On My School In Hindi) लिखेंगे। मेरा स्कूल विषय पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

मेरा स्कूल विषय पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On My School In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

Table of Contents

मेरा स्कूल पर निबंध ( My School Essay In Hindi)

प्रस्तावना 

घर के बाद एक बच्चे के जिंदगी में पहला बदलाव स्कूल होता है। स्कूल के जरिए ही एक बच्चा पहली बार दुनियाँ से सामना करता है और बहुत कुछ सीखता है। इसलिए ऐसा कह सकते हैं कि किसी भी बच्चे के जीवन मे स्कूल का बहुत अधिक महत्व होता है।

यह महत्व सिर्फ पढ़ाई की दृष्टि से नही बल्कि एक बच्चे के पूरे व्यक्तित्व विकास में भी बहुत अहम होता है। ठीक इसी तरह मेरे जीवन मे भी स्कूल का महत्व रहा है। मेरे स्कूल का नाम सरस्वती शिशु मंदिर है।

मेरे स्कूल की गिनती शहर के कुछ प्रसिद्ध स्कूलों में होती है, इस वजह से हर विद्यार्थी यहां से पढ़ने के लिए लालायित रहता है। लेकिन यहाँ आना इतना आसान नही है। मेरे स्कूल में कोई भी विद्यार्थी तभी प्रवेश पा सकता है जब वह प्रवेश परीक्षा को पास कर पाएगा।

हर वर्ष हमारे स्कूल में एक प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसको देने के लिए शहर और गाँव के विद्यार्थी आते हैं। परीक्षा के बाद इन लोगों को नंबर दिए जाते हैं, जिसके आधार पर एक मेरिट लिस्ट बनाई जाती है।

मेरिट लिस्ट के आधार पर ही कोई भी यहां पर प्रवेश पा सकता है। जिसका नाम उंस मेरिट लिस्ट में होगा उसका प्रवेश सुनिश्चचित हो जाता है। लेकिन जिनका नाम नही है उन्हें प्रवेश नही मिल पाएगा। हालांकि वह दूसरी बार परीक्षा में जरूर बैठ सकते हैं, इसके लिए उन पर कोई पाबंदी नही है।

स्कूल का परिसर

हमारे स्कूल का परिसर बहुत ही भव्य है, क्योंकि यहां कक्षा 1 से लेकर 12 वी तक कि कक्षाएं लगती है। कक्षा 1 से लेकर 10 वी तक कि कक्षाओं के लिए एक अलग परिसर है, जबकि कक्षा 11 वी और 12 वी के लिए दूसरा परिसर बनाया गया है।

इन दोनों परिसरों के बीच दो बड़े खेल के मैदान हैं जिसमें एक तरफ 11, 12 वी के विद्यार्थी होते हैं ,जबकि दूसरे मैदान में 10वी और बाकी कक्षा के बच्चे होते हैं। इन दोनों मैदानों के बीचो बीच एक सड़क बनी हुई है।

जहां से गुजर कर हमारी स्कूल बस जाती है। हमारे स्कूल में कुल 3 स्कूल बस हैं। कई लोग सायकल से तो कुछ लोग बाइक से भी स्कूल आते हैं। मैं फिलहाल बस से ही स्कूल आता हूँ। स्कूल में 2 मंजिला इमारत बनी हुई है। जिसमें निचली मंजिला में 11वी की कक्षा लगती है।

और वही ऊपरी मंजिला में 12 की कक्षा लगती है, जबकि सबसे ऊपर वाले मंजिल में प्रार्थनाएं होती हैं। स्कूल का प्रार्थना कक्ष इतना बड़ा बना हुआ है, कि उसमें 350 बच्चे आसानी से बैठ सकते हैं।

प्रार्थना कक्ष के फर्श में कालीन बिछाई गई है, जिसका रंग गुलाबी है। सामने एक मंच है, जहाँ से कभी कभी हमारे प्रधानाचार्य स्पीच देते हैं। हमारे स्कूल के सबसे नीचे वाली मंजिल में ही प्रधानाध्यापक का कक्ष है। इसके ठीक बगल में पुस्तकालय बना हुआ है, हम सब अपनी जरूरत की कई किताबें पुस्तकालय से ही लेते हैं।

पुस्तकालय के बगल में फीस जमा करने का कक्ष बना हुआ है, यही पर फ़ीस से संबंधित सभी काम किए जाते हैं।

स्कूल में मिलने वाली सुविधाएँ

हमारे स्कूल में जरूरत की हर सुविधा उपलब्ध है। जैसे कि कई बच्चों को खेल में काफी रुचि होती है तो ऐसे स्टूडेंट्स के लिए खेल से जुड़े सभी सामान मिल जाते हैं।

हमारे स्कूल में क्रिकेट से संबंधित सभी सामान मौजूद है, जैसे बैट, गेंद, विकेट, ग्लब्स आदि। वही फुटबाल पसंद करने वालों के लिए यहां पर फ़ुटबॉल भी मौजूद है। इसके साथ साथ, बैडमिंटन, रस्सी कूद जैसे खेल की तमाम सुविधाएं यहाँ मिल जाती है।

कुछ स्टूडेंट्स को खेल में आगे बढ़ना होता है और उन्हें लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेक, भाला फेक जैसी कई प्रतियोगिताएं काफी लुभाती है। ऐसे विद्यार्थियों के ट्रेनिंग के लिए भी हमारे स्कूल में पर्याप्त साजो-सामान मौजूद है।

खेल से अलग बात करें तो हमारे स्कूल में एक बेहतरीन कंप्यूटर लैब है, जिसमें करीब 60 कंप्यूटर्स होंगे। हर स्टूडेंट को एक एक कंप्यूटर दिया जाता है। कंप्यूटर चलाना हम सबको बहुत पसंद होता है, इसलिये कंप्यूटर का क्लास मुझे बहुत पसंद होता है।

कंप्यूटर के अलावा पुस्तकालय भी मुझे बहुत पसंद है। जहां से मुझे अपने पसंद की कई किताबें मिल जाती है। हमारे स्कूल के पुस्तकालय में कोर्स की किताबों के साथ साथ अन्य तरह की किताबें भी रहती है। जैसे कि किस्से कहानियों की किताबें, कविताओं और महान पुरुषों की जीवनी संबंधी किताबें।

मुझे कविताओं और महान लोगों की जीवनी पढ़ने में काफी रुचि है। इसलिए मैं बार बार वही किताबें पुस्तकालय से जारी करवाता रहता हूँ।

स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम

मेरे स्कूल में हमेशा दिन में 3 वक़्त प्रार्थना होती है। पहली प्रार्थना सुबह के वक़्त होती है जब हम लोग स्कूल आते हैं। इस दौरान हम सरस्वती वंदना, गीता पाठ करते हैं। इसके बाद 5 मिनट के लिए भ्रामरी प्राणायाम, और ॐ का उच्चारण करते हैं।

प्राणायाम करने के बाद हमारी एकाग्रता काफी ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे पढ़ाया हुआ हमे आसानी से और जल्दी समझ मे आता है। इसके बाद भोजन के वक़्त भी हम एक प्रार्थना करते हैं।

फिर जब स्कूल से छुट्टी होती है तो एक छोटी सी प्रार्थना होती है। इन सब के अलावा हमारे स्कूल में हर साल सरस्वती पूजा का कार्यक्रम बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कई मुख्य अतिथि भी इसमे शामिल होते हैं।

हर साल वार्षिक समारोह का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें कई स्टूडेंट्स भाग भी लेते हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण पर्व बहुत अच्छे से मनाए जाते हैं।

इसके अलावा हर वर्ष पूर्व छात्र मिलन नाम का एक प्रोग्राम चलाया जाता है, जिसमे हमारे स्कूल में पढ़े हुए कई छात्रों को बुलाया जाता है। इसमे से कई ऐसे होते हैं जो अपने कैरियर में काफी ऊँचाई में होते हैं।

ऐसे पूर्व छात्रों के जरिए लगातार हमे अच्छी अच्छी बातें बताई जाती है और साथ मे भविष्य में आने वाली चुनौतियों से भी अवगत करवाया जाता है।

स्कूल में होने वाली परीक्षाएं

मेरा स्कूल इन सब चीजों के साथ साथ पढ़ाई पर भी विशेष ध्यान देता है। इसलिए हर माह मासिक टेस्ट जरूर होती है। मासिक टेस्ट हालांकि उतना कठिन नही होता है, लेकिन फिर भी इस टेस्ट में भी अच्छा करने का दवाब हमारे ऊपर बना रहता है।

इसके साथ ही हर तीन तीन माह में हमारी परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती है। जैसे 3 माह बाद त्रैमासिक परीक्षाएं, 6 माह बाद अर्धवार्षिक परीक्षाएं और फिर आखिरी में वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती हैं।

इन्ही तीनो परीक्षाओं के आधार पर हमारा रिजल्ट बनाया जाता है। इसके साथ साथ हमारी स्टूडेंट्स के लिए हर वर्ष प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित कराई जाती है। इसके लिए स्कूल के शिक्षक ही पेपर तैयार करते हैं और नंबर के आधार पर  स्टूडेंट्स की एक सूची तैयार करते हैं।

स्कूल के शिक्षक

हमारे स्कूल के शिक्षकों की बात करें तो वह सब बहुत ही योग्य और हमारे साथ सहानुभूति जताने वाले होते हैं।  सभी शिक्षक इस बात की पूरी कोशिश करते हैं कि विषय की समझ हमारी गहरी हो। इसके लिए वह विषय को पूरी गहराई से समझाते हैं।

इसके साथ ही यदि किसी भी स्टूडेंट को विषय को समझने में दिक्कत हो रही है, तो वह क्लास के बाद अलग से उंस विषय के शिक्षक से मिलकर उस टॉपिक को दोबारा भी समझा सकता है।

इसके लिए कोई भी शिक्षक मना नही करता है। यदि मैं बताऊं की मुझे सबसे अधिक कौन से शिक्षक पसंद है तो मैं कहूंगा कि वैसे तो सभी शिक्षक पसंद है। लेकिन जो मुझे हिंदी पढ़ाते हैं, उनके पढ़ाने का तरीका काफी अलग है जो कि मुझे बहुत अच्छा लगता है।

वही स्कूल में खेल के लिए एक अलग शिक्षक नियुक्त किये गए हैं, जिनका काम सिर्फ हम लोगो को खेल खिलाना और सीखाना है।

किसी भी व्यक्ति के जीवन की मीठी यादों में स्कूल का जीवन जरूर शामिल होता है। इसलिए मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे एक ऐसे वातावरण में रहने और पढ़ने का अवसर मिल रहा है, जो बहुत ही सकारात्मक है, जहां से मैं हर दिन काफी कुछ सीखता हूँ।

यहाँ मुझे हर दिन अच्छा लगता है। शिक्षको का सानिध्य और अपने दोस्तों का साथ मुझे स्कूल छोड़ने के बाद भी बहुत याद रहेगा और मै इसे हमेशा याद करूँगा।

इन्हे भी पढ़े :-

  • 10 Lines On My School In Hindi Language
  • मेरा आदर्श विद्यालय पर निबंध (Adarsh Vidyalaya Essay In Hindi)
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  • शिक्षा पर निबंध (Essay On Education In Hindi)
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मेरा विद्यालय पर निबंध (Short Essay On My School In Hindi)

मेरे विद्यालय का नाम उच्चय विद्यालय हैं। ये एक बहुत बड़ी ईमारत हैं और इसमें सभी क्लास के क्षात्रो के लिए अलग अलग कमरा बनाये हुए हैं। सभी क्लास में खिड़किया बनायी हुइ हैं, जिससे हमें प्राकृतिक रौशनी मिल पाती हैं।

मेरे स्कूल में हर कक्षा में बेंच लगाये हुए हैं। इस विद्यालय में हम पहली क्लास से पढ़ते आ रहे हैं। हमारे पाठशाला में सभी विषय के शिक्षक उपलब्ध हैं। जब हम सुबह में विद्यालय आते हैं, तो हमारे बिद्यालय की साफ -सफाई होते रहती हैं और हमारे विद्यालय के क्लास रूम भी साफ सुथरे रहते हैं। जिस वजह से मुझे मेरे विद्यालय में पढ़ना अच्छा लगता हैं।

विद्यालय आने के बाद हमें सबसे पहले प्रार्थना करवायी जाती हैं। उस प्रार्थना में विद्यालय के सभी विद्यार्थी और सभी शिक्षक शामिल होते हैं। प्रार्थना के समय कोई भी बच्चा शोर नहीं करता हैं।

नहीं तो अगर कोई भी बच्चा प्रार्थना के समय कुछ और करते रहता हैं। उसे प्रार्थना ख़त्म होने के बाद हमारे विद्यालय के शिक्षक उसे कुछ न कुछ सजा देते हैं। इसलिए हमारे बिद्यालय में सभी क्षात्र शांति पूर्वक प्रार्थना करते हैं।

प्रार्थना खत्म होने के बाद सभी बच्चो को राष्ट्रीय गाण करवाया जाता हैं और “भारत माता की जय” का नारा लगाया जाता हैं। मेरे स्कूल में सभी बहुत ही अनुशासन में रहते हैं और अनुशासन से पढ़ाई भी करते हैं।

मेरे स्कूल के सभी शिक्षक अपने समय से विद्यालय में आते हैं और हमें पढ़ाने के लिए समय पर क्लास में आते हैं। मेरा विद्यालय का एक बहुत ही अच्छा नियम हैं, जो की है समय से घंटी बजाना और उसी घंटी के अनुशार हमारे सभी बिषय के शिक्षक मेरे क्लास में पढ़ाने आ जाते हैं।

हमारे सभी विषय के शिक्षक रोज पढ़ाने के बाद कुछ ना कुछ घर से (होम वर्क) बनाने के लिए जरूर देते हैं। और दुशरे दिन वो क्लास के सभी बच्चो की कॉपी देखते हैं और जो भी विद्यार्थी होम वर्क नहीं बना कर ले आता है उसे छोटी सी सजा दी जाती हैं। और जो विद्यार्थी होम वर्क बना कर के ले आता है उसे शिक्षक शाबासी देते हैं और उसकी प्रशंसा भी करते है ।

मेरे विद्यालय में सभी शिक्षक अपने -अपने विषय का साप्ताहिक जाँच (टेस्ट) लेते हैं और इसमें देखते हैं कौन विद्यार्थी कितना सीखा। इस टेस्ट में जो अच्छा नंबर लाता हैं उसे पुरस्कार से सम्मानित किया जाता हैं।

इससे हम सभी के मन में बना रहता हैं की अलगे टेस्ट में हम सब से ज्यादा नंबर लाएंगे और पुरस्कार जीतेंगे और इससे हम अपने पढाई पे ज्यादा मेहनत करते हैं।

हमे दोपहर में खाना खाने के लिए समय मिलता हैं। इस समय हम सभी अपने दोस्तो के साथ विद्यालय के ग्राउंड में बैठ कर अपना अपना खाना खाते हैं। मेरा विद्यालय का फिल्ड बहुत बड़ा हैं इसमें बहुत सारे तरह -तरह के पेड़ लगा हुआ हैं। उन पेड़ो को रोज पानी दिया जाता हैं, जिससे हमारे स्कूल का मैदान हरा -भरा रहता हैं।

हमे खेलने के लिए भी समय दिया जाता हैं, जिसमे हमारे खेल के शिक्षक हमे तरह -तरह का खेल खेलणा सिखाते हैं और हम सब उन खेलो का आनंद लेते हैं। शाम तक हमारे सभी विषय की पढ़ाई हो जाती हैं और फिर हमे छुट्टी मिल जाती हैं और उसके पश्चात हम अपने घर पे चले जाते हैं।

हमारे जिंगदगी में विद्यालय एक ऐसी जगह हैं जहा हम अपने माता -पिता से दूर रह कर कुछ घंटो के लिए अपने दिक्कतो का खुद से सामना करते हैं। वहाँ से हम अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं।

हम अपने बचपन से बड़े होने तक अनेक प्रकर के विद्यालय में पढ़ते हैं। जैसे आंगनवाड़ी, प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय और विशव विधालय।

आँगनवाड़ी – ये एक छोटा सा केन्द्र होता है जो की मुहल्ले में ही होता है। यहाँ पर हमारे गाँव या मोहल्ले के छोटे -छोटे बच्चो को शिक्षा देने की शुरुआत कि जाती है। यहाँ के शिक्षक बच्चो को कुछ घंटो के लिए अपने परिवार से दूर रहना सिखाते हैं।

आँगनवाड़ी केन्द्र में ज्यादा देर तक पढाई नहीं होती हैं, बच्चो को यहाँ कुछ घंटो के लिए पढ़ाया जाता हैं। ये केंद्र सरकारी होते हैं इसका सभी खर्च सरकार द्वारा दिया जाता हैं।

प्राथमिक विद्यालय – यहाँ क्लास प्रथम से लेकर क्लास (कक्षा) पाँच तक पढाई होती हैं। जिसमे बच्चो को पढ़ाई का और स्कूल आने का तौर -तरीका सिखाया जाता हैं।

माध्यमिक विद्यालय – यहाँ क्लास आठवीं तक पढ़ाया जाता हैं। इस विधालय में बच्चो को सभी विषय का थोड़ी – बहुत जानकारी दि जाती हैं। माध्यमिक विद्यालय का समय ज्यादा तक सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होता हैं।

उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – यहाँ बच्चो को अच्छे से सभी विषय का अनुभव हो जाता हैं। इस विद्यालय में आने के बाद हम अपने आप कुछ पढ़ने लायक बन जाते हैं। इस विधालय में अनुसासन भी अच्छी तरह से सीखाया जाता हैं।

विशव विधालय – यहाँ हमें दुनियाँ की सभी उच्च शिक्षा मिलती हैं। यह आने के बाद सभी बच्चे अपने पढाई को समझने लगते है और उन्हें जिस विषय में ज्यादा रूचि होती हैं। उसमें अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पढाई करते हैं।

स्कूल और विद्यालय के लिए जरुरी चीजे 

विद्यालय के आस -पास और विद्यालय में शांति का वातावरण होना बहुत जरुरी हैं। इससे विद्यालय के बच्चो को पढाई में ध्यान लगाने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

विद्यालय में सभी विषयो का अच्छा शिक्षक उपलब्ध होना चाहिए। जिससे विधार्थी को सभी विषय पर उचित जानकारी मिल सके और बच्चो को कोई भी विषय के सम्बन्ध में दिक्कत आये तो उसका जबाब शिक्षक दे सके।

विद्यालय में शिक्षक और विधार्थी को अनुशासित रहना चाहिए, इससे हमारे विद्यालय का नाम रौशन होगा। रोज नियमित रूप से सभी बच्चो को होम वर्क (H.W) मिलना चाहिए, जिससे बच्चे अपने घर पे भी कुछ देर पढाई से जुड़े रहे।

विधालय में साफ सफाई रोज होना चाहिए, जिससे विधालय में किसी को बीमारियो का सामना नहीं करना पढ़े और सभी स्वस्थ रह सके। विद्यालय में शौचालय जरूर होना चाहिए और बच्चो को पिने के लिए शुद्ध पिने के पानी की व्यबस्था जरूर होनी चाहिए।

स्कूल में कुछ ना कुछ आयोजन करते रहना चाहिए, इससे विधार्थी अपने स्कूल के साथ आसानी से जुड़ने लगते हैं। स्कूल में नियमित गाणा, डांस और खेलो का आयोजन होना चाहिए और इनकी सुविधा होनी चाहिए। जिससे बच्चो का विद्यालय में मन लगा रहेगा और कुछ न कुछ सिखने को भी मिलता रहेगा।

विद्यालय में साप्ताहिक क्लास टेस्ट होनी चाहिए, इससे बच्चो का मनोवल बढ़ते रहता हैं और विद्यार्थी अपने आप से मेहनत करने की ज्यादा कोशिश करते हैं। इससे विद्यार्थी पढाई में ज्यादा ध्यान देते हैं।

विद्यालय जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा हैं, जहाँ से हम बहुत सारी अच्छी बाते सीखते हैं। इसीलिए अपने विद्यालय का और अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए। विद्यालय में पढ़ते पढ़ते उससे हमारे बहुत सारी यादे जुड़ जाती हैं।

हमें अपने विद्यालय के बारे में हमेसा अच्छा सोचना चाहिए और अपने लिए और साथ में अपने विद्यालय के लिए कुछ ना कुछ अच्छा करना चाहिए।

तो यह था मेरा स्कूल विषय पर निबंध, आशा करता हूं कि मेरा स्कूल विषय   पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On My School) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह हममें आत्मविश्वास विकसित करने के साथ ही हमारे व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायता करती है। स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। पूरे शिक्षा तंत्र को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा जैसे को तीन भागों में बाँटा गया है। शिक्षा के सभी स्तर अपना एक विशेष महत्व और स्थान रखते हैं। हम सभी अपने बच्चों को सफलता की ओर जाते हुए देखना चाहते हैं, जो केवल अच्छी और उचित शिक्षा के माध्यम से ही संभव है।

शिक्षा का महत्व पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Importance of Education in Hindi, Shiksha Ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द) – शिक्षा का महत्व.

जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है।

पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान हम सभी और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है। यह जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाजे खोलती है जिससे कैरियर के विकास को बढ़ावा मिले। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा बहुत से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह समाज में सभी व्यक्तियों में समानता की भावना लाती है और देश के विकास और वृद्धि को भी बढ़ावा देती है।

शिक्षा का महत्व

आज के समाज में शिक्षा का महत्व काफी बढ़ चुका है। शिक्षा के उपयोग तो अनेक हैं परंतु उसे नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है, यहीं कारण है कि हमें शिक्षा हमारे जीवन में इतना महत्व रखती है।

आज के आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा काफी अहम है। आजकल के समय में  शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके सारे तरीके अपनाये जाते हैं। वर्तमान समय में शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल चुका है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क में प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है

शिक्षा स्त्री और पुरुषों दोनों के लिए समान रुप से आवश्यक है, क्योंकि स्वास्थ्य और शिक्षित समाज का निर्माण दोनो द्वारा मिलकर ही किया जाता हैं। यह उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक यंत्र होने के साथ ही देश के विकास और प्रगति में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तरह, उपयुक्त शिक्षा दोनों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करती है। वो केवल शिक्षित नेता ही होते हैं, जो एक राष्ट्र का निर्माण करके, इसे सफलता और प्रगति के रास्ते की ओर ले जाते हैं। शिक्षा जहाँ तक संभव होता है उस सीमा तक लोगों बेहतर और सज्जन बनाने का कार्य करती है।

आधुनिक शिक्षा प्रणाली

अच्छी शिक्षा जीवन में बहुत से उद्देश्यों को प्रदान करती है जैसे; व्यक्तिगत उन्नति को बढ़ावा, सामाजिक स्तर में बढ़ावा, सामाजिक स्वस्थ में सुधार, आर्थिक प्रगति, राष्ट्र की सफलता, जीवन में लक्ष्यों को निर्धारित करना, हमें सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक करना और पर्यावरण समस्याओं को सुलझाने के लिए हल प्रदान करना और अन्य सामाजिक मुद्दे आदि। दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के प्रयोग के कारण, आजकल शिक्षा प्रणाली बहुत साधारण और आसान हो गयी है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली, अशिक्षा और समानता के मुद्दे को विभिन्न जाति, धर्म व जनजाति के बीच से पूरी तरह से हटाने में सक्षम है।

विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है

विद्या एक ऐसा धन है जिसे ना तो कोई चुरा सकता है और नाही कोई छीन सकता। यह एक मात्र ऐसा धन है जो बाँटने पर कम नहीं होता, बल्कि की इसके विपरीत बढ़ता ही जाता है। हमने देखा होगा कि हमारे समाज में जो शिक्षित व्यक्ति होते हैं उनका एक अलग ही मान सम्मान होता है और लोग उन्हें हमारे समाज में इज्जत भी देते हैं। इसलिए हर व्यक्ति चाहता है कि वह एक साक्षर हो प्रशिक्षित हो इसीलिए आज के समय में हमारे जीवन में पढ़ाई का बहुत अधिक महत्व हो गया है। इसीलिए आपको यह याद रखना है कि शिक्षा हमारे लिए बहुत जरूरी है इसकी वजह से हमें हमारे समाज में सम्मान मिलता है जिससे हम समाज में सर उठा कर जी सकते हैं।

शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को उच्च स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है और समाज में लोगों के बीच सभी भेदभावों को हटाने में मदद करती है। यह हमारी अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में भी हमारी सहायता करता है।

निबंध 3 (500 शब्द) – शिक्षा की मुख्य भूमिका

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है । हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में एक अलग स्तर और अच्छाई की भावना को विकसित करती है। शिक्षा किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हर करने की क्षमता प्रदान करती है। हम से कोई भी जीवन के हरेक पहलू में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता। यह मस्तिष्क को सकारात्मक ओर मोड़ती है और सभी मानसिक और नकारात्मक विचारधाराओं को हटाती है।

शिक्षा क्या है ?

यह लोगों की सोच को सकारात्मक विचार लाकर बदलती है और नकारात्मक विचारों को हटाती है। बचपन में ही हमारे माता-पिता हमारे मस्तिष्क को शिक्षा की ओर ले जाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्था में हमारा दाखिला कराकर हमें अच्छी शिक्षा प्रदान करने का हरसंभव प्रयास करते हैं। यह हमें तकनीकी और उच्च कौशल वाले ज्ञान के साथ ही पूरे संसार में हमारे विचारों को विकसित करने की क्षमता प्रदान करती है। अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने का सबसे अच्छे तरीके अखबारों को पढ़ना, टीवी पर ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों को देखना, अच्छे लेखकों की किताबें पढ़ना आदि हैं। शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है। यह समाज में बेहतर पद और नौकरी में कल्पना की गए पद को प्राप्त करने में हमारी मदद करती है।

शिक्षा की मुख्य भूमिका

आधुनिक तकनीकी संसार में शिक्षा मुख्य भूमिका को निभाती है। आजकल, शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए बहुत तरीके हैं। शिक्षा का पूरा तंत्र अब बदल दिया गया है। हम अब 12वीं कक्षा के बाद दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम (डिस्टेंस एजूकेशन) के माध्यम से भी नौकरी के साथ ही पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा बहुत महंगी नहीं है, कोई भी कम धन होने के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हम आसानी से किसी भी बड़े और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में बहुत कम शुल्क पर प्रवेश ले सकते हैं। अन्य छोटे संस्थान भी किसी विशेष क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

यह हमें जीवन में एक अच्छा चिकित्सक, अभियंता (इंजीनियर), पायलट, शिक्षक आदि, जो भी हम बनना चाहते हैं वो बनने के योग्य बनाती है। नियमित और उचित शिक्षा हमें जीवन में लक्ष्य को बनाने के द्वारा सफलता की ओर ले जाती है। पहले के समय की शिक्षा प्रणाली आज के अपेक्षा काफी कठिन थी। सभी जातियाँ अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकती थी। अधिक शुल्क होने के कारण प्रतिष्ठित कालेज में प्रवेश लेना भी काफी मुश्किल था। लेकिन अब, दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करके आगे बढ़ना बहुत ही आसान और सरल बन गया है।

Importance of Education Essay in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व

घर शिक्षा प्राप्त करने पहला स्थान है और सभी के जीवन में अभिभावक पहले शिक्षक होते हैं। हम अपने बचपन में, शिक्षा का पहला पाठ अपने घर विशेष रुप से माँ से प्राप्त करते हैं। हमारे माता-पिता जीवन में शिक्षा के महत्व को बताते हैं। जब हम 3 या 4 साल के हो जाते हैं, तो हम स्कूल में उपयुक्त, नियमित और क्रमबद्ध पढ़ाई के लिए भेजे जाते हैं, जहाँ हमें बहुत सी परीक्षाएं देनी पड़ती है, तब हमें एक कक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण मिलता है।

एक-एक कक्षा को उत्तीर्ण करते हुए हम धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, जब तक कि, हम 12वीं कक्षा को पास नहीं कर लेते। इसके बाद, तकनीकी या पेशेवर डिग्री की प्राप्ति के लिए तैयारी शुरु कर देते हैं, जिसे उच्च शिक्षा भी कहा जाता है। उच्च शिक्षा सभी के लिए अच्छी और तकनीकी नौकरी प्राप्त करने के लिए बहुत ही आवश्यक है।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व

हम अपने अभिभावकों और शिक्षक के प्रयासों के द्वारा अपने जीवन में अच्छे शिक्षित व्यक्ति बनते हैं। वे वास्तव में हमारे शुभ चिंतक हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को सफलता की ओर ले जाने में मदद की। आजकल, शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी सरकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं ताकि, सभी की उपयुक्त शिक्षा तक पहुँच संभव हो। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा के महत्व और लाभों को दिखाने के लिए टीवी और अखबारों में बहुत से विज्ञापनों को दिखाया जाता है क्योंकि पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गरीबी और शिक्षा की ओर अधूरी जानकारी के कारण पढ़ाई करना नहीं चाहते हैं।

गरीबों और माध्यम वर्ग के लिए शिक्षा

पहले, शिक्षा प्रणाली बहुत ही महंगी और कठिन थी, गरीब लोग 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे। समाज में लोगों के बीच बहुत अन्तर और असमानता थी। उच्च जाति के लोग, अच्छे से शिक्षा प्राप्त करते थे और निम्न जाति के लोगों को स्कूल या कालेज में शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। यद्यपि, अब शिक्षा की पूरी प्रक्रिया और विषय में बड़े स्तर पर परिवर्तन किए गए हैं। इस विषय में भारत सरकार के द्वारा सभी के लिए शिक्षा प्रणाली को सुगम और कम महंगी करने के लिए बहुत से नियम और कानून लागू किये गये हैं।

सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण, दूरस्थ शिक्षा प्रणाली ने उच्च शिक्षा को सस्ता और सुगम बनाया है, ताकि पिछड़े क्षेत्रों, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए भविष्य में समान शिक्षा और सफलता प्राप्त करने के अवसर मिलें। भलीभाँति शिक्षित व्यक्ति एक देश के मजबूत आधार स्तम्भ होते हैं और भविष्य में इसको आगे ले जाने में सहयोग करते हैं। इस तरह, शिक्षा वो उपकरण है, जो जीवन, समाज और राष्ट्र में सभी असंभव स्थितियों को संभव बनाती है।

शिक्षा: उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण

शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक उपकरण है। हम जीवन में शिक्षा के इस उपकरण का प्रयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों को सामाजिक और पारिवारिक आदर और एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में एक अलग स्तर और अच्छाई की भावना को विकसित करती है। शिक्षा किसी भी बड़ी पारिवारिक, सामाजिक और यहाँ तक कि राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं को भी हर करने की क्षमता प्रदान करती है। हम से कोई भी जीवन के हरेक पहलू में शिक्षा के महत्व को अनदेखा नहीं कर सकता। यह मस्तिष्क को सकारात्मक ओर मोड़ती है और सभी मानसिक और नकारात्मक विचारधाराओं को हटाती है।

शिक्षा लोगों के मस्तिष्क को बड़े स्तर पर विकसित करने का कार्य करती है तथा इसके साथ ही यह समाज में लोगों के बीच के सभी भेदभावों को हटाने में भी सहायता करती है। यह हमें अच्छा अध्ययन कर्ता बनने में मदद करती है और जीवन के हर पहलू को समझने के लिए सूझ-बूझ को विकसित करती है। यह सभी मानव अधिकारों, सामाजिक अधिकारों, देश के प्रति कर्तव्यों और दायित्वों को समझने में हमारी सहायता करती है।

FAQs: Frequently Asked Questions on Importance of Education (शिक्षा का महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- तथागत बुध्द के अनुसार शिक्षा व्यक्ति के समन्वित विकास की प्रक्रिया है।

उत्तर- शिक्षा तीन प्रकार की होती है औपचारिक शिक्षा, निरौपचारिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा।

उत्तर- शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है।

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मेरा स्कूल पर निबंध | Essay on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi ; विद्यालय का मतलब विद्या का मंदिर होता है यह एक ऐसा स्थान है जहां आपको शिक्षा मिलती है हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का दर्जा दिया जाता है और स्कूलों को मंदिर का दर्जा दिया जाता है हर स्कूल में बच्चों को इस पर निबंध लिखने को दिया जाता है शिक्षा ग्रहण करने के लिए हमें अपना आधा समय स्कूल यानी विद्यालय में ही व्यतीत करते हैं जिससे हमारी कई यादें जुड़ी होती हैं

दोस्तों आप सभी ने अपने स्कूल समय में मेरा विद्यालय पर निबंध तो जरूर ही लिखा होगा लेकिन आपने यह भी देखा होगा कि आपका निबंध सही होने पर भी आपको पूरे अंक नहीं दिए जा रहे हैं वह केवल इसलिए क्योंकि आप लिखने का तरीका और फॉर्मेट सही नहीं होगा आज हम आपको अपने आर्टिकल के जरिए यह बताएंगे कि कैसे आप मेरा विद्यालय पर लाइन के अनुसार और शब्दों के अनुसार निबंध लिख सकते हैं और अपने स्कूल में एक इस निबंध को पढ़कर अच्छी परफॉर्मेंस दे सकते हैं

मेरा स्कूल पर निबंध | Essay on My School in Hindi

Table of Contents

मेरा स्कूल पर 100 शब्दों का निबंध :-

विद्यालय अर्थात विद्या का हाल है या घर मतलब वह स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो हमारे संस्कार में विद्या को देवी का स्थान दिया गया हर विद्यालय को मंदिर की उपमा दी गई है मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है जिस पर अक्सर ने बना दी लिखने को दिया जाता रहता है हमारी जिंदगी का सबसे अहम समय हमने अपने विद्यालय में ही बिताया हैं

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है यह शहर की भीड़ – भाड़ से दूर बेहद शांत माहौल में विद्यमान है इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है जिस कारण वातावरण शुद्ध रहता है और हमें शुद्ध वायु भी मिलती है मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है

विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार से महत्व रखती है यह आपको निबंध की सहायता से बताया गया है विद्यालय पर निबंध लिखने से पूर्व आपको अपने विद्यालय की छवि अपने सामने रखनी चाहिए इससे आपको निबंध लिखने में सहायता होगी

मेरा स्कूल पर 250 शब्दों का निबंध :-

मेरे विद्यालय की बाउंड्री वाल बहुत ऊंची है ताकि कोई बाहर का अज्ञात व्यक्ति बिना किसी परमिशन के अंदर ना आ सके हमारे विद्यालय में कुल 20 क्लासरूम है जिसमें 18 रूम हमारे विद्यालय के लिए छात्रों को पढ़ने के लिए और एक हमारे अध्यापकों को बैठने व कार्य करने के लिए और एक अन्य हमारे प्रधानाचार्य जी के लिए है

हमारे विद्यालय में एक बहुत बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम सभी छात्र छात्राएं खेलते हैं और साथ-साथ शारीरिक व्यायाम भी करते हैं और यहां पर हमारी एक योगा क्लास भी चलती है

हमारे विद्यालय में पूरे 600 विद्यार्थी 11 अध्यापक और एक प्रधानाचार्य और दो गार्डन काल है हमारे विद्यालय में 3 शौचालय है जिसमें 1 छात्रों के लिए तथा एक छात्राओं के लिए और एक अध्यापकों के लिए है हमारे विद्यालय में साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है

हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही साफ रहता है और यहां का शासन बहुत ही व्यवस्थित है अगर विद्यालय का कोई बच्चा शासन तोड़ता है तो उसे प्रधानाचार्य द्वारा सजा दी जाती है हमारा विद्यालय खेलकूद, डांस , मनोरंजन, ड्रामा इन सभी क्षेत्रों में बच्चों को प्रेरित करता है

मेरा स्कूल पर 300 शब्दों का निबंध :-

विद्यालय शिक्षा का द्वारा होता है जो हमें सफलता की ओर ले जाता है यह भविष्य के लिए युवा उज्जवल दिमाग को प्रशिक्षण मार्गदर्शन और तैयार करने में मदद करते हैं सबसे अच्छा स्कूल हमेशा सर्वश्रेष्ठ छात्रों का निर्माण करता है मेरा स्कूल भी मेरे क्षेत्र के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक हैं

मेरा विद्यालय मेरे क्षेत्र के सबसे पुराने विद्यालयों में से एक है शिक्षा के क्षेत्र में इसका बहुत अच्छा और सफल इतिहास रहा है मेरा स्कूल मेरे घर पर काफी करीब है मैं अक्सर पैदल ही अपने स्कूल जाता हूं लेकिन कभी-कभी मेरे पिता अपने ऑफिस जाते समय मुझे स्कूल छोड़ देते हैं

मेरे विद्यालय में एक विस्तृत खेल का मैदान और एक सुंदर उद्यान के साथ एक सुंदर इमारत है | मैं हमेशा अपने स्कूल समय पर पहुंचता हूं सभा में भाग लेने के बाद सभी विद्यार्थी अपनी अपनी कक्षा में चले जाते हैं | मेरे शिक्षक बहुत ही दयालु है |

वह हमें देखभाल और प्यार से सिखाते हैं मेरे क्लास फेलो बहुत सावधान है यह सभी पढ़ाई में एक दूसरे की मदद करते हैं मेरा स्कूल अनुशासन का सख्ती से पालन करता है हमारे स्कूलों में विभिन्न सेमिनार और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं छात्रों को उन सभी आयोजन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है

मेरा स्कूल पर 500 शब्दों का निबंध :-

प्रस्तावना :-.

विद्यालयों को प्राचीन काल से ही मंदिरों का दर्जा दिया गया है प्राचीन काल में बालक 68 अथवा 11 वर्ष की अवस्था में गुरुकुल ओ अथवा विद्यालय में ले जाए जाते थे और वे गुरु के पास बैठकर ब्रह्मचारी के रूप में शिक्षा प्राप्त करते थे गुरु उनके शारीरिक और बौद्धिक संस्कारों को पूर्ण करता हूं हुआ उन्हें सभी शास्त्रों एवं उपयोगी विद्याओं के शिक्षा देता था अंत में दीक्षा देकर उन्हें विवाह कर गृहस्थ आश्रम के विविध कर्तव्यों का पालन करने के लिए वापस भेजता था वर्तमान के विद्यालय प्राचीन काल के गुरुकुल से बहुत अलग अवश्य है किंतु आज भी विद्यालयों को मंदिर और अध्यापकों को भगवान का दर्जा दिया जाता है

विद्यालय स्थल :-

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसलिए हमारे विद्यालय से एक पीले रंग की स्कूल बस रोज सुबह 8:00 बजे समय पर मेरे घर के सामने मुझे लेने के लिए आती है और मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती हैं

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान कोपर तो समझा जाता था जहां पर किसी भी प्रकार का सोना क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है इसके चारों ओर ऊंची ऊंची दीवारें हैं

विद्यालय परिसर :-

मेरे विद्यालय के पीछे की ओर एक बहुत बड़ा मैदान है जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेलकूद का आनंद लेते हैं यहीं पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते हैं और अपने दिन की शुरुआत करते हैं विद्यालय के मैदान के चारों और बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और छोटी-छोटी घास लगी हुई है विद्यालय परिसर में कई छोटी-छोटी बटिकाए भी हैं जिनमें रंग बिरंगे फूल खिलते हैं इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है ।

मेरे स्कूल के शिक्षक :-

हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परेशानी विद्वान और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले अध्यापक हैं हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही परिश्रम और लगन से सिलेबस के अनुसार पढ़ाते हैं साथ ही लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं सभी अध्यापक हमारे लिखित कार्य को बहुत ही सावधानी पूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं इससे हमें शुद्ध भाषा सीखने और उसका प्रयोग करने में सहायता मिलती है हमारे स्कूल के अध्यापक बहुत ही दयालु हैं जो हमें अनुशासन का अनुसरण करना सिखाते हैं हमारे शिक्षक हमेशा हमें खेल क्रियाओं प्रश्न उत्तर प्रतियोगिताओं मौखिक लिखित परीक्षा वाद वाद विवाद समूह चर्चा आदि दूसरी क्रिया में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करते हैं हमारे स्कूल के अध्यापक हमें स्कूल में अनुशासन को बनाए रखने और स्कूल परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए भी प्रेरित करते हैं सचमुच हमारे स्कूल के शिक्षक अच्छे हैं

मेरे स्कूल का पुस्तकालय :-

हमारे स्कूल में एक बहुत ही विशाल पुस्तकालय है इसमें नर्सरी से लेकर 10वीं तक की विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं इस पुस्तकालय में हिंदी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण माह से कार सवार थे का और वार्षिक पत्रिकाएं भी आती है पुस्तकालय अध्यक्ष बहुत ही परिश्रमी और अच्छे व्यक्ति हैं हमें पुस्तकालय से हमारी जरूरत क प्रत्येक पुस्तक मिल जाती है जिसे घर भी ले जाया जा सकता है पुस्तकालय से पुस्तक को केवल कुछ निश्चित समय के लिए ही घर ले जाने की अनुमति मिलती है ।

विद्यालय के प्रकार :-

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते हैं विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं जैसे

  • आंगनवाड़ी :- आंगनवाड़ी में समानता छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीज सिखाते हैं
  • प्राथमिक विद्यालय- प्राथमिक विद्यालय में 1 से 5 तक की पढ़ाई होती है
  • माध्यमिक विद्यालय- इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है कभी-कभी यह कक्षा 6 से 8 तक भी होती है
  • उच्चतर माध्यमिक विद्यालय- 12वीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक्त हमें नन्हे पौधे रहते हैं हमारा विद्यालय ही हमें चेंज करे बड़ा एक वृक्ष बनाता है और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है हमें अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियों हम अपने विद्यालय में ही बताते हैं बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताए लम्हों को ही याद करते हैं

विद्यालय का क्या महत्व है?

विद्यालय में बालक किसी भी विषय का विशिष्ट तथा विस्तृत ज्ञान प्राप्त करता है इसलिए बालक की शिक्षा के लिए विद्यालय घर की अपेक्षा बहुत महत्वपूर्ण है

विद्यालय का वाक्य क्या होगा?

हम प्रतिदिन विद्यालय जाते हैं

स्कूल में स्टूडेंट लाइफ क्या है?

छात्र जीवन का उल्लेख हो सकता है एक छात्र की रोजमर्रा की जिंदगी है छात्र जीवन संगठन एक छात्र नेतृत्व वाला समाज जो स्कूलों में उपयोग करता है

एक अच्छे स्कूल में क्या क्या होना चाहिए?

1. मैनेजमेंट की सोच मैनेजमेंट का वजन ही यह तय करता है कि टीम में कौन टीचर होंगे क्या-क्या एक्टिविटी होंगे और बच्चों का लर्निंग आउटकम क्या होगा 2. जोशीले टीचर्स 3. स्टूडेंट का रिस्पेक्ट 4. लर्निंग आउटकम 5. हैप्पीनेस

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  • मेरा प्रिय लेखक पर निबंध

Suneel

नमस्‍कार दोस्‍तों! Hindigrammar.in.net ब्‍लॉग पर आपका हार्दिक स्‍वागत हैं। मैं Suneel Kevat इस ब्‍लॉग का Writer और Founder हूँ. और इस वेबसाइट के माध्‍यम से Hindi Grammar, Essay, Kavi Parichay, Lekhak Parichay, 10 Lines Nibandh and Hindi Biography के बारे में जानकारी शेयर करता हूँ।

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दा इंडियन वायर

स्कूल का पहला दिन पर निबंध

essay of school in hindi

By विकास सिंह

my first day at school in hindi

विषय-सूचि

स्कूल का पहला दिन पर निबंध (my first day at school essay in hindi)

यह स्कूल में मेरा पहला दिन था। मेरे पास एक नया बैग, पानी की बोतल, नई किताबें, जूते और मोजे और साथ ही डोरा आकार का टिफिन बॉक्स था। मैं इन सभी नई चीजों के साथ स्कूल जाने के बारे में खुश था, लेकिन मुझे जो दुख हुआ वह यह था कि मुझे नए दोस्त भी बनाने थे। इसलिए, मैं उस दिन खुद मेरे लिए एक दोस्त खोजने के लिए भगवान से पूछने के लिए घर छोड़ने से पहले प्रार्थना कक्ष में भाग गया।

मुझे लगा कि स्कूल का मेरा पहला दिन बहुत उबाऊ होगा – अकेले बैठे हुए केवल नोट्स की नकल करना और दूसरों को अपने दोस्तों के साथ बात करते और हँसते हुए देखना। मैं अपनी कक्षा में पहुँच गया। जब मैं नया था तब सभी मुझे देख रहे थे। सुकर है! शिक्षक तेजी से आया, क्योंकि सभी चिल्ला रहे थे। हमें अपना परिचय देना था। जब मैंने अपना परिचय दिया और अपनी जगह पर बैठा तो मुझे अचानक अपनी पीठ से एक छोटी सी आवाज़ सुनाई दी। किसी ने कहा, “मुझे माफ कर दो” और मैं घूम गया।

मेरे आश्चर्य करने के लिए यह एक सुंदर लड़की थी। “हाँ” मैंने कहा, और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसका दोस्त बन सकता हूँ? मैं बहुत खुश था कि मैं खुद को हाँ कहने से रोक नहीं पाया। स्कूल के पहले दिन एक दोस्त !! घर पहुँचने के बाद मैं प्रार्थना कक्ष में भाग गया और भगवान का धन्यवाद किया क्योंकि स्कूल जाने से पहले मैंने भगवान से उस दिन मेरे लिए एक दोस्त खोजने के लिए कहा था। उसका नाम बेथ है। वह सात साल की है और उसका जन्मदिन 13 मई को है, जो मेरा है। हम अभी अच्छे दोस्त हैं और तभी से हम एक साथ कई गतिविधियाँ करते हैं। हम हमेशा हमेशा के लिए सबसे अच्छे दोस्त होंगे।

my first day at school

पाठशाला का पहला दिन पर निबंध (essay on my first day at school in hindi)

उस दिन परिवार बेहद उत्साहित था। मेरे माता-पिता मुझे पिछले दिन मंदिर ले गए थे और मेरा बैग बहुत देखभाल के साथ पैक किया गया था। मुझे अपने जीवन में पहली बार पाठशाला जाना था। मैं तीन साल का था और मुझे आज भी याद है कि मैं पहली बार पाठशाला गया था। मेरे पिता मुझे अपनी कक्षा में छोड़ने आए और मुझे अपने शिक्षक और कक्षा से परिचित होने में मदद की। मुझे घर से इतने घंटे दूर रहने के ख्याल से नफरत थी। कार से उतरते ही मैंने आँसू बहा दिए और मेरे पिता का हाथ थाम लिया।

मेरे पिता मेरे डर को महसूस कर सकते थे और खेल के मैदान पर मेरा ध्यान आकर्षित करके मुझे खुश करने की कोशिश करते थे, जहां झूले मुझे आने और खेलने के लिए आमंत्रित कर रहे थे। मैं थोड़ा बेहतर हूं क्योंकि मैंने कई अन्य लड़कों और लड़कियों को कक्षा में प्रवेश करते हुए देखा, जहां मुझे जाना था।

श्रीमती स्मिथ वह एक दयालु महिला थीं, जिन्होंने हम सभी को सहज महसूस कराया। जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि स्कूल मजेदार था क्योंकि श्रीमती स्मिथ ने हमें कुछ गाने सिखाए और हमें कुछ कहानियाँ सुनाईं। उसने हमारे पाठशाला में हमारी माँ की जगह ली।

मेरा साथी मेरे साथ अपना दोपहर का भोजन साझा करने लगा। हम सबसे अच्छे दोस्त बन गए और जल्द ही मुझे अपने पाठशाला से प्यार हो गया। हालाँकि आज भी, जब मैं पाठशाला 1 में अपने पहले दिन के बारे में सोचता हूँ, तो मुझे उस डर को याद करना चाहिए जो मेरे पास था और कैसे मेरे शिक्षक और मेरे दोस्तों ने इस भावना को दूर करने में मेरी मदद की।

पाठशाला में पहले दिन की मेरी यादें आज तक मुझे परेशान करती हैं। फिर कभी मैंने अजीब भावनाओं के मिश्रण का अनुभव नहीं किया है। नए दोस्त बनाने के उत्साह के साथ-साथ स्कूल में होने की चिंता-इन सभी ने स्कूल में मेरा पहला दिन सबसे यादगार बना दिया और मैं उस मासूमियत और मस्ती के लिए लंबी हो गई जो मेरे और मेरे दोस्तों के बीच आम थी।

विद्यालय का पहला दिन पर निबंध (essay on my first day at school in hindi)

यह एक चमकदार धूप का दिन था, मेरी माँ ने मुझे स्कूल के मुख्य द्वार पर गिरा दिया। मैंने एक गहरी साँस ली और मुख्य द्वार की ओर चलने लगा। मैं एक भावनात्मक उथल-पुथल में था। मैं उत्तेजित था, डर गया और थोड़ा सा घबरा गया।

मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया क्योंकि मैंने बाकी सभी बच्चों को देखना शुरू किया। अधिकांश समूह में थे और सभी हंसते और मुस्कुराते हुए बात कर रहे थे। मैं बहुत छोटा महसूस करता था, जैसे कि मैं एक एलियन था, जो अभी-अभी धरती पर आया था। मैं वापस जाना चाहता था लेकिन यह संभव नहीं था। जब मैं स्कूल के मुख्य भवन में पहुँचा तो मैं स्वागत क्षेत्र तक गया जहाँ मैंने अपने कक्षा कक्ष के बारे में पूछताछ की।

इसके बजाय, मुझे लगा जैसे मुझे सिर्फ हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था। मुझे एक साथ लगभग 5 प्रश्नों के साथ बमबारी की गई थी। मैंने उन सभी को जवाब दिया।

मैं एक जोकर की तरह प्रत्येक वर्ग में गया, क्योंकि हर कोई मुझे देखता था क्योंकि मैंने उनकी तरह कपड़े नहीं पहने थे। मुझे लगा कि कोई आकर मुझे ‘हैलो’ कहेगा। आज तक, मैं अभी भी इंतजार कर रहा हूं। मुझे या मेरी तरह जानने के लिए किसी ने भी यहां समय नहीं लिया। मुझे पता है कि वे सभी मुझे जज करते हैं, क्योंकि मैंने भी उन्हें जज किया है।

अंत में, मैंने अपनी कक्षा को पाया और पाया कि दो शिक्षकों ने वास्तव में मुझे प्रभावित किया, जिसने मुझे आश्चर्यचकित किया; मुझे नहीं लगा कि पूरे स्कूल में कोई मुझे प्रभावित करेगा। शिक्षक ने मुझे कक्षा में एक नए छात्र के रूप में पेश किया और मुझे अपनी सीट दिखाई। मैं एक विज्ञान मॉडल की तरह महसूस कर रहा था और वे मुझ पर प्रयोग करने जा रहे थे।

विराम में, मैं अपनी कक्षा से बाहर आया, कैंटीन में अकेला बैठा था और अपनी माँ और पिताजी को याद कर रहा था। फिर से, मैं अपनी कक्षा में वापस चला गया। मैं बहुत अकेला महसूस कर रहा था। अंतिम अवधि एक नृत्य अवधि थी। हर कोई अपने साथियों के साथ नाच रहा था लेकिन मैं अकेला बैठा था। दिन के अंत में, मुझे अभी भी नए स्कूल से नफरत थी, अपने सभी पुराने दोस्तों को याद कर रहा था।

हालाँकि, जैसे-जैसे समय बीतता गया, मैंने नए दोस्त बनाए। आज, मैं एक शानदार छात्र और फुटबॉल टीम का कप्तान हूं। मैंने अब स्कूल जाना सीख लिया है।

[ratemypost]

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Kya sachmuch aapke school ka pahla din aaisa Gaya tha

Bahut hi Ganda hai modern jamane ke hisaab se lekin whasy achacha hai

Bhaut Bai Kar ha 😠😠😠😡😡

Page love Jo ISA banay ha🤮👹👹👹👹👹👺👺💀☠️💩💩💩💩💩

it is fine telling lie bikar hai

it was amazing and agar tum log ko lagta hai ki bekar hai to khud isse accha likh ke dikhao

bohot acha hai agar tomare lie bekar hai to khud post kar lo ek essay unho ne itni mehnat ki he

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Essay on My School in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

छात्रों को हमेशा उनकी परीक्षा में या किसी टेस्ट में स्कूल के बारे में लिखने को दिया जाता है और वे सही तरीके से इसको लिख नहीं पाते हैं। इसलिए हमने आज की पोस्ट में ख़ास इसी बात पर का ध्यान रखते हुए अलग-अलग तरह से जैसे- लाइन के अनुसार और शब्दों के अनुसार मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) तैयार किए हैं हमें उम्मीद है की आप इसे अच्छे से पढ़कर अपने परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। बढ़ता प्रदूषण समाज के सभी लोगो के लिए लिए बड़ी समस्या बन चूका है जिसके प्रति जागरूक करने के लिए स्कूल, कॉलेज में प्रदूषण पर निबंध लिखवाए जाते है जिससे बच्चे भी प्रदूषण से अवगत हो और उसको कम करने में अपना उत्तरदायित्व निभाए।

Essay on My School in Hindi - मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार से महत्व रखती है, यह आपको निबंध की सहायता से बताया गया है। विद्यालय पर निबंध लिखने से पूर्व आपको अपने विद्यालय की छवि अपने सामने रखनी चाहिए। इससे आपको निबंध लिखने में सहायता होगी। विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहाँ छात्र शिक्षा के साथ-साथ कई प्रकार की अन्य चीज़ें भी सीखता है। विद्यालय को ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय में हम जीवन का सबसे ज्यादा समय गुजारते हैं और कई विषयों पर शिक्षा लेते हैं। अध्यापक अपने ज्ञान छात्रों को देकर सफलता पाने का सही रास्ता दिखाते हैं।

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मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध कक्षा (1 से 3) के लिए my school essay in hindi

  • मेरा स्कूल/विद्यालय बहुत सुन्दर है।
  • मैं कक्षा (1, 2, 3) में पड़ता हूँ।
  • मेरे स्कूल की कक्षाएं बहुत ही सुन्दर और हवादार है।
  • मेरे स्कूल में छात्रों के लिए एक बहुत बड़ा खेल का मैदान है।
  • मेरे स्कूल में एक कंप्यूटर लैब भी है जहाँ सभी बच्चे कंप्यूटर चलाना सीखते हैं।
  • मेरे स्कूल में छात्रों के लिए एक पुस्तकालय भी है।
  • हम सभी अपने शिक्षकों से प्यार करते हैं क्यूंकि वे बहुत दयालु हैं।
  • हम सभी अपने विद्यालय में होने वाले भाषण, प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।
  • मेरा विद्यालय हमें अच्छा आचरण, स्वछता और नैतिकता सिखाता है।
  • मेरा स्कूल हमारे शहर का सबसे अच्छा स्कूल है।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध कक्षा (2 से 4) के लिए my school essay in hindi

  • मेरे स्कूल का नाम “महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज” है।
  • मेरे स्कूल मेरे घर से 2 किलो मीटर की दूरी पर पड़ता है।
  • मैं कक्षा 4 में पढता हूँ।
  • हम रोज स्कूल में खेलते हैं।
  • मेरे स्कूल में होमवर्क बहुत कम मिलता है।
  • मेरे स्कूल में 3 सर और 4 मैडम है।
  • मेरे स्कूल में हर एक कक्षा की अलग अलग यूनिफार्म है।
  • मेरे स्कूल में कक्षा 1 से कक्षा 5 तक कुल 200 छात्र हैं।
  • मेरे स्कूल के शिक्षक बहुत अच्छे हैं और हमे प्यार से पढ़ाते हैं।
  • मेरे स्कूल में बहुत सारे पेड़-पौधे लगे हैं।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध कक्षा (3 से 5) के लिए Essay on My School in Hindi

  • मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है।
  • मेरा विद्यालय आसपास के सभी विद्यालयों से सर्वश्रेष्ठ है।
  • मेरे विद्यालय में एक बड़ा खुला मैदान है जहाँ सभी बच्चे खेलते हैं।
  • मेरे विद्यालय में सभी बच्चों की ड्रेस एक सामान है।
  • मेरे विद्यालय की स्थापना सन 2008 में हुई थी।
  • मेरे विद्यालय का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक है।
  • मेरे विद्यालय का भवन मध्यम आकार का है और उसमें 16 कमरे हैं।
  • मेरे विद्यालय में एक विज्ञान की प्रयोगशाला भी है।
  • मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय भी है जहाँ हम सभी छात्र पढाई करते हैं।
  • मुझे मेरे विद्यालय पर बहुत गर्व है।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध कक्षा (4 से 6) के लिए my school essay in hindi

  • मेरे विद्यालय का नाम “टाइनी स्कॉलर्स” है।
  • मेरा विद्यालय काफी बड़ा है।
  • मेरे विद्यालय में सारे शिक्षक बहुत अच्छे हैं।
  • मेरे विद्यालय में बैठने के लिए बेंचों की बहुत अच्छी व्यवस्था है।
  • मेरे विद्यालय में अब स्मार्ट बोर्ड से पढाई होती है।
  • मेरे विद्यालय में दो कंप्यूटर लैब्स हैं।
  • मेरे विद्यालय की बिल्डिंग काफी बड़ी है।
  • मेरे विद्यालय में एक नया खेल का मैदान बन रहा है।
  • मेरे विद्यालय में स्पोर्ट्स के लिए दो शिक्षक हैं।
  • मेरे विद्यालय का बाथरूम साफ़ और सुथरा रहता है।

विश्व में बढ़ती जनसँख्या से होने वाले नुक्सान को रोकने के लिए और लोगो को इस समस्या के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व जनसँख्या दिवस मनाया जाता है जहा विश्व जनसँख्या पर निबंध लिखने की प्रतियोगिताए ही कराई जाती है।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध कक्षा (6 से 8) के लिए

  • मेरे स्कूल के सभी शिक्षक बहुत दयालु और सहयोगी हैं।
  • हम अपने स्कूल में सभी कार्यक्रम को बड़े उत्साह से मनाते हैं।
  • हमारे स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान है जहाँ हम रोज़ खेलते हैं।
  • मेरे स्कूल की कक्षाएं बड़ी और हवादार है।
  • मुझे अपने स्कूल से बहुत प्यार है क्यूंकि ये शहर के सबसे अच्छे स्कूलों में से एक है।
  • मुझे अपने स्कूल पर बहुत गर्व है क्यूंकि हम सभी यहाँ एक परिवार की तरह रहते हैं।
  • मेरे स्कूल में एक विज्ञान की प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब और एक पुस्तकालय भी है।
  • मेरे स्कूल में एक बगीचा भी है जिसमे बहुत सुन्दर-सुन्दर फूल खिले रहते हैं।
  • मेरे स्कूल का रिजल्ट हर साल शत प्रतिशत रहता है।
  • मैं ईश्वर से हमेशा यही विनती करता हूँ कि मेरे स्कूल के सभी शिक्षकों और छात्रों के जीवन में ख़ुशी और समृद्धि बनी रहे।

मेरे विद्यालय पर निबंध 100 शब्दों में | Essay on My School in Hindi

मेरे विद्यालय का नाम श्री गुरु राम राय है। जिसमें, मैं कक्षा 6 का छात्र हूँ और मेरे स्कूल में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10 तक की पढाई होती है। मेरे स्कूल में कुल 15 क्लासरूम है। मेरा स्कूल चारों तरफ से कांटेदार बॉउंड्री वॉल से घिरा है। मेरे स्कूल में दो शौचालय हैं, एक लड़कों के लिए और दूसरा लड़कियों के लिए। मेरे स्कूल में छात्रों के क्लासरूम के साथ-साथ एक रूम शिक्षकों के बैठने के लिए भी बनाया गया है और एक कार्यालय हमारे प्रधानाचार्य का है। मेरे स्कूल में एक सुन्दर और बड़ा सा मैदान है। मेरे स्कूल का कलर ग्रीन और वाइट हैं। मेरे विद्यालय में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ते हैं। हमारे विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए दो कमरे बनाये गए हैं क्यूंकि जब ज्यादा बच्चे हो जाते हैं तो उन्हें दूसरे सेक्शन में भेज दिया जाता है।

मेरा विद्यालय पर निबंध 300 शब्दों में | My School essay in Hindi

मेरे विद्यालय का नाम “छत्रपति शिवाजी महाराज” पब्लिक स्कूल है। मैं कक्षा आठवीं में पढ़ता हूँ और हमारे विद्यालय में कक्षा एक से लेकर दसवीं तक पढ़ाया जाता है। मेरे विद्यालय की बॉउंड्री वॉल बहुत ऊँची है ताकि कोई बाहर का अज्ञात व्यक्ति बिना किसी परमिशन के अंदर न आ सके। हमारे विद्यालय में कुल 20 क्लासरूम है, जिसमें 18 रूम हमारे विद्यालय के छात्रों को पढ़ने के लिए और एक हमारे अध्यापकों को बैठने व कार्य करने के लिए और एक अन्य हमारे प्रधानाचार्य जी के लिए है।

हमारे विद्यालय में एक बहुत बड़ा खेल का मैदान है जहाँ पर सभी छात्र-छात्राएं खेलते हैं और साथ-साथ शारीरिक व्यायाम भी करते हैं और यहाँ पर हमारी एक योगा क्लास भी चलती है। हमारे विद्यालय में पूरे 600 विद्यार्थी, 11 अध्यापक और एक प्रधानाचार्य और 2 गार्ड अंकल हैं। हमारे विद्यालय में 3 शौचालय है जिसमे एक छात्रों के लिए एक छात्राओं के लिए और एक अध्यापकों के लिए है। हमारे विद्यालय में साफ़ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है।

हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही साफ रहता है और यहाँ का शासन बहुत ही व्यवस्थित है। अगर विद्यालय का कोई बच्चा शासन तोड़ता है तो उसे प्रधानाचार्य द्वारा सजा दी जाती है। हमारा विद्यालय खेलकूद, डांस, मनोरंजन, ड्रामा इन सभी क्षेत्रों में बच्चों को प्रेरित करता है।

मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

मेरा विद्यालय (Essay on My School in Hindi) आर्टिकल का निष्कर्ष (Conclusion)

दोस्तों आज मैंने Essay on My School in Hindi (मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में) के बारे में कुछ लाइनों और शब्दों के माध्यम से बताया है। आशा करते हैं की आपको ये पसंद आया होगा। साथ ही यह जानकारी दूसरों के साथ शेयर भी करें और अगर कोई सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हो। धन्यवाद !

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10 Lines on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi - मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

हम सभी अपने विद्यालय में महत्मा गाँधी के बारे में जरूर ही पड़ते है। हमे महात्मा गाँधी की जीवनी, उनके बारे में सभी आवश्यक बाते पढाई और लिखाई जाती है।

my school essay in hindi से सम्बंधित प्रश्न

मेरे विद्यालय पर निबंध कैसे लिखें ?

मेरे विद्यालय में बहुत ही अच्छे शिक्षक है जो हमें बहुत अच्छे तरीके से पढ़ते हैं। मेरे विद्यालय में सभी प्रकार स्पोर्ट्स गेम की प्रैक्टिस करवाई जाती है। मेरे विद्यालय में समय-समय पर प्रतियोगिताएं का आयोजन किया जाता है। मेरा विद्यालय काफी साफ़ सुथरा है क्यूंकि यहाँ पर स्वच्छ भारत के तहत साफ़ सफाई पर ध्यान दिए जाता है। पूरा निबंध पढ़ने के लिए आप ऊपर दिए गए आर्टिकल को देखें।

अपने स्कूल के बारे में क्या लिखें ?

मेरे स्कूल में पढाई के साथ-साथ व्यक्तित्व और शारीरिक विकास पर भी ध्यान दिए जाता है। हमारे स्कूल के सभी विद्यार्थी हमेशा अच्छे अंको से पास होते हैं। जो आप अपने स्कूल में रोज देखते हो वो सब आप निबंध में लिख सकते हो।

आपको विद्यालय जाना क्यों पसंद है पर 4 वाक्य लिखिए ?

मेरा विद्यालय शहर के भीड़भाड़ से दूर शांत माहौल में स्थित है। इसके चारों ओर हरियाली छाई रहती है, जिसके कारण वातावरण शुद्ध रहता है। हम दोपहर के समय भोजन करने के बाद छाया में खेलते हैं। मेरे विद्यालय में एक सुन्दर सा बगीचा भी है।

विद्यालय के प्रमुख कार्य कौन-कौन से हैं ?

विद्यालय शैक्षिक अभिकरण के रूप में निम्न कार्य करता है – चारित्रिक व नैतिक विकास सांस्कृतिक विकास नागरिकता के गुणों का विकास औद्योगिक और व्यावसायिक शिक्षा का विकास सामाजिक प्रगति का विकास

विद्यालय की प्रस्तावना कैसे लिखें ?

विद्यालय में पड़ने के बाद हम तय कर पाते हैं की भविष्य में हमारे लिए क्या उचित होगा, इसीलिए विद्यालय सबकी ज़िन्दगी में बहुत मायने रखता है। विद्यालय अर्थात विद्या का भण्डार। ऐसा स्थान जहाँ पर अध्ययन के द्वारा छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय के प्रति आपके क्या कर्त्तव्य हैं ?

विद्यालय के प्रति हमारा कर्तव्य अपने गुरुओं, शिक्षकों के प्रति आदर से रहना सबकी इज़्ज़त करना और उनके द्वारा पढ़ाया गया पाठ ध्यानपूर्वक सुनकर उसको अमल करना है। वे जो भी कार्य देते हैं उसे समय पर पूर्ण करने की चेष्टा रखना है।

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विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबन्ध | Essay on School Annual Function in Hindi

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विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबन्ध | Essay on School Annual Function in Hindi!

विद्यालय जीवन में वार्षिकोत्सव का विशेष महत्त्व है, क्योंकि उदेश्य विद्यार्थियों में आत्म-संयम, विद्यालय की प्रगति में सहयोग देना और अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित करना होता है । इन उत्सवों के आयोजन से विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा, प्रदर्शन, आत्माभिव्यक्ति और दायित्व की भावना को बहिर्मुखी होकर विकसित होने का पूरा मौका मिलता है ।

हमारे विद्यालय में प्रति वर्ष वार्षिकोत्सव का प्रारम्भ बसन्त पंचमी से एक सप्ताह पूर्व हो जाता है । इस वर्ष हमारे विद्यालय को आरम्भ हुए पचास वर्ष पूर्ण हो गये थे । इसलिए हमारे विद्यालय की कार्यकारिणी समिति ने इस वर्ष के उत्सव को ‘ स्वर्ण जयन्ती ‘ के रूप में मनाने का निश्चय किया । इस आयोजन के कार्यों का विभाजन कर दिया गया ।

विद्यार्थी व अध्यापक अपने – अपने कार्यों की तैयारी में लग गए। विद्यालय भवन की अच्छी तरह सफाई की गई । रंग-रोगन कराया गया । प्रत्येक कक्ष चित्रों व चार्टों से सजाया गया । शिक्षा निदेशक, शिक्षाधिकरिा अन्य विशिष्ट लोगों एवं अभिभावकों को निमन्त्रण-पत्र प्रेषित किए गए ।

विद्यालय प्रांगण में शमियाना लगाया गया । फर्श दरियों और कालीनों से सजाया गया । एक ओर मंच बनाया गया। उसके सामने मुख्य अतिथि के लिए बैठने का स्थान बनाया गया । दायें-बायें विशिष्ट लोगों व अभिभावकों के बैठने के लिए कुर्सियाँ डाली गई ।

दिन के ठीक 3 बजे मुख्य अतिथि आए । विद्यालय के बैण्ड, प्रबन्ध समिति और अध्यापकों आदि ने उनका स्वागत किया । माल्यार्पण से वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम आरम्भ हुआ । विद्यालय प्रांगण दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था । प्राचार्य महोदय ने अपने अमूल्य विचारों के बीच विद्यालय की प्रगति पर प्रकाश डाला । फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम आरम्भ हुआ ।

ADVERTISEMENTS:

कवि गोष्ठी के बाद ‘ राखी की लाज ‘ नाटक खेला गया । इसमें रानी दुर्गावती भीलनी और तातार खाँ का अभिनय करने वालों का अभिनय सराहनीय रहा । दर्शकों की ओर से काफी नकद पुरस्कार आए । इसके बाद संगीत का कार्यक्रम चला ।

मुख्य अतिथि ने गतवर्ष बोर्ड की परीक्षा में प्रथम आने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक दिया । फिर विद्यालय के सर्वश्रेठ अनुशासित विद्यार्थी को पुरस्कृत किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाले सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को पुरस्कार दिये गये । अध्यापकों को चाँदी के सिक्के दिये गये ।

विद्यालय के प्रबन्ध महोदय ने स्कूल के अतीत पर प्रकाश डाल कर मुख्य अतिथि से दो शब्द कहने के लिए निवेदन किया । उन्होंने कहा, ‘ मुझे बच्चों के बीच उपस्थित होने में अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है । ये बच्चे उन सुकुमार पौधों के समान है जो आगे चलकर एक विशाल वृक्ष का रूप धारण कर समाज को स्वादिष्ट फल प्रदान करेंगे ।

कल ये ही बच्चे देश के कर्णधार बनेंगे । ’ मुख्य अतिथि के शब्दों के बाद प्राचार्य जी ने उनके प्रति और आमंत्रित ममुदाय के प्रति आभार प्रकट किया । फिर उन्हें एक सुसज्जित कक्ष में जलपान के लिए ले गए । छात्रों में मिष्ठान बाँटा गया ।

अंत में प्रबन्धक महोदय ने इस दिवस के लिए सभी को धन्यवाद दिया और विद्यालय के प्राचार्य एवं अध्यापकों के कार्यों की भूरि- भूरि प्रशंसा की । अगले दिन के अवकाश की घोषणा कर दी गई । इस वार्षिकोत्सव के बाद सभी विद्यार्थियों के हृदयों में नए प्रकार का उत्सव जाग्रत हुआ । प्रत्येक विद्यार्थी अध्ययन के साथ पाठ्‌येत्तर क्रियाओं में इस रुचि से भाग लेने लगा कि अगले वार्षिकोत्सव में वह भी पुरस्कार का भागी बने

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शिक्षा पर निबंध 100, 150, 200, 250, 500 शब्दों मे (Education Essay in Hindi)

essay of school in hindi

Education Essay in Hindi – नेल्सन मंडेला ने ठीक ही कहा था, “दुनिया को बदलने के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण हथियार है।” शिक्षा एक व्यक्ति के विकास और उसे एक जानकार नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह शिक्षा ही है जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है, सामाजिक बुराइयों को दबाने में मदद करती है और समग्र रूप से समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देती है।

शिक्षा प्रकृति के रहस्य को जानने में मदद करती है। यह हमें हमारे समाज के कामकाज को समझने और सुधारने में सक्षम बनाता है। यह बेहतर जीवन के लिए परिस्थितियाँ बनाता है। शिक्षा समाज में हो रहे अन्याय से लड़ने की क्षमता लाती है। प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार है।

परिचय (Introduction)

शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है जो ज्ञान, कौशल, तकनीक, सूचना प्रदान करती है और लोगों को अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को जानने में सक्षम बनाती है। आप हमारे आसपास की दुनिया को देखने के लिए अपनी दृष्टि और दृष्टिकोण का विस्तार कर सकते हैं। यह जीवन के प्रति हमारी धारणा को बदल देता है। शिक्षा आपकी रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए नई चीजों का पता लगाने की क्षमता का निर्माण करती है। आपकी रचनात्मकता राष्ट्र को विकसित करने का एक उपकरण है।

शिक्षा पर निबंध 10 लाइन (Education Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) शिक्षा वह प्रक्रिया है जो किसी के चरित्र को सीखने, ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में सहायता करती है।
  • 2) शिक्षा समाज की सोच को उन्नत करती है और सामाजिक बुराइयों को दूर करने में मदद करती है।
  • 3) यह समाज की असमानताओं से लड़कर देश के समान विकास में मदद करता है।
  • 4) हम शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों आदि जैसे विभिन्न तरीकों से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
  • 5) कहानी सुनाना शिक्षा का एक तरीका है जो ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाने में मदद करता है।
  • 6) गुरुकुल प्राचीन भारत की शिक्षा प्रणाली थी जब छात्र गुरुओं के साथ रहकर सीखते थे।
  • 7) शिक्षा का अधिकार अधिनियम शिक्षा को हर बच्चे का मौलिक अधिकार बनाता है।
  • 8) शिक्षा आजीविका कमाने और हमारे मूल अधिकारों के लिए लड़ने में मदद करती है।
  • 9) शिक्षा अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटने में मदद करती है।
  • 10) आय में वृद्धि और गरीबी को कम करके शिक्षा भी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

शिक्षा पर निबंध 20 लाइन (Education Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) शिक्षा ज्ञान प्रदान करने, तार्किक दृष्टिकोण विकसित करने और व्यक्ति की क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।
  • 2) शिक्षित नागरिकों वाले देश में हमेशा तार्किक सोच और विचारों वाले लोग होंगे।
  • 3) लोकतांत्रिक देशों में शिक्षा सही सरकार चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • 4) शिक्षा व्यक्ति के शारीरिक, सामाजिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में मदद करती है।
  • 5) यह एक व्यक्ति के सामाजिक और नैतिक मूल्यों को भी बढ़ाता है और उसे अधिक समझदार, सहिष्णु, सहायक और सहानुभूतिपूर्ण बनाता है।
  • 6) यह कठोर शिक्षा और विकास के माध्यम से किसी व्यक्ति के व्यवहार को संशोधित और बढ़ाता है।
  • 7) शिक्षा गरीबी उन्मूलन और समाज में समानता लाने में मदद करती है।
  • 8) यह किसी देश के नागरिकों की निर्णय लेने की क्षमता को एक बौद्धिक चैनल देने का एक तरीका है।
  • 9) कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में विकास शिक्षा के कारण ही संभव है।
  • 10) शिक्षा बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करती है ताकि वे विकास में अपना योगदान दे सकें।
  • 11) शिक्षा व्यक्ति को सामाजिक, वित्तीय और बौद्धिक पहलुओं में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाती है।
  • 12) प्राचीन भारत में शिक्षा सभी के लिए थी, लेकिन यह जाति और कर्तव्यों के आधार पर उपलब्ध हो गई।
  • 13) नालंदा और तक्षशिला प्राचीन काल के सबसे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान थे।
  • 14) शिक्षा को कोई चुरा नहीं सकता, इसलिए यह हमेशा हमारे पास रहती है और कभी बेकार नहीं जाती।
  • 15) भारत में मुख्य रूप से तीन प्रकार के स्कूल हैं जैसे सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त निजी स्कूल और निजी स्कूल।
  • 16) भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में उड़ान, सक्षम, प्रगति आदि जैसे विभिन्न पहलों की शुरुआत की है।
  • 17) इन पहलों ने भारत में शिक्षा की स्थिति और गुणवत्ता में सुधार करने में प्रमुख रूप से मदद की है।
  • 18) विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास ने शिक्षा प्राप्त करने के तरीके को भी बदल दिया है।
  • 19) आजकल, शिक्षा प्रदान करने के लिए ई-लर्निंग, वीडियो-आधारित शिक्षा आदि जैसी विभिन्न तकनीकें और तरीके हैं।
  • 20) शिक्षा हमेशा मानव जाति के लिए प्रेरक शक्ति रही है।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • My School Essay
  • Importance Of Education Essay

शिक्षा पर लघु पैराग्राफ (Short Paragraphs on Education in Hindi)

शिक्षा मानव जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। हम सभी शिक्षित होने के पात्र हैं। यह हमारा मानवीय अधिकार है। लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जिनके पास शिक्षा प्राप्त करने का उचित अवसर नहीं है। इसके पीछे मुख्य कारण गरीबी है। इनमें ज्यादातर बाल मजदूरी से जुड़े हैं। माता-पिता को इस मुद्दे पर जागरूक होने की जरूरत है। आपको इस उम्र में अपने बच्चों को काम नहीं करने देना चाहिए। वे स्कूल जाने के योग्य हैं; अन्यथा, वे देश के लिए एक खतरनाक व्यक्ति हो सकते हैं। हम सभी को सभी के लिए शिक्षा अभियान पर अपनी आवाज बुलंद करने की जरूरत है। यह वास्तव में महत्वपूर्ण है।

शिक्षा पर निबंध 100 शब्दों मे (Education Essay 100 Words in Hindi)

सबसे पहले शिक्षा किसी को भी पढ़ने लिखने की क्षमता देती है। जीवन में आगे बढ़ने और सफल होने के लिए एक अच्छी शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में सहायता मिलती है। शिक्षा हमारे जीवन में एक बड़ी भूमिका निभाती है। शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा जैसे 3 भागों में विभाजित किया गया है। शिक्षा के इन तीनों विभागों का अपना मूल्य और लाभ है। प्राथमिक शिक्षा व्यक्ति के लिए शिक्षा का आधार है, माध्यमिक शिक्षा आगे की शिक्षा के लिए दिशा प्रदान करती है और उच्च माध्यमिक शिक्षा भविष्य और जीवन का अंतिम मार्ग बनाती है।

शिक्षा पर निबंध 150 शब्दों मे (Education Essay 150 Words in Hindi)

शिक्षा जीवन में बढ़ने और कुछ महत्वपूर्ण समझने का एक बहुत शक्तिशाली माध्यम है। मनुष्य के जीवन में कठिन जीवन की कठिनाइयों को कम करने में शिक्षा का बहुत लाभ होता है। शिक्षा युग के माध्यम से प्राप्त विशेषज्ञता हर किसी को अपने जीवन के बारे में प्रोत्साहित करती है। शिक्षा कैरियर के विकास में सुधार के लिए जीवन में अधिक वास्तविक संभावनाएं प्राप्त करने की संभावनाओं के लिए कई दरवाजों में प्रवेश करने का एक तरीका है। सरकार विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और हमारे जीवन में इसके लाभों के बारे में सभी को शिक्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की व्यवस्था भी कर रही है। शिक्षा समाज में सभी के बीच समानता का ज्ञान प्रदान करती है और राष्ट्र के विकास और सुधार को प्रोत्साहित करती है।

इस आधुनिक तकनीक आधारित युग में, शिक्षा हमारे जीवन में एक सर्वोच्च भूमिका निभाती है। और इस युग में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए कितने ही तरीके हैं। शिक्षा का पूरा मानदंड अब आधुनिक हो चुका है। और शिक्षा किसी के भी जीवन पर एक बड़ा प्रभाव डालती है।

शिक्षा पर निबंध 200 शब्दों मे (Education Essay 200 Words in Hindi)

हर बच्चे का जीवन में कुछ अनोखा करने का अपना नजरिया होता है। कभी-कभी माता-पिता भी अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस या पीसीएस अधिकारी, या किसी अन्य उच्च-स्तरीय पेशे जैसे उच्च व्यवसायों में होने का सपना देखते हैं। बच्चों या माता-पिता के ऐसे सभी लक्ष्यों को शिक्षा द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है।

इस प्रतिस्पर्धी युग में, जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी के पास अच्छी शिक्षा और अच्छा ज्ञान होना चाहिए। शिक्षा न केवल अच्छी नौकरी देती है बल्कि जीवन को नए नजरिए से समझने की क्षमता भी बढ़ाती है। सभ्य शिक्षा जीवन में आगे बढ़ने के कई रास्ते बनाती है। यह हमारे विशेषज्ञता स्तर, तकनीकी क्षमताओं और उत्कृष्ट कार्य में सुधार करके हमें बौद्धिक और नैतिक रूप से शक्तिशाली बनाता है।

साथ ही, कुछ बच्चे अन्य क्षेत्रों जैसे खेल, नृत्य, संगीत, और भी बहुत कुछ में रुचि रखते हैं, वे अपनी संबंधित डिग्री, अनुभव, प्रतिभा और भावना के साथ अपनी अतिरिक्त शिक्षा कर सकते हैं। भारत में, शिक्षा के विभिन्न बोर्ड उपलब्ध हैं जैसे राज्यवार बोर्ड (गुजरात बोर्ड, यूपी बोर्ड, आदि), आईसीएसई बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आदि। और शिक्षा विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है जैसे कि एक बच्चा अपनी मातृभाषा में पढ़ सकता है या हिंदी माध्यम में या अंग्रेजी माध्यम में, बोर्ड या भाषा का चयन करना माता-पिता या बच्चे की पसंद है। यह वह उम्र है जहां शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है और इसकी मदद से कोई भी अपने जीवन को बेहतर तरीके से बदल सकता है।

शिक्षा पर निबंध 250 शब्दों मे (Education Essay 250 Words in Hindi)

शिक्षा पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एक स्वस्थ और स्मार्ट समाज के विकास में दोनों की एक आवश्यक भूमिका है। शिक्षा एक शानदार भविष्य देने का एक आवश्यक तरीका है और साथ ही राष्ट्र के विकास और सुधार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राष्ट्र के बेहतर भविष्य और प्रगति के लिए राष्ट्र के नागरिक जिम्मेदार हैं।

अत्यधिक शिक्षित नागरिक एक विकसित राष्ट्र की नींव बनाते हैं। इसलिए, सभ्य शिक्षा व्यक्ति और राष्ट्र दोनों के लिए एक शानदार कल का निर्माण करती है। शिक्षित निर्देशक ही देश को बनाते हैं और उसे समृद्धि और विकास के शीर्ष पर ले जाते हैं। शिक्षा सभी को प्रतिभाशाली और यथासंभव उत्कृष्ट बनाती है।

एक विश्वसनीय शिक्षा जीवन के लिए कई उद्देश्य प्रदान करती है जैसे व्यक्तिगत सुधार, सामाजिक स्थिति में वृद्धि, सामाजिक कल्याण में विकास, वित्तीय विकास, देश की समृद्धि, जीवन के उद्देश्यों की स्थापना, हमें कई सामाजिक सरोकारों से अवगत कराना और पेशकश करने के लिए परिस्थितियों का निर्धारण करना। किसी भी मुद्दे और अन्य प्रासंगिक मामलों के लिए सर्वोत्तम समाधान।

आजकल, हर कोई आधुनिक तकनीक आधारित प्लेटफॉर्म का उपयोग करके शिक्षा प्राप्त कर सकता है, और इसके लिए विभिन्न दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम भी उपलब्ध हैं। और इस तरह की आधुनिक शिक्षा प्रणाली विभिन्न जातियों, धर्मों और जातियों में से प्रत्येक के बीच अशिक्षा और असमानता की सामाजिक समस्याओं पर चर्चा करने में पूरी तरह से कुशल है।

शिक्षा बड़े पैमाने पर लोगों की रचनात्मकता का विस्तार करती है और राष्ट्र में सभी विविधताओं को दूर करने के लिए उन्हें लाभान्वित करती है। यह हमें ठीक से अध्ययन करने और जीवन के हर चरण को जानने की अनुमति देता है। शिक्षा सभी मानवीय स्वतंत्रताओं, सामाजिक स्वतंत्रताओं, उत्तरदायित्वों और राष्ट्र के प्रति दायित्वों को जानने का बोध कराती है। संक्षेप में, शिक्षा में किसी राष्ट्र को सर्वोत्तम तरीके से सुधारने की शक्ति है।

शिक्षा पर निबंध 500 शब्दों मे (Education Essay 500 Words in Hindi)

शिक्षा एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हर किसी के जीवन में बहुत उपयोगी है। शिक्षा वह है जो हमें पृथ्वी पर अन्य जीवित प्राणियों से अलग करती है। यह मनुष्य को पृथ्वी का सबसे चतुर प्राणी बनाता है। यह मनुष्यों को सशक्त बनाता है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का कुशलतापूर्वक सामना करने के लिए तैयार करता है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि शिक्षा अभी भी हमारे देश में एक विलासिता है और एक आवश्यकता नहीं है। शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए देश भर में शैक्षिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है। लेकिन, यह पहले शिक्षा के महत्व का विश्लेषण किए बिना अधूरा रहता है। केवल जब लोग यह महसूस करते हैं कि इसका क्या महत्व है, तभी वे इसे अच्छे जीवन के लिए आवश्यक मान सकते हैं। शिक्षा पर इस निबंध में, हम शिक्षा के महत्व और कैसे यह सफलता का द्वार है, देखेंगे।

शिक्षा का महत्त्व

शिक्षा गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। इसके अलावा, यह वाणिज्यिक परिदृश्य को बढ़ाता है और देश को समग्र रूप से लाभान्वित करता है। अतः किसी देश में शिक्षा का स्तर जितना ऊँचा होगा, विकास की सम्भावनाएँ उतनी ही अधिक होंगी।

इसके अतिरिक्त, यह शिक्षा व्यक्ति को विभिन्न प्रकार से लाभ भी पहुँचाती है। यह एक व्यक्ति को अपने ज्ञान के उपयोग के साथ बेहतर और सूचित निर्णय लेने में मदद करता है। इससे व्यक्ति के जीवन में सफलता दर बढ़ती है।

इसके बाद, शिक्षा एक उन्नत जीवन शैली प्रदान करने के लिए भी जिम्मेदार है। यह आपको करियर के अवसर प्रदान करता है जो आपके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है।

इसी प्रकार शिक्षा भी व्यक्ति को स्वावलम्बी बनाने में सहायक होती है। जब कोई पर्याप्त शिक्षित होगा, तो उसे अपनी आजीविका के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वे अपने लिए कमाने और एक अच्छा जीवन जीने के लिए आत्मनिर्भर होंगे।

इन सबसे ऊपर, शिक्षा व्यक्ति के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है और उन्हें जीवन में कुछ निश्चित बनाती है। जब हम देशों के दृष्टिकोण से बात करते हैं, तब भी शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षित लोग देश के बेहतर उम्मीदवार को वोट देते हैं। यह एक राष्ट्र के विकास और विकास को सुनिश्चित करता है।

सफलता का द्वार

यह कहना कि शिक्षा आपकी सफलता का द्वार है एक अल्पमत होगा। यह कुंजी के रूप में कार्य करता है जो कई दरवाजे खोल देगा जो सफलता की ओर ले जाएगा। बदले में, यह आपको अपने लिए एक बेहतर जीवन बनाने में मदद करेगा।

एक शिक्षित व्यक्ति के पास दरवाजे के दूसरी तरफ नौकरी के बहुत सारे अवसर होते हैं। वे विभिन्न प्रकार के विकल्पों में से चुन सकते हैं और वे कुछ नापसंद करने के लिए बाध्य नहीं होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षा हमारी धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। यह हमें सही रास्ता चुनने और चीजों को सिर्फ एक के बजाय विभिन्न दृष्टिकोणों से देखने में मदद करता है।

शिक्षा से आप अपनी उत्पादकता बढ़ा सकते हैं और एक अशिक्षित व्यक्ति की तुलना में किसी कार्य को बेहतर ढंग से पूरा कर सकते हैं। हालांकि, हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवल शिक्षा ही सफलता सुनिश्चित नहीं करती है।

यह सफलता का द्वार है जिसके लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और बहुत कुछ की आवश्यकता होती है जिसके बाद आप इसे सफलतापूर्वक खोल सकते हैं। ये सभी चीजें मिलकर आपको जीवन में सफल बनाएंगी।

अंत में, शिक्षा आपको एक बेहतर इंसान बनाती है और आपको विभिन्न कौशल सिखाती है। यह आपकी बुद्धि और तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है। यह किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास को बढ़ाता है।

शिक्षा किसी देश के आर्थिक विकास में भी सुधार करती है। इन सबसे ऊपर, यह किसी देश के नागरिकों के लिए एक बेहतर समाज के निर्माण में सहायता करता है। यह अज्ञानता के अंधकार को नष्ट करने और दुनिया में प्रकाश लाने में मदद करता है।

  • Social Media Essay
  • Christmas Essay
  • Clean India Green India Essay
  • Climate Change Essay

शिक्षा पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है.

A.1 शिक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक व्यक्ति के समग्र विकास के लिए जिम्मेदार है। यह आपको कौशल हासिल करने में मदद करता है जो जीवन में सफल होने के लिए आवश्यक हैं।

Q.2 शिक्षा सफलता के द्वार के रूप में कैसे काम करती है?

A.2 शिक्षा सफलता का द्वार है क्योंकि यह आपको नौकरी के अवसर प्रदान करती है। इसके अलावा, यह जीवन की हमारी धारणा को बदलता है और इसे बेहतर बनाता है।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध Essay on Annual Function of School in Hindi

विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध Essay on Annual Function of School in Hindi

इस लेख में हमने विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध (Essay on Annual function of School in Hindi) दिया गया है जिसमें वार्षिकोत्सव की परिभाषा, तैयारी, कार्यक्रम, मुख्य अथिति और दस वाक्य को शामिल किया गया है।

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प्रस्तावना (विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध Essay on Annual Function of School in Hindi)

शिक्षा किसी भी देश के विकास की आधारशिला होती है। बच्चों को शिक्षा देने का कार्य विद्यालयों से प्रारंभ किया जाता है, जिसके द्वारा विद्यार्थियों के मानसिक, शारीरिक तथा बौद्धिक स्तर पर विकास होता है।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव के लिए पूरे विद्यालय को बहुत शानदार तरीके से सजाया जाता है। इस दिन प्रधानाचार्य महोदय किसी विशेष व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करते हैं। सभी छात्र छात्राएं इस दिन के लिए बड़े उत्साहित होते हैं तथा कला प्रदर्शनी करने के लिए खूब मेहनत करते हैं 

सभी शिक्षा संस्थानों में बच्चों  के बौद्धिक विकास के लिए विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। पूरे वर्ष विभिन्न प्रकार के त्यौहार और महोत्सव की छुट्टियां पूरे देश में प्रदान की जाती है जिससे बच्चों को शिक्षा के अलावा अपनी संस्कृति और समाज को समझने का अवसर प्राप्त होता है।

स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस , बाल दिवस , शिक्षक दिवस और गुरु पूर्णिमा जैसे कई महोत्सव के दिन विद्यालय में विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं। इन प्रतियोगिताओं में सभी छात्र छात्राएं अपनी तरफ से विभिन्न कलाओं और खेलकूद का प्रदर्शन करते हैं।

 प्रत्येक वर्ष सभी विद्यालयों में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें विभिन्न प्रकार की कार्यक्रम का आयोजन होता है। 

वार्षिकोत्सव क्या है? What is Annual function in Hindi?

विद्यालय का वार्षिकोत्सव का दिन पूरे वर्ष में एक बार मनाया जाता है जिस कारण यह सभी विद्यालय के लिए बहुत खास दिन होता है। इस दिन सभी विद्यालयों में कई प्रकार के कार्यक्रम तथा स्पर्धाओं का आयोजन किया जाता है।

पूरे वर्ष में आयोजित की गई प्रतियोगिताओं में जीतने वाले छात्र- छात्राओं को इस दिन रंगमंच पर बुलाकर  विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है। इसके अलावा प्रधानाचार्य महोदय सभी विद्यार्थीयों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए अपना भाषण देते हैं।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव के दिन प्रधानाचार्य द्वारा सभी विद्यार्थियों को अच्छे अंक लाने के लिए इनाम की घोषणा की जाती है। यह दिन सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है जिसकी प्रतिक्षा वे पूरे वर्ष करते हैं।

वार्षिक उत्सव की तैयारी Preparation of The Annual function in Hindi 

विद्यालय का वार्षिकोत्सव की तैयारियां एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती हैं। इस समारोह के लिए विद्यालय के सामने विशाल तंबू अथवा मंडप लगाया जाता है जिसमें उत्सव में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों के बैठने के लिए सैकड़ों कुर्सियां की व्यवस्था की जाती है।

जिस स्थान पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है उसके बाहर एक विशाल प्रवेश द्वार बनाया जाता है जिसे रंग बिरंगे फूलों अन्य सजावटी चीजों से सजा दिया जाता है। इस प्रवेश द्वार पर सुंदर अक्षरों में “स्वागत” लिखा रहता है।

इस दिन विशेष रूप से पूरे विद्यालय की साफ सफाई की जाती है तथा विद्यार्थियों द्वारा ब्लैक बोर्ड और पूरे भवन को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया जाता है।

विद्यालय के वार्षिकोत्सव की तैयारी में शिक्षकों द्वारा कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं के नाम की सूची तैयार की जाती है। विद्यार्थियों की देखरेख तथा अन्य कार्यों के लिए शिक्षकों को कार्यभार सौंपा जाता है।

इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के नाटक, चित्रकला, कविता, रंगोली, नृत्य, संगीत कला, कराटे और विभिन्न  तरह के खेल विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं।

वार्षिक उत्सव का कार्यक्रम Annual function program in Hindi

विद्यालय का वार्षिकोत्सव के सबसे मुख्य सदस्य प्रधानाचार्य महोदय होते हैं जो इस पूरे कार्यक्रम के लिए बजट तैयार करते हैं।

कार्यक्रम शुरू होने से पहले सभी छात्र छात्राएं रंग बिरंगे सुंदर वस्त्रों से सज्जित होकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते हैं। सभी शिक्षक भी इस दिन नए और सुंदर वस्त्रों में दिखाई देते हैं।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम शुरू होने के बाद सभी विद्यार्थी अनुशासित होकर अपनी-अपनी स्थान पर बैठ जाते हैं।  प्रधानाचार्य महोदय अपने भाषण से वार्षिकोत्सव के कार्यक्रम का प्रारंभ करते हैं।

अपने भाषण में विद्यालय के निर्माण समय से लेकर आज तक के सफर को विद्यार्थियों को बताते हैं, जिसमें  वे पूरे विद्यालय में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की भी चर्चा करते हैं।

इसके बाद कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती पूजा करने के बाद हो जाता है। कार्यक्रम का मंच लाउडस्पीकर तथा रंग-बिरंगे बल्बों के प्रकाश के कारण और भी अद्भुत दिखाई देता है।

सर्वप्रथम विद्यार्थियों द्वारा व्यायाम और खेलकूद आदि प्रस्तुत किए जाते हैं, इसके बाद बच्चों द्वारा विभिन्न प्रकार के नाट्य कला प्रस्तुत किए जाते हैं। विद्यार्थियों के अच्छे प्रदर्शनी के कारण पूरा रंगमंच तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता है। 

विद्यार्थी सुंदर पोशाकों से सुसज्जित होकर नाटक द्वारा सभी का मन मोह लेते हैं। इसके बाद तैयार की गई सूची के अनुसार सभी बच्चे संगीत कला, कविता, नृत्य कला आदि की प्रदर्शनी करते हैं।

प्रधानाचार्य के बाद सभी शिक्षक गण भी अपनी- अपनी तरफ से कुछ कविताएं या भाषण प्रस्तुत करते हैं, जिसके बाद प्रतियोगिताओं में विजेता होने वाले विद्यार्थियों के लिए पुरस्कार वितरण पर प्रकाश डाला जाता है।

वार्षिकोत्सव पर मुख्य अतिथि Chief Guest of Annual function of School in Hindi

वार्षिक उत्सव का कार्यक्रम पूरे वर्ष में केवल एक बार मनाया जाता है जिसमें प्रधानाचार्य द्वारा किसी मुख्य अतिथि को कार्यक्रम का आनंद उठाने के लिए आमंत्रित किया जाता है।

आमंत्रित किए गए अतिथि पूरे शहर में एक जाने-माने व्यक्ति होते हैं जिनकी उपस्थिति में सभी विद्यार्थी अपनी अपनी तरफ से विभिन्न प्रकार की कलाओं का प्रदर्शन करते हैं।

कार्यक्रम आरंभ होने से पहले अतिथि महोदय अपनी तरफ से विद्यालय तथा प्रधानाचार्य महोदय के लिए कुछ विशेष बातें कहते हैं जिसके बाद से कार्यक्रम का आरंभ होता है।

भवन के प्रवेश द्वार पर सुंदर अक्षरों में  मुख्य अतिथि का नाम भी लिखा जाता है। वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम समाप्त होने पर विजेता हुए छात्र छात्राओं के नाम की सूची तैयार की जाती है।

मुख्य अतिथि द्वारा सभी विजेता विद्यार्थियों को रंग मंच पर बुलाकर सम्मानित किया जाता है तथा अन्य विद्यार्थियों के लिए परीक्षा में अच्छे से अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है।

अंत में सभी छात्र छात्राओं को विद्यालय की तरफ से मिठाइयां और चॉकलेट्स भेंट में दी जाती हैं, जिसके बाद सभी विद्यार्थी अपने अपने घर चले जाते हैं। 

विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर 10 लाइन Best 10 Lines on Annual function of the School in Hindi

  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव का कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष सभी विद्यालयों में आयोजित किया जाता है।
  • प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सभी विद्यार्थी कई हफ्ते पहले से ही प्रदर्शनी का अभ्यास करना शुरू करते हैं।
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव के दिन पूरे विद्यालय में साफ सफाई की जाती है और सभी कमरों को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजा दिया जाता है
  • प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों की सूची शिक्षकों द्वारा तैयार की जाती है।
  • कार्यक्रम के लिए विद्यालय के बाहर एक विशाल मंडप लगाया जाता है, जिसमें सभी विद्यार्थी तथा अन्य दर्शकों के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं की जाती हैं।
  • शहर के प्रसिद्ध व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है।
  • कार्यक्रम मंडल के बाहर एक बड़ा प्रवेश द्वार बनाया जाता है जिसमें सुंदर अक्षरों में स्वागत लिखा जाता है।
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव में संगीत कला, नृत्य कला, कविता तथा शायरी प्रदर्शन, चित्रकला, व्यायाम , भाषण तथा विभिन्न प्रकार के खेलो की प्रदर्शनी की जाती है।
  • कार्यक्रम का आरंभ प्रधानाचार्य महोदय के भाषण से  शुरू होता है।
  • प्रतियोगिता में जीतने वाले सभी छात्र छात्राओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।

इस लेख में आपने विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध (Essay on Annual function of School in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको पसंद आया हो। अगर यह निबंध आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरुर करें। 

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विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध | Essay On School Annual Day Function In Hindi

प्रिय दोस्तों Essay On School Annual Day Function In Hindi के इस आर्टिकल में हम विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध जानेगे.

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों को विद्यालय के वार्षिकोत्सव का निबंध भाषण आदि लिखने को कहा जाए तो आप हमारें  इस निबंध का उपयोग कर सकते हैं.

Essay On School Annual Day Function In Hindi

विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध | Essay On School Annual Day Function In Hindi

Varshik Utsav Essay In Hindi:  हरेक विद्यालय में आयोजित उत्सवों में स्कूल का वार्षिकोत्सव भी एक अहम इवेंट हैं, 

annual function साल के आखिरी दिनों में आयोजित किया जाता हैं. यह भावुक पल होते हैं जब सत्र भर साथ रहने वाले शिक्षक शिक्षार्थी आगामी सत्र का मध्यांतर लेते हैं.

अक्सर बच्चों को विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध याद कराया जाता हैं, परिक्षा के नजरिये से भी annual function एस्से काफी एहम टॉपिक हैं. यहाँ आपकों वार्षिकोत्सव पर सरल भाषा में हिंदी निबंध व भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं,

जिन्हें कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में एनुअल फंक्शन एस्से के रूप में इसे कही भी प्रस्तुत कर सकते हैं.

Varshik Utsav Essay In Hindi | विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध

विद्यालयों में वर्षभर विभिन्न प्रतियोगिताएं चलती रहती हैं. इन प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को पुरस्कार प्रदान करने एवं छात्र छात्राओं में सामाजिकता के गुणों का विकास करने के उद्देश्य से विद्यालय में वार्षिक उत्सवों का आयोजन किया जाता हैं.

उत्सव की तैयारियाँ

10 जनवरी को प्रार्थना सभा में प्रधानाध्यापक जी ने घोषणा की कि वार्षिक उत्सव 23 जनवरी को मनाया जाएगा. छात्र छात्राओं में तालियाँ बजाकर इस घोषणा का स्वागत किया.

इसी दिन प्रधानाध्यापक जी के कक्ष में एक बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी शिक्षक शिक्षिकाओं के अतिरिक्त कुछ छात्र छात्राओं को भी वार्षिक उत्सव सम्बन्धी कुछ न कुछ कार्य सौपे गये.

विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के निदेशक शिक्षक शिक्षिकाओं ने छात्र छात्राओं का चयन करके उनकी तैयारी प्रारम्भ करवा दी.

समूह नृत्य, समूह गान, सरस्वती वंदना, कव्वाली, नाटक, संस्कृत नाटिका, विचित्र वेशभूषा आदि कार्यक्रमों के लिए छात्रों ने तैयारी की. विद्यालय प्रांगण में ही भव्य पंडाल लगाया गया तथा मंच बनाया गया, उत्सव का समय सायं चार बजे रखा गया.

वार्षिकोत्सव का आयोजन

मुख्य अतिथि जिलाधीश महोदय थे. ठीक चार बजकर पन्द्रह मिनट पर मुख्य अतिथि का आगमन हुआ. सबसे पहले मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम के शुभारम्भ की घोषणा की. तत्पश्चात छात्र छात्राओं ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये.

समूह नृत्य, कव्वाली एवं नाटक को दर्शकों ने बहुत पसंद किया. विचित्र वेशभूषा के कार्यक्रम ने तो दर्शकों को इतना प्रभावित किया कि वे बहुत देर तक तालियाँ बजाते रहे. प्रधानाध्यापक जी ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी.

इसके बाद मुख्य अतिथि महोदय ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया तथा संक्षिप्त भाषण भी दिया. कार्यक्रम का संचालन कक्षा आठ के छात्र राजेश ने किया. कार्यक्रम का समापन राजस्थान प्रसिद्ध लोकनृत्य घूमर से हुआ.

सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र छात्राओं कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्न थे. सभी ने एक दूसरे को बधाई दी, उत्सव में सभी का पूरा सहयोग रहा.

vidyalaya ka varshik utsav essay in hindi

विद्यालय और सहगामी प्रवृत्तियाँ

विद्यालय सरस्वती का ऐसा मन्दिर हैं जिसमें बालकों का बौद्धिक, मानसिक एवं शारीरिक विकास किया जाता हैं.

इसलिए पूरे शिक्षा सत्र छात्रों को केवल पुस्तकें पढ़ने में ही नहीं बल्कि उन्हें समय समय पर ऐसी अन्य प्रवृत्तियों में भी लगाए रखना विद्यार्थियों के लिए जरुरी हैं.

जिनसे मन तरोताजा रहे और छात्रों की अध्ययन में अभिरुचि बढ़े. स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन में प्रतिभा का प्रसार होता हैं.

इस तथ्य पर विचारकर विद्यालयों में पाठ्यक्रम के साथ साथ अन्य सहगामी प्रवृत्तियों का संचालन किया जाता हैं.

वार्षिकोत्सव का महत्व

विद्यालयों में अनेक प्रकार के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. कभी अंत कक्षा प्रतियोगिता होती हैं तो कभी वाद विवाद श्लोक या कविता पाठ या अंत्याक्षरी होती हैं,

कभी विविध खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, तो कभी सामाजिक उत्पादकता कार्य एवं समाज सेवा के शिविर लगते हैं. उन सब शैक्षिक कार्यों का विवरण वार्षिकोत्सव पर ही समग्र रूप से सामने आता हैं.

इस दृष्टि से विद्यालय के वार्षिकोत्सव का विशेष महत्व हैं. प्रायः सभी विद्यालय इस महत्व को अच्छी तरह जानते हैं.

इसलिए वे इसका आयोजन विशाल स्तर पर प्रतिवर्ष करते हैं तथा इससे अन्य विद्यालयों की अपेक्षा स्वयं को श्रेष्ठ बतलाते हैं. इससे न केवल छात्रों में अपितु अभिभावकों में भी आकर्षण बढ़ता हैं.

विविध कार्यक्रम

हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता हैं. इसके एक सप्ताह  पूर्व  से  ही विद्यालय की सफाई की जाती हैं. और खेल के मैदान को ठीक करके उसमें एक कोने पर बड़ा सा पांडाल बनाया जाता हैं.

उसमें एक ओर ऊँचा मंच बनाया जाता हैं. तथा सामने अतिथियों दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था की जाती हैं.

मंच पर लाउडस्पीकर तथा लाइट की व्यवस्था की जाती हैं. हमारे विद्यालय के वार्षिकोत्सव में प्रतिवर्ष राज्य का कोई मंत्री मुख्य अतिथि होता हैं. इस बार खेल मंत्री जी हमारे मुख्य अतिथि थे.

लगभग अपराह्न तीन बजे वार्षिकोत्सव का आरम्भ सरस्वती वंदना से हुआ. इसके पश्चात स्वागत गान सुमधुर लय ताल से छात्रों ने प्रस्तुत किया. फिर प्रधानाचार्य जी ने अध्यक्ष और मुख्य अतिथि को मालाएं पहनाकर स्वागत किया.

हिंदी के विरिष्ठ अध्यापकजी ने अभिनन्दन पत्र पढ़ा. तत्पश्चात पहले छात्रों ने खेलकूद, व्यायाम, ड्रिल, मलखम्भ का फाइनल प्रदर्शन किया गया. फिर मंच पर एक लघु एकांकी प्रस्तुत किया गया तथा आदिवासी नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ति के गीत गाये गये.

विविध कार्यक्रमों के प्रदर्शन के बाद प्रधानाचार्यजी ने विद्यालय का वार्षिक प्रगति विवरण पढ़कर सुनाया तथा विद्यालय के समुचित विकास की भावी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला.

पुरस्कार वितरण

प्रगति विवरण के पश्चात माननीय मुख्य अतिथि महोदय खेलमंत्री का भाषण हुआ, उन्होंने सारगर्भित भाषण में विद्यार्थियों को कर्तव्य पालन एवं चरित्र निर्माण की प्रेरणा देते हुए श्रेष्ठ नागरिक बनने का संकल्प लेने को कहा.

विद्यालय की प्रगति से वे काफी प्रसन्न हुए, इस कारण उन्होंने समय समय पर आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन भी दिया. भाषण के पश्चात पुरस्कार वितरण कार्यक्रम हुआ.

इसमें मुख्य अतिथि महोदय के कर कमलों से विविध क्रीडाओं अन्तः कक्षा प्रतियोगिताओं, वाद विवाद, अंत्याक्षरी, कविता पाठ आदि में प्रथम व द्वितीय स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया.

इस अवसर पर छात्रों ने काफी प्रसन्नता व्यक्त की तथा पुरस्कृत छात्रों को बधाई भी दी, पुरस्कार वितरण के बाद प्रधानाचार्यजी ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा वार्षिकोत्सव के समापन की घोषणा की.

विद्यालयों में वार्षिकोत्सव मनाना छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी रहता हैं. इस तरह के उत्सवों का आयोजन कराने ससे उनमें परस्पर प्रेमभाव बढ़ता हैं, संगठन की भावना आती हैं. और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अभिरुचि बढ़ती हैं. इससे छात्रों में उत्साह का संचार होता हैं.

विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उत्सवों का विशेष महत्व होता हैं, किन्तु छात्र जीवन में उत्सव बनाने के मौके कम मिलने के कारण छात्रों के लिए इसका महत्व बढ़ जाता हैं. छात्रों के लिए विद्यालय ही उनका परिवार होता हैं.

उनका अधिकाँश समय विद्यालय प्रांगण में ही व्यतीत होता हैं. इसलिए विद्यालय के हर उत्सव को वे अपना उत्सव समझते हुए उसे पूरा धूमधाम के साथ मनाते हैं. मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस एवं गांधी जयंती उत्सव के रूप में मनाएं जाते हैं.

साथ ही विद्यालय के वार्षिक समारोह को भी इसी रूप में मनाया जाता हैं. यदि मैं विद्यालय के वार्षिक समारोह को विद्यालय के सर्वश्रेष्ट उत्सव की संज्ञा दू तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.

मेरे विद्यालय में हर वर्ष अप्रैल माह में वार्षिक समारोह मनाया जाता हैं, जब छात्र अपनी वार्षिक परीक्षा दे चुके होते हैं.

तथा उन्हें अपने परीक्षाफल की आतुरता से प्रतीक्षा होती हैं. शिक्षकों के पास भी कोई विशेष कार्य नहीं होता हैं. बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए विदाई का समय होता हैं.

इस तरह न ही छात्रों में अध्ययन का एवं न ही शिक्षकों में अध्यापन का तनाव रहता हैं. सभी तनाव मुक्त होते हैं. छात्रों को नई कक्षा में जाने का उत्साह होता हैं. इन्ही कारणों से यह समय वार्षिक समारोह के लिए सबसे उपयुक्त होता हैं.

इस वर्ष 5 अप्रैल को मेरे विद्यालय का वार्षिक समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह में विद्यालय के एक हजार छात्रों सहित उनके माता पिता एवं अभिभावकों को भी आमंत्रित किया गया था.

क्षेत्र के कुछ गणमान्य व्यक्तियों को भी इस समारोह में विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था. इस तरह इस समारोह में लगभग दो हजार व्यक्तियों ने भाग लिया.

समारोह को भव्य बनाने के लिए विद्यालय को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था. विद्यालय प्रांगण के मध्य में स्थित मैदान में एक आकर्षक मंच का निर्माण किया गया था.

विद्यालय के उच्च कक्षा के कुछ छात्र उत्साह के साथ अतिथियों का स्वागत कर उन्हें उनके सही स्थान तक पहुंचा रहे थे.

समारोह में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पहले से ही तैयार कर ली गयी थी. इसके अनुसार समारोह का शुभारम्भ 11 बजे होना था. मुख्य अतिथि साढ़े दस बजे के करीब पहुंच गये और इसके साथ ही समारोह को शुरू करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई.

हर वर्ष समारोह का शुभारम्भ करने के लिए क्षेत्र के ऐसे गणमान्य व्यक्ति को बुलाया जाता हैं, जिनसे छात्र भी प्रेरित हों. इस वर्ष स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा जिलाधिकारी श्री विनोद कुमार विद्रोही को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था.

श्रीविनोद कुमार एक कर्मठ, ईमानदार एवं सह्रदय व्यक्ति हैं. वे क्षेत्र की समस्याओं का समुचित हल निकालने का हर सम्भव प्रयास करते हैं. वे क्षेत्र में अपनी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रसिद्ध हैं.

ग्यारह बजते ही जिलाधिकारी श्री विनोद कुमार ने समारोह का शुभारम्भ ने समारोह दीप प्रज्वलित कर किया. इसके बाद कुछ छात्राओं ने मंच पर पहुंचकर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला द्वारा रचित सरस्वती वन्दना वर दे वीणा वादिनी वर दे को मधुर स्वर में गाया. इस वन्दना के समाप्त होने के बाद प्रधानाचार्य ने समारोह में भाग लेने आए सभी लोगों का स्वागत किया.

समारोह के शुभारम्भ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्य अतिथि को भाषण देने के लिए बुलाया गया. अपने भाषण द्वारा उन्होंने छात्रों को मानवता के गुणों का महत्व बताते हुए जीवन मूल्यों की शिक्षा दी, उनका भाषण समाप्त होने के बाद प्रधानाचार्य ने भी अपना भाषण दिया.

मुख्य अतिथि एवं प्रधानाचार्य के भाषण के बाद छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा सभी का मन मोह लिया, समारोह को उपयोगी बनाने के उद्देश्य से इस दिन भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता एवं वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था.

भाषण प्रतियोगिता में विभिन्न कक्षाओं के छात्रों द्वारा प्रस्तुत भाषण जोश एवं ओज से भरपूर थे. भाषण प्रतियोगिता के बाद वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया वाद विवाद प्रतियोगिता का मुख्य प्रश्न भारत के लिए शहरीकरण आवश्यक हैं या आधुनिकीकरण.

निबंध लेखन प्रतियोगिता में भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति, सरकारी कार्यालयों में फैला भ्रष्टाचार एवं भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता विषय पर निबंध लिखना था. चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतियोगियों के चित्र बनाने के लिए तीन विषय वस्तु दी गई थी. ग्रामीण परि द्रश्य, भारतीय परम्परा एवं रेलवे प्लेटफार्म.

समारोह की सभी प्रतियोगिताओं के समापन के बाद प्रधानाचार्य ने विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट के द्वारा उन्होंने पिछले वर्ष की विभिन्न गतिविधियों का संक्षेप में वर्णन किया  तथा  विद्यालय की उपलब्धियों से सभी को  अवगत कराया.

उन्होंने बोर्ड की परीक्षा में उतीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को उनके अच्छे भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए  विदाई  की प्रक्रिया पूरी की.

इसके बाद पुरस्कार वितरण का कार्य शुरू हुआ. पुरस्कार वितरण के लिए मुख्य अतिथि को पुनः मंच पर आमंत्रित किया गया, मुख्य अतिथि ने अपने हाथों से पिछले वर्ष पढ़ाई खेलकूद अन्य क्षेत्रों में विशेष उपलब्धि अर्जित करने वाले छात्रों को पुरस्कार दिए.

पुरस्कार वितरण के बाद उस दिन आयोजित प्रतियोगिता का परिणाम भी घोषित किया गया. भाषण प्रतियोगिता में नौवीं कक्षा के राकेश ने प्रथम स्थान, दसवीं के हेमंत ने द्वितीय स्थान एवं आठवीं कक्षा के सुमित ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. वाद विवाद प्रतियोगिता में नौवीं कक्षा के राकेश ने ही प्रथम स्थान प्राप्त किया.

इसके अतिरिक्त आठवीं कक्षा के विकास ने इसमें द्वितीय तथा सातवीं कक्षा के सुरन्जय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. चित्र कला प्रतियोगिता में आठवीं कक्षा की दिव्या ने प्रथम, सातवीं कक्षा की मोना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.

निबंध लेखन प्रतियोगिता में ग्यारहवीं कक्षा के राजीव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. उसने भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बहुत ही अच्छा निबंध लिखा था.

इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया. इसके अतिरिक्त इन प्रतियोगिताओं में चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को सांत्वना पुरस्कार दिए गये. पुरस्कार वितरण के बाद समारोह समापन की घोषणा हुई.

प्रधानाचार्य महोदय ने पुनः समारोह में भाग लेने वाले छात्रों के माता पिता एवं अभिभावकों तथा क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों को धन्यवाद् देकर आभार प्रकट किया. इस प्रकार इस वर्ष का यह वार्षिक समारोह सही अर्थों में एक सफल आयोजन एवं उपयोगी उत्सव सिद्ध हुआ.

Annual Function Essay In Hindi And English Language | वार्षिकोत्सव पर निबंध

नमस्कार दोस्तों, Annual Function Essay In Hindi And English Language वार्षिकोत्सव पर निबंध लेख में आपका स्वागत हैं.

आज का सरल निबंध हिंदी और अंग्रेजी में विद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम पर दिया गया हैं. छोटी कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए यह निबंध उपयोगी साबित हो सकता हैं.

Annual Function Essay In Hindi And English Language

Annual Function Essay In Hindi In this Paragraph Written about   Annual Function Essays  for school and College. this prize distribution function essay in Hindi and English.

class 5, 8, 10 and 12th students can use this short essay for Annual Function speech. every year this was celebrated in ending the season like an Important festival.

hindi readers use this varshik Utsav nibandh  for student, teachers and principal speech on annual day function

हमारे विद्यालय का वर्षिकोत्सव पर निबन्ध Essay on Annual function of Our School English

Pize distribution function is always the most important event in a school. it is celebrated with great pomp and show.

parents of the students are also invited. prizes are distributed to the brilliant students and sportsmen.

on this day all the classroom are thoroughly cleaned and beautifully decorated. blackboards are polished.

this year the prize distribution function was held on 26th February. the collector was the chief guest. the whole of the school building was whitewashed.

charts and photos were hung on the walls. the whole building looked like new one. the stage was tastefully decorated.

the Annual Function was to start 5 p.m. the chief guest arrived at exact 5 p.m. the chief guest was warmly received at the gate of our school.

the scouts of our school gave a guard of honor while the school band played music. when the guest looks seat, he was profusely garlanded. all the spectators cheered.

Annual Function started with Saraswati Vandana. then the musical programme started. there were songs, kabbali, gazal, and speeches. there was a short play also.

then the principal read out the annual progress report of our school. after this, the chief guest gave away prizes to the students. he delivered a short but impressive speech.

he advised to students to be good citizens, he advice them to cultivate discipline and regularity. according to him, the good habit does not come as rain from heaven, they are to be created, developed and nustered.

he congratulated the prize winners and the authorities of the school for the results shown by the school.

then the principal thanked the chief guest and the Annual Function was over. the national anthem was sung at the end. he declared the next day holiday.

the Annual Function was a great success. the memory of this function has remained evergreen in my mind. we come back to our houses singing, laughing and talking.

Annual Function Essay In Hindi वार्षिकोत्सव पर निबंध इन हिंदी

पुरस्कार वितरण समारोह (मेरे विद्यालय का वार्षिकोत्सव) हर साल विद्यालय में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इस वर्ष वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनाया गया।

विद्यार्थियों के माता-पिता को भी इसके लिए आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर सालभर खेल व शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया था.

इस दिन सभी कक्षाएं पूरी तरह से साफ और खूबसूरती से सजाई गई थी, ब्लैकबोर्ड पर भी पॉलिश की गई थी।

इस साल पुरस्कार वितरण समारोह/विद्यालय का वार्षिकोत्सव 26 फरवरी को आयोजित किया गया था। जिला कलेक्टर मुख्य अतिथि थे।

पूरे विद्यालय परिसर भवन को रंग रोगन कर दुल्हन की तरह सजाया गया। दीवारों पर फोटो और तस्वीरें लटकाने से इसकी रौनक कई गुना बढ़ गई, इस तरह से विद्यालय परिसर बिलकुल बदला बदला सा लग रहा था. कार्यक्रम आयोजन के मंच को भी अच्छी तरह से सजाया गया.

तय समय के अनुसार यह वार्षिक समारोह 5 बजे शुरू किया गया। मुख्य अतिथि ठीक 5 पहुचे. इनके आते ही हमारे प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि का स्कूल के द्वार पर गर्मजोशी से स्वागत किया।

स्कूल के बैंड ने संगीत बजाते हुए स्कूल के स्काउट्स ने उन्हें गार्ड ऑफ ओनर दिया। मुख्य अतिथि महोदय के द्वारा अपना स्थान ग्रहण करने के साथ ही विद्यालय का वार्षिकोत्सव विधिवत रूप से आरम्भ हुआ.

सरस्वती वंदना के साथ विद्यालय का वार्षिकोत्सव शुरू हुआ। फिर संगीत कार्यक्रम शुरू हुआ। वहां गाने, कबाली, गज़ल और भाषण कई विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये। इस दौरान एक छोटा सांस्कृतिक नाटक भी प्रस्तुत किया गया ।

प्रिंसिपल महोदय ने विद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के वाचन से सभी को सालभर के प्रदर्शन से अवगत करवाया । इसके बाद, मुख्य अतिथि ने छात्रों को पुरस्कार दिए। उन्होंने एक छोटा लेकिन प्रभावशाली भाषण दिया।

उन्होंने छात्रों को अच्छे नागरिक होने की सलाह दी, उन्होंने सलाह दी कि वे अनुशासन और नियमितता के गुणों को अपने जीवन में उतारे। उनके अनुसार, अच्छी आदत स्वर्ग से बारिश के रूप में नहीं आती है, वे विकसित, की जाती है, तथा उन पर कठोरता से चलना पड़ता है।

उन्होंने विद्यालय द्वारा दिए गए परिणामों के लिए पुरस्कार विजेताओं और स्कूल के अधिकारियों को बधाई दी।

विद्यालय का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि का धन्यवाद किया और इस तरह वार्षिक समारोह की समाप्ति की घोषणा की गई । अंत में राष्ट्रीय गान गाया गया।

प्रधानाचार्य ने  अगले दिन छुट्टी की घोषणा की। इस तरह वार्षिक समारोह सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ । इस समारोह की याददाश्त मेरे दिमाग में सदाबहार

  • सड़क दुर्घटना पर निबंध
  • मेरी दिनचर्या पर निबंध
  • मेरा विद्यालय पर निबंध

आशा करता हूँ फ्रेड्स Essay On School Annual Day Function In Hindi  Language  का हिंदी में दिया गया यह निबंध आपकों अच्छा लगा होगा,

यदि आपकों हमारे द्वारा उपर दिया गया विद्यालय का वार्षिक समारोह पर निबंध शीर्षक का लेख अच्छा लगा हो तो प्लीज इसे अपने फ्रेड्स के साथ जरुर शेयर करे. hihindi.com के अन्य लेख नीचे दिए गये हैं.

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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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CBSE Class 10 Hindi board exam 2024: Check full question paper here

Check out the full question paper for the cbse class 10 hindi board exam 2024 here..

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CBSE Class 10 Hindi board exam 2024 full question paper

The Central Board of Secondary Education (CBSE) has successfully conducted the CBSE Class 10 Hindi board exam today, February 21, 2024. As per the initial reactions, students found the paper was moderate in terms of difficulty level. The paper was held for three hours, and students were given another 15 minutes to go through it.

"The paper was slightly lengthy. The questions weren't anything that hadn't been practised in class before. The grammar section was moderate and the topics that had come for the writing section weren't anything too different from those in the sample papers" said Saanvi Singh, a Class 10 student from Seth Anandram Jaipuria School, Lucknow.

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Computer grading is here for STAAR essays. Should Fort Worth school leaders worry?

H aving just adapted to a newly reformatted state test, school leaders across Texas are now looking at a new change in how their students are assessed: computer-based scoring.

The Texas Education Agency rolled out the new “automated scoring engine,” a computer-based grading system, in December, the Dallas Morning News reported . Following the change, about three-quarters of all essay questions will be scored by a computer program rather than human scorers.

School district leaders in the Fort Worth area say it’s too soon for them to tell whether the new grading system is a cause for concern. But some say they need more information about the new system.

“I think anytime a computer program is going to take on grading of something of this magnitude, I think it is concerning,” said Jennifer Price, chief academic officer for the Keller Independent School District .

Automated scoring comes amid STAAR reformat

The new scoring engine comes amid broader changes to the state test. Last year, the Texas Education Agency rolled out a newly revamped STAAR exam that includes more writing prompts and fewer multiple choice questions than previous versions. State education officials say the new test is designed to more closely mirror instruction students get in the classroom.

But open-ended responses like essays also take longer to score than multiple choice questions. TEA officials said using computer-based scoring in combination with human scorers allows the agency to score tests and get results back to districts more quickly and cheaply.

Chris Rozunik, director of the agency’s student assessment division, said the computer program scores exams based on the same rubric that human graders use. The agency is also using human-scored sample papers to train the engine on what to look for in students’ responses, she said.

Rozunik said the new engine isn’t an AI system with broad capabilities like ChatGPT , but rather a computer-based scoring system with narrow parameters. She noted the agency has used machine scoring for closed-ended questions like multiple choice prompts for years.

The agency is committed to having human scores evaluate 25% of all essays, she said. The essays graded by humans include those the computer program can’t make sense of, and also a certain number the agency randomly assigns to human scorers, she said.

The reasons the computer program might kick an essay to human graders are varied, Rozunik said. If a student enters a series of random letters instead of an answer, the computer won’t understand how to evaluate it. But real answers, even good ones, can also baffle a computer program. If a student answers a question in a language other than English, the essay will end up being referred to a human, she said. Likewise, if a student gives an answer that is thoughtful and creative, but doesn’t come in a form the computer recognizes, their answer will go to a human, who will be better able to score it appropriately, she said.

“We do not penalize kids for unique thinking,” she said.

The agency is already facing a lawsuit brought by several school districts, including the Fort Worth and Crowley independent school districts , over the state’s A-F accountability system, which is primarily based on STAAR scores. Last October, a state district judge temporarily blocked the agency from releasing that year’s A-F scores .

Fort Worth school officials want more clarity on scoring change

Price, the Keller ISD administrator, said she’s worried about what guardrails are in place for the new automated system. State education officials say the exam is no longer a high-stakes test for students, since their performance doesn’t have any bearing on whether they go on to the next grade. But STAAR scores are still a high-stakes matter for school districts, since they’re the main factor in accountability ratings. Those scores can affect how parents perceive their school districts or campuses, ultimately influencing their decision about where to enroll their kids.

Given those stakes, Price doesn’t think state education officials have given districts enough information about how the new system works. The district has known the change was coming for about a year, she said, but TEA has given districts only limited details about what it would look like.

Melissa DeSimone, executive director of research, assessment and accountability for the Northwest Independent School District, said she doesn’t have enough data yet to know whether the new scoring system is a cause for concern. So far, TEA has only used the automated engines to score last December’s end-of-course exams. The district has gotten raw scores from that round of testing, she said, but hasn’t yet received students’ responses to test questions. Districts should get those responses sometime in late March, she said. At that point, the district can go through students’ answers and see if they were scored appropriately, she said.

If the district does find discrepancies between the scores that students received and the quality of their responses, officials can request that those tests be reevaluated by a human score, DeSimone said. The drawback is that those requests cost the district about $50 each if the scores come back the same, she said. The agency waives that fee if human scorers rate the response differently than the computer did.

District leaders have known that automated scoring was coming since the early part of last year, DeSimone said. The district didn’t adjust any of its test preparation because the automated scoring system is supposed to be based on the same rubric as human scoring, she said.

Fort Worth ISD officials weren’t available for an interview for this story. In an email, Melissa Kelly, the district’s associate superintendent of learning and leading, said there’s “a significant level of uncertainty” around how the new system will work.

So far, the district isn’t planning any major changes in response to the new scoring system, Kelly said. District leaders will stay focused on teaching Texas’ state-mandated standards and wait to see what results come out of the scoring change, she said.

Testing expert says automated scoring is growing

Kurt Geisinger, director of the Buros Center for Testing at the University of Nebraska–Lincoln, said the shift to automated grading shouldn’t be a big cause for concern for local school districts. Automated grading of essays is becoming more common across the country, he said, and for the most part, it’s been implemented without major problems.

A few years ago, Geisinger served as board chairman for the Graduate Review Examinations, an admissions test used for graduate schools across the country. At the time, the testing organization shifted to a hybrid AI-human grading model, where each test would be scored by both a computer and a human, he said. The organization found that the AI program did about as well as the human grader, he said.

Geisinger said one of the admissions exams in use across the country — he wouldn’t say which test — is graded at least in part using AI. The grading program analyzes essays based on about 40 different criteria, he said. But the three factors that end up being most critical to the final score are the length of the essay, the number of paragraphs and the average word length, he said. That means those tests aren’t so much measuring the quality of writing as a few factors that often correlate with good writing, he said.

Using those factors as a proxy for judging the quality of writing has some drawbacks, Geisinger said. If a test-taker uses longer words, it can be a sign of a larger vocabulary, he said. But the awkward use of big words makes for bad writing. If an AI system can’t tell whether the test-taker uses those words correctly, it may struggle to tell good writing from bad writing, he said.

Geisinger said some professors are also concerned about whether creativity in writing gets lost in the shift to AI grading, although he said he hasn’t seen any research to validate those concerns.

“I’ve heard English scholars say they wonder how someone like James Joyce would do on an AI-scored (test),” he said.

©2024 Fort Worth Star-Telegram. Visit star-telegram.com. Distributed by Tribune Content Agency, LLC.

The State of Texas Assessments of Academic Readiness, known as STAAR , are a series of state-mandated standardized tests used in Texas schools to assess a student’s achievements and knowledge.

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Black Student’s Suspension Over Hairstyle Didn’t Violate Law, Texas Judge Rules

The trial was the latest development in a case that has prompted scrutiny of education policies and race in the United States.

A portrait shows Darryl George wearing his hair in locs, or long ropelike strands of hair, that he pins on his head in a barrel roll. He has a diamond earing in his left ear.

By Christine Hauser and Patrick McGee

Patrick McGee reported from Anahuac, Texas.

A Texas judge ruled on Thursday that a school district’s dress code, which it used to suspend a Black student last year for refusing to change the way he wears his hair, did not violate a state law meant to prohibit race-based discrimination against people based on their hairstyle.

The student, Darryl George, 18, has locs, or long ropelike strands of hair, that he pins on his head in a barrel roll, a protective style that his mother said reflected Black culture. Since the start of his junior year last August, he has faced a series of disciplinary actions at Barbers Hill High School in Mont Belvieu, about 30 miles east of Houston, after refusing to cut his hair. He was separated from his classmates, given disciplinary notices, placed in in-school suspension and sent to an off-campus program.

The hearing on Thursday, in the 253rd Judicial District Court in Anahuac, was in response to a lawsuit filed in September by the Barbers Hill Independent School District. The lawsuit argued that Mr. George was “in violation of the District’s dress and grooming code” because he wears his hair “in braids and twists” at a length that extends “below the top of a T-shirt collar, below the eyebrows, and/or below the earlobes when let down.”

The district asked State District Judge Chap B. Cain III to clarify whether the dress code violated a state law called the Texas CROWN Act, as the defendants, Mr. George and his mother, Darresha George, assert. The act, which took effect on Sept. 1, says a school district policy “may not discriminate against a hair texture or protective hairstyle commonly or historically associated with race.” It does not specifically mention hair length.

“The CROWN Act does not render unlawful those portions of the Barbers Hill dress and grooming restrictions limiting male students’ hair length,” Judge Cain said.

“I am not going to tell you that this has been an easy decision to make,” the judge said. Addressing the family, he encouraged them to “go back to the Legislature or go back to the school board because the remedy you seek can be had from either of those bodies.”

Allie Booker, a lawyer for the Georges, said she would appeal the ruling and seek an injunction to prevent the district from punishing Mr. George pending the outcome of a federal civil rights lawsuit that he and his mother filed last year against the state’s governor and attorney general.

The Georges left without commenting to reporters, more than a dozen of whom had gathered at the courthouse. State Representative Jolanda Jones said she walked them to their car.

“When I accompanied Darryl and his mom to the car, I saw a child that was crying, and he was upset and he didn’t understand,” Ms. Jones, a Democrat, said in an interview. “His mother was visibly shaking.”

Dr. Greg Poole, the superintendent of the Barbers Hill Independent School District, said in an emailed statement that the ruling “validated our position” that the dress code does not violate the state law, which “does not give students unlimited self-expression.”

The trial was the latest development in a case that has prompted scrutiny of education policies and race in the United States. At least 24 states have adopted laws that make it illegal to discriminate against students or workers because of their hairstyle.

The case involving Mr. George began soon after officials at the school objected to his locs and told Ms. George that the length of her son’s hair, even though it was pinned, violated the district’s dress code. The district subjected him to punishments, including suspension, after he refused to cut it.

Ms. George and her son filed a federal civil rights lawsuit in U.S. District Court for the Southern District of Texas in September against Texas’ governor, Greg Abbott, who signed the law, and the state’s attorney general, Ken Paxton, saying they allowed the school to violate the act.

Their lawsuit is seeking a temporary order to stop Darryl’s suspension while the case moves through the federal court system, and accuses Mr. Abbott and Mr. Paxton of “purposely or recklessly” causing Ms. George and Darryl emotional distress by not intervening.

Supporters of the family, including legislators and activists, also said the measures violated the CROWN Act .

The family’s lawsuit said that Mr. George wears locs as an “expression of cultural pride” and claims that his protections under the federal Civil Rights Act are being violated because the dress code policy disproportionately affects Black male students.

In October, Mr. George was transferred to an off-campus disciplinary program. In December, he was allowed to return to his high school but then was given another in-school suspension , this time for 13 days.

In January, Mr. Poole, the superintendent, defended the policy in an advertisement published in The Houston Chronicle , saying that districts with dress codes are safer and have higher academic performance, and that “being an American requires conformity.”

Kitty Bennett contributed research.

Christine Hauser is a reporter, covering national and foreign news. Her previous jobs in the newsroom include stints in Business covering financial markets and on the Metro desk in the police bureau. More about Christine Hauser

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